लखनऊ समाजवादी पार्टी द्वारा सहायक अध्यापक उर्दू के पदों पर निकाले गए विज्ञापन में सामान्य बीटीसी को शामिल करने के फैसले पर उर्दू डिग्री धारकों ने नाराजगी जताई है। सोमवार को उर्दू डिग्री धारकों ने मोअल्लिम-ए-उर्दू एसोसिएशन के बैनर तले विधान भवन के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हेसामुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी द्वारा अब तक आश्वासन दिया जाता रहा है कि सभी मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धाकरों की भर्ती बगैर टीईटी के कराई जाएगी। मगर, मौजूदा वक्त में लगभग पांच हजार मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारक टीईटी उत्तीर्ण कर चुके हैं और 4 हजार 280 को उर्दू अध्यापक पद पर तैनात किया जा चुका है। अब इन पदों पर सामान्य बीटीसी प्रशिक्षकों को शामिल करके मोअल्लिमानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है
News Sabhaar : Amar Ujala (10.9.13)
Puspak exp. Aa gyi hm log aa gaye ab kya karna hai
ReplyDeleteSabhi log aaj land chato....hahaha...
ReplyDeleteUpper. Primary gunank 66.5 (gen) Kya chance hai
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ReplyDeleteUPTET & Appointment as Primary Teachers
ReplyDeleteNeha Gupta > UPTET & Appointment as Primary Teachers
Breaking news
चारबाग में करीब 8000 आन्दोलनकारी पहुँच चुके है, 10000 और लोगो के पहुचने की सम्भावना है | Aap log jald se
jald pahuche. Aaj ka din hamare liye KARO YA MARO ka din h. Mai charbagh mein pahuch chuki
hu. Jyada se jyada log pahuche. JAY TET
2 hours ago
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Lalit Singh
app kaha se ho om prakash@
Like · 2 hours ago
Neha Gupta
Mai charbagh mein hu.
Like · 4 · 2 hours ago
Pinku Rathour
Abhi pahunch rahe hain
Like · 2 hours ago
Neha Gupta
plz iss post ko sabhi group mein copy pest kar de
Like · 1 · 2 hours ago
Lalit Singh
are naha kyu parshaan ho post kare na kare par itne log bhut hi@
Like · 2 hours ago
Lalit Singh
par yaar hi kaha par naha@
Like · 2 hours ago
Puneet Tiwari
you can call me 9415226460 RAHUL PANDEY
Like · 1 hour ago
Apoorva Gupta
Aj pitne ka din aya h TET walo ka...
Like · 26 minutes ago
Mohammad Shakeel
Saavdhan- Kutte log lknw ke sheron se darein
Like · 21 minutes ago
Alex Murari
neha ji aap 2hr se charbaag me ho kya aur pooch rahi ho charbag se kidhr jana hai.??
8000 k lgbg log h
ReplyDeleteUpdate dete raho
ReplyDeleteAap log itne graduate aur trained ho tab bhi itni gali galauj abhdr sabdon ka paryog karte ho.
ReplyDeleteSharm aane chahiye agar aise log aisa comment karte ho.
I am sure it shows only one thing that yours mind is polluted to the level of extremity that cant not be depolluted only hang to death is the complete solution for this problem and this kind of mind polluted people.
Kya position h
ReplyDeleteKiya 8000 log lucknow phunch gai hai to hum bhi pahuch rahe hai bhi.
ReplyDeleteKuwarpal bhai kyo majak kar rahe ho
ReplyDeleteAfreen Khan > UPTET & Appointment as Primary Teachers
ReplyDeleteSHAME SHAME SHAME ON US....
EK Mahine se zada ka ho hall 10 sep..ko lekr..
koi kehta mar jynge, koi kehta goli khynge to koi SP sarkar ko sabak sikhane ko tayar tha...
haaye pr afsos yahan sirf namardon ki fauj h...
pura andolan TAAYE TAAYE FISS..
Kahan gye bdi bdi btein krne wale?
frnds iska mtlb ye hua k jo gov chahegi wohi hoga.. hm log me koi dum nhi..
ab sb so jao Ram bhrose to achcha....!!
yahan mje bht ganda bolne wale h log. ye main janti pr unko bta du k jb tm ladke hokr ghr me
chudiyanpe
2 hours ago
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ReplyDeleteसात सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल जिसमें नवीन श्रीवास्तव,विजय सिंह तोमर,विवेकानन्द आर्या,उमा शंकर यादव व
ReplyDeleteविक्रम यादव व गणेश दीक्षित हैं, को शाम ४:३० पर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा के पास वार्ता हेतु बुलाया गया है ।
आशा है आप अपनी बात सचिव के समक्ष अच्छे से रखेगें व इस समस्या का हल निकल आयेगा ।
51 minutes ago
nnn
ReplyDeleteghar baith kar update de rahe ho
ReplyDeleteBasic shiksh sachiv ne tet mert se bhrti se mna kr diya... Ab aap is andoln ko safl kahege ya asafl.
ReplyDeletebtc 2013 ki cutoff kab lagegi. mene suna yha ki 11 sep ko ayegi. kya ye sahi h.
ReplyDeleteyaar bharti hone do chahe tet ho ya acd
ReplyDeletearun g sahi kaha .bharti jaruri h.time nikalta ja raha h, ye apas ki ladai me ulje hua h.
ReplyDeletearun g sahi kaha .bharti jaruri h.time nikalta ja raha h, ye apas ki ladai me ulje hua h.
ReplyDeleteraj bhai yeh jo tet or acd neta bne hue hai wo bs maje le rhe hai tet or acd walo se or chanda ikktha kr rhe hai or apni jeb grm kr rhe hai
ReplyDeletePrashant madarch...d ek hi c ko bar 2 post kr
ReplyDeleteNAMASKAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAR
ReplyDeleteGOOD MORRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRNING
SATSRI AKAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAL
BHAIYIYON hum bhi abhi 5:15 par aaye hain ,
waise to andolan me sabhi apne hi aaye the lekin hume apno me se apno ki talash thi,
any way hume itna pata tha ki hume pahunchna tha hum pahunche
problem bahut aayi lekin koi bhi problem uss problem se badi nahi dikhayi dee jiske wazah se hume bahaana milta ki...........
aap logon ko dekhkar hume to yahi lagta hai hum chootiya the aur aap sahi the . na kal so paaye na aaj 400/- bhi chale gaye aur naukari bhi nahi mili.hum to barbaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaad ho gaye bhaiyaaaaaa
ReplyDeleteकल 10 सितंबर के महा आंदोलन मे आप सब के जज्बे को सलाम । 5000 से भी अधिक संख्या मे कतारबद्ध व पूर्ण अनुशासित रहने के लिए के लिए हार्दिक धन्यवाद ।पुलिस और पी ए सी का कहना है आप लोग जब तक अनुशासित रहेंगे हम आपका पूरा सहयोग करेंगे । हमारे हाथ मे डंडा और कंधे पर राइफल हमारी बर्दी है उससे किसी भी अनुशासित आंदोलन कारी शिक्षक को डरने की आवश्यकता नही है । इसका प्रमाण बेलिँगटन चौराहे पर दिखा । जवानो द्वारा लाइन मे रहकर आगे बढ़ने का संदेश देने मात्र से पीछे लौट रहे डेढ़ हजार हमारे साथियों को जवानो द्वारा खुद आगे बढ़कर साथियो का साथ देकर अपनी आवाज मजबूती से उठाने का आग्रह करते हम सब ने देखा । मगर अफसोस कुछ ने जवानो के आग्रह को साजिश समझा और पीछे मुड़कर नही देखा । काश यह सब भी दारुलशफा पहुँचे होते ! आज प्रिँट व इलेक्ट्रानिक मीडिया ने अच्छा कवरेज कर हमारा पूरा साथ दिया। मेरा सभी योद्धाओं से आग्रह है कि वार्ता हेतु वह लोग आगे न बढ़े जिन्हे मामले की पूरी जानकारी न हो । वार्ता हेतु केवल वही लोग जाएँ जिन्हे मामले की पूर्ण तकनीकी जानकारी हो और जिनका चयन केवल टेट मैरिट से हो सकता है । मात्र फोटो खिचवाकर झूठी तसल्ली न स्वयं को और न जान पर खेल रहे अपने साथियों को दें । जब तक लिखित आश्वासन जिम्मेदार व्यक्ति से न मिले वार्ता सकारात्मक घोषित करने से बचे । जय जवान जय टेट मोर्चा ।
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ReplyDeleteकल के आंदोलन के बारे में कुछ गलतफहमियाँ दूर करना चाहता हूँ,,,,,,
ReplyDelete१- नौकरी तो हम कोर्ट से भी ले सकते थे लेकिन चूँकि तनख्वाह हमें सरकार से लेनी है इसलिए कल का आंदोलन जरूरी था..
२- यदि अखिलेश यादव ने अनशन के बाद हुई हमारे प्रतिनिधिमंडल से वार्ता में किये वादे को पूरा करते हुए टेट मेरिट से चयन को हरी झंडी दिखा दी होती तो सबके हित में होता,,हमारे भी और सरकार एवं एकैडमिक वालों के हित में भी,,, लोग कहते कि अखिलेश यादव में पुराने खूसट नेताओं की तरह राजनीतिक दुर्भावना नहीं है इसलिए.... अब तक हमारी भर्ती पूरी हो चुकी होती और आज एकैडमिक वाले अपने लिए पद निकालने के लिए आंदोलन कर रहे होते,
ReplyDelete३- अगर सरकार आज भी अपनी गलती मानने के लिए तैयार हो जाए तो सब कुछ पहले जैसा भले ही ना हो पाए लेकिन थोड़ी बहुत क्षतिपूर्ती तो हो ही सकती है ,,कम से कम महाविनाश से तो बचा ही जा सकता है जब सारी भर्तियाँ रोक दी जायेंगी,,,,हमें नौकरी देकर सरकार हमारे ऊपर एहसान नहीं करेगी बल्कि हम नौकरी स्वीकार करके सरकार के ऊपर एहसान करेंगे...
ReplyDelete४-अगर कोई पुलिस वाला लाठी चलाये तो उसका नाम नोट कर लेना,,,, हम सब मिलकर भगवान से प्रार्थना करेंगे कि उसकी वो हालत कर दो कि सारी जिंदगी एक ही दोहे पर अटका रहे.."गुरु गोविन्द दोउ खड़े मैं काकी खाऊं लात|बलिहारी गुरु आपने जो हमका फ़ुटबाल दियो बनाए ||,, महागुरुओं पर लाठी चलाने वाले के बच्चों को सारी उम्र अज्ञान के अन्धकार में बितानी पड़ेगी,,,,,
ReplyDelete५-जो लोग जूनियर का फ़ार्म भरने में व्यस्त होने के कारण आज के आंदोलन में नहीं आ रहे हैं उनकी जानकारी के लिए मैं यह बता देना चाहता हूँ कि बी.टी.सी और नए बी.एड. वालों के गुणांक आवश्यकता से थोड़े ज्यादा है,,,उन्हें बाहर कराने के लिए याचिका डाली जायेगी और जब तक उसका निस्तारण सर्वोच्च न्यायालय से नहीं हो जाता तब तक जूनियर की भर्ती का सपना देखने का कोई व्यक्ति दुस्साहस ना करे,,,इस मामले में विधिक महत्त्व का एक प्रश्न निहित है कि अगर किसी बी.टी.सी. वाले ने ने तीसरे सेमेस्टर या बी.एड वाले ने बिना परीक्षा फ़ार्म भरे ही अपने आपको APPERING मानते हुए टेट दे दिया था और सरकार ने उन्हें मार्कशीट देने में कोई आपत्ति नहीं कि तो क्या उनका टेट प्रमाणपत्र रद्द किया जा सकना विधिक होगा,,,, ये मामला दो साल से पहले निपटने नहीं दिया जाएगा,,,,, बाहरी राज्यों के उन बी.एड डिग्रीधारकों को भर्ती में भाग लेने का निमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है जिन्होंने CTET पास कर रखा है,,,
ReplyDeleteHa bhai aage badho hum sabhi tumhare sath hai
Deleteu r very right sir g.
Jo appearing me tet dekar paas kiye o to prb hai go ahead.
Thanks.
Reach to the supreme court is the only solution.
६- हमारी भारी संख्या में मौजूदगी मात्र ही सरकार को यह बताने के लिए पर्याप्त है कि हम इतने दबावों के बावजूद ना तो टूटे हैं है और ना ही झुकने को तैयार हैं,,,,, इसलिए हमें हराने का ख्याल अपने मन से निकाल देने में ही सरकार की भलाई है,,,
ReplyDelete७- इस मामले का निपटारा किसी सचिव स्तर के अधिकारी से वार्ता द्वारा नहीं हो सकता क्योंकि हम जो चीज लेने लखनऊ जा रहे हैं वो कैबिनेट एवं उसका मुखिया ही दे सकता है ,,,,मैंने अपनी जिम्मेदारी पर चार लोगों को नए विज्ञापन में फ़ार्म नहीं डालने दिया था,,चूँकि इस विवाद में लोगों के कपडे कम और निष्ठाएं ज्यादा बदली हैं इसलिए इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि हम किसी गलत व्यक्ति को वार्ता करने भेज दें और वो अंदर जाकर कह दे हुजूर आप जूनियर की भर्ती निपटाओ तब तक मैं टेट मेरिट वालों को अपनी गप्पों में उलझाए रखता हूँ उसके बाद तो एकैडमिक गिराकर 45 (सामान्य) तक आने की अफवाह फैला देंगे और सब खुशी-खुशी एकैडमिक से चयन को राजी हो जायेंगे,,,,,
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ReplyDeleteमित्रोँ,
ReplyDeleteहमारे टेट शेरोँ की अटूट मेहनत और साहस की बदौलत आन्दोलन सफल रहा,हमारे प्रतिनिधि मंडल की वार्ता बेसिक शिक्षा सचिव से हुई और सचिव ने 10 दिन बाद CM से बात करवाने का आश्वासन दिया है। अब इसी वजह से आन्दोलन को विराम दिया गया
13 सितंबर बनी उम्मीदों की तारीख इसी दिन आने वाला है
ReplyDeleteफैसला
जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : अदालती विवादों में उलझी प्राथमिक
शिक्षकों की नियुक्ति शायद अब सही पटरी पर आ जाए।
अभ्यर्थियों की उम्मीदें 13 सितंबर पर टिकी हैं। इस दिन अदालत
इस मामले में यह फैसला सुनाएगी कि भर्ती के लिए चयन
का आधार क्या हो। विवाद इस बात पर है कि टीईटी की मेरिट के
आधार पर चयन किया जाए या फिर शैक्षिक अर्हता को भी चयन
के मानकों में शामिल किया जाए।
सूबे में 72825 शिक्षकों की भर्ती शुरू से ही विवादों में
फंसी रही है। बसपा शासन में निकाले गए इस विज्ञापन में
कभी टीईटी परीक्षा को लेकर मामला उलझा रहा तो बाद में चयन
के मानकों का पेंच फंस गया। यहां तक कि मामला पूर्ण पीठ तक
गया और वहां से कुछ शंकाओं पर निर्देश हासिल करने के बाद
अब न्यायमूर्ति लक्ष्मीकांत महापात्र और अमित बी स्थालेकर
की खंडपीठ इस पर फैसला सुनाएगी। चूंकि मूल विवाद चयन के
लिए निर्धारित होने वाले मानकों को लेकर है, इसलिए
अभ्यर्थी बेचैन हैं। विशेष रूप से वे अभ्यर्थी जिन्होंने
टीईटी को मेरिट का आधार बनाए जाने के बाद
अपनी नियुक्ति को निश्चित सा मान लिया था। इसके लिए
बसपा सरकार में नियमों में फेरबदल भी किए गए थे।
हालांकि अभ्यर्थियों का एक और समूह टीईटी के अंकों के साथ
ही शैक्षिक अर्हता के अंकों को भी शामिल किए जाने का पक्षधर
है। हालांकि हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर बहुत कुछ सरकार के
रुख पर भी निर्भर करेगा कि वह भर्ती को लेकर
कितनी सक्रियता दिखाती है।
एक विवाद आयुसीमा को लेकर भी खड़ा होने की संभावना है।
अभ्यर्थियों में कई उर्दू शिक्षकों और मोअल्लिम
वालों को आयुसीमा में मिली छूट के आधार पर इस भर्ती के लिए
भी आयुसीमा बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। उनके अनुसार सरकार
बदलने के बाद इन नियुक्तियों के लिए फिर से विज्ञापन लिए गए
थे। ऐसी स्थिति में लगभग बीस हजार अभ्यर्थी ऐसे थे
जो आयुसीमा से बाहर हो गए थे। उन्हें अवसर नहीं मिल पाया ।
JAIL WAALI KO NAMASKAAAAAAAAAAAR
ReplyDeleteजब हम मिले थे पहली बार ।।
न कोई बात न कोई तकरार,
बस नयनो ही नयनो मेँ होती रही बात ।
जी यही करता कि तुम्हे बस देखा करूँ ।
है तुम्हारे दिल मेँ क्या ,
इसे जानने की कोशिश करता रहूँ ।।
तुम्हारे जाने से ही ये दिल उदास हो जाता है ।
पर तन्हाईयोँ मेँ भी ये दिल,
तुम्हे अपने पास पाता है ।।
भरी महफिल मेँ खुद को अकेला पाता हूँ ।
फिर तेरी याद को ही ,
अपना साथी बना लेता हूँ ।।
जब से है देखा तुम्हे नित तुम्हारा ख्याल आता है ।
और चकोरी की याद मेँ चन्द्र देख ,
ये चकोर रात बिताता है ।।
तुम्हे भूल जाऊँगा मै ये सोचना तुम्हारी नादानी होगी ।
क्योँकि उस चंचल चंद्र की चाँदनी सी ,
एक हमारी भी कहानी होगी
कुछ सालों बाद ना जाने क्या होगा,
ReplyDeleteना जाने कौन दोस्त कहाँ होगा...
फिर मिलना हुआ तो मिलेगे यादों में,
जैसे सूखे हुए गुलाब मिले किताबों में. ...
एक सेठ था. उसने एक नौकर रखा. रख तो लिया,
ReplyDeleteपर उसे उसकी ईमानदारी पर विश्वास नहीं हुआ,
उसने उसकी परीक्षा लेनी चाही.
अगले दिन सेठ ने कमरे के फर्श पर एक
रुपया डाल दिया. सफाई करते समय नौकर ने
देखा. उसने रुपया उठाया और उसी समय सेठ के
हवाले कर दिया.
दूसरे दिन वह देखता है कि फर्श पर पांच रुपए
का नोट पड़ा है. उसके मन में थोड़ा शक
पैदा हुआ,
हो-न-हो सेठ उसकी नीयत को परख रहा है. बात
आई, पर उसने उसे तूल नहीं दिया.
पिछली बार की तरह नोट उठाया और बिना कुछ
कहे सेठ को सौंप दिया.
वह घर में काम करता था, पर सेठ की निगाह
बराबर उसका पीछा करती थी.
मुश्किल में एक हफ्ता बीता होगा कि एक दिन
उसे दस रुपए का नोट फर्श पर पड़ा मिला.
उसे देखते ही उसके बदन में आग लग गई. उसने
सफाई का काम वहीं छोड़ दिया और नोट को हाथ
में लेकर सीधा सेठ के पास पहुंचा और बोला -
"लो संभालो अपना नोट और घर में
रखो अपनी नौकरी! तुम्हारे पास पैसा है, पर सेठ
यह समझने के लिए कि अविश्वास से विश्वास
नहीं पाया जा सकता, पैसे के अलावा कुछ और
चाहिए. वह तुम्हारे पास नहीं है. मैं ऐसे घर मेँ
काम नहीँ कर सकता!"
सेठ उसका मुंह ताकता रह गया. वह कुछ
कहता कि उससे पहले ही वह नौजवान घर से
बाहर जा चुका था.
सीख: विश्वास पर दुनिया कायम है, लेकिन शक
विश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन होता है....
Shame On You !! Aaj Lucknow Mein Aisa Lagaa Ki Kaayron Ki Sankhya Bahut He Jyaada Ho Gayi Hai Jo Bina Kisi Kaaran K Bhi Apne Gharon Mein Kaayron Ki Tarah Dubke Rahe. Inmein Bahut Se Aise Log Hain Jinhone Bank Challan Bank K Saamne Raat Guzaar Ker Jamaa Kiye The. Jo Apne Haq K Liye Nahin Lad Sakta Toe Doosron K Liye Kya Ker Paayega. Aaj Se Unko Jaan Lena Chaahiye Ye Naukari Unko Un Veeron Ki Taraf Se Bheekh Hogi Jo Ki Iss Andhi Govt K Khilaaf TAN,MAN AUR DHAN Se Lage Huye Hain. JAI TET MERIT JAI SANGHARSH MORCHA
ReplyDelete13 sep ko tet mrt ka ant hamesha k liye nischit hai.. Kuch weitage mil jay yahi bahut badi bat hogi, lekin gov ise swikar nhi karegi.
ReplyDeletebete GOVT tere se puchh ke swikaar nahi karegi
ReplyDeletemujhe teri bahan ka balatkaaaaaaar karna hoga to main tere se puchhne ............................
samjhe mr. bharti ke HERO
YAHI HAI RIIGHT CHOICE........ BABY....AAAAHHHHA
Deleteपिछले 25 वर्षों में यूपी में तीन बार सेना बुलाई
ReplyDeleteगयी है।
1990,
1994,
2013 में ।
और गज़ब संयोग देखिये तीनों बार प्रदेश में सपा की ही सरकार रही।
be ta GADU BABA GAAND FAT GAYI NA MIDEA NE TO ITANA COVERAGE DIYA KI DAIK JAGARAN, AMAR UJALA, AUR HINDUSTAN KANPUR EDITION ME PANNE HI NAHI BACHE..T.....................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................
ReplyDeleteTO BHOSADI WALO NE KAL KE AANDOLAN KE BARE ME KOI KHABAR HI NAHI CHHAPI...
HAAN YE JAROOR KAHA HE KI TET MERIT WALE DAHASHAT ME HAI
ReplyDeleteab to tet mrt k supportar samjh gye hoge.... ye bhrti kewal acd se hogi.... gov se bheekh magne gye the, gov ne lat mar kr bhaga diya.... 13 sep acd pr mohr nischit hai..
ReplyDeleteखतरे में मेरी नौकरी नहीं है,,,मेरा नियुक्ति पत्र तो मेरे घर पर आ जाएगा,,,, खतरे में वो लोग हैं जिनका गुणांक सामान्य में 58-59 से कम है.....
ReplyDeleteवैसे तो सदानंद भाई ने कल बताया था कि अपना केस अनलिस्टेड हो गया है,जल्दी-जल्दी सुनवाई होगी और सितम्बर माह में 30-11-11 वाला विज्ञापन बहाल हो जाएगा,,,,, अगर ऐसा हो जाता है तो इससे ज्यादा खुशी की क्या बात हो सकती है,,,,, जो लोग भर्ती 31-03-2014 तक हो जाए चाहे जैसे हो का नारा बुलंद किये हुए हैं वो भी अपना प्रयास करके देख लें,,,,, .
JAIL WALI
ReplyDelete.
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उसके साथ रहते रहते हमें चाहत सी हो गई,
उससे बात करते करते हमें आदत सी हो गई,
एक पल भी ना मिले तो नज़रे बेचैन सी रहती है,
दोस्ती निभाते निभाते हमें महोब्बत सी हो गई.. ...
कल लखनऊ में फेसबुक के अपने सैकड़ों साथियों से मुलाक़ात करके बहुत अच्छा लगा,कुछ से पहले भी मुलाक़ात हो चुकी है,,कुछ कल पहली बार मिले
ReplyDeleteएक बात सभी लोग कान खोल कर सुन लीजिये की आन्दोलन फेसबुक पर बड़ी बड़ी पोस्ट लिखने से नहीं होता है ...
ReplyDeleteआन्दोलन करने के लिए ज़मीन से जुड़ना पड़ता है और लोगो को जोड़ना भी पड़ता है ....
khushi unhe nhi milti jo zindgi ko apni sharto se jeete hai.
ReplyDeletesachi khushi unhe milti he jo dusro ke liye apni sharto ko badal date hai
COPY PASTE KRNE SE TET MERT NAHI BANEGI...... SACCHAI YAHI HAI ANDOLAN FUSSSSS HO GYA,,,, SACHIV NE SAF KAH DIYA BHARTI ACD SE HOGI.... 13 KO SB KAHEGE ACD JINDABAD.....
ReplyDelete13 ko kya hoga
ReplyDeleteSPECIAL APPEAL DEFECTIVE No. - 237 of 2013 at Allahabad : Shiv Kumar Pathak And Others Vs.
ReplyDeleteState Of U.P. And Others
Date of Decision - 5/9/2013
Court Number - 35
Judgment Type - Final Non AFR
Coram - Hon'ble Laxmi Kanta Mohapatra,J. and Hon'ble B. Amit Sthalekar,J.
Petitioner's Counsels - V.K. Singh and G.K. Singh
Respondent's Counsel - C.S.C. and A.K. Yadav
"Judgment Type - Final Non AFR"
It means the order is final and the case would not be listed again-- Non AFR means not approved
for reporting.
13 KO TET MERIT WALE GHANTA HILAYENGE AUR ACD WALE SADAKE MAR KE KHUSHIYA JAHIR KARENGE.......
ReplyDeletemuje bahut duk h ki ap log apas me galat lad rahe ho. ap kewal tet k weightage ki mang kar sakte ho. ali khan g apne andolan ki kuch news post nahi ki .kuo
ReplyDeleteJo hal up si mee old add ka hua hai wahi tet ka bhi hoga sure hai.
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO..ACORDING TO TET MORCHA VIDHIK SALAHKAR ADVOCATE NAVIN SHARMA...HIGH COURT KI WEBSITE PAR SHOW HO RAHI CAUSE LIST ME APNE CASE ME JO V STATUS DIKH RAHA HAI..USME JUDGEMENT TYPE ME FINAL FOR NON AFR DE RAHA HAI..JISKA MATLAB HAI NISCHIT ROOP SE 13 KO BAHAS KE BAD CASE KE FINAL ORDER V AA SAKTA HAI..AGAR BAHAS ME KU6 PECH AUR FASA TO NEXT DATE ME V FINAL ORDER AA SAKTA HAI..PAR ITNA JARUR HAI KI UNLISTED HONE KE BAD CASE PAR MAHAPATRA G KA NAJARIYA JALD ORDER DENE KI TARAF HAI.13 KO AGAR FINAL NA HUWA TO NEXT DATE 16 YA 17 LAG SAKTA HAI..KYUKI 14 AUR 15 KO HIGH COURT HOLIDAY HAI..
ReplyDelete2) non A.f.r matlab hai case ka jo order ayega wo kanun ki book me najir ke taur par darj nahi hoga..dosto ku6 importent case ke final order ko v ek kanun bnakar law ki book me darj kiya jata hai aur use kanun mankar any case par decizen diya jata hai..
ReplyDelete3) acording to tet morcha lucknow zone adhyax..ganesh dixit..kal ke aandolan me basik sachiv niteshwar kumar aur 8 any adhikariyo se varta me sakaratmak saket mila..sachiv ne 10 din me c.m se tet suporter ki varta karane ka ashwashan diya..ham next aandolan allahabad me karege(agar order aane ke sarkar ne sakaratmak rukh na dikhaya to)..allahabad aandolan ki tarikh jald ghosit ki jayegi..chuki allahabad me sbhi siksha mukhyalay hai so waha par jyada dabav bnaya ja sakta hai...kul milakar ham tet suporter ko tab tak chup nahi baithana hai jab tak tet merit na ban jay..
ReplyDelete4) judge luxmikant mahapatra k transfer letter par c.j ka sign ho chuka hai..avi wo law ministery delhi jayega fir rastrapati ka sign hoga jisme 1 mah tak time lagega..mahapatra g ka transfer north east high court ka chief justice bnaya gya hai..
ReplyDeleteWo Muhabbat Bhi Aap ki Thi...!!!
ReplyDeleteWo Shararat Bhi Aap ki Thi.
Agar Kuch Bewafai Thi...!!!
To Wo Bewafai Bhi Aap ki Thi.
Hum Chhod Gaye Aap Ka Shehar...!!!
To Wo Hidayat Bhi Aap ki Thi.
Akhir Karte To Kis Se Karte...!!!
Hum Aap Ki Shikayat.
Wo Shehar Bhi Aap ka Tha...!!!
Aur Wo Adaalat Bhi Aap Ki Thi...!
गणित-विज्ञान के 29
ReplyDeleteहजार पदों के लिए 11
लाख पंजीकरण : जूनियर
हाईस्कूल में गणित और
विज्ञान के 29334 पदों के
लिए मंगलवार
की शाम तक करीब 11
लाख अभ्यर्थी पंजीकरण
करा चुके थे,
जबकि दो लाख से अधिक
अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन
आवेदन किया है।
ऑनलाइन पंजीकरण और ई-
चालान से शुल्क
जमा करने की अन्तिम
तिथि 28 सितम्बर और
ऑनलाइन आवेदन
की अन्तिम तिथि 30
सितम्बर
तक है। इसके बाद कोई
भी आवेदन पत्र ऑनलाइन
स्वीकार नहीं होगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के
सचिव संजय सिन्हा ने
बताया कि जिस तरह से
अभ्यर्थियों का ऑनलाइन
पंजीकरण हो रहा है
उसको देखते हुए
अभ्यर्थियों की संख्या 40
लाख
पार कर जाने की उम्मीद
है।
तमन्ना जब किसी की नाकाम होती है,
ReplyDeleteजिन्दगी उस की एक उदास शाम होती है,
दिल के साथ दौलत ना हो जिस के पास,
महोब्बत उस गरीब की निलाम होती है .. ...
बाप ने अपने बेटे की तलासी ली .
ReplyDeleteजेब से गोल्डफ्लेक का पैकेट और
गुटका निकला ,
.
.
.बाप ने बेटे को बहुत मारा :
.
.
कब से कर रहा है ये सब .....??
.
.
बेटा रोते हुए : पापा मैंने तो आप की जैकेट
पहनी हुई
है ...
सच है -:
"हर कोई दुनिया बदलने की सोचता है लेकिन
कोई भी अपने आपको बदलने
की नहीं सोचता"
अंको और गिनती की कहानी क्या कभी आपने
ReplyDeleteसोचा भी है
कि गिनती की शुरुआत कब, क्यों और कैसे
हुई? मानव आरंभ से ही सामाजिक
प्राणी रहा है। प्रगैतिहासिक काल में
जब मानव गुफाओं में रहा करता था तब
भी उनके समूह हुआ करते थे। जब तक ये समूह छोटे
रहे, किसी प्रकार
की गिनती की आवश्यकता नहीं थी।
दिन भर भोजन की टोह में इधर-उधर
भटकने के बाद जब समूह के सदस्य वापस
इकट्ठे होते थे तो समूह के सरदार
को आभास हो जाया करता था कि पूरे सदस्य आ गये
हैं या कोई सदस्य कम है।
किन्तु जब समूह के सदस्यों की संख्या में
वृद्धि होने लगी तो मानवीय आभास से
काम चलाना मुश्किल हो गया और उन्हें
गिनती की आवश्यकता हुई। सर्वप्रथम
मनुष्यों ने अपने
हाथों की उंगलियों को गिनती का आधा
बनाया। बाद में सदस्यों की संख्या में और
वृद्धि होने पर
पैरो की उंगलियों को भी गिनती में
शामिल कर लिया। संख्या में निरंतर
वृद्धि के कारण उन्हें अंकों तथा संख्याओं के लिये
संकेत बनाने पड़े।
आज भी उस प्रकार के संकेतों का प्रयोग
किया जाता है जैसे कि I, II…., V….,
X…., L…., C…., आदि। अब यदि देखें
तो इन संकेतों का आधार पाँच का अंक है
जैसे V, X, L, C। मनुष्य के एक हाथ में पाँच
उंगलियाँ होने के कारण ही पाँच
को अंको और संख्याओं का आधार
बनाया गया। शून्य की जानकारी न
होने के कारण इन्हीं संकेतों के
द्वारा हजारों-लाखों वर्षों तक
गणितीय गणना की जाती रही है। अब जरा सोचिये
कितनी कठिन और समय
खाऊ रहती रही होंगी वे गणनायें।
यकीन नहीं आता हो तो आप
ही जरा नीचे के प्रश्न को हल करके देखेः
जोड़ें -
III VII
IX
I
+ LXIV
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यह तो हुआ जोड़ का एक साधारण सा सवाल। जब
जोड़ का ये साधारण
सवाल इतना कठिन सा लग रहा है
तो गुणा-भाग आदि के सवाल कितने
कठिन तथा समयखाऊ रहे होंगे। फिर
भी हजारों-लाखों वर्षों तक
इन्हीं संकेतों के सहारे गणनायें की जाती रही है।
फिर शून्य का अविष्कार हुआ। हमारे
लिये जहाँ यह गौरव की बात है कि शून्य
भारत की ही देन है वहीं यह क्षोभ
की बात है कि हम आज तक उस महान
गणितज्ञ का नाम भी नहीं जानते जिन्होंने शून्य
का अविष्कार किया।
कहा जाता है कि शून्य का अविष्कार
नवीं शताब्दी में हुआ था।
लोगों को शून्य का प्रयोग करके
गणितीय गणना करना बहुत सरल
लगा और शून्य का प्रयोग जोरों से किया जाने लगा।
किन्तु शून्य के प्रयोग
को राजकीय रूप से
मान्यता नहीं दी गई।
व्यापारियों को अपने हिसाब-किताब
पुरानी पद्धति में ही रखने के राजकीय
आदेश दिये गये। अतः एक परिपाटी यह चल गई
कि कच्चे में शून्य का प्रयोग करके
हिसाब किया जाये और पक्के में
पुरानी पद्धति से लिखा जाये।
चूँकि लिखने का काम भोज पत्र पर हुआ
करता था अतः भोज पत्र की खपत कम
करने के लिये कच्चे में हिसाब करने के लिये जमीन के
एक टुकड़े को लीप-पोत कर
चिकना बना दिया जाता था और उस पर
महीन राख की परत
बिछा दी जाती थी। उंगलियों से
लिखकर हिसाब किया जाता था। पक्के
में पुरानी पद्धति में उतार लेने के बाद जमीन में बनाई
गई राख की स्लेट
को फिर से लिखने लायक
बना लिया जाता था।
उस काल में व्यापार करने के लिये भारत
में अरब देशों के व्यापारी आया करते थे।
शून्य का प्रयोग करके गणना करने की सरलता ने
उन्हें अत्यधिक प्रभावित
किया और वे हमारे अंको को अपने देश ले
गये। चूँकि राख को अरबी भाषा में गुबार
कहा जाता है, उन्होंने यहाँ से ले जाये गये
अंको का नाम गुबार अंक रखा। गुबार अंक
अरब देशों से मिश्र पहुँच गया। इस प्रकार आगे
बढते-बढते हमारे ये अंक
अलग-अलग नामों तथा संकेतों के साथ पूरे
यूरोप में पहुँच गये। कालान्तर में जब
अंग्रेजों ने भारत के शासन
को हथिया लिया, तब हमारे यही अंक
एक नये रूप में हमारे सामने आये। बाद में
गणितज्ञों के शोध कार्यों से
सिद्ध हो गया कि अंग्रेजी अंक वास्तव में
अंग्रेजी न होकर भारतीय है। इन
अंकों को ‘भारतीय
अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप’ नाम
दिया गया जिसे पूरे विश्व ने स्वीकार किया।.
ALI KAHN SUNA HE KOMA ME CHALE GAYE HE AUR SGPGI WALE UNAKI HALAT PAR NIRANTAR NAZAR RAKHE HUYE HE...
ReplyDeletetumhari bahan ko chheda tha lekin wo ab jail me hain
ReplyDeletemadarcd savita phir boli
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