देहरादून, पीटीए शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति के लिए शिक्षा अधिनियम और टीईटी-दो की बाधा से पार पाना होगा। बाधा दूर करने को अधिनियम में संशोधन की दरकार होगी। फिलहाल सरकार ने इस दिशा में कसरत शुरू कर दी है।
सरकारी सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत पीटीए शिक्षक तदर्थ नियुक्ति के लिए जोर लगाए हुए हैं। प्रदेश में फिलहाल 590 पीटीए शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से 388 शिक्षकों को सरकार से निर्धारित सात हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा है। मानदेय से वंचित रहे 90 पीटीए शिक्षकों को भी यह लाभ देने पर पिछली कैबिनेट मुहर लगा चुकी है। इससे मानदेय प्राप्त करने वाले पीटीए शिक्षकों की संख्या बढ़कर 488 हो जाएगी। गौरतलब है कि शेष 102 शिक्षकों को निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करने के कारण मानदेय के लिए अपात्र माना गया है। अब मानदेय प्राप्त कर रहे पीटीए शिक्षक तदर्थ नियुक्ति पाने को सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरकार इन शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देने के पक्ष में है। लिहाजा इस दिशा में कसरत शुरू हो चुकी है। लेकिन, इस मामले में शिक्षा अधिनियम-2006 और माध्यमिक शिक्षा के विनियम आड़े आ रहे हैं। अधिनियम में पीटीए शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है। यही नहीं, शिक्षा का अधिकार अधिनियम को प्रदेश सरकार लागू कर चुकी है। इसके मुताबिक अब छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एलटी नियमावली में भी बाकायदा संशोधन किया जा चुका है। चूंकि, पीटीए शिक्षकों को अब तदर्थ नियुक्ति दी जानी है, लिहाजा उक्त दोनों नियमावली में संशोधन की दरकार होगी। शिक्षा अधिनियम में संशोधन के बाद ही पीटीए शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति की राह आसान हो सकेगी। इसके लिए परामर्शी विभागों से मशविरा किया जा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक उक्त संबंध में फाइल आगे कार्मिक को भेजी गई है। तदर्थ नियुक्ति के लिए नई व्यवस्था की जरूरत पड़ सकती है
News Sabhaar : Jagran ( 10.9.13)