UP Recruitment News : नौकरियों में आरक्षित वर्ग का कितना प्रतिनिधित्व!
It was asked to government that some castes obtained sufficient representation in government jobs or not.
As per news some castes achieved more than 50% of its representative in Government Jobs.And a writ is filed regarding representations from various reserved castes.
हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से मांगा जवाब पूछा- इस आंकड़े को जांचने के लिए कोई कमेटी बनाई गयी है या नहीं
इलाहाबाद (एसएनबी)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी कर प्रदेश सरकार से पूछा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग, एससी/एसटी के लोगों का सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व देने का मापदण्ड क्या है। कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा है कि क्या इन श्रेणी के लोगों को सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल चुका है या नहीं। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश जारी कर दो सप्ताह के अंदर इस आशय का भी हलफनामा मांगा है कि विगत दस वर्ष से ओबीसी, एससी/एसटी वर्ग के किन लोगों का सरकारी नौकरियों में कितना प्रतिनिधित्व मिल चुका है। इसके जांच की क्या कोई कमेटी गठित है और अगर है तो उसकी रिपोर्ट कोर्ट में दी जाए। कोर्ट ने विशेष सचिव के अधिकारी से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने सुमित कुमार शुक्ला व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001 की गणना के अनुसार विगत वर्षो में मिले ओबीसी, एससी/एसटी को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रतिनिधित्व उनकी आवश्यकता से अधिक हो गया है। कहा गया है उक्त तीनों वगरे में कुछ वर्ग का प्रतिनिधित्व ज्यादा हो गया है जो असंवैधानिक है। याचिका में दायर पूरक शपथ पत्र में कहा गया है कि एससी श्रेणी के चमार, घूसिया, जाटव का गुप ‘ए’
श्रेणी में सेवा 60.93 प्रतिशत है।
ग्रुप ˜बी सेवाओं में 68.93, ग्रुप ˜सी में 61.23 तथा ग्रुप डी में 45.50 प्रतिशत तक हो गया है। याचिका के अनुसार उक्त तीनों श्रेणी के लोगों का प्रदेश की सेवाओं में जोड़कर 59.67 प्रतिनिधित्व हो गया है। इसी प्रकार
कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी के अहिर, यादव, यदुवंशी एवं ग्वाला का भी प्रतिनिधित्व सरकारी नौकरियों में अधिक है। याचिका में आरोप लगाया है कि ओबीसी, एससी व एसटी श्रेणी में शामिल कुछ वर्ग अथवा जाति के लोगों का सरकारी सेवाओं में अधिक प्रतिनिधित्व मिल चुका है जो असंवैधानिक है। हाईकोर्ट इस याचिका पर 30 सितम्बर को सुनवाई करेगी
News Sabhaar : rashtriyasahara (12.9.13)