हर अभ्यर्थी के चेहरे पर दिखी बेचैनी-पीड़ा
(UPTET Allahabad : No end to problems, Candidates worried)
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : समय सुबह के 11 बजे। स्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद का दफ्तर। सचिव, अपर सचिव का कमरा खाली। पूछने पर दफ्तरी ने धीरे से बताया। लखनऊ से बड़े साहब आए हैं। मंत्री जी भी आए हैं। वहीं गए हैं सब। मैडम भी वहीं हैं। खैर, बाहर बोर्ड दफ्तर पर परेशान हाल अभ्यर्थी इधर-उधर घूम रहे थे। उनकी निगाहें ऐसे व्यक्ति को खोज रही थीं, जो उनकी समस्या को सुने और एक ही बार में दूर कर दे। अभ्यर्थियों का यह भगीरथ प्रयास जारी था। कोई इस कक्ष में घुसता तो कोई उस कक्ष में। इतने में एक चैनल के रिपोर्टर दिख गए। अभ्यर्थियों ने उन्हें घेर लिया। जो इधर-उधर थे वे भी आ गए। जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे गूंजने लगे। कैमरा चलता देख आवाज और तेज होती गई। शोर होता देख एक दो छायाकार बंधु और आ गए। फ्लैश चमकने लगे। आधे से अधिक अभ्यर्थियों के कंधे पर बैग लटकता हुआ। बैग देखने से ही लग रहा था कि अभ्यर्थी लंबी तैयारी करके आए हैं। काम निपटा कर ही जाएंगे। ज्यादातर ऐसे अभ्यर्थी थे जिनकी कोई गलती नहीं। उनका प्रवेश पत्र नहीं आया था और संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालयों से उन्हें नया अनुक्रमांक दिया गया था। उनसे नया आवेदन पत्र भी भराया गया, पर वह यूपी बोर्ड आफिस तक नहीं आया। उधर, संबंधित जेडी का कहना है कि भई! हमने तो भेज दिया पहुंचा कि नहीं मुझे नहीं मालूम। नहीं दूर हुई आशंका गोरखपुर से आए विजय प्रकाश, सत्यपाल गौड़ व अरुण कुमार श्रीवास्तव जैसे सैकड़ों छात्रों की यही समस्या थी। इन तीनों अभ्यर्थियों को गोरखपुर में दैनिक जागरण के माध्यम से जानकारी मिली कि नए अनुक्रमांक वालों को फिर से आवेदन पत्र जमा करना होगा, वह भी एक सप्ताह में। बेचारे अगले दिन की सुबह ही इलाहाबाद के लिए निकल लिए। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें यूपी बोर्ड की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई। सभी आवेदन पत्र तो भर रहे हैं पर आशंकित भी हैं। आशंका इस बात की कि कितने दिन में उनका रिजल्ट आएगा। 19 दिसंबर को आवेदन करने की अंतिम तिथि है। ऐसे में कहीं दो चार दिन और निकल गया तो आवेदन रजिस्टर्ड डाक से अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाएगा। भई भारतीय डाक सेवा है, आवेदन पत्र पहुंचाने में ज्यादा समय लेती है,े लौटाने में कम। पीछे-पीछे खुद आ गए कुछ यही हाल गोरखपुर से आए अरुण कुमार सिंह का भी है। उनके पिता के नाम में गलती थी। उन्होंने बोर्ड आफिस से संशोधन के लिए आवेदन पत्र 28 नवंबर को रजिस्टर्ड डाक से भेजा था। इसके बाद भी उन्हें तसल्ली नहीं हुई तो 30 नवंबर को इलाहाबाद आ गए और फिर आवेदन दे दिया, पर विडंबना है कि अभी तक कोई संशोधन नहीं हुआ। उन्हें डर है कि काउंसिलिंग में कोई पेच न फंस जाए। कुछ इसी तरह की समस्या से हर अभ्यर्थी पीडि़त दिखा। रिजल्ट नहीं दिख रहा बोर्ड दफ्तर पर कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिनका रिकार्ड ही वेबसाइट पर नहीं शो कर रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने सभी कॉलम ठीक से भरे थे। इसके बाद भी उनका रिजल्ट नहीं शो कर रहा है। कई बार आवेदन करने के बाद भी समस्या जस की तस है।
News : Jagran (8.12.11)