ये हैं पैसे वाले बेरोजगार
(Huge Crowd comes for Registration in Employment Exchanges of Entire UP)
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गोरखपुर। असली बेरोजगार में रोजगार पाने की तड़प की गवाही उसका खुद का चेहरा दे देता है। रोजगार देने वाला सेवायोजन कार्यालय ऐसे युवाओं का एक सहारा होता है। लंबे समय से सेवायोजन कार्यालय में रोजगार की आस में युवा पंजीयन कराते हैं। लेकिन अब पंजीकरण कराने वालों में तमाम ऐसे चेहरे दिख रहे हैं जो भविष्य में बेरोजगारी भत्ता हासिल करने के लिए ही दफ्तर में पहुंच रहे हैं। बृहस्पतिवार को कुछ ऐसा ही नजारा सेवायोजन कार्यालय में दिखा। बुलेट खड़ी कर आंखों पर महंगे गागल्स लगाये एक युवक फार्म लेकर भीड़ में घुसा। लेकिन असली बेरोजगार की तरह उसके चेहरे पर कहीं से भी नौकरी की तड़प नहीं दिखी।
समय करीब 2.25 बजे। सेवायोजन कार्यालय में लगी लाइन में खड़े इस युवक का कहना था कि यह विभाग कहां नौकरी दिला पाएगा। खुद को ठेकेदारी से जुड़ा बताते हुए संजय सिंह नाम के इस युवक ने कहा कि पिछली बार उसके भाई साहब को बेरोजगारी भत्ता मिला था। भले ही वह संतुष्ट जीवन बिता रहा हो, लेकिन यदि बिन मेहनत किसी को रुपया मिले तो कौन छोड़ेगा? इसी बीच कार्यालय के बरामदे में लगी लाइन में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। पता चला दो दबंग टाइप युवक लाइन तोड़कर आगे खिड़की पर जा खड़े हुए थे। पीछे से एक सुरक्षाकर्मी और अन्य लोग ऐतराज कर रहे थे। काफी हल्ला के बाद वे कुछ भुनभुनाते हुए बाहर आ गये। बातचीत से कतराने लगे, लेकिन यह जरूर कहा कि पंजीकरण तो कराना ही है। आखिर पिछली बार पंजीकरण कराने वालों की चांदी जो रही थी। ये लोग भी छोटा-मोटा ठेका पट्टा कर खुद को अपनी जिन्दगी से संतुष्ट बता रहे थे। पंजीकरण कराने परिसर में पहुंचे दर्जनों युवक कमोबेश इसी टाइप के दिख रहे थे। वशिष्ठ नाम के युवक का कहना था कि वह प्राइवेट नौकरी कर रहा है। चूंकि सरकारी नौकरी नहीं है, इसलिए रजिस्ट्रेशन करा लेने में क्या हर्ज है? बगल में स्थित पार्क में महिलाओं की भीड़ थी। छोटे-छोटे बच्चे रो रहे थे। एक बुजुर्ग महिला एक बच्चे को संभाल रही थी, क्योंकि उनकी बहू पंजीकरण कराने के लिए लाइन में खड़ी थी। सड़क पर निकलने वाले रास्ते में दो युवक बाइक पर बैठकर बतिया रहे थे। हाथों में बाइक की चाबी वाली चेन लहरा रही थी। बातचीत शुरू की गयी तो मीडिया वाला है, जानकर नाम नहीं बताया। बोले, भाई साहब आप भी पंजीकरण करा लीजिए। पक्का तो नहीं है, लेकिन मतगणना के बाद बनने वाली सरकारों ने अपने वादे पूरा किये तो मजे करिएगा। दूसरी ओर विभाग से जुड़े लोग भी मानकर चल रहे हैं कि पंजीकरण कराने वालों में 80 से 90 प्रतिशत तक लोग नौकरी की उम्मीद से परे वाले अभ्यर्थी हैं। लेकिन विभाग में जो भी आएगा उसका पंजीकरण करना ही है।
भीड़ में दिखी हल्की कमी
मंगलवार से सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराने वालों की भारी भीड़ दिख रही है। बुधवार को रिकार्ड तोड़ 4690 पंजीकरण एक ही दिन में हुए। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी एसबी सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार को कुल 3836 रजिस्ट्रेशन किये गये, जिनमें 1725 पुरुष व 2111 महिलाएं शामिल हैं। इनमें 77 पंजीकरण आनलाइन हुए हैं। पंजीकरण कराने वाले विकलांग अभ्यर्थियों की संख्या 10 रही। विश्वविद्यालय केन्द्र पर बृहस्पतिवार को 96 रजिस्ट्रेशन हुए, जो कुल पंजीकरण में शामिल हैं।
समय करीब 2.25 बजे। सेवायोजन कार्यालय में लगी लाइन में खड़े इस युवक का कहना था कि यह विभाग कहां नौकरी दिला पाएगा। खुद को ठेकेदारी से जुड़ा बताते हुए संजय सिंह नाम के इस युवक ने कहा कि पिछली बार उसके भाई साहब को बेरोजगारी भत्ता मिला था। भले ही वह संतुष्ट जीवन बिता रहा हो, लेकिन यदि बिन मेहनत किसी को रुपया मिले तो कौन छोड़ेगा? इसी बीच कार्यालय के बरामदे में लगी लाइन में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। पता चला दो दबंग टाइप युवक लाइन तोड़कर आगे खिड़की पर जा खड़े हुए थे। पीछे से एक सुरक्षाकर्मी और अन्य लोग ऐतराज कर रहे थे। काफी हल्ला के बाद वे कुछ भुनभुनाते हुए बाहर आ गये। बातचीत से कतराने लगे, लेकिन यह जरूर कहा कि पंजीकरण तो कराना ही है। आखिर पिछली बार पंजीकरण कराने वालों की चांदी जो रही थी। ये लोग भी छोटा-मोटा ठेका पट्टा कर खुद को अपनी जिन्दगी से संतुष्ट बता रहे थे। पंजीकरण कराने परिसर में पहुंचे दर्जनों युवक कमोबेश इसी टाइप के दिख रहे थे। वशिष्ठ नाम के युवक का कहना था कि वह प्राइवेट नौकरी कर रहा है। चूंकि सरकारी नौकरी नहीं है, इसलिए रजिस्ट्रेशन करा लेने में क्या हर्ज है? बगल में स्थित पार्क में महिलाओं की भीड़ थी। छोटे-छोटे बच्चे रो रहे थे। एक बुजुर्ग महिला एक बच्चे को संभाल रही थी, क्योंकि उनकी बहू पंजीकरण कराने के लिए लाइन में खड़ी थी। सड़क पर निकलने वाले रास्ते में दो युवक बाइक पर बैठकर बतिया रहे थे। हाथों में बाइक की चाबी वाली चेन लहरा रही थी। बातचीत शुरू की गयी तो मीडिया वाला है, जानकर नाम नहीं बताया। बोले, भाई साहब आप भी पंजीकरण करा लीजिए। पक्का तो नहीं है, लेकिन मतगणना के बाद बनने वाली सरकारों ने अपने वादे पूरा किये तो मजे करिएगा। दूसरी ओर विभाग से जुड़े लोग भी मानकर चल रहे हैं कि पंजीकरण कराने वालों में 80 से 90 प्रतिशत तक लोग नौकरी की उम्मीद से परे वाले अभ्यर्थी हैं। लेकिन विभाग में जो भी आएगा उसका पंजीकरण करना ही है।
भीड़ में दिखी हल्की कमी
मंगलवार से सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराने वालों की भारी भीड़ दिख रही है। बुधवार को रिकार्ड तोड़ 4690 पंजीकरण एक ही दिन में हुए। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी एसबी सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार को कुल 3836 रजिस्ट्रेशन किये गये, जिनमें 1725 पुरुष व 2111 महिलाएं शामिल हैं। इनमें 77 पंजीकरण आनलाइन हुए हैं। पंजीकरण कराने वाले विकलांग अभ्यर्थियों की संख्या 10 रही। विश्वविद्यालय केन्द्र पर बृहस्पतिवार को 96 रजिस्ट्रेशन हुए, जो कुल पंजीकरण में शामिल हैं।