स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती में धांधली
( Corruption in Recruitment of Health Workers )बिलासपुर/कोरबा. जिला स्वास्थ्य विभाग में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती में बड़ी धांधली सामने आई है। बिना विज्ञापन निकाले और चयन समिति बनाए सिर्फ एक नोटिस चस्पा कर इंटरव्यू के लिए कॉल कर लिया गया।
हालांकि मामले के हाईकोर्ट चले जाने के कारण चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची प्रकाशित नहीं हो पाई। इस पूरी प्रक्रिया में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. पीआर कुंभकार की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
सीएमएचओ ने बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के 83 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया बीते दिसंबर में उस समय शुरू की, जब लिपिकों की हड़ताल चल रही थी। यह हड़ताल 7 दिसंबर से 27 दिसंबर तक रही। 13 दिसंबर को सीएमएचओ कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर एक सूचना चस्पा की गई। इसमें लिखा गया कि संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जानी है।
पुरुष अभ्यर्थियों के लिए ‘वाक इन इंटरव्यू’
24 दिसंबर को और महिला अभ्यर्थियों के लिए ३क् दिसंबर है। यह नहीं बताया गया कि नियुक्ति स्थाई है या अस्थाई। सूत्रों के मुताबिक करीब 400 आवेदन आए। आवेदन लेने के 6 दिन बाद 143 पात्र उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई।
भर्ती की प्रक्रिया सीएमएचओ ने अपने एक-दो विश्वस्त कर्मचारियों के साथ मिलकर गुपचुप तरीके से की। नियुक्ति में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किए जाने तथा पैरामेडिकल कोर्स करने वालों को पात्र नहीं माने जाने से नाराज पैरामेडिकल छात्र हाईकोर्ट चले गए।
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने 10 जनवरी को सुनवाई के बाद भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी और प्रतिवादियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। इसके बाद उम्मीदवारों की अंतिम चयन सूची प्रकाशित नहीं की गई। जिला रोजगार अधिकारी जेपी खांडे ने भी पुष्टि की कि कार्यालय को इस नियुक्ति प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं दी गई।
नियमों का उल्लंघन
भर्ती के लिए अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित नहीं किए गए।
रोजगार कार्यालय से पदों की न जानकारी मंगाई, न ही नियुक्तिसंबंधी सूचना दी।
आवेदन न पंजीकृत डाक से मंगाए और न ही स्पीड पोस्ट से।
चयन समिति नहीं बनाई गई। आवेदनों की जांच-पड़ताल भी नहीं हुई।
नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण नियमों की भी परवाह नहीं की गई।
News : Bhaskar