अध्यापक पात्रता परीक्षा को लेकर असमंजस
(UPTET Etawah : Candiatates confused about future of TET Exam and Recruitment Processs of PRT)
बकेवर/महेवा, अप्र : गत वर्ष नवंबर में संपन्न हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों में चिंता बढ़ी है। परीक्षा के बाद जिस तरह घोटाले सामने आये हैं उससे परीक्षा की प्रासंगिकता कटघरे में है। दूसरी ओर चुनाव बाद नयी सरकार का रुख इस परीक्षा का आधार तय करेगा।
लोगों का मानना है कि अगर नयी सरकार इस परीक्षा को रद करती है तो इन बेरोजगारों की जेब पर हजारों रुपये का भार पड़ेगा। परीक्षा शुल्क तथा परीक्षा केंद्रों पर जाने आने में जो व्यय हुआ है वह बेरोजगारी का दंश झेल रहे इन परीक्षार्थियों पर अतिरिक्त बोझ होगा।
दूसरी ओर परीक्षा में सफल न हो पाने वाले अभ्यर्थियों को आशंका है कि धांधली के कारण वे सफल नहीं हो सके। इसलिए इस परीक्षा के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगता है। इन विद्यार्थियों का मानना है कि टैट परीक्षा की पवित्रता संदिग्ध हो गयी है इसलिए यह परीक्षा अब बेमानी हो गयी है।
परीक्षा उत्तीर्ण सराय नौधना निवासी ऊषा पाठक ने परीक्षा रद करने के बजाय निष्पक्ष जांच की मांग की है। राजेश कुमार दुबे ने कहा कि लाखों लोगों की उम्मीद तोड़ना न्यायोचित न होगा। इसी प्रकार की मांग अंकुर सक्सेना, राहुल मिश्रा, धर्मेन्द्र दुबे, तेज प्रताप की है। महेवा निवासी बृजेश पाण्डेय, दीपक तिवारी, बृजेंद्र, गौरव दुबे, सोनू त्रिपाठी, शिवजी अनूप तिवारी, शिल्पी तिवारी, साधना सक्सेना, आरती दुबे, सपना राजपूत, देवेंद्र पोरवाल, आशुतोष सिंह आदि ने अध्यापक पात्रता परीक्षा निरस्त कर पुरानी प्रणाली लागू करने की मांग की है ताकि उनको न्याय मिल सके।
News : Jagran (2.3.12)
(UPTET Etawah : Candiatates confused about future of TET Exam and Recruitment Processs of PRT)
बकेवर/महेवा, अप्र : गत वर्ष नवंबर में संपन्न हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों में चिंता बढ़ी है। परीक्षा के बाद जिस तरह घोटाले सामने आये हैं उससे परीक्षा की प्रासंगिकता कटघरे में है। दूसरी ओर चुनाव बाद नयी सरकार का रुख इस परीक्षा का आधार तय करेगा।
लोगों का मानना है कि अगर नयी सरकार इस परीक्षा को रद करती है तो इन बेरोजगारों की जेब पर हजारों रुपये का भार पड़ेगा। परीक्षा शुल्क तथा परीक्षा केंद्रों पर जाने आने में जो व्यय हुआ है वह बेरोजगारी का दंश झेल रहे इन परीक्षार्थियों पर अतिरिक्त बोझ होगा।
दूसरी ओर परीक्षा में सफल न हो पाने वाले अभ्यर्थियों को आशंका है कि धांधली के कारण वे सफल नहीं हो सके। इसलिए इस परीक्षा के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगता है। इन विद्यार्थियों का मानना है कि टैट परीक्षा की पवित्रता संदिग्ध हो गयी है इसलिए यह परीक्षा अब बेमानी हो गयी है।
परीक्षा उत्तीर्ण सराय नौधना निवासी ऊषा पाठक ने परीक्षा रद करने के बजाय निष्पक्ष जांच की मांग की है। राजेश कुमार दुबे ने कहा कि लाखों लोगों की उम्मीद तोड़ना न्यायोचित न होगा। इसी प्रकार की मांग अंकुर सक्सेना, राहुल मिश्रा, धर्मेन्द्र दुबे, तेज प्रताप की है। महेवा निवासी बृजेश पाण्डेय, दीपक तिवारी, बृजेंद्र, गौरव दुबे, सोनू त्रिपाठी, शिवजी अनूप तिवारी, शिल्पी तिवारी, साधना सक्सेना, आरती दुबे, सपना राजपूत, देवेंद्र पोरवाल, आशुतोष सिंह आदि ने अध्यापक पात्रता परीक्षा निरस्त कर पुरानी प्रणाली लागू करने की मांग की है ताकि उनको न्याय मिल सके।
News : Jagran (2.3.12)