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Thursday, April 26, 2012

UPTET : बेगुनाहों को सजा क्यों !


UPTET : बेगुनाहों को सजा क्यों !


रसड़ा (बलिया) : यूपी टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा तहसील इकाई रसड़ा की बैठक बुधवार को श्रीनाथ मठ के प्रांगण में हुई जिसमें शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सरकार की तरफ से की जा रही शिथिलता पर गहन चर्चा के साथ भर्ती को यथावत व यथा शीघ्र करने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में राज्य सरकार गुनाहगारों को सजा दिलाने के बजाय रोजगार की आस लगाये लाखों टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बेरोजगारी की सजा देने पर तुली हुई है। इससे टीईटी पास अभ्यर्थियों का जीवन अन्धकारमय होता दिख रहा है। कहा कि जहां एक तरफ राज्य सरकार बेरोजगारों की हितैषी बनने का दावा करती है वहीं दूसरी तरफ नौकरी की आस लगाये लाखों बेरोजगारों पर आंख मूंद कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दे रही है जिसे अब कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी बैठक 2 मई को होगी जिसमें संघर्ष की अगली रणनीति तय की जाएगी। बैठक को मंजीत सिंह, विद्यानन्द चौहान, रामविचार यादव, अनंत गुप्ता, रवीन्द्र कुशवाहा, रण विजय सिंह, दिलीप चौहान, अमित सिंह, रोशन जौहरी, पूजा पाण्डेय, धर्मेन्द्र चौहान, संजय कुमार, हरेन्द्र कुमार, कृष्णपाल, अभिषेक सिंह आदि ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता तहसील अध्यक्ष कौशल कुमार गुप्ता तथा संचालन मीडिया प्रभारी राहुल कुमार ने किया।

News: Jagran (25.4.12)
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Wednesday, April 25, 2012

UPTET : Scan Copy of Government Order (G.O) provided by Blog Visitor Mr. Tulsi

UPTET : Scan Copy of Government Order (G.O) provided by Blog Visitor Mr. Tulsi

प्रेषक: Tulsi Sahu <tulsiprasadsahu@gmail.com>
दिनांक: 24 अप्रैल 2012 8:38 pm
विषय: info
प्रति: muskan24by7@gmail.com
Please view my attachment

Thanks
Tulsi Prasad Sahu

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Another mail of Blog Visitor : -

---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Sudhir Tiwari <sudhirdtiwari@gmail.com>
दिनांक: 24 अप्रैल 2012 11:49 am
विषय: Please publish on the blog.
प्रति: muskan24by7@gmail.com


Dear Friends,

Dhairya Rakhein, Ye bharti ho kar rahegi.

Points in reference on the same are as under:

1. Ye batayen , DD ki validity 6 months hi hoti hai. Hum sabhi ne DD lagbhag Dec-11 ke 1st week mein banwaya hoga. Is tarah enki validity May-12 ke 1st week mein samapt hone waali hai. Govt. agar chahe bhi to DD hamein May-12 ke 1st week main provide nahi kara paayegi, kyonki sankhya ek, do nahi balki 2,50,000 X 6 = 15,00,000 no. of DDs ( 6 DDs for each student) hai.

2. Es beeach ye 100% sure hai ki kuchh DDs cash bhi ho gayi hongi. Aur agar ek bhi DD cash hua hai, to Govt. ka vigyapann radd karna impossible hai.

3. Iske alawa agar UPTET candidates ne compensation ki apeal kar di (kam se kam 4-5 lacs for each candidates) supreme court mein, aur agar SC ne bhi es par muhar laga di to, U P Govt. ki naani yaad aa jaayegi, payment karte-2, sochiye 2,50,000X 5,00,000 lacs = 1,25,00,00,00,000 Rupees. 

Sab bhul jaayenge laptop, tablet aur bhatta. 

4. Eske alawa agar Jul-12 tak bahrti nahi hui, to Karoron rupaye ka Central Aid bhi nahi milega. Yahin nahi U P Govt. ke es laparwaahi se world wide organisations dwara basic shiksha ke madd mein hamare country ko bhi AID postponed kiya ja sakta hai. Central Govt. bhi eske chalte U P Govt. par dabaw jarur daalegi. 


Vigyapan cancel karne ke pehle Govt. en sabhi muddo par vichaar awashya karegi.


FIR BHI LADAI JAARI RAKHNI HAI, HUMNE APNI BAHADURI TET MEIN DIKHA DI HAI, COURT MEIN BHI DIKHA DENGE.
-- 

With Regards,




Sudhir Tiwari
Mob: +91-9893550371



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New Recruitment in UP State Government


भर्तियों के लिए रिक्त पदों का ब्यौरा जुटाने में लगी सरकार
(New Recruitment in UP State Government)


लखनऊ (ब्यूरो)। भर्ती पर रोक लगाने के बाद प्रदेश सरकार अब यह पता करने में जुट गई है कि वास्तव में विभिन्न विभागों में कितने पद रिक्त हैं। पदों का ब्यौरा सामने आने के बाद भर्तियों पर रोक हटाकर उन्हें भरने का काम शुरू किया जाएगा

इस संबंध में नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने सभी विभागों से महत्वपूर्ण पदों की रिक्तियों की स्थिति सूचना मांगी है। इसमें कहा गया है कि सभी विभाग अपने यहां पदनामवार कुल स्वीकृत पदों की संख्या बताएं। भरे पदों की संख्या के अलावा रिक्त पदों की तादाद भी बतानी है। विभागों से अपेक्षा की गई है कि वे विभागाध्यक्ष स्तर से लेकर मंडलस्तर, जिलास्तर विकास खंड व ग्राम्यस्तर पर पदों की सूचना पदनामवार उपलब्ध कराएं। हालांकि लोक निर्माण, सिंचाई, उच्च शिक्षा, पशुधन, ग्राम्य विकास, खाद्य एवं रसद, कृषि, गृह, राजस्व, वन, माध्यमिक शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास, बेसिक शिक्षा, पंचायतीराज, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा आदि विभाग अपने यहां रिक्त व भरे पदों का पूरा ब्यौरा दे चुके हैं लेकिन अभी भी पांच दर्जन से ज्यादा विभागों को ब्यौरा भेजना है।
सरकार ने 15 मार्च को प्रदेश में सरकारी नौकरियों में सभी तरह की भर्तियों पर रोक लगा दी थी। इसमें निशक्तजनों व मृतक आश्रितों की भर्ती प्रतिबंध से बाहर रखी गई थीं। वहीं, लोक सेवा आयोग द्वारा और अदालती आदेश से होने वाली भर्तियां प्रतिबंध से बाहर रखी गई थीं। अब ब्यौरा मिलने के बाद सरकार विभागों में भर्तियां शुरू करेगा


News : Amar Ujala (25.4.12)
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RTET Rajasthan : Grade 3rd Teacher Recruitment :- शहर में ही दे सकेंगे थर्ड ग्रेड शिक्षक परीक्षा !


RTET Rajasthan : Grade 3rd Teacher Recruitment  :- शहर में ही दे सकेंगे थर्ड ग्रेड शिक्षक परीक्षा !


थर्ड गे्रड शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों को अब अलग-अलग पंचायत समिति मुख्यालय पर बनाए गए केंद्रों पर नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए जिला परिषद प्रशासन ने शहर में ही पर्याप्त सेंटर बना लिए हंै। ऐेसे में जिले से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अब शहर में ही परीक्षा देने की सुविधा मिल जाएगी।
एसीईओ एसके वर्मा ने बताया कि सरकार की घोषणा के अनुरूप जिले में थर्ड ग्रेड शिक्षकों की १२३२ पदों पर भर्ती की जाएगी। इसकी परीक्षा पंचायतीराज के माध्यम से १३ मई को दो पारियों में करवाने की घोषणा कर रखी है। इस परीक्षा को पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए जिला परिषद प्रशासन की ओर से शहर समेत जिले के अंता, मांगरोल, अटरू, छबड़ा, किशनगंज में ७२ परीक्षा केंद्र बनाए हंै। इसमें से अकेेले ३० परीक्षा केंद्र तो शहर में ही हैं। इन सभी केंद्रों पर १६ हजार २६८ अभ्यर्थियों के बैठने की व्यवस्था है। इसमें से भी शहर में बनाए गए ३० परीक्षा केंद्रों पर सात हजार ८६२ परीक्षार्थी बैठ सकते हैं। जिले में थर्ड ग्रेड भर्ती परीक्षा प्रथम लेवल मेें सात हजार ६२ युवक-युवतियों एवं द्वितीय स्तर की परीक्षा मेें छह हजार ३७३ ने आवेदन किया है। ऐेसे मेें दोनों स्तर की परीक्षा अलग-अलग पारियों में शहर के केंद्रों पर आसानी से हो सकेगी।
कहां कितने परीक्षा केंद्र बनाए
जिला परिषद प्रशासन की ओर से तो बहरहाल १३ मई को ही परीक्षा होना मानकर जिले में पूर्व तैयारी के तहत ७२ परीक्षा सेंटर बनाए गए हैं। इनमें से शहर में ३०, अंता में ११, मांगरोल में पांच, अटरू में १२, छबड़ा में दस, किशनगंज में चार परीक्षा केंद्र हैं। हालांकि अभ्यर्थी कम आने से शहर में बनाए गए केंद्र पर्याप्त हंै। इनका निरीक्षण भी संबंधित अधिकारी ने कर लिया है।
परीक्षा की बढ़ सकती है तिथि
एसीईओ एसके वर्मा ने बताया कि सोमवार को वीडियो कॉन्फें्रस में पंचायतीराज की शासन सचिव से इस परीक्षा को लेकर बात हुई थी। उन्होंने इस परीक्षा की तिथि कुछ आगे बढ़ाने के संकेत दिए हंै। वैसे १३ मई को ही परीक्षा मानकर तैयारियां की जा रही हैं।
परीक्षा नियंत्रण कक्ष किया स्थापित
एसीईओ वर्मा ने बताया कि इस परीक्षा के लिए परीक्षा नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया है। इसके टेलीफोन नंबर ०७४५३-२३०१०० है। किसी को परीक्षा से संबंधित कोई जानकारी लेनी हो तो इस नंबर पर बात कर सकता है।
सबसे अधिक सामाजिक विज्ञान में आए आवेदन
जिले में थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती द्वितीय स्तर परीक्षा के लिए सबसे अधिक आवेदन सामाजिक विज्ञान में तीन हजार ३८ अभ्यर्थियों ने किया है। इसके बाद हिंदी मेें एक हजार ६३, विज्ञान गणित में ७८६, अंगे्रजी में ४९५, संस्कृत ७२०, उर्दू में ७१ अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
॥जिला परिषद की ओर से इस परीक्षा की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, लेकिन अभी परीक्षा की निश्चित तिथि ऑन रिकॉर्ड नहीं आई है। परीक्षा की तिथि का विभागीय पत्र आते ही आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।ञ्जञ्ज
- बंशीलाल मीणा, सीईओ, जिला परिषद


न्यूज़ साभार  : Bhaskar.com (25.4.12)
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900 Posts Probationary Officers Last Date : 10-May-2012


Sarkari Naukri Damad India. Latest Upadted Indian Govt Jobs - http://sarkari-damad.blogspot.com
Punjab & Sind Bank (PSB)
(A Government of India undertaking)
Head Office : “Bank House”, 21 Rajendra Place, New Delhi- 110125


Recruitment of Probationary Officers - 2012-13 

Punjab & Sind Bank invites Online applications for the post ofProbationary Officers from Indian citizens who have taken the Common Written Examination (CWE) for Probationary Officers/ Management Trainees conducted by IBPS in 2011 and have a valid Score card issued by IBPS & who meet the eligibility criteria  :
  •  Probationary Officers : 900 posts (SC-123, ST-139, OBC-222, UR-416) (PH-38), Pay Scale : Rs. 14500 - 25700, Age : 21-30 years as on 01/07/2012, Qualification : Graduation with 55% marks (50% for SC/ ST/ PWD candidates), Candidates should have valid IBPS Score in each test and/ in aggregate in the Common Written Examination conducted for Probationary Officers/ Management Trainees in 2011.

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Probationary Engineers BHARAT ELECTRONICS LIMITED (BEL) Last Date: 10/05/2012



Sarkari Naukri Damad India. Latest Upadted Indian Govt Jobs - http://sarkari-damad.blogspot.com
BHARAT ELECTRONICS LIMITED (BEL) 
(A Govt. of India Enterprise)

Recruitment of Probationary  Engineers  

Bharat Electronics Limited (BEL), a Navratana company and India’s premier professional electronics company requires Graduate Engineers as Probationary Engineers :
  • Probationary Engineers : 177 posts (Electronics-88, Mechanical-32, Computer Sc.-50) 
  • Probationary Officer : 07 posts in HR discipline


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        800 Posts Clerk Punjab & Sind Bank (PSB) Last Date : 18/05/2012


        Sarkari Naukri Damad India. Latest Upadted Indian Govt Jobs - http://sarkari-damad.blogspot.com
        Punjab & Sind Bank (PSB)
        (A Government of India undertaking)
        Head Office : “Bank House”, 21 Rajendra Place, New Delhi- 110125


        Recruitment of Single Window Operators –“A” (in Clerical Cadre) 2012-13

        Punjab & Sind Bank invites applications for Single Window Operators –“A” in Clerical cadre, from Indian citizens who have taken the Common Written Examination (CWE) for Clerical cadre conducted by IBPS in 2011 and have a valid Score card issued by IBPS  :
        •  Single Window Operators –“A” in Clerical cadre : 800 posts (SC-178, ST-32, OBC-178, UR-412) (PH-59, Ex.SM-78), Pay Scale : Rs. 7200-1930, Age : 18-28 years as on 01/08/2012

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        UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला कैंडिल मार्च


        UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला कैंडिल मार्च


        अंबेडकरनगर, टीईटी संघर्ष मोर्चा की जिला इकाई ने कैंडिल मार्च कर मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग शासन से की। कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को संपन्न बैठक में वक्ताओं ने गत दिनों लखनऊ में बसपा शासनकाल में शहीद साथियों को श्रद्धांजलि देते हुए ईश्वर से शक्ति प्रार्थना के माध्यम से मांगी। बैठक व कैंडिल मार्च में जिलाध्यक्ष अनिल वर्मा, देवेंद्र कुमार, सुरेंद्र यादव, विवेक वर्मा, देवेश, सुरेश यादव, शिवेंद्र विक्रम सिंह, शिवकुमार, आलोक पांडेय आदि शामिल थे। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष व संचालन सर्वेश यादव ने किया।

        न्यूज़ साभार : Jagran ( 24.4.12)
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        Blog Comments , Chat Box & Sharing Information

        Blog Comments , Chat Box & Sharing Information

        During comments it was observed, Many abusive comments,changing name comes on blog and to check them is tough on blog.
        For this purpose a filter is applied on blog - so that comments should visible after approval.

        But many of visitors wants fast updates / quick sharing of information.
        And for this a chat box is applied with spam/abusive prevention measures.

        Again it is observed people are using chat by changing name, using name of others and abusing others many times. And creates a lot of difficulty as some people are sick minded and don't care others.

        However facebook / gtalk (Google chat/talk using gmail IDs) are good option and can be a good substitute of this chat box. And considering this, Chat Box is removed.

        Important/useful comments shall be approved on this blog after moderation/approval.
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        Tuesday, April 24, 2012

        UPTET Morcha Meeting will be on 28th April as per news in print media

        UPTET Morcha Meeting will be on 28th April as per news in print media

        28 को अनशन की चेतावनी
        समस्त टीईटी अभ्यर्थियों का 28 अप्रैल 2012 को प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन लखनऊ विधान सभा पर विज्ञापन रद्द करने के संस्तुति के विरोध में किया जायेगा।

        (News : Sitapur , Amar Ujala )
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        बैठक में 28 अप्रैल को लखनऊ में होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल होने की शपथ ली गई। रविवार को शहीद स्मारक पर टीईटी संघर्ष मोर्चा, आगरा मंडल के अभ्यर्थियों की बैठक हुई
        (News : Amar ujala , Agra, 23.4.12)
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        25 April ko Sirf Zila Adhaksho ki meeting hona prastavit hai jisse vo aage ki renneeti bana sake kyuki hamare Urja/Shakti right way me ho isliye pre-planing ke sath is baar Lucknow chalege. Mai Sabhi Zila Adhaksho se appeal karna chahta hoo ko lucknow jaroor puche taki jo bhi news news paper me aa rehi hai us par baith kar bichar kar liya jai aur 3 week ka time bhi khatam hone wala hai us sambhand me bhe charcha hoge.
        Blog Editor Ji. Jo bhe bharam news mere name se aaye usko hata de isse bahut se log paresan ho jate hai aur vichoro me 1 roopta khatam ho jati hai. right or wrong to sabhi samjhte hai


        Sorry Visitors,
        I will not publish any info, until it is confirmed from News / OR some authenticated emails.

        vivekanad said...

        Friends, Mere Name se koi bhe koi bhe comment deta hai to use mera comment na mana jai mujhe jo bhe comment dena hoga mai apni ID se dooga, isse log bharmit ho jate hai aur mujhe jo ghoshna karna hoga mai apni I.D. se krooga.


        However my email ID is : muskan24by7@gmail.com
        Mr Nitin Mehta gave his email one time witn some document details.
        **************
        Always keep in touch with your leaders for updates and abide law.
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        RTET / Rajasthan Grade 3rd Teacher Recruitment : बीएडधारियों को शिक्षक भर्ती में मौका मिलने की संभावना खत्म!

        RTET / Rajasthan Grade 3rd Teacher Recruitment : बीएडधारियों को शिक्षक भर्ती में मौका मिलने की संभावना खत्म!
        पंचायतीराज और शिक्षा विभाग का फैसला, टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही नियुक्ति के पात्र होंगे

        जयपुर. राज्य में शिक्षक भर्ती में करीब 4 लाख बीएडधारियों को मौका मिलने की संभावना अब पूरी तरह से खत्म हो गई है। विभागीय स्तर पर अब तक इस बात की संभावना तलाशी जा रही थी किस प्रकार आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुछ दिन के लिए सिर्फ बीएडधारियों को मौका दिया जा सके। पंचायतीराज और शिक्षा विभाग ने मिलकर यह तय किया है कि परीक्षा में सिर्फ टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही नियुक्ति के पात्र होंगे। हालांकि कई छात्र इस मामले को लेकर पहले ही कोर्ट की शरण भी ले चुके हैं।
        आरटेट उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता के कारण प्रदेश में करीब 4 लाख बेरोजगार अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती से बाहर हो चुके हैं।लेकिन विभाग कानूनी पेचीदगियों का बारीकी से अध्ययन कर रहा था कि पहला मौका होने के कारण उन्हें किसी प्रकार मौका दिया जा सके। गौरतलब है कि पंचायती राज विभाग को 41 हजार शिक्षकों की भर्ती करनी है।
        बीएड, एमएड, बीएसटीसी योग्यताधारी ये युवा पिछले कई साल से इसका इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में आरटेट पिछले साल ही हुई थी। अगली परीक्षा से पहले यह भर्ती पूरी हो जाने से अब इन युवाओं को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
        बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की ओर से बजट घोषणा में की गई अगले दौर की 20 हजार भर्तियों से पहले हर हाल में आरटेट कराई जाएगी। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति के सदस्य संदीप कलवानिया का कहना है राज्य सरकार ने यदि भर्ती प्रक्रिया से वंचित डिग्रीधारी युवाओं को मौका नहीं दिया तो उनको सरकारी नौकरी की आस ही छोडऩी पड़ेगी। लंबी समयावधि में भर्तियां निकलने के कारण कई उम्र सीमा को पार कर अयोग्य हो जाएंगे।
        News : Bhaskar.com (24.4.12)
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        HTET / Haryana Teachers : 27 अप्रैल को प्रदर्शन करेंगे अध्यापक संघ के सदस्य

        HTET / Haryana Teachers  : 27 अप्रैल को प्रदर्शन करेंगे अध्यापक संघ के सदस्य

        यमुनानगर, जागरण संवाद केंद्र : मांगों को लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ 27 अप्रैल को जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन करेगा। यह जानकारी संघ के प्रांतीय मुख्य सलाहकार जरनैल सिंह सांगवान प्रचार सचिव महीपाल चमरोड़ी ने मंगलवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।

        महीपाल चमरोड़ी ने बताया कि 27 अप्रैल को अनुबंध आधार पर शिक्षकों की भर्ती के विरोध में तथा नियमित आधार पर व पूरा वेतन, भतों सहित शिक्षकों की भर्ती की जाए के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के सामने प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को ज्ञापन भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्कूलों में एजूसेट के माध्यम से क्वालिटी शिक्षा प्रदान करने के दावों को कंप्यूटर के माध्यम से शिक्षा, जिस पर लगभग 1500 करोड़ रुपये बर्बाद किए गए और अब सरकार ने बाल शिक्षा अधिकार कानून 2009 तो लागू करने की घोषणा कर दी है, लेकिन 40 हजार के लगभग शिक्षकों को भर्ती करने में जानबूझ कर ऐसे अड़ंगे डाले जा रहे हैं कि पूरे वेतन पर अध्यापक भर्ती ही न करने पड़े।

        इससे पहले भी सरकार ने पंचायती राज इंस्टीट्शन के तहत 6733 प्राथमिक अध्यापक फिक्स वेतन पर भर्ती किए थे, जो अब संघर्ष के बलबूते पर पक्के हो चुके हैं। पदोन्नति के हजारों पद वर्षो से खाली पड़े है, उनकी तरफ सरकार चुप्पी साधे है।

        News : Jagran ( 24.4.12)
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        RTET Rajasthan : टूट गई 20 हजार प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों की आस !


        RTET Rajasthan : टूट गई 20 हजार प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों की आस !
        Rajasthan Primary Teacher Transfer : Dreams Broken
        जयपुर.राज्य में एक से दूसरे जिले में तबादले की आस लगाए बैठे करीब 20 हजार प्राथमिक शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के कारण प्रदेशभर में जिलेवार रोस्टर गड़बड़ाने की आशंका को देखते हुए फिलहाल विभागीय स्तर पर यह फैसला किया गया। जिला बदलने के इच्छुक शिक्षकों को भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक इंतजार करना पड़ेगा। इन शिक्षकों के तबादले पंचायतीराज और शिक्षा विभाग की सहमति से होंगे। यदि मुख्यमंत्री स्तर कोई निर्णय होता है तो ऐसे शिक्षकों को राहत भी मिल सकती है।


        प्रदेश में करीब डेढ़ साल बाद तबादला प्रक्रिया शुरू होने पर सबसे ज्यादा खुश पंचायतीराज के वे शिक्षक थे, जो लंबे समय से एक से दूसरे जिले में जाने के इच्छुक हैं। इनमें करीब 15-17 हजार की संख्या प्रतिबंधित जिलों से निकलने की आस लगाए बैठे शिक्षकों की है। प्रतिबंधित जिलों में बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, डूंगरपुर, सिरोही, जालौर, झालावाड़, बांसवाड़ा शामिल हैं।

        विभाग के सामने बड़ी परेशानी इस बात की है कि यदि प्राथमिक शिक्षकों को एक से दूसरे जिलों में भेजना शुरू किया गया तो तृतीय श्रेणी भर्ती का पूरा रोस्टर गड़बड़ा जाएगा। विभाग के पास इन शिक्षकों के तबादलों की अर्जियां पहले ही आ चुकी हैं। बड़ी संख्या में शिक्षक अब नए सिरे से तबादला आवेदन की तैयारी भी कर रहे हैं। पंचायतीराज मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय का कहना है कि विभाग के लिए सबसे बड़ा काम तृतीय श्रेणी की भर्ती प्रक्रिया को समय पर पूरा करना है।

        एक जिले से दूसरे जिले के तबादले होने पर पूरा रोस्टर ही गड़बड़ा जाएगा और शिक्षकों का पूरा अनुपात बिगड़ जाएगा। मुख्यमंत्री स्तर पर कोई निर्देश दिए जाते हैं तो इसके अनुसार काम करेंगे। राजस्थान पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष मूलचंद गुर्जर ने मांग की कि तबादलों में राजनीतिक हस्तक्षेप खत्म होना चाहिए और तबादला नीति के आधार पर हों। गुर्जर ने एक जिले से अन्य जिलों में भी तबादला करने की मांग उठाई।

        प्राथमिक शिक्षक तबादलों में शिक्षा विभाग की भूमिका खत्म

        राज्य में अन्य विभागों के तबादलों के साथ ही प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। पंचायत समिति में ही स्कूल बदलने के इच्छुक शिक्षकों के आवेदनों पर पंचायत समिति की स्टैंडिंग कमेटी फैसला करेगी। मालवीय का कहना है कि 2 अक्टूबर 2010 के आदेश पूरी तरह प्रभावी हो गए हैं। अब शिक्षकों को संबंधित क्षेत्र में ही तबादलों के लिए आवेदन करना होगा। जयपुर में शिक्षकों का जमावड़ा भी अब काफी कम हो जाएगा।

        कैसे करें तबादलों के लिए आवेदन

        प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों की आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शिक्षक अपने इच्छित स्थान पर तबादलों के लिए पंचायत समिति, जिला परिषद में आवेदन कर सकेंगे। अब प्रधान और जिला प्रमुख की भूमिका भी अहम हो जाएगी। हालांकि स्टैंडिंग कमेटी के निर्णय से ही तबादले होंगे। शिक्षा विभाग के तबादलों पर शिक्षामंत्री बृजकिशोर शर्मा का कहना है कि सैकंड ग्रेड और इससे ऊपर के तबादले शिक्षा विभाग करेगा। विभाग स्तर पर तबादलों के लिए निर्देश भी जारी होंगे।

        News : Bhaskar.com (24.4.12)
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        HTET Haryana : 25 हजार शिक्षकों की भर्ती जल्द


        HTET Haryana : 25 हजार शिक्षकों की भर्ती जल्द

        चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा 25 हजार अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रारूप तैयार कर शिक्षक भर्ती बोर्ड को भेज दिया गया है। बोर्ड जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। शिक्षा विभाग में 15 हजार अध्यापकों की भर्ती स्कूल शिक्षा के लिए और दस हजार अध्यापकों की भर्ती मौलिक शिक्षा के लिए नियमित आधार पर की जाएगी। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से योजनागत और गैर योजनागत मद के तहत चालू वित्त वर्ष में 8245.58 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जो वर्ष 2011-12 से 1369.59 करोड़ अधिक है। स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून के तहत हरियाणा राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपल्सरी रूल्स 2011 की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। प्रदेश में राइट टू एजूकेशन के सभी पहलुओं को केंद्र सरकार के निर्देशानुसार लागू किया जाएगा। सरों ने बताया कि प्रदेश में गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों को बेहतर दर्जे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। झज्जर जिले के सिलानी केसो गांव में राष्ट्रीय स्तर का टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोला जाएगा। विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू भी कर दिया गया है। स्कूलों के प्राचार्यो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा शैक्षणिक रूप से पिछड़े 36 खंडों में आरोही स्कूल खोले गए हैं। इसके साथ-साथ प्रदेश के प्रत्येक शैक्षणिक खंड में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भी स्थापित हो चुके हैं। 9 खंडों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शुरू हो चुके हैं और 27 खंडों में चालू वित्तवर्ष के दौरान शुरू हो जाएंगे। चालू वित्तवर्ष के दौरान प्रथम चरण में यमुनानगर, करनाल, जींद, झज्जर और रोहतक में 15 आदर्श विद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव है
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        Haryana / HTET : अनुबंध आधार पर ही होगी शिक्षक भर्ती

        Haryana / HTET : अनुबंध आधार पर ही होगी शिक्षक भर्ती


        चंडीगढ़, 23 अप्रैल। हरियाणा के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती करने को लेकर प्रदेश सरकार कोई दिशा तय नहीं कर पा रही है। सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि उसे करना क्या है। कभी नियमित भर्ती की बात करती है तो कभी कांट्रेक्ट (अनुबंध) आधार पर शिक्षक रखने का फैसला लिया जाता है। हरियाणा में शिक्षा विभाग द्वारा संशोधित किए गए सेवा नियमों ने एक बार फिर से सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश में 25 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की तैयारी में सरकार जुटी है किंतु यह भर्ती अनुबंध आधार पर होगी।
        सरकार अगर इसी तरह से बार-बार नियम बदलती रही तो आने आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों में तस्वीर कुछ बदली-बदली सी नजर आ सकती है। चूंकि अभी कुछ ऐसे नियम हैं, जो अधिसूचित किए जाने हैं और कुछ अधिसूचित किए जा चुके हैं। जो नियम अधिसूचित किए जा चुके हैं, उन्हें एक बारगी देखने से तो ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों में तीन तरह के शिक्षक मौजूद होंगे। एक वो जो पूर्णतया स्थाई हैं और उन्हें तमाम तरह की सुविधाएं सरकार से मिल रही हैं। दूसरे वो जो गेस्ट टीचर के नाम पर जाने जाते हैं और उन्हें एकमुश्त वेतन दिया जाता है। उनकी संख्या प्रदेशभर में लगभग 15000 के आसपास हैं। तीसरे वो अध्यापक हैं, जो पांच साल के अनियमित आधार पर बेसिक पे + ग्रेड पे व साल दर साल वेतनवृद्धि पर लगाए जाएंगे और हर साल उनका मूल्यांकन होगा। इस सबके बावजूद देखने में यह भी आ सकता है कि आज अलग-अलग मोर्चे पर लड़ रहे गेस्ट टीचर व पात्र अध्यापक शायद एक ही मंच पर आ जाएं।

        खैर, यह सब तो भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल हम चर्चा कर रहे हैं हाल ही में टीचर भर्ती के लिए बनाए गए नए नियमों की, जिनमें स्पष्ट लिखा है कि भर्ती ठेके पर होगी और 5 साल के लिए होगी, जिसमें प्रत्येक वर्ष भर्ती किए गए शिक्षक का मूल्यांकन होगा। यहां यह भी बता देना आवश्यक है कि हो सकता है कि कुछ अध्यापक को प्रथम वर्ष पूरा होने पर ही पैवेलियन लौटना पड़े और यह सिलसिला जारी रहे। परंतु फिर भी लगातार मूल्यांकन होगा और पांच साल मूल्यांकन करने के बाद अगर उक्त शिक्षकों को रखा गया तो अगला साल भी ‘प्रोबेशन पीरियड’ का होगा। उसके बाद तय होगा कि भर्ती किए गए शिक्षक रेगुलर आधार पर रखे जाने योग्य हैं या नहीं। गजब की बात तो यह है कि इस दौरान इन भर्ती किए गए शिक्षकों को बेसिक पे + ग्रेड पे ही मिलेगी व प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत की वेतन वृद्धि के अलावा अन्य कोई भी सुविधाएं नहीं दी जाएंगी। हां, बस छुट्टियां जरूर दस मिलेंगी और महिला शिक्षकों को ‘मेटरनिटी लीव’ भी मिलेगी। यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब सरकार को अनुबंध आधार पर ही शिक्षक नियुक्त करने थे तो फिर शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन करने की क्या जरूरत थी?
        कांट्रेक्ट पर पहले से है लफड़ा : यहां यह बता दें कि हरियाणा में पहले भी सरकार द्वारा पंद्रह हजार से अधिक गेस्ट टीचर कांट्रेक्ट पर लगाए हुए हैं। गेस्ट टीचरों का विवाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है। हाईकोर्ट तो इन शिक्षकों को तुरंत रिलीव करने के आदेश भी दे चुकी है किंतु सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश सरकार को थोड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को करीब एक वर्ष का समय देते हुए नियमित शिक्षकों की भर्ती करने के आदेश दिए हैं। उधर, हरियाणा पात्रता परीक्षा पास शिक्षक गेस्ट टीचरों को हटाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। ऐसे में अगर फिर से सरकार शिक्षकों की भर्ती कांट्रेक्ट पर ही करेगी तो भविष्य में उनको लेकर दिक्कत नहीं होगी, इसकी क्या गारंटी है।



        हरियाणा सरकार ने शिक्षा का मजाक बना दिया है। शिक्षा विभाग को एक प्रयोगशाला बनाया हुआ है। अनुबंध आधार पर तो शिक्षकों की भर्ती पहले भी की हुई है। ऐसा लगता है मानो सरकार शिक्षा विभाग का भी निजीकरण करना चाहती है।    
        -कृष्ण कुमार निर्माण, हरियाणा राजकीय विद्यालय संघ
        अनुबंध का जमाना तो बहुत पीछे जा चुका है। अब तो सरकार को चाहिए कि शिक्षा जैसी बुनियादी चीज, जहां बच्चों की प्रतिभा उभरती है वहां नियमित भर्ती हो। जिस शिक्षक को लगातार पांच-छह वर्ष तक अपने भविष्य की ङ्क्षचता सताएगी, वह पढ़ाई पर ध्यान कैसे दे पाएगा।
            -राजेंद्र शर्मा, अध्यक्ष, पात्र अध्यापक संघ
         शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा सरकार रोज नए-नए फार्मूले अपना रही है। प्राइमरी एजुकेशन का स्तर दिन-प्रतिदिन गिर रहा है। हालात यह है कि प्रदेश में तकनीकी शिक्षा की भी पचास प्रतिशत से अधिक सीटें रिक्त पड़ी हैं। यूनिवर्सिटी खोलने से शिक्षा का स्तर नहीं सुधरा करता। जरूरत तो इस बात की है कि मौजूदा व्यवस्था में ही सुधार किया जाए। सरकार के कुप्रबंधन की वजह से देश के कर्णधारों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
            -अजय सिंह चौटाला, इनेलो प्रधान महासचिव
        शिक्षा में सुधार के लिए हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है। शिक्षकों की भर्ती अनुबंध आधार पर जरूर हो रही है किंतु उन्हें सभी सुविधाएं मिलेंगी और भर्ती भी शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में भी शिक्षकों की भर्ती अनुबंध आधार पर ही की जा रही है। पांच वर्ष के अनुबंध के बाद शिक्षकों के काम को देखते हुए उन्हें नियमित कर दिया जाएगा। शिक्षकों की परफार्मेंस व गुणवत्ता बढ़ाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है।
            -गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा


        News : Denik Tribune / dainiktribuneonline.com (23.4.12)
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        UPTET / B. Ed / Vishist BTC : विशिष्ट बीटीसी व टीईटी ने कर दी बीएड की छुंट्टी


        UPTET / B. Ed / Vishist BTC : विशिष्ट बीटीसीटीईटी ने कर दी बीएड की छुंट्टी


        कानपुर, शिक्षा संवाददाता: अर्थशास्त्र के मुताबिक जिस वस्तु की मांग बढ़ती है, उसकी कीमत भी बढ़ती है। पिछले कुछ सालों तक बीएड में मांग व आपूर्ति का यही नियम लागू रहा तो ग्राफ आसमान पर था। लेकिन विशिष्ट बीटीसी पर रोक लगी और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) लागू हुई तो बीएड का ग्राफ कई पावदान नीचे खिसक गया। इस बार पौने दो लाख से अधिक अभ्यर्थी कम हो गये हैं। इससे निजी कालेजों की सांस फूली हुई है।

        विशिष्ट बीटीसी में मेरिट से सीधे चयन व छह माह प्रशिक्षण के बाद लगभग 28 हजार रुपये मासिक वेतन की नौकरी। हाईस्कूल से स्नातक तक प्राप्तांक प्रतिशत ठीक हो तो किसी तरह बीएड करके विशिष्ट बीटीसी का लाभ मिलना तय था। इसी माध्यम से करीब एक लाख शिक्षक शिक्षिकाओं की नियुक्तियां भी हुईं। ऐसे में बीएड का ग्राफ इतना चढ़ा कि हर साल कालेजों में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई और संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या साढ़े पांच लाख तक पहुंच गयी। प्रबंधन कोटे की सीटों पर सीधे प्रवेश के लिए सवा लाख से दो लाख रुपये तक के रेट खुलेकाउंसलिंग से प्रवेशित छात्रों से भी अतिरिक्त शुल्क वसूला गया पर बेहतर मेरिट पाने के चक्कर में वे खामोश रहे। विशिष्ट बीटीसी प्रक्रिया खत्म होते ही अभ्यर्थियों का बीएड के प्रति मोह बिखरने लगा। इसी सत्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने शिक्षक बनने के लिए पात्रता परीक्षा (टीईटी) लागू कर दी। अर्थात अब बीएड करने के बाद टीईटी नहीं तो बीएड बेकार। इस व्यवस्था से जुगाड़ करके बीएड में अच्छे अंक पाने वाले अभ्यर्थियों की सांस फूलने लगी। उन्हें टीईटी क्वालीफाई कर लेने का आत्मविश्वास नहीं था, इसलिए उन्होंने भी बीएड से मुंह मोड़ लिया। इधर शासन ने पिछले सत्र में निजी कालेजों के लिए बीटीसी के द्वार खोल दिये। चूंकि बीटीसी से तुरंत नौकरी मिलती है इसलिए तमाम छात्र-छात्राएं बीएड छोड़कर बीटीसी की ओर मुड़ गये

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        बीएड का ग्राफ

        बीते सत्र में कालेज : 980

        बीते सत्र में सीटें : 1.10 लाख

        इस बार सीटें बढ़ीं : शून्य


        बीते सत्र में अभ्यर्थी : 5.26 लाख


        इस बार अभ्यर्थी : 3.49 लाख

        अभ्यर्थी घटे : 1.77 लाख

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        बीएड डिग्रीधारियों के लिए नौकरी के अवसर घटे हैं। पहले से ही लाखों बीएड बेरोजगार हैं। शुल्क भी कम नहीं है। इसीलिए बीएड अभ्यर्थियों की संख्या कम हो रही है।


        - प्रो. अशोक कुमार, कुलपति सीएसजेएम

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        निजी बीटीसी खुलने, टीईटी लागू होने तथा विशिष्ट बीटीसी पर रोक के चलते बीएड के प्रति मोह घटा है। पहले अच्छी मेरिट वाले सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड से इंटर कर अंग्रेजी माध्यम से स्नातक बड़ी संख्या में बीएड की ओर आये थे, लेकिन अब वे पीछे हट गये हैं


        - विनय त्रिवेदी, अध्यक्ष उप्र. स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन



        News : Jagran ( 23.4.12)
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        Monday, April 23, 2012

        UPTET : टीईटी अभ्यार्थियों का अल्टीमेटम , विज्ञापन रद हुआ तो करेंगे प्रदेश स्तरीय आंदोलन

        UPTET : टीईटी अभ्यार्थियों का अल्टीमेटम , विज्ञापन रद हुआ तो करेंगे प्रदेश स्तरीय आंदोलन


        उन्नाव। यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अतुल तिवारी ने कहाकि प्रदेश सरकार नकल तंत्र को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। विज्ञापन रद्द होने की स्थिति में उन्होंने प्रदेश स्तरीय आंदोलन करने की चेतावनी दी।
        रविवार को निराला उद्यान में हुई बैठक में टीईटी अभ्यार्थियों ने शासन के रवैये पर गहरी नाराजगी जताई। बैठक को संबोधित करते हुए निजाम अहमद ने कहा कि लोकसभा और निकाय चुनाव में टीईटी अभ्यर्थी प्रदेश सरकार की लापरवाही की पोल खोलेंगे। किरन सिंह ने कहा कि 72825 सहायक शिक्षकों की नियुक्तियां टीईटी की मेरिट से ही होनी चाहिए, शैक्षणिक आधार पर नियुक्तियां होने से नकलतंत्र को बढ़ावा मिलेगा। सीता सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार टीईटी को नजरंदाज कर प्रदेश के नकल माफियाओं को और बढ़ावा देने का काम करेगी। संरक्षक अमित त्रिपाठी, देवेंद्र सिंह, राकेश शुक्ला, रचना, अनूप श्रीवास्तव समेत अन्य वक्ताओं ने भी बैठक को संबोधित किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी मौजूद थे।


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        UPTET :  ...तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे अभ्यर्थी


        बिजनौर। टीईटी एसोसिएशन की ओर से नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन निरस्त करने की संस्तुति पर रोष जताया गया। अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का फैसला अभ्यर्थियों के हित में नहीं आने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। रविवार को अभ्यर्थियों ने धरना भी दिया।
        टाउन हॉल पार्क में अभ्यर्थियों की बैठक हुई। अभ्यर्थियों ने शासन की ओर से विज्ञापन निरस्त करने की संस्तुति की निंदा की। एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञापन निरस्त करके अभ्यर्थियों के साथ घोखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यसचिव की रिपोर्ट 25 अप्रैल को हाईकोर्ट में जमा की जाएगी, जिसके बाद हाईकोर्ट फैसला सुनाएगी। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला अगर अभ्यर्थियों के खिलाफ आता है तो सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
        बैठक के बाद अभ्यर्थियों ने धरना भी दिया। इस दौरान नाहिद हुसैन, श्रेयस्कर गौड़, प्रयाग, रघुनेंद्र, शोभित, अनुराज, इदरीस, खुर्शीद, दर्शनपाल, अवनीश, राकेश, मुहम्मद यामीन, मुहम्मद साकिब आदि मौजूद रहे।
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        सरकार पर भड़के टीईटी अभ्यर्थी , कचहरी में फूंका मुख्य सचिव का पुतला, विज्ञापन निरस्त होने से गुस्सा

        प्रतापगढ़। यूपी सरकार के टीईटी विज्ञापन निरस्त करने पर अभ्यर्थियों ने रविवार को मुख्य सचिव का पुतला फूंका। सरकार ने हाईपावर कमेटी का गठन करके मुख्य सचिव जावेद उस्मानी को अध्यक्ष बनाया था। जांच के दौरान उस्मानी ने चयन प्रक्रिया में धांधली बताते हुए विज्ञापन को ही निरस्त करने का सुझाव दिया था।
        रविवार को विवेक सिंह के नेतृत्व में एकजुट हुए अभ्यर्थियों ने विज्ञापन निरस्त करने के लिए पूरी तरह मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराया। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि दो लाख साठ हजार बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । कचहरी में बैठक कर वक्ताओं ने कहा कि पांच अप्रैल को मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव से मिलकर टीईटी अभ्यर्थियों के साथ न्याय की मांग की गई थी। एकजुट अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला फूंका। इस मौके पर राघवेंद्र सिंह, नीरज, चंद्र प्रकाश, विपिन, महेश, संदीप, अनिल, अनूप तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।

        प्रतापगढ़। यूपी सरकार के टीईटी विज्ञापन निरस्त करने पर अभ्यर्थियों ने रविवार को मुख्य सचिव का पुतला फूंका। सरकार ने हाईपावर कमेटी का गठन करके मुख्य सचिव जावेद उस्मानी को अध्यक्ष बनाया था। जांच के दौरान उस्मानी ने चयन प्रक्रिया में धांधली बताते हुए विज्ञापन को ही निरस्त करने का सुझाव दिया था।
        रविवार को विवेक सिंह के नेतृत्व में एकजुट हुए अभ्यर्थियों ने विज्ञापन निरस्त करने के लिए पूरी तरह मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराया। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि दो लाख साठ हजार बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । कचहरी में बैठक कर वक्ताओं ने कहा कि पांच अप्रैल को मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव से मिलकर टीईटी अभ्यर्थियों के साथ न्याय की मांग की गई थी। एकजुट अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला फूंका। इस मौके पर राघवेंद्र सिंह, नीरज, चंद्र प्रकाश, विपिन, महेश, संदीप, अनिल, अनूप तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।


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        UPTET : भर्ती प्रक्रिया निरस्त न करने की लगाई गुहार , टीईटी मोर्चा ने भीख मांग किया विरोध

        •जल्द नियुक्ति कराने की गुहार लगाई
        •मांग पूरी नहीं की गई तो करेंगे आंदोलन
        Kusinagar

        पडरौना। टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा ने रविवार को बैठक की। इसमें पावर कमेटी द्वारा टीईटी भर्ती विज्ञापन को निरस्त करने की बनाई गई सहमति पर रोष प्रकट किया। नगर में भिक्षाटन करते हुए सरकार से मांग की कि उनकी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त न किया जाए, बल्कि जल्द ज्वाइनिंग कराई जाए।
        नगर स्थित जूनियर हाईस्कूल में हुई बैठक में टीईटी मेरिट के आधार पर ही नियुक्ति कराने की मांग की गई। प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया गया कि वह पक्षपात पूर्ण व्यवहार कर रही है। इसके साथ ही टीईटी उर्त्तीण लोगों ने भिक्षाटन किया गया। मोर्चा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र शुरू नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। बैठक में राहुल सिंह, रत्नेश, अखिलेश मिश्र, दिनेश यादव, राजेंद्र, महेश, राजेश, विनोद, इश्तेयाक, छोटेलाल आदि उपस्थित रहे।

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        टीईटी ः मुख्य सचिव का पुतला फूंका
        मेरठ। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला फूंका। चौ. चरण सिंह पार्क में आयोजित एक सभा में मोर्चा ने हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष जावेद उस्मानी (मुख्य सचिव) व बेसिक शिक्षा सचिव सुनील के बयानों व एकेडमिक द्वारा भर्ती की संस्तुति किए जाने की घोर निंदा की। मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे बयानों से आत्महत्याएं हुईं। नितिन मेहता, गौरव यादव, राजीव कुमार, चंद्रशेखर, पराग, योगेश, विनोद कुमार, सलाऊद्दीन सैफी, विकास कुमार, प्रवीण, खालिद उपस्थित रहे।
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        UPTET :  टीईटी : इंसाफ की दरकार , अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंका


        मुजफ्फरनगर। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने प्रदेश सरकार द्वारा विज्ञापन रद किए जाने पर बनी सहमति का विरोध किया है। अभ्यर्थियों का कहना था कि चयन नियमावली में परिवर्तन करना गलत है। विरोध में जांच समिति के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला भी जलाया गया।
        रविवार को टाउन हॉल में आयोजित अभ्यर्थियों की सभा में विज्ञापन रद किए जाने पर बनी सहमति का कड़ा विरोध किया गया। अभ्यर्थियों का कहना था कि अगर परीक्षा में धांधली नहीं पाई गई है तो पात्रता परीक्षा की मेरिट के आधार पर चयन किया जाना चाहिए। प्रवेंद्र मलिक, साकिद अली, कपिल शर्मा, मनोज कौशिक, सतेंद्र कुमार, रवि प्रकाश व सौरभ ने कहा कि प्रदेश सरकार से ऐसी उम्मीद नहीं थी।
        अभ्यर्थियों ने इसके बाद टीईटी जांच समिति के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला फूंका। चेतावनी दी गई कि यदि प्रदेश सरकार ने न्याय नहीं किया तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। नीरज कुमार, प्रवीण गोयल, संजीव, नदीम, सुधीर, पंकज, रश्मि, कुसुमलता, देवदत्त, नवनीत, मेहरुन्निशां आदि उपस्थित रहे।
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        UPTET : एकेडमिक मेरिट से भर्ती पर होगा आंदोलन


        •टीईटी अभ्यर्थियों ने दी आंदोलन की चेतावनी
        •चयन नियमावली में फेरबदल पर सवाल
        •प्रदेश सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई


        शामली। टीईटी पास अभ्यर्थियों ने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि जल्द उनकी भर्ती नहीं की गई तो वे आमरण अनशन करेंगे। साथ ही आरोप लगाया कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।
        टीईटी संघर्ष मोर्चा ने नरेंद्र सिंह मार्किट में हुई बैठक में कहा कि यदि प्रदेश सरकार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर नहीं करती हैं, तो अभ्यर्थी आंदोलन करेंगे। साथ ही अंदेशा जताया यदि शिक्षकों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर की गई तो भविष्य में यूपी बोर्ड के कॉलेजों में ताले लग जाएंगे। उन्होंने सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप भी लगाया। शिव कुमार ने कहा कि यदि शीघ्र ही टीईटी अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो सभी वे आमरण अनशन करेंगे। बैठक की अध्यक्षता प्रदीप शर्मा तथा संचालन रोहित ने किया। इस दौरान प्रवीण, अभिलाष, अरविंद, प्रवेश कुमार, आनंद, सुमित कुमार, सुभाष, अमित, सोनू, दीपक कुमार, सुधीर कुमार आदि उपस्थित रहे।

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        UPTET :  ‘भर्ती प्रक्रिया बदली तो आंदोलन होगा’

        सहारनपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा से जुड़े अभ्यर्थियों की रविवार को गांधी पार्क में हुई बैठक में शासन द्वारा तय की गई हाई पावर कमेटी की ओर से टीईटी के पूर्व विज्ञापन को निरस्त करने की संस्तुति पर गहरा रोष जताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने का मकसद ही यही था कि बोर्ड परीक्षाओं वाली अंकों की मेरिट के चक्कर में किसी के साथ कोई अन्याय हो, मगर अब इसी व्यवस्था को फिर से लागू करने की तैयारी की जा रही है।
        मोर्चा के जिला महामंत्री प्रदीप कुमार पौडवाल ने कहा कि टीईटी में एक ही प्रारूप में सबके लिए परीक्षा हुई और उसके परिणाम के आधार पर बनने वाली मेरिट से चयन सबके लिए न्यायोचित होता, मगर अब पुरानी विशिष्ट बीटीसी की तर्ज पर प्रारूप की तैयारी से सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड वाले अभ्यर्थियों को ही अधिक फायदा मिलेगा, क्योंकि बोर्ड एग्जाम में इनके अंकों की मेरिट 80 से 90 तक की होती है जबकि यूपी बोर्ड में काबिल से काबिल अभ्यर्थी भी यहां तक नहीं पहुंच पाते।
        उन्होंने चेतावनी दी कि अपने हक के लिए उन्हें हाईकोर्ट तक भी लड़ाई लड़नी पड़ी तो वे पीछे नहीं हटेंगे। यह टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों के भविष्य का मामला है। कहा कि यदि टीईटी के पूर्व के विज्ञापन के आधार पर भर्ती नहीं की जाती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान शराफत अली, रवींद्र राठौर, पंकज किशोर, रवींद्र, मनोज गुर्जर, अंकित शर्मा, सोमवीर गुर्जर और ईसम सिंह आदि मौजूद रहे।
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        UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक 24 को
        गाजीपुर। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रेलवे स्टेशन स्थित शिव मंदिर परिसर में 24 अप्रैल को 10 बजे से होगी। यह जानकारी देते हुए राधेश्याम कुशवाहा ने बताया कि इसमें टीईटी नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में विचार विमर्श किया जाएगा।
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        UPTET : संघर्ष मोर्चे की बैठक कल

        फतेहपुर। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा जिला इकाई की बैठक में चौबीस अप्रैल को नहर कालोनी परिसर में आयोजित की जाएगी। यह जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने बताया टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भारी संख्या में बैठक में पहुंचने का आवाहन किया।
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        UPTET : टीईटी परीक्षा रद्द तो होगा आंदोलन

        अलीगढ़। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को इस समय परीक्षा के रद्द होने का भय का सता रहा है। अभ्यर्थियों ने ऐलान किया है कि यदि टीईटी मेरिट पर नियुक्ति नहीं हुई तो वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसी मामले को लेकर रविवार को मालवीय पुस्तकालय में उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता अमित दुबे ने की व संचालन संजय सिंह ने किया। प्रदेश अध्यक्ष प्रवीन सक्सेना, सुधीर कुमार, कौशल राघव, भीकम सिंह, कंछी सिंह, देवेंद्र आदि उपस्थित थे।

        News : Amar Ujala (23.4.12)
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        UPTET : टीईटी पास छात्रों ने भरी आंदोलन की हुंकार

        UPTET : टीईटी पास छात्रों ने भरी आंदोलन की हुंकार


        टीइटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में आरपार की लड़ाई का एलान।
        •मुख्य सचिव का पुतला फूंका, 28 को अनशन की चेतावनी


        कानपुर। परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों की भर्ती में टीईटी को आधार न बनाये जाने के विरोध में टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन की हुंकार भरी। साकेत पार्क में रविवार को धरना-प्रदर्शन के बाद मुख्य सचिव का पुतला फूंका। तय हुआ कि यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो 28 अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन किया जाएगा।

        धरने की अध्यक्षता करते हुये दिनेश पाठक और रत्नेश पाल ने कहा कि 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से टीईटी उत्तीर्ण प्रतिनिधिमंडल ने भेंटकर शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट लिस्ट के आधार पर करवाने की मांग की थी। जिस पर सीएम ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय हाई पावर कमेटी का गठन किया था। कमेटी को तीन सप्ताह में निर्णय देने को कहा था। उन्होंने कहा कि कमेटी ने रिपोर्ट में शिक्षकों की भर्ती में टीईटी के स्थान पर मेरिट से भर्ती प्रक्रिया करने की बात कही है। जिसका विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश के टीईटी उत्तीर्ण 28 अप्रैल को लखनऊ में मांगे पूरी होने तक अनशन करेंगे। इस दौरान जुलूस निकालकर नंदलाल चौराहे पर मुख्य सचिव का पुतला भी फूंका गया। विजय सिंह तोमर, सर्वेश राठौर, प्रवीन सचान, अमित सोनी, अभिरुचि, क्षमा त्रिपाठी, श्रद्धा त्रिपाठी, हरेन्द्र आदि मौजूद रहे।

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        UPTET : टीईटी अभ्यर्थी 28 को लखनऊ में करेंगे प्रदर्शन

        •लोहार बाग पार्क में बैठक कर बनाई रणनीति
        •72825 शिक्षकों की भर्ती शीघ्र कराने की मांग 
        सीतापुर। रविवार को लोहार बाग स्थित नेहरू पार्क में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक सुनील कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। सुनील कुमार ने कहा कि मूल विज्ञापन से कोई भी छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 72825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी की मेरिट के आधार पर शीघ्र करायी जाय।
        इस अवसर पर विवेक मिश्र ने कहा कि मुख्य सचिव द्वारा प्रदत्त आख्या अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के उद्देश्यों के विपरीत मालूम पड़ती है। जिससे आगामी 1 जुलाई 2012 को संविधान द्वारा अनुच्छेद 21 ए का अनुपालन होना संभव नहीं है। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि समस्त टीईटी अभ्यर्थियों का 28 अप्रैल 2012 को प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन लखनऊ विधान सभा पर विज्ञापन रद्द करने के संस्तुति के विरोध में किया जायेगा।
        अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो टीईटी पास अभ्यर्थी आंदोलन करने पर मजबूर होगे। इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। बैठक में रमेश यादव, दिलीप श्रीवास्तव, सुशील तिवारी, प्राची यादव, काव्य शर्मा, सर्वोत्तम कुमार, डाली मिश्रा, मुरलीधर, विनीत त्रिपाठी, नवीन कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
        लोहार बाग पार्क में बैठक करते टीईटी प्रशिक्षु।

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        UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला बाइक जुलूस

        •कहा, प्राथमिक शिक्षा को टीईटी पास की नियुक्ति जरूरी
        Varanasi Mau :
        मधुबन। टीईटी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को मोटरसाइकिल जुलूस निकाला। जुलूस कस्बा का चक्रमण करता हुआ शहीद स्मारक पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया।

        इस मौके पर राजीव यादव ने कहा कि सरकार को प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए टीईटी प्रक्रिया में चयनित अभ्यर्थियों को ही नियुक्त करना चाहिए। जब योग्य कुशल अध्यापक रहेेंगे तो शिक्षा का स्तर बढे़गा। सरकार बदलती है नियम बदलते हैं लेकिन अभ्यर्थियों का क्या कसूर होता है। उन्होंने कहा कि सरकार 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रही है, उसमें टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का चयन किया जाए। उन्होंने कहा कि मांगें न माने जाने की स्थिति में आंदोलन को तेज किया जाएगा। उन्होंने 24 अप्रैल को लखनऊ कूच करने के लिए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का आह्वान किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सत्येंद्र, सुरेश, राजकुमार, सतीश, चंदन, मोहम्मद मोबीन, जयराम, अमरेश, दिनेश, रामप्रवेश, मुनीर, जफर अंसारी, रमेश, उमेश, पंकज, राजेंद्र, इम्तियाज, अफजल, शाहिद आदि उपस्थित रहे।
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        UPTET : टीईटी परीक्षा रद्द तो होगा आंदोलन

        अलीगढ़। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को इस समय परीक्षा के रद्द होने का भय का सता रहा है। अभ्यर्थियों ने ऐलान किया है कि यदि टीईटी मेरिट पर नियुक्ति नहीं हुई तो वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसी मामले को लेकर रविवार को मालवीय पुस्तकालय में उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता अमित दुबे ने की व संचालन संजय सिंह ने किया। प्रदेश अध्यक्ष प्रवीन सक्सेना, सुधीर कुमार, कौशल राघव, भीकम सिंह, कंछी सिंह, देवेंद्र आदि उपस्थित थे।
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        UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों का पावर कमेटी के बयान पर ऐतराज

        लखीमपुर खीरी (रिपोर्टर)। टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष देवेश चंद्र त्रिवेदी ने कहा कि वे पावर कमेटी के बयान का विरोध करते हैं, जिसमें रोजगार के अवसर छीनने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि एकेडेमिक मेरिट को चयन का आधार बनाने का पुरजोर विरोध करते हैं।
        नसीरुद्दीन मेमोरियल परिसर में टीईटी महासंघ ने बैठक कर रणनीति बनाई। सरकार के रवैये से खिन्न टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने एकेडेमिक मेरिट चयन को नकारते हुए यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रमों में अंकों के वितरण में भिन्नता का हवाला दिया। आवेदन के आधार पर चर्चा हुई कि नियुक्तियां टीईटी के अंकों के अवरोही क्रम में हों। अन्यथा आंदोलन को विवश होना पड़ेगा।
        बैठक में उपाध्यक्ष दीपक गुप्ता, रवि शुक्ला, बूटा सिंह, आलम, पंकज राय, रामजी वर्मा, विजय आदि उपस्थित रहे।
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        टीईटी धारकों की बैठक आज
        शाहजहांपुर। यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक कल 23 अप्रैल को प्रात: 10 बजे जिला कार्यालय न्यू वे इंग्लिश क्लासेस पर होगी।
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        UPTET : मुख्य सचिव का पुतला फूंका
        •पावर कमेटी के निर्णय से नाराज हैं टीईटी बेरोजगार

        बस्ती। टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने रविवार को कटेश्वर पार्क में बैठक कर हाई पावर कमेटी के निर्णय को अनैतिक करार दिया। नाराज टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव का पुतला भी फूंका।
        जिलाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों का प्रतिनिधि मंडल मिला था। प्रतिनिधि मंडल को सीएम ने उचित र्कारवाई का आश्वासन दिया। इसके लिए सीएम स्तर से मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में कमेटी गठित हुई। कमेटी ने भ्रामक रिपोर्ट तैयार की। इसका टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार जमकर विरोध कर रहे हैं। कहा कि युवा मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों को अब भी उम्मीदें हैं। विनय पांडे ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के सकारात्मक आश्वासन को तोड़ा जाता है तो अगले सप्ताह में फिर लखनऊ में जनांदोलन छेड़ा जाएगा। बैठक के बाद टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने मुख्य सचिव का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। इस दौरान आनंद कुमार, अवनीश त्रिपाठी, महावीर यादव, विमलेश चंद्र, संजय गौड़, गौरव यादव, शेषमणि, अनुराग द्विवेदी, परवीन, चंद्रमणि पांडे, अनूप कुमार सिंह, नीरज श्रीवास्तव, राम प्रसाद यादव, कृष्णकांत मिश्र, मुकुल, उमेश, नजमा खातून, दिलीप कुमार श्रीवास्तव, उदय आदि रहे। 

        News : Amar Ujala (23.4.12) 
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        UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन

        UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन


        लखनऊ। टीईटी अभ्यर्थियों ने रविवार को मेरिट के आधार पर चयन की मांग को लेकर जीपीओ में गांधी प्रतिमा के सामने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों की मांग थी कि प्रदेश सरकार यूपी टीईटी भर्ती प्रक्रिया के विज्ञापन को निरस्त करने की संस्तुति को न माने और टीईटी अभ्यर्थियों पर अन्याय होने से रोके। अभ्यर्थियों प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग न पूरी हुई तो वह 28 अप्रैल को लखनऊ में बड़ा आंदोलन करेेेंगे।
        उधर, युवा स्नातक बेरोजगार वेलफेयर एसोसिएशन ने शक्ति नगर में बैठक कर प्रदेश सरकार से मांग की है कि जाति धर्म से ऊपर उठकर निर्णय ले ताकि सभी युवा बेरोजगारों के हाथ मजबूत हों। संगठन के अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि सभी बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा कर सरकार बनाने वाली सपा की सरकार को अपना वादा पूरा करना होगा।


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        UPTET Bulandsehar : टीईटी उत्तीर्ण युवाओं का प्रदर्शन

        UPTET Bulandsehar : टीईटी उत्तीर्ण युवाओं का प्रदर्शन

        बुलंदशहर। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग करते हुए टीईटी उत्तीर्ण युवकों ने रविवार को राजे बाबू पार्क में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अब इंतजार की हद हो गई। शिक्षकों की भर्ती नहीं की तो वह सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

        टीईटी उत्तीर्ण मोर्चा के नेतृत्व में सुबह 11 बजे राजे बाबू पार्क में अभ्यर्थी पहुंचे। मोर्चा के रामवीर शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में प्रतिभावान छात्रों की कदर नहीं है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया काफी समय से लंबित है। इस कारण टीईटी परीक्षा पास करने वाले निराश है। अन्य छात्र संगठनों ने भी उनका समर्थन किया। शिक्षा सुधार समिति के संरक्षक लक्ष्मी राज सिंह ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी चल रही है। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द शिक्षकों की भर्ती कर शिक्षा स्तर में सुधार करना चाहिए। छात्र नेता अमर पाल लोधी ने कहा कि वह टीईटी उत्तीर्ण युवकों के साथ हैं, सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती तो आंदोलन शुरू होगा। प्रदर्शन में अरविंद शर्मा, देवेंद्र सिंह, संजय सैनी, सत्यपाल, योगेंद्र, संतोष कुमार संजीव कुमार, अवनेश कुुमार, नरेश कुमार, मनोज कुमार, लक्ष्मी चंद, प्रेमपाल आदि रहे

        News : Amar Ujala (23.4.12)
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        UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा की  बैठक हुई

        चित्रकूट। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की संभावना पर आक्रोश व्यक्त किया गया। जिलाध्यक्ष श्यामलाल ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। उपाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह ने दावा किया कि टीईटी मेरिट ही शिक्षक भर्ती का व्यवहारिक और न्यायसंगत मापदंड है। संगठन मंत्री प्रदीप तिवारी, ने मांग की कि आवश्यकता के अनुसार शिक्षकों की भर्ती की जाए। बताया गया कि 26 अप्रैल को कचहरी परिसर में बैठक में टीईटी संघर्ष मोर्चा और मुख्यमंत्री के बीच होने वाली वार्ता के मुद्दे तय किए जाएंगे।


        News : Amar Ujala (23.4.12)
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        UPTET Basti : मुख्य सचिव का पुतला फूंककर जताया विरोध

        बस्ती। टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने रविवार को कटेश्वर पार्क में बैठक कर हाई पावर कमेटी के निर्णय को अनैतिक करार दिया। नाराज टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का प्रतीकात्मक पुतला भी फूंका।
        जिलाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों का प्रतिनिधि मंडल मिला था। प्रतिनिधि मंडल को सीएम ने उचित र्कारवाई का आश्वासन दिया। इसके लिए सीएम स्तर से मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में कमेटी गठित हुई। कमेटी ने भ्रामक रिपोर्ट तैयार की। इसका टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार जमकर विरोध कर रहे हैं। कहा कि युवा मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों को अब भी उम्मीदें हैं। विनय पांडे ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के सकारात्मक आश्वासन को तोड़ा जाता है तो अगले सप्ताह में फिर लखनऊ में जनांदोलन छेड़ा जाएगा। बैठक के बाद टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने मुख्य सचिव का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। इस दौरान आनंद कुमार, अवनीश त्रिपाठी, महावीर यादव, विमलेश चंद्र, संजय गौड़, गौरव यादव, शेषमणि, अनुराग द्विवेदी, परवीन, चंद्रमणि पांडे, अनूप कुमार सिंह, नीरज श्रीवास्तव, राम प्रसाद यादव, कृष्णकांत मिश्र, मुकुल, उमेश, नजमा खातून, दिलीप कुमार श्रीवास्तव, उदय प्रताप, रवींद्र चौधरी आदि उपस्थित रहे।


        News : Amar Ujala (23.4.12)
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        UPTET : TET Candidates Heavily Upset over Javed Usmani Committee Report regarding UPTET-2011

        UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने मांगी इच्छा मृत्यु की आज्ञा

        आगरा। टीईटी पास अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया न होने पर एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को सामूहिक इच्छा मृत्यु की आज्ञा देने के लिए पत्र लिखा है। बैठक में 28 अप्रैल को लखनऊ में होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल होने की शपथ ली गई। 
        रविवार को शहीद स्मारक पर टीईटी संघर्ष मोर्चा, आगरा मंडल के अभ्यर्थियों की बैठक हुई बैठक में कहा गया कि टीईटी पास अभ्यर्थियों का चयन दिसंबर 2011 तक होना था, लेकिन प्रदेश सरकार की संवेदन शून्यता के कारण तीन लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा गया है कि आठ माह बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। शासन-प्रशासन कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। सभी भुखमरी की कगार पर है, ऐसे में अभ्यर्थियों के पास इच्छा मृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव को भी पत्र भेजा गया है। उन्होंने मांग की है कि टीईटी का राजनीतिकरण न करके समस्या का निदान करें। 
        बैठक में तय किया गया कि मंडल के टीईटी पास अभ्यर्थी 28 अप्रैल को लखनऊ में होने वाले धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। बैठक में उपस्थित सभी 60 छात्रों ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। बैठक में देवेश द्विवेदी, विवेक समाधिया, कौशल जसवानी, सतेंद्र शर्मा व रोहित आदि उपस्थित रहे।


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        मुख्य सचिव का पुतला फूंककर जताया विरोध

        बस्ती। टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने रविवार को कटेश्वर पार्क में बैठक कर हाई पावर कमेटी के निर्णय को अनैतिक करार दिया। नाराज टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का प्रतीकात्मक पुतला भी फूंका।
        जिलाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों का प्रतिनिधि मंडल मिला था। प्रतिनिधि मंडल को सीएम ने उचित र्कारवाई का आश्वासन दिया। इसके लिए सीएम स्तर से मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में कमेटी गठित हुई। कमेटी ने भ्रामक रिपोर्ट तैयार की। इसका टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार जमकर विरोध कर रहे हैं। कहा कि युवा मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों को अब भी उम्मीदें हैं। विनय पांडे ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के सकारात्मक आश्वासन को तोड़ा जाता है तो अगले सप्ताह में फिर लखनऊ में जनांदोलन छेड़ा जाएगा। बैठक के बाद टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने मुख्य सचिव का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। इस दौरान आनंद कुमार, अवनीश त्रिपाठी, महावीर यादव, विमलेश चंद्र, संजय गौड़, गौरव यादव, शेषमणि, अनुराग द्विवेदी, परवीन, चंद्रमणि पांडे, अनूप कुमार सिंह, नीरज श्रीवास्तव, राम प्रसाद यादव, कृष्णकांत मिश्र, मुकुल, उमेश, नजमा खातून, दिलीप कुमार श्रीवास्तव, उदय प्रताप, रवींद्र चौधरी आदि उपस्थित रहे।

        News : Amar Ujala (23.4.12)
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        UPTET Barabanki : भीख मांगकर किया टीईटी अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन

        बाराबंकी, शिक्षक पद पर भर्ती की मांग को लेकर टीईटी अभ्यर्थियों ने रविवार को सड़क पर भीख मांगकर व सफाई कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्राम्य विकास मंत्री को मांगपत्र सौंपा।
        टीईटी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक माध्यमिक शिक्षक की जिलाध्यक्ष नीता अवस्थी के आवास पर हुई। इसके बाद यहां से निकले अभ्यर्थियों ने नगर की मुख्य सड़क पर झाडू लेकर सफाई व भीख मांगकर विरोध प्रकट किया। अभ्यर्थी ग्राम्य विकास मंत्री स्वतंत्र प्रभार अरविंद कुमार सिंह गोप के आवास पर पहुंचे मांग पत्र सौंपा। मुकेश शर्मा ने कहा कि मेधावी छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर सत्तर हजार शिक्षकों की चयन प्रक्रिया के लिए पूर्व में निकाले गए विज्ञापन में शासन स्तर पर जो निर्णय लिया गया है वहीं सर्वोपरि है। चयन का आधार टीईटी की मैरिट को निरस्त न कर नियुक्ति की जाए। प्रदर्शन करने वालों में विनोद वर्मा, उमाशंकर यादव, आशीष शुक्ला, जितेंद्र वर्मा, संदीप वर्मा, रजनीश वर्मा, यज्ञेश नारायन बैसवार, आलोक वर्मा, हरिहर, विशाल गुप्ता, नरेंद्र यादव, सरिता शुक्ला, वीरेश गुप्ता, विजय तिवारी, धीरज कुमार, संदीप कुमार यादव, रीना वर्मा, उमाशंकर यादव, विशाल गुप्ता सहित कई लोग शामिल रहे। प्रदर्शन के पश्चात नई कार्यकारिणी का गठन भी किया गया।

        News : Jagran (23.4.12)

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        UPTET Mahrajganj : टीईटी अभ्यर्थियों ने उठाई मांग

        महराजगंज: रविवार को सदर बीआरसी परिसर में टीईटी एकता संघर्ष मोर्चा के लोगों ने बैठक कर तैनाती की मांग उठाई। इन लोगों ने जावोद उस्मानी की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी के जांच रिपोर्ट की तारीफ करते हुए हर्ष व्यक्त किया और जल्द से जल्द तैनाती की बात कही।

        इस मौके पर जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि पूर्व में जारी विज्ञप्ति के अनुसार चयन का आधार टीईटी प्राप्तांक मेरिट था। चयन का आधार शैक्षिक मेरिट को बनाए जाने का कड़ा विरोध किया जाएगा। शासन स्तर तक इसके लिए आंदोलन किया जाएगा। जिला उपाध्यक्ष ब्रिजेश यादव ने कहा कि यदि राज्य सरकार शिक्षक चयन के आधार को शैक्षिक मेरिट के अनुसार करना चाहती है तो पहले यूपी बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा में हो रही अंधाधुन नकल पर नियंत्रण किया जाना चाहिए। उसके बाद शैक्षिक मेरिट के बारे में विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द हमारी तैनाती नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

        इस मौके पर राजकुमार, हरि प्रकाश, राकेश अग्रहरी, प्रिंस कुमार शुक्ला, रामनरेश, कमलेश, कैलाश, अंगद सिंह, संतोष, विनय, आनंद, मनोज, यशपाल, संतोष समेत तमाम लोग मौजूद रहे


        News : Jagran (23.4.12)
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        UPTET Badot : उस्मानी कमेटी के निर्णय पर भड़के टीईटी अभ्यर्थी


        बड़ौत (बागपत)। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में प्रमुख सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित हाईपावर कमेटी की संस्तुति के खिलाफ आक्रोश फैल गया है। अब अभ्यर्थियों ने इसके विरुद्ध कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखने का निर्णय लिया है।

        टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक रविवार को रेलवे स्टेशन पार्क में हुई। वक्ताओं ने शिक्षकों की भर्ती विज्ञापन रद करने संबंधी संस्तुति का विरोध जताया। टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि भर्ती की शुरुआत में आवेदन के दौरान जो नियम लागू किए गए थे, उन्हीं के अनुरूप भर्ती की जाए। इस प्वांइट को हाइकोर्ट में चेलेंज किया जाएगा। निर्णय लिया कि इस संबंध में हाइकोर्ट में पूर्व में चल रहे केस की मजबूत पैरवी की जाएगी और उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से इस संबंध में दिग्भ्रमित न होने की अपील की। बैठक में अर्चना, कर्मवीर सिंह, संदीप कुमार, अमित बसी, कपिल कुमार, दिनेश यादव, रामपाल आदि मौजूद थे।

        News : Jagran (23.4.12)
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        Sunday, April 22, 2012

        UPTET : टीईटी उत्तीर्ण ने समस्याओं पर किया विमर्श

        UPTET : टीईटी उत्तीर्ण ने समस्याओं पर किया विमर्श
        (UP Teacher Eligibility Test 2011 News )

        संतकबीर नगर:
        उत्तर प्रदेश टीईटी उ‌र्त्तीण अभ्यथियों की बैठक जूनियर हाईस्कूल खलीलाबाद में रविवार को हुई। इस दौरान समस्याओं पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। साथ ही टीईटी अभ्यर्थी संत कबीर अंगद चौरसिया तथा बुलन्दशहर के महेन्द्र सिंह के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया।

        अपने संबोधन में महामंत्री देवेन्द्र राय ने कहा कि मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट नकल माफियाओं के कूकृत्यों को बढ़ावा देने वाली है। उन्होंने ऐसा क्यों किया? स्पष्टीकरण करने की यह मोर्चा मांग करता है। न जाने किस स्वार्थ वश प्रदेश सरकार नौनिहालों के भविष्य को अकुशल हाथों में सौंपना चाह रही है। टीईटी मेरिट के आधार पर चयन को हाईकोर्ट ने उचित ठहराया है। उपाध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि चयन प्रक्रिया में नब्बे फीसदी कार्य हो चूका है। ऐसे में चयन का आधार बदलना न्यायोचित नही है। इस दौरान सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि चयन प्रक्रिया बदली गयी तो न्यायालय की शरण ली जायेगी।

        बैठक में एन.डी. त्रिपाठी, राजकुमार चौधरी, सतीश विश्वकर्मा, धर्मेन्द्र पाल, शाह आलम, मु.शालिब, ज्ञानप्रकाश द्विवेदी, ऋषिकेश मिश्र, रामजीवन, विद्या, पवन गुप्ता, योगेन्द्र कुमार, विपिन राज, कृष्ण कुमार, कमलेश यादव, रईसखान, अब्दुल्लाह अंसारी, मो.अशफाक, दिनेश मिश्र, अशोक गुप्ता, पंकज गौतम, संतोश सिंह, अलोक कुमार पाठक, रामधनी शर्मा, संदीप ओझा, सुनील पाण्डेय, जाकिर अली, शिवकुमार आदि मौजूद रहे।

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        टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला जागरुकता जुलूस

        मधुबन (मऊ) : टीईटी बेरोजगारों ने अपनी मांगों के समर्थन में स्थानीय बाजार में जागरुकता अभियान के तहत जुलूस निकालकर राजधानी चलने का आह्वान किया। टीईटी संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में राजीव यादव, सत्येन्द्र कुमार, सुरेश यादव, राजकुमार, चन्दन कुमार, मुनीर अहमद, जफर अंसारी सहित दर्जनों अभ्यर्थी मोटर साइकिल जुलूस से पूरे बाजार का भ्रमण किये।

        इसके पश्चात हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि आगामी 24 अप्रैल को टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी राजधानी कूच करेंगे। वहां सरकार से मांग करेंगे कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को तत्काल शुरु किया जाये। शिक्षक भर्ती में चयन का आधार टीईटी मेरिट को ही बनाया जाये तथा किसी भी दशा में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त न किया जाये। यदि ऐसा हुआ तो टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी सड़क पर उतरकर आन्दोलन चलाने का कार्य करेंगे



        News : Jagran ( 22.4.12)




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        युपीटीईटी-न उगलते बने,न निगलते बने


        युपीटीईटी-न उगलते बने,न निगलते बने
         ( Another Articles of Sh. Manoj Kumar Singh 'Mayank')
        Taken from - bhadas.blogspot.in
        युपीटीईटी-न उगलते बने,न निगलते बने

        महाभारत में एक श्लोक है –
        यस्म यस्म विषये राज्ञः,स्नातकं सीदति क्षुधा|
        अवृद्धिमेतितद्दराष्ट्रं,विन्दते सहराजकम्||

        अर्थात, हे राजन!जिन जिन राज्यों में स्नातक क्षुधा से पीड़ित होता है,उन उन राज्यों की वृद्धि रुक जाती है और वहाँ अराजकता फ़ैल जाती है|

        बुभुक्षितं किं न करोति पापं की तर्ज पर महाभारतकार ने राजा को चेतावनी देते हुए स्पष्ट रूप से यह निर्देशित किया है की योग्यतम को उसकी आजीविका से विरत करना,अराजकता को आमंत्रित करना है|

        यह तब की बात है,जब गिने चुने मेधावी छात्र ही स्नातक हो पाते थे और जब इस देश में प्रजा के व्यापक हित में अपने स्वार्थ की तिलांजलि देने वाले कर्मठ,नीतिनिपुण और धर्मग्य राजा हुआ करते थे|

        आज परिस्थितियां परिवर्तित हो चुकी हैं| किसी भी परीक्षा में ३२ प्रतिशत अंक पाने वाला विद्यार्थी अनुत्तीर्ण होता है और २९ प्रतिशत मत पाने वाला उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनता है|

        १ अरब जनता की आँखों के सामने पागलों की तरह गोलियाँ बरसाने वाला जेल में भी फाइव स्टार स्तर तक की सुविधाओं का लाभ उठाता है और जिसने अपने पूरे जीवन में एक चींटी भी नहीं मारी,वह नारी होने के वावजूद दुस्सह यंत्रणा भोगने को विवश है,क्योंकि वोट की राजनीति ने उसके माथे पर आतंकवादी होने का कलंक लगा दिया है|स्थितियां दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही हैं और हम कानून व्यवस्था के नाम पर निर्दोषों को दण्डित करने तथा दोषियों को बचाने के मिशन में तन्मयता के साथ जुटे हुए हैं|नक्सली आकाश से नहीं टपकते,जब राज्य के हाथों में स्थित दंड निरंकुश हो जाता है, तब मासूम भी अपने हांथो में आग उगलने वाली बन्दूक थामने को विवश हो जाता है|

        बात युपीटीईटी के सन्दर्भ में हो रही है
        |विगत १८ अप्रैल को, जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में टीईटी के सन्दर्भ में गठित हाई पावर कमेटी ने अपनी संस्तुति मुख्यमंत्री को प्रेषित कर दिया है|समाचार पत्रों के आलोक में यह तथ्य सामने आया है की युपीटीईटी परीक्षा की शुचिता पर कोई भी प्रश्नचिन्ह नहीं उठाया जा सकता अतः युपीटीईटी को भंग न करते हुए इसे अर्हताकारी परीक्षा के स्थान पर, पात्रताकारी परीक्षा बना दिया जाय|

        ध्यान देने योग्य बात है की अगले ही सत्र में यदि सहायक अध्यापकों की रिक्तियां तत्काल प्रभाव से नहीं भरी जाती हैं तो उत्तर प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान पूरी तरह से विफल होने के कगार पर खडा होगा|अतः पूर्व विज्ञापित नियम में संशोधन करना न सिर्फ इस प्रक्रिया को उलझा देना है वरन प्रदेश ही नहीं,देश को भी शिक्षा के मद में मिलने वाले आर्थिक सहायता पर संकट के बादल मडराने के प्रबल आसार है|

        हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा की इस देश को शिक्षित बनाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएं अपना अमूल्य योगदान देती हैं और यदि उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा विभाग में विज्ञापित नियुक्तियों के संदर्भ में वैधानिक खींचातानी और राजनैतिक हीलाहवाली का कोई भी मामला इन अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के संज्ञान में आता है तो देश को प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में मिलने वाली आर्थिक मदद रोकी जा सकती है|
        अभी भी इस देश में शिक्षा के मद में सकल घरेलु उत्पाद का महज ४.१ फीसदी ही व्यय किया जाता है और प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में तो यह १ प्रतिशत से भी कम होगा|ऐसी स्थिति में पूर्व विज्ञापित प्रक्रिया में छेड़छाड़ अभ्यर्थियों के मन में रोष का संचार करेगा और पूरे प्रदेश को अराजकता की स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है|

        युपीटीईटी के संदर्भ में प्रक्रिया में छेड़छाड़ करने के पीछे न तो कोई विधिक शक्ति है और न ही कोई नैतिक आधार,ऐसे में,अगर विज्ञप्ति निरस्त होती है तो इसका एकमात्र कारण राजनैतिक विद्वेष की भावना ही होनी चाहिए|
        यह कहना की अन्य राज्यों ने भी टीईटी को मात्र एक पात्रता परीक्षा ही रखा है और इसे अर्ह्ताकारी नहीं बनाया है तर्कशास्त्र के नियमों की घनघोर अवहेलना है|

        क्या माननीय जावेद उस्मानी जी यह बताने का कष्ट करेंगे की अन्य राज्यों में अथवा केन्द्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा में सकल रिक्तियों के सापेक्ष कितने प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं और उत्तर प्रदेश में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का संख्या बल कितना है?यह हास्यस्पद ही है की इतना बड़ा प्रशासनिक अधिकारी इतने छोटे तथ्य की उपेक्षा करता है और जिसने इतने छोटे तथ्य की उपेक्षा की हो उसे इतना महत्वपूर्ण दायित्व किस आधार पर प्रदान किया गया है?

        शायद अब अभ्यर्थियों को भी इस तथ्य का ज्ञान होने लगा है की सरकार हमारे पक्ष में नहीं है बल्कि यह कहना ज्यादा उचित रहेगा की सरकार प्राथमिक शिक्षा के ही पक्ष में नहीं है अन्यथा हमारे साईकिल वाले बाबा,पगड़ी वाले बाबा से प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति हेतु २०१५ तक का समय न मांगते|


        हद हो गयी है,अभ्यर्थी परीक्षा दे चुके हैं,अपने अंकपत्र सह प्रमाणपत्र ले चुके हैं, बैंक ड्राफ्ट बनवा चुके हैं,लंबी लम्बी पंक्तियों मंग लग कर अपने आवेदन भी जमा कर चुके हैं,प्रत्येक अभ्यर्थी के लगभग १० हजार रूपये खर्च हो चुके हैं और श्रीमान जी का कहना है की हम प्रक्रिया में बदलाव लायेंगे क्योंकि इससे पहले लोग हांथी पर चढते थे और आज हमने साईकिल का आविष्कार कर लिया है|

        संख्या में अति न्यून अकादमिक समर्थक भी सरकार के कंधे पर बन्दूक रखकर निशानेबाजी से नहीं चूक रहे है|

        भाई, कहा भी गया है – जब सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का?
        मुलायम आते ही नकल विरोधी अध्यादेश को रद्द कर देते हैं तो उनका पुत्तर आते ही टीईटी को रद्द क्यों न कर दे?
        वैसे भी अखिलेश ने अपने चुनावों में इस तरह की उद्घोषणा पहले ही कर चुकी है और परीक्षा में असफल अभ्यर्थी अखिलेश भैया के पाँव पूज ही रहे हैं, लिहाजा टीईटी को निरस्त होना ही चाहिए|

        साथ ही बलात्कार पीडिता को नौकरी देने संबंधी बयान पर भी तो अमल करना है|वैसे भी, समाजवादियों की सरकार बनने से पहले ही,शपथ ग्रहण से भी पहले उत्तर प्रदेश की जनता ने चुनाव परिणामों की घोषणा के महज एक सप्ताह के अंदर जिस तरह की अराजकता झेली है उसे देखकर यही लगता है की आने वाले समय में यह अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार होगी और कहीं ऐसा न हो की हिन्दुस्तान के राजनैतिक इतिहास में अखिलेश का शासन एक काले अध्याय के रूप में जाना जाय, फिलहाल संभावना तो यही है और उसके संकेत भी मिलने लगे हैं|

        अब अपने मूल विषय पर लौट चलते हैं,हमारे देश में बेसिक शिक्षा की प्रवृत्ति कैसी रही है और समय समय पर इस क्षेत्र में हमारे देश में किस प्रकार के परिवर्तन हुए है इन सब बातों का जानना बहुत ही जरूरी है|

        मुसलमानों के आने से पहले हमारे देश में बालक की प्राथमिक शिक्षा का प्रारम्भ माँ की गोद में होता था|
        यह वह समय था जब बालक को अक्षरारंभ के समय ग से गदहा नहीं, ग से गणेश पढाया जाता था|कहना न होगा की हमारे जीवन मूल्य आधुनिक मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं से इस कदर मेल खाते थे की उनमें विरोध की कहीं कोई गुंजाइश ही नहीं थी|हम पहले ही इस तथ्य से परिचित थे की शिक्षा का मूल उद्देश्य बालक के पूर्व ज्ञान में वृद्धि कर क्रमिक ढंग से बालक के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है|स्पष्ट है ग से गदहा वाला पूर्वज्ञान बालक को गदहा ही बना सकता है,सर्वशास्त्र विशारद गणेश कदापि नहीं|

        जब इस देश में मुसलमानों का आगमन हुआ तब सबसे अधिक चोट हमारे प्राथमिक शिक्षा पर ही पड़ी|मदरसों में दी जाने वाली दीनी तालीम बालक को आत्मकेंद्रित बनाती थी,यह उसके व्यक्तित्व में सहिष्णुता के स्थान पर धर्मान्धता का संचार करती थी|मुग़ल काल में दारा शिकोह के सत्प्रयासों से मकतबों में दीनी तालीम के साथ साथ बुनियादी तालीम देने की भी व्यवस्था की गयी, किन्तु यह व्यवस्था बहुत दिनों तक नहीं चली और अंग्रजों के आगमन के साथ हमारी शिक्षा व्यवस्था का जो बंटाधार हुआ, वह आज तक बदस्तूर जारी है|

        मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों के आलोक में यह बात जग जाहिर है की व्यक्ति के व्यक्तित्व में उसकी शैशवावस्था और उसका बाल्यकाल सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं|व्यवहारवाद कहता है की एक शिशु को एक कुशल चिकित्सक, एक कुशल अभियंता,एक कुशल अभिनेता,एक कुशल दार्शनिक इत्यादि किसी भी कौशल के लिए प्रारम्भ से ही प्रशिक्षित किया जा सकता है और उसके अंदर बचपन में डाले गए संस्कार इतने दृढ होते हैं की वे पचपन क्या,पचासी क्या, आजीवन पीछा नहीं छोड़ते|ठीक यही बात कुसंस्कारों के संदर्भ में भी सत्य है|यहाँ पर संस्कार देने वाले शिक्षकों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और अध्यापक शिक्षा की महत्ता का पता चलता है

        |२२ और २३ अक्टूबर १९३७ में वर्धा नामक स्थान पर डॉ जाकिर हुसैन की अध्यक्षता में तत्कालीन भारतीय राजनीती में अपनी प्रभुता स्थापित कर चुके गांधी ने भारतीय विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा का एक बेहतरीन माडल तैयार किया|आमतौर से इसे भारत में प्राथमिक शिक्षा की वर्धा योजना अथवा बुनियादी तालीम के नाम से जाना जाता है|आज भी इसे शिक्षा जगत में बालक केंद्रित शिक्षा का बेमिसाल उदाहरण समझा जाता है|

        वर्धा योजना में बालक की शिक्षा को लेकर जिन उच्च आदर्शों की कल्पना की गयी थी, उनकी प्राप्ति बुनियादी तालीम के लिए प्रशिक्षित अध्यापकों के अभाव में संभव ही नहीं थी|अतः शिक्षकों को बुनियादी तालीम के लिए प्रशिक्षित करने हेतु १ वर्षीय अल्पकालीन और २ वर्षीय दीर्घकालीन पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गयी|उस समय जबकि उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति गिने चुने ही मिलते थे, इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश की योग्यता हाई-स्कूल निर्धारित की गयी थी|


        चूँकि उस समय तक भारत स्वतंत्र नहीं हो पाया था, अतः यह योजना असफल रही और स्वतंत्रता के पश्चात विकास के मुद्दों पर लालफीताशाही,नौकरशाही हावी हो गयी, लिहाजा सर्व शिक्षा के उद्देश्यों को ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया|

        तब से अब तक प्राथमिक शिक्षा को लेकर एक से एक बेहतरीन माडल प्रस्तुत किये जाते रहें और कभी नौकरशाही तो कभी हमारे देश का माननीय वर्ग उन सभी माडलों को नकारता रहा|

        शिक्षा को लेकर न तो कभी केन्द्र सरकार गंभीर रही और न ही किसी राज्य ने ही इस संदर्भ में अपनी सक्रिय रूचि प्रदर्शित की|
        सभी ने तालीम को एक निहायत ही गैर जरूरी चीज समझा और अपने राजनैतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए, जानबूझ कर जनता को अशिक्षित रखा|
        शिक्षकों के चयन में कभी भी पारदर्शिता नहीं बरती गयी यहाँ तक की प्रोफेसर साहब का कुत्ता भी डाक्टरेट की डीग्री लेकर सड़कों पर खुलेआम घूमने लगा और जब अति हो गयी तब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को हस्तक्षेप करना पड़ा और शोध के क्षेत्र में भी पात्रता का निर्धारण करना पड़ा|


        यहाँ भी संपन्न वर्ग की ही सुनी गयी|
        पात्रता के निर्धारण में न्यूनतम ५० प्रतिशत (आरक्षित वर्ग हेतु) तथा ५५ प्रतिशत (सामान्य वर्ग हेतु) की बाध्यता के साथ अकादमिक उपलब्धियों को सर्वोपरी माना गया|


        समझ में नहीं आता की जब मनोविज्ञान पृथक पृथक कार्यों के लिए पृथक पृथक अभिरुचियों की बात करता है, तो प्रत्येक पदों के लिए पृथक पृथक चयन परीक्षाएं क्यों नहीं आयोजित की जाती?और जब इस तरह का कोई नवाचार हमारे सामने है तो कुत्सित राजनीति द्वारा राह को कंटकाकीर्ण करना किस तरह से जायज है?


        हमारे देश का संविधान पद और अवसर के समता की बात करती है और राजनीति वर्ग विशेष का तुष्टिकरण करती है|जब इससे आजिज आकर हमारे देश का कोई प्रतिभाशाली युवक आजीविका की खोज में दूसरे देशों का आश्रय ग्रहण करता है तो इसे प्रतिभा पलायन कहा जाता है|स्वतंत्रता के बाद से आज तक हम खोते ही आ रहे है और अगर यही नीति रही तो हम आगे भी खोते रहेंगे –

        निजामे मयकदा साकी बदलने की जरूरत है|
        हजारों हैं सफे ऐसी,न मय आई,न जाम आया||


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