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Wednesday, December 28, 2011

Voting for Jan Lok Pal Bill

Voting for Jan Lok Pal Bill (Voting on Lokpal Bill in Rajya Sabha Today)

Friends,
What you think about Jan Lok Pal Bill, Please give your Vote.

We will publish your views.
Questions are -
What you Think About - Jan Lokpal Bill ?
Answers -
(A) Group C Employee include in Lokpal Bill
(B) Prime Minister should include in Lokpal Bill
(C) Reservation (Aarakshan) implement in Lokpal Bill
(D) CBI Included in Lokpal Bill

Give your Vote here - http://team-anna-hazare-jan-lokpal-bill.blogspot.com/
OR Give your comments.
Anna Hazare Satrted his Anshan for STRONG JANLOKPAL BILL/ And Debate in Parliament Started today 

India is facing big problem of corruptions everywhere, many big scams like - 2G Scam, CWG Scam, Stamp Paper Telgi Scam, Hasan Ali Scam, And some Govt. employees having carores of money recently in news.
People wants strong Jan-Lokpal Bill to curb this corruption and matter is debated in Parilament/Voting on it .
What you feel, You can write it through Comments.

News (See what verious news papers are saying)  -

राज्यसभा में बिल पास कराना सरकार के लिए चुनौती?

नई दिल्ली। लोकसभा ने लोकपाल बिल को कुछ संशोधनों के साथ ध्वनिमत से पास कर दिया गया। आज इसपर राज्यसभा में बहस होनी है। राज्यसभा में पर्याप्त बहुमत न होने की वजह से सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

लोकपाल बिल के अलावा भ्रष्टाचार की शिकायत करने वालों को सुरक्षा देने के लिए बना व्हिसिल ब्लोअर बिल भी पास हो गया है।
आठ बार संसद की चौखट पर दम तोड़ने वाले लोकपाल बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल चुकी है। 22 दिसंबर को पेश किए गए बिल में सरकार कुछ तब्दीली को तैयार हो गई है। लोकसभा ने जिन संशोधनों के साथ लोकपाल बिल पारित किया है, उनके मुताबिक स्पीकर या सभापति को अब लोकपाल को कार्रवाई रिपोर्ट नहीं भेजनी होगी।
राज्यों को केंद्र की तर्ज पर लोकायुक्त नियुक्ति करने की पाबंदी नहीं होगी। सेना के सभी अंगों और कोस्टगार्ड को लोकपाल के दायरे से बाहर कर दिया गया है। पीएम के खिलाफ जांच के लिए लोकपाल के तीन चौथाई नहीं दो तिहाई सदस्यों की सहमति जरूरी होगी

लोकसभा में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि ये बिल दे बेस्ट नहीं है। हमलोगों ने लोकपाल के लिए बहुंत इंतजार किया है। ये बेस्ट नहीं है। ये अच्छा बिल है, बुरा नहीं है। बीजेपी ने बिल को बेहद कमजोर बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया। वहीं जब बिल पारित होने की नौबत आई तो आरजेडी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने वॉक आउट कर दिया। News : khabar.ibnlive.com (28.12.11)
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लोकपाल को नहीं मिला संवैधानिक दर्जा

नई दिल्‍ली: लोकसभा में लंबी बहस के बाद सरकार ने लोकपाल बिल तो पास करवा लिया लेकिन बिल को संवैधानिक दर्जा दिलाने में नाकाम रही है. सरकार के लिए यह बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है.

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिलाने चाहते थे, लेकिन सरकार ऐसा न कर सकी. लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने वाला संविधान संशोधन बिल गिर गया. बिल को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए सदन के दो तिहाई सदस्यों की सहमति जरूरी थी, जिसे सरकार हासिल नहीं कर पाई और उसे मुंह की खानी पड़ी.  अब बीजेपी ने सरकार से इस्‍तीफा देने की मांग की है.

ध्वनिमत से लोकपाल बिल तो लोकसभा से पास हो गया, लेकिन बिल को संवैधानिक दर्जा देने के लिए सरकार के 116वें संविधान संशोधन बिल पर वोटिंग हुई तो सनसनी मच गई. राहुल गांधी ने संवैधानिक दर्जे की सलाह दी थी, लेकिन उनकी भी हार हुई. हार के बाद राहुल गांधी हक्के-बक्के थे.

सरकार हार गई क्योंकि सरकार के पास दो तिहाई बहुमत ही नहीं सामान्य बहुमत भी नहीं था. सरकार के बिल के पक्ष में सिर्फ 247 वोट पड़े . वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद में लाइव टीवी प्रसारण देख रहे देश के सामने मान लिया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है.

प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'हमारे पास बिल को पास करवाने के लिए बहुमत नहीं था ये बात सब को पता थी.'

प्रणब मुखर्जी ने जो कहा उसका मतलब यह है कि देश पर राज करने वाली मनमोहन सिंह की सरकार बहुमत में नहीं है. प्रधानमंत्री अल्पमत वाली सरकार चला रहे हैं. 543 सदस्यों की लोकसभा में 272 सांसदों का सामान्य बहुमत होता है, लेकिन सरकार के पास 272 सांसद भी नहीं हैं. इसी आधार पर बीजेपी ने सरकार और मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगा है.

बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता यशवंत सिंह ने कहा, 'यह सरकार की बहुत बड़ी हार है. सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्‍तीफा दे देना चाहिए.'
News : star.newsbullet.in (28.12.11)
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लोकसभा में लोकपाल विधेयक पारित लेकिन नहीं मिला ‘संवैधानिक दर्जा’

संसद में लोकपाल पर दिनभर चली बहस के बाद आखिरकार संशोधनों सहित लोकपाल विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है.

लोकपाल विधेयक ध्वनिमत से लोकसभा में पारित हुआ.
लोकपाल विधेयक के बाद लोकसभा में संशोधनों सहित 'व्हिसलब्लोयर विधेयक' पर मतदान कराया गया और यह विधेयक भी लोकसभा में पारित हो गया. इसके बाद लोकसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई.
सदन में बहस के दौरान विपक्षी दलों सहित वामपंथी दलों की ओर से सरकारी लोकपाल बिल के मसौदे में कई संशोधन सुझाए गए. इन संशोधनों के तहत राज्यों के पास अब लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक 2011 लागू करने संबंधी स्वतंत्रता होगी. साथ ही सैन्यबलों और कोस्ट गार्ड को विधेयक के दायरे से बाहर रखा गया है.
हालांकि मतदान के बाद ज़्यादातर संशोधन खारिज हो गए. सुझाए गए संशोधनों के खारिज होने के विरोध में लोकपाल बिल पारित होने के बाद वामपंथी दलों, बीजू जनता दल और एआईएडीएमके ने सदन से वॉक-आउट कर दिया.

अनशन तोड़ने की अपील

मज़बूत लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे अन्ना हज़ारे का स्वाथ्य गिरता जा रहा है.
इस बीच मज़बूत लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे अन्ना हज़ारे का स्वाथ्य गिरता जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक खाली पेट होने के कारण दवाएं असर नहीं कर रही हैं और अन्ना को जल्द से जल्द कुछ खिलाए जाने की ज़रूरत है.
टीम अन्ना सहित महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज च्वहाण लगातार अन्ना हज़ारे से अनशन तोड़ने की अपील कर रहे हैं.
इससे पहले लोकपाल विधेयक पर बहस के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की नियत पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सरकार सुझावों के प्रति असंवेदनशील नहीं है.
उन्होंने कहा, ''सरकार सदन के बाहर से आने वाली माँगों के लिए भी असंवेदनशील नहीं है, हम उस पर विचार कर रहे हैं और जितना हो सकेगा हम उसे शामिल भी करेंगे. मगर हम इस प्रणाली को नष्ट नहीं होने देंगे. विधेयक इस संसद के पटल पर होना चाहिए न कि धरनों के ज़रिए मंच पर या सड़कों पर. कितना भी विरोध प्रदर्शन हो जब तक विधायिका संतुष्ट नहीं होगी वो विधेयक नहीं बनेगा. ये आपको तय करना होगा कि आपको क्या करना है.''
सरकार के लिए अब अगली चुनौती लोकपाल विधेयक को राज्यसभा में पारित कराना है. राज्यसभा में यूपीए के पास ज़रूरी बहुमत नहीं है और राज्यसभा में बिल पारित कराने के लिए सरकार को हर कीमत पर अन्य दलों का समर्थन चाहिए होगा.
राज्यसभा से इस विधेयक के पारित होने के बाद इसे कानून का रूप दिए जाने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ही यह विधेयक कानून का रूप ले सकेगा
News : bbc.co.uk (28.12.11)

सीबीआई पर सरकार का नियंत्रण खत्म कर उसे लोकपाल के नियंत्रण में सौंपने की टीम अन्ना की मांग नहीं मानी गई है। लोकसभा में पास होने के बाद बिल पर राज्यसभा में बहस होनी है। बिल में राज्यसभा में भी संशोधन किए जा सकते हैं। हालांकि इसकी गुंजाइश काफी कम है कि सरकार बिल में अब कोई संशोधन स्वीकार करेगी। राज्यसभा में कांग्रेस के 71 सांसद हैं यानि राज्यसभा में भी बिल पास कराने में सरकार को खासी मशक्कत करनी होगी।
पीएमओ राज्यमंत्री नारायण सामी ने कहा कि राज्यसभा में हमारे 71 सदस्य हैं। हम कोशिश कर रहे हैं। लोकपाल बिल के अलावा लोकसभा ने ब्हिसिल ब्लोअर बिल भी ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसमें भ्रष्टाचार की शिकायत करने वालों को सुरक्षा देने का प्रावधान है