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Tuesday, January 27, 2015

बजट में आने वाले हैं अच्छे दिन

बजट में आने वाले हैं अच्छे दिन

3 लाख रूपए तक नहीं लगेगा इनकम टैक्स, बजट में हो सकती है घोषणा

टैक्स फ्री हो सकती है तीन साल से ज्यादा की एफडी

नई दिल्ली। नए साल में सरकार एक और लोक-लुभावन तोहफा दे सकती है। वर्ष 2015-16 के बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी घोषणा हो सकती है। मोदी सरकार इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रूपए से बढ़ाकर 3 लाख रूपए कर सकती है। माना जा रहा है कि इनकम टैक्स छूट सीमा को बढ़ाने के पीछे सरकार का उद्देश्य उपभोक्ताओं के हाथ में ज्यादा पैसा देना है जिससे बाजार में मांग बढ़े।

अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगती है, तो निम्न आय वर्ग को लोगोे को फायदा होगा और ऊंची आदमनी वालों पर टैक्स का भार पड़ेगा। आयकर सीमा 3 लाख रूपए करने से टैक्स स्लेब में भी बड़ा परिवर्तन होगा।

सूत्रों के अनुसार आयकर सीमा 3 लाख रूपए करने के बाद 3 लाख रूपए से 10 लाख रूपए के बीच आय पर 10 प्रतिशत कर लगेगा जबकि पूर्व में आयकर का निम्नतम स्लैब 5 लाख रूपए तक लाया गया था। 5 लाख से 10 लाख रूपए के स्लैब पर 20 प्रतिशत कर रखा गया था।

सूत्रों की मानें, तो सरकार सुपर-रिच आय की सीमा में आने वाले लोगों के लिए नया टैक्स लाने का विचार कर रही है। सुपर-रिच श्रेणी में ऎसे लोग हैं जो उनकी 30 प्रतिशत टैक्स देनदारी 33 प्रतिशत की दर से 10 प्रतिशत सरचार्ज देते हैं। फिलहाल सबसे ऊंची टैक्स रेट 30 प्रतिशत है जो उन लोगों पर लागू होती है जिनकी टैक्सएबल इनकम 10 लाख रूपए से ज्यादा है।
सुपर-रिच श्रेणी में ऎसे लोग शामिल हैं जिनकी टैक्सएबल इनकम 1 करोड़ रूपए से ज्यादा है। इन पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है और इस पर 10 प्रतिशत सरचार्ज लगता है। इसका सीधा-सीधा मतलब है कि ऎसे लोगों की टैक्स देनदारी 30 प्रतिशत की दर से 1 लाख रूपए है, तो इन्हें अपने टैक्स पर 10 प्रतिशत सरचार्ज देना होता है जो कि 10000 रूपए ज्यादा बनता है। इस आय श्रेणी में केवल 42800 लोग ह

टैक्स फ्री हो सकती है तीन साल से ज्यादा की एफडी

मुंबई। मोदी सरकार संसद में 28 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में तीन साल से ज्यादा के फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स की छूट देने की घोषणा कर सकती है। बैंकिंग इंडस्ट्री इंडिविजुअल्स की तरह ही कंपनयों के लिए टैक्स स्लैब को लेकर सरकार के पास लॉबीइंग कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, "प्री-बजट मीटिंग में यह राय बनी है कि कम मेच्यॉरिटी वाले फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स बेनिफिट दिया जाना चाहिए।"

वित्त मंत्री अरूण जेटली के साथ मीटिंग में बैंक एग्जीक्यूटिव्स और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस हैड ने कहा था कि कम लॉक इन पीरियड से ज्यादा डिपॉजिट मिल सकता है। वर्तमान में बहुत सी म्यूचुअल फंड स्कीम्स पर इनकम टैक्स ऎक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है, लेकिन यह 15 साल की मैच्यॉरिटी वाले पब्लिक प्रोविडेंट फंड की तरह एकसमान नहीं हैं। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम का लॉक इन पीरियड 3 साल और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स का लॉक इन पीरियड 6 साल है।

वर्तमान में केवल पांच साल के लॉक इन पीरियड वाले बैंक फिक्सड डिपॉजिट पर ही टैक्स छूट मिलती है। कुछ इंस्ट्रूमेंट्स में डेढ़ लाख रूपए तक के इनवेस्टमेंट पर टैक्स में छूट ली जा सकती है। इसमें पोस्ट ऑफिस स्कीम्स, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, बैंक डिपॉजिट, लाइफ इंश्यॉरेंस और हाउसिंग लोन पर प्रिंसिपल का भुगतान शामिल हैं।

Comments (2)

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There are about 80 roll numbers in 4th list of F-Obc -Sci of Sitapur ,those have TET marks between 110 to 115, and these candidates were not in 3rd list of selected candidates list of 53000 candidates,these candidate s may be doubtful,16026396,16024896,16037789, and there are so many TET roll numbers .plz check some body,may be its my mistake
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Hi
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