गेस्ट टीचरों को हाईकोर्ट से दोहरा झटका(HTET : Double Shock to Guest Teachers in Haryana)
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चंडीगढ़ शुक्रवार का दिन हरियाणा के गेस्ट टीचरों के लिए हाईकोर्ट में शुभ नहीं रहा। दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गेस्ट टीचरों का कार्यकाल बढ़ाने व नियमित टीचर की नियुक्ति के लिए छह माह का समय देने की सरकार की मांग ठुकरा। दूसरी ओर, नियमों के खिलाफ गेस्ट टीचर की नियुक्ति करने पर हाईकोर्ट ने सरकार व शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सरकार द्वारा टीचरों की नियमित भर्ती के लिए गंभीर न होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि हाई कोर्ट नियमित टीचर भर्ती करने में सरकार को और समय नहीं दे सकती। उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार की नियमित भर्ती के लिए छह माह का समय और मांगे जाने संबंधी मांग को अस्वीकार कर दिया। याचिकाकर्ता के वकील जगबीर मलिक ने हाल ही में इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में जब कोर्ट को अवगत कराया तो कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि कोर्ट इस मामले में छह माह तो दूर छह दिन भी नहीं दे सकता। उच्च न्यायलय ने इस मामले में विस्तृत आदेश जारी करने हेतु अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में उच्च न्यायलय की डिवीजन बेंच ने 30 मार्च 2010 को दिए गए फैसले में स्पष्ट कर दिया था कि 31 मार्च 2012 के बाद किसी भी कीमत पर अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा। दूसरी तरफ, शिक्षा विभाग में कार्यरत 750 अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति में धांधली करने वाले स्कूल मुखिया, खंड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में हाईकोर्ट के वकील एच सी अरोड़ा द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने नियमविरुद्ध नियुक्त 750 अतिथि अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश पिछले साल अगस्त में दिया था। याचिका में कहा गया है कि आज तक सरकार ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहींद्ध। इसके विपरीत इनके वेतन में इजाफा करते हुए अन्य सुविधाएं प्रदान कर दीं। 719 नियुक्तियां नियमों के खिलाफ : याचिका के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2005 में हुई गेस्ट टीचरों की नियुक्तियों में जबर्दस्त अनियमितताएं उजागर हुई। विभागीय जांच में फरीदाबाद जिले में कुल 83 गेस्ट स्कूल लेक्चरर की नियुक्ति में 40 नियुक्तियां नियमों के खिलाफ पाई गई। इसी प्रकार मास्टर वर्ग में कुल 120 गेस्ट टीचरों में से मात्र 27 की नियुक्ति नियमानुसार पाई गई। 93 की नियुक्तियां नियमों को ताक पर रखकर की गई। सीएंडवी वर्ग में कुल 58 नियुक्तियों में से 46 की नियुक्तियां नियमों के खिलाफ पाई गई। फरीदाबाद जिले में जेबीटी पदों पर गेस्ट टीचर नियुक्तियों संबंधी जांच का ब्योरा प्राप्त नहीं हो सका। शिक्षा विभाग द्वारा गेस्ट टीचर नियुक्तियों में निरंतर शिकायतें मिलने के बाद इस संबंध में सात उप निदेशकों को विभिन्न जिलों में गड़बड़ी की जांच सौंपी गई थी। जांच में मेवात जिले में भी भारी गोलमाल सामने आया। मेवात के फिरोजपुर झिरका खंड में तो एक सहायक पद पर कार्यरत अधिकारी ने बिना किसी नियुक्ति पत्र के ही 150 जेबीटी गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति कर डाली। मेवात में कुल 973 जेबीटी गेस्ट टीचर्स में से 183 की नियुक्तियां नियमों के विरुद्ध पाई गई। इसी प्रकार फतेहाबाद में 46, करनाल में 42, कैथल में 26, यमुनानगर में 25, हिसार व अंबाला में 23-23, सिरसा में 21, पंचकूला, पानीपत व भिवानी में 19-19, जींद में 17, पलवल में 15, सोनीपत-कुरुक्षेत्र में 10-10, रोहतक में 8, महेंद्रगढ़-रेवाड़ी में 7-7, झज्जर में 1 सहित कुल 700 से भी ज्यादा नियुक्तियां गैर कानूनी तरीके से पाई गई। यूं हुई नियमों को ताक पर रखकर नियुक्तियां : विभागीय जांच में यह भी पता लगा कि कई स्थानों पर नियुक्त कुछ गैस्ट टीचर्स ने अपनी नियुक्ति के महीनों बाद निर्धारित डिप्लोमा-डिग्री हासिल की। वहीं कई गैस्ट टीचर्स ओवर-ऐज, बिना सब्जेक्ट कंबीनेशन, प्रतिबंध के बाद नियुक्ति, बिना मैरिट लिस्ट, बिना कोई चयन-प्रक्रिया अपनाएं नियुक्तियां, बिना वर्क लोड तथा स्वीकृत पद पर नियुक्त पाए गए। जांच में कई गैस्ट टीचर्स तो फर्जी ढंग से समायोजित हुए पाए गए। वहीं कई गैस्ट टीचर्स ने नियुक्ति के लिए स्वयं को संबंधित गांव का निवासी सिद्ध करने के लिए राशन कार्ड में भी हेराफेरी कर डाली। कई मात्र सरपंच के कहने से ही बिना किसी वैध दस्तावेज के गांव के निवासी मान लिए गए।
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चंडीगढ़ शुक्रवार का दिन हरियाणा के गेस्ट टीचरों के लिए हाईकोर्ट में शुभ नहीं रहा। दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गेस्ट टीचरों का कार्यकाल बढ़ाने व नियमित टीचर की नियुक्ति के लिए छह माह का समय देने की सरकार की मांग ठुकरा। दूसरी ओर, नियमों के खिलाफ गेस्ट टीचर की नियुक्ति करने पर हाईकोर्ट ने सरकार व शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सरकार द्वारा टीचरों की नियमित भर्ती के लिए गंभीर न होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि हाई कोर्ट नियमित टीचर भर्ती करने में सरकार को और समय नहीं दे सकती। उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार की नियमित भर्ती के लिए छह माह का समय और मांगे जाने संबंधी मांग को अस्वीकार कर दिया। याचिकाकर्ता के वकील जगबीर मलिक ने हाल ही में इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में जब कोर्ट को अवगत कराया तो कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि कोर्ट इस मामले में छह माह तो दूर छह दिन भी नहीं दे सकता। उच्च न्यायलय ने इस मामले में विस्तृत आदेश जारी करने हेतु अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में उच्च न्यायलय की डिवीजन बेंच ने 30 मार्च 2010 को दिए गए फैसले में स्पष्ट कर दिया था कि 31 मार्च 2012 के बाद किसी भी कीमत पर अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा। दूसरी तरफ, शिक्षा विभाग में कार्यरत 750 अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति में धांधली करने वाले स्कूल मुखिया, खंड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में हाईकोर्ट के वकील एच सी अरोड़ा द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने नियमविरुद्ध नियुक्त 750 अतिथि अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश पिछले साल अगस्त में दिया था। याचिका में कहा गया है कि आज तक सरकार ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहींद्ध। इसके विपरीत इनके वेतन में इजाफा करते हुए अन्य सुविधाएं प्रदान कर दीं। 719 नियुक्तियां नियमों के खिलाफ : याचिका के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2005 में हुई गेस्ट टीचरों की नियुक्तियों में जबर्दस्त अनियमितताएं उजागर हुई। विभागीय जांच में फरीदाबाद जिले में कुल 83 गेस्ट स्कूल लेक्चरर की नियुक्ति में 40 नियुक्तियां नियमों के खिलाफ पाई गई। इसी प्रकार मास्टर वर्ग में कुल 120 गेस्ट टीचरों में से मात्र 27 की नियुक्ति नियमानुसार पाई गई। 93 की नियुक्तियां नियमों को ताक पर रखकर की गई। सीएंडवी वर्ग में कुल 58 नियुक्तियों में से 46 की नियुक्तियां नियमों के खिलाफ पाई गई। फरीदाबाद जिले में जेबीटी पदों पर गेस्ट टीचर नियुक्तियों संबंधी जांच का ब्योरा प्राप्त नहीं हो सका। शिक्षा विभाग द्वारा गेस्ट टीचर नियुक्तियों में निरंतर शिकायतें मिलने के बाद इस संबंध में सात उप निदेशकों को विभिन्न जिलों में गड़बड़ी की जांच सौंपी गई थी। जांच में मेवात जिले में भी भारी गोलमाल सामने आया। मेवात के फिरोजपुर झिरका खंड में तो एक सहायक पद पर कार्यरत अधिकारी ने बिना किसी नियुक्ति पत्र के ही 150 जेबीटी गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति कर डाली। मेवात में कुल 973 जेबीटी गेस्ट टीचर्स में से 183 की नियुक्तियां नियमों के विरुद्ध पाई गई। इसी प्रकार फतेहाबाद में 46, करनाल में 42, कैथल में 26, यमुनानगर में 25, हिसार व अंबाला में 23-23, सिरसा में 21, पंचकूला, पानीपत व भिवानी में 19-19, जींद में 17, पलवल में 15, सोनीपत-कुरुक्षेत्र में 10-10, रोहतक में 8, महेंद्रगढ़-रेवाड़ी में 7-7, झज्जर में 1 सहित कुल 700 से भी ज्यादा नियुक्तियां गैर कानूनी तरीके से पाई गई। यूं हुई नियमों को ताक पर रखकर नियुक्तियां : विभागीय जांच में यह भी पता लगा कि कई स्थानों पर नियुक्त कुछ गैस्ट टीचर्स ने अपनी नियुक्ति के महीनों बाद निर्धारित डिप्लोमा-डिग्री हासिल की। वहीं कई गैस्ट टीचर्स ओवर-ऐज, बिना सब्जेक्ट कंबीनेशन, प्रतिबंध के बाद नियुक्ति, बिना मैरिट लिस्ट, बिना कोई चयन-प्रक्रिया अपनाएं नियुक्तियां, बिना वर्क लोड तथा स्वीकृत पद पर नियुक्त पाए गए। जांच में कई गैस्ट टीचर्स तो फर्जी ढंग से समायोजित हुए पाए गए। वहीं कई गैस्ट टीचर्स ने नियुक्ति के लिए स्वयं को संबंधित गांव का निवासी सिद्ध करने के लिए राशन कार्ड में भी हेराफेरी कर डाली। कई मात्र सरपंच के कहने से ही बिना किसी वैध दस्तावेज के गांव के निवासी मान लिए गए।