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Monday, November 5, 2012

UPTET / Shiksha Mitra : शिक्षामित्रों के लिए अनिवार्य नहीं होगी टीईटी : वसीम

UPTET / Shiksha Mitra : शिक्षामित्रों के लिए अनिवार्य नहीं होगी टीईटी : वसीम




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देवरिया :  
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री वसीम अहमद ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों को पूर्ण शिक्षक का दर्जा देगी। शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए सूबे में शीघ्र 73 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके शिक्षामित्रों को भी बिना टीईटी अनिवार्य किये ही समायोजित किया जाएगा।

अहमद सोमवार को पीडब्लूडी डाक बंगले में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के हितों को लेकर गंभीर है। बशर्ते शिक्षक समय से हर रोज स्कूल जाएं और निष्ठापूर्वक शिक्षण कार्य करें। बच्चों के पठन-पाठन में लापरवाही ठीक नहीं है। सपा सरकार चुनाव पूर्व किए अपने वादे रोटी-कपड़ा सस्ती होगी, दवा-पढ़ाई मुफ्ती होगी को लागू कर रही है, ताकि जनता को इसका सीधा लाभ मिले। पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुष्टाहार यदि बेचा जा रहा है तो यह गंभीर मामला है ऐसा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गत दिनों लखनऊ में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया था कि पुष्टाहार बांटने से पूर्व मुनादी कराई जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें। अधिकारियों को प्रत्येक जनपदों में इसके क्रियान्वयन का सख्त निर्देश दिया गया था। जिस जनपद में इसका अनुपालन नहीं हो रहा है वहां के संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


News : Jagran (5.11.12) / http://www.jagran.com/uttar-pradesh/deoria-9821597.html
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There are many B. Ed candidates waiting for their job from last year. When will their recruitment advertisement come ??

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UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने दी आंदोलन की चेतावनी 



•सरकार द्वारा जान बूझकर शिक्षक भर्ती को लटकाया जा रहा 
•बेरोजगारी भत्ता देने की जगह सरकार नौकरी दे 



जौनपुर। टीईटी अभ्यर्थी सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सियासी लाभ लेने और अभ्यर्थियों की भर्ती को लटकाए जाने से आक्रोशित हैं। आक्रोशित अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगे न पूरी की गई तो अभ्यर्थी आंदोलन करने को विवश होंगे।
छात्रों ने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती को जानबूझ कर लटकाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने भी शिक्षक भर्ती करने के लिए अनुमति दे दी है। इसके बावजूद सरकार भर्ती नहीं कर रही है। छात्रों ने चिंता जताते हुआ कहा कि बहुत से टीईटी छात्रों की आयु सीमा खत्म हो रही है। ऐसी स्थित में छात्र बेरोजगार हो जाएंगे। प्रदेश सरकार को बेरोजगारी भत्ता देने के बजाय टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति करनी चाहिए। माध्यमिक शिक्षा में प्रदेश सरकार अध्यक्ष तथा सदस्यों का चयन भी नहीं कर रही है। छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही शिक्षक भर्ती नहीं की तो टीईटी अभ्यर्थियों को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। बैठक में रमेश कुमार पाल, प्रमोद राना, अमित सिंह, ओम प्रकाश चौहान, सुचित्रा, अरविंद, सीमा सिंह, नरेंद्र यादव, अशोक पाल, अंजली सिंह, रीना दुबे सहित आदि मौजूद रहे।

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लखनऊ में करेंगे आंदोलन

देवरिया। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक शनिवार को टाउनहाल में हुई। बैठक में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति जल्द से जल्द कराये जाने की मांग की गई। नियुक्ति न होनेे पर घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम चलाये जाने का निर्णय लिया गया


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भर्ती का आधार तय करे सरकार 

सिद्धार्थनगर। माधव वन बिहार बांसी में टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के जिला इकाई की बैठक हुई। संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष आनंद पांडेय ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार का गठन हुए आठ माह का समय बीत गया है। इस अवधि में यह सरकार निश्चय नहीं कर पा रही है कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की भर्ती किस आधार पर की जाए। 
उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारों को रोजगार दे तो समाज, प्रदेश का विकास होगा। इस मौके पर संतोष पांडेय ने कहा कि शीघ्र ही टीईटी अभ्यर्थी सड़कों पर उतरकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। बैठक में महामंत्री राकेश कुमार राय, उपाध्यक्ष शैलेश उपाध्याय, संयोजक शिवचंद यादव, अष्टभुजा मित्र, राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे
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UPTET : टीईटी बेरोजगारों ने चेताया
सरकार से भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग 

• तैयार हो चुका है भर्ती प्रक्रिया का स्पष्ट प्रारूप 
•शिवहर्ष किसान इंटर कालेज परिसर में बैठक 

बस्ती। शिवहर्ष किसान इंटर कालेज परिसर में रविवार को टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार संघर्ष मोर्चा की बैठक में सरकार को चेताया गया। वक्ताओं ने कहा कि यदि शीघ्र शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो वे आंदोलन कर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाएंगे।
मोर्चा के जिलाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले एक साल से टीईटी बेरोजगारों के साथ छल किया जा रहा है। बेरोजगार आर्थिक और मानसिक शोषण के शिकार हो रहे हैं। कोई न कोई बहाना बनाकर टीईटी पास बेरोजगारों की भर्ती को उलझा दिया जा रहा है। 
अब जबकि 72825 टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का प्रारूप स्पष्ट रूप सेे तैयार हो चुका है, उसके बाद भी इसे टालना न्याय संगत नहीं है। अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को चाहिए कि दीपावली के पूर्व भर्ती प्रक्रिया शुरू कर बेरोजगारों को तोहफा दे। विनय पांडेय ने कहा कि सरकार प्रशिक्षित बेरोजगारों का दर्द समझने की कोशिश नहीं कर रही है। चयन का नया नया फार्मूला निकाल उन्हें परेशान किया जा रहा है।
इस मौके पर शेषमणि, नित्यानंद पांडेय, हरि प्रसाद त्रिपाठी, राजेंद्र कुमार, सर्वेश कुमार यादव, अनूप श्रीवास्तव, दिनेश चंद्र, आनंद कुमार, धर्मेंद्र कुमार, तेज प्रताप यादव, रामचंद्र दूबे, धर्मेंद्र कुमार चौधरी, विजय कुमार पांडेय, आनंद दूबे, अशोक मिश्र, अजय मिश्र, श्याम सुंदर यादव, भूपेश कुमार, रत्नेश मिश्र, पुष्पेंद्र पाठक, बलराम यादव, श्याम लाल चौधरी, नीरज कुमार श्रीवास्तव तरुण सिंह, संतोष वर्मा आदि मौजूद रहे।


News Source : Amar Ujala( 5.11.2012)
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TETians are in big trouble for job and daily various kinds of news, various types of selection procedure creates tension among them.
A long time is passed and they don't know what will happen for their future.
Various kinds of rumors spread among them and making them more confuse.

Tomorrow is hearing in court and candidates expected a great relief for early recruitment.
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UPTET : शिक्षा के बाजारीकरण पर किया जल सत्याग्रह


UPTET : शिक्षा के बाजारीकरण पर किया जल सत्याग्रह




चित्रकूट। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के युवाओं ने शिक्षा के बाजारीकरण के विरोध में रविवार को सांकेतिक रूप से जल सत्याग्रह किया। परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुलघाट पर पयस्वनी नदी में खड़े होकर प्रदर्शन किया। 
परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य आलोक कुमार पांडे की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन का यह अनूठा तरीका निकाला। आलोक ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षकों की भर्ती को टालकर शिक्षा के बाजारीकरण को बढ़ावा दे रही है। आरोप लगाया कि जिन कामों में कमीशन मिलता है, उन फैसलों को तत्काल लिया जाता हैशिक्षक भर्ती का निर्णय सात महीने में नहीं लिया गया। ज्यादातर गरीबों के बच्चे ही सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। जिला संयोजक जयप्रकाश कोटार्यऽ आभास माथुर और विमल गुप्ता ने कहा कि सरकार ने 15 दिन के अंदर तीन लाख पदों के लिए कार्रवाई नहीं की तो टीईटी उत्तीर्ण लोगों के अलावा बीएड, बीपीएड बेरोजगार गांव-गांव जाकर सरकार के खिलाफ बोलेंगे। कुलदीप पांडे ने शिक्षा को राजनीति से मुक्त रखने की बात कही। रवि जायसवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती में भी राजनीति कर रही है। जल सत्याग्रह के दौरान अंकित अग्रवाल, सुरेंद्र रैकवार, अमित सोनी, विनय गुप्ता


News Source : Amar Ujala (5.11.12)
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Tomorrow hearing in court and lots of candidate waiting for decision. 
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Sunday, November 4, 2012

UPTET/ Allahabad Highcourt : If TET is mandatory then another JOB on compassionate Ground

UPTET/ Allahabad Highcourt : If TET is mandatory then provide another JOB on compassionate Ground



HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD, LUCKNOW BENCH

?Court No. - 6
Case :- SERVICE SINGLE No. - 6042 of 2012
Petitioner :- Laxmi Narayan
Respondent :- State Of U.P. Through Secy. Basic Edu. Deptt. Lko. & Ors.
Petitioner Counsel :- Pankaj Pathak
Respondent Counsel :- C.S.C.,Rahul Shukla

Hon'ble Shabihul Hasnain,J.
Heard Sri Vinod Kumar Shukla, learned counsel for the petitioner, Sri Rahul Shukla for opposite party Nos. 2,3 and 5 as well as learned Chief Standing counsel for the opposite party Nos.1 and 4.
Petitioner was granted compassionate appointment after the death of his father on the post of Assistant Teacher on 7.9.2011. He says that the same is being sought to be taken away vide annexure No.2 dated 14.8.2012. Counsel for the opposite party says that that the petitioner has not qualified the Teachers' Eligibility Test (in short T.E.T). Petitioner says that once an appointment has been given to him in pursuance of a statutory law, the same can not be taken away. He further argues that T.E.T. is a written test, which should not be forced upon the petitioner for compassionate appointment.
On the other hand, Sri Rahul Shukla has placed before this Court judgment and order of this Court passed at Allahabad in a petition bearing Writ-A No.33828 of 2012. He says that benefit of this appointment can not be given to the petitioner unless he has qualified T.E.T. as has been held in aforesaid judgment.
Learned counsel for the petitioner has, however, submitted that the said order is under challenge in special appeal and his special appeal is pending before this Court at Allahabad. He says that compassionate appointemnt is a benevolent law which should be interpreted in all possible ways to help a person whose bread earner has been snatched away by the cruel hands of death. The sudden penury which strikes the family is sought to be nullified by the authorities under Dying in Harness Rules.
Under the circumstances, the petition is finally disposed of with a direction to the opposite parties to consider the case of the petitioner for the compassionate appointemnt on another suitable post for which the petitioner is eligible under Dying in Harness Rules applicable for appointment. The same shall be decided expeditiously, say within a maximum period of one month from the date a certified copy of this order is placed before him.
The termination of petitioner's services shall remain subject to the final decision of the special appeal which is pending before this Court at Allahabad.
Order Date :- 19.10.2012/RKM.

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2164535
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD, LUCKNOW BENCH

?Court No. - 6
Case :- SERVICE SINGLE No. - 5943 of 2012
Petitioner :- Vinay Kumar
Respondent :- State Of U.P., Thru. Secretary Basic Education & Others
Petitioner Counsel :- Vinay Mishra
Respondent Counsel :- C.S.C.,Rahul Shukla

Hon'ble Shabihul Hasnain,J.
Heard Sri Vinay Mishra, learned counsel for the petitioner as well as Sri Rahul Shukla for the Basic Shiksha Adhikari-opposite party No.5 as well as learned Chief Standing counsel for the opposite party Nos.1 and 4.
Petitioner was granted compassionate appointment after the death of his father on the post of Assistant Teacher on 3.9.2011. He says that the same is being sought to be taken away vide annexure No.1 dated 12.6.2012. Counsel for the opposite party says that that the petitioner has not qualified the Teachers' Eligibility Test (in short T.E.T). Petitioner says that once an appointment has been given to him in pursuance of a statutory law, the same can not be taken away. He further argues that T.E.T. is a written test, which should not be forced upon the petitioner for compassionate appointment.
On the other hand, Sri Rahul Shukla has placed before this Court judgment and order of this Court passed at Allahabad in a petition bearing Writ-A No.33828 of 2012. He says that benefit of this appointment can not be given to the petitioner unless he has qualified T.E.T. as has been held in aforesaid judgment.
Learned counsel for the petitioner has, however, submitted that the said order is under challenge in special appeal and his special appeal is pending before this Court at Allahabad. He says that compassionate appointemnt is a benevolent law which should be interpreted in all possible ways to help a person whose bread earner has been snatched away by the cruel hands of death. The sudden penury which strikes the family is sought to be nullified by the authorities under Dying in Harness Rules.
Under the circumstances, the petition is finally disposed of with a direction to the opposite parties to consider the case of the petitioner for the compassionate appointemnt on another suitable post for which the petitioner is eligible under Dying in Harness Rules applicable for appointment. The same shall be decided expeditiously, say within a maximum period of one month from the date a certified copy of this order is placed before him. 
The termination of petitioner's services shall remain subject to the final decision of the special appeal which is pending before this Court at Allahabad. 
Order Date :- 18.10.2012/RKM.
 Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2164539

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Police Recruitment UP : 18 हजार सिपाहियों को हाईकोर्ट से राहत


18 हजार सिपाहियों को हाईकोर्ट से राहत
वेतन पर तीन महीने के अंदर निर्णय लेने का प्रदेश सरकार को दिया आदेश

पुलिस सेवा नियमावली लागू होने के बाद भी नहीं मिल रहा लाभ 

इलाहाबाद। उच्च न्यायालय ने 18 हजार सिपाहियों की याचिका पर उतर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह इन सिपाहियों की नई नियमावली के तहत वेतन और अन्य लाभों की मांग पर तीन महीने के अंदर एक विस्तृत एवं उचित आदेश पारित करे। इन सिपाहियों की नियुक्तियां पिछली बसपा बसपा सरकार के दौरान निरस्त हो गई थीं। बाद में अदालत के आदेश पर इनकी बहाली तो हो गई लेकिन आज भी ये सिपाही अपने वेतन और वेतनवृद्धि के लिए परेशान हैं
उतर प्रदेश में पहली बार पुलिस विभाग में दिसंबर 2008 में उनकी सेवा के लिए नियमावली बनी लेकिन इन सिपाहियों को इसका कोई लाभ नहीं मिला और मई-2009 में इनकी बहाली के बाद नई नियमावली के तहत उनको प्रशिक्षण अवधि के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं। मजबूरन इन सिपाहियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नई नियमावली के तहत मिलने वाले अपने वेतन और वेतनवृद्धि की मांग की। यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल ने कांस्टेबल विनोद सिंह यादव और कई अन्य सिपाहियों की याचिका पर दिया।
वर्ष 2005-06 मे तत्कालीन सपा सरकार में 18 हजार सिपाहियों की भर्ती हुई थी। ये सभी सिपाही वर्ष 2006 में ट्रेनिंग पर गए थे। याची के अधिवक्ता एम.सी.चतुर्वेदी का कहना था कि 2007 में तत्कालीन बसपा सरकार ने इन भर्तियों को रद्द कर दिया था। बाद में ये सभी सिपाही हाईकोर्ट की शरण में गए और अदालत ने उनके सेवा निरस्तीकरण आदेश को रद्द कर दिया था। सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को कोई राहत नहीं दी और आदेश दिया कि सरकार इन सिपाहियों को बहाल करे। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर इन सिपाहियो को बहाल कर दिया गया और उन्होंने ट्रेनिंग भी वर्ष 2009 में पूरी कर ली। पुलिस की नई नियमावली 2008 के तहत वेतन तथा वेतनवृद्धि का लाभ सरकार उन्हें नहीं दे रही थी जिस कारण इन सिपाहियों ने अदालत की शरण ली

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41 हजार अनुदेशकों की भर्ती स्थगित
प्राथमिक स्कूलों में अनुदेशकों के लिए जाएंगे ऑनलाइन आवेदन 

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने उच्च प्राथमिक स्कूलों में 41 हजार अनुदेशकों की चयन प्रक्रिया स्थगित कर दी है। अब आवेदकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों की पांच व छह नवंबर को बैठक बुलाई है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद उच्च प्राथमिक स्कूलों में कक्षा छह, सात व आठ के लिए कला, शारीरिक शिक्षा और स्काउट गाइड के रूप में अनुदेशकों की चयन प्रक्रिया शुरू की गई थी। बीपीएड, सीपीएड आैर डीपीएड अभ्यर्थियों को 7000 रुपये फिक्स मानदेय पर नियुक्ति दी जानी थी। 
बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जिलों में विज्ञापन निकालकर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया था। राज्य परियोजना निदेशक अतुल कुमार ने सभी बीएसए को भर्ती प्रक्रिया तत्काल स्थगित करने के लिए निर्देशित दिया है। अब ऑनलाइन आवेदन से भर्ती कराने की तैयारी है।

News Source : Amar Ujala (4.11.12)

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Previous UP Govt. cancelled recruitment of Police Constables, And now Supreme Court gives relief to them.
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Saturday, November 3, 2012

TNTET : Less than 3% teachers clear test


TNTET : Less than 3% teachers clear test


In a shocking statement on the quality of the future generation of teachers, less than 3 per cent of those who took the Teachers Eligibility Test (TET) have passed.

Results released by the state teachers' recruitment board (TRB) on Friday show that only about 19,200 (2.93 per cent) of the 6.56 lakh candidates who took the test in October got through.

Diehard optimists can, however, take cheer that the performance this time is “hugely better“ than the less than 1 per cent scored by the TET candidates in the previous test held in July. That shocking result had led the state government to direct the TRB to hold a re-examination, resulting in the October exercise. “The candidates have fared terribly. We must be very worried about the quality of the graduates coming into the teaching profession. It appears that many are straying into this area after getting rejected in other careers,“ said Shanthi, an administrator of a private school.

Rajesh, a secondary gr ade teacher aspirant who took mathematics, said that the papers were not difficult, except for Tamil.

“Most of the teachers who took the examination felt it to be relatively easy compared to their previous attempt,“ said Rajesh.

Sources in TRB said that 10,397 primary school teacher aspirants had cleared the examination, for which there were only 7,000 posts, while only 8,849 candidates had qualified in the test for graduate teachers where 20,000 posts lie vacant. number mismatch As many as 10,397 primary school teacher aspirants, for which there were only 7,000 posts, had cleared the examination For graduate teachers, for which as many as 20,000 posts lie vacant, only 8,849 candidates had cleared the test

News Source : deccanchronicle.com ( 3.11.12) / Deccan Chronicle
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Very very tough result of TET exam comes in many states along with CTET result except in UP i.e UPTET 2011 examination.

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CGTET : पदोन्नति में बीएड व टेट अनिवार्यता समाप्त करने का स्वागत


CGTET : पदोन्नति में बीएड व टेट अनिवार्यता समाप्त करने का स्वागत


जांजगीर। शिक्षाकर्मी पदोन्नति पर बीएड व टेट की अनिवार्यता को शासन द्वारा हटाए जाने का शिक्षक पंचायत संघर्ष समिति ने स्वागत किया है। शिक्षक पंचायत संघर्ष समिति द्वारा 28 सितंबर को जिला स्तरीय धरना रैली व 12 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय धरना ज्ञापन में अपनी मुख्य मार्गों के साथ भर्ती व पदोन्नति नियम 2012 में पदोन्नति के लिए बीएड व टीईटी परीक्षा फार्म उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, पंचायत मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था। संघर्ष समिति के बसंत चतुर्वेदी ने बताया कि संघर्ष समिति के मांगो के कारण पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के उपसचिव छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 29 अक्टूबर को जारी आदेश में शिक्षक संवर्ग की पदोन्नति के लिए निर्धारित अर्हताओं में शिथिलीकरण का आदेश समस्त सीईओ जिला पंचायत को किया है। जिसमें व्याख्याता में बीएड की अनिवार्यता व शिक्षक में टीईटी की अनिवार्यता पदोन्नति के लिए समाप्त की गई है



News Source : Bhaskra.com (3.11.12)
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ये सब क्या है , क्यों लोग परीक्षा से घबराते हैं और टी ई टी का विरोध करते हैं ??
क्यों उच्च शिक्षा का विरोध हो रहा है ??
क्या ऐसे में अच्छी  शिक्षा व्यवस्था / योग्य शिक्षकों की कल्पना की जा सकेगी ??





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Friday, November 2, 2012

ATET / Assam TET : After Supreme Court order to implement RTE, A big Recruitment phase of Primary Teacher Starts

ATET / Assam TET : After Supreme Court order to implement RTE, A big Recruitment phase of Primary Teacher Starts

See News : -


After SC order, it’s zealous recruitment phase

Appointment of teachers under RTE Act

By our Staff Reporter

GUWAHATI, Feb 9: Bolstered by the Supreme Court’s directive setting aside a Gauhati High Court order to pave the way for recruiting more elementary school teachers in Assam, the State Government on Thursday announced that 40,800 teachers would be given appointments under the Right to Education (RTE) Act.

Addressing a press conference at the Secretariat here, State Education Minister Himanta Biswa Sarma said that it would be the biggest ever recruitment drive undertaken by a government department in the history of Assam. “On February 15, advertisement for the recruitments of 28,000 teachers at both the lower and upper primary levels will be published. Though the 28,000 posts are contractual, the salary structure, other benefits and number of leave days will be the same as that of the regular posts,’’ he said, adding: “Advertisement for the 12,800 regular posts will be published on April 15.”

The High Court, in its March 5, 2010 ruling, had imposed a ban on “further recruitment of teachers in upper and lower primary schools of the State, be it on regular, ad-hoc or contractual basis”. An apex court bench of Justice Deepak Verma and Justice KS Radhakrishnan lifted the ban on a petition by the Assam Government contending that it was making it difficult to run schools.

Sarma further stated that the candidates who had passed the Teacher Eligibility Test (TET) held recently should submit their job application forms online and a candidate could appear in the interview for the teacher’s post in four to five districts. “The interview process for the 28,000 posts will begin from March 15 and the appointment will be given before Rongali Bihu. By May 30, the appointments for the 12,800 posts will be completed,’’ he said, adding: “The selection of candidates will be based on merit that also includes the candidates’ TET and HS percentages and viva.”

Proper implementation of the RTE Act in Assam has raised the demand of recruitment of more teachers and setting up of more schools in the State. “A total of 95,000 teachers are required to properly implement the RTE Act in the State as the Act demands one lower primary school within1-kilometer radius and one upper primary school within 3-kilometer radius all over the State. We are now carrying out a survey to find out the number of new schools required to be set up in the State,” said Sarma.

Currently 565 contractual posts of teachers are lying vacant in Baska district, 2,000 in Barpeta district, 603 in Bongaigaon district, 2000 in Cachar district, 446 in Chirang district, 1100 in Darrang district, 1000 in Dhemaji district, 3,447 in Dhubri district, 760 in Dibrugarh district, 366 in Dima Hasao district, 1,700 in Goalpara district, 750 in Golaghat district, 838 in Hailakandi district, 672 in Jorhat district, 1,108 in both Kamrup district and Kamrup (Metro) district, 1,700 in Karbi Anglong district, 1,900 in Karimganj district, 1,100 in Kokrajhar district, 842 in Lakhimpur district, 1,500 in Morigaon district, 3,000 in Nagaon district, 300 in Nalbari district, 600 in Sivasagar district, 1,521 in Sonitpur district, 800 in Tinsukia district and 600 in Udalguri district.


News Source: http://www.sentinelassam.com/mainnews/story.php?sec=1&subsec=0&id=106508&dtP=2012-10-28&ppr=1
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It looks Supreme court directives are taken seriously in Assam, And can impact in other states as well to provide job opportunity and quality education in teaching sector.
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UPTET : बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक


UPTET : बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक

 लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। इससे पहले यह तय हुआ था कि 72,825 पदों पर भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का मेरिट के आधार पर चयन कर पहले उन्हें छह महीने का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। यह भी तय हुआ था कि चयन की जो मेरिट बनेगी उसमें अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल में प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20 व स्नातक के 40 प्रतिशत अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, यदि अभ्यर्थी को बीएडके थ्योरी और प्रैक्टिकल में प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है तो उसे प्रत्येक के लिए 12-12, द्वितीय श्रेणी के लिए 6-6 और तृतीय श्रेणी के लिए 3-3 अंक मिलेंगे। मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर सवाल उठाये जा रहे थे। कहा जा रहा था कि श्रेणियों के आधार पर मनमाने तरीके से अंक तय करना उचित नहीं है। विभाग को शिक्षकों की भर्ती में नयी व्यवस्था लागू करने के बारे में इसलिए सोचना पड़ा क्योंकि एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए 31 मार्च 2014 तक का समय दिया है। यदि अभ्यर्थियों का पहले विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग के लिए चयन करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाती तो प्रदेश में एक बैच में अधिकतम 20,000 अभ्यर्थियों को ही ट्रेनिंग देने की क्षमता है। चार बैच को ट्रेनिंग देने में कम से कम दो वर्ष का समय लगता और तब तक स्वीकृत समयसीमा बीत जाती। समय बीतने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती। दूसरा, जो नयी व्यवस्था सोची गई है, उसमें मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर उठायी जा रही आपत्ति भी दूर हो सकेगी


News Source : Jagran (2.11.12)
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Recruitment matter may be delayed for some more time
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Thursday, November 1, 2012

BTC/UPTET : परीक्षा परिणाम घोषित करने की उठी आवाज

BTC/UPTET : परीक्षा परिणाम घोषित करने की उठी आवाज


मऊ : बीटीसी 2010 बैच की परीक्षा का परिणाम घोषित करने को लेकर डायट के प्रशिक्षणार्थियों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर 12 नवंबर तक परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग की। उन्हें इस दिशा में सार्थक कदम उठाने का आश्वासन मिला।

बीटीसी अंतिम सेमेस्टर के प्रशिक्षु विनय सिंह व अमित सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा सहायक अध्यापक की नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। बीटीसी 2010 का परीक्षा परिणाम न आने की स्थिति में विज्ञापित 9600 पदों में आधे से अधिक पद रिक्त रहने की संभावना है। वे प्रशिक्षण पूरा करने के साथ अध्यापक पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं। परीक्षा परिणाम 12 नवंबर तक आ जाता है तो वे भी इस नियुक्ति के लिए पात्र होते। इसलिए परिणाम घोषित किया जाय अन्यथा नियुक्ति हेतु विज्ञापन की तिथि बढ़ाई जाय। ज्ञापन सौंपने वालों में रश्मि राय, पूजा शाही, नूसरत जहां, वंदना विश्वकर्मा, पूनम मौर्या, अनीता यादव, रेखा सिंह, इंद्रजीत, मनोज, रजनीकांत, अरूण मौर्य, सतेंद्र, जितेंद्र, धीरज मौर्य आदि शामिल थे


News Source : Jagran (1.11.12)

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UPTET : Fill up primary teachers posts, demand aspirants



UPTET : Fill up primary teachers posts, demand aspirants



ALLAHABAD: Students appearing in competitive examinations along with Teachers Eligibility Test ( TET) aspirants under the banner of Pratiyogi Chatra Morcha took out a procession till the Collectorate on Wednesday and demanded filling up of around 72,825 posts of primary teachers in the state.

They raised slogans against the state government and education department for failing to initiate the process of filling up the vacancies. The protestors blocked the Collectorate road and later handed over a memorandum to the district officials.

Morcha convenor Rajesh Kumar Singh said the state government has failed to fill up the post of primary teachers despite receiving a directive from the high court. This poinst towards their insensitivity towards the candidates who have applied for 72,825 vacancies of primary teachers in the state.

News Source : Times of India (1.11.12)

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Teachers Eligibility Test process initiated in Cooch Behar


Teachers Eligibility Test process initiated in Cooch Behar

COOCH BEHAR (WB): The process for the Teachers Eligibility Test for recruitment of primary school teachers has been initiated in Cooch Behar district. 

The authorities of the District Primary School Council (DPSC) and the Uttar Banga Kshetriya Gramin Bank reached an agreement in this regard on Wednesday evening. 

The matter is now under consideration of the district magistrate for his approval. 

DPSC chairperson Kalyani Poddar said on Thursday that the application forms for the TET will be distributed from the selected 35 branches of the Gramin Bank on and from November 17. 

The forms will arrive in Cooch Behar from Kolkata within a day or two, Poddar said. 

The DPSC chairperson also said that the TET examination will be held on the same day all over the state. 

After the completion of the TET examination, the DPSC will be able to fill up vacant posts of teachers in the primary schools. 

Presently there are 1,245 posts of teachers lying vacant at different government primary schools in the district, she said.

News Source : Times of India (1.11.12)
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TNTET : New govt rules for recruitment irk teachers


TNTET : New govt rules for recruitment irk teachers


CHENNAI: Seniority is no longer the criterion for getting a job as a primary or high school teacher. A new state government order gives weightage for marks secured in school and college for recruitment as a teacher.

For years, the government recruited school teachers through the employment exchange that works on a first-come-first-served basis. In the event of more than one candidate having the same marks, selection will be based on the date of birth, where the older person will be given priority. The government says the change was done "to provide quality education to the children in Tamil Nadu and considering the need to fill up vacant teachers' posts."


A high-level committee with school education minister N R Sivapathy as chairman and school education secretary D Sabitha, Teachers Recruitment Board chairman Surjit Chaudhary and school education director K Devarajan as members, met on September 14 and 24 and recommended to the government to adopt the modalities by giving weightage of marks in Class 12, DEEd, degree, BEd and the teacher eligibility test for selection and appointment of secondary grade teachers and graduate assistants.

A GO, dated October 5, said the government examined the recommendations and decided to accept it. Now, for recruitment of secondary grade teachers, Tamil Nadu Teacher Eligibility Test (TNTET) scores will account for 60%, DTEd or DEEd exam marks 25% and higher secondary board exam marks 15%. For graduate assistants, TNTET scores will account for 60%, BEd exam scores 15%, degree aggregate 15% and higher secondary board exam scores 10%.

Teachers associations are not happy. "The TET is unnecessary. It is only mandated in states that recruit unqualified candidates as para teachers. A state like Tamil Nadu which only recruits teachers who have undergone teacher training need not follow the rule," said Tamil Nadu Primary School Teachers' Federation president T Kannan. Others said this dashed the hopes of those who had registered with the employment exchange more than a decade ago with hopes of getting a government job.

Educationist S S Rajagopalan said academic excellence did not vouch for good classroom management or good character of teachers. "A teacher grows on the job. No one's born a teacher. A candidate must analyse successes and failures and learn from experience," he said. Others felt subject content could not be learnt on the job.

Many private schools recruit teachers by asking them to take a demo and then get students' feedback about how well the teacher was able to communicate. When the government is recruiting more than 1,000 teachers at a time this is not possible. The next best thing is academic excellence, felt academics. "It's a very interesting way for even private schools to think of recruitment," said correspondent of Shree Niketan Group of Schools P Vishnucharan

News Source : Times of India (10.10.12)

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In Tamilnadu, A practice is running - Where candidate has register his/her name in employment exchange.
And Government job is provided through seniority in employment exchange registration date i.e First cum First basis.

I heard many years before even Central Excise & Customs Inspector, Income Tax inspector (Central Govt. ) type Jobs also be provided through such employment exchange seniority. And I don't this practice still exist OR not.

However, In many states employment exchange losses its reputation, And very few (if provided) jobs are provided.

In ONLINE ere, I feel all over India's employment exchange should be ONLINE/website based. And transparency / updates should be made on website.
Many people in India don't know , when jobs are available and when they are fill up.

Web-based Employment exchanges require -Smaller quantity of Manpower, 24by7 operation without office/Anywhere Office, High Transparency and Maximum Reach.


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UPTET : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को गरजे


UPTET : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को गरजे
इलाहाबाद। टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगार अभ्यर्थियों ने प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर बुधवार को आजाद पार्क से जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकालकर प्रदेश सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का कहना था कि न्यायालय की ओर से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की हरी झंडी मिलने के बाद भी प्रदेश सरकार अभी तक प्राथमिक विद्यालयों में खाली पदों की घोषणा नहीं कर रहा है। छात्रों ने अपने ज्ञापन में कहा कि 72823 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया विज्ञापन नहीं होने के कारण बाधित है। बीएड बेरोजगारों ने प्रदेश सरकार से खाली पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने बीएड बेरोजगारों ने चक्काजाम किया। ज्ञापन देने वालों में अभिषेक सिंह सोनू, संजय पांडेय, दिनेश दुबे, पवन मिश्र, सुभाष चौधरी, अशोक यादव, नीरज मिश्र, विनय यादव, विनय पांडेय, हैप्पी सिंह शामिल रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपा
आपस में ही लड़ गईं शिक्षिकाएं
इलाहाबाद। आजाद पार्क में स्कूल आवंटन के विरोध में प्रदर्शन करतीं महिलाएं आपस में झगड़ पड़ी। विवाद आजाद पार्क में स्कूल ज्वाइन कर चुकी शिक्षिकाओं के पहुंचने पर शुरू हुआ। आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए वे शिक्षिकाएं भी पहुंच गईं जो अभी तक प्रदर्शनों में शामिल नहीं थी। शिक्षिकाओं के मुताबिक बीएसए ने आश्वासन दिया है कि पहले आंदोलनरत शिक्षिकाओं को देखा जाएगा। इसके बाद स्कूल ज्वाइन कर चुकी शिक्षिकाओं को देखा जाएगा। पहले से आंदोलरत शिक्षिकाओं का कहना था कि अपना नुकसान होता देख स्कूल ज्वाइन कर चुकी शिक्षिकाएं सामने आईं हैं। शिक्षिकाओं के बीच काफी देर तक बहस चलती रही। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल के लिए पांच सदस्यों को चुना गया।
ऑन लाइन आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग
इलाहाबाद। बीटीसी 2010 बैच के प्रशिक्षुओं ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालयों में खाली शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि 20 नवंबर से आगे बढ़ाने की मांग की है। बीटीसी 2010 के प्रशिक्षुओं का कहना है कि उनका परीक्षा परिणाम लंबित होने के कारण आवेदन भर्ती प्रक्रिया वह वंचित हो जाएंगे। ऐसे में प्रदेश सरकार बीटीसी 2010 का रिजल्ट जारी होने तक आवेदन की तिथि बढ़ाए।
वेबसाइट से डाउनलोड करें अंकपत्र
इलाहाबाद। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश के अनुसार विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षित जिन अभ्यर्थियों को बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन विद्यालयों में नियुक्ति के लिए आवेदन करना है, वह अभ्यर्थी अपने अंक विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड करके संबंधित डायट के प्राचार्य से प्रमाणित करवाकर आवेदन कर सकते हैं।
कलेक्ट्रेट के पास कपड़े उतारकर प्रदर्शन करते टीईटी पास बीएड बेरोजगार छात्र और आजाद पार्क में स्कूल आवंटन का विरोध करतीं शिक्षिकाएं।


News Source : Amar Ujala (1.11.12)
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टीईटी उत्तीर्ण ने जताई नाराजगी
मंडी धनौरा। मोहल्ला अट्टा में आयोजित एक बैठक में टीईटी उत्तीर्ण छात्रों ने कहा कि सरकार की मंशा उनको नियुक्ति देने की कम राजनैतिक लाभ उठाने की अधिक दिखाई पड़ रही है। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। वक्ताओं ने एनसीईआरटी से बीएड के अंक जोड़ने का सुझाव मांगे जाने की आलोचना की गई और कहा गया कि विशिष्ट बीटीसी का आधार ही बीएड है। राज्य सरकार से शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग की गई। मनित शर्मा, अंकुर शर्मा, दिग्विजय सिंह, अमित मिश्रा, राहुल मौजूद थे

News Source : Amar Ujala (1.11.12)
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UPTET : भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने को लेकर प्रदर्शन


इलाहाबाद : हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी बेसिक शिक्षा में रिक्त 72,825 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अभी तक न शुरू होने से नाराज अभ्यर्थियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों की मांग है कि रिक्त शिक्षकों के पदों पर विज्ञापन निकालकर जल्द ही भर्ती पक्रिया शुरू की जाए।

बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की टीईटी अभ्यर्थी लगातार मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को अभ्यर्थियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपने के लिए कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान एसीएम प्रथम ने आकर ज्ञापन लिया। ज्ञापन में अभ्यर्थियों ने सरकार से शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में भीमसेन चौरसिया, संजय पांडेय, राकेश यादव, सुभाष, पवन मिश्रा, अभिषेक, शिवाकांत यादव, झूंसी प्रसाद, नीरज मिश्र, पीयूष आचार्य, चंद्र प्रकाश सिंह, राजन मिश्र, हरेंद्र यादव, कान्हा तिवारी व हरितोष आदि शामिल रहे


News Source : Jagran ( 1.11.12)
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I feel matter is still complicated , and this situation may exists till satisfactory disposal from court.
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UPTET : विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में बीएड के भी जुड़ेंगे अंक एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव


विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में बीएड के भी जुड़ेंगे अंक
एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव

पुराने पैटर्न पर भी करने का दिया सुझाव -

लखनऊ। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने यह साफ कर दिया है कि विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में बीएड के भी अंक जोड़े जाएंगे। विशिष्ट बीटीसी खासकर बीएड वालों के लिए है, इसलिए इसका अंक जोड़ना अनिवार्य है। एससीईआरटी ने बुधवार को इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। प्रस्ताव में पुराने पैटर्न यानी हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड के प्राप्तांकों को सीधे जोड़कर मेरिट बनाने का भी सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है कि गुणांक के आधार पर भी मेरिट का निर्धारण किया जा सकता है। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी द्वारा बुधवार को बुलाई गई बैठक अब गुरुवार को होने की संभावना है।
प्रदेश में 72 हजार 825 विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण देने के लिए चयन प्रक्रिया शुरू की जानी है। इसके लिए शासनादेश जारी होना है। शासन स्तर पर पूर्व में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड के अंकों को गुणांक के आधार पर जोड़ते हुए मेरिट बनाने पर सहमति बनी थी, लेकिन बेसिक शिक्षा मंत्री ने इस पर संशोधित प्रस्ताव एससीईआरटी से मांग लिया। इसमें पूछा गया कि विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में बीएड के अंकों को जोड़ना कहां तक उचित होगा।
सूत्रों का कहना है कि एससीईआरटी ने बुधवार को संशोधित प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इसमें सुझाव दिया गया है कि पूर्व की तरह इस बार भी विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया पूरी की जाए। पूर्व में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड के प्राप्तांकों को सीधे जोड़कर मेरिट बनाई जाती रही है। इसी तरह इस बार भी मेरिट बनाई जा सकती है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि गुणांक के आधार पर मेरिट बनाई जा सकती है। एससीईआरटी के प्रस्ताव पर अब शासन को अंतिम निर्णय करना है


News Source : Amar Ujala (1.11.12)
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In new suggestion, B. Ed marks are compulsory to add for Vishisht BTC selection.
Wait and watch to see what will happen in selection process and when will new advertisement come.
What will happen in court on 6th Nov 2012.
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