मऊ : बीटीसी 2010 बैच की परीक्षा का परिणाम घोषित करने को लेकर डायट के प्रशिक्षणार्थियों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर 12 नवंबर तक परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग की। उन्हें इस दिशा में सार्थक कदम उठाने का आश्वासन मिला।
बीटीसी अंतिम सेमेस्टर के प्रशिक्षु विनय सिंह व अमित सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा सहायक अध्यापक की नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। बीटीसी 2010 का परीक्षा परिणाम न आने की स्थिति में विज्ञापित 9600 पदों में आधे से अधिक पद रिक्त रहने की संभावना है। वे प्रशिक्षण पूरा करने के साथ अध्यापक पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं। परीक्षा परिणाम 12 नवंबर तक आ जाता है तो वे भी इस नियुक्ति के लिए पात्र होते। इसलिए परिणाम घोषित किया जाय अन्यथा नियुक्ति हेतु विज्ञापन की तिथि बढ़ाई जाय। ज्ञापन सौंपने वालों में रश्मि राय, पूजा शाही, नूसरत जहां, वंदना विश्वकर्मा, पूनम मौर्या, अनीता यादव, रेखा सिंह, इंद्रजीत, मनोज, रजनीकांत, अरूण मौर्य, सतेंद्र, जितेंद्र, धीरज मौर्य आदि शामिल थे।
News Source : Jagran (1.11.12)
पहले प्रशिक्षु शिक्षक बनाये जाएंगे बीएड डिग्रीधारक - छह महीने की ट्रेनिंग के बाद होगी मौलिक नियुक्ति - मेरिट में हाईस्कूल पर्सेंटेज के 10, इंटर के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 फीसदी अंक जुड़ेंगे - उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में होगा संशोधन जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएं
ReplyDeleteपहले प्रशिक्षु शिक्षक बनाये जाएंगे बीएड
ReplyDeleteडिग्रीधारक
- छह महीने की ट्रेनिंग के बाद
होगी मौलिक नियुक्ति
- मेरिट में हाईस्कूल पर्सेंटेज के 10, इंटर के
20, स्नातक के 40 व बीएड के 30
फीसदी अंक जुड़ेंगे
- उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक)
सेवा नियमावली में होगा संशोधन
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक
शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक
स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त
पदों पर अध्यापक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण
बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद
पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त
किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में
उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय
दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के
अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक
शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग
पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें
स्थायी शिक्षक की मौलिक
नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक
नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक
का वेतनमान मिलने लगेगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद
चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार
को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक
में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में
पहली बार प्रस्तावित इस
व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए
उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक)
सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके
परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक
नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें
मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान
जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है
कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड
डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के
तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के
हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10,
इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व
बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर
मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर
ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग
का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक
शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस
व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक
शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में
नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए।
फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड
डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन
आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे।
इससे पहले यह तय हुआ था कि 72,825
पदों पर भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण
बीएड डिग्रीधारकों का मेरिट के आधार
पर चयन कर पहले उन्हें छह महीने
का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण
दिया जाएगा। विशिष्ट
बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद
उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। यह भी तय हुआ
था कि चयन की जो मेरिट बनेगी उसमें
अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल में
प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट
के 20 व स्नातक के 40 प्रतिशत
अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा,
यदि अभ्यर्थी को बीएडके थ्योरी और
प्रैक्टिकल में प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है
तो उसे प्रत्येक के लिए 12-12, द्वितीय
श्रेणी के लिए 6-6 और तृतीय श्रेणी के
लिए 3-3 अंक मिलेंगे। मेरिट निर्धारण में
बीएड के अंकों को लेकर सवाल उठाये
जा रहे थे।
कहा जा रहा था कि श्रेणियों के आधार
पर मनमाने तरीके से अंक तय करना उचित
नहीं है।
विभाग को शिक्षकों की भर्ती में
नयी व्यवस्था लागू करने के बारे में इसलिए
सोचना पड़ा क्योंकि एनसीटीई ने बीएड
डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने के
लिए 31 मार्च 2014 तक का समय
दिया है। यदि अभ्यर्थियों का पहले
विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग के लिए चयन
करने के बाद उन्हें
नियुक्ति दी जाती तो प्रदेश में एक बैच में
अधिकतम 20,000
अभ्यर्थियों को ही ट्रेनिंग देने
की क्षमता है। चार बैच को ट्रेनिंग देने में
कम से कम दो वर्ष का समय लगता और तब
तक स्वीकृत समयसीमा बीत जाती। समय
बीतने के बाद
शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती।
दूसरा, जो नयी व्यवस्था सोची गई है,
उसमें मेरिट निर्धारण में बीएड के
अंकों को लेकर
उठायी जा रही आपत्ति भी दूर
हो सकेगी।
jamtg.
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