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Saturday, December 3, 2011

Choice based transfers in Basic Education Department UP

अब मर्जी के मुताबिक होंगे बेसिक शिक्षकों के तबादले

(Choice based transfers in Basic Education Department UP for Primary & Upper Primary Level Teachers)


जागरण ब्यूरो, लखनऊ प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को तोहफा दिया है। इन शिक्षकों का उनकी मर्जी के मुताबिक एक से दूसरे जिले में तबादला हो सकेगा। तबादलों में शिक्षिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री मायावती द्वारा परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों का फैसला करने के बाद कैबिनेट ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 के नियम-21 में संशोधन के प्रस्ताव को बाइसर्कुलेशन मंजूरी दे दी है। शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले के लिए वरीयताक्रम निर्धारित किया गया है। वरीयता क्रम में पहले उन शिक्षिकाओं को तरजीह दी जाएगी जो विवाह के कारण स्थानांतरण के लिए आवेदन करेंगी। इसके बाद उनको वरीयता दी जाएगी जो गृह जिले के अलावा अन्य जिले में तबादले के लिए आवेदन करेंगी। फिर उनका नंबर आयेगा जो गृह जिले में तबादले के लिए आवेदन करेंगी। इसके बाद वरीयता क्रम में गृह जिले के अलावा अन्य जिलों के लिए आवेदन करने वाले पुरुष शिक्षकों को मौका दिया जाएगा। तबादलों के लिए शिक्षकों की वरिष्ठता के आधार पर विचार किया जाएगा। उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक सेवा) (तेरहवां संशोधन) नियमावली, 2011 के अमल में आने की तारीख से शिक्षकों को एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए अपना आवेदन/ विकल्प पत्र 31 दिसंबर 2011 तक बेसिक शिक्षा परिषद को प्रस्तुत करना होगा। तबादले के लिए शिक्षक को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित प्रारूप पर एक ही आवेदन पत्र में तीन जिलों का विकल्प देना होगा। 31 दिसंबर के बाद अंतरजनपदीय तबादले के लिए कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। जो शिक्षक इस तिथि तक अपना विकल्प पत्र प्रस्तुत नहीं करेंगे, विकल्प देने का उनका अधिकार स्वत: समाप्त हो जाएगा।
News : Jagran ( 3.12.11)
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Detailed News :-

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन कार्यरत प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों के एक जनपद से दूसरे जनपद में स्थानान्तरण, विशेषकर महिला शिक्षकों के स्थानान्तरण का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस निर्णय से प्राईमरी तथा जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को उनके द्वारा दिये गये विकल्प के अनुसार जनपदों में तैनाती मिलेगी। साथ ही, भारी संख्या में महिला शिक्षकों को राहत मिलेगी।

निर्णय के अनुसार शिक्षकों के एक जिले से दूसरे जिले स्थानान्तरण इस वरीयताक्रम में किये जाने पर विचार किया जायेगा- महिला शिक्षक, जो विवाह के कारण स्थानान्तरण हेतु आवेदन करें। महिला शिक्षक, जो गृह जनपद के अतिरिक्त अन्यत्र स्थानान्तरण हेतु आवेदन करें। महिला शिक्षक, जो गृह जनपद हेतु स्थानान्तरण का आवेदन करें। पुरूष शिक्षक, जो गृह जनपद के अतिरिक्त अन्यत्र स्थानान्तरण हेतु आवेदन करें। इस सम्बन्ध में वरिष्ठता के आधार पर विचार किया जायेगा।
निर्णय के अनुसार शिक्षकों के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण हेतु अपना आवेदन विकल्प पत्र प्रस्तुत करने के लिए 31 दिसम्बर, 2011 के पश्चात कोई भी विकल्प स्वीकार नहीं किया जाएगा। अध्यापकों के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण हेतु अपना आवेदन-पत्र विकल्प पत्र प्रस्तुत करने का यह अन्तिम अवसर होगा। वे शिक्षक जिन्होंने नियत दिनांक तक अपना विकल्प पत्र नहीं प्रस्तुत किया है, उनके विकल्प देने का अधिकार स्वतः समाप्त हो जायेगा।

वर्तमान में बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी अपने गृह जनपद अथवा वांछित जनपद से भिन्न जनपदों में श्रेष्ठता सूची में आने के कारण चयनित होकर कार्यरत हैं। महिला तथा पुरूष अभ्यर्थियों ने बड़ी संख्या में एक जनपद से दूसरे जनपद में स्थानान्तरण हेतु आवेदन पत्र उप्र बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में निर्धारित प्रारूप पर भेजे हैं।
अभी एक जनपद से दूसरे जनपद में स्थानान्तरण हेतु शिक्षकों द्वारा आवेदन करने पर स्थानान्तरण की व्यवस्था थी, लेकिन शिक्षकों की अत्यधिक कमी को देखते हुए यह स्थानान्तरण सम्भव नहीं हो पाता था। ऐसी स्थिति में सीमित संख्या में भी स्थानान्तरण किया जाना सम्भव नहीं हो पाता था, जिसके कारण अनेकानेक महिला शिक्षिकायें अपने गृह जनपद में स्थानान्तरित नहीं हो पाती थी।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों विशेषकर महिला शिक्षकों को उनके मन चाहे जनपद में तैनाती व इस सम्बन्ध में उनकी स्थानान्तरण सम्बन्धी कठिनाईयों के मद्देनजर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें राहत पहुंचाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है। इससे शिक्षकों की कठिनाईयां दूर होंगी और विद्यालयांे में पठन-पाठन का बेहतर वातावरण सुनिश्चित हो सकेगा। शिक्षकों तथा उनके अभिभावकों द्वारा वर्ष भर उनके स्थानान्तरण के सम्बन्ध में शासन निदेशालय उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद स्तर पर अनावश्यक रूप से की जाने वाली दौड़-भाग रूकेगी। साथ ही, कार्यालयों के कार्यभार में अनावश्यक वृद्धि से भी बचा जा सकेगा

उप्र बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण हेतु नियम-21 में दी गयी व्यवस्था में संशोधन के बाद अब जो प्रक्रिया अपनायी जायेगी, उसके अनुसार उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक सेवा) (तेरहवां संशोधन) नियमावली-2011 के प्रारम्भ होने के दिनंाक से प्रधान अध्यापकों, अध्यापकों जो अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण चाहते हों, को अपना विकल्प, आवेदन पत्र दिनंाक 31 दिसम्बर, 2011 तक प्रस्तुत करना होगा। परिषद द्वारा प्राप्त स्थानान्तरण हेतु विकल्पों आवेदन पत्रों को परिषद द्वारा मौलिक नियुक्ति के दिनांक के क्रम में जिलावार विकल्प के अनुसार सूचीबद्ध किया जाएगा।

परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के स्थानान्तरण हेतु क्रमशः तीन जनपदों का विकल्प एक ही आवेदन पत्र पर बेसिक शिक्षा परिषद, उप्र द्वारा विहित प्रारूप पर प्राप्त किये जायेंगे। स्थानान्तरण चाहने वाले शिक्षक यदि प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक के पद पर पदोन्नति के फलस्वरूप कार्यरत हैं, तो उनके स्थानान्तरण पर विचार आवेदितविकल्प दिये हुए जनपद में तभी किया जाएगा, जब उसी वर्ष में नियुक्त शिक्षकों की पदोन्नति हो गयी हों।

निर्धारित वरीयताक्रम में स्थानान्तरण चाहने वाले शिक्षकों में सर्व प्रथम आवेदित विकल्प दिये गये जनपद में महिला शिक्षकों को वरिष्ठताक्रम में उनके द्वारा दिये गये विकल्प प्रथम के अनुसार, तत्पश्चात विकल्प-द्वितीय के अनुसार तथा अवशेष महिला शिक्षकों का विकल्प-तृतीय के अनुसार स्थानान्तरण किया जायेगा। तत्पश्चात पुरूष शिक्षकों के स्थानान्तरण पर विचार पृथक-पृथक जनपद में अनुमोदित पदों के सापेक्ष उपलब्ध रिक्त पदों पर जनपद में उनकी वरिष्ठता क्रम के आधार पर किया जाएगा। 31 अक्टूबर, 2011 के पश्चात नियुक्त शिक्षकों के लिए इस नियम की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषदीय शिक्षकों का संवर्ग जनपद स्तरीय है तथा जनपद में भी क्रमशः ग्रामीण क्षेत्र एवं नगर क्षेत्र के अलग-अलग संवर्ग हैं तथा इनकी वरिष्ठता तथा पदोन्नति आदि का कार्य भी जनपद में संवर्ग के अन्तर्गत ही होता है। राज्य सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में रिक्त अध्यापकों के पदों की बड़ी संख्या को देखते हुए बीएड, एलटी, बीपीएड तथा डीपीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 6 माह का विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें बीटीसी कोर्स के समकक्ष बनाया गया। तदोपरान्त परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षक के पद पर चयन नियुक्ति का अवसर प्रदान किया गया।

वर्ष 1999 में लगभग 23,000 वर्ष 2004-05 में लगभग 39,000 तथा वर्ष 2007 से अब तक लगभग 76,000 अभ्यर्थियों का चयन किया गया तथा प्रशिक्षण के बाद सहायक शिक्षकों के पद पर नियुक्ति प्रदान की गयी। वर्ष 1999-2000 तथा वर्ष 2004-05 का चयन केन्द्रीय स्तर पर मेरिट बनाकर प्रशिक्षण किया गया तथा प्रशिक्षण के बाद अभ्यर्थियों का आवंटन ऐच्छिक जनपद में आवंटित कर नियुक्ति का अवसर प्रदान किया गया था।

उल्लेखनीय है कि 31 दिसम्बर, 2011 से पूर्व लगभग 72,825 शिक्षकों की नवीन तैनाती की जा रही है, जिन्होंने हाल ही मे आयोजित टीईटी परीक्षा पास की है। इन शिक्षकों की तैनाती के परिणाम स्वरूप जहां एक ओर शिक्षकों की कमी दूर हो सकेगी, वहीं स्थानान्तरण के परिणाम स्वरूप शैक्षिण कार्यों में कोई प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं पडे़गा। प्रदेश में महिलाओं के शैक्षिक स्तर में गत 10 वर्षों में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। गत जनगणना में यह स्तर 42 प्रतिशत था, जोकि अब 2011 में बढ़कर करीब 60 प्रतिशत तक पहुंच रहा है।
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Important Point is :
This decision comes before new Primary teacher selection, and newcomers have to go at low prefered areas in UP, After some time UPTET going to fill Upper Primary Level teachers. And they may fill vacancies after
completing transfer process.

For Primary level teachers transfer process continues from a long time but now by 31st Dec 11 they ends request for application so that it can be adjusted with new recruites.
See earlier happened transfer process - Transfer of teachers in UP