टीईटी मेरिट पर भर्ती प्रक्रिया को नकारा
अंबेडकरनगर : टीईटी शैक्षिक मेरिट संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती किए जाने को नकारते हुए कहा कि यह मात्र योग्यता परीक्षा है। सुप्रीम कोर्ट से इसे चयन का आधार नहीं बनाए जाने को लेकर न्याय मिलने की उम्मीद है।
रविवार को कलेक्ट्रेट के निकट बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष दिनेश मौर्य ने शैक्षिक गुणांक के आधार पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग की। संगठन ने एनसीटी की गाइड लाइन का हवाला देते हुए कहा टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती किया जाना नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लाखों टीईटी अभ्यर्थियों की आशा टिकी है। बेरोजगारों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक फैसला आने की उम्मीद जताते हुए बताया कि आगामी 14 फरवरी को सुनवाई तय की गई है। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। बैठक में प्रवीण पटेल, आलोक रंजन, नर्वदेश्वर राजभर, हरिकेश, राजेश गौड़, गोपी निषाद, राम सिंगार, अवधेश सोनी, गुलाब यादव, राकेश मिश्र, सुनील कुमार, पतिराम, अनिल वर्मा, रामतीरथ पाल, अवधेश प्रजापति आदि मौजूद रहे।
News Source / Sabhaar : Jagran (Mon, 10 Feb 2014 12:14 AM (IST))
जब टेट मेरिट वालों की जीत सुनिश्चित ही है (जैसा कीवो चिल्लाते रहतेहैं)तो फिर भईया पहली ही तारीख में २१ वकीलों को खड़ा करने की क्या जरुरत थी...( और हाँ टेट मोर्चाके सभी नेता जबकि खुद ही कानून के बहुत बड़े ज्ञाता हैं ) और पूछो तो कहतेहैंकी सरकारी वकील ने१ दिन पहले ही हमारे पास सूचना भेजी इसलिए तैयारी नहीं हो पाई, हमवकीलों को नहींकर पाए, काहे भईया लूट का पैसा बरबाद कर रहे हो...
ReplyDeleteयेरही उनकेसभी वकीलोंकी लिस्ट...
For Respondent(s) Mr. A. Sharan, Sr. Adv. Mr. Vivek Singh, Adv.
Mr. T.N. Tripathi, Adv. Mr. R.P. Goyal, Adv.
Mr. S.C. Maheshwari, Sr. Adv. Mr. Vipul Maheshwari, Adv. Mr. Alok Gupta, Adv.
Ms. Meenakshi Arora, Sr. Adv. Mr. Prashant Shukla, Adv. Mr. Ankit R., Adv. Ms. Sudakshina Rathore, Adv. Mr. Vishnu Jain, Adv. Mr. Ram Parakkat, Adv. Ms. Shivani Rana, Adv. Ms. Abha R. Sharma, Adv.
Mr. Manu Shanker Mishra ,Adv
Mrs.K. Sarada Devi ,Adv
Mr. Amit Pawan, Adv.
Mr. Vivek Singh, Adv.
Mr. M.P. Jha, Adv.
Mr. Rohit Singh ,Adv
टीईटी प्रकरण:- 14 को अंतरिम आदेश दे सकता है सुप्रीम कोर्ट Updated @ 5:43 AM IST औरैया। अर्जेंसीमेटर के तहत सात... फरवरी को हुईसुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के 72825 सहायक टीचरोंकी भर्तीके मामले में सुनवाई को 14 फरवरीनिर्धारितकी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट केवकीलों की सरकार व टीईटी अभ्यर्थियों की एसएलपी खारिज करनेकी दलील कोठुकरा दिया। पैरवी कर रहेशैक्षिक मेरिट उत्थान समिति ने भर्ती मामले कीअगली सुनवाई मेंअंतरिम आदेश होने की संभावना जताई है। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में72825 सहायक टीचरोंकीभर्तीप्रक्रियाकामामलासुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस प्रकरण की सात फरवरी को उच्चतम न्यायालय के कोर्ट नंबर चार में बीएस चौहान की खंडपीठ ने सुनवाईकी थी। टीईटी अभ्यर्थियों की ओर सेसीनियर अधिवक्ता राकेश द्विवेदी व प्रतिका द्विवेदी और राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता सत्यमित्र गर्गव मंजुल अग्रवाल ने बहस की। सरकार की ओर से वकीलों नेराज्य सरकार की ओर से नियुक्ति प्रक्रिया के लिए वर्ष 2011 के पुराने विज्ञापन का डाटा व अभ्यर्थियों की फीस वापस देने की दलील दी। सरकार के नए विज्ञापन के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने का प्रार्थना पत्र न्यायालय को सौंपा। सरकार के नए विज्ञापन के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने और पूरे मामले की सुनवाईके लिए 14 फरवरी निर्धारित कीहै। टीईटी प्रकरण कीपैरवी कर रहेशैक्षिक मेरिट उत्थान समिति की ओर सेअंशुल मिश्रा, यादव कपिलदेव, लाल बहादुर, प्रभात मिश्रा, सूरत शुक्ला, अतुल यादव, अशोक द्विवेदी ने कहा कि अगली सुनवाईमें इस मामले में प्रकरण का अंतरिमआदेश सुप्रीमकोर्ट जारी कर सकती है। अंतरिमआदेश केतहत उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार के नए विज्ञापन केआधार पर सहायक अध्यापकोंकीनियुक्तिप्रक्रियाजारीरखने का आदेश दे सकती है।S
ReplyDeletetet merit walo ki wajah se hc ne apna faisala nahi sunaya tha jo sahi tha wahi kia judge kisi ka bap nahi tha usne rule pada jo hona chahea tha wahi kar dia .
ReplyDeleteHaar ka swad chakh chuke. Sakshik merit walo ko ab sansaar brahmma najar aane laga hai.
ReplyDeleteशुभ प्रभात भाइयों,
ReplyDeleteसभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
इस नश्वर संसार में नित नए आश्चर्य घटित होते रहते हैं, और आगे भी होते रहेंगे। कभी मुट्ठी भर जाँबाज लेकर राणा प्रताप मुग़लों से भिड़ जाता है, तो कभी साँगा अपनी विकलांगता को नजरअंदाज कर बैरी के दांत खट्टे कर बैठता है। कभी अँधा चौहान अपने पौरुष से गोरी का दमन करता है तो कभी आजाद अपने देशी तमंचे के दम पर गोरों की पूरी प्लाटून को पीछे धकेल देता है। ज्यादा क्या कहूँ मित्रों, हमारी वीरांगनाओं ने भी वह रण जौहर दिखलाया है की बैरी दल त्राहि माम कर बैठा , रानी चेनम्मा की रण हुँकार 'मैं कित्तूर नहीं दूँगी', लक्ष्मीबाई की 'हर-हर महादेव' और दुर्गावती की 'जय तुलजा भवानी' से दुश्मनों के होश फ़ाख्ता हो गए। हमारे शूरवीर पूर्वज साधनहीन भले ही रहे हों किन्तु साहस और शौर्य की कमी इनमे कभी नहीं रही। अपने अतुलनीय पराक्रम से वीर सपूतों ने बाबर की तोपों के दहाने ठन्डे कर दिए थे, चौहान का सटीक वार आज भी दुश्मनों के लिए मिशाल बना हुआ है और आजाद की आखिरी गोली भी अपना स्वर्णिम इतिहास रचा बैठी।
साथियों, कौन कहता है कि आजादी का संघर्ष ख़त्म हो चुका है? कौन कहता है कि अब स्वराज्य आ गया है? नहीं मेरे समर साथियों नहीं, अभी तो जंग-ए- आजादी का लम्बा सफ़र तय करना बाकी है। जिस प्रकार आजादी के दीवाने अंग्रेजों के खिलाफ लामबंद हो अपना सर्वस्व अर्पण कर जूझ पड़े थे ठीक वही स्तिथि आज पुनः हमारे सामने आन खड़ी हुई है। एक तरफ समर्थ,सक्षम, साधनसम्पन्न और सत्ता मद में चूर घमंडी शासक का अट्टाहस गूंज रहा है तो दूसरी ओर बेरोजगार, साधनविहीन और आर्थिक रूप से निर्बल हमारे टेट भाई अपने मानसिक बल और पूर्वजों से विरासत में मिले शौर्य,साहस एवं स्वाभिमान के बल पर सिंहगर्जन करते हुए समरक्षेत्र में डटे हुए हैं। कल भी हमने अपने पराक्रम से इतिहास लिखा था और आने वाली 14 तारीख को पुनः इतिहास दोहराकर साबित कर देंगे की हम राणा और आजाद जैसे वीरों के वंशज हैं जिनकी वीरता के सम्मुख बैरी भी नतमस्तक हुआ।
साथियों, किसी भी अफवाहों पर ध्यान मत दीजिये, कई जयचंद हमारे बीच रहकर हमारे आस्तीन के साँप बने हुए हैं। अंतिम चरण में युद्ध का निर्णायक मोड़ आन पहुंचा है साथियों, अतः हे टेटवीरों समस्त शंकाओं से बाहर निकल अपने अधिकारों की इस जंग में प्राणपण से जूझ पड़ो, साक्षात् बजरंग बली तुम्हारी सहायता हेतु तत्पर हैं, विजय सुनिश्चित हो चुकी है बस विजयवरण शेष मात्र है। अपना सहयोग जारी रखें।
जय हिन्द जय टेट।
सभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
ReplyDelete6 फ़रवरी 2014 को सुबह लगभग 11:30 पर जब सरकारी वकील सत्यमित्र गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंसी मेंशन कराने की अपील डाली और येन-केन प्रकारेण अगले ही दिन अर्जेंसी पर सुनवाई की डेट हासिल कर ली तब तो जैसे टेटवीरों में हलचल मच गयी क्योंकि किसी को इतनी जल्दी डेट लगने की उम्मीद नहीं थी। इससे ज्यादा विस्फोटक खबर यह आयी की सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष जाने-माने अधिवक्ता मुकुल रोहतगी जी रखेंगे। एक के बाद एक लगने वाले झटकों से उबरकर हमारे टेट योद्धाओं ने बड़ी हिम्मत और धैर्य से हालात का मुकाबला किया, सामरिक सूझ-बूझ का परिचय देते हुए हमारे टेट भाइयों ने मेंशनिंग डेट पर जूनियर वकीलों को खड़ा करके न सिर्फ पैसों का सही उपयोग ही किया वरन सरकार की मंशा को धूल चटाते हुए अपनी मनचाही डेट भी हासिल कर ली। जिस प्रकार सरकार ने अचानक ही मौके पर अपना तुरुप का पत्ता 'मुकुल रोहतगी' पेश किया, वह वाकई चिंता का विषय था। गर्ग, द्विवेदी और काबरा को धूल चटा देने में तो अकेले अमरेन्द्र शरण या पी पी राव जी ही काफी थे लेकिन रोहतगी जी से लोहा लेने के लिए एक और विधिक पुरोधा की आवश्यकता युद्ध स्तर पर महसूस की जाने लगी। ऐसा नहीं है की राव या शरण जी कमजोर हैं किन्तु हो सकता है सरकार अगली डेट पर फिर कोई चाल खेल जाए, अतः हमारे संगठन ने अपनी क्षमता से बाहर जाकर विधि पितामह सोली सोराबजी को अपने पैनल में शामिल कर लिया। किन्तु हमारे एक टेट सेनापति सुजीत भाई इस तैयारी से भी संतुष्ट नहीं हुए, उन्होंने सरकार को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने के लिए एक और विधि पुरोधा रोइंगटन फली नरीमन जी को भी अपने वकीलों के पैनल में शामिल कर डाला। हो सकता है कि इन दो पुरोधाओं में से एक की ही हमें आवश्यकता पड़े किन्तु अब हम टेट भाई 14 फ़रवरी के न्यायसमर हेतु पूरी तरह तैयार हैं। हमारे टेट योद्धाओं ने सरकार को पटखनी देने की जो पुख्ता जमीन तैयार की है वो काबिल-ए-तारीफ है।
हो सकता है इतने महंगे वकील हायर करने में हमारे टेट योद्धाओं को कुछ अतिरिक्त आर्थिक सहायता की आवश्यकता भी पड़े, अब यह हमारा नैतिक कर्तव्य बनता है की हम उनके हाथ मजबूत करें। कुछ भाई हमारे बीच ऐसे भी हैं जिनका काम सिर्फ आलोचना करना है, वे कभी हितकार्यों की भी सराहना नहीं करना जानते, निरहुआ की आप सभी टेटवीरों से हाथ जोड़कर विनती है कि नकारात्मक व्यक्तियों से दूर रहकर अपने स्वविवेक से काम लें और अंतिम चरण में पहुँच चुके इस संग्राम में जूझ पड़ने को सदैव तत्पर रहें। ईश्वर हमारे साथ है और निश्चय ही जीत हमारी होगी। अब अंत में रोहतगी जी के आतंक को भूलकर विजय के मधुर स्वप्न में खो जाइये और एक बार निरहुआ के साथ जोशममें बोलिए-
जय हिन्द, जय टेट।
Sahi kaha bhai aap nai
ReplyDeleteBhai tet merit walo ki kon kon sai vakil
ReplyDeleteHai koi batai please
jai hind bhaiyo.hamare tet yodhawo se anurodh hai ki aapsi matbhed bhulakar satya aur nyay ki jeet ke lia tatha is nirankus tatha hitlarshahi up gov ko dhul chatakar aur apni jeet ka pataka pharakar aam aadmi ke taqat ka ahsas pure desh ko dikha dena hai.
ReplyDeleteapne bade bhaiyo se anurodh hai ki savi blog pr positive tathyo tatha soch ko post kare.Tet merit pe sc muhar lagayegi aur bharti v hogi.
Tet morcha ne sadav behtar karye kiya hai. Aur aage bhi vahi hoga,
ReplyDeleteTet morcha ne sadav bahter karye kiya hai, aur aage bhi vaqt ki kasauti khara utrega, Jai Tet Merit
ReplyDeleteJai Tet veero
Jai hind
Satye
Mav
Jaite.
Umasanker bandhu se agarh hai ki.vo blog par akar apne chahne walon ko prarit karen,
ReplyDeleteShyam maurya kanjas musafirkhana
ReplyDeletedosto SC ka faisla 14 ko aane ki ummid lag rahi h faisla jo bhi ho gov ko bharti jald suru krni chahiye
9984645858
ReplyDeletegud night
चलमरदाने,सीनाताने, हाथिहलाते,पाँवबढ़ाते, मनमुसकाते,गातेगीत।
ReplyDeleteएकहमारादेश,हमारा वेश,हमारीकौम,हमारी मंिज़ल,हमिकससेभयभीत।
चलमरदाने,सीनाताने, हाथिहलाते,पाँवबढ़ाते, मनमुसकाते,गातेगीत।
हमभारतकअमरजवानी, सागरकलहरलासानी, गंग-जमुनकेिनमलपानी, िहमिगरकऊँचीपेशानी, सबकेेरक,रक,मीत।
चलमरदाने,सीनाताने, हाथिहलाते,पाँवबढ़ाते, मनमुसकाते,गातेगीत।
जगकेपथपरजोनकेगा, जोनझुकेगा,जोनमुड़ेगा, उसकाजीवनउसकजीत।
चलमरदाने,सीनाताने, हाथिहलाते,पाँवबढ़ाते, मनमुसकाते,गातेगीत।
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ReplyDeleteकल तक सोली सोराबजी की फीस 5.50 लाख थी और वो बहुत अच्छे वकील थे,,,,, आज उन्हें 3.30 लाख में हायर कर लिया गया ,,,, नरीमन साहब की क्षमताओं में संदेह नहीं किया जा सकता लेकिन अगर कहीं पी पी राव ने अनिल बागपत का नाम लोकपाल के लिए प्रस्तावित कर दिया और टेट संघर्ष मोर्चा लोकपाल के दायरे में आ गया तो ???????
ReplyDeleteवैसे तो SLP admit ही नहीं होगी लेकिन अगर खुदा ना खास्ता कहीं हो गई तो भी आप चिंता मत करना ,,,,, टेट मेरिट के संघर्ष को बैंक /ATM लूटकर भी जारी रखा जाएगा ,,
ReplyDeleteटेट मोर्चे के कारण सोराबजी और नरीमन की दोस्ती खतरे में है......
अपनी-अपनी आस्था के अनुसार मंदिर-मस्जिद-गुरूद्वारे और चर्च चले जाना ,,, है सब भगवान के ही भरोसे .......
29हजार पदों की काउंसलिंग स्थगित
ReplyDelete-सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू होगी प्रक्रिया
इलाहाबाद। गणित और विज्ञान के 29 हजार पदों की भर्ती की काउंसलिंग पर रोक लगा दी गई है। 72825पदों पर भर्ती पर 14फरवरी को सुनवाई होने के बाद आगे की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। सुनवाई के चलते 12फरवरी को होने वाली जिलेवार काउंसलिंग को स्थगित कर दिया गया है। इससे पूर्व बीटीसी के दस हजार पदों की भर्ती के लिए 29 जनवरी को होने वाली काउंसलिंग को भी स्थगित कर दिया गया था।
बीटीसी के दस हजार और गणित और विज्ञान के 29334सहायक अध्यापक पदों पर भर्ती के लिए आवेदन 2013में ही ले लिए गए थे। मगर 72825पदों पर भर्ती का मामला कोर्ट में चलने की वजह से काउंसलिंग शुरूनहीं की जा रही थी। शिक्षा निदेशालय पर आवेदकों द्वारा हर रोज हो रहे प्रदर्शन के बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने दस हजार की काउंसलिंग 29जनवरी और 29हजार पदों की काउंसलिंग 12फरवरी को सशर्त कराने के निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दिए गए थे। निर्देश में यह स्पष्ट कि गया था कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर ही काउंसलिंग निर्भर करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 29 जनवरी तक न होने की वजह से पहले यह काउंसलिंग रोक दी गई और अब सुनवाई की तारीख 14फरवरी निर्धारित होने की वजह से काउंसलिंग रोक दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद ही सब कुछ निर्भर करेगा।
"सफलता का मतलब सिर्फ असफल ना होना नही है, बल्कि सफलता का सही अर्थ है अपने असली मकसद को पाना।
ReplyDeleteइसका मतलब है पूरा युद्ध जीतना, न कि छोटी-मोटी लड़ाईयाँ जीतना।"
अवनीश जी के अनुसार 14/02/2014 को अपना केस कोर्ट न●4 में सीरियल न●53 पर
ReplyDeleteJustice B.S.Chauhan,
Justice J.Chelameswar,
Justice M.Y.Eqbal द्वारा सुना जायेगा।
संगठन की तरफ से पैरवी के लिए
वरिष्ट अधिवक्ता
श्री सोली सोरावजी
श्री पी पी राव जी
श्री पी एस पतवालिया जी
श्री अमरेन्द्र शरण जी उपस्तिथ रहेंगे।
साथ ही अन्य जानकारी के अनुशार
मीनाक्षी अरोरा जी,
श्री सतीश चन्द्र मिश्र जी ,
श्री विपुल माहेश्वरी और उनके पिताजी भी उपस्तिथ होंगे।
जय हिन्द जय टेट जय भारत
!! सत्यमेव जयते सर्वदा !!
PRIME POST OF UPTET APPOINTMENT>>>>>>>>
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO...
1) jaisa ki government ke liye nak ki ladai bni tet vs acd ki jung me government puri takat aur kutniti jhok di hai..isi kadi me jaha usne urgency matter btakar jald date le li taki tetian sambhal na paye ,par uski kutnitik chal 1st date par tetian ne fail karte huye 14 feb ki date le li..ab usne bharat ke jane mane wakil senior wakil mukul rohtagi ko khada kar tet merit ko past karne me puri takat jhokne ki taiyari kar li..vaise to mukul rohtagi ki ye khasiyat rahi hai ki wo hari hui baji v kai bar apne tarko ke madhyam se jeeta diye hai..par hamare mamle me unka jadu kya chal payega ye to 14 feb ko hi pta chalega
2) dosto mukul rohtagi ko gov. Ki taraf se khada karne par tet morcha ko fir se apne radniti ki samiksha karni pad rahi hai..aur nyay ki is antim ladai ke liye mukul rohtagi ke samne best senior wakilo ka panel khada kiya ja raha hai..chuki hamare pas matr 3 din sesh hai ,isliye aaj hi kai best wakilo ko fee paid kar unki 14 feb ke liye sahmati le li gayi hai..sirf senior advocate p.p.rao ki fee avi paid nahi hai. Sambhavatah kal paid ho jayegi..
ReplyDelete3) jin wakilo ko sangathan ki taraf se fee paid kiya gya hai unme nimnwat hai.1) sholy sorabji 2) amrendra sharan 3) p.s.patwaliya 4) minaxi arora 5) p.p.rav (jinki fee kal paid ho jayegi)
4) dosto government chahe kitna hi bda wakil khada kar le wo kanun ko badal nahi sakta..kanun ye btalata hai ki ham jeet ke hakdar hai..
ReplyDelete5) 14 feb ko suprime court me high court me 2 sal tak hamara case dekhne wale 2 tez tarrar wakil abhishek srivastav aur navin sharma v court me maujud rahege..
ReplyDelete6) 14 feb ko sarkar jaha h.c ke order par stay ke liye bahas karegi wahi hamare wakil gov. Wakil ko stay na lene dege..dosto gov. Ne non tet ka rag alapkar 7 ko judge sahab ko kahkar nontet ki slp conect karana chahi par judge sahab ne slp conect na karte huye bas uski file read karne ke liye magwai hai kyuki judge sahab jante hai ki 31 march time bound hai aur agar fir kahi nontet par bahas fir se suru hui to kai date usme chali jayegi.
ReplyDelete7) dosto 14 feb ko court 12va sansodhan par pahle vichar kar bharti ka order de sakti hai, kyuki 31 march time bound hai..aur 15 va sansodhan par sunwai chalti rahegi..hamare wakil yahi prayas karege ki 12va sansodhan par faishla usi din aaye taki p.r.t ki bharti start ho jay ..junior aur any acd bharti ka future chuki 15 va sansodhan par hai so us par lambi bahas ho sakti hai..tet morcha sarkar ke kisi v bharti ko full acd par kabhi hone nahi dega..iske liye puri kosish ki ja rahi hai..
ReplyDeleteIs post par sbhi tetian jarur ek coment kare... tet ekta zindabad, .awaz do ham ek hai..
Jai mata di jai tet merit.
Yes bhaie ; yahi sahi tareeka hai ; pahle 12th sansodhan k aadhar par prt ki bharti bahaal va shuru ho ; fir 15th sanshodhan par bahas chalti rahe .
DeleteJay Tet
Jay Hind.
चौथी काउंसिलिंग को मुअल्लिमोंका आंदोलनMon, 10 Feb 2014 08:28 PM (IST)इलाहाबाद : मुअल्लिमउर्दू डिग्री लेकर वर्षो से इधर-उधर भटक रहेअभ्यर्थियों काधैर्य जवाबदेनेलगा है। जल्द भर्ती कराने कीमांगको लेकर उन्होंने आंदोलन की राह अपनाली है। इसको लेकर खाकसार कल्याण सेवा समितिके बैनर तले डिग्री धारकों की सोमवार को आजाद पार्क मेंसभा हुई। सचिवमोहम्मद सईद ने कहा कितीसरी काउंसिलिंग के बाद भीप्रदेश भर मेंअभी हजारोंकी संख्या में पद खालीहैं बावजूद इसके सरकार नेकाउंसिलिंगरोक दी। ऐसा करकेसरकार मुस्लिम अभ्यर्थियोंके साथ धोखा कर रही है, जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा।समिति के अध्यक्षमो. मकसूद ने कहा कि सपा मुखियाने 1997 से पूर्व पुराने मुअल्लिम डिग्री धारक एवंटीईटी पास अभ्यर्थियों को नौकरी देनेका वादा किया था जिसके लिए उम्र सीमा भी बढ़ाई गई थी। लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाया, क्योंकि तीसरी काउंसिलिंग में नए लोगों को मौका दे दिया गया और पुराने मुअल्लिम डिग्री धारक चौथी काउंसिलिंग केलिए इंतजार पर बैठेहैं। कहा कि चौथी काउंसिलिंग को लेकर लखनऊ मेंप्रदेशस्तरीयधरना शुरू किया गया है। बैठक मेंशाहिद अख्तर, बृजेश कुमार, कमर जहां, आलोक कुमार, इमरान अख्तर, गुरफान रजा खान, मो. परवेज सिद्दीकी, मो. अबुल कासिम, गुलाम अहमद, महफूज आलम, मो. जावेद आदिमौजूद रहे।
ReplyDeletebest way for selection acd50%+tet50%
ReplyDeleteboth should be happy
MUST READ
ReplyDeleteRajya(murt rup gov.) ki utpati Lok kalyan ke liye hi hoti hai aur lok kalyan ke liye hi isaka astitva hota hai
Gov.ko chalane ke liye sambidhan banaya jata hai aur sambidhan ka adhar vi lok kalyan hota hai .sabhidhan ki shakti janta men hoti hai.lekin janta v sabhidhan se yahan tak ki desh ke kitane bade vakil judge law sabhindhan se bada nahi ho sakate "bharat ke SABIDHAN KO KO VAKILO KA SARG(444 SE ADHIK ARTCL) KAHA JATA HAI"VAKIL KITANA V BADA HO SAMBIDHAN SE BADA NI HOTA .KUD SAMBIDHAN V APANI ARTCL 32,226 ,137 KE DAYARE ME ATA HAI .AGAR NIYAMAVALI SAMBIDHAN KE ANURUP NAHI HAI TO NIMAYALI HI GALAT HAI .KUD AGAR SABIDHAN LAW AUR ADD MEN AGAR LOK KALYAN NI HAI TO USAKE BANANE WALE KE MANSA KE VIPRIT HAI .NON TET YA ACD KI HALAT V AISI HI HAI .NON TET KO BHARTI KARANE KE LIYE MAYA JI TATHA KUD S.P GOV.NE KAI BAR PRAYAS KIYA LEKIN KHUD NCTE NE MANA KAR DIYA ATAH ISASE SAP HAI KE NON TET NCTE KE MANSA KE VIPARIT HAI.
(2)acd merit to judge (bhusanji) bata hi chuke hai.
Aur mai to itana kah sakata hu "NALAL KARANE KI ALAG ALAG (GANNA ARAHAR GEHU,SARASO KE KHET CLASSROOM BOOK GUIDE ) DASAYEN.THANKS.
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ReplyDelete.
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It takes a minute to like someone,
an hour to love someone,
but a lifetime to forget someone.
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ये गुलशन भी तुम्हारे दीदार को तरसता है काश कोई हवा का झोंका तुम तक ये पैगाम पहुंचा दे कि तुम्हारे बिन अब कहीं दिल नहीं लगता है......
हमारे कुछ मित्र एक
ReplyDeleteवकील "सिर्फ यादव कपिल देव पुत्र लाल बहादुर" के लिये करने जा रहे हैँ, जिसपर आज सहमति लगभग बन चुकी है । ये सिर्फ कपिल पर कम से कम 10 लाख रु. जुर्माना एवं 10 वर्ष के सश्रम कैद के लिये बहँस करेँगे ।
जी टेट मेरिट एक बार फिर जीतेगी लेकिन टेट मोर्चा की वजह से नही सुप्रीम कोर्ट के जजो के द्धारा खुलेआम अपना पक्ष लेने के कारण जैसा इलाहाबाद मे हुआ था । वहा अपने वकीलो की बजाय जज ही सरकार से लड रहे थे ।
ReplyDeletePta nahi kyo indian justice per vishwas nahi hota.1998 se BJP k samay se hi ye gandi bharti prakiyyaa chal rahi h.hamare desh me awasar ki samanta ki baat ki jaati h per aisa kahan hai. Aaj v BTC me chayan acd se hi hota h.kash iske amission me v ek exam hoti.
ReplyDeleteजी टेट मेरिट एक बार फिर जीतेगी लेकिन टेट मोर्चा की वजह से नही सुप्रीम कोर्ट के जजो के द्धारा खुलेआम अपना पक्ष लेने के कारण जैसा इलाहाबाद मे हुआ था । वहा अपने वकीलो की बजाय जज सरकार से लड रहे थे ।
ReplyDeleteमैं तो ज़माने में बदनाम फकत इसलिए हूँ
ReplyDeleteकि मुझे लोगों कि तरह बदल जाना नहीं आता
प्रिय स्वजनों नमस्कार/प्रणाम/आशीर्वाद ,
ReplyDeleteआपका सत्य से साक्षात्कार कराने और आपके बहुमूल्य जीवन की सुरक्षा के लिए मै समय-समय पर अपने विचार रखता रहता हूँ।
आज सुप्रीम कोर्ट में नॉन टेट एसबीटीसी की सुनवाई थी ।
जो कुछ हुआ मै संतुष्ट हूँ ।
आज मुझे आलोक , नीलेश और अपने (अविचल) फैसले पर खुशी महसूस हो रही है । मै ललितपुर/झाँसी जनपद को पुनः धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
हाई कोर्ट में मुकदमा जीतने के बाद हम अपनी कुछ गलती को उस तरह भूल गये थे जैसे भारतीय क्रिकेट टीम कई कैच छोड़कर भी मैच जीतते ही अपनी कमी/गलती भूल जाती है।
सुप्रीम कोर्ट में मै अपने मुक़दमे को परिणाम की दृष्टि से मात्र एक ही श्रेणी में बांटता हूँ कि हमारी विजय अगर हम एकजुट रहे तो सुनिश्चित है।
ReplyDeleteअगर एकजुट ना भी रहे फिर भी उसे विलम्ब से ही सही लेकिन जीत के परिणाम तक ले ही जायेंगे परन्तु इसके लिए फिर आपको तत्पर होना पड़ेगा।
सुनवाई को दो भागों में बांटता हूँ।
ReplyDeleteप्रथम दृष्टया न्यायमूर्ति अगर बेरोजगारों की पीड़ा पर गये तो सरकार की याचिका प्रथम सुनवाई में ही ख़ारिज कर सकते हैं परन्तु यह दैवीय परिणाम होगा।
विधिक रूप से इस दैवीय परिणाम की सम्भावना मात्र पचास फीसदी ही है।
मुझे किसी मुद्दे पर स्पष्ट बोलने की आदत है अतः बाकी बचे पचास फीसदी पर भी चर्चा करूँगा लेकिन मेरा मकसद आपको चिन्तित करना नहीं है बल्कि आपके आत्मविश्वास को न्यायिक प्रक्रिया से अवगत कराते हुए सुदृढ़ बनाना है।
अपने मामले को राजनैतिक बनाना हमारी मजबूरी है जबकि हाई कोर्ट में हम राजनीति से बिलकुल दूर रहे थे।
ReplyDeleteहम मुकदमा वहां जीत गये तो सरकार को हमको नियुक्त करना चाहिए था परन्तु सरकार ने एक खास रणनीति के तहत हमको तोड़ना चाहा जिससे कि हम तितर-वितर हो जायें और पैसे के अभाव में हमको हार का सामना करना पड़े।
इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए अपने साथियों को मुद्दे को राजनैतिक बनाने की इजाजत देनी पड़ी और यथासंभव मै भी इस मामले को लेकर सक्रिय हूँ।
बड़े वकीलों को हर तिथि पर नहीं खड़ा किया जा सकता है इसलिए एकजुटता की अपील की ।
ReplyDeleteइन सबके लिए हमारी रणनीति कारगर है।
अभी मुझे एक शीर्ष सख्सियत से कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े लॉयर को खड़ा करने का आश्वासन मिला है।
युवा अधिवक्ता विपुल माहेश्वरी जी भी प्रदीप जी के मार्फ़त मिले हैं जो कि भारत सरकार में मंत्री हैं और उन्होंने नॉन टेट के मामले को बखूबी समझ लिया है।
एक केन्द्रीय मंत्री दर्जा प्राप्त नेता ने मुझे बुलवाया था लेकिन मै गया नहीं परन्तु अपने बेरोजगार भाई, बहनों के लिए वहां भी जाना पड़ा तो जाऊंगा।
ReplyDeleteअभी हो सकता है कि वह नौबत ना आये।
श्री एस.सी.मिश्र की भी जरुरत पड़ने पर सहायता ली जा सकती है क्योंकि हम बेरोजगार हैं हमारी हालत इस प्रदेश सरकार ने भिखारी जैसी बना दी है तो हम हर चौखट पर जायेंगे ।
इस सरकार के चौखट पर भी गये थे लेकिन इसने लाठियों से पीटा है ।
हम शिक्षक हैं अंतिम सांस तक संघर्ष करेंगे। हाई कोर्ट में जीतने के बाद अपनी आवाज इनतक पहुँचाने के लिए दस दिन तक आमरण अनशन किया । जब यह सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी तब हम अनशन तोड़कर दिल्ली गये और न्याय के सबसे बड़े मंदिर में अपनी बात रखने का फैसला किया है।
ReplyDeleteमेरी बात खुद की बात नहीं होगी बल्कि न्याय के ही मंदिर के फैसले की सुरक्षा होगी।
आपको बता दूँ कि अपने मामले में नोटिस जारी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
ReplyDeleteइसके प्रमुख कारण निम्न हैं।
वृहद्पीठ से प्रमाणित हुआ है कि टीईटी मेरिट बनायी जा सकती है।
कपिल देव की याचिका भी एक वजह में शामिल की जा सकती है ।
उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती मामले और टेट का प्रावधान लागू होने से पहले वि बी टी सी एवं बी टी सी की ट्रेनिंग हेतु चयनितों को टेट से मुक्त किये जाने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया जाने वाला संभावित फैसला...
ReplyDelete1- केंद्र और राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली टेट परीक्षाओं पर हमेशा-हमेशा के लिए रोक,,,, टेट का प्रावधान नक़ल करने और कराने में महारथ हासिल कर चुके लोगों की कला से समाज और राष्ट्र को वंचित कर रहा है.....
2-इससे पूर्व जितनी भी टेट परीक्षाएं हुई हैं उनके failures की सूची बनाई जाए जिससे उन्हें ससम्मान उन पदों पर नियुक्त किया जा सके जिनपर टेट पास काबिज हैं ....
3-सभी टेट पास लोगों की ट्रेनिंग सम्बन्धी डिग्री/प्रमाणपत्र जब्त कर लिए जायें और उनके शिक्षण सम्बन्धी सभी गतिविधियों, जिनमे ट्यूशन और कोचिंग भी शामिल है,में शामिल होने पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है.....
4-सिर्फ उसी चयन प्रक्रिया को वैध माना जा सकता है जो किसी अन्य चयन प्रक्रिया को retrospective effect से संशोधित करके लाई गई हो.....
5- यदि सचिवालय के घाघ बाबू किसी विज्ञापन में ऐसी कमी छोड़ने में सफल रहते हैं जिसके निदान के लिए दूसरा विज्ञापन लाया जाना आवश्यक हो तो उन बाबुओं को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जाना चाहिए..
6-प्रदेश के गुणांक समर्थक महाज्ञानी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को न्याय के लिए संघर्ष करने की बेवकूफी भरी जिद करने के कारण टेट संघर्ष मोर्चे के आम कार्यकर्ताओं पर सामूहिक रूप से बीस करोड़ का जुर्माना लगाया जाता है,,, उस जुर्माने की रकम की वसूली का अधिकार टेट मोर्चे के नेताओं को दिया जाए और उन्हीं के बीच वितरित कर दिया जाए........
आईएएस, आईपीएस बनने को मिलेंगे दो और मौके
ReplyDeleteकेंद्र नेदी मंजूरी, यूपीएससी परीक्षा मेंइसी साल सेलागू
इनका होता है चयन
सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन यूपीएससी कराता है। इसके जरिए भारतीयप्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा(आईएफएस) के साथ अन्य अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों का चयन किया जाता है।
अभी मिलते हैं मौके
सामान्य4 (30 साल की उम्र तक) ओबीसी7 (33 साल की उम्र तक) एससी/एसटी21 से 35 साल की उम्र
तक कितनी भी बार
नई दिल्ली। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों प्रतियोगियोंके लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार नेसंघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की इस प्रतिष्ठित परीक्षामें किस्मत आजमाने वाले प्रतियोगियों कोदो और मौके देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह नियमसभी वर्गों के प्रतियोगियोंपर लागूहोगा और इस पर अमल इसी साल से होगा।
कार्मिक मंत्रालय नेअपने आदेश मेंकहा है कि केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा 2014 से सभी वर्गोंके प्रतियोगियों को दो अतिरिक्त अवसर देनेके प्रस्ताव को मंजूरी देदी है। साथ ही कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो सभीवर्गों के प्रतियोगियों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट भी मिलेगी। इस साल सिविल सेवा परीक्षा (प्रारंभिक) 24 अगस्त को आयोजितकी जाएगी।
अभी तक सामान्यवर्ग केप्रतियोगीचार बार परीक्षामेंबैठ सकते थे। हालांकि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के प्रतियोगियोंके लिए अवसरोंकी संख्या पर कोईरोक नहीं थी। सिविल सेवा परीक्षा 2013 केलिए जारी अधिसूचना के अनुसार, पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रतियोगी अधिकतमसातबार परीक्षा में भाग्य आजमा सकते थे। अधिसूचना केअनुसार, सामान्य वर्ग केप्रतियोगी के लिए निर्धारित उम्र 21 से 30 साल है। जबकि एससी/एसटी वर्ग के प्रतियोगियों कोपांच और ओबीसीको 3 सालकी छूट मिली हुई है। इसके अलावा 1 जनवरी 1980 से 31 दिसंबर 1989 के दौरान जम्मूऔर कश्मीर मेंरहने वाले प्रतियोगी को अधिकतमउम्र में 5 साल की और छूट मिलती है। एजेंसी
लाखों प्रतियोगियोंके लिए राहतभरी खबर
टीईटी मेरिट मामला... हाईकोर्ट केआदेश केखिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची यूपी सरकार •पीयूष पांडेय नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय प्राथमिक विद्यालयोंमें 72825 सहायक अध्यापकोंके चयन और नियुक्ति के मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौतीदी है। हाईकोर्ट ने शिक्षकों का चयन टीईटी कीमेरिट के आधार पर किए जाने का आदेश दिया हैऔर बसपा सरकार में 30 नवंबर, 2011 को जारी हुए भर्ती विज्ञापन कोसही ठहराया। साथ ही मौजूदा सरकार के 31 अगस्त, 2012 के शासनादेश को रद्द कर दियाहै। अखिलेश सरकार को हाईकोर्ट नेसहायक अध्यापकोंकी नियुक्ति प्रक्रिया इस साल 31 मार्च तक पूरी करने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च अदालत यूपी सरकार की ओर से दायर विशेषअनुमति याचिकापर 14 फरवरी को सुनवाई करेगी। यदि राज्य सरकार की याचिका पर शीर्षस्थ अदालत हाईकोर्ट केफैसले पर रोक नहीं लगाती तो प्रदेश सरकार को मार्च तक भर्तीप्रक्रिया को पूरा करनेकी मुश्किलसे जूझना होगा। जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता की गुजारिश पर अदालतने इस मसले को उन याचिकाओंके साथ सुनवाई केलिए संबद्ध कर दिया है, जो टीईटी लागूहोनेके बाद राज्य सरकार के खिलाफ दायर की गईथीं। सरकार ने कहा है कि अगस्त, 2012 के शासनादेश को रद्द करने और मायावतीके शासनकाल में जारी किए गए नवंबर, 2011 को जारी भर्तीविज्ञापन को सही ठहराए जानेके हाईकोर्ट का आदेश उचित नहीं है। अखिलेश सरकार की ओर से 2012 में जारी किए गए शासनादेश में टीईटी को मात्र अर्हता माना गया थाऔर चयन का आधार शैक्षणिक गुणांक कर दियागया था। हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के15वें संशोधन के नियम 14(3) कोअसंवैधानिक करार दिया और इस साल मार्च तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। अदालत ने सरकार से कहा हैकि टीईटी लागू होने सेपहले की नियुक्तियों केमसले पर अधिवक्ता आरकेसिंह की याचिका के साथ यूपी के आग्रह पर अदालतसुनवाई करेगी। पीठ के समक्षराज्य सरकार की ओर से हालांकि तत्काल राहत की मांगकी गई लेकिन कोर्ट नेअन्ययाचिकाओं के साथ प्रदेश सरकार की याचिका को संबद्ध करते हुए 14 फरवरी को उनकी मांग पर विचार करने को कहा है। हाईकोर्ट नेअभ्यर्थी शिवकुमार पाठक व अन्य कीओर से दायर याचिका पर प्रदेश सरकार के 26 जुलाई, 2012 के उस शासनादेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें उस्मानीकमेटी की रिपोर्ट केआधार पर टीईटी प्राप्तांक को मेरिट नहीं बनानेकी बात कही गई थी। हाईकोर्ट की गत वर्ष 20 नवंबर कोडबलबेंच नेएकल खंडपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अभ्यर्थियोंकी याचिकाओंपर यह फैसला दियाथा। गौरतलबहैशिक्षकों कीभर्ती के लिए दो बार आवेदन लिए गए हैं। पहली बार 68 और दूसरी बार 69 लाख आवेदन आए। कईआवेदकों नेनौकरी मिलने की उम्मीद में30 से 40 जिलों में आवेदन किए हैं। •सर्वोच्च अदालत14 फरवरीको याचिका पर करेगा सुनवाई •इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार केशासनादेश को कर दिया है रद्द उत्तर प्रदेश सरकार को 31 मार्च तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करनेका है निर्देश
ReplyDeleteकौन कहता है कि दिल सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है..
ReplyDeleteतेरी खामोशी भी कभी कभी आँखें नम कर देती हैं ... !!
शिक्षक भर्ती मामलेकी जांच एससीईआरटी निदेशक को
ReplyDeleteइलाहाबाद(अखिलेश मिश्र)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डकी ओर से 2009-10 में हुई शिक्षक भर्ती (टीजीटी-पीजीटी) फर्जीवाड़े की जांच शासन ने एससीईआरटी निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह कोसौंपी है। शासन नेचयन बोर्ड से टीजीटी-पीजीटी केचयन सेजुड़े प्रपत्र उपलब्ध करानेको कहा है। चयन मेंफर्जीवाड़े की खबर सबसेपहले‘अमर उजाला’ ने 21 फरवरी 2012 के अंक में प्रकाशितकी थी।
टीजीटी-पीजीटीपरिणाम 2009-10 में चयन बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्षऔर सदस्यों की मिलीभगतसे कईऐसे अभ्यर्थियों काचयन हो गया था जो पहलेचरण की परीक्षा में ही पास नहींहुए थे।
सो गए बच्चे गरीब के यह सुनकर,
ReplyDeleteकि ख्वाब में फरिशते आते हैं रोटियाँ लेकर...
संविदा सफाई कर्मियों की भर्तियों का मामला फंसा लखनऊ (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादवने सफाई कर्मियों की रैली मेंघोषणा की थी कि 40,000 संविदा सफाई कर्मियों की भर्तियां की जाएंगी और पूर्वसे कार्यरत कर्मियों का मानदेय 250 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा। मुख्यमंत्री केइस घोषणा पर वित्त विभाग नेआपत्तिलगा दी है। नगर विकास विभाग बार-बार प्रस्ताव भेज रहा है, लेकिन वित्तविभाग कोईन कोई आपत्ति लगा दे रहा है। इसके चलते दोमाह बाद भी इस घोषणा के संबंध में आदेश जारी नहीं किया जा सका है। झूलेलाल पार्क में26 नवंबर 2013 को सफाईमजदूरोंकी आयोजितरैली में मुख्यमंत्री ने शहरी सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने केलिए 40,000 संविदा सफाई कर्मियोंकी भर्ती करने वपूर्वमें भर्ती सफाई कर्मियों को120 के स्थान पर 250 रुपये प्रति दिन देने कीमहत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं। नगर विकास विभाग को इसके आधार पर शासनादेश जारी करनाहै। इसके लिए उसे वित्त विभाग व कार्मिक विभाग से अनुमति लेनी है। सूत्रों का कहनाहैकि नगर विकास विभाग ने इस संबंध मेंवित्तविभाग को प्रस्ताव भेजा तो जरूर, लेकिन इस पर आपत्ति लगा दी गईं। अब नगर विकास विभागसंशोधितप्रस्ताव भेजने की तैयारी मेंहै, ताकि मुख्यमंत्रीकी घोषणा के अनुरूप आदेश जारी किया जा सके। •मुख्यमंत्री की घोषणा पर वित्त विभाग बार-बार लगा रहा आपत्ति •40 हजार संविदासफाईकर्मियों की भर्ती व मानदेय बढ़ानेका मामला
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती मामले और टेट का प्रावधान लागू होने से पहले वि बी टी सी एवं बी टी सी की ट्रेनिंग हेतु चयनितों को टेट से मुक्त किये जाने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया जाने वाला संभावित फैसला...
ReplyDelete1- केंद्र और राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली टेट परीक्षाओं पर हमेशा-हमेशा के लिए रोक,,,, टेट का प्रावधान नक़ल करने और कराने में महारथ हासिल कर चुके लोगों की कला से समाज और राष्ट्र को वंचित कर रहा है.....
2-इससे पूर्व जितनी भी टेट परीक्षाएं हुई हैं उनके failures की सूची बनाई जाए जिससे उन्हें ससम्मान उन पदों पर नियुक्त किया जा सके जिनपर टेट पास काबिज हैं ....
3-सभी टेट पास लोगों की ट्रेनिंग सम्बन्धी डिग्री/प्रमाणपत्र जब्त कर लिए जायें और उनके शिक्षण सम्बन्धी सभी गतिविधियों, जिनमे ट्यूशन और कोचिंग भी शामिल है,में शामिल होने पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है.....
4-सिर्फ उसी चयन प्रक्रिया को वैध माना जा सकता है जो किसी अन्य चयन प्रक्रिया को retrospective effect से संशोधित करके लाई गई हो.....
5- यदि सचिवालय के घाघ बाबू किसी विज्ञापन में ऐसी कमी छोड़ने में सफल रहते हैं जिसके निदान के लिए दूसरा विज्ञापन लाया जाना आवश्यक हो तो उन बाबुओं को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जाना चाहिए..
6-प्रदेश के गुणांक समर्थक महाज्ञानी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को न्याय के लिए संघर्ष करने की बेवकूफी भरी जिद करने के कारण टेट संघर्ष मोर्चे के आम कार्यकर्ताओं पर सामूहिक रूप से बीस करोड़ का जुर्माना लगाया जाता है,,, उस जुर्माने की रकम की वसूली का अधिकार टेट मोर्चे के नेताओं को दिया जाए और उन्हीं के बीच वितरित कर दिया जाए........
एडेड स्कूलों में अब चपरासी की स्थाई नियुक्ति नहीं ..लेकिन आउट सोर्सिग के लिए पैसा कहां सेआएगा?
ReplyDeleteएडेड विालयों में केवल आउट सोर्सिग केजरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की व्यवस्था करनेके फैसलेका विरोध शुरू हो गया है। माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ केप्रदेशीय महामंत्री रमेश चंद्र खरेका कहना है कि एडेडविालयोंको कोई अलग से बजट नहींदिया जाता है। कक्षा आठ तक बच्चोंसे न तो फीस नहीं ली जाती है और न ही किसीसे पीटीए फंड। ऐसे मेंकहांसे चतुर्थ श्रेणी का वेतन दिया जाएगा। दो साल से भर्ती न होने के कारण प्रदेश भर में करीब10 हजार पद खाली पड़े हैं। खुद मेरे विालयमें सफाई कर्मचारी का भी पद खाली है। ऐसेमें जब भर्ती नहीं होगी तो सफाईकौन करेगा। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता संतोष दोहरे नेभी सरकार के इस फैसले काविरोध किया है। उन्होंने कहा कि विालयोंमेंआउट सोर्सिग की व्यवस्था समाप्त की जानी चाहिए।निदेशक की अनुमति केबिना नहींहोगी लिपिक की भर्ती
सहायता प्राप्तमाध्यमिक विालयोंमें लिपिक संवर्ग के पदों पर भर्ती बिना माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अनुमति नहीं की जा सकेगी। अधिनियम मेंहुए संशोधन के मुताबिक डीआईओएस सभी लिपिक संवर्गमें रिक्तयों की संख्याशिक्षा निदेशक माध्यमिक को भेजेंगे। साथ ही संस्था में छात्र संख्या दर्शाते हुए पद भरेजाने का औचित्य स्पष्ट करेगा। निदेशक सेआदेश मिलनेके बाद डीआईओएस इन पदों को भरने केलिए नियुक्ति प्राधिकारी को अनुमतिदेंगे।शासन नेउप्र इंटरमीडिएट एक्ट-1921 में किया संशोधन
मृतक आश्रित कोटेपर नहींलागूहोगी यह व्यवस्थालखनऊ (डीएनएन)। सूबेके सहायताप्राप्त माध्यमिक विालयों के प्रबंध तंत्र अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की स्थायी नियुक्तियोंमें खेलनहींकर सकेंगे। शासन ने स्थायी नियुक्ति की व्यवस्था ही समाप्त कर दी है। इसकेलिए केवल आउट सोर्सिग केमाध्यमसे ही व्यवस्था की जा सकेगी। इस बाबत शासन ने उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट एक्ट-1921 के अध्याय तीन (सेवा की शर्ते) विनियम-101 में संशोधन कर दिया है। हालांकि यह व्यवस्था मृतक आश्रित कोटेके अंतर्गतलागू नहीं होगी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 4478 सहायता प्राप्त माध्यमिक विालय संचालित हैं। विभागीय जानकारी केमुताबिक हाईस्कूल स्तर के माध्यमिक विालय मेंएक लिपिक व8 चपरासीतथा इंटर स्तर के विालय मेंतीन लिपिक व 10 चपरासीके पद होतेहैं।
टीईटी मेरिट मामला
ReplyDeleteहाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट
पहुंची यूपी सरकार
•पीयूष पांडेय
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय
प्राथमिक विद्यालयों में 72825 सहायक
अध्यापकों के चयन और नियुक्ति के मसले पर
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में
चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने शिक्षकों का चयन
टीईटी की मेरिट के आधार पर किए जाने का आदेश
दिया है और बसपा सरकार में 30 नवंबर, 2011
को जारी हुए भर्ती विज्ञापन को सही ठहराया।
साथ ही मौजूदा सरकार के 31 अगस्त, 2012 के
शासनादेश को रद्द कर दिया है।
अखिलेश सरकार को हाईकोर्ट ने सहायक
अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया इस साल 31
मार्च तक पूरी करने का निर्देश दिया है।
सर्वोच्च अदालत यूपी सरकार की ओर से दायर
विशेष अनुमति याचिका पर 14 फरवरी को सुनवाई
करेगी। यदि राज्य सरकार की याचिका पर
शीर्षस्थ अदालत हाईकोर्ट के फैसले पर रोक
नहीं लगाती तो प्रदेश सरकार को मार्च तक
भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने की मुश्किल से
जूझना होगा। जस्टिस बीएस चौहान
की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष राज्य
सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता की गुजारिश
पर अदालत ने इस मसले को उन याचिकाओं के
साथ सुनवाई के लिए संबद्ध कर दिया है,
जो टीईटी लागू होने के बाद राज्य सरकार के
खिलाफ दायर की गई थीं। सरकार ने कहा है
कि अगस्त, 2012 के शासनादेश को रद्द करने
और मायावती के शासनकाल में जारी किए गए
नवंबर, 2011 को जारी भर्ती विज्ञापन
को सही ठहराए जाने के हाईकोर्ट का आदेश उचित
नहीं है। अखिलेश सरकार की ओर से 2012 में
जारी किए गए शासनादेश में टीईटी को मात्र
अर्हता माना गया था और चयन का आधार
शैक्षणिक गुणांक कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने
बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981
के 15वें संशोधन के नियम 14(3) को असंवैधानिक
करार दिया और इस साल मार्च तक
भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया।
अदालत ने सरकार से कहा है कि टीईटी लागू होने
से पहले की नियुक्तियों के मसले पर
अधिवक्ता आरके सिंह की याचिका के साथ यूपी के
आग्रह पर अदालत सुनवाई करेगी। पीठ के
समक्ष राज्य सरकार की ओर से
हालांकि तत्काल राहत की मांग की गई लेकिन
कोर्ट ने अन्य याचिकाओं के साथ प्रदेश सरकार
की याचिका को संबद्ध करते हुए 14
फरवरी को उनकी मांग पर विचार करने
को कहा है।
बीटीसी के लिए ऑनलाइन विकल्प आज से •अमर उजाला ब्यूरो लखनऊ। बीटीसी प्रवेश प्रक्रियाके लिए ऑनलाइन दस जिलोंका विकल्प मंगलवार शाम सेकिया जा सकेगा। मेरिट मेंआने वालों को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से विशेष कोडदोपहर के बाद सेमिलनेलगेंगे। विभागीय वेबसाइट को सोमवार को ठीक करा दिया गया है और शामछह बजेके बाद से इससेमेरिट में आनेका प्रमाण निकालने की प्रक्रियाशुरू हो गई है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी)के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह कहते हैं कि वेबसाइट में थोड़ी दिक्कतें आईथी, लेकिन इसेठीक करा दिया गया है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 5 फरवरी को बीटीसी प्रवेश प्रक्रिया के लिए मेरिट जारीकी थी। मेरिट विभागीय वेबसाइट www.upbasicedub oard .gov.in पर देखनेके साथ पंजीकरण नंबर और जन्म तिथि डालकर इसकाप्रिंट निकाले जाने का दावा किया गया था, लेकिन जब आवेदकों ने दूसरे दिन से देखने की प्रक्रियाशुरू की तो वेबसाइट बंद मिली। चार दिन की मशक्कतके बाद वेबसाइट को ठीक करा दिया गया है। आवेदक वेबसाइट से मेरिट मेंनाम आने का प्रमाण निकालतेहुए मंगलवार दोपहर बाद सेडायटोंसे विशेषकोडप्राप्तकर सकते हैं। इसके बाद वह ऑनलाइन 10 जिलोंका विकल्प भर सकते हैं।
ReplyDeleteप्राथमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
ReplyDelete-अखिलेश सरकार ने हाईकोर्ट केफैसले को दी चुनौती
नई दिल्ली (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश सरकार नेप्राथमिक विद्यालयोंमें 72 हजार 825 सहायक अध्यापकों के चयन और नियुक्ति के मसलेपर इलाहाबाद हाईकोर्ट केआदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने शिक्षकों केचयन टीईटी की मेरिट केआधार पर किए जाने का आदेश दिया और बसपा सरकार द्वारा 30 नवम्बर, 2011 को जारी हुए भर्ती विज्ञापन को सही ठहराया। साथ ही मौजूदा सरकार के 31 अगस्त, 2012 के शासनादेश को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापकोंकी नियुक्ति प्रक्रिया इस साल 31 मार्च तक पूरी करनेका निर्देश राज्य सरकार को दिया है। यूपीसरकार द्वारा दायर विशेषअनुमतियाचिका पर सुप्रीम कोर्ट 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। यदि राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट केफैसले में रोक नहीं लगाता तो प्रदेश सरकार को मार्च तक भर्ती प्रक्रिया को पूरा करना होगा। जस्टिस बलबीर सिंह चौहान कीअध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता की गुजारिश पर अदालत ने इस मसले को उन याचिकाओं केसाथ सुनवाईके लिए संबद्ध कर दिया है जो टीईटी लागूहोने के बाद राज्य सरकार केखिलाफदायर की गई थीं। राज्य सरकार नेकहा हैकि अगस्त 2012 के शासनादेश को रद्द करनेऔर मायावती के शासनकालमें जारी किए गए नवम्बर 2012 को जारीभर्ती विज्ञापन को सही ठहराए जाने के हाईकोर्ट का आदेश उचित नहींहै।
Gud mrng doston
ReplyDeleteShyam maurya musafirkhana
9984645858
spa hatao desh bchao
sabhi b.ed wal ye yaad rakhna lock sabha chunao me isse maza chakhana hai
सभी से मेरा अनुरोध है,जैसा की अभी तक सुनने में आ रहा है। मैं उन लोगों से ये पूछना चाहता हूँ जो ACd के खिलाफ हैं क्या उन्हें टेट का अर्थ मालुम है अगर नहीं, तो कृपया पहले जा कर उसका मतलब पता करें। क्यूंकि शिक्षक पात्रता परीक्षा एक हॉल टिकट के सामान है जिसको वह सिर्फ भीतर जाने के लिए उपयोग में ला सकते हैं न की वहां किसी हक़ का दावा कर सकते हैं
ReplyDeleteHame lagta hai ki prakash singh HC ke manniye justice sahib se bhi adhik gyan rakhte hain,
ReplyDeleteDear
ReplyDeletePrakash is right.this is eligibility only not a selection.
आज वादा दिवस है।
ReplyDeleteइसलिए आज हम फिर से वादा करते है कि 72,825शिक्षको की भर्ती 20नबम्बर2013 के माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार ही करवा कर ही दम देंगे।
जय हिन्द जय टेट जय भारत
!! सत्यमेव जयते सर्वदा !!
खुल गई सरकार की पोल!
ReplyDeleteसरकार का हलफनामा झूठ का पुलिंदा
प्रिय टेट साथियों
नमस्कार
कल शाम को मेरी बात डायट सारनाथ, वाराणसी के प्राचार्य विष्णु श्याम द्विवेदी जी से हुई ।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में लिए गए सभी आवेदन को न केवल हार्ड कापी में बल्कि साफ्ट कापी के रूप में प्रदेश के सभी डायट केंद्रों पर अति सुरक्षित रखा गया है।
सभी डायट केंद्रों को इस आशय का लिखित आदेश दिया गया है कि इन दस्तावेजों को दस वर्षों तक सुरक्षित रखा जाना चाहिए।
साथ ही साथ आपने यह भी बताया कि हमारे डायट पर अब तक जितने भी आवेदन लिए गए हैं, सभी पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। यदि 10 वर्ष तक एक भी प्रपत्र गायब होता है तो इसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही सिर्फ प्राचार्य की होती है।
इस सूरत में नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है।
आपने यह भी बताया कि R.T.I. के तहत सूचना माँगने पर इस बात का लिखित प्रमाण प्रदेश के सभी डायट केंद्रों से प्राप्त किया जा सकता है।
मित्रों इस बात का सबूत यदि किसी प्रकार से 14 फरवरी तक हम सुप्रीम कोर्ट में पहुँचा दें तो हमारी विजय को कोई रोक नहीं सकता।
अतः उन सभी टेट जिला प्रमुखों से मेरा करबद्ध आग्रह है कि जिनका परिचय डायट केंद्रों पर है,वे बिना विलंब किए आज ही जाएँ और R.T.I. के तहत सूचना माँगें तथा उसे किसी भी प्रकार से 13 फरवरी की शाम तक सुप्रीम कोर्ट में मामले को हैंडल करने वाले साथियों तक पहुँचा दें।
मुझे विश्वास है कि, सरकार के ऊपर न केवल गलत तथ्यों को प्रस्तुत करने हेतु जुर्माना लगाया जाएगा बल्कि यथाशीघ्र
भर्ती का आदेश भी दिया जाएगा।
जय हिन्द!
जय टेट मेरिट!
हाईकोर्ट ने अभ्यर्थी शिवकुमार पाठक व अन्य
ReplyDeleteकी ओर से दायर याचिका पर प्रदेश सरकार के 26
जुलाई, 2012 के उस शासनादेश को भी रद्द कर
दिया, जिसमें उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट के आधार
पर टीईटी प्राप्तांक को मेरिट नहीं बनाने की बात
कही गई थी। हाईकोर्ट की गत वर्ष 20 नवंबर
को डबल बेंच ने एकल खंडपीठ के आदेश
को चुनौती देने वाली अभ्यर्थियों की याचिकाओं
पर यह फैसला दिया था। गौरतलब है
शिक्षकों कीभर्ती के लिए दो बार आवेदन लिए गए
हैं। पहली बार 68 और दूसरी बार 69 लाख आवेदन
आए। कई आवेदकों ने नौकरी मिलने की उम्मीद में
30 से 40 जिलों में आवेदन किए हैं।
•सर्वोच्च अदालत 14 फरवरी को याचिका पर
करेगा सुनवाई
•इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार के शासनादेश
को कर दिया है रद्द
उत्तर प्रदेश सरकार को 31 मार्च तक
भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का है निर्देश ....
नमस्कार दोस्तों,
ReplyDeleteटेट संघर्ष मोर्चा को ये याद रखना होगा कि हमारा प्रमुख लक्ष्य/उद्देश्य 72,825शिक्षको की भर्ती को 20नबम्बर13 के माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार टेट मेरिट से पूरी करना है।
20नवम्बर को जब हम उच्य न्यायालय से जीतकर आये थे तो हमारा आत्मविश्वास सातमे आसमान पर था लेकिन आज संगठन में आपसी सामंजश्य की कमी के कारण आज हर टेटियन अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है। वर्तमान परिस्तिथि से सभी के मन में बैचनी है। यद्यपि हमारी प्रथम पंक्ति का नेतृत्व कड़ी मेहनत कर रहा है, लेकिन वो शक्तियां बटी हुई है। और इस तरह किये गए कार्य से परिणाम उतना शीघ्र नही मिलता जितनी कि अपेक्षा की जाती है और श्रम,शक्ति, समय, और धन सभी की हानी होती है।
7तारीख को हम आधी-अधूरी तैयारी के साथ कोर्ट में थे लेकिन 14को हमें पूरी तागत लगानी होगी। सरकार अपने तेज-तर्रार व जाने-माने वकील मुकुल रोहतगी से इतनी तो अपेक्षा कर ही सकती है कि वह slp को मंजूर करा दे। लेकिन इतना तय है कि कोई भी बड़ा वकील केस को नियम विरुद्ध नही जिता सकता लेकिन उसके लिए आवश्यक है कि अंत तक लड़ा जाये।
अपने अग्रिम पंक्ति के नेतृत्व से हम निवेदन करते है कि वह शीघ्र ही छोटा किन्तु कुशल वकीलों की टीम 14 को कोर्ट में बहस के लिए खड़ी करे।
जय हिन्द जय टेट जय भारत
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वहाँ तक साथ चलते है,जहाँ तक साथ मुमकीन है ..!!
जहाँ हालात बदलेंगे, वहाँ तुम भी बदल जाना ..!!
9984645858
ReplyDeletegud eveg friendz
gov ka kaam h bharti ko latkana
hamare kitne frnd over age ho rahe honge gov ko iski koi parwah ni h ye gov ham trained graduate student ko murkh bana rahi h
ham sb ko milke ye wada krna h ki aisi selfish srkar future me na bane
jai hind
14 ko dekhna h ki gov ki kya Niti rhti h
ReplyDeleteagar ye gov kuchh positive dikhti h to kuchh decision ane ki ummid hogi warna............
शिक्षकों केलिए सी-टेट अनिवार्य स्कूलोंकी जांच में शैक्षिक योग्यता का लगाया जाएगा पता
ReplyDeleteजागरण संवाददाता, आगरा : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने शिक्षाकी गुणवत्ता में सुधार केलिए एक और कदम उठाया है। शिक्षकोंके लिए अबकेंद्रीयशिक्षक पात्रता परीक्षा (सी-टेट) पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें पास होनेपर ही शिक्षक स्कूलोंमें पढ़ा सकेंगे। इसके आदेश जारी हो गए हैं। सीबीएसई ने हालके दिनोंमेंशिक्षण में सुधार के कईकदमउठाए हैं। सबसेपहलेशिक्षकोंके लिए सी-टेट अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसेशिक्षक जो स्कूलों में पढ़ारहे हैं, उन्हेंसी-टेट पास करना जरूरी है। बोर्ड का मानना है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता मेंसुधार होनेके साथ शिक्षकों केउत्पीड़न पर भी अंकुश लगेगा। बोर्ड के निर्देशोंके अनुसार स्कूलों की जांच के दौरान शिक्षकोंकी योग्यता (सी-टेट पास किया या नहीं) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए प्रधानाचार्य सेजवाब तलब होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षक (बीएड किए हुए) जिन्होंने अभी तक टेस्ट पास नहीं किया है, उन्हें यह टेस्ट पास करना जरूरी होगा। 116 फरवरी को होनेजा रही परीक्षा 1आगरा सहित देश के अन्य शहरों में 16 फरवरी कोसी-टेट परीक्षा होने जा रही है। परीक्षा कोऑर्डिनेटर प्रधानाचार्य संजीवएम. का कहना हैकि आगरा मंडलमेंकरीब बीस हजार शिक्षक परीक्षा देंगे। परीक्षा दो पालियोंमें होगी। सभी शिक्षकोंको प्रवेश पत्र उपलब्ध करा दिए गए हैं। 1तीन साल पहले शुरू हुआ था टेस्ट 1एसोसिएशन ऑफप्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा(अप्सा) केसचिव सुशील गुप्ता का कहना हैकि तीन साल पहले सी-टेट शुरू हुआ था। प्रत्येक शिक्षक को यह टेस्ट पास करना जरूरी है।
Tet ki jeet sachai ki jeet. Nakalchi savdhan fir laat khao gai
ReplyDeletejai tet merit
हाईकोर्ट ने अभ्यर्थी शिवकुमार पाठक व अन्य
ReplyDeleteकी ओर से दायर याचिका पर प्रदेश सरकार के 26
जुलाई, 2012 के उस शासनादेश को भी रद्द कर
दिया, जिसमें उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट के आधार
पर टीईटी प्राप्तांक को मेरिट नहीं बनाने की बात
कही गई थी। हाईकोर्ट की गत वर्ष 20 नवंबर
को डबल बेंच ने एकल खंडपीठ के आदेश
को चुनौती देने वाली अभ्यर्थियों की याचिकाओं
पर यह फैसला दिया था। गौरतलब है
शिक्षकों कीभर्ती के लिए दो बार आवेदन लिए गए
हैं। पहली बार 68 और दूसरी बार 69 लाख आवेदन
आए। कई आवेदकों ने नौकरी मिलने की उम्मीद में
30 से 40 जिलों में आवेदन किए हैं।
•सर्वोच्च अदालत 14 फरवरी को याचिका पर
करेगा सुनवाई
•इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार के शासनादेश
को कर दिया है रद्द
उत्तर प्रदेश सरकार को 31 मार्च तक
भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का है निर्देश ....
जब हम गर्भ में होते है तो हमें सब कुछ
ReplyDeleteयाद होता है. सारे जन्मों में हम ने
क्या क्या किया और उसका फल हमें
कैसा मिलेगा ये सब याद कर कभी हम
मुस्कुराते है कभी रोते और पछताते है.
माँ के गर्भ में अनेक यातनाएं सहते हुए हम संकल्प करते है की इस दुश्चक्र से
बाहर निकलेंगे और अपने मनुष्य जन्म
का भरपूर लाभ उठाएंगे.
पर जैसे ही जन्म होता है हम सब भूल
जाते है. एक बच्चा अपनी माँ से दूर
हो कर रोता है और हर समय सिर्फ अपनी माँ को ही चाहता है.
धन का भूखा सिनेमा , टीवी और
अखबार हमें सिर्फ एक ही वस्तु
दिखाता है और वह है वासना . फिर
मनुष्य अपने होश सँभालते
ही माता को भूल कर लग जाता है भोग में. किसी के प्यार मे वह अपने
माता पिता को भूल जाता है.
अपने प्रेम में असफलता मिलने पर स्वयं
को या साथी को नुकसान
पहुंचाता है.
प्रेम अगर मिल गया और शादी हो गई तो कुछ वर्षों में वह सब वादें भूल
जाता है और अपनी वासना पूर्ती के
लिए कभी छोटे बच्चों ,
कभी रिश्तेदारों , कभी अपने नीचे
काम करने वालों को इस्तेमाल
करता है. और एक दिन उसका जीवन समाप्त
हो जाता है.
अपने जन्म को सफल बनाने के लिए इस
वास्तविकता का हमेशा स्मरण रखे
की आज हम जैसे भी दिखते है और योग्य
है जिसके कारण हमें कोई प्रेम करने योग्य समझता है ; वह सिर्फ और सिर्फ
अपने माता पिता के कारण है. भगवान्
हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने
माता पिता को बनाया . इसलिए
निस्वार्थ और सच्चा प्रेम सिर्फ और
सिर्फ माता पिता ही देते है.
भले ही गड्डो वाली सड़के हमने ही बनाई .......
ReplyDeleteलेकिन हाथ पैर दांत तुड़वाये आप सब ने मिलकर ही ना !!
भले ही अरबो खरबो के घोटाले हमने किये ……
लेकिन खाने के लाले पड़े तो तुम सबको ही ना !!
भले ही पाकिस्तान को बाप हमने बनाया ………
लेकिन सर तो आप के लोगो के ही कटे ना !!
महिला सुरक्षा कि बात तो हमने कि बहुत ……
लेकिन घर कि इज्ज्ते तार तार तो हुई तुम सबकी ना !!
भले ही विदेशो में खाते हमने खुलवाये .......... लेकिन दर दर का भिखारी बने तुम ही ना !!
गरीबी हटावो मे आम आदमी का नारा हमने दिया……
लेकिन उल्लू बने तुम सब ही ना !!
हर हाथ बेकारी
हर हाथ भिखारी !!
सभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
ReplyDelete14 फ़रवरी को हमारे न्याय युद्ध का निर्णायक दिन होगा। निरहुआ को कुछ भी समझ नहीं आ रहा है कि ये अकेडमिक वीर और सरकारी वकील जज के सामने अपने पक्ष में क्या दलील देंगें? बहुत सोच-विचार कर जो कुछ दो-एक मुद्दे निरहुआ की समझ में आये हैं वो इस प्रकार हैं, सभी बन्धु अपनी राय अवश्य दें-
**हुजुर,
नक़ल नकलची नाम है नक़ल करके ही करते हैं हम अपना बेड़ा पार,
नक़ल ही रहा है अपना साथी अब तक नक़ल ही है अपना अधिकार,
नक़ल नाम की शुभ महिमा से होगा हम अकेडमिक वीरों का उद्धार,
करबद्ध निवेदन कर रहे आपसे श्रीमन, करलो हमारी slp स्वीकार।।
हे न्यायप्रदाता,
आज आपके सम्मुख हम नकलवीर अपने अस्तित्व को बचा लेने की दुहाई के साथ उपस्थित हुए हैं। हे न्याय के रक्षक ! आप तो जानते ही हैं की नक़ल का इतिहास काफी पुराना रहा है, जब किसी एक आदिमानव ने पत्थरों को आपस में रगड़कर अग्नि पैदा की तब भी बाकी अन्य आदिमानवों ने उसकी नक़ल कर अग्नि पैदा करनी शुरू कर दी। पुरा पाषाण काल में आदिमानव समूह में शिकार करते थे और मिलकर पेट भरते थे वही परम्परा हम आज भी कायम रखते हुए सामूहिक नक़ल गन्ने और अरहर के खेतों में करके सामूहिक रूप से अंक प्राप्त करते रहे हैं, ऐसी एकता और सहयोग नक़ल के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में आज दुर्लभ है। नक़ल मारना हमारी ऐतिहासिक विशेषता रही है अतः इसे दरकिनार करना उचित नहीं होगा। अब देखिये ना बाबर ने भारत में सर्वप्रथम तोप का प्रयोग किया और हमने तुरंत नक़ल प्रवीणता का उदाहरण देते हुए अगले संग्राम में देशी तोपें मैदान में उतार दीं। तोप तो बहुत दूर की बात है जनाब आज उत्तर प्रदेश के हर घर में मौजूद 'देशी कट्टे' भी तो इंग्लिश पिस्टल की नक़ल का उत्तम उदाहरण है।
हे न्याय के भगवान् ! आप स्वयं सोचिये की बिना नक़ल के तो कोई भी समाज प्रगति ही नहीं कर सकता है, नक़ल से प्रतिस्पर्धा बढती है और समाज में सम्पन्नता आती है। अब देखिये एक नक़ल से कितने फायदे हैं, छात्रों को बढ़िया अंक प्राप्त होते हैं, नक़ल माफियाओं का धंधा भी फलता-फूलता है, दो कमरों के भवन में चल रहे 'विश्वविद्यालय'भी अपना अस्तित्व बनाये रख पाते हैं, पढ़े-लिखे नकलची युवा भारत के अन्य राज्यों में जाकर हमारे उत्तर प्रदेश का नाम भी 'रौशन' करते हैं ज्यादा और क्या कहें नक़ल की सार्थकता तो यहाँ तक है की खुद सरकार हमारा पक्ष आपके सामने रख रही है। आप शायद नहीं जानते की नक़ल मारना भी आसान नहीं होता, गन्ने और अरहर के खेतों में जब सीमित समय में कॉपियाँ लिखनी पड़ती हैं तो नानी याद आ जाती है, कभी चींटी पैंट में घुसकर काट लेती है तो कभी कोई गाय,भैंस या बकरी हमें भी खेत की हरियाली का हिस्सा समझ अपना पेट भरने की कोशिश करने लगते हैं और अगर किसी के खेत में घुसते समय किसी कुत्ते ने देख लिया तब तो शामत ही आ जाती है तब तो सम्पूर्ण समय उस कुत्ते से अपनी प्राण रक्षा में ही बीत जाता है साथ ही बिना ओलम्पिक वी हमें 'मिल्खा सिंह' बना के छोड़ता है। ना जाने कितनी पैंटे खेतों की खुत्थियों ने शहीद कर डालीं सो अलग। अब इतने परिश्रम से अर्जित इन नक़ल प्राप्तांको की तुलना उन कुर्सी टेबल पर बैठकर होने वाली परीक्षा से अर्जित अंको से करना कहाँ तक न्यायसंगत है???
अब ज्यादा ना बोलते हुए बस इतना कहूँगा की नक़ल संस्कृति के हनन से हमारी ऐतिहासिक धरोहर का सर्वनाश हो जायेगा और इसका कलंक आपको लगेगा अतः हे न्यायधीश महोदय हमारी नक़ल परंपरा के ऊपर मंडरा रहे काले बादलों का नाश करते हुए हमारी slp स्वीकार करें।
Prkash is r8
ReplyDeleteबीटीसी : झटके केसाथ मिली राहत Tue, 11 Feb 2014 07:56 PM (IST)
ReplyDeleteकौशांबी : दो महीनेके इंतजार केबाद बीटीसी-2013 के अभ्यर्थियों कोमामूली झटके साथ राहत दी गईहै। दस जिलों को विकल्प चुनने केलिए अभ्यर्थियोंका कोड डॉयट को मिल गया है। बुधवार सेअभ्यर्थियोंको कोड वितरित किया जाएगा। कोडहासिल करने केबाद अभ्यर्थी आनलाइन दस जिलोंका विकल्प चुन सकते हैं।
जिलाशिक्षा-प्रशिक्षण संस्थान मंझनपुर में बीटीसी-2013 की चयन प्रक्रिया केलिए आवेदन करने वालेअभ्यर्थी बुधवार सेअपना कोड प्राप्त कर ऑनलाइन दस जिलों का विकल्प चुन सकते हैं। बीटीसी के चयन प्रक्रिया में शासन की ओर सेमामूली झटका भी दिया गया है। डॉयट प्राचार्य की ओर सेकुल 818 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार कराया गया था। इनमेंसे 228 अभ्यर्थी अनुपस्थितव अर्ह नहीं पाए गए। कुल 590 अभ्यर्थी साक्षात्कार में अर्ह पाए गए। इनकी सूची डॉयट प्राचार्य प्रेम प्रकाश मौर्यने डायरेक्टर को भेजी थी। हालही मेंडायरेक्टर ने उन्हेंदस जिलोंका विकल्प चुनने के लिए अभ्यर्थियोंको कोड हस्तांतरितकिया है। वहीं 590 अभ्यर्थियों की सूची मेंसे कटौती कर 480 अभ्यर्थियों काकोडभेजा गया है।
डॉयट प्राचार्य ने बताया कि बुधवार की सुबह दस बजेसे अभ्यर्थियों कोकोडवितरितकिया जाएगा। कोड लेनेके बाद अभ्यर्थी साइबर कैफे आदि से आनलाइन दस जिलों का विकल्प चुन सकते हैं।
dosto avi sholy sorabh ji ko sirf 65 hajar rupees diya gya hai aur kal tak agar 3.30 lakh nai diya gya to wo 14 ko khade nahi hoge..hamari aap se apeal hai ki aap log anil kumar (shahjadpur branch ambedkar nagar) ke acount no..sbi 32718131679 code..SBIN0012322 ME JARUR SAHYOG KARE..kyuki mukul rohatagi ke mukable me sholy sorabji ko karna ati awashyak hai..jarur sahyog kare.
ReplyDeletedosto sangathan ki taraf se p.s patwaliya, amrendra sharan,p.p rav ,aur soly sorabji smet junior aur senior wakilo ko milakar kam se kam 12 wakilo ka panel khada kiya ja raha hai..antim nirnayak ladai me tet morcha bilkul kotahi nahi karna chahta..
ReplyDeletedosto jaisa ki apna case suprime court me 3 jadgo ki larger bench sunegi...jisme justice b.s chauhan,
ReplyDeletejusticej. Chelembeswar, and justice m. Y .iqwal ji rahege..
apna case 14 ko 53va number par laga hai jo ki sambhavtah lunch ke bad take up hoga..dosto 14 ka din sbse aham din hai kyuki is din na sirf nontet par faishla aa sakta hai apitu 12va sansodhan (tet merit) par v faishla aa skta hai..kyuki p.r.t ka time bound hai so 12va sansodhan par pahle vichar kar bharti ka order dene ke liye hamare wakil judge se request karege.15 va sansodhan ki vaidhanikta ki sunwai aage hoti rahegi..is din admison stage par jaha kapil ka application kharij ho skta hai ,wahi sarkar ki v slp kharij karwane ke liye tet morcha ke wakil puri takat jhok dege..
ReplyDeleteSbi tetian 14 ko apne apne isht dev ke darshan kar ye pray jarur kare ki ham is nikammi gov. Ka dambh suprime court me v chur chur kar de..
ReplyDeleteSbhi ek bar kahen
jai mata di,
jai tet merit
कल भाजपा वाले दिल्ली में दस हजार लोगों को मुफ्त चाय पिलायेंगे. इनमे से अधिकांश सोच रहे होंगे कि काश बचपन में मोदी जी दारू बेचते !
ReplyDeleteकोई भी संविधान
ReplyDeleteकितना ही अच्छा क्यों न हो , वह
अपेक्षित परिणाम तब नहीं दे सकता जब
तक उसे लागू करने वालों की नियत ठीक
नहीं है |
...... यदि इस देश के लोगों की नियत
सही होती तो यह देश मात्र दस वर्षो में
ही आधुनिक भारत बन सकता था , परन्तु
सविंधान को आज तक भी सही मायनों में
लागू नही किया जा सका है |सामाजिक
दुश्मन के लोग अच्छी तरह समझते हैं
कि यदि सविंधान के अनुसार बहुत जल्दी -
जल्दी सारी बाते लागू कर
दी गयी तो उनके तथा कथित गुलाम उनके
चंगुल से बाहर हो जायेंगे |
जय भीम , नमो बुद्धाय
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Tere Pyar Me Do Pal Ki Zindgi Bahut Hai,
Ek Pal Ki Hansi Aur Ek Pal Ki Kushi Bahut Hai,
Ye Dunia Mujhe Jane Ya Na Jane,
Teri Ankhe Muje Pehchane Yahi Bahut Hai....
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ReplyDeletefriends govt dwra file slp mai gaye kuchh adharheen tark jiske adhar par weh h c order par stay chahti hai .
ReplyDelete1-committee dwra jikra kiye gaye tet exam irregularities ko kisi bhi petition mai challenge nahi kiya gaya hai .justice harkauli ki bench mai diye gaye affidavit mai chief secretary ne khud written mai swikara hai ki irregularity paye jane par candidate ka chayan nirast kar diya jayega jiska jikra justice bhushan ne bhi 20nov ke order mai kiye hai .
2-15we sansodhan par hui niyuktiyo ke bare mai koi direction diye bina hi court ne 15wa sansodhan cancel kar diya .is statement se to yeh lagta hai govt 15we sansodhan par hui niyuktiyo ko khud na cancel karke court se cancel karwana chahti hai .
ReplyDelete3-15wa sansodhan sahi hai kyonki ncte rules ke anusar tet ek eligiblity test hai .usi ncte guideline mai yeh bhi likha hai ki chayan prakriya mai tet ke marks ka weightage dena chahiye lekin kitna iska ullekh nahi yeh rule making authority par depend karta hai .full bench ne bhi kaha ki kisi bhi selection process mai tet ke marks ka weightage dena jaruri hai.15wa sansodhan na to h c mai safe tha na hi s c mai safe hai .
ReplyDelete4-chayan trainee teacher ka hona tha lekin old adv jari hone se purwa trainee teacher ka 1981rules mai koi provision nahi tha .justice bhushan -trainee teacher provision ki 1981rules mai jarurat hi nahi hai kyonki ncte guidelines ,1981rules par prabhavi hai .chayan assistant teacher ka hona hai na ki trainee teacher ka .ncte ka para 3 1981rules ke tahat created posts (assistant teacher)par appointment ki bat karta hai na ki kisi anuplabdh trainee teacher ki post par .
ReplyDelete5-jin candidates ki fee refunding ho gayi hai unke application nast kar diye gaye hai .kya aisa visay jo nyayalaya mai vicharadheen hai par govt ko decision lene ka adhikar hai ? i am not of opinion that govt s l p will be accepted on above mentioned points and stay will be imposed on high court 's order .but so far as destruction of application forms due to fee back is concerned ,i am not much sure of that. .your opinion ?
ReplyDeleteअगर पढे लिखे लोगों में से कुछ लोग बेवकूफ ना होते तो
ReplyDelete.
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आज निर्मल बाबा और केजरीवाल
दोनों बेरोजगार होते .
नानटेट का मुद्दा भी क्यों शामिल करना चाहती है सरकार?
ReplyDeleteअब समझ में आया उसका राज !
*एक तीर तीन शिकार*
पहला एवं दूसरा शिकार:-
72825 की भर्ती को उलझाना ताकि बीएड वालों की भर्ती न करना पड़े । टेट "मैरिट" के लिए लड़ने वाले सिर्फ "टेट" ही के लिए लड़ते रह जाएँ । मामले को लम्बे समय तक उलझा कर उच्च न्यायालय के निर्णय पर स्थगन लेना । जिससे लोक सभा का चुनाव लालीपाप दे दे कर निकाल ले जाए ।
तीसरा शिकार:- भूल गए क्या कि शिक्षा मित्रों को बिना टेट के शिक्षक बनाने का विचार बनाए है । सरकार का इरादा है कि इसी केस में किसी तरह उनके लिए भी अनुमति मिल जाए । सरकार एकेडमिक के लिए कोर्ट नहीं गई है वह इन्हीं मित्रों के लिए गयी है और सही बात है कि 72825 की तुलना में 240000 का फायदा कोई भी लेना चाहेगा और एक रोहतगी की फीस से तीनों काम तमाम ।
और निष्कर्ष रूप में सरकार की इरादे का तिहरा लाभ ये है-
1-टेट संघर्ष मोर्चा को देर ।
2-गुणाँक को लालीपाप कि मैं तुम्हारे लिए लड़ रहा हूँ ।
3-शिक्षा मित्रों की नियुक्ति।
अब सरकार अपने मकसद में कितना कामयाब हो पाएगी आपलोगों को इसका अनुमान होगा ही?
किन्तु
सर्वदा सत्यमेव जयते।
आजकल कुछ आत्ममुग्ध बुद्धिजीवी अपने आप को सेक्युलर साबित करने के चक्कर में दिनरात मोदी को कोसते रहते है
ReplyDeleteमुझे बड़ा अच्छा लगता है ये देखकर कि ये बेचारे दिन रात बस मोदी मोदी की रट लगाये रहते है इनके दिमाग में दिन रात बस नमो ही घूमते रहते है कुछ बेचारो को तो संडास भी नहीं उतरती जब तक वो मोदी के खिलाफ फेसबुक पर कुछ लिख न ले
मोदी जी को चाहिए की इन चपड़गंजुओ को विशेष रूप से धन्यवाद दे क्योकि मोदी को पी एम बनाने में ये बेचारे भी दिन रात एक करके मोदी जाप में लगे हुए है
किसी ने ठीक ही कहा है या तो आप मोदी से प्यार करो या नफरत लेकिन मोदी को नजरंदाज नहीं कर सकते
जाने क्या जादू है उस दाढ़ी वाले गुजराती में चाहे विरोधी हो या समर्थक दिन रात नमो नमो करता रहता है.....।।।।।
सभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
ReplyDeleteजब से कपिलदेव यादव की slp को सरकार
की slp के साथ अटैच किया गया है तभी से
निरहुआ देख रहा था की कपिलदेव यादव अपने साथ
दस-पाँच अकेडमिक वीरों को लेकर रोज सुबह
शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी ( जिन्हें
हम कभी-कभी प्यार से राम
गंजेड़ी चौधरी भी कहते हैं)
के यहाँ जाता था और शाम ढले ही वापस आ पाता था।
निरहुआ प्रतिदिन के इस घटनाक्रम को देखकर बहुत परेशान
था क्योंकि सरकार और अकेडमिक
वीरों की जुगलबंदी क
माहौल तो गर्म था ही साथ ही सरकार
का झुकाव इन अकेडमिक भाइयों की तरफ सार्वजानिक
भी हो चुका था। इनका शिक्षा मंत्री के घर
दिन-दिन भर उठाना बैठना निरहुआ को अखरने लगा और
किसी अनहोनी की आशंका से
निरहुआ का दिल डूबने लगा। आज निरहुआ का धैर्य जवाब दे
गया तो अपना कौतूहल शान्त करने के उद्देश्य से उसने कपिलदेव
को सुबह मंत्री जी के घर जाते समय रास्ते
में ही रोक लिया और सशंकित मन से
रोजाना मंत्री जी के घर दस-पाँच अकेडमिक
वीरों के जाने का कारण पूछा। कपिलदेव और अन्य
अकेडमिक वीरों ने
बड़ी ही रहस्यमयी मुस्कान
के साथ एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कराने लगे।
तभी कपिलदेव जी ने निरहुआ से
कहा कि-'ये राज की बात है, लेकिन तुम पूछते
हो तो बता देता हूँ कि हमें मंत्री जी बहुत
मानते हैं और रोज खाने-पीने पर आमंत्रित करते रहते
हैं'। दूसरा अकेडमिक वीर भी बोल उठा-'अरे
इतना ही नहीं वो तो हमारा पूरा खर्च
भी उठाते हैं और हमें
किसी भी प्रकार
की तकलीफ नहीं होने देते'।
तभी तीसरा अकेडमिक वीर
टर्रा उठा-'मंत्री जी की तो बात
ही निराली है वे तुम टेट
वीरों से नफरत करते हैं और हम अकेडमिक
भाइयों को अपने घर के सदस्य जैसा सम्मान देते हैं'। निरहुआ पलकें
झपका-झपकाकर मूर्खों की तरह
इनकी बातें सुनता रहा किन्तु अन्दर
ही अन्दर उसका हृदय बैठा जा रहा था। निरहुआ
की मनोदशा देखकर सभी अकेडमिक
वीर ठहाका लगाकर हँस पड़े और निरहुआ
की हालत पर व्यंग करते आगे बढ़ गए। निरहुआ से
अब ना रहा गया और सच्चाई जानने के उद्देश्य से वह
भी चुपके-चुपके उनके पीछे चल दिया।
सभी अकेडमिक बन्धु श्री राम
गंजेड़ी चौधरी के आवास पर पहुँचे और
दरवाजे पर पहुँचकर घंटी बजा दी साथ
ही कपिलदेव चिल्लाकर बोले कि 'हम अकेडमिक वाले
आ गए हैं दरवाजा खोलिए'। तत्काल अन्दर से कोई चिल्लाया-' अब
पहुंचे हो नाशपीटों, ये कोई वक्त है आने का? कहाँ मर
गए थे जो इतनी देर लगा दी?' इस शुभ
वाणी के साथ दरवाजा खुला और
सभी अकेडमिक वीर अन्दर घुस गए।
दरवाजा बंद होते ही निरहुआ दरवाजे के पास पहुँच
गया और कान लगाकर अन्दर से आने वाली आवाजें सुनने
का प्रयास करने लगा। अन्दर से पहले तो झाड़ू से पीटे
जाने की आवाजे आयीं फिर एकाएक राम
गंजेड़ी चौधरी की रौबदार आवाज
गूंज उठी-' रहने दे छुटके की अम्मा, अब
क्या इनकी जान लेगी,
इतनी पिटाई काफी है इन
गदहों की, ई ससुरे इतने ही लायक होते
तो क्या इतना पढ़-लिखकर भी हमारे यहाँ झाड़ू पोंछा करने
आते ? चल अब इन्हें जाने भी दे आखिर 14 के बाद
हमें नए नौकरों का इंतजाम भी तो करना पड़ेगा, चल रे
कपिलवा आज तू बर्तन धो ले, मनीषवा तू झाड़ू पोंछा कर
लेना, और तू छोटकू कुत्ते को टहला ला, और तू लम्बू आज साग-
सब्जी.......'। दरवाजे के अन्दर से आती ये
आवाज सुनकर निरहुआ की खोपड़ी घूम
गयी और उसकी समझ में कुछ
नही आया। वास्तविकता जानने के लिए वो दरवाजा खोलकर
भीतर झाँकने लगा। भीतर झाड़ू
की मार से अस्त-व्यस्त अकेडमिक वीर
मुंह लटकाए और हाथ बांधे खड़े थे, तभी राम गोविन्द
चौधरी ने निरहुआ की और निगाह उठाई और
बोले-'तू इतना लेट क्यों आया बे ? अब तुझे कौन सा काम
सौंपू..उम्म्म्म...'
(अकेडमिक वीरों की असलियत देखकर और
राम गंजेड़ी चौधरी के अगले शब्दों को भांपकर
निरहुआ तुरंत वहां से दुडकी लगा बैठा।)
एक महिला के 3 दामाद थे. उसके दामाद उसे चाहते भी हैं
ReplyDeleteया नहीं, यह जानने के लिए एक दिन वह
पहले दामाद को लेकर तालाब के किनारे घूमने गई और उसमें कूद
पड़ी.
पहले दामाद ने उसे बचा लिया …
सास ने उसे एक मारुति कार
उपहार में दी.
अगले दिन दूसरे दामाद के साथ तालाब किनारे घूमने गई और फिर
कूद पड़ी.
दूसरे दामाद ने भी बचा लिया …..
सास ने उसे एक मोटर साइकिल दी.
एक दिन बाद तीसरे दामाद को लेकर गई और तालाब में कूद पड़ी.
तीसरे दामाद ने सोचा – “लगता मुझे तो साइकिल ही मिलेगी …
खामखाँ मेहनत करके क्या फायदा ?”
और वह बचाने नहीं गया.
सासू माँ डूब गई.
लेकिन अगले दिन इस दामाद को मर्सिडीज कार मिली ….
कैसे ?
?
?
?
?
अरे भाई … ससुर ने दी
14 फरवरी को सुनवाई लंबी चलना तय है,हम पूरी तरह से एसएलपी को सुपुर्द~ए~खाक करने को तैयार हैं...विषम परिस्थितियों में ही आगे की कोई डेट लग सकती है अन्यथा हमारे संपूर्ण जीवन का फैसला 14 फरवरी को होना तय है.
ReplyDeleteग्रुप में टीईटी नेतृत्व के कथित मतभेदों का वर्णन न करें, टीईटी मेरिट के लिए तीन ग्रुप लड़ें या तेरह भला तो टीईटी मेरिट का होगा,
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ReplyDelete.
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Don't trust too much. Don't love too much. Don't hope too much, because that too much can hurt you so much.
1. आज हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धी यह रही की ,
ReplyDeleteसुप्रीम के सबसे बड़े वकीलों में से एक Rohinton
Nariman साहब को , 5 लाख (पांच लाख ) रुपये में
हायर कर लिया गया है .,, कल दिन में हमें उन्हें 5
लाख का भुगतान करना है ,, इलाहाबाद यूनिट के पास
3 लाख की व्यवस्था पहले से ही थी ,,, बाकि 2
लाख रुपये की व्यवस्था अब भी करनी है , ..... इस
हेतु सभी जिला अध्यक्षओ से विनम्र निवेदन है
की जल्द से जल्द , JITENDR SINGH KE निम्न
ACOUNT में सहयोग करे और जो भी टेट भाई
व्यक्तिगत सहयोग करना चाहते है , वे भी दिए गए
अकाउंट में सहयोग कर सकते है ..
JITENDRA SINGH ….
A/C NO---0348000100277277
PUNJAB NATIONAL BANK , MAINPURI
…
IFSC CODE PUNB0034800
2. मीनाक्षी अरोरा जी , जो की सुप्रीम कोर्ट
की सीनियर वकील है ,.. को भी उन्नाव यूनिट(मनोज
तिवारी, आन्नद कुमार पटेल, राकेश शुक्ला, अमित
त्रिपाठी , अभिषेक शुक्ला, प्रवीन कुमार , धर्मेन्द्र
श्रीवास्तव अवम अन्य सक्रीय टेट कार्यकर्ताओं के
विशेष सहयोग से) कम फीस में कर लिया गया है ,,
मीनाक्षी अरोरा जी की पूरी फीस 1 लाख 10 हजार
(80 हजार फीस+ 30 हजार AOR फीस )
दिया गया है .......(जबकि सुप्रीम कोर्ट के सीनियर
वकील की फीस ढाई लाख से कम नहीं होती है )..
3. C . L pandye जी (जिन्हें विशेष
पारिस्थितियो के तहत किया गया है , जिससे उत्तर
प्रदेश संघर्ष मोर्चा के सभी सम्मानित साथी अवगत
है ) जी की कुल फीस 1 लाख 95 हजार , में से 1
लाख 25 हजार का भुगतान , प्रदेश के अन्य
सहयोगी जिलो के माध्यम से दिया गया है एवम
बाकी 70 हजार का भुगतान कल किया जायेगा
4. बाकी पहले से प्रस्तावित सभी वकील हमारे लिए ,
14 feb को कोर्ट रूम में होंगे ..
आएये अब 14 feb की तैयारियों पर आते है ...
ReplyDelete1. आज शाम को विपुल माहेश्वरी जी की सहायता से
नरीमन साहब से केस से सम्बंधित कुछ बाते
की गई ,,,, और उन्होंने पूरा आश्वासन दिया की कल
फीस देने के बाद और केस ब्रीफ होने के बाद
अपनी पूरी तैयारी के साथ वे 14 feb को कोर्ट रूम
में हमारे लिए बहस करके , जीत दिलाएंगे .
2. हमारी तरफ से भी केस से सम्बंधित
सभी तैयारिया पूरी है , अन्य सभी वकीलों को पहले
ही केस ब्रीफ किया जा चूका है, अवम केस से
सम्बंधित सभी बारीक से बारीक
पह्लुवो को भी बताया जा चूका है .
3. .आगे भी आपको समय समय पर विधिक
गतिविधियों से अवगत करते रहंगे,,.
आप लोग को यह बताते हुए हर्ष हो रहा है की पूरे
प्रदेश के साथ , delhi में भी हमें नैतिक एवम
भावनात्मक सहयोग मिल रह है ...... जिसका की हम
सभी टेट साथी आभार प्रकट करते है ....
हम लोग अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त
है ,,, बस आप सभी अपने अपने ,इष्ट ईश्वर
को स्मरण करते हुए ... शुभकामनाये दे .......
ईश्वर सबको देख रहा है , वह सत्य के साथ है और
हमेशा रहेगा ......... जय टेट
गुड नाइट
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नयेसिरे से शुरू होगी चयन प्रक्रिया
ReplyDeleteउर्दू शिक्षकोंकी भर्ती रुकी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ|परिषदीय प्राथमिक स्कूलोंमें उर्दू शिक्षकों के4280 पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया को शासन ने रोकने का आदेश दियाहै। उर्दू शिक्षकों केबचे हुए खाली पदोंके लिए नया विज्ञापन प्रकाशितकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरूकरनेको कहा गया है। 1भर्ती के लिए गुणवत्ता अंक के निर्धारण में अदीब, मुंशी(फारसी) और मौलवी (अरबी) उपाधि को हाईस्कूल और आलिमको इंटरमीडिएट केसमकक्ष माना जाए। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। उर्दूशिक्षकों के 4280 खालीपदों पर भर्ती की प्रक्रिया अगस्त 2013 में शुरूहुईथी। इन पदोंपर 11 अगस्त 1997 से पहलेके मोअल्लिम-ए-उर्द ू उपाधिधारकों और अलीगढ़ मुस्लिमविश्वविद्यालय सेडिप्लोमा इन टीचिंगउत्तीर्ण करनेवालेअभ्यर्थियों काचयन किया जाना है। उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही हाईकोर्ट ने 20 नवंबर 2013 को अपने आदेश में उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली के नियम-14 (3) को निरस्त कर दिया जिसके तहत गुणवत्ता अंक निर्धारण की प्रक्रिया तय कीगई थी।
सभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
ReplyDeleteजब से कपिलदेव यादव की slp को सरकार की slp के साथ अटैच किया गया है तभी से निरहुआ देख रहा था की कपिलदेव यादव अपने साथ दस-पाँच अकेडमिक वीरों को लेकर रोज सुबह शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी ( जिन्हें हम कभी-कभी प्यार से राम गंजेड़ी चौधरी भी कहते हैं) के यहाँ जाता था और शाम ढले ही वापस आ पाता था। निरहुआ प्रतिदिन के इस घटनाक्रम को देखकर बहुत परेशान था क्योंकि सरकार और अकेडमिक वीरों की जुगलबंदी की उड़ती अफवाहों से माहौल तो गर्म था ही साथ ही सरकार का झुकाव इन अकेडमिक भाइयों की तरफ सार्वजानिक भी हो चुका था। इनका शिक्षा मंत्री के घर दिन-दिन भर उठाना बैठना निरहुआ को अखरने लगा और किसी अनहोनी की आशंका से निरहुआ का दिल डूबने लगा। आज निरहुआ का धैर्य जवाब दे गया तो अपना कौतूहल शान्त करने के उद्देश्य से उसने कपिलदेव को सुबह मंत्री जी के घर जाते समय रास्ते में ही रोक लिया और सशंकित मन से रोजाना मंत्री जी के घर दस-पाँच अकेडमिक वीरों के जाने का कारण पूछा। कपिलदेव और अन्य अकेडमिक वीरों ने बड़ी ही रहस्यमयी मुस्कान के साथ एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कराने लगे। तभी कपिलदेव जी ने निरहुआ से कहा कि-'ये राज की बात है, लेकिन तुम पूछते हो तो बता देता हूँ कि हमें मंत्री जी बहुत मानते हैं और रोज खाने-पीने पर आमंत्रित करते रहते हैं'। दूसरा अकेडमिक वीर भी बोल उठा-'अरे इतना ही नहीं वो तो हमारा पूरा खर्च भी उठाते हैं और हमें किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होने देते'। तभी तीसरा अकेडमिक वीर टर्रा उठा-'मंत्री जी की तो बात ही निराली है वे तुम टेट वीरों से नफरत करते हैं और हम अकेडमिक भाइयों को अपने घर के सदस्य जैसा सम्मान देते हैं'। निरहुआ पलकें झपका-झपकाकर मूर्खों की तरह इनकी बातें सुनता रहा किन्तु अन्दर ही अन्दर उसका हृदय बैठा जा रहा था। निरहुआ की मनोदशा देखकर सभी अकेडमिक वीर ठहाका लगाकर हँस पड़े और निरहुआ की हालत पर व्यंग करते आगे बढ़ गए। निरहुआ से अब ना रहा गया और सच्चाई जानने के उद्देश्य से वह भी चुपके-चुपके उनके पीछे चल दिया। सभी अकेडमिक बन्धु श्री राम गंजेड़ी चौधरी के आवास पर पहुँचे और दरवाजे पर पहुँचकर घंटी बजा दी साथ ही कपिलदेव चिल्लाकर बोले कि 'हम अकेडमिक वाले आ गए हैं दरवाजा खोलिए'। तत्काल अन्दर से कोई चिल्लाया-' अब पहुंचे हो नाशपीटों, ये कोई वक्त है आने का? कहाँ मर गए थे जो इतनी देर लगा दी?' इस शुभ वाणी के साथ दरवाजा खुला और सभी अकेडमिक वीर अन्दर घुस गए। दरवाजा बंद होते ही निरहुआ दरवाजे के पास पहुँच गया और कान लगाकर अन्दर से आने वाली आवाजें सुनने का प्रयास करने लगा। अन्दर से पहले तो झाड़ू से पीटे जाने की आवाजे आयीं फिर एकाएक राम गंजेड़ी चौधरी की रौबदार आवाज गूंज उठी-' रहने दे छुटके की अम्मा, अब क्या इनकी जान लेगी, इतनी पिटाई काफी है इन गदहों की, ई ससुरे इतने ही लायक होते तो क्या इतना पढ़-लिखकर भी हमारे यहाँ झाड़ू पोंछा करने आते ? चल अब इन्हें जाने भी दे आखिर 14 के बाद हमें नए नौकरों का इंतजाम भी तो करना पड़ेगा, चल रे कपिलवा आज तू बर्तन धो ले, मनीषवा तू झाड़ू पोंछा कर लेना, और तू छोटकू कुत्ते को टहला ला, और तू लम्बू आज साग-सब्जी.......'। दरवाजे के अन्दर से आती ये आवाज सुनकर निरहुआ की खोपड़ी घूम गयी और उसकी समझ में कुछ नही आया। वास्तविकता जानने के लिए वो दरवाजा खोलकर भीतर झाँकने लगा। भीतर झाड़ू की मार से अस्त-व्यस्त अकेडमिक वीर मुंह लटकाए और हाथ बांधे खड़े थे, तभी राम गोविन्द चौधरी ने निरहुआ की और निगाह उठाई और बोले-'तू इतना लेट क्यों आया बे ? अब तुझे कौन सा काम सौंपू..उम्म्म्म...'
(अकेडमिक वीरों की असलियत देखकर और राम गंजेड़ी चौधरी के अगले शब्दों को भांपकर निरहुआ तुरंत वहां से दुडकी लगा बैठा।)
Kya ho raha hai ?
ReplyDeleteMerai bhai yai bataoo ki kon kon sai vakil huai hai hai koi kah raha hai ki narmain koi kahata hai sorba ji hai
ReplyDeletelog samajh nahi pa rahai hai koi sahi sahi suchana dai please or kon sa account mai paisa dalai hum loog please help us
Sabhi tetians se anurodh hai ki kirpa karke blog par aayen.
ReplyDeleteSabhi tetians se anurodh hai ki kirpa karke blog par aayen.
ReplyDeleteसमायोजन को अनुदेशकों नेउठाईआवाज Wed, 12 Feb 2014 06:19 PM (IST)
ReplyDeleteरानीगंज,प्रतापगढ़ : अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक वेलफेयर एसोशिएशन के ब्लाक अध्यक्ष रामकुमार शर्मा नेकहा कि सरकार अनुदेशकों केसाथ सौतेला व्यवहार कर रही है। रानीगंज मेंहुईबैठक में उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को प्रतापगढ़ कचहरी में अगली बैठक की जाएगी। संचालन लालबहादुर पटेलने किया। इस दौरान रामशिरोमणि, माधुरी, मंजू मिश्रा, राजकुमारी, लल्ला, नन्हेलाल, हरिश्चंद्र, अमरपाल यादव, फूलचंद्र, शीतलाआदि रहे। उधर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्षअनुज कुमार पांडेय की अध्यक्षता में बीआरसी केंद्र संडिला मेंबैठक हुई। जिसमें विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श हुआ। इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश मिश्र,ब्लाक अध्यक्ष जयसिंह मौर्य व प्रदीप कुमार पांडेय, सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, सीमा मिश्रा, श्यामशंकर पाल, अजय मिश्र, प्रदीप पाडेय, आनंद मिश्र मौजूद रहे।
अनुदेशकोंकी तैनाती हो
विश्वनाथगंज, प्रतापगढ़: क्षेत्र केपूर्वमाध्यमिक विद्यालय मांधाता प्रथम मेंअनुदेशक की तैनाती न किए जाने से छात्र-छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक उग्रसेन सिंह ने बताया कि शिक्षा मंत्री के साथ विभागीय उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर अनुदेशक तैनाती की मांगकी गई है।
प्रधानाध्यापक ने शिकायती पत्र मेंआरोप लगाया है कि विद्यालय में छात्र छात्राओं की संख्या 234 है। शासन द्वारा सौ छात्र छात्राओं पर अनुदेशक तैनात किए गए हैं। क्षेत्र के कई विद्यालयोंमें 23 से 50 की संख्या पर अनुदेशक नियुक्त किए गए हैं। अनुदेशक की तैनाती सेबच्चों को कला, संस्कृत व व्यायामशिक्षा का लाभ मिलता ह
कर्क रेखा भारत के 8 राज्यो से गुजरती है TRICK :- मित्र पर गमछा झार मि:- मिजोरम त्र :- त्रिपुरा प :- पश्चिम बंगाल र :- राजस्थान ग:- गुजरात म:- मध्य प्रदेश छा :- छतीसगढ झार :- झारखण्ड
ReplyDeleteअगर तुम्हारे पास एक सेब है और मेरेपास एक सेबहैऔर हम इन सेबों का आदान -प्रदान कर लें तोभीहमदोनों केपास एक -एक ही सेबरहेंगे . लेकिन अगर तुम्हारे पास एक आईडिया है और मेरे पास एक आईडियाहैऔर हम उन आइडियाज का आदान -प्रदान कर लेंतो हमदोनों केपास दो -दो आइडियाज हो जायेंगे .
ReplyDeleteApna case aise case k sath cannect hai jisme date date ka khel chal rraha hai : Special Leave Petition (Civil) 1874 -1902 OF 2014 STATE OF U.P & ORS .Vs. SHIV KUMAR PATHAK & ORS Pet. Adv. : MR. SATYA MITRA GARG Res. Adv. : MR. ALOK GUPTA Subject Category : SERVICE MATTERS -RECRUITMENT/TRANSFER/COMPASSIONATE APPOINTMENT This Case is connected to : Special Leave Petition (Civil) 29390 OF 2013
ReplyDeleteटेट मेरिट समर्थक बन्धुओँ नमस्कार ।
ReplyDeleteहमारे मोर्चा और हमारे सुखद भविष्य के लक्ष्य तक पहुँचाने वाले जहाज के नाविकोँ का दल जिनका मतभेद समाप्त हो चुका है सभी लोग इस कार्य मेँ पूर्ण तन्मयता से लगे हैँ कि शीघ्र अतिशीघ्र अपने लक्ष्य तक कैसे पहुँचा जाये । इसलिये इस समय हम सब का परम् कर्तव्य बनता है कि हम बिना किसी शंका के उनका पूरा सहयोग करेँ । बस अंत मेँ एक निवेदन
"धन की कमी के कारण हम हार गये "
ये तोहमत न आने पाये । लोग लाखोँ रुपये हाथ मेँ लिये घूमते हैँ नौकरी के लिये । हमारा पैसा टेट नेता अगर नाजायज खा जायेँगे तो वे हमारे ऋणी रहेँगे जीवन भर और उन्हेँ भी हिसाब देना पड़ेगा ऊपर वाले की अदालत मेँ इसलिये उसकी चिन्ता छोड़कर अपना कर्म करो । प्लीज कोई एकेडमिक कमेन्ट न करे । टेटियन्स अपने विचार अवश्य रखेँ ।धन्यवाद
घटना मुंबईकी है आप भी सबक जरुर लें !
ReplyDeleteतीन चोर एक घर में रातको ताला तोड़ कर चोरी केइरादे सेघुसे। मकानवाले थोड़ी देर बाद घरलौटे तो अंदर चोरोंको देख करबाहर से कुंडी लगा दी औरहल्ला मचा करपड़ोसियों को इकट्ठा करलिया।बाहर लाठी लिए भीड़खड़ी देख चोरोंके होश उड़ गएऔर उन्होंनेदरवाजे सेसोफा सटा कर दरवाजा अंदर सेबंद कर लिया।लेकिन भीड़बढ़ती गई।जान बचानेके लिएचोरों को एक ही उपाय सूझा।उनमें से एक नेअपने मोबाइल सेपुलिस कंट्रोल रूम कोफोनकिया और हालत बता कर मददमांगी। पुलिस वहां पहुंची,लोगोंसे कानून अपने हाथ मेंनलेने कीअपील की, तबकहीं जाकर चोर बाहर आ सकेऔर पुलिस नेउन्हें गिरफ्तारकिया।
उत्तर प्रदेश टी ई टी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्षों और प्रतिनिधियों के नाम और मोबाईल नंबर:
ReplyDeleteआपकी जानकारी और नामों-नंबरों में आवश्यक संशोधन के लिए यह पोस्ट ग्रुप में आनेवाले कई दिनों तक सबसे ऊपर बनी रहेगी!
1. Agra: Devesh Drivedi 8533930591
2. Aligarh: Praveen Saxena 9837081379
3. Allahabad: VIVEKANAND 8081934675
4. Ambedkar Nagar: Anil Verma & Surendra Ameed 9838370345 & 9598873078
5. Auriya: Amit Mishra & Ajeet Rajpoot 9045028271 & 8439128408
6. Azamgrah: Azad Yadav 9616764406 RAVINDRA YADAV 9044836326
7. Badaun: Pawan Singh & Vishram Singh 9808819936 & 9027330015
8. Bagpat: ANIL KUMAR 8755559281 RAM MEHAR SINGH MAAN 8171317192 Amit Diexit 9761468244
9. Bahraich: Ashwani Shukla & Rajesh Kumar Rao 8765108094 & 8090150279
10. Ballia: Digvijay Pathak & Pyush Chaturvedi 9918506419 & 7499075872
11. Balrampur:
12. Banda: Annu Dadr 9415556574
13. Barabanki: Ritesh Ojha-8115577811,Umashanker Yadav-8931075935
14. Bareilly: Rajesh Pratap Singh & Vikash Kumar 9720963143 & 9027373924
15. Basti: Vivek Pratap Singh & Niten Shukla 9918015656 & 9453058000
16. Bijnor: Prayag Kumar 8439091391
17. Bulandshahr: Haryendra Singh 9837512398
18. Chandauli:
19. Chitrakoot:
20. Deoria: Anurag Mall 94 50 565575 Gaurishankar Pathak 8736 994 193
21. Etah: Etah: Mayank Tiwari 9219297122 Tapesh Kumar 9410878767 & 8534950711
22. Etawah: Sunil Yadav 8393850585
23. Faizabad: Anil Maurya 7800329408
24. Furrukhabad: Rakesh Bajpai & Surendra Rajpoot 8052158215 & 9450005857
25. Fatehpur: Rajendra Chaudhary & Anil Yadav: 9236522531 & 9795990726
26. Firozabad: Dharamveer Bharti 9259705968
27. Gautambudh Nagar: PAWAN KASANA 9412481444
28. Ghaziabad: Shiv Kumar & Nitan Mehata 9368735257 & 9639885609
29. Ghazipur: Sanjay & V.K. Yadav 9839889419 & 8400924785
30. Gonda: Sudhanshu Rai & Mahesh Arya 9582191640 & 9454178529
31. Gorakhpur: Naveen Shrivastava & Ashutosh Mishra 8543046035 & 8115000914
32. Hamirpur: Anurag Tiwari 09838630043
33. Hardoi: Abneesh Yadav & Devesh Singh 7398665201 & 9453898315
34. Jalaun: Laxmikant Pathak & Saurabh 9452023375 & 9125338157
35. Jaunpur: Alok Singh 8869957833 (Old Ajeet Yadav & Avanish 8090252162 & 8564051250)
36. Jhansi:
37. Jyotiba Phule Nagar: Saurabh Saxana 8445572244
38. Kannauj: Jitendra Tiwari 8687939837 Avanit Shukla ( Act. jila adhyaksh) 9839310613
39. Kanpur Dehat: Sachin Yadav 9455878898
40. Kanpur Nagar: Ratnesh Pal 8543858776, Vijay Singh Tomar 9450156766 & Sameer Dixit 9807025568
41. Kaushambi: Ram Pujan Tiwari 9838289683
42. Kushinagar: Akhilesh Kumar Mishra & Mobin Siddiqui 9721650022 & 9648631691
43. Lakhimpur Kheri: Devesh Trivedi 9839940748
44. Lalitpur: Ajay Sisodiya 8765568568 Neelesh Purohit 9453139536 & 8382036231
45. Lucknow: Nirbhai Singh & Bhupendra Rai & Ganesh Dixit 7499088470 & 5415783018 & 9369222535
46. Mahamaya Nagar: Abhishek Kaushik 9837451036
47. Maharajganj: Mahendra Kumar Verma 8874191926
48. Mohaba: Deepak Kaushal & Akhilesh Shahu 9451934220 & 8090173692
49. Mainpuri: Jitendra Singh & T.N. Mishra 9410807267 & 9456608217
50. Mathura:
51. Mau: Ranbir Singh 9532000478 SUNIL KUMAR GAWASKAR 9452261874
52. Meerut: Hariom Sharma 8923425679
53. Mirzapur: Rahul Gupta & Kushal Singh 9307303046 & 9451573287
54. Moradabad: Shahjaad bhai 9410613631
ReplyDeleteMr. T M N T B N
9058749811
55. Muzaffar Nagar: BALKESH CHOUDHARY-8410309467 MANOJ KUMAR 9997100617 FARRUKH HASAN-9808018484
56. Pilibhit: Sudhanshu Mishra 9058234823
57. Pratapgarh: Vivek Singh 9451126240 Dinkar Tiwari 9026814494
58. Rae Bareli: Karendra Mishra & Sishnu Kumar 7309785655 & 8115724828
59. Rampur: Gurpal Singh & Umesh Kumar 9758869752 & 9897373536
60. Saharanpur: Sanjay & Manoj Kumar Gupta 9758839709 & 9548938754
61. Sant Kabir Nagar: Devendar Rai 7275614363 and Abhisek Srivastav 9721008860
62. Sant Ravidash Nagar (Bhadohi):
63. Shahjahanpur: Satish Singh & Manoj Sharma 9532909434 & 9044144623
64. Shravasti: Ugrashen Verma & Pradeep Verma 9984555954 & 9452125452
65. Siddharth Nagar: Rajneesh Srivastava 7275424545
66. Sitapur: Sarvesh Josh & Anup Sharma 9889174114 & 9415860930
67. Sonbhadra: Sandeep Kumar Tripathi- 8423745895
68. Sultanpur: Rakesh Kumar Agrahari & S.K.Pathak 9005066060 & 9415023170
69. Unnao: Atul Tiwari & Amit Tripathi 9451360651 & 9936006023
70. Varanasi: Manoj K. Singh “Mayank”
71. Pravudh Nagar: Devendra Singh (Living in Delhi) & Aftab & Akhilesh Chaudhary 9560705898 & 9758025827 & 9927737442
72. Panchsheel Nagar (Hapur): Satish Sharma 07500878477और Rajkumar 08791721012
73. Amethi: Akhilesh Tripathi
094 50 805498
यूपीटीईटी मेंशामिल होंगे 8 लाख 98,534 अभ्यर्थी लखनऊ (डीएनएन)। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूपीटीईटी)-2014 के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में 41 हजार से अधिक का इजाफा हो गया है। चूंकि8 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया मेंसंशोधन की समय सीमा तय थी। इसलिए निर्धारित तिथि बीतने केबाद अब जिलों में परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए संशोधितआंकड़ा भेज दियाहै। अबप्रदेश में 8,98,534 अभ्यर्थी टीईटी परीक्षा में शामिलहोंगे। हालांकि 30 जनवरी तक यह आंकड़ा8,56,616 था। इस बार 22 व23 फरवरी को यूपीटीईटी का आयोजन किया जाएगा। इसकेलिए शनिवार को ऑनलाइन आवेदन में संशोधन की प्रक्रियासमाप्त हो गई। अब प्राइमरी स्तर की टीईटी के लिए 1,76,995 वभाषा परीक्षा केलिए 24,127 लोगोंने आवेदन किया है। जबकि जूनियर स्तर की टीईटी के लिए 5,66,799 वभाषा परीक्षा केलिए 1,30,613 ऑनलाइन आवेदन आए हैं। लखनऊ मेंकुल परीक्षार्थियों की संख्या बढ़कर 27,547 हो गईहै। (शेष पेज-15 पर)सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने जिलों को भेजा संशोधितआंकड़ा
ReplyDeleteSachchidanand Chaturvedi
ReplyDelete.
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Nariman ji ko fee paid karne ke liye...jitendr ji ke acc. me paisa bheje kyuki ye delhi me lgatar maujud rh rhe hai....jisse paisa asani se nikala ja sake.........
JITENDRA SINGH
A/C NO.- "0348000100277277"
{PUNJAB NATIONAL BANK, MAINPURI}
-JITENDRA SINGH, MAINPURI
Mo.9410807267
umashankar g kuch log keh rehe h ki hamara case non tet k saath add ho gaya h kya ye sach h
ReplyDeleteटीचरोंद्वारा प्रिंसिपल का इंटरव्यू लेने पर हाईकोर्ट गंभीर Updated @ 5:43 AM ISTइलाहाबाद (ब्यूरो)। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड केसदस्यों कीयोग्यता को लेकर हाईकोर्ट गंभीर है। न्यायालय ने इस पर विचार किए जाने की आवश्यकता बताई है। कोर्ट ने हरिश्चंद्र व अन्य 20 अभ्यर्थियों कीओर सेदाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि याचिकामेंलगाए गए आरोप गंभीर हैंऔर इन पर विचार किए जाने कीआवश्यकता है। कोर्ट ने इस मामले को अन्य याचिकाओं केसाथ संबद्ध कर दिया है। याचिका मेंमाध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड केगठन को लेकर सवाल उठाए गए हैं। क हा गयाहैकि बोर्ड केनामित चेयरमैन डॉ. देवकी नंदन शर्मा का निधन होजाने केबाद डॉ. आशाराम को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया। जबकि बोर्ड के सदस्य ललित कुमार श्रीवास्तव सीटी ग्रेड व्यवसायिक शिक्षक हैं। इसी प्रकार से रामअवतार भी सहायक अध्यापक हैं। मनोज कुमार इंटर कालेज में प्रवक्ता हैं। येसभी लोग प्रधानाचार्य पद के लिए आवेदन करने के योग्य भी नहीं है जबकि इन्हीं लोगों नेहाल ही में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति के लिए आयोजित साक्षात्कार मेंअभ्यर्थियोंका इंटरव्यूलिया है। याचिका पर बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पीएन सक्सेना नेकहा कि बोर्ड का गठन उत्तर प्रदेश सेकेंडरी एजूकेशन सर्विस कमीशन एक्ट 1982 के प्रावधानोें केविरुद्ध है। याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर नेइसे गंभीर मामला मानते हुए विचार किए जाने कीआवश्यकता बताईहै। याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तिथि नियत की गईहै। उल्लेखनीय हैकि हाईकोर्ट ने एक अन्य याचिका डॉ. दिलीप कुमार अवस्थी के मामलेमें प्रधानाचार्यों केसाक्षात्कार के परिणाम को घोषितकरनेपर रोक लगा दी है। याचिकाओं में चयन बोर्ड के गठन को लेकर सवाल उठाए गए हैं तो उनको अवैध कहा गया है। कोर्ट नेइन सभी याचिकाओं को एक सुनवाईके लिए कनेक्ट कर दिया है।
ReplyDeleteRahul gandhi : Maa aapki wajah se meri shadi nahiho rahi hai.
ReplyDeleteSoniya : Wo kaise ?
Rahul : Aapke har poster me likha hota hai Soniya ko"BAHUMAT" do
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Ishq tujhse karta hoon main , zindagi se zyada,
Main darta nahi maut se...
Teri judai se zyada,
Chahe to Aazmale muje hi...
kisi aur se zayada...
Meri zindgi me kuchh nahi...
Bas teri mohabbat se zyada.
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Kahte Hain Ki Patthar Dil, Kisi Ke Liye Aansu Nahi Bahate,
Par Sach To Yah Bhi Hai Ki DARIYA Bhi, Pahadon Se He Nikalte Hain…!!
“रुक…अबे रुक"….
ReplyDelete"ज्जी…मैँ?"….
"ओर तेरा फूफ्फा?".…
"जी…बोलिए"…
"बेट्टे!….बोलूँगा तो मैँ जरूर और सुणेगा बी तू जरूर"अपनी मूँछों को ताव दे बैरियर पे खड़ा सिपाही बोला
"हाँ जी!…बोलिए"…
"के बात?….तैन्ने दीखया कोणी यो गज भर लाम्बा… ठाढा सा(तगड़ा) पूरे अढाई किलो का हाथ?"…
"ज्जी….शायद!…म्रेरा ध्यान दूसरी तरफ था"…
"वोई तो…निकाल इसी बात पै सौ का नोट"…
"सौ का नोट?…वो किसलिए?"….
"वो इसलिए मेरे फूफ्फा…के मन्ने आज घर पै बाहमण(ब्राहमण) जीमाणे सैं"….
"तो?"…
"अरे मेरे ताऊ!….मैन्ने घण्णी कुफात(मेहनत) कर के तैन्ने रुकवाया सै के नई?"…
"जी…रुकवाया तो है"…
"तो हरजाणा कोण भरेगा?…..मैँ के तू?".…
"जी मैँ"…
"तो निकाल इसी बात पे सौ का नोट"…
"लेकिन सर!…ना तो मैँने लाल बत्ती जम्प की है और ना ही मैँ बिना ड्राईविंग लाईसैंस के गाड़ी चला रहा हूँ और हैलमेट भी मैँने ‘आई.एस.आई’ मार्का वाला पहना हुआ है"…
"ओ बेट्टे!…तैन्ने तो म्हारे दुश्मण देश का टोप्पा पहण्या सै"…
"ईब्ब तो बेट्टे…तू गया कामसे"…
"तू जाणता कोणी….म्हारे साब जी घण्णे सख्त किस्म के इनसान सैं…..देशद्रोहियाँ ने तो वो कति ना बक्शें…किसी भी कीमत पे छोड़ें कोणी"…
"ओर आज…आज तो साब जी वैसे भी घण्णे गुस्से में सैं"……
"क्या बात?….बीवी ने कहीं…….
"स्साले!…म्हारे साब जी का मजाक उड़ावे सै?"….
"ईब्ब तो बेट्टे…तेरी खैर कोणी"….
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Ajab qissa hai tera...
Rooth kar mujhse...
Mujh se hi Lipat Jana ..
Aur ye kahna
I LOVE DEV.
किसी भी वकील के लिए आर्थिक मदद करने से पहले आप खुद के दिमाग का उपयोग जरूर करें। निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट में एक से बढ़कर एक नामी वकील हैं कोई किसी से कम नहीं, लेकिन यह भी जरूर याद रखियेगा कि खरे भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के नामी वकील थे? क्या क्या उन्होंने किया यह कोई भूला नहीं होगा, शैलेंद्र और शशिनन्दन जी अगर हमारे केस से न जुड़े होते तो न ही हरकोली जी का वो ऐतिहासिक आदेश आता जिससे हमारे जीत की नींव मजबूत हुई थी और न ही हम वहाँ जीतते। अब सवाल उठता है कि सुप्रीम कोर्ट में कैसे किस वकील पर भरोसा किया जाए तो जवाब भी आप के पास है वकील बदले हैं याचिकाकर्ता नहीं। इतना जरूर ध्यान रखियेगा वकील कोर्ट में वही बहस करता है जो उसका याचिकाकर्ता चाहता है। यह समय गुटबाजी या किसी मित्र यार का समर्थन करने का नहीं है बल्कि खुद की समझ से सही और ज्यादा सही के बीच का फर्क समझ कर समर्थन करने का समय है।
ReplyDelete"सुसरे!…म्हारे साबजी की दुखती रग पे हाथ रखै सै…..ईब्ब तो बेट्टे तैने तेरा बाप बी कोणी बचा सके"…
ReplyDelete"लगा अपनी फटफटी ने सैड पे ओर अपणे इस ‘आई.एस.आई’ के टोप्पे ने तार के छांह मे आ ज्या"सिपाही गुस्से से चिल्लाता हुआ बोला…
"तेरा रिमांड तो बेट्टे!…ईब्ब साहब जी आप ही लेवेंगे"…
"साब जी!…इस लौण्डे ने आप ही सूधा(सीधा) करो…घण्णा कानून झाड़ रिया सै और म्हारे लाख मणा करणे के बावजूद आपके फैमिली मैटर को सरेआम पब्लिक में उछालण की कोशिश कर रिया सै"….
"कामयाब तो कोणी होया ना?"…
"म्हारे होते हुए कोई ओर क्यूँकर कामयाब हो जावेगा?"…
"के बके सै?"..
"सॉरी जनाब!…गलती से मुँह से निकल गया"…
"हम्म!…
"क्यों बे?….कित्त का सै तू?"उसे इग्नोर कर काँस्टेबल मुझे घूरता हुआ बोला…
"जी….शालीमार बाग का"….
"के बात?….घणा एण्डी बणे सै?"…
"ना जी"…
"सुण!…इस सुसरे ने अड़े छोड़ ओर तू एक काम कर"सिपाही की तरफ मुखातिब होते हुए काँस्टेबल बोला….
"जी….जी जनाब"…
"तू उस ट्राले वाल्ले से सुलट के आ….सुसरा!…बिना एंट्री दिए ही खिसकण के चक्कर में दीख रैया सै मन्ने"…
"जा!…तब तक मैँ इस सुसरे के पेंच ढील्ले करता हूँ"…
"जी जनाब"…
"ओर सर जी…हैलमेट भी पाकिस्तानियों का पहणेया सै पट्ठे ने"सिपाही काँस्टेबल के कान में फुसफुसाता हुआ बोला….
"हम्म…"काँस्टेबल ने मुझे ऊपर से नीचे तक गौर से निहारा और बोला…."नाम बता"…
"ज्जी…र…र..रा..
"ओए…ये र….र…रा कर के मन्ने रागणी(हरियाणवी लोक गीत) ना सुणा ओर सीधी तरिया अपणा नामबता"कान खुजाते हुए काँस्टेबल बोला …
"जी…रा….राजी…
"राजी तो बेट्टे तन्ने मैँ करूँगा जब तेरे घर पै…रेड मारण तांई पूरी फोर्स भेजूँगा"….
"सूधी तरियाँ क्लीयर कट अपणा पूरा नाम बता….
"जी…राजीव"…
"जी राजीव?….के बात?…थारे में ‘जी’ पहले लगावें हैँ ओर ‘नाम’ बाद में?"…
"ना जी…नाम पहले ओर जी बाद में"….
"तो इसका मतबल्ल तेरा नाम राजीव है"….
जी"…
"ओ.के…ईब्ब अच्छे बच्चों की तरिया यो बी साफ-साफ बता दे कि तू किसके लिए ओर….कितने सालों से जासूसी करे सै?… थम्हारे…यहाँ कौन-कौन से और कितने एजेंट सैं?"
मुझे जबरदस्ती किसी गुट से जोड़ने का कष्ट न करें आज तक मैंने कभी सुजीत सिंह से न ही कभी फोन पर बात किया और न ही कोई मुलाकात किया है, बस मुझे उनके उपर भरोसा उनके अब तक के किये गये कार्यों की वजह से है। मेरा मन कहता है ये आदमी गलत नहीं हो सकता इसलिए मेरा अनुरोध है सभी से कि किसी के अब तक के संघर्षों पर लांछन न लगाये। सभी लोग अपने अपने काम की तारीफ करें बखान करे लेकिन ऐसे किसी के उपर खुलेआम आरोप न लगाये। उस आदमी ने मेहनत करके अपनी इज्जत बनायीं हैं और सिर्फ मेहनत ही नहीं बल्कि हम लोगों को जीत दिलाने में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है।
ReplyDelete"सर!…आपको गलतफहमी हुई है…मैँ….मैँ तो पक्का खालिस देशभक्त हूँ…आप चाहें तो बेशक मेरी बीवी से पूछ लें"…
ReplyDelete"ओए…मन्ने औरतां के मुँह लगणे का शौक कोणी"….
"माँ कसम….पक्का बाल-ब्रह्मचारी सूँ"…..
"सर!…मैँ सच कह रहा हूँ….आप खुद चैक कर लें…कपड़े भी मैँ स्वदेशी याने के होममेड इस्तेमाल करता हूँ"…
"होम मेड का मतबल्ल स्वदेशी होवे है?"…..
"ज्जी…वो दरअसल मेरा मतबल्ल…ऊप्स सॉरी मेरा मतलब था कि….
"स्साले हरामखोर!…’रे बैन’ का इम्पोर्टेड गॉगल लगा के मण्णे बेवकूफ बणावे सै?"….
"तेरे जीस्से छत्तीस को तो मैँ रोज झोट्टाराम के खेत में चराऊँ सूँ"…
"सर!…ये झोट्टाराम कौन?"सिपाही वापिस आ काँस्टेबल के कान में फुसफुसाता हुआ बोला…
"मेरे ताऊ का फूफ्फा…और कौण?"…
"सर!…आपको गलतफहमी हुई है…मैँ…मैँ तो….
"यो मैँ…मैँ कर के मिमियाणा छोड़ और सीधी तरह बता के कब से तू देश के साथ गद्दारी कर रहा है?"….
"सर!…मैँ तो सर सीधा-साधा लेखक प्राणी हूँ…मैँ भला अपने ही देश के साथ गद्दारी क्यों करने लगा?"…
"तू….तू लेखक सै?"मुझे ऊपर से नीचे तक गौर से निहारते हुए काँस्टेबल बोला…
"ज्जी…जी सर"…
"स्साले!…पहले क्यूँ नहीं बताया तैन्ने कि तू पत्रकार बिरादरी का बन्दा है"मेरे कन्धे पे धौल मार मुस्कराते हुए काँस्टेबल बोला….
"सॉरी!…आई.एम रियली वैरी सॉरी"काँस्टेबल के स्वर में अचानक मिठास आ चुकी थी
"माफ कीजिए..गल्ती से आपको रोक लिया….आप जा सकते हैँ"….
"बेवाकूफ कहीं के….गधे और घोड़े का फर्क समझे बिना सबको एक ही छड़ी से हांके चले जाते हैँ"काँस्टेबल सिपाही की तरफ देख बुड़बुड़ाता हुआ बोला….
"ओए!….
"जी जनाब"….
"स्साले!….देख तो लिया कर कि किसे रोकना है और किसे नहीं"….
"इतने साल हो गए यहाँ @#$%ं हुए….इतना भी नहीं पता कि किस से कैसे बात करनी है और कैसे नहीं"काँस्टेबल सिपाही पर चिल्लाता हुआ बोला…
"क्या हुआ जनाब?"…
"साहब जी तो पत्रकार बिरादरी के निकले"….
"क्या?"…
ओह!…सॉरी सर…..माफ कर दें सर…माई मिस्टेक सर..मैँ आपको पहचान नहीं पाया सर"….
"स्साले!…तेरे को कितनी बार हिन्दी में साफ-साफ समझा चुका हूँ कि अपने धन्धे में मल्लिका सहरावत की नंगी-पुंगी फिल्मों ने किसी काम नहीं आना है… असल जिन्दगी में अगर कुछ काम आएगा तो वो तेरा अपना हुनर…तेरा अपना टैलेंट कामआएगा"
"जा…जा के कहीं से फेस रीडिंग में एक्सपर्टाईज़ होने का कोर्स कर ले"…
"जी जनाब"….
"उस ट्राले वाले ने दिए के नहीं?"….
"आपके होते हुए देगा कैसे नहीं जनाब?"…
"लेकिन इतनी देर कैसे लग गई?"…
"बिना पर्चे के माल ले जा रहा था ससुरा…..मैँने बतौर जुर्माना दो हज़ार की डिमांड रखी तो सौ-दो सौ रुपल्ली दिखा मुझे टरकाने लगा कि ईब्ब तो ब्योंत कोणी…आगली बार मांगण ते पहलां ही ऊपरली गोझ(जेब) म्ह थम्हारी खातर धर लेयूँगा"….
"फिर?"मैँ उत्सुकता के मारे पूछ बैठा…
"फिर क्या?….मैँने गुस्से में ट्राला ही जब्त करने की धमकी दे डाली"….
"अच्छा …फिर?"…
"फिर क्या?….एक ही घुड़की में धोती ढीली हो गई…पट्ठे की"…
"ये देखो जनाब….कड़कड़ाते नोट सैं"…कह सिपाही अपनी जेब की तरफ इशारा करने लगा
"बावला सै के तू?"….
प्रियरंजन वर्मा जी को भी मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ उन्होंने भी इस केस में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बहुत संघर्ष किया है और अब निर्णायक संघर्ष में भी उनके मामा जी जो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आमरेन्दर सरन जी हैं उनको केस से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है, प्रियरंजन भाई एक बात आप स्पष्ट कर दीजिए कि सरन जी की पूरी फीस का भुगतान संघर्ष मोर्चा की तरफ से कर दिया गया है और इस भुगतान में किसी का कोई व्यक्तिगत योगदान नहीं रहा है क्योंकि आमरेन्दर सरन जी के फीस भुगतान में कुछ लोग अपनी पीठ भी थपथपा रहे हैं कि संघर्ष मोर्चा के साथ उनका संयुक्त योगदान रहा है। थोड़ा आप देख लीजिये किसी प्रकार की अफवाह न फैले क्योंकि यहाँ कुछ लोग संघर्ष के अंतिम चरण में आकर कुछ ज्यादा ही श्रेय लेने के चक्कर में उछल कूद कर रहे हैं। अभी जीत मिली नहीं लेकिन जीत की श्रेय लेने की होड़ मच गई है।
ReplyDeleteऔर अंतिम में एक बात कहूंगा कुछ लोग मुझे कह रहे थे कि मैं क्यों नहीं जा कर वहाँ नेतृत्व कर रहा हूँ, मुझे सिर्फ इस सुझाव पर हसी आ गई, दोस्तों वहाँ एक से बढ़कर एक दिग्गज बैठे हैं और वो शुरू से केस से जुड़े हैं अब उनके उपर भरोसा करने के सिवाय कोई दुसरा रास्ता नहीं है, लेकिन आपके पास वहाँ भी बहुत विकल्प मौजूद हैं देख लीजिये किसका क्या ट्रैक रिकॉर्ड रहा है फिर समर्थन कर दीजिए, लेकिन किसी का समर्थन करने का अर्थ यह न निकाल लीजियेगा कि बाकी सभी का विरोध करना है। यह गलती भूल कर भी न कीजिएगा नहीं तो आप भी गुटबाजी का शिकार हो जायेंगे।
"इस तरिया सड़क पे खुलेआम….मरवाएगा के?"….
ReplyDelete"साब जी!…माफ कर दो…गल्ती हो गई"….
"अच्छा…अच्छा….छोड़ इस सब ने और उस नीली वाली सैंत्रो ने हाथ दे….सुसरा लाल बत्ती जम्प कर के निकल रिया है"…
"जी जनाब"….
"आप खड़े क्यों हैँ?…यहाँ…यहाँ मेरी बाईक पर बैठिए सर"….
"नहीं…बस रहने दीजिए….मैँ ऐसे ही खड़ा ठीक हूँ"….
"कमाल करते हैँ आप भी …हमारे होते हुए भला आप खड़े रहें….ऐसा कैसे हो सकता है?"
"ओए!…साहब के लिए कुर्सी ला"काँस्टेबल नज़दीक खड़े जूस वाले को हुक्म देते हुए बोले
"आप क्या लेंगे सर?…ठण्डा या गर्म?"
"नहीं…रहने दो….ऐसी कोई खास इच्छा नहीं है"…
"अजी!…इच्छा को मारिए गोल्ली और अनार का ये स्पैशल जूस पीजिए"जूस वाला मेरे हाथ में गिलास थमाता हुआ बोला
"हम्म!…जूस तो वाकयी बहुत बढिया बनाया है"मैँ होंठों पे अपनी जुबान फिरा चटखारा लेता हुआ बोला….
"स्साले की शामत आनी है जो बढिया नहीं बनाएगा"जूसवाले को घूरते हुए काँस्टेबल बोला …
"हाँ तो जनाब!…आप राजनैतिक या फिर फिल्मी?….किस तरह की पत्रकारिता करते हैँ?"…
"सर!…मैँने आपको पहले भी बताया था और अब फिर से बता रहा हूँ कि मैँ पत्रकार नहीं बल्कि एक छोटा-मोटा लेखक हूँ और हँसते रहो के नाम से अपना एक ब्लॉग चलाता हूँ"….
"स्साले!…इतनी ड्रामे बाज़ी की के जरूरत थी?…सीधी तरिया नई बता सकता था के तू एक मसखरा है"….
"मसखरा?"….
"ओर नईई तो के बहरुपिया?"…
"नहीं सर!…आप गलत समझ रहे हैँ…मैँ मसखरा नहीं हूँ"…
"तू मसखरा कोण्णी?"…
"जी"…
"तू पत्रकार बी कोण्णी?"….
"ओर तू बहरुपिया बी कोण्णी?"…
"जी सर"…
"तो फिर तू है के चीज?"…
"दरअसल….मैँ हास्य और व्यंग्य में लिखता हूँ"…
"ठीक सै!…तो फिर तू मन्ने हँसा"….
"मतलब?…मैँ आपको कैसे हँसा सकता हूँ?"…..
"‘छोरी %$#@ के’ …तैन्ने पूरी दुनिया को हँसाने का ठेका लिया हुआ सै ना?…
ईब्ब तू मन्ने हँसा के दिखा"काँस्टेबल गुस्से से अपना चेहरा अकड़ा के मुझ पर अपना सर्विस रिवाल्वर तानता हुआ बोला…
"सर!…आपको गलत फैमिली…ऊप्स सॉरी गलतफहमी हुई है"मैँ सकपकाता हुआ बोला…
"बेट्टे!….हँसाना तो तुझी को पड़ेगा…ईब्ब तू चाहे हँस के हँसा या फिर रो के हँसा"सिपाही भी अपना डण्डा मेरे सर पे तानते हुए बोला…
"ओफ्फो!…कितनी बार समझा चुका हूँ कि मैँ कोई जोकर या मसखरा नहीं बल्कि एक जिम्मेदार लेखक हूँ और देश के प्रति अपने कर्तव्य का पूरी ईमानदारी और निष्ठा से वहन कर रहा हूँ"…
"लोगों को हँसा के?"….
Girls ko bhi tetians ko sangharsh ke liye arthik roop se madad karni chahiye,kyonki is naukri par unka bhi barabar ka adhikar hai,
ReplyDelete"अब मैँ लोगों को हँसाऊँ या फिर रुलाऊँ…इससे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन मेरा असली मकसद अपनी लेखनी के जरिए गलत हो रहे कार्यों की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करना है"….
ReplyDelete"मैँ भी तो सुणूँ के किस तरह के गलत कामों की तरफ तू लोगों का ध्यान आकर्षित करता है ?"सिपाही गर्म हो मेरे और नज़दीक आता हुआ बोला…
"जैसे आपने अभी नाजायज़ तरीके से उस ट्राले वाले से दो हज़ार वसूले"मैँ सकपका कर पीछे हटते हुए बोला….
"तो?"…
"मैँ ऐसे ही कामों के बारे में बता के जनता को जागरूक करता हूँ"मेरी आवाज़ में दृढता थी…
"तो तेरा मतबल्ल कि जनता जो है…वो कति बेवाकूफ है?"गुस्से से बिफरता हुआ जूस वाला बोला….
"ओर ये नाजायज़-नाजायज़ के लगा रक्खा सै?"डण्डा छोड़ अपनी आस्तीन ऊपर करते हुए सिपाही बोला
"इसणे तो बेर की @#$% का पता कोण्णी….ओर चलया सै देश की जणता ने जागरूक करण खातर"काँस्टेबल का क्रोध भरा स्वर….
"जनाब!…इस कल के लौण्डे ने के बेरा कि जायज़ के होव्वे है ओर नाजायज़ के होव्वे है?"….
"ये जो प्राईवेट सकूल वाले रोज-रोज फीस बढावें सैं…यो जायज़ सै?"सिपाही भावुक हो बोल उठा….
"या ये जो पाछले ऐरियर वसूल रहए सैं…यो जायज़ सै?"काँस्टेबल ने बात पूरी की…
"वो तो पे कमीशन ने….
"पे कमीशण गया तेल लेने…इस सुसरे स्कूल वालयाँ ने पहलए घणा कमा रक्खा सै …उस्से म्ह से थोड़ा खर्च कर देंगे तो कोई पहाड़ ना टूट पड़ेगा"….
"थम्म तो यार!…पता नय्यी कूण सी दुनिया के….कौण से जुग में जीवो हो…..थम्म ने के बेरा कि इस मँहगाई के जुग में बच्चे कीस्से पाले जावें सैं?"
"अब यार!…आप तो पढे-लिखे हो…समझदार हो…खुद जाणो हो कि बच्चे तो भगवान का रूप होवे सैं…ओर भगवान की बात हम कैसे टाल सकते हैँ"…
"जी"…
"अब परसों मेरे मंझले छोरे ने‘एडीडास’ के जूतों की और तीन नम्बर वाली छोरी ने ‘वन्दना लूथरा’से अपना मेक-ओवर करवाने की फरमाईश कर दी तो मैँ कैसे टाल सकता था उन्हें?…
"जी"…
"तो बस भईय्ये!…यूँ समझ ले कि इसी खातिर मैँने उस ट्राले को रुकवाया था"….
"और अब ये जो सैंत्रो को…
"इसे?…इसे तो यार…मैँने अपनी श्रीमति जी के चक्कर में……
‘त्रिभुवन दास भीम जी झावेरी’के यहाँ एक पेंडेंट पसन्द कर आई है"…
"लेकिन आप तो कह रहे थे कि सिर्फ बच्चों की फरमाईश….
"जी….बिलकुल!…तुम तो जानते ही हो कि मुझे बच्चों से कितना प्यार है?….बस छुटकी को बड़ा हो जाने दीजिए…उसी को उसके सोलहवें बर्थडे पर गिफ्ट कर दूंगा"…
"यू नो!…तीन महीने बाद वो पूरे स्वीट सिक्सटीन की हो जाएगी"काँस्टेबल के चेहरे पे गर्व भरी मुस्कान थी…
"ओह!…काँग्रैचुलेशन….मेरी तरफ से एडवान्स में ही बधाई स्वीकार करें"…
"क्यों?…एडवांस में क्यों?"…
"एडवांस में इसलिए कि…क्या मालुम कल हों ना हों"…
"खबरदार!…जो मुँह से कोई अशुभ या अनहोनी बातनिकाली… मुझ से बुरा ना कोई होगा"…..
"अरे यार!…मैँ तो बस ऐसे ही..
"ना…ये तो बिलकुल गलत बात है…..ना कोई मिठाई….और ना ही कोई गिफ्ट…ऐसी फोक्की बधाई तो आपको ही मुबारक"..
"हा…हा….हा…जस्ट किडिंग यार…आप तो काम के बन्दे हैँ…..आपसे क्या गिफ्ट लेना?"…
"मैँ भी…मैँ भी तो बस ऐसे ही मज़ाक कर रहा था"….
"पुलिस वाले से मज़ाक?"काँस्टेबल का रौद्र रूप…और फिर अचानक ज़ोर से हँसी…"हा…हा…हा…हा….डर गए ना?"…
"यार!….अभी तो तीन महीने पड़े हैँ…और अब जब जान-पहचान हो ही गई है…अब तो हमारा-आपका मिलना-जुलना होता ही रहेगा ना?"…
"जी…बिलकुल"…
"लेकिन ये एडवांस में बधाई-वधाई बिलकुल नहीं चलेगी….ग़्राँड हयात में पार्टी दे रहा हूँ….आपने भी आना है…और ध्यान रहे कि भाभी जी को ज़रूर लाना है"…
"और बच्चे?"….
"क्या उन्हें घर पर ही छोड़ कर?….
"हाँ-हाँ!…क्यों नहीं?….तुम एक काम करना…उन्हें डब्बे में बन्द कर …बाहर से ताला लगा….
"?…?…?…?"….
"बेवाकूफ!….बच्चों के लिए ही तो पार्टी दे रहा हूँ और तू है कि उन्हें ही घर पे छोड़ कर आने की बात कर रहा है?"..
"कैसा निर्मोही दोस्त है रे तू?"…..
ReplyDelete"चल!…माफी माँग मुझ से"…
"सॉरी यार!…माफ कर दे मुझे"…
"ना…बिलकुल ना"….
"पहली गलती है यार"….
"आज पहली गलती कर रहा है…कल को दूसरी गलती करेगा और परसों को तीसरी"…
"इतना ज़लील तो ना कर यार मुझे"…
"तू है ही इसी लायक"…
"प्लीज़!….माफ कर दे ना मुझे"मेरी आँखों से आँसुओँ की अविरल धारा बह चली….
"पागल कहीं का…कैसे बच्चों की तरह रो रहा है"काँस्टेबल भी अपने आँसू पोंछ मुझे गले लगाता हुआ बोला
"क्या जनाब?…आप दोनों तो बिलकुल बच्चों की तरह रोते हैँ"हमें रोता देख सिपाही की आँखो से भी आँसू बह निकले …
"हम सब को रोता देख जूस वाले से भी रहा ना गया और वो भी धाड़ मार-मार के रोने लगा"
"चुप हो जाएँ जनाब…यूँ सड़क पर ऐसे रोने से अपने बिज़नस पे गलत अफैक्ट पड़ेगा"सिपाही कमीज़ से अपने आँसू पोंछ समझदारी से काम लेता हुआ बोला
"यस!…यू ऑर राईट….बिज़नस कमज़ ऑलवेज़ फर्स्ट"काँस्टेबल भी भावुकता छोड़ अटैंशन मुद्रा में आ गया….
"जी!….धन्धा पहले…बाकी सब काम बाद में"…
"हाँ!…रोक…रोक उसे…स्साला मोबाईल पे बात करता हुआ गाड़ी चला रहा है"….
"जी जनाब"कहते ही सिपाही से बीच सड़क के छलांग लगा दी…
"और सुनाओ…घर में सब ठीकठाक?"…
"जी बिलकुल"….
"कोई दिक्कत या परेशानी?"…
"ना जी"…
"कोई भी…किसी भी तरह का….कैसा भी काम हो….बिना किसी प्रकार की झिझक के तुरंतमुझे याद कर लेना"…
"जी…बिलकुल"…
"चाहे मई-जून का टिप-टिप कर टपकता महीना हो या फिर हो ….जुलाई-अगस्त का लू भरा महीना …बन्दे को हमेशा अपने साथ…अपने दिल के करीब पाओगे"…
"जी…शुक्रिया"….
"यार!…एक बात पूछनी थी तुमसे"…
"एक क्या…दो पूछो…जी में आए तो बेशक सौ पूछो"…
"ये जो तुम नैट पे लिखते हो….
"जी"…
"ये पूरी दुनिया तक पहुँच जाता है?"…
"जी..बिलकुल"..
"इधर लिखा और उधर बटन दबाया…बस पूरी दुनिया के सामने हमारा लिखा तुरंत के तुरंतपहुँच जाता है"…
"इधर लिखा और उधर बटन दबाया?"…
"जी"…
"इसका मतलब लिखा कहीं और जाता है और बटन कहीं और दबाया जाता है?"…
"नहीं!…जिधर लिखा जाता है…उधर ही बटन दबाया जाता है"…
"लेकिन तुमने ही तो अभी कहा कि इधर लिखा और उधर….
"ओफ्फो!…ऐसे सिर्फ कहा जाता है…किया नहीं जाता है"….
"अब यार!…मुझे क्या पता?…मैँ ठहरा मोलढ इनसान"….
"अरे वाह!…मोलढ भी कह रहे हो और इनसान भी"…
"अरे यार!…मेरा मतलब था कि तुम खुद तो कम्प्यूटर के महाज्ञानी हो और मुझे इसका ‘क.ख.ग’ भी नहीं आता…मुझे क्या पता कि क्या चीज़ …कैसे करते हैँ"…
"चिंता ना करो…दो-चार दिन मेरे साथ रहोगे तो सब सीख जाओगे"….
"पक्का?"…
"बिलकुल पक्का"….
"थैंक्स"…
"किस बात का?"…..
"कम्प्यूटर….
"एक बात कान खोल के सुन लो तुम मेरी"…
"जी"…
"यारी-दोस्ती में नो थैंक्स…नो शुक्रिया"….
"ओ.के…ओ.के बाबा….नो थैंक्स…नो शुक्रिया"…
"यार !…एक काम था तुमसे"…
"जब तुम्हें दिल से अपना मान लिया है तो एक क्या…दो काम कहो"….
"क्या तुम मेरा इंटरव्यू छाप सकते हो?"…
"हाँ-हाँ!…क्यों नहीं"…
"तो फिर छापो"….
"अभी?"…
ReplyDelete"हाँ…अभी…अभी छापने में क्या दिक्कत है?"….
"अभी तो यार!…मेरे पास ना यहाँ कोई कागज़ है ना ही लैपटॉप"…
"कागज़ की तुम चिंता ना करो…अपने पास सब जुगाड़ हैँ"…
"ये लो"कह काँस्टेबल ने अपनी पूरी चालान बुक ही मेरी हथेली पे धर दी
"ये क्या?…ये तो सरकारी चालान बुक है"…
"तुम्हें सरकारी या गैर-सरकारी से आम लेने हैँ?"…
"तुम्हें कागज़ चाहिए ना?"….
"जी"…
"और वो मैँ तुम्हें दे रहा हूँ"…
"लेकिन….
"अरे!…लेकिन-वेकिन…किंतु-परंतु को मारो गोली और इस चालान बुक को पलट कर देखो….पीछे से ब्लैंक है"….
"लेकिन सरकारी संपत्ति का ऐसे दुरप्योग?"….
"अरे!…सरकारी कहाँ?…मैँने खुद अपने पल्ले से छपवाई हैँ"…
"ये देखो!…सरकारी वाली तो डिक्की में पड़ी है"काँस्टेबल अपनी बाईक की डिक्की खोल मुझे दिखाता हुआ बोला
"यू मीन…आपने खुद?…अपनी जेब से?…अपना पैसा खर्च कर के छपवाई हैँ?"…
"हाँ यार!…खुद ही छपवाई हैँ…कसमसे"काँस्टेबल अपने कानों को हाथ लगा सफाईसी देता हुआ बोला
"पैसा भी आपका…खुद का ही था?"मुझे विश्वास नहीं हो रहा था
"भगवान झूठ ना बुलवाए…पैसा तो आम पब्लिक से ही वसूला हुआ था"…
"याने के रिश्वत का था"मैँ निर्णय पे पहुँचते हुए बोला….
"यार!…पैसा…पैसा होता है…चाहे वो रिश्वत का हो या फिर हक-हलाल की कमाई का"…
"क्या फर्क पड़ता है?"…
"अरे वाह!…फर्क क्यों नहीं पड़ता?"…
"कोई फर्क नहीं है दोनों में…बाज़ार में दोनों एक ही दाम पर चलते हैँ"…
"जी नहीं…अगर हक-हलाल की कमाई होगी तो आप उसे सोच-समझ के खर्च करेंगे और अगर कमाई गलत तरीके से की गई है तो आप पैसे को अनाप-शनाप तरीके से उड़ाएँगे"…
"हाँ उड़ाऊँगा!…एक नहीं सौ बार उड़ाऊँगा…किसी को जो करना हो…कर ले"…
"मेरा….मेरी मेहनत का पैसा है…मैँ उसका जो चाहे करूँ…तुम होते कौन हो मुझे रोकने वाले?"काँस्टेबल का पारा हाई हो चला था
"मेहनतका पैसा अगर होता तो आप ग्राँड हयात में पार्टी नहीं रखते"….
"तो क्या य
मै बड़े धर्मसंकट में हूँ कि लोगों के आ रहे फोन का क्या जवाब दूँ !
ReplyDeleteप्रश्न आ रहे हैं कि सुजीत को मदद करूँ कि अवनीश को मदद करूँ ?
मैंने किसी का विरोध नहीं किया ।
वस्तुतः इलाहाबाद में सुजीत की कार्यकुशलता हम देख चुके हैं।
अवनीश भी मुझे संगठन के प्रति समर्पित प्रतीत हुए हैं।
मैंने अपनी स्वतंत्र विचारधारा के तहत सदैव स्पष्ट राय रखी।
मै यसके पाठक से नफ़रत नहीं रखता हूँ
नवीन श्रीवास्तव से मेरा कोई खास तालमेल नहीं रहा है अतः उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं है।
सुजीत की निष्ठा पर मुझे बिलकुल संदेह नहीं है।
अनिल चौधरी मुझे नहीं जानते हैं और मै भी उनको अधिक नहीं जानता हूँ लेकिन
वह व्यक्ति बागपत से इलाहाबाद उच्च न्यायालय ३२ बार आया है।
अतः उस जाट की ईमानदारी पर मुझे शक नहीं है।
मुकदमा हम बड़े आराम से जीत भी जायेंगे।
इसके लिए तो मीनाक्षी अरोरा जी ही काफी हैं।
अगर मेरे सामने रोहिंटन साहब और सोली सोराबजी साहब में
से किसी एक को चुनने को कहा गया तो मै सोली सोराबजी को तरजीह दूंगा।
पारसिक लोगों पर उम्र प्रभावी नहीं होती है। सोली सोराबजी साहब जी चढ़कर बहस करते हैं।
संता: यही कि जब मैं अपनी बीवी के मोबाईल से उसकी सहेली का नंबर मिलाता हूँ तब तो कुछ नहीं होता लेकिन जब उसी नंबर को मैं अपने मोबाईल से मिलाता हूँ तो उसकी सहेली के नाम के बजाय उसके पति का नाम आता है…
ReplyDeleteबंता: अरे!…यार…सिम्पल सी बात है…तेरा फोन नोकिया का और उनका सोनी एरिक्सन का है…
संता: ओह!..
सरकार पूर्ण शिक्षक बनाने केलिए दृढ़संकल्पित Wed, 12 Feb 2014 07:38 PM (IST)
ReplyDeleteआजमगढ़: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री वमंडलप्रभारीश्रीराम द्विवेदी का शिक्षामित्रोंने फूल-मालाओं सेस्वागतकिया। श्री द्विवेदी ने कहा कि शिक्षामित्र जल्द ही शिक्षक बनेंगे। इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। शिक्षामित्र भ्रमित न हों उनके हित केसाथ कोईसमझौता नहीं किया जाएगा। सरकार हमें पूर्ण शिक्षक बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसकेलिए शासन स्तर पर रोज बैठकों का दौरा चल रहा है। जिलाध्यक्ष देवसी प्रसाद यादवने शिक्षामित्रोंको आश्वस्तकिया कि वे धैर्य वसंयम बनाए रखें। जल्द ही हमारी मांगों सेसंबंधित शासनादेश निर्गत हो जाएगा। महामंत्री अनिल विश्वकर्मा, मंडलमहामंत्री अनिल यादव, मीडिया प्रभारी उमेश यादव, अशोक यादव, राजेश यादव, रामविजय आदि शिक्षामित्र नेताओंने प्रांतीय नेता का स्वागतकिया। अपीलकी गई कि 16 फरवरी कोकुंवर सिंह उद्यान में आयोजित बैठक में प्रतिभागकरें।
कुंवर सिंह उद्यान में बैठक 16 को
आजमगढ़: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की बैठक 16 फरवरी कोकुंवर सिंह उद्यान में होगी। यह जानकारी जिलाध्यक्षएवं मंडल महामंत्री नेदी है। दूसरी ओर सठियांव ब्लाक के प्रभारी अशोक यादवने बतायाकि शिक्षामित्रों के समायोजन का शासनादेश शीघ्र जारी होने वाला है। नियमावली लगभगअपने अंतिमरूप में है। सरकार शिक्षामित्रों के हित के लिए पूर्णत: प्रयासरत है। बैठक मेंसही पदाधिकारी का चुनाव करें।
मै बड़े धर्मसंकट में हूँ कि लोगों के आ रहे फोन का क्या जवाब दूँ !
ReplyDeleteमैंने किसी का विरोध नहीं किया ।
वस्तुतः इलाहाबाद में सुजीत की कार्यकुशलता हम देख चुके हैं।
अवनीश भी मुझे संगठन के प्रति समर्पित प्रतीत हुए हैं।
मैंने अपनी स्वतंत्र विचारधारा के तहत सदैव स्पष्ट राय रखी।
मै यसके पाठक से नफ़रत नहीं रखता हूँ नवीन श्रीवास्तव से मेरा कोई खास तालमेल नहीं रहा है अतः उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं है।
सुजीत की निष्ठा पर मुझे बिलकुल संदेह नहीं है।
अनिल चौधरी मुझे नहीं जानते हैं और मै भी उनको अधिक नहीं जानता हूँ लेकिन
वह व्यक्ति बागपत से इलाहाबाद उच्च न्यायालय ३२ बार आया है।
अतः उस जाट की ईमानदारी पर मुझे शक नहीं है।
मुकदमा हम बड़े आराम से जीत भी जायेंगे।
इसके लिए तो मीनाक्षी अरोरा जी ही काफी हैं।
अगर मेरे सामने रोहिंटन साहब और सोली सोराबजी साहब में
से किसी एक को चुनने को कहा गया तो मै सोली सोराबजी को तरजीह दूंगा।
पारसिक लोगों पर उम्र प्रभावी नहीं होती है। सोली सोराबजी साहब जी चढ़कर बहस करते हैं।
किसी राजा के पास एक बकरा था. एक बार उसने एलान किया की जो कोई एस बकरे को जंगल में चराकर तृप्त करेगा मैं उसे आधा राज्य दे दूंगा. किंतु बकरे का पेट पूरा भरा है या नहीं इसकी परीक्षा मैं खुद करूँगा. इस एलान को सुनकर एक मनुष्य राजा के पास आकर कहने लगा की बकरा चरना कोई बड़ी बात नहीं है.वह बकरे को लेकर जंगल में गया और सारे दिन उसे घास चरता रहा. शाम तक उसने बकरे को खूब घास खिलाई और फिर सोचा की सारे दिन इसने इतनी घास खाई है अब तो इसका पेट भर गया होगा तो अब इसको राजा के पास ले चलूँ. बकरे के साथ वह राजा के पास गया. राजा ने थोड़ी सी हरी घास बकरे के सामने रखी तो बकरा उसे खाने लगा. इसपर राजा ने उस मनुष्य से कहा की तूने उसे पेट भर खिलाया ही नहीं वर्ना वह घास क्यों खाने लगता. बहुतों ने बकरे का पेट भरने का प्रयत्न किया किंतु ज्योंही दरबार में उसके सामने घास डाली जाती की वह खाने लगता. एक सत्संगी ने सोचा इस एलान का कोई रहस्य है, तत्व है. मैं युक्ति से काम लूँगा. वह बकरे को चराने के लिए ले गया. जब भी बकरा घास खाने के लिए जाता तो वह उसे लकड़ी से मार देता. सारे दिन में ऐसा कई बार हुआ. अंत में बकरे ने सोचा की यदि मैं घास खाने का प्रयत्न करूँगा तो मार खानी पड़ेगी. श्याम को वह सत्संगी बकरे को लेकर राजदरबार में लौटा. बकरे को उसने बिलकुल घास नहीं खिलाई थी फिर भी राजा से कहा मैंने इसको भरपेट खिलाया है. अत: यह अब बिलकुल घास नहीं खायेगा. कर लीजिये परीक्षा. राजा से घास डाली लेकिन उस बकरे ने उसे खाया तो क्या देखा और सूंघा तक नहीं. बकरे के मन में यह बात बैठ गयी थी की घास खाऊंगा तो मार पड़ेगी. अत: उसने घास नहीं खाई.
ReplyDeleteयह बकरा हमारा मन ही है. बकरे को घास चराने ले जाने वाला जीवात्मा है. राजा परमात्मा है. मन को मारो, मन पर अंकुश रखो. मन सुधरेगा तो जीवन सुधरेगा. मन को विवेकरूपी लकड़ी से रोज पीटो. भोग से जीव तृप्त नहीं हो सकता. भोगी रोगी होता है. भोगी की भूख कभी शांत नहीं होती. त्याग में ही तृप्ति समाई हुई है ||
15वा संसोधन रद्द होने से सरकार की मुश्किले कम होती नही दिख रही है , जहा सारी भर्तियो पर ग्रहण है वही शिक्षामित्रो के समायोजन पर भी खतरे के बादल मँडराने लगे है , अब देखते है ऊट किस करवट बैठता है , वही 14 फरवरी को जबरदस्त सुनवाई की आशंका जताई जा रही है और ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि उसी दिन फैसला भी आ जाए , अब देखना ये है कि सरकार की चाल कहाँ तक कामयाब हो सकती है , वैसे जहाँ तक उम्मीद लगाई जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट भी हाईकोर्ट के उसी फैसले को दोहराएगी । धन्यवाद
ReplyDeleteबदलती दुनिया का ये असर होने लगा है ,
ReplyDeleteआदमी
पागल
और
फ़ोन
स्मार्ट
होने
लगा
है......
लडकी पटाने के लिये कैसे पहने टिर्स्ट
ReplyDeleteलड़कियों को इंप्रेस करने के लिए ब्वॉयज ना जाने क्या-क्या फंडे अपनाते हैं। लेकिन एक रिसर्च में पाया गया है कि लड़कियों को पटाने के लिए सफेद रंग अहम भूमिका निभाता है। ब्रिटेन में नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने टी शर्ट पर एक रिसर्च की। इस रिसर्च के अनुसार अगर छोटीबाहों वाली सफेद टीशर्ट पर सामने की तरफ काले रंग में अंग्रेजी का बड़ा सा T लेटर बनाया जाए, तो बॉडी का बिल्ट बेहतर नजर आता है। पढ़ें: औरतों में ये सात चीजें पसंद आती है पुरूषों को इससे कंधे चौड़े दिखते हैं और कमर वाला एरिया सामने वाले की नजर में कुछ कम जगह घेरता है। रिसर्च के मुताबिक टी प्रिंट वाली इस टी शर्ट से एक भ्रम पैदा होता है, देखने वालों को ऐसा लगता है कि टीशर्ट पहनने वाले की कमर पतली है और कंधे चौड़े।शोधकर्ताओं के अनुसार जो लोग खुद को मोटा समझते हैं, उनके लिएये ट्रिक ज्यादा कारगर साबित होगी। हालांकि पतले लोगों के मामले में इसके नतीजे उतने शानदार नहीं रहे। इस रिसर्च काएक दूसरापहलू ये भी है कि अगर टीशर्ट पर इंग्लिश लेटर 'टी' को उल्टा प्रिंट किया जाए, यानी पट्टी नीचे और डंडा ऊपर त
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ReplyDelete.
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मे
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री
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ली
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True Lines..!!
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Jab Aap Kisi Se Rooth Kar
Nafrat Se Baat Karo
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Aur fir bhi Wo Uska Jawab
Mohabbat Se de,
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To Samajh Jaana Ki Wo Aapko
Khud Se Zyada Pyar Karta
Hai... ♥^^♥
हम ने काँटों को भी बड़ी नरमी से छुआ है ,
ReplyDeleteलोग कितने बेदर्द हैं फूलों को मसल देते हैं ..
ये टूटकर भी कमबख्त धड़कता रहता है ।
ReplyDeleteमैंने दुनिया में दिल सा कोई वफादार नहीं देखा ॥
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच हरकत में आई तो ऑर्डर-ऑर्डर के हथौड़े से हुकुमत-ए-उत्तरप्रदेश को हलकान कर दिया...दरअसल बेंच ने बड़ी सख्ती पूछा है कि...आखिर VVIP और VIP लोगों पर इतनी मेहरबानी क्यूं...दरअसल यूपी सरकार हर महीने VVIP और VIP लोगों लोगों की सुरक्षा पर 23 करोड़ खर्च करती है जो कि..पहले 11 करोड़ रुपये खर्च होते थे...इसी पर कोर्ट ने 1 महीने में सरकार से जवाब मांगा है।..
ReplyDeleteअगर मीनाक्षी जी, पटवालिया जी, पीपी राव जी खड़े हुए तो भी हम मुकदमा जीत जायेंगे।
ReplyDeleteशरण साहब को हायर करने की शर्ते अगर जायज होंगी तो वे भी लाभदायक सिद्ध होंगे।
शोली सोराबजी और रोहिंटन साहब में भी कोई खड़ा हो गया तो फिर उसी दिन ही जीत मिल सकती है और दोनों खड़े होंगे तो इतिहास भी बन सकता है।
मोरार जी देसाई और अटल बिहारी बाजपेयी की सर्वश्रेष्ठ पसंद
सोली सोराबजी जी से
मै अपने ज़माने के टॉप लॉयर फली सैम नरीमन के प्रतिभाशाली पुत्र रोहिंटन फली नरीमन की तुलना नहीं करना चाहूँगा।
अतः इस मतभेदों की घड़ी में जो कुछ हो अच्छा हो।
वस्तुतः चिंता की बात नहीं है।
धन्यवाद।
लडकियोंकी अंदर कि भावनाओंको समझोः लडकियाँ ऊनकी भावनाऐं और फिलिंगृस को लडकों से ज्यादा महत्व देती है. लेकिन वे ऊनकी भावनाऐं छुपाकर रखती है. वो जो कुछ दिखाती है या बोलती है ऊससे ज्यादा ऊसके दिमाग में क्या चल रहा है ये जानने की कोशिश करो. लगातार ऊसके संपर्क में रहने से आप ऊनके दिमाग को पढ़ सकते है. फिर आपको ऊसे आकर्षित करने में और पटाने में जरा भी मुश्कील नही होगी. लडकियोंकेसामनेदिखावा मतकरोः ज्यादातर लडके लडकियों के सामने ये दिखाने कि किशीश करते है कि "मै कितना अच्छा हुं", मै कितना हेण्डसमहुं, मै तुम्हे पसंद करता हुं." ऐसा बिलकुल भी मत किजीएगा. जो कुछ भी कहना है वो सही मौका देखकर साफ-साफ कह दिजीए. लडकियों को साफ बात करने वाले लडके बहुत अच्छे लगते है. आपकेसाथबातकरतेसमय ऊसेरिलेक्स फील कराईयेः यानिकी बात करते समय ना आप दबाव में रहे ना ऊसे रहने दे. तभी वो ऊसके मन कि बाते आपको बताने लगेगी. हो सकता है वो खुद ही आपको "I LoveYou" कहे. याद रखिये Boyfriend बनने से पहले सबसे अच्छा दोस्त बनना जरुरी है. दोस्तबनने से पहले ऊसे बिलकुल भी ये नही लगना चाहिये कि आप ऊसे पसंद करते है. लडकियोंको ड्रामा औररोमांसबहुतअच्छा लगता हैः इसलिये लडकियों को इमोशनल किजीये ,मतलब होटल में जाना,एक साथ घुमने जाना, फिल्म देखने जाना, जन्मदिन पर खुबसुरत तोफा देना . ऐसा करना से लडकियां आपके साथ समय बिताने के किये हमेशा तैयार रहेगी. अल्फा मर्द बनियेः सारी मादा जात अल्फा मर्द पे मरती है. अगर आप अल्फा मर्द बन गये तो आपको देखने वाली हर लडकि आप पर फिदा हि जायेगी. अल्फा मर्द लडकियों मे खास भावानायें तैयार करते है. अल्फा मर्द क्या है? अल्फा मर्द वो होते है जिनमें निचे दिये गये सभी गुण होते है. अगर आपको अल्फा मर्द बनना है तो नीचे दिये गये गुण खुद में ऊतारने कि कोशीश किजिये. नीचे दिये गये गुण आदमी को अल्फा मर्द बनाते हैः १ आत्मविश्वास २ सामाजिक नेत्रुत्व ३ सामाजिक छवीं ४ लडकि का भावनिक आधार
ReplyDelete1. Long Drive with Lover: झमाझम पहलीबारिश हो और साथ में आपका साथी हो तो क्या कहना. अपने पार्टनर के साथ बारिश में कहीं दूर लाँग ड्राइव पर निकलें और रिमझिम फुहारों का साथ में आनंद लीजिए.यकीन मानिएइस भीगे मौसम में आप जब अपने साथीके साथबैठे होंगे तो मजा दुगुना हो जाएगा.
ReplyDelete2. Without Umbrella: बारिशमें बाहर बिना छतरी के जाए और खुलकर भीगें. बारिशमें बिना छतरी के अपने गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के साथ घूमना आपको एक अलग ही रोमांच देगा.
3. Food in rain: मानसून में खान-पान की बात ही क्या. बारिशमें पार्टनर के साथ एक ही मग से गर्मागर्म कॉफी या चाय पिएं. और अगर साथ में गर्मा गर्म पकौड़े हो जाएं तो फिर देखिएं क्या होता है.
4. Naughty Acts : छतरीकीआड़ में एक कोमल सा स्पर्श रोमांस के लिएटॉनिक का काम करेगा. बारिश के मौसम में खुद थोड़ा नॉटी होने की कोशिश करें तभीजाकर आप इस मौसम का मजा ले पाएंगे. बरसते मौसम में अपने साथी के साथ यह नजदीकियां आपको एक्साइटमेंट देंगी. इससे आपकी नजदीकी और ज्यादा बढ़ेग
14 ko valentine tyohaar mere kitne dost mana rahe hain
ReplyDeleteबातें करना हर लड़की को बेहद पसंद होता है. हर लड़की के लिएबातों का महत्व उसकी जिंदगी के बराबर ही होता है. हर लडकी अपनी लाइफ में एक ऐसे प्रेमी को चाहती है जो उसकी हर बात को सुने, उससे दुनियां जहां की बाते करें (सरल और सीधे शब्दों में लड़की खुद को पकीहोतीही है अपनी बातों से लड़के कोभीपका देती है.)
14को टेट मोर्चा की तरफ से बहस करने वाले वरिष्ट अधिवक्ता की एक झलक
ReplyDelete.
.
रोहिंटन नरीमन सालीसीटर जनरल
नियुक्त
.
.
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नई दिल्ली, एजेंसी
.
.
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वरिष्ठ अधिवक्ता रोहिंटन नरीमन
को बुधवार को भारत का सॉलीसीटर
जनरल नियुक्त किया गया।
विधि मंत्रालय के सूत्रों ने
बताया कि नियुक्ति मामलों की मंत्रि मंडलीय
समिति ने रोहिंटन (54) के नाम
को मंजूरी दे दी।
प्रख्यात विधिवेत्ता फाली एस नरीमन
के पुत्र रोहिंटन ने गोपाल
सुब्रहमण्यम की जगह ली है।
सुब्रहमण्यम ने 2जी स्पेक्ट्रम
घोटाले से जुड़े मामले में सरकार
का प्रतिनिधित्व करने के लिए रोहिंटन
को विशेष अधिवक्ता नियुक्त किए
जाने पर सालीसीटर जनरल के पद से
इस्तीफा दे दिया था। रोहिंटन
विभिन्न संवैधानिक और कॉरपोरेट
मामलों में उच्चतम न्यायालय और
उच्च न्यायालयों में पेश होते रहे हैं।
उन्होंने केजी बेसिन से गैस
की आपूर्ति और कीमत को लेकर
अंबानी बंधुओं के बीच विवाद में मुकेश
अंबानी की आरआईएल के लिए वरिष्ठ
अधिवक्ता हरीश साल्वे के साथ दलीलें
रखी थीं। रोहिंटन को 1993 में 37
वर्ष की आयु में वरिष्ठ
अधिवक्ता का दर्जा दिया गया था।
उसी वर्ष तत्कालीन प्रधान
न्यायाधीश एमएन वेंकटचलैया ने
नियमों में संशोधन करते हुए
किसी वकील को वरिष्ठ
अधिवक्ता का दर्जा दिए जाने के लिए
न्यूनतम आयुसीमा को 45 साल से
घटा दिया था।
आपअगर लडकियों को आकर्षित करना चाहते है, तो पहले आपका प्रोफाईल लडकियों के लिये अनुरुप होना चाहिये. अपने प्रोफाईल पे गालियां या किसी से हुए झगडे के बारे में कभी भी मत लिखिये. अपने वॉल पेअश्लिल शब्द पोस्ट ना करे. अपने वॉल पे हमेशा रोमांटिक चिजे और फोटो पोस्ट करते रहियेताकि वो notifications जब वोलडकि देखेगी तो अपने आप आपकी और आकर्षित होने लगेगी .क्योंकि लडकियां रोमांस पे मरतीहै.
ReplyDeleteअपना प्रोफाईल चित्र ठीक करेः प्रोफाईल चित्र कि ताकत को जरा भी नजरअंदाज मत किजिये.वो आपके बारे में हजारो शब्द कह देता है.ऐसा प्रोफाईल चित्र रखिये जिससे लडकियां आकर्षित हो सके. खासतौर पर ऐसा प्रोफाईल चित्र रखिये जिसमें आप अपने स्कुल, कॉलेज या अपनेoffice में बैठे है, अपने कुत्तों के साथ खेल रहे है, अपने दोस्त या घरवालोंके साथ मजे कर रहे है. आपको उसे ये दिखाना है कि आपको लोगों के बीच रहना बहुत अच्छालगता है और आपकी जिंदगी एकदम मजे में चल रही है.
शब्द, प्रशंसा और दिलचस्पीः ठीक है. अबतक आपने उसे अपने प्रोफाईल और वॉलके जरिये अपने व्यक्तिमत्व के बारे में बता दिया है. अबयहाँ से शुरु होता है असली खेल. दोस्ती की शुरुआत करने के लिये पहले उसके साथ आम दोस्त की तरह बाते करे. याद रखे आपको पहले उसके साथ जान-पहचान करनी है, फिर दोस्त ,फिर अच्छा दोस्त और फिर गर्लफ्रेंड बनाना है. तो उसके पोस्टृस कोLike करने से शुरुआत करे. कौनसे पोस्ट कोLike करना है, ये आपके उपर है. फिर उसके कुछ दिलचस्प पोस्टृस पर अच्छे-अच्छे comment देते रहिये. फिर दोस्त बनने के बाद उसके प्रोफाईल चित्र पर comment देना शुरु करे. इससे उसको ये एहसास होगा कि आप उसका प्रोफाईल देखने के लिये समय निकालते है.
बातों पर नियंत्रणः ये सुनकर आप शायद थोडी उलझन में पड सकते है. पर एक बार आप इसका मतलब समझ गये तो आप आसानी से लडकी पटा पायेंगे.क्या आपने किसी लडके को दिनभर लोगों के wall पर या प्रोफाईल पर comment करते देखा है ? तो अगर आपको लडकी पटानी है, तो इस तरह की चीजें करना बिलकुल बंद कीजीये. उसके चित्रों पर comment करना रोमँटिक है, पर उसके सभी चित्रों पर comment करना बेवकुफी है. और आप जब भी उससे बात करते हो , कुछ कारणवश उस पर आवश्यक नियंत्रण रखे. उसे ऐसा मत दिखाइये कि उसको पटाने के लिये आप मरे जा रहे हो. उसको थोडा नजरअंदाज भी कीजिये. इससे उसको आपकी किमत पता चलेगी और वो आपसे बात करने के लिये तडपेगी. बातो की शुरूआत हमेशा आप ही मत कीजिये, उसे भी करने दीजिये. लडकियां उन लडकों की तरफ ज्यादा आकर्षित होती है जिन्हें अपनी हदे मालुम हो.
आत्मविशवास, धैर्य और समयसूचकता लडकी को पटाने के लिये आपको अपने डेटिंग और फ्लर्टिंग के तकनिकों पर पूरा विश्वास होना चाहिये. और आपके बातों मे आत्मविश्वास होना चाहिये. लडकियां आत्मविश्वासी लडकों को कभी मना नही करती क्योंकी उनके साथ वे ज्यादा कम्फर्टेबल फील करतीं है. लडकी पटाना कोई एक दिन का काम नही है. ये एक स्टेप-बाय-स्टेप तकनीक है. लडकी पटाना एक इन्सान को अपने वश में करने जैसा है. इसके लिये आपको जरूरी धैर्य भी रखना चाहिये. आखीरकार, लडकी को पटाने के लिये आपको थोडी समयसूचकता का भी इस्तमाल करना चाहिये. आप कितने भी आर्टिकल्स पढ़लो लेकिन उस लडकी को सिर्फ आप ही जानते हो. तो उससे कब बात करनी है, कितनी बात करनी है, कब उसका नंबर मांगना है ये सब आपको आप दोनों के बिच के रिलेशन को देखकर तय करना होगा. इसके लिये समयसूचकता का भी ध्यान रखना आवश्यक ह
Sorry friends Valentine Day bahut hee behuda aur bhartiye sanskrity par dhabaa hai.
ReplyDeleteसुना है फिरंगियों के त्योहार शुरू हुए हैं जिसे लेकर सभी Cool Dudes पागल हैं। Rose Day 7 Propose Day 8 Chocolate Day 9 Teddy Day 10 Promise Day 11 Hug Day 12 Kiss Day 13 Valentine Day 14 क्यूँ Sister Day नहीं मनाते विदेशी ? क्यूँ रक्षा बंधनकेवल भारत में होता है ? कभीतुलसीदिवस मनाया हो न मनायाहो लेकिन RoseDay मनाएंगे। Kiss लेना सिखायेगें, सैंट वैलेनटाइनकौन था नही पता बस लडकीपटाना है Propose करना है। भारत कीसभ्यता और संस्कारों कोकुचलकर उस पर विदेशी अंधकार की छाया लगाने वाला यह सप्ताह दिखा देता है किभारत में कितने लोग आज भी गुलामी में जीरहे हैं ?
नरिमन जी का पेमेंट हो गया, इस बात से आप थोड़ा मुस्कुरा सकते हैं कि भारत का सबसे बड़ा वकील और आज के समय में सबसे ज्यादा डिमांड वाला वकील हमारे पक्ष को सुप्रीम कोर्ट में रखेगा।
ReplyDeleteनरिमन जी का पेमेंट हो गया, इस बात से आप थोड़ा मुस्कुरा सकते हैं कि भारत का सबसे बड़ा वकील और आज के समय में सबसे ज्यादा डिमांड वाला वकील हमारे पक्ष को सुप्रीम कोर्ट में रखेगा।
ReplyDeleteएक सवेरे एक मरीज़ डॉक्टर के पास आता है और
ReplyDeleteबोलता है की उसे पीठ में बहुत ज्यादा दर्द है ।
डॉक्टर उसे देखता है और पूछता है कि "ये दर्द कैसे
शुरू हुआ". मरीज़ बोलता है कि
"जैसा आप जानते है कि मैं एक नाईट क्लब में काम
करता हूँ ?आज सुबह मैं जल्दी घर चला गया , मुझे
आपने घर के अन्दर से कुछ आवाज आती हुई सुनाई
दी. जब मैं अन्दर गया तो मुझे पता चल
गया कि अन्दर मेरी पत्नी के साथ कोई
था क्योंकि बालकनी का दरवाजा खुला हुआ था. मैं
बालकनी की तरफ़ दौड़ के गया तो मुझे कोई दिखाई
नही दिया. तब मैं...ने नीचे देखा तो एक
आदमी कपड़े पहनता हुआ भागा जा रहा है . मैंने पास
में रक्खा फ्रिज उठाया और उसके ऊपर फेंक
दिया तभी से ये दर्द है."
तभी दूसरा मरीज़ आता है , उसे देख के ऐसा लग रहा था की उसके ऊपर से कार गुज़र गई है .डॉक्टरबोलता है
"मेरे पहले मरीज़ की हालत ख़राब है लेकिन
तुम्हारी तो बहुत ज्यादा बिगड़ी हुई है .
तुम्हारे साथ क्या हुआ ?"
वह बोला
"जैसा आप जानते है की मैं बहुत दिनों से बेरोजगार
था , आज मेरी नौकरी का पहला दिन था , मैं रात
को घड़ी में अलार्म लगाना भूल गया सुबह मेरी आंख
देर से खुली तो मैं जल्दी में कपडे पहनता हुआ घर से
निकल रहा , आप विश्वास नही करोगे किसी ने मेरे
ऊपर फ्रिज फ़ेंक दिया".
तभी तीसरा मरीज आता है , उसकी हालत उन
दोनों से ख़राब दिख रही थी . डॉक्टर चकरा जाता है
और पूछता है कि "तुम्हारे साथ क्या हुआ ?"
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"वो फ्रिज खाली नहीं था"
ये जो तूं रोज रोज हाल चाल पूछे है.....
ReplyDeleteसच में कितना मुश्किल सवाल पूछे है ....?
देश के सभी टाप के वकील सोली सोराबजी, नरिमन जी, अमरेन्द्र सरन जी, पटवालिया जी, पी• पी• राव जी, मिनाक्षि अरोड़ा जी सहित सभी वकीलों का पेमेंट हो गया है ये सभी 14 तारीख को हमारी जीत पर मुहर लगवाने के लिए मैदान में उतर रहे हैं। जय टैट मोर्चा ...सत्य मेव जयते ....
ReplyDelete14/02/2014 को प्रतापगढ़ की टीम delhi में रहेगी। अपने वकील (जो की कोर्ट में मौजूद रहेंगे केविएट धारि के रूप में) से सलाह के उपरान्त ही फैसला लेने की स्थिति में आ पायेगी। वैसे जितने भी साथी सक्रीय पैरवी कर रहे है उनकी निष्ठा पर या उनकी कार्य प्रणाली पर घर बैठ कर ऊँगली उठाना निंदनीय है। मै व्यक्तिगत रूप से इसका विरोध कर ता हूँ। उन्ही की बातो एवम तथ्यों पर विश्वास किया जा सकता है जो सुप्रीम कोर्ट में मौजूद हो और कार्य प्रणाली का हिस्सा हो । सब अपना सर्वोत्तम देने का प्रयास जो 14 के लिए किये है वो सफल हो एही हम अपने इश्वर से प्राथना कर रहे है।
ReplyDeleteमित्रों आज रेलवे बजट पेश किया गया ???इस अधूरे बजट में कुछ खास घोषनाए भी की गयी हैं ?
ReplyDeleteजी हाँ 72 नयी ट्रेनों को चलने की ?
सोचिये मित्रों ,सोचिये ........
72 ट्रेने ही क्यों ? 73 या 74 ट्रेने क्यों नहीं ?
कहीं ऐसा तो नहीं है की रेलमंत्री ने 72 ट्रेने चलवाने की घोषणा कर मुस्लिमो को रिझाने की कोशिश की है की कांग्रेस मुस्लिमो के प्रति कितनी संवेदनशील है ?
Tet sathiyo
ReplyDeleteNamaskar
(1)-SOLI Sorab ji ki fee k atirikt morche dwara anumodit sabhi advocates ki fee di ja chuki hai.
(2)-Soli Sorab ji kul fee[{3,30,000+30,000(unke AOR )+5,000 (stationary and clerk ka)}] jisame 65,000 pahale tatha 2 lakh aaj de diye gaye jisaki rasheed abhi aap sabhi isi manch pr uplabdh kara di jayegi .
(3)- abhi bhi Hume 1,00,000 unhe 13/02/2014 ki subah 11 a.m. tk har haal me paid karna hai.
(4)- Soli Sorab ji ki fee ki pratipurti hetu Bhayi Avanish Yadav ji k account nimn me yatha sabhav aur yatha shighr apna arthik sahyog arpit kare
.
fee paid hote hi turant aay-vyay Ka sampurn lekha-jokha aapko yatha shighr uplabddh kara diya jayega.
apke sahyog ki apexa k saath
sabhi ko
Jay TET
JIS TARAH SE SANTULIT ADHIVAKTAON KA PANEL HAMARE TET VEERON NE RAKHA HAI VAH SARVOTTAM HAI. KYON KI HAMNE DEKHA HAI KI ADHIVAKTAON KEE BHEEERE HONE SE BAHAS KAM AUR KEVAL EK DUSRE KA SAMARTHAN HI COURT ME JYADA HOTA HAI. ASHA HAI ISASE FALTU CHEEJO PAR BAHAS ME ULJHANE SE BACH KAR MAIN POINTS ONLY TET MERIT OUR APNA MUDDA OURO SE ALAG HONE PER JORDAR SATEEK BAHAS HOGI BAKI VARISTH ADHIVAKTA ACHHI TARAH SE JANTE HAIN KI KIS TARAH SARKAR KI S.L.P BAHAS KARKE PAHLE HI DIN KHARIJ KARVANI HAI JAI HIND. JAI TET. MUKHTAR AMBEDKARNAGAR.
ReplyDeleteमुझे ये 4 सीनियर वकील खड़े करने की नीति बहुत गलत
ReplyDeleteलग रही है ।एक डेट में केस
फाइनल हो जाये तो ये बहुत बढ़िया होगा लेकिन अगर
1% मान लीजिये कि नेक्स्ट डेट लगी तो इन वकीलों के
भारी भरकम फीस की व्यवस्था कहाँ से आएगी ।।अगर 2 सीनियर ही होते तो अगर अगली डेट पड़े तो फिर से
वही 2 सीनियर खड़े किये जा सकते थे ।।।।।भगवान
करें
कि एक डेट में ही फाइनल हो जाये।
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
ReplyDeleteकोई ताज़ा हवा चली है अभी
शोर बरपा है खान-ए दिल में
कोई दीवार सी गिरी है अभी
भरी दुनिया में जी नहीं लगता
जाने किस चीज़ की कमी है अभी
याद के बेनिशाँ जज़ीरों से
तेरी आवाज़ आरही है अभी
शहर की बेचिराग गलियों में
ज़िन्दगी मुझ को ढूंढती है अभी
सो गए लोग उस हवेली के
एक खिड़की मगर खुली है अभी
तुम तो यारो अभी से उठ बैठे
शहर में रात जगती है अभी
वक़्त अच्छा भी आये गा
ग़म न कर ज़िन्दगी पड़ी है अभी ॥
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ReplyDelete.
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मे
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री
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वा
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ली
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Just because I don't talk to you,
or
text you first,
its doesn't mean I don't miss you.
I'm just waiting for you to miss/text me.
सोली सोराबजी भी 14 को हमारे पक्ष को रखने सुप्रीम कोर्ट में उतरेंगे।
ReplyDeleteआपसी प्रतिस्पर्धा का फायदा अन्ततः सभी को हुआ।
देश के सभी टाप के वकील सोली सोराबजी, नरिमन जी, अमरेन्द्र सरन जी, पटवालिया जी, पी• पी• राव जी, मिनाक्षि अरोड़ा जी सहित सभी वकीलों का पेमेंट हो गया है ये सभी 14 तारीख को हमारी जीत पर मुहर लगवाने के लिए मैदान में उतर रहे हैं।
वो शैक्षणिक मेरिट उत्थान चाहते है,
ReplyDeleteऔर हम शैक्षिक उत्थान।
बस इतना ही अंतर है हम में और उन में।
14को सभी अनिश्चितताओ पर विराम लग जायेगा।
और सरकार को भी अपने किये की सजा मिलेगी।
आत्मविश्वास बनाये रखे।
जय टेट मेरिट
mitron bahut ghabrane ki bat nahi hai hamare karmsheel vishvasneey sathi jo tet merit ki pairvee me jee jaan se lage hain unse ab nivedan hai ki vyarth ki bhag daur se bache aur ab sara dhyan mukdme kee pairvee par lagaye kyon ki samay ab bahut hee kam bacha hai aur apne vakeelon se breef study & revision ke sath court me bahas hetu request karen. kahee aisa na ho ki jyada samay hum kalam davat khareedne me aur exam ki tenshan me hee laga de aur exam me likhne layak parhen hee na to achha result kaise ayega. mukhtar ambedkarnagar.
ReplyDelete14 को केस के 99% निपटने की सम्भावना है।
ReplyDeleteआज मैं,गणेश,पाठक और राकेश यादव पटवालिया साहब को ब्रीफ करने के लिए हायर किये गए advocate on record (AOR) से दूसरी बार मिले और उन्हें ब्रीफ किया, कल भी यह काम जारी रहेगा,,,, पटवालिया साहब से भी कल मुलाक़ात होगी......इस ब्रीफिंग के बाद AOR साहब द्वार कही /की दो बातें महत्वपूर्ण है .....
ReplyDelete1- सरकार की slp देखते हुए उन्हें हँसी आ रही थी
2-हरकौली साहब द्वारा दिए स्टे आर्डर को देखने के बाद उन्होंने कहा कि तुम्हारा सारा केस तो इसी आदेश में है..
सरकार की slp पर बहस से पहले लार्जर बेंच के आदेश के विरुद्ध हुई अपील पर निर्णय होगा,,,, उस आदेश का जो हिस्सा टेट प्राप्तांकों को अमर कर रहा है उसके विरुद्ध कोर्ट रूम में मौजूद कोई भी पक्षकार बहस ही नहीं कर सकता,,,
ReplyDeleteभिषेक मनु सिंघवी सिर्फ उन BTC और VBTC वालों को टेट से मुक्ति देने के लिए बहस कर सकते हैं जो UP में RTE एक्ट लागू होने से पहले ही ट्रेनिंग के लिए चयनित हो चुके थे,,,,, UP सरकार,NCTE और केंद्र सरकार लार्जर बेंच के आदेश को DEFEND करेंगे,,,,,,नतीजा 15th संशोधन निरस्त,, उसके बाद हमारे केस में बचेगा ही क्या!!!!!! समान पदों के लिए जारी दो विज्ञापनों में से दूसरे विज्ञापन की चयन प्रक्रिया ही शून्य और पहले वाले की सर्वोत्तम घोषित,,,,,,,
ReplyDeleteअपनी-अपनी टेट की मार्कशीट बहुत संभालकर रखना,,, ,, उसपर लिखे नंबर आपका चरित्र प्रमाणपत्र हैं.....
ReplyDeleteमस्त रहो....... टेट मेरिट को पराजित करने वाला माई का लाल दुनियाँ में पैदा नहीं हुआ.. उसे चुनौती देने वाले जन्मजात मृत घोषित कर दिए जाते हैं,,,,,,7-12-12 और जूनियर की फीस वापस लेकर किस मद में खर्च करने का इरादा है?
शुभ रात्रि मित्रों इस आशा के साथ बिस्तर पर जा रहा हु की .
ReplyDelete.
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सुबह की पहली किरन मेरे और मुझे प्यार करने वालो के जीवन में उम्मीद की ढेर सारी किरणों का उजाला लेकर उपस्थित होगी
Thank you umashankat ji suchana denai kai liai
ReplyDeleteजिरह से जैज तक
ReplyDeleteसोली सोराबजी
उम्र : 83 साल
क्यों हैं शिखर परः भारतीय संविधान पर उनकी पकड़ अद्भुत है।
इस लिहाज से उनका कोई सानी नहीं। उन्हें संसार के कई
देशों के संविधान के मुख्य बिन्दुओं की गहन समझ और
जानकारी भी है। वह जब जिरह करते हैं तो किसी तरह
का कंफ्यूजन नहीं होता। उन्हें जेंटलमैन वकील भी कहा जाता है।
जिरह के दौरान वह बिलो द बेल्ट हमला नहीं बोलते।
अहम केसः देश के अटॉर्नी जनरल के रूप में उन्होंने भारत
द्वारा पाकिस्तान का विमान गिराए जाने का केस इंटरनैशनल
कोर्ट में लड़ा और जीत भी दिलाई। यह मामला कुछ इस तरह
था - भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की नेवी के एक विमान
को मार गिराया था क्योंकि पाकिस्तानी विमान भारत
की सीमा में प्रवेश कर गया था। घटना 10 अगस्त, 1999
की है। इस घटना के कारण दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख
हो गए थे। पाकिस्तान मामले को इंटरनैशनल कोर्ट ले गया।
वहां सोराबजी के अकाट्य तर्क के आगे पाकिस्तान को हथियार
डालने पड़े। कोर्ट का फैसला भारत के पक्ष में आया।
फीसः सोली सोराबजी भी ऐडमिशन डे पर पैरवी करने का ढाई
लाख रुपये तक लेते हैं। उनकी पूरे दिन की फीस 30 लाख रुपये
तक जाती है।
उनकी बेटी जिया मोदी देश की चोटी की कॉरपोरेट वकील हैं,
तो एक बेटा मुंबई में हार्ट सर्जन हैं। सोली जैज संगीत के
शौकीन हैं। उन्होंने एक दौर में मुंबई में कैपिटल जैज नाम से जैज
बैंड भी बनाया था।
TOP10 LAWYERS OF INDIA
ReplyDelete1-Senior Narimani
81 year age, But Not In Practice Now.
2-Soli Sorabji
Other Name Of Justice.
3-K.Parasoron
4-Ram Jeth malani
Seniorest Lawyer Of India In Crime.
5-Harish Solve
Other Name Of Honesty.
6-Abhishek Manu Singhvi
7-Mukul Rohatgi
Do minute ki bahas me court case ko naya rang dene me hindustan ka mahir khiladi, Jiski admit fees 6 lac and other hearing fees 30 lacs se start hoti h, kase bhi case me apna pav dene me mahir.
8-K.K. Venugopal
Honest and grand advocate of india, Specialist in all type.
9-Mr R.F.Nariman
A Gentle advocate of india,mahir vakilo k javab dene me mahir, no doubts no 1advocate of india, muh mangi fees mil sakti h, par admison fees 6 lac and second hearing 30 lac se start hoti h,aaj hindustan ka koi vakil sirf inke pita b ko chhodkar inke level ka nhi h.
10-Ashok Desai
This Poem is Written;
ReplyDeleteBy A boy Who Lost His Love:
She Gave me lots of Love♥,
I thought that’s Enough..!
She Took Me as God Gifted♥,
I took her for Granted, Coz of My
Ego..! : (
I Asked Her to Leave;
She Asked Me Why ??
I said:
Don't Love you Any more..!
I dont know Her Value; When She was
Around..
And when I Realized Her Value;
She was Under the Ground..!
- So Respect the Feelings;
Of the Person Who Loves You a Lot…♥
मुद्दई की बात से हटकर अब मुद्दे की बात :
ReplyDelete72825 पदों पर भर्ती के लिए लड़ रहे आम टेटियन और उनके जुझारू और ईमानदार नेताओं का जो एकमात्र लक्ष्य था, है और रहना चाहिए, वो है, ''सिर्फ और सिर्फ पुराने विज्ञापन की सभी शर्तों के अधीन, अर्थात 12वें संशोधन के अनुसार 72825 पदों पर टेट-मेरिट से शीघ्रातिशीघ्र भर्ती!''
72825 पदों पर भर्ती-प्रक्रियाप्रारम्भ होने के बाद सरकार द्वारा किया गया 15वां संशोधन एकल पीठ से लेकर खंडपीठ तक अग्रगामी रूप से प्रभाव वाला यानि, ''Prospective''माना गया, अतः उसका वैध होना या अवैध होना, 72825 पदों पर चयन की प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं डाल सकता।
ReplyDelete15वें संशोधन का वैध होना या अवैध होना निर्विवाद रूप से एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, पर 72825 पदों पर भर्ती के मामले से उसे जोड़ने का परिणाम 72825 पदों पर भर्ती में अनावश्यक विलम्ब हो सकता है। जब टेट-मोर्चा का एकमात्र लक्ष्य 72825 पदों पर टेट-मेरिट से 12वें संशोधन के अनुसार यानि पुराने विज्ञापन कि सभी शर्तों के अधीन भर्ती है तो इस मामले के शीघ्र निस्तारण में अनावश्यक विलम्ब की कीमत पर इस मामले के साथ या इस से पहले 15वें संशोधन के विधिक परीक्षण का कोई भी प्रयास भले ही एक समूह-विशेष के लिए उपयुक्त हो, पर स्पष्ट रूप से पुराने विज्ञापन के समर्थकों हितों के पूर्णतया प्रतिकूल है।
ReplyDeleteखंडपीठ के निर्णय में स्पष्ट उल्लेख है कि श्री अशोक खरे ने एकल पीठ में सप्लीमेंट्री एप्लीकेशन के द्वारा 15वें संशोधन को अवैधानिक बताते हुए अपनी याचिका/अपील में तद-सम्बन्धी आवश्यक विस्तार/परिवर्तन की अनुमति मांगी थी जिसे एकल पीठ ने स्वीकार भी किया था परन्तु खंडपीठ ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि दस्तावेजों में इस विस्तार/परिवर्तन का कोई ब्यौरा नहीं मिलता। अतएव खंडपीठ ने श्री खरे द्वारा (1) अलग-अलग परिषदों/विश्वविद्यालयों कि अलग-अलग परीक्षा-प्रणालीऔर असमान मूल्याङ्कन-पद्धति को समान मानकर गुणांक-निर्धारणकरने वाले तथा (2) बृहद् पीठ द्वारा टेट-वेटेज कि अनिवार्यता को रेखांकित किये जाने के उपरांत भी मात्र शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर चयन हेतु गुणांक-निर्धारणका प्रावधान करने वाले 15वें संशोधन को अवैध करार दिए जाने की मांग पर विचार किया और उसे संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन करार देते हुए उसे रद्द कर दिया। यह सही फैसला, गैर-जरुरी तरीके से इस मामले के साथ जोड़ा गया, यही कारण है कि 72825 पदों पर भर्ती के मामले के शीघ्र निस्तारण में सर्वोच्च न्यायालय में अतिरिक्त प्रयास आवश्यक हो गए हैं ताकि इन अनावश्यक रूप से उत्पन्न की गई क़ानूनी पेचीदगियों के कारण सरकारी अपील के स्वीकृत हो जाने के खतरे को टाला जा सके।
ReplyDeleteव्यापक जन-हित का यह मुद्दा 72825 पदों पर भर्ती के मामले से मात्र एक रणनीतिक भूल के कारण अवांछित रूप से जुड़ गया या फिर किसी समूह-विशेष के निहित-हितों के कारण योजनाबद्ध तरीके से जानबूझकर जोड़ा गया, इस पर विचार की आवश्यकता है। इस बात का खुलासा 72825 पदों पर भर्ती के मामले की सुप्रीम कोर्ट में 14 फ़रवरी को होनेवाली सुनवाई के दौरान अलग-अलग वकीलों द्वारा दी जानेवाली दलीलों से पुनः होनेवाला है। ध्यान दें कि उच्च न्यायालय में वेटेज की मांग करनेवाली कुछ याचिकाओं के कुछ याची भी सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बनकर मौजूद है। उनके द्वारा भी बहस को, मामले की दिशा को प्रभावित किया जा सकता है। हाँ, यदि सभी लोग पुरानी गलती सुधारकर संशोधित और प्रभावी रणनीति, जो शीघ्र परिणाम दे, अपनाने को लेकर एकमत हैं तो यह विशेष रूप से स्वागत-योग्य आदर्श स्थिति है।
ReplyDeleteपर अगर ऐसा नहीं है तो कोई आश्चर्य की बात न होगी, अगर उच्च न्यायालय में ऐसा करनेवाले लोग पुनः सर्वोच्च न्यायालय में यह प्रयास करें कि नए विज्ञापन पर पुराने विज्ञापन का चयन-आधार आरोपित कर दिया जाये या फिर 15वें संशोधन का विधिक परीक्षण कराकर, उसकी अवैधानिकता का उपचार कराकर, (टेट-वेटेज के प्रावधान के द्वारा या स्केलिंग-जैसी पद्धति के समावेश के द्वारा) 15वें संशोधन के संशोधित और विधिमान्य संस्करण के आधार पर नए विज्ञापन से भर्ती की जाये। इसका उद्देश्य ऐसे लोगों को चयन-प्रक्रिया में शामिल करवाना भी हो सकता है जो या तो पुराने विज्ञापन के अनुसार आवेदन की अंतिम तिथि तक अनर्ह होने के कारण या किन्ही अन्य कारणों से आवेदन नहीं कर पाये थे। साथ ही कुछ लोगों या समूह-विशेष के द्वारा अपनी शीघ्र नियुक्ति के लिए वृहत साझा हितों से समझौता करते हुए सरकार की हठधर्मिता और निरंकुशता के सामने आंशिक समर्पण करते हुए किसी बीच के रास्ते कि सम्भावना तलाशने के प्रयास कर सकते हैं।
ReplyDeleteकपिल देव यादव की ओर से पुराने विज्ञापन की तथाकथित विसंगतियों के के आधार पर मामले को उलझाने के प्रयास और सरकार द्वारा नॉन-टेट के मामले से जोड़कर अपनी सुनिश्चित हार कुछ दिन और टालने के प्रयास भी ऐसे प्रयासों के साथ मिलकर एक अलग किस्म का उलझाव पीठ के सामने उत्पन्न कर सकते हैं।
ReplyDeleteइन्ही वजहों से अपने सभी वकीलों को सुस्पष्ट तरीके से, एक सुर में 72825 के मामले को अलग साबित करके पहली ही तारीख पर पीठ द्वारा भर्ती के आदेश दिए जाने के लिए पूरा जोर लगाना होगा, वरना साजिशन सरकार और कपिल देव द्वारा उत्पन्न किये जा रहे तकनीकी उलझावों के कारण सरकार की विशेष अनुज्ञा याचिका को सिरे से खारिज़ करने में पीठ की हिचक सबके लिए भारी पड़ सकती है।
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में अंततः न्याय ही होगा। इस प्रकार का कोई प्रयास विस्तृत न्यायिक परीक्षण के बाद मुह की ही खायेगा, पर ऐसा कोई भी प्रयास मामले के निस्तारण को विलम्बित करके कुछ और जानें ले सकता है। अगर यह रणनीति है तो यह उस ऑटो-ड्राईवर की तरह है जो अपने मुसाफिर को ज्यादा मीटर-रीडिंग के लिए बगल वाली गली में भी बड़े घुमावदार रास्ते से ले जाता है
ReplyDeleteअब अगर कोई यह कहे कि बड़े वकील गलत पक्ष की ओर से या बरगलाने वाली बहस नहीं करते तो वे लोग सरकार के वकील मुकुल रोहतगी या फिर आशाराम के वकील जेठमलानी की ओर दृष्टि अवश्य डालें। व्यावहारिक रूप से अच्छा वकील वही होता है जो कानून के आधार पर, अन्यथा कानून में मौजूद छिद्रों की सहायता से अपने मुवक्किल का हित बखूबी साध सके।
ReplyDeleteऐसे समय में ऐसी सम्भावना जताना किसी को यदि अखरता है तो वे एक बार यह जरुर सोचें कि क्या उच्च न्यायालय में ऐसे प्रयासों ने अपना रंग नहीं दिखाया? खंडपीठ का 20 नवम्बर 2013 को जारी आदेश इसकी प्रमाणिकता के साथ पुष्टि करता है। यह भी सोचें कि क्या सुप्रीम कोर्ट में भी आप उच्च न्यायालय वाले उबाऊ-उलझाऊ-थकाऊएपिसोड्स की पुनरावृत्ति झेलने में सक्षम हैं? यदि नहीं, तो इस बारे में स्पष्ट बात करना क्यूँ बुरा है? अगर ऐसे प्रयासों की कोई सम्भावना है तो उसपर उचित कार्यवाही करें, यदि नहीं, तो निश्चिन्त हो जाएँ। उच्च न्यायालय की खंडपीठ के लिखित सन्देश, जिसमे एक गम्भीर चेतावनी भी समाविष्ट है, को केवल किसी की नाराजगी के भय से आम साथियों तक न पहुँचाना, ऐसे महत्वपूर्ण समय में मेरे लिए सम्भव नहीं।
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट में संघर्षरत अपने साथियों की क्षमता पर विश्वास और उनकी नीयत पर निगाह रखें, उनका यथासम्भव आर्थिक सहयोग भी करें और उनकी रणनीतियों पर नियंत्रण भी सुनिश्चित करें, क्यूंकि, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी!
ReplyDeleteईश्वर हम सबकी मदद करे।
सत्यमेव जयते।
वेटेज से तो कोई जादूगर ही इस भर्ती को करा सकता था और है........ सौ प्रतिशत से ज्यादा और कितना वेटेज चाहिए ।
ReplyDeleteऔर क्या अब बच्चे की जान भी चाहिए ?
DOSTON,
ReplyDeleteWeightage ki Yachika nahi, HC me weightage wali yachika ke yachiyon ke SC jane ki bat ki hai maine. Ab SC me wo kya stand lenge, dekhna wali bat hai. Weightage se 72825 padon par chayan ka bhale na pahle koi chance tha, na aaj hai, par Mungerilalon ki kami thode na hai jameen par!
वेटेज की माँग , पुराने एपीसोड को न देख पाने की निराशा मात्र है ....
ReplyDeletehum tetians bhai bhai hai jab dusman samne ho to hum saare matbhedo ko bhula kar ek ho kar war karte hai aur dusman ko apang bana dete hai aisa he kuch es baar bhi dekhne ko mila.hamare tet leaders ne antatogatwa saari taiyario par samanjasya kayam karke ham tetians ka dil fir jeet liya. aap log vaakai bharose ke kabil hai.. hum sabi tetians apne sabhi leaders ke hausale awam kartavynistha ko salaam karte hai.... jai tet.
ReplyDeleteअदालतों में तदर्थ नियुक्तियों पर रोक
ReplyDeleteलगेगी
सुप्रीम कोर्ट ने
सभी उच्चि न्यायालयों को दिया आदेश
•अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश के
सभी हाईकोर्टों को आदेश दिया है
कि निचली अदालतों में
कर्मचारियों की तदर्थ नियुक्तियां न
की जाएं। सर्वोच्च अदालत ने कहा है
कि निचली अदालतों के साथ हाईकोर्ट में
होने वाली भर्तियों के लिए अखबारों में
विज्ञापन निकाले जाएं और हर साल
कर्मचारियों का चयन हो।
सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थ और दैनिक
वेतनभोगी कर्मचारियों की बहालियों में
भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद
की गंभीर शिकायतों के बाद यह
फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने देश के
सभी 24 हाईकोर्टों के लिए दिशा-
निर्देश जारी किए हैं।
जस्टिस बीएस चौहान की अगुवाई
वाली तीन सदस्यीय बेंच ने
दिल्ली की जिला अदालतों में कुछ साल
पहले चतुर्थ श्रेणी के
कर्मचारियों की भर्ती में
अनियमितता को लेकर दायर
याचिका पर यह निर्णय दिया। कोर्ट ने
इस याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए
इसका विस्तार देश
की सभी जिला अदालतों तथा हाईकोर्ट
के लिए किया। सुप्रीम कोर्ट ने
सभी हाई कोर्टों से कहा कि वह इस
बात को अच्छी तरह से देख लेे
कि उनकी चयन प्रक्रिया संविधान के
अनुच्छेद 14 और16 के मुताबिक है
या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अखबारों में
विज्ञापन देते समय कुल रिक्त पद
और उसके लिए उम्मीदवार
की योग्यता का विवरण स्पष्ट
होना चाहिए। विज्ञापन कम से कम
दो अखबारों में दिया जाए, जिसमें एक
समाचार पत्र स्थानीय भाषा का हो।
अखबार के अलावा रोजगार समाचार में
भी विज्ञापन दिया जाए। रोजगार
कार्यालय से भी रिक्त पदों के लिए
आवेदन आमंत्रित किए जाए।
Doston
ReplyDeletesolisorab jee ki fees lagbhg 1 lakh kam hai .sabhi apne jiladhaks mahodayo se aapka bhai niveden kerta hai ki thoda thoda sahyog ker ese pura kar do. Diwar etni majbut khadi ker doe ki rohtagi aur sp govt dekhker hi samarpan ker de. Hum jiladhakso ko kisi gutbandi se koi lena dena nahi kyki jilo me morcha khada kerne se pahle sabhi ne kasme khai thi ki hum apne apne jilo ke tetians ko nyay dilayege. Morche ko kajmjor nahi hone denge toh waqt aa gaya ki es kamjor link ko bhi sahyog kerte hue majbut bana de. Tet meri jindabad.
अब फटाफट अपने मोबाइल मे UC BROWSER 8.7 LOAD कर लो नहीं तो अब लोग 200 से ऊपर के COMMENTS नहीं पढ़ पाएगें !
ReplyDeleteउसमें NEWER और NEWEST में से NEWEST को CILCK करना है !
बाकी सब वैसा ही रहेगा
धन्यवाद
टीईटी की मार्कशीट लेकर नॉन टेट की निंदा करने वाले लोग उस तरह के अपराधी हैं जो कि
ReplyDeleteकल तक हत्या के कानून पर आजीवन कारावास की सजा पाने के हकदार को
आज के संशोधित कानून के तहत जबरन फांसी दिलवाना चाहते हैं।
मुकुल जी नॉन टेट को अपने साथ लगवाकर आर्टिकल १४ के लपेटे में आये संशोधन १५ को बचाना चाहते हैं।
ReplyDeleteहमेशा अंतिम परिणति देखी जाती है।
नॉन टेट से दूरी बनाने में भलाई है।
नॉन टेट वाले भी हमसे दूर रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि आज के कानून के तहत उनको टीईटी नामक फांसी की सजा से घसीट लेने की कोशिश होगी तो
आर्टिकल १४ के बल पर नियमावली की धुँआ उड़ाने वाले भी आहत हो सकते हैं।
श्री माहेश्वरी और श्री मनु सिंघवी एक थाली में खाने वाले लोग हैं लेकिन हमारे मामले में वे अलग-अलग रहना चाहते हैं।
ReplyDeleteनये विज्ञापन में जो आवेदन नहीं कर पाये हैं उनको तो अब चिंता करने की बात नहीं है लेकिन जिन्होंने पुराने विज्ञापन में फॉर्म नहीं भरा था उनको रोकने की क्या प्लानिंग है ? क्या इसका जवाब किसी
के पास है ?