Latest UPTET (Uttar Pradesh Teacher Eligibility News)
गुरु जी बनने के पहले ही हो गए फेल (BTC Trained candidates failed in TET exam to qualify as Teacher)
देवरिया। मेरिट में होने के चलते बीटीसी ट्रेनिंग कर गुरु बनने की चाह रखने वालों की टीईटी की परीक्षा में पोल खुल गयी। बीटीसी ट्रेनिंग ले रहे 200 प्रशिक्षणार्थियों में से मात्र 38 ने ही टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब इनके गुरु जी बनने पर संकट खड़ा हो गया है।
2010 में बीटीसी के लिए जनपद के पढ़ाई अपनी बेहतरीन छाप छोड़ चुके दो सौ लोगों का चयन हुआ। इनका रामपुर कारखाना स्थित डायट सेंटर पर ट्रेनिंग चल रही है। इसी बीच शासन ने टीईटी परीक्षा का नया निर्देश जारी कर दिया। इस निर्देश के तहत बिना टीईटी परीक्षा पास किए ट्रेनिंग दे रहे इन लोगों की नियुक्ति नहीं होगी। डायट पर प्रशिक्षण दे रहे यह 200 लोगों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा दी। इस परीक्षा ने तो इनके पढ़ाई की पोल ही खोलकर रख दी है। 200 में से मात्र 38 लोगों ने ही शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किया है। इनमें से 15 ऐसे भी है जो दो से तीन नंबर से ही इस परीक्षा को पास किया है। टीईटी परीक्षा में फेल हो चुके पढ़ाई के दौरान सर्वाधिक अंक पाने वाले यह लोगों के ऊपर गुरु जी बनने का संकट भी गहरा गया है। जानकारों की माने तो बीटीसी की ट्रेनिंग कर रहे अधिकांश लोगों द्वारा बीटेक और शास्त्री की पढ़ाई की है और इनका मेरिट ज्यादा होने के चलते इनका चयन बीटीसी में हो गया। यही वजह है कि यह लोग टीईटी की परीक्षा में धड़ाम हो गए हैं।
इनके नियुक्ति पर लगेगी रोक : बीएसएबीटीसी प्रशिक्षण ले रहे लोगों के टीईटी परीक्षा में फेल होने के बारे में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी एएन मौर्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 38 लोग ही इस परीक्षा में पास हुए हैं। जो लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं और टीईटी की परीक्षा पास नहीं किए हैं उनकी नियुक्ति पर रोक लगा दी जायेगी। टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही उनकी नियुक्ति की जायेगी। उन्होंने बताया कि बीटीसी में चयनित अभ्यर्थी पांच वर्षों तक टीईटी की परीक्षा में बैठ सकते हैं। वे जब टीईटी पास करेंगे तो उनकी नियुक्ति हो सकेगी।
News : Amar Ujala (10.12.11)
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टीईटी परीक्षा निरस्त कराने को लेकर सामूहिक उपवास (Collective fast for cancellation of UPTET Exam)
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा को निरस्त कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने चंद्रशेखर आजाद पार्क में सामूहिक उपवास रखा। अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले टीईटी परीक्षा को निरस्त करने के आधार भी गिनाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि टीईटी में गलत प्रश्न पूछे गए और उनके गलत उत्तर भी दिए गए। ओएमआर शीट भी गलत बांटी गई। रिजल्ट पांच बार परिवर्तित किया गया। उत्तरमाला को भी संशोधित किया गया। इसके बाद भी सभी प्रश्नों पर आपत्तियां नहीं दूर हुई।
अभ्यर्थियों का कहना है कि जब टीईटी को मेरिट का आधार बनाया गया तो पांच जिलों से आवेदन पत्र क्यों डलवाए जा रहे हैं। दूसरी बार रिजल्ट परिवर्तित करने पर अंक बहुत ज्यादा घट गए जैसे आधार बताए हैं। अभ्यर्थियों ने परीक्षा को निरस्त कर किसी आयोग से फिर से परीक्षा कराए जाने की मांग की है। इस अवसर पर आरबी सिंह, गोविंद वल्लभभाई पटेल, विनोद कुमार, रामचंद्र, राजेंद्र पाल व सुनील रावत आदि मौजूद थे।
टीईटी पर बैठक आज
इलाहाबाद : टीईटी परीक्षा को निरस्त करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने शनिवार को चंद्रशेखर आजाद पार्क में एक बैठक का आयोजन किया है। बैठक में परीक्षा को निरस्त कराए जाने पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इस संदर्भ में शुक्रवार को भी एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें अजय त्रिपाठी, राजकुमार सिंह, हरितोष मिश्रा, अनुराग सिंह, वेदप्रकाश, अजय यादव, आशुतोष धवल व अजय पांडेय आदि मौजूद थे।
'परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित हो'
एजुकेशनल फोरम द्वारा शुक्रवार को एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें टीईटी परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने की मांग की गई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता बच्चा प्रसाद वर्मा ने कहा कि टीईटी में सबसे बड़ी चुनौती पारदर्शिता और विश्वसनीयता की है। यूपी बोर्ड को अभ्यर्थियों की समस्याओं का उचित निराकरण करना चाहिए और भ्रम की स्थिति दूर करनी चाहिए। बैठक को डॉ. फखरुल करीम, अहमद तलहा, कुसुमलता खरे, जीपी तिवारी व प्रेमशंकर खरे ने भी संबोधित किया।
News : Jagran (10.12.11)
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टीईटी परीक्षा रद हो, वरिष्ठताक्रम में हो चयन
बांदा। बीएड बेरोजगार शिक्षक संघ ने टीईटी परीक्षा निरस्त करते हुए वरिष्ठताक्रम में विशिष्ट बीटीसी भर्ती किए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। इसमें कहा गया है कि बीएड बेरोजगार संघ पिछले 14 वर्षाें से यह मांग कर रहा है। लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद में बैठे अधिकारियों ने सरकार को गुमराह कर दिया। इसका खामियाजा लाखाें स्नातक प्रशिक्षित बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। टीईटी परीक्षा में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। मांग की गई है कि टीईटी परीक्षा निरस्त करके संशोधित शासनादेश जारी किया जाए, विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया वरिष्ठताक्रम से हो, माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरह आयु सीमा 50 वर्ष की जाए। ज्ञापन देने वालों में संघ प्रदेश अध्यक्ष संतोष द्विवेदी, जिलाध्यक्ष विजय साहू सहित अशोक कुमार, शोभा प्रसाद, ब्रजभूषण सिंह आदि शामिल रहे।
News : Amar Ujala (10.12.11)
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Earlier a B Ed Berojgar candidate for PRT commented on this blog with comments -
TET khilwad hai B Ed Berojgaron ke saath, Age/Employment registration ko variyata de kar naukri deni chaiye. Jindgi bar padai karte rahen kya. TET ek majak hai.
Age limit katam kar, jiski age sabse jyada ho uski merit sabse jyda ka adhar banana chaiye. B Ed apne aap mein shiksha dene ka adhikar hai, to sarkar kitne aur naye exam banayegi.
Ya to sarkar - "Shiksha ka adhikar" lene ka kanoon bana sakti hai, to "dene ka kyon nahin".
B Ed berojgaoron ko atirikt reservation diya jai. Sarkar naukri ka bharosa kai salon se de rahi hai. shiksha mitron ke nam par thagi ho rahi hai.
B Ed kiye 5-10 saal ho gaye, phir naya exam kab tak den
To see there comments -
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बीटीसी पर भी भारी टीईटी (Many BTC Candidates are unable to clear TET exam and some are lowered in merit, and raises objection by writing letter to CM :Eligibility for Primary Teacher is BTC, Why B Ed candidates are in competition)
कानपुर, शिक्षा संवाददाता: अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से मात्र पात्रता तय करने के लिए लागू शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) न केवल हाईस्कूल से परास्नातक तक की पढ़ाई पर भारी पड़ रही है बल्कि बीटीसी प्रशिक्षण को भी पीछे कर दिया है। इसे लेकर बीटीसी प्रशिक्षितों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर कई सवाल उठाये हैं। बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी कहते हैं कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्यता बीटीसी है। लेकिन नयी प्रक्रिया में बीटीसी प्रशिक्षित को गैर बीटीसी प्रशिक्षित के साथ टीईटी मेरिट में लड़ना होगा। अगर गैर प्रशिक्षित की मेरिट ज्यादा है तो प्रशिक्षित शिक्षक पिछड़ जायेंगे। अभ्यर्थी कहते हैं कि एनसीटीई को देखना चाहिए कि शासन प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता के बावजूद प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती क्यों करना चाहती है। जिनको पहले टीईटी पास करने के नाम पर नियुक्त नहीं किया गया, ऐसे बीटीसी पास अभ्यर्थी क्या बेरोजगार ही बने रहेंगे। पूर्व में बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षितों को सीधे सहायक अध्यापक पद पर तैनाती दी जा चुकी है। टीईटी के बाद इन प्रशिक्षित लोगों को गैर प्रशिक्षित लोगों के साथ मेरिट के आधार पर चयनित करने का क्या औचित्य है।
News : Jagran (11.12.11)
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टीईटी पास कई बीएडधारक मुश्किल में
प्रतापगढ़। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने के बाद भी बीएडधारकाें के शिक्षक बनने की राह काफी कठिन दिख रही है। बेल्हा में सीटाें की कम संख्या को देखते हुए यहां के लोग अधिक सीटों वाले जिले का रुख कर रहे हैं। सामान्य वर्ग के छात्राें को तो भारी दिक्कत आ रही है।
प्रदेश में 72 हजार 665 प्राथमिक शिक्षकाें की सीट भरने के लिए आवेदन मांगा गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा में करीब छह लाख अभ्यर्थी बैठे थे लेकिन 2.70 लाख ही पास हुए। बीएड कर रहे करीब 40 हजार लोग टीईटी तो पास किए लेकिन बीएड में फेल हो गए। इससे बीएड धारकाें को कुछ हद तक राहत मिली। बेल्हा में मात्र पांच सौ सीटें होने की दशा में सामान्य वर्ग के लिए 62 सीट ही बच रही है। यहां टीईटी पास करने वाले सामान्य वर्ग के छात्राें की बड़ी संख्या है। सीटों की संख्या कम होने के लिहाज से अनुसूचित और पिछड़ी जाति के भी लोगाें में तमाम आशंकाएं हैं। ऐसी दशा में सामान्य वर्ग के लोग बदायूं, चंदौली, कुशीनगर, महराजगंज और बहराइच के लिए फार्म भर रहे हैं। अभ्यर्थी इंटरनेट से सीटों का विवरण लेकर यह देख रहे हैं कि किन जिलाें के लिए अधिक मारामारी है। जिन अभ्यर्थियों के अंक कुछ कम हैं वह यही देख रहे हैं कि किस जिले में सीटें अधिक हैं। हर अभ्यर्थी यही सोचकर चार-पांच जिले में आवेदन कर रहा है कि कहीं तो वह से तो वह मेरिट में आ जाए। वैसे टीईटी परीक्षा परिणाम पर छाई धुंध अभी बरकरार ही है। उत्तर प्रदेश में आनन-फानन में कराई गई परीक्षा की अभी तक तीन संशोधित आंसरसीट लोड की गई लेकिन शिकायतों का अंबार लगा है। इससे यह तो साफ है कि परीक्षा में अनियमितता की गई है। शिक्षा विभाग ने हर जिले के डायट में 7 दिसंबर 2011 से अंक पत्र मिलने की बात कही थी लेकिन वहां जाने वाले लोगाें को निराश होना पड़ रहा है। इस बाबत डायट के प्रधानाचार्य से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन बंद था। News : Amar Ujala (11.12.11)
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खटाई में पड़ सकता है शिक्षक बनने का मंसूबा
सुखपुरा। भारी प्रतियोगिता एवं कठिन टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बीएड डिग्री धारक सैकड़ों शिक्षामित्र अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने का सपना खटाई में पड़ता दिख रहा है। यह समस्या मौजूदा समय में बेसिक शिक्षा अधिकारी का जिले से गैर मौजूदगी एवं कुर्सी खाली होने की वजह से उत्पन्न हुई है। इसे लेकर अभ्यर्थियों में जहां काफी रोष है वहीं वे बीएसए कार्यालय का चक्कर काटते फिर रहे हैं।
पिछले 13 नवंबर को संपन्न हुई टीईटी परीक्षा में जिले के सैकड़ों शिक्षामित्रों ने भाग लिया था। परीक्षा में वे सफल भी रहे। स्थाई नियुक्ति के लिए सभी शिक्षामित्रों से उनके तीन साल के अनुभव प्रमाण पत्र के साथ आवेदन आगामी 19 दिसंबर तक उपलब्ध कराने की बात कही गई। अनुभव प्रमाण पत्र का अनुमोदन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के हाथों होना है। समस्या यह है कि पिछले दिनों बीएसए बलिया रमाशंकर राम का निलंबन शिक्षकों की स्थानांतरण के मामले अनियमितता पाये जाने पर उनको शासन के आदेश पर निलंबित कर दिया गया। जिसकी वजह से पिछले करीब एक पखवारे से बीएसए की कुर्सी खाली पड़ी हुई। जिले में बड़े पैमाने पर हुई धांधली के बाद कोई नया अधिकारी जिले में कार्यभार संभालने को तैयार नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से आज तक नए बीएसए की तैनाती यहां देखने को नहीं मिली। तीन वर्षीय अनुभव प्रमाण पत्र के लिए बीएसए कार्यालय पहुंचने वाले अभ्यर्थियों को नये अधिकारी के आने तक इंतजार की बात कह कर्मचारियों द्वारा बैरंग लौटाने का सिलसिला शुरू हो गया है। कार्यालय का चक्कर काटने वालों में प्राथमिक विद्यालय सुखपुरा नंबर दो शिक्षा क्षेत्र बेरुआरबारी के शिक्षामित्र नीरज कुमार सिंह व प्राथमिक विद्यालय नंबर एक से आनंद कुमार पांडेय ने बताया कि नये बीएसए कब तक जिले में तैनाती लेंगे, भविष्य के गर्भ में है लेकिन अधिकारी के न होने एवं अनुभव प्रमाण पत्र न जारी किये जाने की वजह से अभ्यर्थियों की कठिन परिश्रम पर ही पानी फिरता दिख रहा है।
News : Amar Ujala (10.12.11)
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विवि: अब भूख हड़ताल करेंगे बीएड छात्र
आगरा। डा. अंबेडकर विवि में अंबेडकर प्रतिमा के नीचे बीएड के छात्र जल्द रिजल्ट की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। तीन दिन से प्रदर्शन और धरना दे रहे मंडल भर के जिलों से आए छात्र-छात्राओं की मांग तक विवि अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में आज वह डीएम से मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे और सोमवार से सामूहिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
सत्र 2010-11 के आगरा मंडल के फीरोजाबाद, अलीगढ़, कांशीराम नगर, मथुरा, मैनपुरी, एटा, महामाया नगर से रिजल्ट की मांग को लेकर बीएड छात्र-छात्राओं का अंबेडकर विवि में धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। बीएड छात्र वैभव यादव ने कहा कि रविवार को छात्र-छात्राएं डीएम से मिलकर पीड़ा बताएंगे। उसके बाद सोमवार से भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। शनिवार को वह डीएम, डीआईजी, कुलपति को भूख हड़ताल की सूचना दे चुके हैं। अंबेडकर प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे छात्र-छात्राएं रात में भी विवि परिसर नहीं छोड़ रहे। शनिवार से खुले आसमान के नीचे रात में सर्द हवाओं में ही धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं का कहना है कि टीईटी में पास होने के बाद विवि रिजल्ट नहीं निकाल रहा। अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में वह शामिल नहीं हो पा रहे हैं। शिकोहाबाद से आई छात्रा मनोज वर्मा ने कहा कि सर्द हवाएं चलें या बारिश हो, वह अंबेडकर विवि में धरने पर तब तक बैठेंगी, जब तक कि उनका रिजल्ट नहीं निकलता। एक दिसंबर को उनके एके कालेज, शिकोहाबाद में सत्र 2010-11 के प्रैक्टिकल हो गए, लेकिन 10 दिन में भी रिजल्ट नहीं निकाला गया। उनकी यही एक मांग है कि जिन कालेजों में प्रैक्टिकल हो गए हैं, कम से कम उनका रिजल्ट तो निकाला जाए।
दूसरे दिन के धरने में गौरव शर्मा, शरद यादव, अनुराग शर्मा, अनिल, राहुल दुबे, मनोज शर्मा, सज्जन सिंह, देवेन्द्र, विश्व रतन सिंह आदि मौजूद रहे।
News : Amar Ujala (11.12.11)
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