/* remove this */

Wednesday, May 2, 2012

UPTET : टी ई टी अभ्यार्थीयों की पीड़ा

UPTET : टी ई टी अभ्यार्थीयों की पीड़ा 

आज सुना जा रहा है की इलाहबाद हाई कोर्ट ने टी ई टी अभ्यार्थीयों के नियुक्ति विज्ञापन (कि सचिव द्वारा बी एस ए की और से विज्ञापन जारी करना सही है या गलत ) की सुनवाई तारीख फिर बड़ा दी है |
और अब ये 15 मई हो गयी है |
कुछ लोगो का तर्क है कि बी टी सी अभ्यार्थीयों  की नियुक्ति को इस विज्ञापन से जोड़ने के कारण हाई कोर्ट  ने एक नयी तारीख दी है |
पर ये तर्क खरा नहीं उतरता , जब  टीईटी मेरिट होल्डर राज्य व  केंद्र  सरकार के शासनादेश / नियमों के तहत नियुक्ति पाने के हकदार हो गए , तब अंत समय में प्रक्रिया में बदलाव नहीं हो सकता |
गेम के नियम शुरू में तय किये जाते हैं न की तब जब गेम समाप्ति की और हो |

दिन ढलते जा रहे हैं और अभ्यार्थीयों की बेचेनी बदती जा रही है | 
अभी तक  राज्य सरकार ने भी स्पष्ट नहीं किया है कि टीईटी अभ्यार्थीयों कब व कैसे होगी |

हालाँकि टीईटी अभ्यार्थीयों की नियुक्ति नियमानुसार मजबूत है क्योंकि सभी नियम उनकी भर्ती को वेध बता रहे हैं |
अभी तक धांधली के आरोप अदलत में साबित हुए हैं की नहीं ये भी पता नहीं चल पाया है |
धांधली का इमानदार अभ्यार्थीयों से क्या सम्बन्ध और सजा के पात्र तो दोषी अभ्यर्थी ही होते हैं , इस समय टीईटी अभ्यार्थी गंभीर मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं और इस सबको उनका परिवार भी भुगत रहा है |

कई अभ्यार्थीयों का तर्क है -
कि पहले तो इलाहबाद हाई कोर्ट  ने विज्ञापन  में संशोधन (  आवेदन ५ जिलों के स्थान पर सभी जिलों में ), रिज़ल्ट में संशोधन का आदेश बहुत जल्दी दे दिया था पर अब 
जबकि एक ऐसे व्यक्ति ने याचिका सिर्फ मामले को अटकने के लिये डाली है 
१. क्योंकी न तो उसके अधिकारों का हनन  हो रहा है (व्यक्ति कोई बी एस ए  नहीं )
२. विज्ञापन सचिव निकाले या बी एस ए , उससे उस व्यक्ति को कोई फर्क नहीं पड़ना 
तो ऐसे मामले में इतनी देरी क्यों 

और अब अभ्यार्थी क्या करें न तो वे विज्ञापन निकलने के अधिकारी थे न ही ईमानदार अभ्यार्थीयों  का धांधली से कोई सम्बन्ध |

उनकी पीड़ा समझने वाला कोई नहीं |
मीडिया भी आये दिन भ्रामक ख़बरें दे चुका / रहा  है -
कभी खबर आती है कि टीईटी परीक्षा सिर्फ पात्रता है  ( जबकी एन सी टी ई ने साफ़ शब्दों में कहा है कि ये परीक्षा चयन का आधार देती है ,और  अभ्यार्थी  परीक्षा में दोबारा से  बेठ   सकते हैं अंक वृद्दि हेतु )
कभी खबर आती है कि चयन का आधार बदल जायेगा ( चयन के नियम राज्य व केंद्र सरकार ने तय किये हैं तो जब टीईटी मेरिट होल्डर चयन के पात्र हो चुके हैं तो अब नियम में बदलाव कैसे संभव है )
कभी खबर आती है कि टीईटी परीक्षा में धांधली हुई और टीईटी परीक्षा निरस्त हो जायगी ( अगर कहीं धांधली हुई तो दोषी अभ्यर्थी को सजा दी जायगी या सभी को , अभी तक किसी अभ्यर्थी का दोष साबित हुआ कि नहीं ये भी स्पष्ट नहीं | अगर सजा दोषियों को नहीं मिलेगी तो फिर एक नयी धांधली की सम्भावना नहीं होगी क्या   )
Read more...

UPTET : टीईटी अभ्यर्थी , मुख्य मंत्री जी के जनता दरबार पहुंचे


UPTET : टीईटी अभ्यर्थी , मुख्य मंत्री जी के जनता दरबार पहुंचे 

 टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक

देवरिया। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक हनुमान मंदिर परिसर में हुई। जिसमें 28 अप्रैल को लखनऊ में हुई रैली की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। दो मई को मुख्यमंत्री से वार्ता करने वाले प्रतिनिधि मंडल में जिले के गोरखनाथ सिंह को शामिल किए जाने पर उन्हें बधाई दी गई। बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश कुशवाहा ने कहा कि टीईटी अभ्यर्थियों की समस्या को मुख्यमंत्री ने सुन लिया है। जल्द ही टीईटी अभ्यर्थियों की समस्याओं का निराकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी दो मई को मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए नियुक्त प्रतिनिधि मंडल में जिले के गोरखनाथ सिंह का नाम भी है। जो जिले के लिए सम्मान का बात है। बैठक में मुख्य रुप से रत्नेश त्रिपाठी, विकास पांडेय, हरेंद्र पुरी, विनीता वर्मा, अनुराग मल्ल, रघुवंश शुक्ला, मदन यादव, शैलेश मणि त्रिपाठी, संदीप कुशवाहा, अमरदेव सिंह आदि लोग मौजूद रहे।


News : Amar Ujala ( 2.5.12)

Information on Facbook :

Vinay Kumar
Humare 50-60 sathi cm k jantadervar m pehuch chuke hai.or court m hums pehle 35 unlisted cases hai.humare case ki hearing lagbhag 2.30 k baad hogi.sbhi dua karo k hume rub kamyabi bakse

-----------------
Gurpal Singh -
Janta darbar main tetians sabse age bethe hain.jahan hamara no sabse pehle lagega.kash c.m aaj thos ashwasan de dain.pray to GOD.


Pradeep Kumar
Aaj Jo log CM se milne ja rahe unse request hai ki bo kal ke news paper bali khabar ....... Jisme 27000 ko Jinki OMR par WHITENER use kiya gya hai unko chayan prakriya se alag karne ki bat ki gayi hai....us ke bare mai CM se bat kare kyo ki bo sabhi farzi number bale nahi hai......... jyadatar logo ne exam mai anjane mai WHITENER use kiya tha..........


-------------
High Court Case :-
Sandeep Yadav Rajesh ji 2:30 p.m. Tak to. No aa hi jaega
------------

Ranjeet Singh Yadav
Basic sikcha niyamavali 981 ko challenge karne wali yachika ab apne astitva ko bachane ki akhiri jadojahad me hai isiliye petitioner council ne apna akhiri dawn khela hai . Kapil ke counsel ne rule14 ko challenge nahi kia tha jisme tet merit ke behalf per appointment ka nirnay lia gaya... jab court me wo charo khane chit ho gaye to ab yani 2 may ko ek amendment application ke madhyam se apna mool preyechenge karna chahte hai .......amit dwivedi...
Read more...

Tuesday, May 1, 2012

UPTET : अभ्यर्थियों ने दी आत्मदाह की चेतावनी


UPTET : अभ्यर्थियों ने दी आत्मदाह की चेतावनी

जौनपुर। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार की अस्पष्ट नीति के विरोध में सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। टीईटी संघ मोर्चा ने ऐलान किया है कि अगर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर न की गई तो वे आत्मदाह को बाध्य होंगे।

मंगलवार को टीडी कालेज स्थित मारुति मंदिर पर आयोजित संगठन की बैठक में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि पूर्व विज्ञप्ति के अनुसार भर्ती नहीं की गई तो प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। प्राथमिक शिक्षकाें की भर्ती प्रक्रिया का आधार बदलना वे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रदेश सरकार द्वारा मामले के निस्तारण के लिए गठित की कई कमेटी के प्रमुख जावेद उस्मानी की गलत नीतियों का हर संभव विरोध किया जाएगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले के निस्तारण के लिए 21 दिन का समय लिया था। इसके बाद भी अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ। लेकिन अभी भी अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री से उम्मीद है। ऐसा विश्वास है कि युवा होने के नाते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शिक्षित युवा बेरोजगारों की मनोदशा समझ सकेंगे। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जल्द से जल्द अगर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो वे आत्मदाह को विवश होंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष अजीत यादव ने अगली बैठक के लिए छह मई की तिथि घोषित की। इस मौके पर जिला महामंत्री मृत्युंजय सिंह, सर्वेश मौर्य, अरविंद यादव, मनोज सेठ, बृजेश यादव, आनंद मौर्य, जनार्दन, संतोष यादव, प्रियंका अस्थाना, सुरेश यादव, मंजुला यादव, नरेंद्र स्वर्णकार, अमृतेश मौर्य, सरिता सहित अन्य मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (2.5.12)
Source link : http://www.amarujala.com/city/Jaunpur/Jaunpur-61424-60.html
Read more...

UPTET Candidates Judgement Day on 2-May-2012


UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों  के फेसले  का दिन न्याय के मंदिर में  - 02-  May- 2012

न्याय के मंदिर में जिस तरह का सकारात्मक रुख टीईटी अभ्यर्थीयों के प्रति  अपनाया गया है उसको देखते हुए लगता है २- मई -२०१२ को टीईटी अभ्यर्थीयों को भारी रहत मिलने वाली है

कुछ लोग मामले को जानबूझ कर लटकाना चाह रहे थे और उनकी मंशा कुछ और थी |
जिस प्रकार राजा विक्रमादित्य न्याय के फेसले दिया करते थे ,  अब  फिर सच्चे न्याय की दरकार आ पडी है , और लाखों अभ्यर्थीयों को अपेक्षा है की न्याय का मंदिर उनके साथ  सच्चा न्याय करेगा

इससे पहले भी एक बार अदालत टीईटी अभ्यर्थीयों के हितों का ध्यान रखते हुए विज्ञापन में संशोधन का निर्णय दे चुका है, जिसमें अभ्यर्थीयों को ५ जिलों के स्थान पर सभी जिलों में आवेदन की छूट दी गयी थी

टीईटी अभ्यर्थीयों की तादाद व उनकी परेशानीयों (जिसमें आवेदन शुल्क , मेहनत परीक्षा उत्तीर्ण  करने में व् आवेदन के दोरान  परेशानीयां , समय इत्यादि शामिल है )  को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि विज्ञापन एक बार पुन : संशोधित हो सकता है या कोई जनहित में निर्णय  (और अधिकारीओं की गलती,  अभ्यर्थीयों को न भुगतनी पड़े ) आ सकता है |

Read more...

HTET : Haryana bends again, withdraws rule related to pregnant women


HTET : Haryana bends again, withdraws rule related to pregnant women

Regarding Recruitment of Teachers in Haryana : -

CHANDIGARH: Under fire from all the quarters, especially the aspirant teachers who have qualified Haryana Teacher eligibility test (HTET), the Haryana government on Tuesday struck off the condition wherein a woman candidate carrying 3 month or more pregnancy shall be held ineligible for recruitment of teacher.

While announcing this, the government also re-notified the announcement while saying that the teachers shall be recruited on regular basis instead of contractual basis as announced last month.

While mystery over Haryana government's decision of relaxing the norms related to HTET qualifying test for recruitment of teachers in the times of come. Demanding immediate withdrawl of this condition, the STET and HTET qualified teachers have threatened to resort to mass immolations on May 6.

It may be recalled that the Haryana chief minister Bhupinder Singh Hooda and his government were under fire from cross sections of society after it announced to disqualify the women candidates carrying a pregnancy of 3 and more months. Even as the aspirants were yet to come to the terms of this decision, the government had slapped another condition that the teachers shall be appointed on contract basis and their services shall be regularized after 5 years.

This clearly shows the rule of babudom in Haryana. The chief minister is just acting on an advice by the officers which is resulting into resentment among teaching faculty. Infact, the government's stand is changing more faster then the curriculam of government schools,'' Anil Vijh, the Ambala cantt MLA and leader of BJP legislative party in Haryana Vidhan Sabha said.

Though, the politicians categorically blamed Hooda and his team for lack of foresight in making announcement. They, however, kept mum when asked about their stand on the 17,000 guest teachers who are apparently protected by government after the Punjab and Haryana High Court had asked Haryana to relieve them.

News : Times of India (1.5.12)
Read more...

UPTET : Article By Mr. Shyam Dev Mishra regarding PRT Recruitment in UP


UPTET : Article By Mr. Shyam Dev Mishra regarding PRT Recruitment in UP and recent Developments

प्रेषक: Shyam Dev Mishra <shyamdevmishra@gmail.com>
दिनांक: 1 मई 2012 1:44 pm
विषय: NEW ARTICLE ON UPTET & PRT-RECRUIMENT SCENARIO
प्रति: Muskan India <muskan24by7@gmail.com>

Keeping in view the confuson of some of the friend on the latest development in the scenario of recruitment process of 72825 Primary Teacher in schools of UP Govt., I have tried to clear the situation as on date. It is solely my opinion and being in agreement entirely depends upon the reader. Please publish it on blog. 
I would also like if readers give their comments so that I may decide if I should write on blog in future or not. 
Thanks.

यू.पी.टी.ई.टी. - 2011 और 72825 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती: मौका-मुआयना

उत्तर प्रदेश में इन दो विषयों पर रोज-रोज अख़बारों और अन्य माध्यमों से कभी सही तो कभी गलत तो कभी भ्रामक ख़बरें  आ रही है और सम्बंधित अभ्यर्थियों में बेचैनी, निराशा व आक्रोश बढ़ रहा है. पर इतना जन लेना
शायद आपको राहत दे  कि "भले ही सच कहा न जाये, सच सच ही रहता है और झूठ चाहे जितनी बार, जितनी जोर बोला जाये, झूठ झूठ ही रहता है.


आइये, एक बार देख लें इन प्रश्नों को जिनको लेकर दुविधा है;


1. क्या टी.ई.टी. मेरिट से चयन गलत है?


कानून के हिसाब से गलत सिर्फ वो कृत्य है जो किसी के द्वारा अपने अधिकार-क्षेत्र से बहार जाकर या फिर नियमों के विरुद्ध किया गया हो. यदि भर्ती-प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व राज्य-सरकार (उत्तर प्रदेश सरकार,
नाकि सपा सरकार या बसपा सरकार) द्वारा अपने अधिकारों के अंतर्गत उ.प्र. बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में 12वें संशोधन द्वारा भर्ती-प्रक्रिया संबंधी नियम बनाये गए और उसके आधार पर प्रक्रिया शुरू हुई तो यह कहीं से नियम विरुद्ध नहीं है. वैसे भी एन.सी.टी.ई. द्वारा टी.ई.टी. अनिवार्य किये जाने के कारण भर्ती के नियमों में संशोधन इसलिए आवश्यक था क्यूंकि पहले पात्रता में टी.ई.टी. का कोई उल्लेख ही नहीं था और नई भर्ती के लिए अब टी.ई.टी. की अनिवार्यता के लिए इसे आवश्यक योग्यताओं में शामिल करना था. दूसरा, जब राज्य-सरकार ने इस संशोधन में जो टी.ई.टी. मेरिट को चयन का आधार बनाया, वो भी राज्य-सरकार के अधिकार क्षेत्र में था और एन.सी.टी.ई. दिशानिर्देशों के अनुरूप था.


 इसका विरोध करने वालों को जन लेना चाहिए कि 72825 पदों की भर्ती के प्रस्ताव, जिसमे भर्ती के नियम व पूरी प्रक्रिया का ब्यौरा शामिल था, को स्वयं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एन.सी.टी.ई. द्वारा स्वीकृति दी गई थी जिस से स्पष्ट है कि यह नियम-सम्मत थाभर्ती प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन होने पर ही न्यायालय से राहत मिलती है न कि सिर्फ इसलिए कि इस से शिकायत करने वाले के हित प्रभावित हो रहे हैं. किस आधार पे चयन होना है, इसके लिए आप नियम बनाने की अधिकृत संस्था से गुजारिश कर सकते है या अपने सुझाव दे सकते है, वो भी अगर आपसे पूछे तब, पर आप उसे कटघरे में महज इस लिए खड़ा नहीं कर सकते कि आपको ये ठीक नहीं लग रहा है. पहले भी कई लोगो ने अलग अलग आरोप और बहानों से अदालत में टी.ई.टी. के मद्धम से चयन पर सवाल उठाया है पर हर बार कोर्ट ने इसे सही ठहराया है, इसलिए अगर 2 मई को कोर्ट इस विज्ञापन को सही ठहराता है या केवल यही विज्ञापन सक्षम प्राधिकारी अर्थात बी.एस.ए. द्वारा निकले जाने का आदेश देता है तो "टी.ई.टी. बनाम अकादमिक"  कोई मुद्दा ही नहीं है क्यूंकि इसी विज्ञापन में प्रक्रिया शुरू होने के पूर्व सरकार द्वारा जारी शासनादेश के अंतर्गत टी.ई.टी. के आधार पर चयन का स्पष्ट उल्लेख है.
--------------
2. क्या भर्ती का आधार बदला जा सकता है?


भर्ती का आधार बदलने की आवश्यकता स्वाभाविक रूप से केवल तभी होती है जब कोई प्रक्रिया शुरू होने वाली हो, या भर्ती का आधार अवैध या नियम-विरुद्ध हो. यहाँ भर्ती की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है और आवेदन भी किये जा चुके हैं


दूसरा, भर्ती के आधार, अर्थात टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर चयन को केंद्र सरकार और एन.सी.टी.ई. ने भी स्वीकृति दे दी है और कोर्ट ने भी इसके खिलाफ दायर याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए एकाधिक बार इसे सही व नियम-सम्मत ठहराया है. अतः कानूनी रूप से भर्ती के आधार को बदले जाने की कोई आवश्यकता वर्तमान स्थिति में नहीं है, 
भले ही कोर्ट विज्ञापन रद्द करे, या सक्षम प्राधिकारी द्वारा पुनः विज्ञापन जारी करने का निर्देश दे क्यूंकि "टी.ई.टी. बनाम अकादमिक" एक कानूनी सवाल नहीं है.


हाँ, अगर समाजवादी पार्टी इसे बदलना चाहती है तो अलग बात है. इस स्थिति में अगर इसे समाजवादी पार्टी के नजरिये से, वोट-बैंक के चश्मे से देखा जाये तो किसी और को तो नहीं, इन्हें इस आधार को बदलने की जरुरत हो सकती है. 


पुस्तक-परीक्षा के रूप में दुस्साहसिक, स्वार्थ-पूर्ण और शिक्षा-प्रणाली के साथ खुले-आम ऐसा घटिया मजाक करने वाली पार्टी ने अगर वाकई अब भी अपना चरित्र नहीं बदला है और मात्र वोट-बैंक की परवाह करे तो
टी.ई.टी. के समर्थक 72825 संभावित चयनितों की अपेक्षा लाखों कम अंक वाले  अभ्यर्थियों का समर्थन पाने ले लिए परीक्षा का आधार बदलने की हद तक जा सकती है. अगर राज्य सरकार, यानि सपा सरकार ऐसा चाहती है तो इस के लिए सर्वाधिक अनुकूल स्थिति होगी की 2 मई को कोर्ट विज्ञापन को रद्द करे,


तभी सरकार इसकी आड़ में नियम में, भर्ती-आधार में बदलाव कर नया विज्ञापन जारी करे क्यूंकि मौजूदा विज्ञापन के न्यायालय द्वारा वैध ठहराए जाने और प्रभावी रहने की दशा में राज्य-सरकार के पास बिना किसी औचित्य के आधार में बदलाव करना लगभग असंभव ही होगा


पर इस बात की सम्भावना कम ही दिखती है. और अगर राज्य-सरकार ऐसा करती भी है तो टी.ई.टी. समर्थक स्वयं सरकार के बनाये नियमो व प्रक्रिया के अंतर्गत लाखो की संख्या में किये गए आवेदनों और टी.ई.टी. मेरिट-आधारित चयन के पक्ष में न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों का हवाला देते हुए न सिर्फ राज्य-सरकार पर समानता के अधिकार के हनन का, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के हनन का, प्रक्रिया शुरू होने
के बाद नियमों में बदलाव का और कही-न-कही समाज के किसी खास तबके/वोट-बैंक को नाजायज़ लाभ का आरोप लगाते हुए कोर्ट से राहत मांगने ही वाले है और उनका पक्ष मजबूत ही रहने वाला है.


ईश्वर करे कि सरकार कि ऐसी कोई मंशा न हो और ये सब मात्र अफवाहें हों, ये वो पुरानी समाजवादी पार्टी न हो, और सबकुछ सही हो जाये पर विपरीत परिस्थितियों में भी हमे कहाँ तक जाना पद सकता है ये उसकी झलक मात्र है.
-----------------
3. क्या टी.ई.टी. समर्थकों का नेतृत्व सक्षम है ?


निस्संदेह टी.ई.टी. मोर्चा के लीडरों ने बहुत मेहनत कि है, बहुत समय लगाया है, बहुत पैसा भी लगाया होगा, पर मेरे विचार से इस आन्दोलन में, रण-नीतिया बनाने में, उनके पालन में  संवादहीनता एक बड़ी बाधा के रूप में सामने आई है. इस ब्लॉग से मैं काफी समय से जुड़ा हूँ, इतने लोग यहाँ दिखते है जो टी.ई.टी.समर्थक है, परेशां हैं  पर राजेश राव जी, मनोज जी, अर्पण जी, अनिल जी, अखिलेश जी, सुधीर तिवारी जी, रंजन जी, जैसे कुछ लोगो को छोड़कर कोई भी बड़ा लीडर यहाँ न नियमित रूप से कुछ बताता है, न राय-मशवरा करता है और सब कुछ अनिश्चितता के अँधेरे में रहता है


कपिल देव यादव वाली याचिका में मुझे विवेकानंद जी द्वारा झूलेलाल पार्क में धरने के दौरान और ब्लॉग पर काफी पहले के कमेन्ट के द्वारा पता चला था कि टी.ई.टी.मोर्चा इस केस में थर्ड पार्टी बन गया है ताकि न्यायालय हमारी बात भी सुने पर आज भी इस बात कि पुष्टि नहीं हो पी है कि हम इस में थर्ड पार्टी हैं या नहीं. अगर नहीं तो ये तो सौभाग्य है हमलोगों का कि न्यायाधीश महोदय ने मामले में खुद ही हस्तक्षेप करते हुए इस याचिका के औचित्य पर सवाल उठाया वरना स्थिति विपरीत जाने कि स्थिति में हमारा पक्ष कौन रखता, सरकारी पक्ष तो वैसे ही मौके कि ताक में है कि कैसे मायावती सरकार द्वारा जारी विज्ञापन निरस्त हो


बुरा न माने, मेरा इरादा आप लीडरों की नीयत पर ऊँगली उठाने का नहीं है पर आपको देखना चाहिए की लाखो
लोग आपसे उम्मीदें लगाये बैठे हैं, अगर आपसे कोई काम नहीं हो प् रहा तो बाकि लोगो से सहयोग ले, इस ब्लाग पर भी बड़ी संख्या में लोग हर प्रकार का सहयोग, समय, धन, जानकारी आदि देने को तत्पर है, ऐसे में आप से किसी काम में ढील की उम्मीद नहीं की जा सकतीबेहतर परिणाम के लिए सबका एकजुट रहना
जरुरी है, अगर आप अपील करेंगे तो मुझे विश्वास है मात्र इस ब्लॉग से ही आपको पर्याप्त सहयोग-सूत्र मिल जायेंगे. पर इस मोड़ तक आकर किसी काम में लापरवाही करना बहुत घटक हो सकता है.


सभी टी.ई.टी. समर्थको से अनुरोध है की न्यायपालिका के बारे में स्तर-हीन टिप्पणिया करने में संयम बरतें, अगर प्रदेश सरकार या हाईकोर्ट से हमें राहत नहीं भी मिलती तो भी हमें सर्वोच्च न्यायालय जाना पद सकता है पर आज के भ्रष्ट राजनैतिक युग में, अपराध-लिप्त राजनीती में आम-आदमी का, आप जैसे पढ़े-लिखो का सबसे बड़ा सहारा न्यायपालिका ही है, उसमे विश्वास बनाये रखें, यहाँ देर हो सकती है पर अंधेर नहीं. 


आशा है, अँधेरा जल्दी छंटेगा, सुबह जल्दी होगी. वैसे भी रात सबसे काली सबेरे से ठीक पहले होती है,
धैर्य रखें, जागरूक रहें, सक्रिय रहें.


धन्यवाद,
आपका
श्याम देव मिश्रा
मुंबई



Read more...

RTET / RPSC : आरपीएससी से नहीं होगी शिक्षक भर्ती परीक्षा


RTET / RPSC  : आरपीएससी से नहीं होगी शिक्षक भर्ती परीक्षा 
(Rajasthan Highcourt : Grade 3rd Teacher Recruiment Not Through RPSC )


Rajasthan Grade 3rd Teacher Recruiment is conducted by Jila Parishad / District Council

जयपुर। तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा जिला परिष्ाद से करवाने का रास्ता सोमवार सुबह साफ हो गया। राजस्थान हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने दीपेंद्र मिश्रा व अन्य छात्रों की याचिका को खारिज करने हुए साफ किया कि परीक्षा का आयोजन आरपीएससी से नहीं होगा। गौरतलब है कि राज्य में करीब चालीस हजार तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

राज्य सरकार ने भर्ती परीक्षा के लिए जिला परिष्ादों को जिम्मा सौंपा था। जिला परिष्ादों से अध्यापक भर्ती का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में राजस्थान हाइकोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। राजस्थान हाइकोर्ट में सोमवार को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा में अनियमितता की आशंका और पूरे प्रदेश में एक ही मेरिट सूची तैयार करने का हवाला देते हुए परीक्षा आरपीएससी से करवाने की गुहार की।

वहीं राज्य सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए परीक्षा का आयोजन निष्पक्ष तरीके से जिला परिष्ाद से ही करवाने का पक्ष रखा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा आरपीएससी से करवाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया

विधायकों ने किया था विरोध :

विधानसभा में श्रवणकुमार सहित अन्य विधायकों ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा आरपीएससी से करवाने की मांग की थी। इस पर कुछ विधायकों ने विधानसभा में हंगामा भी किया था। विधायकों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के साथ अन्य तरीके से भी विरोध दर्ज कराया था। इस विष्ाय पर सीकर झुंझुनंू में कुछ कस्बे बंद भी रहे थे।


News : Rajasthan Patrika ( 30.4.12)

Read more...

HTET Haryana : छह मई पात्र अध्यापकों की आत्मदाह की चेतावनी


HTET Haryana : छह मई पात्र अध्यापकों की आत्मदाह की चेतावनी


रोहतक। सरकार की वादाखिलाफी और नई शिक्षक भर्ती नियम के विरोध में अब पात्र अध्यापक एक मई की बजाए छह मई को राजीव गांधी स्टेडियम में सामूहिक आत्मदाह करेंगे। दो से पांच मई तक प्रदेश के सभी विधायकों, मंत्रियों और सांसदों के निवास स्थान पर जाकर आत्मदाह के कारण बताएंगे


सोमवार को पात्र अध्यापक संघ की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि जो लगातार चार बार पात्रता परीक्षा में बैठकर इसे पास नहीं कर पाए उनको अध्यापक लगाकर सरकार हरियाणा शिक्षा व्यवस्था का जनाजा निकालने की तैयारी कर रही है। ये हरियाणा की जनता के लिए शुभ संकेत नहीं है


 उन्होंने कहा कि सरकार ने एक मई की रैली करने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण उनको रैली स्थगित करना पड़ी। उन्होंने बताया कि अब रैली छह मई को राजीव गांधी स्टेडियम में होगी। रैली के संघ के सदस्य सामूहिक रूप से आत्मदाह करेंगे। उन्होंने बताया कि संघ दो मई से पांच मई तक विधायक, मंत्रियों व सांसद से मिलकर रैली में पात्र अध्यापक द्वारा आत्मदाह किए जाने के कारणों के बारे में बताया जाएगा। इसके बाद सरकार के इस काले कानून को वापिस लेने के लिए दबाए बनाने के लिए ज्ञापन दिया जाएगा।

News : Amar Ujala (1.5.12)

Read more...

Kapil Sibbal : CTET (Central Teachers Eligibility Result is very poor

शिक्षक पात्रता परीक्षा के नतीजे बेहद खराब : सिबल
Kapil Sibbal : CTET (Central Teachers Eligibility Result is very poor 


मानव संसाधन मंत्री कपिल सिबल ने देश में टीचरों के स्तर पर राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि हाल ही में हुए केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के नतीजे बताते है कि इस परीक्षा को लेने वालों ने बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है.


उनका कहना था कि इनमें बीएड किए हुए लोग भी शामिल थे और इनका पास होने का प्रतिशत 6.5 फीसदी से भी कम रहा.


कपिल सिबल का कहना था कि ये सुनिश्चित करना होगा कि निजी संस्थान सही गुणवत्ता की शिक्षा दे ताकि अच्छे शिक्षक वहां से निकल सके.


News : BBC (28.4.12)
Read more...

UPTET : टीईटी ने 99 अभ्यर्थियों को दिया झटका

UPTET : टीईटी ने 99 अभ्यर्थियों को दिया झटका


प्रतापगढ़। प्राइमरी स्कूलों में अब शिक्षक बनना आसान नहीं रह गया है। विभाग के नए फरमान ने अभ्यर्थियों को परेशानी में डाल दिया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य होने से विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों की तैनाती में रोड़ा अटक गया है। 99 अभ्यर्थी कभी डायट तो कभी बीएसए कार्यालय का चक्कर लगा रहेहैंशिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने का मानक तैयार करके भले ही शासन ने एक सराहनीय कदम उठाया है, लेकिन इस मानक ने सैकड़ों अभ्यर्थियों को करारा झटका दिया है। पिछले वर्ष 13 नवंबर को आयोजित टीईटी परीक्षा में भले ही लाखों लोग शामिल हुए हों, लेकिन जो नौकरी की चौखट तक पहुंचे थे वे इस परीक्षा और नौकरी से वंचित हो रहे हैं अधिकांश अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण लेने के बाद भी नौकरी नहीं मिलेगी। इसमें वे लोग शामिल होंगे जिन्होंने 45 प्रतिशत से कम अंक होने के बाद भी शिक्षामित्र की नौकरी पा ली और दस अंक की छूट मिलने पर विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया हैवर्ष 2007-08 में विशिष्ट बीटीसी में प्रशिक्षण लेने वाले पहले चरण के अभ्यर्थियों को तो नियुक्ति पत्र दे दिया गया लेकिन 99 अभ्यर्थियों का सितंबर माह में प्रशिक्षण पूरा हुआ उनको नौकरी नसीब नहीं हो पा रही है। डायट से प्रशिक्षण लेकर बीएसए कार्यालय पहुंचने वाले अभ्यर्थियों को 12 अक्तूबर को काउंसिलिंग के लिए विज्ञापन जारी करके बुलाया गया, लेकिन फिर इसे निरस्त कर दिया गया। बीएसए अशोक नाथ तिवारी ने बताया कि शासन का फरमान आया है कि टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा

News : Amar Ujala ( 1.5.12)

Read more...

UGC NET : Dreams of Thousands of Candidates can be broken due to Server Problem/Applying Online



'सर्वर' की भेंट चढ़ जाएगा हजारों छात्रों का सपना


(UGC NET : Dreams of Thousands of Candidates can be broken due to Server Problem/Applying Online)
Last Date Extended up to 2nd May 2012

जमशेदपुर, नगर संवाददाता : यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा(नेट) को आवेदन करना अभ्यर्थियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। इंटरनेट का सर्वर डाउन होने के कारण अभ्यार्थी कहीं 'सर्वर' की भेंट चढ़ जाएगा हजारों छात्रों का सपना

ऑनलाइन आवेदन भरने के बाद प्रिंट आउट नहीं ले पा रहे, तो कहीं ऑनलाइन आवेदन ही कर पाना मुश्किल हो रहा है।

कुल मिलाकर यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा(नेट) के लिए आवेदन करना अभ्यर्थियों के लिए संभव नहीं हो पा रहा। आलम यह है कि बीते पाच दिन से अभ्यर्थी कंप्यूटर के सामने टकटकी लगाए बैठे हैं, लेकिन यूजीसी का सर्वर है कि चलने का नाम ही नहीं ले रहा।

परेशानी को देखते हुए यूजीसी ने दो दिन का समय और दिया है। अब दो मई तक आवेदन किया जा सकता है। लेकिन, इसका कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। अगर वेबसाइट की स्पीड ऐसी ही रही तो हजारों छात्रों का सपना सर्वर की भेंट चढ़ जाएगा।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा(नेट) पास कर विश्वविद्यालयों में शिक्षक व शोधकर्ता बनने का सपना यूजीसी के सर्वर के कारण टूटने की कगार पर है। दरअसल यूजीसी द्वारा ऑनलाइन आवेदन को बड़ी संख्या में युवा इंटरनेट पर जुटे तो यूजीसी की साइट गच्चा दे गई।

-------

लाखों आवेदक होने से परेशानी

एक साथ लाखों आवेदक आवेदन कर रहे हैं और सीमित सर्वर स्पीड के कारण वेबसाइट बार-बार हैंग हो रही है। आलम यह हैं कि युवा पूरे दिन इंटरनेट के सामने इस आस में बैठे हैं कि एक बार पेज खुले तो आवेदन पूरा किया जा सके। यूजीसी ने समस्या को देखते हुए दो दिन का समय बढ़ाया, लेकिन इसका भी कोई खास लाभ मिलता नहीं दिख रहा।

--------

देश भर में यही हाल

यूजीसी ने पाच दिन से सर्वर डाउन रहने की समस्या को देखते हुए ऑनलाइन आवेदन को दो दिन की राहत दी है, अब अभ्यर्थी दो मई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जमशेदपुर में तो हालात ऐसे हैं ही हमारे देहरदून संवाददाता ने भी शहर में ऐसी ही स्थिति होने की जानकारी दी है।

-------

बेकार हो जाएगा चालान

सैकड़ों युवा बैंक में फीस जमा कराने के बावजूद फार्म भरने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। आवेदन करने के लिए तीन दिन से परेशान योगेश व मुकुल का कहना है कि अच्छी तैयारी के बावजूद लग रहा है कि सर्वर की स्पीड के कारण इस बार आवेदन नहीं हो पाएगा।

News : Jagran (30.4.12)
Read more...

Advertisement may not cancel due to large volume of TET Candidates

Advertisement may not cancel due to large volume of TET Candidates

See News :

टीईटी परीक्षा
सकारात्मक रुख के साथ फैसला दो मई तक सुरक्षित
नियम विरुद्ध निकाले गए भर्ती विज्ञापन को किया था चैलेंज




बड़ौत, जागरण कार्यालय : प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की 72,825 पदों पर भर्ती से संबंधित केस में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सकारात्मक रुख अपनाया है। सोमवार को आधे घंटे की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने अपना फैसला दो मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट के सकारात्मक रुख से जहां शिक्षक भर्ती के बहाल होने के उम्मीद जगी है, वहीं केस लड़ रहे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बांछें खिल गई हैं।
अध्यापक सेवा नियमावली के विरुद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं करने के मामले में हाइकोर्ट ने वादी-प्रतिवादी पक्ष को सुना। कोर्ट में मौजूद रहे टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिला प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने वादी अधिवक्ता से पूछा कि उन्हें किस बात पर आपत्ति है। वादी अधिवक्ता ने बताया कि शिक्षक भर्ती का विज्ञापन सक्षम अधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया है, जो अध्यापक सेवा नियमावली (1961) के विरुद्ध है। इस पर कोर्ट ने वादी अधिवक्ता से पूछा कि क्या टीईटी के आधार पर बनाई जाने वाली मेरिट पर तो कोई ऐतराज नहीं है। वादी अधिवक्ता ने कहा कि टीईटी मेरिट को भर्ती का आधार बनाने पर कोई दिक्कत नहीं हैं। न्यायमूर्ति ने नियम के मुताबिक विज्ञापन जारी करने की बात कहते हुए अपना फैसला दो मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। इधर, इस संबंध में सोमवार को मैनपुरी में जारी एक बयान में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर टीईटी पर सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया जाएगा। बहरहाल, हाई पावर कमेटी की जांच के बाद जहां टीईटी को निरस्त किए जाने की संस्तुति राज्य सरकार से की जा चुकी है, वहीं कोर्ट इतनी बड़ी तादाद में उत्तीर्ण अभ्यथिर्यों के प्रति सहानुभूति रुख अपनाते हुए इस भर्ती को रद करने के पक्ष में नहीं दिखाई दे रहा है।




----------------
As a blog writer, I persoanlly felt :-

Chyan ka aadhar sansodhit hone mein constitutional problem hai -
Matlab kisee ka paksh/hit sadhna, jabki game samapti par hai

-----------
Jabki vigapan ka mala doosra hai, ki vigapan kon jaree kare.

Aur ismen agar aage kee karyvahee BSA ka haath mein de dee jatee hai, to mala swat hal ho jayega

Abhee na to counsling huee hai/ na hee kisee ko niyukti patr deeye gaya hain.

Mehtvpoorn adhikaar baki hain.





Read more...

Akhilesh Yadav : UPTET 2011 Exam will not be cancelled

निरस्त नहीं होगी टीईटी परीक्षा
Akhilesh Yadav : UPTET 2011 Exam will not be cancelled

शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) मामले पर एक हफ्ते में निर्णय ले लिया जाएगा। इसके बाद शिक्षकों की भर्तियां शुरू कर दी जाएंगी। सोमवार को मैनपुरी में एक विवाह समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह बात कही। उधर, मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी ने टीईटी मामले की जांच पूरी करते हुए रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसे शीघ्र की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंप दी जाएगी। 

सूत्रों का कहना है कि टीईटी को अर्हता परीक्षा न मानते हुए पात्रता परीक्षा माना जाएगा। शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी से मेरिट न बनाकर शैक्षिक योग्यता के आधार पर मेरिट बनाई जाएगी। जांच के दौरान यह भी पाया गया है कि अंक बढ़ाने के नाम पर करीब 27 हजार ऑसर शीट में हेराफेरी की गई है। इसलिए इतने ही अभ्यर्थियों को इससे अलग रखा जाएगा। इससे टीईटी के निरस्त किए जाने की संभावना काफी हद तक कम हो गई है।

गौरतलब है कि यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी नवंबर 2011 में आयोजित की गई थी। इसमें धांधली की शिकायत के बाद तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से ही टीईटी निरस्त किए जाने की संभावना दिखने लगी थी। इस संबंध में टीईटी पास अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिला था। उन्होंने पूरे मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी थी। इसमें प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव, सचिव माध्यमिक शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा, सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार और प्रमुख सचिव न्याय को रखा गया था। 

समिति ने रमाबाई नगर की पुलिस की जांच रिपोर्ट और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से पूछताछ के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। मुख्य सचिव को रिपोर्ट तो वैसे 29 अप्रैल को ही मुख्यमंत्री को सौंपनी थी, लेकिन सभी सदस्यों के हस्ताक्षर न होने की वजह से रिपोर्ट एक-दो दिन बाद सौंपी जाएगी।

News : Amar Ujala (1.5.12)
*************************

सहायक अध्यापकों के मामले में सुनवाई जारी
इलाहाबाद। टीईटी उत्तीर्ण 72825 सहायक अध्यापकों के चयन और नियुक्ति के मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई जारी है। इस मामले में अब बुधवार को बहस होगी। याचिका सहायक अध्यापकों के चयन के लिए जारी विज्ञापन के खिलाफ दाखिल की गई है। याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण टंडन सुनवाई कर रहे हैं।


जनता दर्शन बुधवार को
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 2 मई को प्रात: 9 से 11 बजे तक पांच कालीदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर जनता दर्शन करेंगे। इस दौरान वे जनता से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनने के बाद उसके समाधान का निर्देश देंगे। यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने दी है।

News : Amar Ujala (1.5.12)


*******************
If recruitment process changed then another court case is waiting for TET candidates, And matter can go in High Court/ Supreme Court etc.


It can be better, If only cheaters / culprits kept out from this selection process. And recruitment continue from process decided earlier.



आधार बदलने पर फिर से टीईटी  अभ्यर्थीयों को कोर्ट के केसों में उलझना पड़ना  सकता है , क्योंकी बहुत से अभ्यर्थी चयन का आधार बदलने पर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और मामला फिर हाई कोर्ट व् सुप्रीम कोर्ट में पहुँच सकता है, इसमें कितना समय लगेगा अनिश्चित  ही  है 
और मामले पर पुन स्टे लगने की सम्भावना  को नाकारा नहीं जा सकता 
************
बेहतर होता की चयन प्रक्रिया में बदलाव नयी भर्ती के दोरान होते और उसमें भी   कानूनी अडचनों का सामना करना पड़ सकता है ,
कारण - एक बार दोबारा से नियम बदलने पर , कुछ अभ्यर्थी अकादमिक चयन में विषमताओं (अलग - अलग बोर्ड , अलग अलग यूनिवर्सिटी में मूल्याँकन समान न होने पर )   को आधार बना कर मामले को चेलेंज कर सकते हैं , हालाँकि चयन करने वाले के पास चयन प्रणाली निर्धारित करने के अधिकार हैं ,

 युपी टीईटी २०११ में चयन प्रक्रिया अंतिम दोर में थी तो उसमें  कोई  भी  बदलाव , चयन में रूकावट ला सकता है 

As a blog writer, I persoanlly felt :-
Chyan ka aadhar sansodhit hone mein constitutional problem hai -
Matlab kisee ka paksh/hit sadhna, jabki game samapti par hai

-----------
Jabki vigapan ka mala doosra hai, ki vigapan kon jaree kare.

Aur ismen agar aage kee karyvahee BSA ka haath mein de dee jatee hai, to mala swat hal ho jayega

Abhee na to counsling huee hai/ na hee kisee ko niyukti patr deeye gaya hain.

Mehtvpoorn adhikaar baki hain.

Read more...

Monday, April 30, 2012

UPTET : Relief to TET candidates in Allahabad High court

न्याय के मंदिर में (30-04-2012 )  टीईटी  अभ्यर्थीयों  को राहत 
UPTET : Relief to TET candidates as positive indication appears in today hearing in Allahabad High court 













नयी तारीख 2 मई , लगता है फेसले की अंतिम सुनवाई और फेसले की घड़ी 


आज के घटनाक्रम ( आज जिस प्रकार से लोगो ने ब्लॉग पर आकर सूचनाएँ दी  ) को देख कर ऐसा लगता है की कोर्ट का निर्णय  टीईटी  अभ्यर्थीयों को जरूर राहत देगा |
 (आज जिस प्रकार से लोगो ने ब्लॉग पर आकर सूचनाएँ दी)


कारण साफ़ है की जज साहब को भी लग रहा है कि कपिल देव की याचिका सिर्फ मामला लटकाने के लिये दायर की गयी है

Information given by Mr. Ashish Srivastava :-
जब उन्होंने कपिल यादव के वकील से पूछा कि आपको कोई समस्या है अगर बी एस ए की जगह सचिव ने विज्ञापन निकाला तो जवाब देते नहीं बना 
कपिल  ने  जब   टीईटी  पास  किया  है  तो  उसको  विज्ञापन  निरस्त  कराने  से  क्या  मतलब ?
क्या  बी एस   ए  के  अधिकार  में  कमी  आने  से  कपिल  को  कोई  नुकसान  हो  रहा  था ?
क्या  कपिल  बी. एस.  ए  है ?


फैसला  आज  आ   सकता था  आज  ही  लेकिन  सरकारी  वकील  ने  टांग लगा  दी  और  दो   दिन  का  टाइम  मांग  लिया .कपिल  का  वकील  तो  अकैडमिक वर्सस टीईटी  करने  लगा  तो  जज  ने  फिर  उसको  डाट  पिलाई  और  कहा  कि  जिस  मुद्दे  पे  केस  चल  रहा  है  सिर्फ  उसपे  बात  करो .


बस  यही  संदेह है कि  सरकारी  वकील  ने  किसलिए  डेट  मांगी  है ?
दाल  में  अभी  भी  कुछ  काला  है .सरकार  कि  नियत  साफ़ नहीं


1. में इसमें कुछ जोड़ना चाहती हूँ कि अगर बी एस ए को सचिव के विज्ञापन निकलने को लेकर आपत्ति थी तो उन्होंने विज्ञापन  प्रकाशित होने के बाद अपनी आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई और अगर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई तो मामला साफ़ है कि उनको आपत्ति नहीं थी 

2. अगर उन्होंने अपनी अनापत्ति प्रमाण  न्यायलय में प्रस्तुत किया है तो और भी अच्छा है (क्योंकि ये मामला दिसंबर से अदालत में चल रहा है और ऐसा कुछ भी अभी  तक प्रतीत नहीं हुआ कि  बी एस ए  की तरफ से कोई आपत्ति थी , मीडिया आदि द्वारा )

3. अभी तक सिर्फ आवेदन पात्र जमा हुए हैं , और कोई काउंसलिंग / नियुक्ति पत्र नहीं दीया गए हैं , ये आवेदन पत्र भी जिलावार ही दीया गए हैं | तो भर्ती के महत्वपूर्ण चरण बाकि हैं जिसमें बी एस ए द्वारा काउंसलिंग के लिये बुलाया जा सकता है व नियुक्ति पत्र दीया जा सकते हैं (इससे उनके अधिकारों में कोई समस्या नहीं आयेगी )

4. यह आवेदन सरकार ने ही निकाला है तो सरकारी वकील का फर्ज बनता है कि विज्ञापन को मजबूती प्रदान करे , अन्यथा कोई अपने पाँव पर कुल्हाडी क्यूँ मारेगा |
और सचिव को क्यूँ गलत साबित करेगा 

5. इलाहबाद हाई कोर्ट पूर्व में निर्णय दे चुक है कि -
टी ई टी अंकों से चयन , एन सी टी ई के नियमानुसार है व एक बार प्रक्रिया निर्धारित होने के बाद उसका बदला जाना पक्षपात पूर्ण है (जब गेम / प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो, 
तो कपिल के वकील के वकील कि  अकैडमिक वर्सस टीईटी की बात महत्वहीन , तर्क रहित व मूल मुद्दे से भ्रमित करने वाली है 
************

टीईटी चयन मामले की सुनवाई कल


विसं, इलाहाबाद : टीईटी में चयनित 72,800 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक के मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने दो मई की तिथि नियत की है। याची अधिवक्ता आलोक यादव का कहना है कि उप्र. बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 के तहत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को ही नियुक्ति का अधिकार है। नियम के विपरीत चयन बोर्ड ने सभी बीएसए की तरफ से नियुक्ति अधिसूचना जारी की है। याची का यह भी कहना है कि शासनादेश के तहत चयन की विज्ञप्ति स्वयं उस शासनादेश के विपरीत है। चयन का आधार शैक्षिक योग्यता को मानक बनाया जाएगा न कि टीईटी के प्राप्तांक को

News : Jagran (30.4.12)
****************************
उपरोक्त बिन्दुओं को देख कर ऐसा प्रतीत होता है , कि न्यायलय विज्ञापन में पुन संशोधन का आदेश जारी कर सकता है ( जैसा कि ५ जिलों से सारे जिलों में आवेदन  के लिया दीया गया था ) ,
क्योंकी   विज्ञापन निकलने में  टीईटी  अभ्यर्थीयों  का कुछ लेना देना / नहीं | उन्होंने तो आवेदन व परीक्षा सरकार के निर्देशानुसार ही दी थी |

टीईटी  अभ्यर्थीयों  को बेवजह परेशान नहीं होना चाहिए , जब तक अधिकृत सूचनाएँ नहीं आती |
भगवान् पर भरोसा रखें 
*************
If somebody have better information then please share it through comments for update.
*********************
Ashish Srivastava said...
DOSTO AJ COURT ME JO KUCH HUA WO MAI LIKH RHA HUN
Aj jo kuch hua court me wo 4month pahale hona chahiye tha.
Mera ek dost tha waha court me.usnne bataya ki judge sahab ne kapil k vakil ki jam ke class li.unone aj puchha ki agar vigyapan me koi galti thi toh usse tum kaha se prabhavit ho rhe the?kapil ne jab TET pass kiya hai toh usko vigyapn nirast karane se kya matlab?kya BSA ke adhikar me kami aane se Kapil ko koi nuksan ho rha tha?kya kapil BSA hai?ye saare sawal judge ne puchha.
Faisla asakta tha aj hi lekin sarkari vakil ne tang laga di aur 2 din ka time maang liya.kapil ka vakil toh accd vs TET karne laga toh judge ne fir usko daat pilayi aur kaha ki jis mudde pe case chal rha hai sirf uspe baat karo.
Bas yahi doubt full hai ki sarkari vakil ne kisliye date maangi hai?
Daal me abhi b kuch kaal hai.sarkar ki niyaat bahut gandi hai.
------------

As a blog writer, I persoanlly felt :-

Chyan ka aadhar sansodhit hone mein constitutional problem hai -
Matlab kisee ka paksh/hit sadhna, jabki game samapti par hai

-----------
Jabki vigapan ka mala doosra hai, ki vigapan kon jaree kare.

Aur ismen agar aage kee karyvahee BSA ka haath mein de dee jatee hai, to mala swat hal ho jayega

Abhee na to counsling huee hai/ na hee kisee ko niyukti patr deeye gaya hain.

Mehtvpoorn adhikaar baki hain.

Read more...

UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों के फेसले का दिन न्याय के मंदिर में - 30 अप्रेल 2012


UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों  के फेसले  का दिन न्याय के मंदिर में  - 30 अप्रेल 2012



 
 For Final Hearing/Disposal
 WRIT - A                                
 155. DF    76039/2011 YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR      ALOK KUMAR YADAV,                       RAJESH YADAV Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                                       K.S. KUSHWAHA

http://allahabadhighcourt.in/causelist/courtA.jsp ( Site -> http://allahabadhighcourt.in -> Cause List ->
->Date -> Court No. 33


लगता है  आज  अदालत का निर्णय टीईटी अभ्यर्थीयों के लिये भारी राहत लेकर आएगा
इससे पहले भी एक बार अदालत टीईटी अभ्यर्थीयों के हितों का ध्यान रखते हुए विज्ञापन में संशोधन का निर्णय दे चुका है
जिसमें अभ्यर्थीयों को ५ जिलों के स्थान पर सभी जिलों में आवेदन की छूट दी गयी थी

टीईटी अभ्यर्थीयों की तादाद व उनकी परेशानीयों (जिसमें आवेदन शुल्क , मेहनत परीक्षा उत्तीर्ण  करने में व् आवेदन के दोरान  परेशानीयां , समय इत्यादि शामिल है )  को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि विज्ञापन एक बार पुन : संशोधित हो सकता है या कोई जनहित में निर्णय  (और अधिकारीओं की गलती,  अभ्यर्थीयों को न भुगतनी पड़े ) आ सकता है |

 शायद  आज  फेसले के दिन हो ( क्योंकी इलाहबाद हाई कोर्ट डबल बेंच ने इस मामले को शीघ्र हल करने पर जोर दीया है |
और उसके बाद भर्ती प्रक्रिया पुन:  प्रारंभ हो सकती है , जिसमें काउंसलिंग के जरिये नियुक्ति पात्र दीये जाने बाकि हैं

Read more...

UPTET : भर्ती प्रक्रिया रद हुई तो करेंगे आंदोलन


UPTET : भर्ती प्रक्रिया रद हुई तो करेंगे आंदोलन 

आलीपुर खेड़ा (ब्यूरो)। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कहा है कि यदि शासन टीईटी भर्ती प्रक्रिया निरस्त करता है तो अभ्यर्थी आंदोलन करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। इस संबंध में अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर युवा बेरोजगारों के पक्ष में निर्णय लेने की मांग की है।
रविवार को बनवारी लाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिवपालपुर में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक आयोजित की गई। इसमें अजंट सिंह राजपूत ने कहा कि बसपा शासनकाल में उन्होंने टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन तैनाती होने से पूर्व ही सरकार बदल गई। सपा सरकार द्वारा युवा बेरोजगारों के लिए घोषणा पत्र में भी स्थान दिया गया है। यदि सरकार युवाओं की सच्ची हितैषी है तो टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय ले। नीतू सिंह ने कहा कि राजनीति की गंदी चालों में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का भविष्य लटक गया है। रंजीत सिंह सिसौदिया ने कहा कि सरकार शीघ्र ही टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नौकरी दे अन्यथा सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा। बैठक को रामधनी शाक्य, श्याम सिंह राजपूत, अजय यादव, सतेंद्र सिंह, नसीम खां, प्रियंका राजपूत, राहुल आदि थे।


सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
ललितपुर। टीईटी उत्तीर्ण छात्रों की बैठक में सरकार की मंशा पर सवाल उठाए गए। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया टालने के उद्देश्य से सरकार कोई निर्णय लेने से कतरा रही है।
उन्होंने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण छात्र नौकरी लेकर रहेंगे। यदि सरकार ने विपरीत निर्णय लिया तो आंदोलन तेज करने के बाध्य हो जाएंगे। बैठक में अंतिम कुमार जैन, नीलेश पुरोहित, राहुल तिवारी, दीपक गुप्ता, प्रदीप सैनी, विजय रावत, रवींद्र साहू, अनुपम गुप्ता, अनुराग शर्मा, अजय रैकवार, लखनलाल, वर्षा बबेले, राजेंद्र राठौर, अंसार खां, शरद सोनी, प्रीति सोनी, मनीष रैकवार आदि उपस्थित रहे।



लाठीचार्ज छात्र विरोधी मानसिकता
गाजीपुर(ब्यूरो)। भाजयुमो कार्यकर्ताओं की बैठक शाहीपुरा स्थित मंदिर परिसर में हुई। इसमें मोर्चा के निवर्तमान अध्यक्ष योगेश सिंह ने कहा कि सपा की सरकार आते ही प्रदेश में नौजवानों के ऊपर जुल्म शुरु हो गया है। टीईटी अभ्यर्थियों तथा इलाहाबाद विवि के छात्रों पर लाठीचार्ज सरकार की छात्र नौजवान विरोधी मानसिकता का परिचायक है।
रविवार को हुई बैठक में नगर उपाध्यक्ष मनोज गुप्त ने कहा कि परीक्षा चल रही है बावजूद इसके बेतहाशा बिजली कटौती की जा रही है। अगर समय रहते कटौती में सुधार नहीं हुआ तो मोर्चा कार्यकर्ता सड़क पर उतरने को तैयार हैं। इस अवसर पर चंदन आर्य, आशुतोष पांडेय, अभिषेक सिंह, अभिषेक राय, मनोज गुप्त, रामसेवक यादव, शंभू, रमेश वर्मा, प्रदीप, शिवजी, वेदमणि, रिंकू आदि थे। अध्यक्षता रासबिहारी राय, संचालन प्रमोद ने किया।


News : Amar Ujala (30.4.12)

Read more...

UP Lectureres / Teachers : माध्यमिक के 1500 प्रवक्ताओं की जा सकती है नौकरी


UP Lectureres / Teachers : माध्यमिक के 1500 प्रवक्ताओं की जा सकती है नौकरी


स्कूलों में दस वर्षों में तैनात शिक्षकों की जांच में खुलासा
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कई बाबुओं पर भी कसा फंदा 


इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित लगभग 1500 सहायक अध्यापकों, प्रवक्ताओं की नौकरी जा सकती है। पिछले दस वर्षों में नियुक्त शिक्षकों के कागजात की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रदेश के 995 माध्यमिक स्कूलों में तैनात इन प्रवक्ताओं की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है। इन शिक्षकों में से कई ने तो चयन बोर्ड की परीक्षा के लिए आवेदन ही नहीं किए जबकि कुछ मुख्य परीक्षा में फेल हो गए, उसके बाद भी नियुक्ति पा ली। 

जांच में यह तथ्य सामने आया कि तीन सौ से अधिक ऐसे मामले हैं जिनके पत्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने आधिकारिक तौर पर जारी ही नहीं किए। इन शिक्षकों ने कुछ बाबुओं, सदस्यों के सहारे फर्जी नियुक्ति पत्र हासिल किए। कई मामलों में संबधित डीआईओएस दफ्तर के कुछ बाबुओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इस मामले में कई शिक्षकों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

नियुक्ति में गड़बड़ी के सर्वाधिक मामले इलाहाबाद मंडल, वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, झांसी, कानपुर और आगरा मंडलों में हैं। गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती में ही 580 फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति का मामला पकड़ा गया है। इलाहाबाद मंडल में 72, वाराणसी में 106, कानपुर में 129, झांसी में 37 नियुक्तियां फर्जी चिन्हित की गई हैं। मामले में जांच के लिए शासन ने पिछले साल दो कमेटियां बनाई थीं। सीबीसीआईडी के अलावा माध्यमिक शिक्षा अभियान की टीम भी जांच कर रही थी। जांच टीम के सदस्य और शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश दिवाकर ने बताया कि पूरी रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। अपने पक्ष में तथ्य पेश करने के लिए छह माह का समय देने के बाद उनकी बर्खास्तगी भी हो सकती है।

नौकरी के नाम पर झांसा

कुंडा (प्रतापगढ़)। उत्तर प्रदेश ग्रामीण स्वास्थ्य समिति के नाम से एक संस्था बनाकर स्वास्थ्य संबंधी नौकरी का दिवास्वप्न दिखाकर बेरोजगारों को लूटने का भांडा रविवार को फूट गया। समिति के लोग अपने मकसद में कामयाब होते इससे पहले वे प्रशासन के शिकंजे में आ गए।



बेरोजगारों को लूटने का भंडाफोड़



प्रतापगढ़ में नौकरी के नाम पर झांसा देने वाले गिरफ्त में 


कुंडा (प्रतापगढ़)। उत्तर प्रदेश ग्रामीण स्वास्थ्य समिति के नाम से एक संस्था बनाकर स्वास्थ्य संबंधी नौकरी का दिवास्वप्न दिखाकर बेरोजगारों को लूटने का भांडा रविवार को फूट गया। समिति के लोग अपने मकसद में कामयाब होते इससे पहले वे प्रशासन के शिकंजे में आ गए। रविवार देर रात तक समिति के अफसरों के ठिकाने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी छापेमारी करते रहे।
अखबारों में 27 मार्च 2012 को उक्त समिति ने विज्ञापन प्रकाशित कर स्वास्थ्य संबंधी कई पदों के लिए रिक्तियां दर्शाते हुए बेरोजगाराें से आवेदन मांगा था। आवेदन के साथ ही ड्राफ्ट भी मांगा गया था। समिति ने बेरोजगाराें को धोखा देने के लिए रिक्तियां सरकारी विज्ञापन की तर्ज पर निकाली थीं। इसके अधिकारियाें ने कुंडा प्रेमनगर निवासी मकदूम जायसवाल के मकान में अपना कार्यालय खोल रखा था। यहां आने वाले आवेदन को कार्यालय कर्मी अपने आवास शाहपुर गोपालगंज उठा ले जाते थे। विज्ञापन प्रकाशन के बाद मामला संज्ञान में आया तो सीएमओ ने डीएम को अवगत करा जालसाजी का अंदेशा जताया। डीएम के निर्देश पर एसडीएम कुंडा राम प्रकाश मिश्र, सीओ वीएस राणा, कोतवाल सर्वेश मिश्र ने रविवार देर रात कुंडा कस्बा स्थित समिति के कार्यालय पर छापा मारा। वहां से रजिस्टर, मुहर सहित तमाम अभिलेख बरामद हुए। कार्यालय में मौजूद लिपिक अजय केसरवानी सहित दो लोगाें को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उनकी निशानदेही पर अफसराें ने शाहपुर गोपालगंज स्थित एक घर में छापा मारा। वहां कंपनी का एक अधिकारी रहता था। वहां से चार बोरे में भरे आवेदन पत्र और ड्राफ्ट मिले। पुलिस के पहुंचते ही वहां रहने वाला समिति का अधिकारी भाग निकला। पकड़े गए दोनाें कर्मचारियाें को कुंडा कोतवाली ले जाया गया। आरोपियों से पूछताछ के बाद देर रात तक छापेमारी जारी रही।



News : Amar Ujala (30.4.12)
*************************

सूबे के सैकड़ों इंटर कॉलेजों में अध्यापकों का है टोटा
जीआईसी में सात हजार शिक्षकों के पद हैं खाली


लखनऊ। सरकार के तमाम प्रयास के बावजूद कोर्ट केस के चक्कर में सूबे के माध्यमिक शिक्षा की स्थिति साल दर साल लचर होती जा रही है। सैकड़ों स्कूलों और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों का टोटा है। एक-एक शिक्षक के भरोसे इंटर कॉलेज चल रहे हैं, जबकि इन कॉलेजों में 13 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। यह खुलासा माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति विभाग को भिजवाई गई रिपोर्ट में किया गया है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार सूबे के करीब 600 राजकीय इंटर कॉलेजों में 7 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। यही स्थिति प्रिंसिपल के पद को लेकर है। इन स्कूलों में 80 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में प्रिंसिपल के पद खाली हैं। शिक्षकों के टोटा वाले कॉलेजों में पुराने राजकीय इंटर कॉलेज और अपग्रेडेड इंटर कॉलेज शामिल हैं। बता दें कि 20 अप्रैल को नियुक्ति विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों और सचिवों को पत्र लिखकर खाली पदों का विस्तृत ब्योरा भिजवाने के निर्देश दिए थे। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक के खाली पदों का ब्योरा भिजवाएं। उन्होंने यह भी कहा था पद खाली रहने और नियुक्ति नहीं होने के पीछे क्या कारण यह भी बताएं।


News : Amar Ujala (30.4.12)
Read more...

HTET Haryana : हरियाणा सरकार को शिक्षकों ने दी धमकी


HTET Haryana : हरियाणा सरकार को शिक्षकों ने दी धमकी


हरियाणा सरकार को पात्र शिक्षकों ने 1 मई को हजारों की संख्या में सीएम सिटी रोहतक में सामूहिक रूप से आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। पात्र शिक्षक 4 साल का अनुभव रखने वाले शिक्षकों को पात्रता परीक्षा में छूट के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 

सरकार के फैसले से सख्त नाराज पात्र शिक्षकों ने शनिवार को प्रदेश की एजुकेशन मिनिस्टर गीता भुक्कल से मुलाकात की और उनके सामने अपना पक्ष रखा। गौरतलब है कि ये टीचर रेगुलर टीचरों की भर्ती में 4 साल का अनुभव रखने वाले टीचरों को पात्रता टेस्ट से छूट देने के फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं। इन टीचरों ने मंत्री से सरकार का फैसला वापस लिए जाने की मांग की। इस पर मंत्री भुक्कल ने भरोसा दिया कि वे इस मामला को मुख्यमंत्री के सामने उठाएंगी और उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश करेंगी। 

बैठक के बाद पात्र शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजंेद्र शर्मा ने कहा कि अगर सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो उनके सामने आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि 1 मई को प्रदेश के हजारों पात्र शिक्षक रोहतक में सामूहिक आत्मदाह करेंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार पर होगी। मंत्री से मिलने वाले शिक्षकों के शिष्टमंडल में अर्चना सुहासिनी, प्रेम अहलावत, अनिल अहलावत, राकेश कुमार, संदीप कुमार, गुरदीप, जसपाल, रविंद्र आदि शामिल थे। 




शिक्षकों का प्रदर्शन जारी :-


दूसरी तरफ, पंचकूला स्थित एजुकेशन डायरक्ट्रेट पर पात्र शिक्षक संघ का विरोध-प्रदर्शन 10वें दिन भी जारी रही। संघ की महिला विंग की अध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने सभा में कहा कि सरकार के नए सर्विस रूल असंवैधानिक हैं, और पात्र शिक्षकों के साथ धोखा है। सरकार रेगुलर भर्ती के नाम पर पिछले डेढ़ साल से बेरोजगारों को बेवकूफ बना रही है। सरकार जहां एक तरफ राइट टू एजुकेशन और विमेन इम्पॉवरमेंट का राग अलाप रही है, वहीं एलिजिबल यूथ के साथ मजाक कर रही है। इस मसले पर प्रदेश प्रवक्ता प्रेम अहलावत ने बताया कि रोहतक में महाबलिदान रैली की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अगर सरकार अपने अडि़यल रवैये पर कायम रही तो प्रदेश के हजारों पात्र शिक्षक अपने जीवन की आहुति देने से नहीं हिचकेंगे। 

News : NavBharat Times ( 29.4.12)
Read more...

UP polytechnic Admit Card 2012 Download jeecup.org JEECUP Hall Ticket/Admit Card 2012 Download | UP JEECUP Hall Ticket/Admit Card 2012 Download at jeecup.org

UP polytechnic Admit Card 2012 Download jeecup.org JEECUP Hall Ticket/Admit Card 2012 Download | UP JEECUP Hall Ticket/Admit Card 2012 Download at jeecup.org

प्राविधिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश से सम्बद्ध राजकीय/अनुदानित/निजी क्षेत्र की संस्थाओं में चल रहे विभिन्न पाठयक्रमों में प्रवेश हेतु संयुक्त प्रवेश परीक्षा (पालीटेक्निक) - 2012 का आयोजन 6, 7 एवं 8 मई 2012 को निर्धारित परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार "संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश, लखनऊ" के तत्वावधान में होगा। प्राविधिक शिक्षा परिषद, उ०प्र० से सम्बद्ध संस्थाओं में प्रवेश हेतु उ०प्र० के अभ्यर्थियों की प्रवेश परीक्षा में प्राप्तांकों के आधार पर योग्यताक्रम सूची तैयार की जायेगी एवं योग्यताक्रम सूची से वर्गवार आरक्षण तथा अन्य आरक्षण सुनिश्चित करते हुए प्रवेश हेतु काउंसलिंग द्वारा अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा।
JEECUP 2012, JEECUP 2012 Admit Card, JEECUP Admit Card 2012, JEECUP Call Letter 2012, JEECUP Hall Ticket 



2012. JEECUP 2012 Admit Card | JEEC UP 2012 Hall Ticket UP JEECUP Hall Ticket/Admit Card 2012 Download at jeecup.org
Read more...

UP PHD CET Exam New Date 1 june 2012


Ph D Entrance Exam Conducted by Avadh University will be on 1st June 2012

पीएचडी की परीक्षा एक जून को अवध विश्र्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली पीएचडी में प्रवेश की संयुक्त पात्रता परीक्षा एक जून को आयोजित की जाएगी। पहले यह परीक्षा 29 अप्रैल को आयोजित की जानी थी। इस परीक्षा के जरिए राज्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश लिए जाएंगे। इसकी सूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जल्द उपलब्ध करा दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश में पीएचडी खातिर होखे वाली पात्रता परीक्षा अब एक जून के होखी. परीक्षा डा॰ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय संचालित 
************
पांच घंटे की होगी पीएचडी पात्रता परीक्षा

प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में शोध करने की मंशा पाले छात्र-छात्राओं को पहली बार आयोजित होने वाली पीएचडी पात्रता परीक्षा को हर हाल में उत्तीर्ण करनी होगी। पंजीकरण के लिए एक जून को आयोजित होनी वाली पात्रता परीक्षा पांच घंटे की है। पहला प्रश्न पत्र दो घंटे तथा दूसरा तीन घंटे में हल करना होगा। तकरीबन नेट परीक्षा के पैट्रर्न पर आयोजित होने वाली इस परीक्षा में अभ्यर्थियों को निगेटिव मार्किंग से छूट दी गई है।
काबिलेगौर है कि पहली बार आयोजित होने वाली पीएचडी परीक्षा में अभ्यर्थियाें को दो प्रश्न पत्रों की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। रिसर्च एप्टीट्यूड व सामान्य अभिरुचि की जानकारी पर आधारित प्रथम प्रश्न पत्र एक जून को सुबह आठ बजे से 10 बजे तक तथा विषय पर आधारित दूसरा प्रश्नपत्र दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक रहेगा। पहले प्रश्न पत्र में सौ-सौ तथा दूसरे में विषय से ही दो सौ मल्टीपल च्वाइस के प्रश्न पूछे जाएंगे। अभ्यर्थी तभी परीक्षा उत्तीर्ण कर सकेगा, जब उसे दोनाें प्रश्न पत्रों में कम से कम 40 फीसदी अंक तथा दोनों में औसतन 50 फीसदी अंक हासिल होंगे। इसमें एस व एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को पांच फीसदी अंकों की छूट दी गई है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय इस परीक्षा का भी आयोजन कर रहा है। 37 विषयों में शोध पंजीयन के लिए प्रदेश के दर्जनभर केंद्रों पर 98 हजार परीक्षार्थी एक जून को परीक्षा देंगे। विश्व विद्यालय के रजिस्ट्रार ने बताया कि यह अद्यतन जानकारी विवि के वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी गई है।
Read more...

Sunday, April 29, 2012

UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों के फेसले का दिन न्याय के मंदिर में - 30 अप्रेल 2012


UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों  के फेसले  का दिन न्याय के मंदिर में  - 30 अप्रेल 2012

लगता है कल अदालत का निर्णय टीईटी अभ्यर्थीयों के लिये भारी राहत लेकर आएगा 
इससे पहले भी एक बार अदालत टीईटी अभ्यर्थीयों के हितों का ध्यान रखते हुए विज्ञापन में संशोधन का निर्णय दे चुका है 
जिसमें अभ्यर्थीयों को ५ जिलों के स्थान पर सभी जिलों में आवेदन की छूट दी गयी थी 

टीईटी अभ्यर्थीयों की तादाद व उनकी परेशानीयों (जिसमें आवेदन शुल्क , मेहनत परीक्षा उत्तीर्ण  करने में व् आवेदन के दोरान  परेशानीयां , समय इत्यादि शामिल है )  को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि विज्ञापन एक बार पुन : संशोधित हो सकता है या कोई जनहित में निर्णय  (और अधिकारीओं की गलती,  अभ्यर्थीयों को न भुगतनी पड़े ) आ सकता है |

 शायद कल फेसले के दिन हो ( क्योंकी इलाहबाद हाई कोर्ट डबल बेंच ने इस मामले को शीघ्र हल करने पर जोर दीया है |
और उसके बाद भर्ती प्रक्रिया पुन:  प्रारंभ हो सकती है , जिसमें काउंसलिंग के जरिये नियुक्ति पात्र दीये जाने बाकि हैं 
Read more...

UPTET : नियुक्ति की मांग को लेकर डटे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी


UPTET : नियुक्ति की मांग को लेकर डटे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी

चारबाग स्टेशन पर घण्टों मची रही अफरा-तफरी
धरना स्थल पर शुरू किया आमरण अनशन, प्रशासन ने की दबाव बनाने की कोशिश छावनी में तब्दील हुआ धरना-स्थल

लखनऊ (एसएनबी)। टीईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर शनिवार को हजारों की संख्या में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी राजधानी पहुंचे। अभ्यर्थियों ने धरना स्थल पहुंचकर अनशन शुरू कर दिया है तथा वे मुख्यमंत्री से वार्ता की जिद पर अड़े हैं। इस दौरान प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें धरना स्थल से हटाने का प्रयास किया लेकिन टीईटी अभ्यर्थी डटे रहे। भारी भीड़ के कारण चारबाग स्टेशन पर घण्टों अफरा-तफरी मची रही। ज्ञात हो गत दिनों टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने टीईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर आमरण अंशन शुरू किया था जो आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। मोर्चा को सदस्य सुरेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि गत पांच अप्रैल को मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के दौरान आश्वासन मिला था कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर 21 दिनों में पूर्व में जारी विज्ञप्ति के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया के निर्देश दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि निर्धारित अवधि पूरी हो चुकी है तथा अभी तक नियुक्ति के लिए किसी भी तरह के निर्देश नहीं दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि एनसीटीई द्वारा नियुिक्त प्रक्रिया के लिए दिया गया समय भी धीरे-धीरे पूरा होने की कगार पर पहुंच गया है। उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पास मात्र जून माह तक ही समय रह गया है लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है जिससे अभ्यर्थियों में आक्रोश व्याप्त है। पूर्व में जारी विज्ञप्ति के अनुसार टीईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर शनिवार को प्रात: सात बजे से ही हजारों अभ्यर्थियों की भीड़ चारबाग रेलवे स्टेशन पर एकत्र हो गयी। बड़ी संख्या में इनकी मौजूदगी से चारबाग स्टेशन पर भी अफरा-तफरी मची रही। इसके बाद जब वे धरना स्थल की ओर कूच करने लगे तो उनकी पुलिस बल के साथ नोकझोंक भी हुई। लगभग ग्यारह बजे के बाद अभ्यर्थी धरना स्थल पहुंचे तथा अनशन पर बैठ गये। इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के धरना-स्थल पहुंचने पर यहां का माहौल गरम हो गया तथा धरना-स्थल छावनी में तबदील हो गया। इस दौरान धरना स्थल पर भी प्रशासन व पुलिस अधिकारियों द्वारा अभ्यर्थियों पर दबाव बनाकर हटाने की कोशिश की गयी लेकिन अभ्यर्थी डटे रहे। शाम के समय स्थिति तनावपूर्ण हो गयी लेकिन नियंतण्रमें रही। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के एकत्र हो जाने से धरना स्थल पर उन्हें पेयजल सहित भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अभ्यर्थियों को पीने के लिए एक टैंकर पानी की व्यवस्था भी की गयी लेकिन वह भी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई। हालांकि देर रात तक अभ्यर्थी धरना स्थल पर ही डटे रहे। उनका कहना है कि बिना निर्णय वह वापस नहीं जाएंगे। क्ष्/द्रऊ

News : Sahara Samay Live (29.4.12)
News provided by a facebook user.
Read more...

UPTET : टीईटी बेरोजगारों / आंदोलनकारियों के आगे टीईटी नेता फेल


UPTET : टीईटी बेरोजगारों / आंदोलनकारियों के आगे टीईटी नेता फेल

न्यूज़ साभार - युवा दस्तक 


लखनऊ। प्रदेश भर से टीईटी बेरोजगारों ने अचानक लखनऊ आकर डेरा जमा लिया। 30 को राज्‍य सरकार काउंटर लगाइए। पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना विधान सभा के सामने धरना देने जा रहे हजारों युवाओं को पुलिस ने चार बाग रेलवे स्‍टेशन पर ही शनिवार सुबह हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही टीईटी बेरोजगारों के रेले के आगे पुलिस की फौज भी छोटी साबित होने लगी। इसके बाद पुलिस खुद छात्र एवं छात्राओं को विधान सभा के सामने धरना स्‍थल तक पहुंचाया

प्रशासन ने सप्‍ताह भर में वार्ता का समय देकर वापस जाने की चेतावनी दी। इसके बाद टीईटी नेता तो प्रशासन की हां में हां मिलाते दिखे लेकिन प्रदेश भर से जुटे आंदोलनकारियों ने विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया। धरना स्‍थल पर ही नेताओं की बात से इंकार करते हुए प्रदेश भर से जुटे युवाओं ने हंगामा कर दिया। इसके बाद नेताओं ने आंदोलन की बागडोर आंदोलनकारियों के हाथ में सौंपने की पेशकश कर हाईकोर्ट की अगली सुनवाई तक अनशन करने पर सह‍मति प्रकट की

टीईटी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के मामले में हाईकोर्ट में आगामी 30 अप्रैल को सुनवाई होनी है। वहीं प्रदेश सरकार के निर्देश पर मुख्‍य सचिव की अध्‍यक्षता में हाई पावर्ड कमेटी कमेटी की गई है। जो पूरे मामले पर कोर्ट के सामने पक्ष रखेगी। हालांकि हाल ही में मुख्‍य सचिव की ओर भर्ती प्रक्रिया को निरस्‍त करने की सिफारिश के बाद अचानक टीईटी आंदोलनकारियों का भरोसा सरकारी मशीनरी से उठ गया। टीईटी बेरोजगारों ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए शनिवार को मोर्चा खोल दिया

प्रदेशभर से युवा सुबह से ही चार बाग रेलवे स्‍टेशन पर जमा होने लगे। यहां पर यात्रियों और आंदोलनकारियों की फौज के कारण पुलिस के हाथ पैर ढीले हो गए। दूसरी ओर टीईटी बेरोजगार बिना अनु‍मति के मांगे पूरी होने तक हटने को तैयार नहीं थे। बाद में टीईटी बेरोजगारों ने विधान सभा में धरना शुरू कर दिया। यहां पर आपसी मतभेदों के बाद आखिरकार नेताओं को आंदोलनकारियों की बात मानने पड़ी। फिलहाल कोर्ट की सुनवाई होने तक 30 अप्रैल तक विधान सभा के सामने धरना जारी रखने का फैसला लिया गया है


News : http://yuvadastak.com/new/?p=2688
न्यूज़ साभार - युवा दस्तक . कॉम (29.4.12)
Read more...

HTET : नहीं तो 1 मई को रोहतक में सामूहिक आत्मदाह करेंगे अध्यापक


HTET : नहीं तो 1 मई को रोहतक में सामूहिक आत्मदाह करेंगे अध्यापक

हिसार -पात्र अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल आज अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से मिला और उन्हें संघ की सभी मांगों को 1 मई से पहले पूरा करने की बात कही। संघ की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने शिक्षा मंत्री को कहा कि अगर पात्रता परीक्षा पास न करने वालों को भी शिक्षक भर्ती में शामिल किए जाने के नियम को सरकार वापस नहीं लेती तो वे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 मई के दिन रोहतक में सामूहिक आत्मदाह करेंगे।

उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री ने उनकी 2 मुख्य मांगों पर जल्द विचार कर उन्हें सूचना देने का आश्वासन दिया है। इनमें मुख्य रूप से 12 सप्ताह की गर्भवती महिलाओं के शिक्षक भर्ती में शामिल न किए जाने के नियम को खत्म करने की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा निजी स्कूलों के 4 साल के शैक्षिक अनुभवी शिक्षकों को सरकार की नियमित भर्ती में योग्य न मानने की मांग पर जल्द मुख्यमंत्री से विचार मंथन करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि 1 मई के संघ के कार्यक्रम को सफल रूप देने और सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए वे प्रदेश के हर जिले में पात्र अध्यापकों से संपर्क कर रहे हैं। 

इसके अलावा पंचकूला स्थित शिक्षा सदन पर भी 19 अप्रैल से पात्र अध्यापकों द्वारा शोक सभा की जा रही है, जो 30 अप्रैल तक जारी रहेगी। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सरकार ने वर्ष 2008 में प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा लागू की थी। पात्रता परीक्षा को लागू करने वाली सरकार अब अध्यापक भर्ती में एचटैट की छूट देकर चार वर्ष के अनुभव रखने वाले शिक्षकों को मौका दे रही है। ऐसा नियम गैर सवैधानिक है और पात्र अध्यापकों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि सरकार यह नियम बनाकर सीधे रूप से अतिथि अध्यापकों को फायदा पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में 12 सप्ताह की गर्भवती महिला को नौकरी के लिए अस्थाई रूप से अनफिट घोषित कर महिलाओं का घोर अपमान किया है। इस सर्विस रूल को भी संघ किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा। शिक्षा मंत्री से मिलने गए संघ के प्रतिनिधिमंडल में संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा, अनिल एहलावत, गुरदीप, राकेश, रविन्द्र, प्रेम एहलावत व जसपाल उपस्थित थे।

News : ramatimes.com / http://ramatimes.com/?p=38198

*****************
It is really shocking to hear. And a solution should be come out as a remedy measure to stop this type of thinking/incident to happen.
Read more...

Rajasthan Teachers Recruitement : RTET again in July 2012 before 20 thousand teachers recruitment


शिक्षक भर्ती: जुलाई में टेट, फिर होंगी 20 हजार भर्तियां!
(Rajasthan Teachers Recruitement : RTET again in July 2012 before 20 thousand teachers recruitment )

जयपुर.राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण में 20 हजार भर्तियां करने से पहले टेट का आयोजन करेगी। इसका आयोजन जुलाई में होगा और नोडल एजेंसी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ही रहेगा। बोर्ड के सैकंडरी और सीनियर सैकंडरी परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के साथ ही टेट के लिए तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी। प्रदेश में फिलहाल प्रक्रियाधीन 41 हजार शिक्षकों की भर्ती में महज तीन लाख टेट उत्तीर्ण अभ्यार्थियों के शामिल होने से सरकार पर अगली टेट को लेकर भारी दबाव है

शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अशोक संपतराम ने बताया कि शिक्षक भर्ती का दूसरा चरण शुरू होने से पहले ही टेट का आयोजन कर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में छात्रों को शिक्षक भर्ती में शामिल होने का मौका मिल सकेगा। इस संबंध में विभागीय स्तर पर फैसला कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि टेट जुलाई के अंतिम सप्ताह में संभावित है और इसकी तिथि कुछ दिनों में तय कर ली जाएगी।
फिलहाल बोर्ड की पहली प्राथमिकता समय पर परिणाम तैयार करना है, ऐसे में जल्दबाजी में टेट नहीं कराई जा सकती। अगली टेट में उन अभ्यार्थियों को भी अंक सुधार का मौका मिलेगा जो कम अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं। शिक्षक भर्ती में टेट का 20 प्रतिशत अंक भार होने से यह चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

शिक्षक भर्ती परीक्षा तिथि अब तय होगी 
41 हजार शिक्षकों की आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब परीक्षा तिथि का निर्धारण एक-दो दिनों में कर लिया जाएगा। परीक्षा मई के अंतिम सप्ताह में संभावित है। अधिकारी फिलहाल मई के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित सभी परीक्षाओं के कलंडर खंगालने लगे हैं जिससे परीक्षा तिथि का अन्य परीक्षाओं से किसी प्रकार का टकराव नहीं हो। पंचायतीराज विभाग की आयुक्त अपर्णा अरोड़ा ने बताया कि फिलहाल मंत्री बाहर हैं और उनसे चर्चा के बाद एक-दो दिन में तिथि घोषित कर दी जाएगी।

विषयवार पाठ्यक्रम निर्धारित नहीं होने से अभ्यर्थी परेशान: 
शिक्षक भर्ती के लिए विषयवार पाठ्यक्रम निर्धारित नहीं होने से परीक्षा की तैयारी में लगे अभ्यार्थियों को खासी परेशानी आ रही है। वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर प्रश्न किस टॉपिक से पूछ लिए जाएंगे। इस संबंध में अभ्यार्थियों ने विभाग को शिकायत भी दर्ज कराई है। हालांकि यह पहले ही तय हो चुका है कि विषयवार पाठ्यक्रम घोषित नहीं किया जाएगा। हर विषय में सैकंडरी स्तर तक के प्रश्न पूछे जाएंगे।


News : Bhaskar.com ( 26.04.12)
Read more...