प्रतापगढ़। प्राइमरी स्कूलों में अब शिक्षक बनना आसान नहीं रह गया है। विभाग के नए फरमान ने अभ्यर्थियों को परेशानी में डाल दिया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य होने से विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों की तैनाती में रोड़ा अटक गया है। 99 अभ्यर्थी कभी डायट तो कभी बीएसए कार्यालय का चक्कर लगा रहेहैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने का मानक तैयार करके भले ही शासन ने एक सराहनीय कदम उठाया है, लेकिन इस मानक ने सैकड़ों अभ्यर्थियों को करारा झटका दिया है। पिछले वर्ष 13 नवंबर को आयोजित टीईटी परीक्षा में भले ही लाखों लोग शामिल हुए हों, लेकिन जो नौकरी की चौखट तक पहुंचे थे वे इस परीक्षा और नौकरी से वंचित हो रहे हैं। अधिकांश अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण लेने के बाद भी नौकरी नहीं मिलेगी। इसमें वे लोग शामिल होंगे जिन्होंने 45 प्रतिशत से कम अंक होने के बाद भी शिक्षामित्र की नौकरी पा ली और दस अंक की छूट मिलने पर विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। वर्ष 2007-08 में विशिष्ट बीटीसी में प्रशिक्षण लेने वाले पहले चरण के अभ्यर्थियों को तो नियुक्ति पत्र दे दिया गया लेकिन 99 अभ्यर्थियों का सितंबर माह में प्रशिक्षण पूरा हुआ उनको नौकरी नसीब नहीं हो पा रही है। डायट से प्रशिक्षण लेकर बीएसए कार्यालय पहुंचने वाले अभ्यर्थियों को 12 अक्तूबर को काउंसिलिंग के लिए विज्ञापन जारी करके बुलाया गया, लेकिन फिर इसे निरस्त कर दिया गया। बीएसए अशोक नाथ तिवारी ने बताया कि शासन का फरमान आया है कि टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
News : Amar Ujala ( 1.5.12)
Bahut sahi nirday hai ..
ReplyDeleteAUR YE SAAT JANMO MEIN BHI TET EXAM NAHI PASS KAR SAKTE HAIN.
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