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Friday, October 21, 2011

Delhi MCD Teacher Recruitment Final Result

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Delhi MCD Contract Teacher Recruitment - Primary Teachers and Education Department of Municipal Corporation of Delhi

Many Candidates are searching there result for selection for there online application filled in August month.

Please see news for the same -

गत महीने अनुबंध आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली की शिकायतें जिस तरह मिली इस बार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में आवेदन के साथ 100 रुपये पंजीकरण शुल्क रखा जाएगा। ताकि गंभीर आवेदक ही आवेदन कर सकें
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Another News -
एमसीडी ने अपने स्कूलों के लिए अनुबंध के आधार पर 1300 शिक्षकों की ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया में फर्जी जानकारी देने वाले अभ्यार्थियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इसके तहत विभिन्न जोनों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है कि वे आवेदकों के प्रमाण पत्रों की गंभीरता से जांच करें और फर्जी प्रमाण पत्र वाले अभ्यार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं।

दरअसल, इस भर्ती प्रक्रिया के लिए लगभग 48 हजार अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से मेरिट लिस्ट में 2042 छात्रों की सूची तैयार की गई, लेकिन जांच के दौरान महज 1393 अभ्यर्थी ही एमसीडी कार्यालय में पहुंचे। माना जा रहा है कि जो अभ्यर्थी अपने प्रमाण पत्रों की जांच के लिए नहीं पहुंचे, उनमें से अधिकांश ने फर्जी तरीके से आवेदन किया था और एमसीडी की वेबसाइट पर गलत जानकारी उपलब्ध कराई थी।

एमसीडी में शिक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नागपाल के मुताबिक मेरिट लिस्ट में शामिल होने वाले अभ्यार्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए एमसीडी के कर्मचारी अन्य राज्यों में भी गए हैं। फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सही साबित होने पर संबंधित अभ्यार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

बताया जा रहा है कि सामान्य वर्ग में 1034 अभ्यार्थियों में से 358 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहें, वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के 504 में से 123, अनुसूचित जाति वर्ग के पदों के लिए 308 अभ्यार्थियों में से 91 और अनुसूचित जनजाति के 154 अभ्यार्थियों में से महज 92 लोग ही उपस्थित हुए।

News source : http://www.bhaskar.com/article/DEL-case-will-be-filed-against-bogus-applicants-2497985.html
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दिल्ली नगर निगम में अध्यापक बनेंगी कैटरीना कैफ

नई दिल्ली। क्या बॉलिवुड की टॉप अभिनेत्री कैटरीना कैफ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में टीचर की नौकरी करेंगी। एमसीडी के एजुकेशन डिपार्टमेंट को इस बारे में आवेदन मिला है। फिल्मी दुनिया के पर्दे पर धमाल मचा रहीं इस खूबसूरत अभिनेत्री की नई ख्वाहिश से एमसीडी के तमाम अधिकारी हैरान हैं, तो कुछ अभी से ही उनकी एक झलक पाने को बेताब नजर आ रहे हैं। हालांकि, एमसीडी में टीचर पद के आवेदन करने वाली कैटरीना असली है या नकली इस तथ्य की जांच में एमसीडी का पूरा महकमा जुटा हुआ है। एमसीडी एजुकेशन डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मिले आवेदन की जब लिस्ट देखी तो वह हैरान रह गए। उन्हें पहचानना मुश्किल नहीं था। नाम के साथ फोटो देखते ही सभी पहचान गए। इसके बाद संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में बताया गया। उन्होंने भी देखा तो फोटो और नाम तो कैटरीना कैफ का ही था, लेकिन उसमें दिया गया पता हरियाणा का है। इसी से संदेह हुआ। अधिकारियों ने बाकी बचे आवेदनों की भी जांच की तो उनके सामने और भी हैरान करने वाले तथ्य सामने आए। मसलन, कई आवेदन फॉर्म में आवेदन करने वाले कैंडिडेट की तस्वीर की जगह, कुत्ते, बिल्ली, गाय की तस्वीरें लगी हुई थीं। कई ने तो अधिकतम मॉर्क्स से दुगना मार्क्स हासिल करने वाली जानकारी दी है। उदाहरण के तौर पर एक आवेदन में अधिकतम 600 अंक में से 1200 अंक हासिल करने का दावा किया है। अधिकारियों का कहना है कि ऎसे भी कई कैंडिडेट्स हैं, जिन्होंने कई-कई आवेदन किए हैं। एमसीडी की एजुकेशन कमेटी के चेयरमैन डॉ. महेंद नागपाल ने स्वीकार किया है कि अभिनेत्री कैटरीना कैफ की तस्वीर के साथ आवेदन मिला है। वैरीफिकेशन का काम शुरू कर दिया गया है। अगले 10-15 दिनों में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इस महीने चुने गए शिक्षकों की बहाली कर दी जाएगी।
News Source : http://www.khaskhabar.com/katreena-kaif-102011011238011141.html
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जांच की आंच से घबराकर नहीं आए गुरुजी

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में अनुबंध आधार पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद चयनित आवेदकों में से करीब एक तिहाई चोरी पकड़े जाने के डर से प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराने पहुंचे ही नहीं। ऐसे में शिक्षा विभाग के समक्ष अनुबंध आधार पर शिक्षकों के खाली 1600 पदों को भरना चुनौती बन गया है। शिक्षकों की भर्ती के लिए अगस्त महीने में आवेदन मंगाए गए थे। 59,015 प्राप्त ऑनलाइन आवेदन में से गत 20 व 24 सितंबर को क्रमश: नर्सरी व प्राथमिक शिक्षकों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। अभ्यर्थियों को अपने प्रमाणपत्र की जांच कराने के लिए एमसीडी के संबंधित जोनल कार्यालय में गत सप्ताह बुलाया गया था। जिसमें से करीब एक तिहाई आवेदक नहीं आए। चयनित अभ्यर्थियों की सूची में जिस तरह कई तरह की अनियमितता सामने आई और इसे देखते हुए गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ एमसीडी प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराने की बात पहले ही कह दी है। वह आवेदक जिन्होंने गलती से या फिर जानबूझ कर शैक्षणिक योग्यता तथा अनुभव आदि के बारे में गलत जानकारी आवेदन में दी थी, वह जोनल कार्यालय में सत्यापन के लिए पहुंचे ही नहीं। नौ जोन में सत्यापन का काम पूरा हो चुका है। चयनित 1767 अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र की जांच के लिए बुलाया गया तो हाजिर हुए सिर्फ 1195 अभ्यर्थी। बाकी 572 सत्यापन के लिए नहीं पहुंचे। एमसीडी की शिक्षा समिति के चेयरमैन महेंद्र नागपाल के अनुसार एमसीडी के 12 में से नौ जोन में सत्यापन का काम पूरा हो चुका है। बाकी तीन जोन में प्रमाण पत्रों के सत्यापन का काम अगले सप्ताह शुरू होगा। इसके बाद भी अगर रिक्त पद रह जाएंगे तो उन्हें भरने के लिए दोबारा विचार किया जाएगा। नागपाल कहते हैं कि पहली बार ऑनलाइन चयन प्रक्रिया होने से कुछ अनियमितताएं की शिकायत आईं है। मगर यह भी साफ है कि जिन्होंने गड़बड़ी की वह बचेंगे नहीं। मालूम हो कि अनुबंध के आधार पर नर्सरी व प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया के दौरान अनियमितता का मामला सामने आया था। दैनिक जागरण ने जब एमसीडी द्वारा जारी सूची की पड़ताल की तो तमाम ऐसे तथ्य सामने आए जिससे कई आवेदक प्रथमदृष्टया ही फर्जी साबित हो रहे थे। जारी सूची में ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं जिन्होंने एक से अधिक आवेदन किए और चयनित अभ्यर्थियों की सूची में भी एक से अधिक बार उनके नाम भी शामिल कर लिए गए। इसके अतिरिक्त बड़ी तादाद में ऐसे आवेदक भी हैं जिन्होंने हाईस्कूल से लेकर बीएड, बीएलएड, ईटीई, एनटीटी जैसी अर्हता परीक्षाओं में से एक से अधिक परीक्षाएं एक ही वर्ष में पास की हैं। उनका नाम भी चयनित लोगों की सूची में है। इतना ही नहीं अर्हता परीक्षा में भी अधिकतम अंक को घटाकर बताया गया जिससे उनके प्राप्तांक अपने आप ज्यादा हो गए। ऐसे लोगों को सूची में टॉपर्स के साथ रखा गया है।
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Thursday, October 20, 2011

अनुमान से ज्यादा मिले टीईटी आवेदन

अनुमान से ज्यादा मिले टीईटी आवेदन (Applications received more than anticipated TET Exam)

झांसी। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में झांसी व चित्रकूट मंडल के चौंसठ हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। फार्मों की यह संख्या माध्यमिक शिक्षा महकमे के अनुमान से कहीं अधिक है। इसे देखते हुए विभाग ने फार्मों को सूचीबद्ध करने के काम पर एक दर्जन कर्मचारियों को और लगा दिया है।
प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक बनने की पात्रता हासिल करने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। बीएड डिग्रीधारियों के लिए प्रदेश में यह परीक्षा पहली बार आयोजित की जा रही है। इसकी जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा विभाग को सौंपी गई है। अंतिम तिथि 18 अक्तूबर तक विभाग को झांसी व चित्रकूट मंडल के सभी जनपदों के चौंसठ हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। जबकि, विभाग का अनुमान पचास हजार के इर्दगिर्द था तथा इसी हिसाब से दो दर्जन कर्मचारियों व शिक्षकों के अतिरिक्त स्टाफ को प्राप्त आवेदन पत्रों को सूचीबद्ध करने के काम पर लगाया था। लेकिन, आवेदन पत्रों की संख्या बढ़ने पर विभाग ने एक दर्जन का स्टाफ और बढ़ा दिया है। संयुक्त शिक्षा निदेशक मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि यह काम तेइस अक्तूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद अगला कार्यक्रम बोर्ड द्वारा भेजा जाएगा।
News Source: http://www.amarujala.com/city/Jhansi/Jhansi-15351-24.html
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टीईटी में संस्कृत की उपेक्षा पर जताया आक्रोश

टीईटी में संस्कृत की उपेक्षा पर जताया आक्रोश 
 ( Anger over neglecting Sanskrit subject in TET Exam )

सुखपुरा (बलिया) : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में संस्कृत को शामिल नहीं किये जाने व बेसिक शिक्षा विभाग के संस्कृत को शामिल करने के प्रस्ताव पर अभी तक शासन की सहमति नहीं मिलने से संस्कृत स्नातकों में शासन के प्रति तीव्र आक्रोश है। श्री राधा कृष्ण आदर्श संस्कृत महाविद्यालय सुखपुरा परिसर में प्राचार्य बरमेश्वर नाथ पांडेय की अध्यक्षता में संस्कृत स्नातकों की बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा संस्कृत की उपेक्षा पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गयी। वक्ताओं ने कहा कि जब हिन्दी के अलावा अंग्रेजी व उर्दू को शामिल किया गया है तो संस्कृत के साथ सौतेला व्यवहार क्यों। वक्ताओं ने कहा कि बिहार ने भी टीईटी परीक्षा में संस्कृत को शामिल किया था। क्या बिहार सरकार से यह सरकार सबक नहीं ले सकती। कहा कि संस्कृत स्नातकों के तीव्र विरोध के कारण बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश सरकार को टीईटी परीक्षा में संस्कृत को शामिल करने का एक प्रस्ताव एक हफ्ता भर पूर्व भेजा भी था बावजूद इसके प्रदेश सरकार ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। शासन की इस उदासीनता के कारण हजारों संस्कृत स्नातक परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे और उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। बैठक को पिंटू पांडेय, आचार्य लालबुची यादव, राजेश शास्त्री ने भी संबोधित किया। संचालन केपी चमन ने किया।
News Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8375498.html
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Haryana Teacher/PGT/Principal Recruitment 2011 Last Date:28-Oct-2011

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Haryana Teacher Recruitment 2011

HIRING OF TEACHING STAFF FOR AAROHI MODEL SCHOOLS IN HARYANA
Last Date : 28-October-2011 (Apply Online)
The state of Haryana has set up 36 Special Schools called AAROHI MODEL SCHOOLS in the Educationally Backward Blocks (EBB) of the state. These are progressive, secular, child centered co-educational schools committed to providing quality education. These schools have been setup under the Central Govt. Scheme of Creation of 6000 Model Schools in EBB’s/

Applications are invited for the post of one Principal each for all schools and various teaching posts of Post Graduate Teacher (PGT) in each school as per the details below -

SCERT (State Council of Educational Research and Training) Haryana will conduct the selection process for the recruitment of Post Graduate Teachers (PGT) and Principal in AAROHI Model Schools at its official address given below:
SCERT, Opposite Panchayat Bhawan, Sohna Road, Gurgaon, 122001
Selection process will start from 10 AM onwards according to the following date sheet :
October 31- Hindi, Physics, Chemistry, Commerce and Political Science.
November 1- Computer Science, Mathematics, Geography, Music, Urdu and Punjabi.
November 2- English, Economics, Fine Arts, Sanskrit, History, Biology and Physical Education.
Eligibility Requirements for these posts are following:
Principal
  • First class in graduation and at least 55 percent in Post Graduation.
  • B Ed. with 55 percent
  • Matric with Hindi/ Sanskrit or must have studied Hindi in 10+2/ BA/ MA.
  • Fluency in English.
  • Teaching Experience of 10 to 15 years in a government school / recognized school with 5 years of proven experience in administrative capacity.
Age Limit- 21 to 45 years
Salary: Rs. 21600
Post Graduate Teacher
  • First class in graduation and at least 55 percent in Post Graduation in the concerned subject.
  • B Ed. with 55 percent recruitment.
  • Matric with Hindi/ Sanskrit or must have studied Hindi in 10+2/ BA/ MA.
  • Teaching Experience of 2 years
  • Fluency in English
  • Must have qualified TET in the concerned subject.
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Haryana Teacher/PGT/Principal Recruitment 2011 Last Date:28-Oct-2011

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Haryana Teacher Recruitment 2011

HIRING OF TEACHING STAFF FOR AAROHI MODEL SCHOOLS IN HARYANA
Last Date : 28-October-2011 (Apply Online)
The state of Haryana has set up 36 Special Schools called AAROHI MODEL SCHOOLS in the Educationally Backward Blocks (EBB) of the state. These are progressive, secular, child centered co-educational schools committed to providing quality education. These schools have been setup under the Central Govt. Scheme of Creation of 6000 Model Schools in EBB’s/

Applications are invited for the post of one Principal each for all schools and various teaching posts of Post Graduate Teacher (PGT) in each school as per the details below -

SCERT (State Council of Educational Research and Training) Haryana will conduct the selection process for the recruitment of Post Graduate Teachers (PGT) and Principal in AAROHI Model Schools at its official address given below:
SCERT, Opposite Panchayat Bhawan, Sohna Road, Gurgaon, 122001
Selection process will start from 10 AM onwards according to the following date sheet :
October 31- Hindi, Physics, Chemistry, Commerce and Political Science.
November 1- Computer Science, Mathematics, Geography, Music, Urdu and Punjabi.
November 2- English, Economics, Fine Arts, Sanskrit, History, Biology and Physical Education.
Eligibility Requirements for these posts are following:
Principal
  • First class in graduation and at least 55 percent in Post Graduation.
  • B Ed. with 55 percent
  • Matric with Hindi/ Sanskrit or must have studied Hindi in 10+2/ BA/ MA.
  • Fluency in English.
  • Teaching Experience of 10 to 15 years in a government school / recognized school with 5 years of proven experience in administrative capacity.
Age Limit- 21 to 45 years
Salary: Rs. 21600
Post Graduate Teacher
  • First class in graduation and at least 55 percent in Post Graduation in the concerned subject.
  • B Ed. with 55 percent recruitment.
  • Matric with Hindi/ Sanskrit or must have studied Hindi in 10+2/ BA/ MA.
  • Teaching Experience of 2 years
  • Fluency in English
  • Must have qualified TET in the concerned subject.

Age Limit- 21 to 40 years.
Salary: Rs. 16890
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Wednesday, October 19, 2011

हिंदी वालों के खिलाफ षड्यंत्र – सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट

हिंदी वालों के खिलाफ षड्यंत्र – सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट
(Conspiracy in Civil Service Test for Hindi Language Candidates)

सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली के लिए संघ लोक सेवा आयोग ने सन 2000 में वाईके अलघ के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी, जिसने अक्टूबर 2001 में अपनी रिपोर्ट यूपीएससी को सौंपी थी। अलघ कमेटी ने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में कुछ परिवर्तन सुझाए थे। इन सुझावों को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए सरकार ने 2011 की प्रारंभिक परीक्षा के स्वरूप में बदलाव की घोषणा की है। फिलहाल मुख्य परीक्षा को नहीं छेड़ा गया है। प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे प्रश्नपत्र के रूप में जहां परीक्षार्थी को किसी एक विषय का चुनाव करना पड़ता था, वहीं अब उसकी जगह सिविल सर्विस एप्टीट्यूट टेस्ट देना होगा। इस पेपर को शामिल किए जाने के पक्ष में एक सामान्य तर्क तो यही है कि इससे परीक्षार्थियों के चरित्र, निर्णय लेने की क्षमता, तार्किक क्षमता, समस्याओं के समाधान, मानसिक योग्यता व दृढ़ता, कम्यूनिकेशन स्किल्स, सामान्य समझ तथा गणित की सामान्य योग्यता आदि की जांच की जा सकेगी। यह पेपर बहुत कुछ ‘कैट’ की परीक्षा जैसा ही है।


इस प्रश्नपत्र को लागू किए जाने के पीछे मुख्य कारण यह है कि वैकल्पिक पेपर में स्केलिग की पद्धति लागू की जाती थी, ताकि किसी विषय विशेष के विद्यार्थी को न तो अतिरिक्त लाभ मिल सके और न ही किसी को कोई नुकसान उठाना पड़े। सूचना के अधिकार के तहत यूपीएससी से उसकी स्केलिग पद्धति की जानकारी मागी गई थी, जो वह अभी तक नहीं दे सकी है। निश्चित रूप से इससे आयोग की स्केलिंग पद्धति सदेह के घेरे में आ जाती है। अब प्रारंभिक परीक्षा में वैकल्पिक विषय को ही समाप्त करके इस संदेह से हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति पाने का प्रयास किया गया है। लेकिन यह सदेह तब तक पूरी तरह खत्म नहीं होगा जब तक कि सरकार इसकी मुख्य परीक्षा में भी अलघ कमेटी के सुझाव को लागू न करे, क्योंकि उसमें जब तक वैकल्पिक विषय रहेंगे, तब तक स्केलिग पद्धति रहेगी और जब तक यह पद्धति रहेगी तब तक सदेह भी बना रहेगा।


मैं सिविल सर्विस एप्टीट्यूट टेस्ट में शामिल उस खतरनाक तथ्य की ओर ध्यान दिलाना चाहूंगा, जो हमें एक बार फिर से लार्ड मैकाले की याद दिलाता है। इस एप्टीट्यूट टेस्ट के सात मुख्य बिंदु हैं। इनमें अंतिम और सातवां बिंदु है-इंग्लिश लैंग्वेज कम्प्रीहेसिव स्किल्स। सामान्यतया प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्र में वस्तुनिष्ठ किस्म के 150 प्रश्न पूछे जाते हैं। इस पेपर में प्रत्येक बिंदु से औसतन 20 प्रश्न पूछे जाएंगे। इस परीक्षा के जानकार लोगों को अच्छी तरह मालूम है कि जिस परीक्षा में हर साल लगभग चार लाख विद्यार्थी बैठते हों और जिसमें औसतन बारह हजार विद्यार्थियों का चयन होता हो, वहां एक-एक नंबर का अंतर कितना मायने रखता है। इस पेपर का एक प्रश्न दो नंबर का होता है। इस तरह यदि किसी विद्यार्थी की अंग्रेजी अच्छी नहीं है उसके चालीस नंबर पहले ही खत्म हो चुके होंगे। यहां मुद्दा यही है कि अच्छी अंग्रेजी न जानने वाले विद्यार्थी के चयन की सभावना बची ही नहीं रह जाएगी।


एप्टीट्यूट टेस्ट के समर्थकों का कहना है कि इसके लिए अंग्रेजी ज्ञान का स्तर केवल दसवीं कक्षा तक का है। यह सही नहीं है। जिस व्यक्ति को बहुत अच्छी अंग्रेजी नहीं आती, उसके लिए इसे हल कर पाना सभव नहीं है। अंग्रेजी के समर्थकों का यह भी कहना है कि अंग्रेजी जाने बिना केंद्र और राज्य का पत्राचार मुश्किल है। इस दलील में भी दम नहीं है। अपने 26 वर्ष के प्रशासकीय जीवन में मैंने 17 साल राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भवन जैसी सर्वोच्च सस्थाओं में बिताए है और मुझे यह कहने में गर्व व आत्मसतोष का अनुभव हो रहा है कि अंग्रेजी ज्ञान का अभाव मेरे रास्ते में कोई बाधा खड़ा नहीं कर सका। इस संबंध में प्रशासनिक चिंतक फ्रेडरिक रिग्स के विचारों को जानना जरूरी है। उन्होंने प्रशासन के सबध में पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण की बात कही थी और जिसे पूरी दुनिया ने विशेषकर विकासशील देशों ने खूब सराहा और लागू भी किया। रिग्स के अनुसार किसी भी देश की प्रशासनिक प्रणाली वहां की सामाजिक और सास्कृतिक परिस्थितियों से पैदा होनी चाहिए। इसलिए उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि विकसित देशों का प्रशासनिक स्वरूप विकासशील देशों के लायक नहीं हो सकता। अंग्रेजी का ज्ञान और प्रशासन की योग्यता के समानुपातिक संबंध का सिद्धांत न केवल मूर्खतापूर्ण है, बल्कि घोर षड्यत्रकारी भी है।


सन 1979 से सिविल सेवा परीक्षा के दरवाजे हिंदी एव भारतीय भाषाओं के लिए खोल दिए गए थे। 2008 की मुख्य परीक्षा के आकड़ों पर दृष्टिपात करने पर पता चलता है कि सभी के लिए अनिवार्य विषय सामान्य ज्ञान के प्रश्नपत्र में कुल 11,320 विद्यार्थी बैठे थे। इनमें से 5,117 विद्यार्थी हिंदी माध्यम के थे, 5,822 विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम के थे और शेष विद्यार्थी अन्य भाषाओं के थे। ये आकड़े बताते हैं कि अब हिंदी एव अन्य भारतीय भाषाओं के माध्यम से परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों की सख्या आधे से अधिक हो गई है। अंतिम रूप से चयनित विद्यार्थियों का अनुपात भी यही है।


स्पष्ट है कि अब जो एप्टीट्यूट टेस्ट लागू किया जा रहा है, उसमें इंग्लिश लैंग्वेज कम्प्रीहेसिव स्किल को चुपचाप बड़े खूबसूरत तरीके से शामिल कर इन पचास प्रतिशत विद्यार्थियों को हमेशा-हमेशा के लिए बाहर कर देने का एक बौद्धिक षड्यत्र रचा गया है। सरकार को अपने इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए ताकि भारतीय प्रशासन का स्वरूप न बिगड़ जाए और भारतीय प्रशासन भारतीयों के द्वारा और भारतीयों के लिए ही रहे।


सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली में संशोधन के कारण गैरअंग्रेजी भाषी छात्रों की असफलता सुनिश्चित मान रहे है डॉ. विजय अग्रवाल

News / Article Source : http://competitiontalkies.jagranjunction.com/2010/12/03/upsc-examination/
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माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में सदस्यों ने चलाये लात घूसे...

माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में सदस्यों ने चलाये लात घूसे...

इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी की चाहत ने दो सदस्यों को एक-दूसरे का दुश्मन बना दिया। कुर्सी के प्रबल दावेदार दो सदस्यों में शनिवार को पहले तूतू-मैंमैं हुई, फिर गालियां का दौर चला और बाद में लात घूंसे चले। इतने पर भी सदस्यों का जी नहीं भरा तो उन्होंने एक-दूसरे पर कुर्सियां फेंकी। जिस वक्त सदस्य गरिमा को तार-तार करने में लगे थे, 50 मीटर की दूरी पर सीमैट के सभागार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र शिक्षा अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। बवाल की सूचना पर वे बैठक बीच में ही छोड़कर सर्किट हाउस चले गए। चयन बोर्ड के अध्यक्ष समेत सारे सदस्यों को उन्होंने तलब किया गया। बंद कमरे में उन्होंने सदस्यों को जमकर फटकार लगाई।

चयन बोर्ड के अध्यक्ष चैनसुख भारती अगले महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके हटने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष कौन बनेगा, इस बात को लेकर बोर्ड में चर्चाओं का बाजार गर्म है। हर सदस्य खुद को प्रबल दावेदार बता रहा है। इसी बात को लेकर दो सदस्यों में तनातनी लंबे समय से चल रही है। शनिवार को साक्षात्कार चल रहा था। दोनों सदस्य आमने-सामने थे। एक सदस्य ने दूसरे पर कई गंभीर आरोप लगाए। फिर क्या था, दोनों आपस में भिड़ गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है दो वरिष्ठ सदस्यों के इस व्यवहार से वहां मौजूद हर व्यक्ति सकते में आ गया। बीचबचाव पर भी मामला शांत नहीं हुआ। इसी बीच किसी ने लखनऊ तक यह बात पहुंचा दी। लखनऊ से माध्यमिक शिक्षा मंत्री और निदेशक संजय मोहन के पास फोन आया। दोनों ने चयन बोर्ड के अध्यक्ष से बात की और सारे सदस्यों को सर्किट हाउस पहुंचने का निर्देश दिया। यहां करीब एक घंटे बंद कमरे में आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। सदस्यों ने नियुक्ति में धांधली से लेकर आर्थिक अनियमितता के आरोप भी एक दूसरे पर लगाए। बाद में मंत्री ने दोनों सदस्यों के बीच समझौता कराया। दोनों ने गले मिलकर एक-दूसरे से माफी मांगी। सूत्रों का कहना है कि मामला अभी शांत नहीं हुआ है। दोनों सदस्य एक दूसरे के खिलाफ सुबूत जुटा रहे हैं। यह लड़ाई और दिलचस्प हो सकती है।

News Source  : http://www.newsmitr.com/news_detail.php?id=722

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शिक्षक भर्ती हुए कम तैनाती में निकले ज्यादा

शिक्षक भर्ती हुए कम तैनाती में निकले ज्यादा - यह है आर टी आई   का दम ( Advertised requirement for teachers is less, But Selected are more, How ?
- what a a power of RTI Act (Right To Information)

चयन से अधिक अध्यापकों की तैनाती दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हुई है। ये शिक्षक दिल्ली सरकार व एमसीडी के स्कूलों में तैनात किए गए थे। इन विद्यालयों में अध्यापकों की कथित धांधली सूचना के अधिकार के तहत सामने आई है। सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली सेवा चयन बोर्ड, शिक्षा निदेशालय व एमसीडी से जवाब मांगा गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले आदेशों के बाद अब दिल्ली सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

इन तीनों विभागों से मिली रिपोर्ट एक दूसरे से मेल नहीं खाती और अधिक शिक्षकों की तैनाती होने का प्रमाण दे रही हैं। सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली के बरवाला गांव में रहने वाले धर्मवीर सिंह ने इस संबंध में सरकारी एजेंसियों से जवाब मांगा था। इनका बेटा पिछले चार वर्षों से अध्यापक की नौकरी पाने के लिए डीएसएसएसबी की परीक्षा दे रहा है। उन्होंने आरटीआई द्वारा एक जनवरी 2005 से एक जनवरी 2010 तक डीएसएसएसबी द्वारा अध्यापकों के किए गए चयन का विवरण मांगा था। डीएसएसएसबी ने दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों के लिए पोस्ट कोड संख्या 165/07 पर 25 सितंबर 2008 से 12 जुलाई 2010 के बीच अलग-अलग तिथियों में करीब 3069 अध्यापकों का चयन किया, जबकि दिल्ली नगर निगम ने इसी पोस्ट कोड पर 31 अक्टूबर 2008 से 2 अगस्त 2010 के बीच करीब 3093 अध्यापकों को नियुक्त किया, जो कि चयनित अध्यापकों की संख्या से करीब 24 अध्यापक ज्यादा है। इसी तरह डीएसएसएसबी ने वर्ष 2006-07 में शिक्षा निदेशालय दिल्ली के लिए पोस्ट कोड संख्या 57/06 पर 663 अध्यापकों का चयन किया। जबकि शिक्षा निदेशालय ने उसी पोस्ट कोड पर 665 अध्यापकों की नियुक्त कर दी, जिसमें दो नियुक्तियां ज्यादा हैं। धर्मवीर ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री से की है।
News Source : http://www.livehindustan.com/news/edu/news/article1-story-269-269-165177.html
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एचबीटीआई में चयन में धांधली उजागर

एचबीटीआई में चयन में धांधली उजागर ( HBTI Faculty Jobs Selection under Corruption / Bungling)

कम अंक पर चयन, ज्यादा वाले साक्षात्कार से बाहर
तत्कालीन मंडलायुक्त की जांच में गोलमाल उजागर

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कानपुर। एचबीटीआई में शिक्षकों के साक्षात्कार और चयन में बड़ी धांधली हुई है। असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर पद पर कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जिन्हें शैक्षिक प्रमाण पत्र, साक्षात्कार में कम अंक मिले थे। ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार सूची से बाहर कर दिया गया है। तत्कालीन मंडलायुक्त की जांच में यह खुलासा हुआ। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है।
एचबीटीआई में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया मार्च 2011 में शुरू हुई। विभिन्न विभागों में प्रोफेसर के छह पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 15 पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के सात पदों के आवेदन मांगे गए। इनके साक्षात्कार हुए और कुछ पदों पर चयन कर लिया गया। इसमें धांधली की शिकायत शिक्षक विधायक राजबहादुर चंदेल सहित कई लोगों ने की। इसी आधार पर 9 जून 2011 को तत्कालीन मंडलायुक्त पीके महंति ने मामले की जांच सौंपी गई। उनकी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि केमिकल इंजीनियरिंग में असिस्टेंट प्रोफेसर के दो अनारक्षित पद के लिए 18 आवेदन आए थे। इसमें से सुधीर कुमार सिंह (65 अंक), दिव्या श्रीवास्तव (65 अंक) और संतोष कुमार लोधी (55अंक) को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया, जबकि आशीष मिश्रा (85 अंक), पंकज कुमार लोधी (65 अंक), विभव कुमार राय (65अंक), शैलेंद्र कुमार पांडेय (60 अंक), जितेंद्र कुमार (65 अंक) और मंजू वर्मा (65 अंक) को नहीं बुलाया गया, जो अनियमिता है। साक्षात्कार की सूची में अमित कुमार नाम के दो अभ्यर्थी हैं, जिनके पिता का नाम नहीं दर्ज है। एक पद पर अमित कुमार का चयन हुआ है, जो रामधनी गुप्ता के पुत्र हैं। अंक प्रदान किए जाने वाली सूची में पिता का नाम न दर्ज होने से संदेह है। यह पता नहीं चला है कि चयन 80 अंक या 75 अंक वाले अभ्यर्थी का हुआ है। आठ वर्ष 4 महीने के अध्यापन अनुभव पर राम आशीष मिश्रा को 20 अंक दिए गए हैं, जबकि प्रवीन भाई पटेल को आठ वर्ष के अध्यापन अनुभव पर 25 अंक दिए गए हैं। यह गलत है। साक्षात्कार में किस अभ्यर्थी को कितने अंक मिले हैं, यह ब्योरा तकनीकी संस्थान प्रशासन नहीं उपलब्ध करा सका है।
प्लास्टिक टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर सुरेंद्र प्रसाद पाल का चयन हुआ है, जिन्हें कि 95 अंक मिले थे। 100 अंक पाने वाले दीपक कुमार का चयन क्यों नहीं हुआ, यह चयन समिति की आख्या से स्पष्ट नहीं है। बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में प्रोफेसर पद के लिए डा. टीके घोष और डा. एएस विद्यार्थी को 100-100 अंक मिले थे, लेकिन डा. विद्यार्थी को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया और डा. घोष का चयन कर लिया गया है। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डा. विपिन कुमार त्रिपाठी का चयन हुआ है, जिन्हें 95 अंक मिले थे। 100 अंक पाने वाले नीलेंद्र बादल का चयन क्यों नहीं हुआ, चयन समिति की आख्या से स्पष्ट नहीं है। फूड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सिविल इंजीनियरिंग, एसोसिएट प्रोफेसर मेकेनिकल इंजीनियरिंग, असिस्टेंट प्रोफेसर मेकेनिकल इंजीनियरिंग के चयन में खिलवाड़ किया गया है। यही नहीं पुस्तकालयाध्यक्ष पद पर हुई नियुक्ति अनियमित है
News Source : http://www2.amarujala.com/state/Utter-pradesh/34964-1.html
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एमपी-पीएससी प्राध्यापक चयन प्रक्रिया में घोटाला

एमपी-पीएससी प्राध्यापक चयन प्रक्रिया में घोटाला

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जबलपुर. एमपी-पीएससी द्वारा प्राध्यापकों की सीधी भर्ती प्रक्रिया में एपीआई (एकेडमिक परफॉरमेंस इन्डेक्स) का खुला उल्लघंन हुआ है। जबकि यह इन्डेक्स यूजीसी ने देश के समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में प्राध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए लागू किया है। भर्ती प्रक्रिया में धांधली होने से वंचित रह गए योग्य शिक्षक अब यह सोचने मजबूर हैं कि वह यह चयन प्रक्रिया प्राध्यापकों की भर्ती के लिए है या फिर सहायक प्राध्यापकों के लिए। फिलहाल सभी को न्याय की आस है।


गौरतलब है कि मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा कई दिनों से प्राध्यापक भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिससे समूचे प्राध्यापकों में रोष है। नाराज प्राध्यापकों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक एपीआई सिस्टम की अर्हताओं को नजरअंदाज किया गया है। इस सिस्टम में शिक्षक के समस्त शैक्षणिक कार्यो को श्रेणीवार निर्धारित अंक प्रदान किये जाते हैं। इन अंकों के सकल योग से शिक्षक का एपीआई निर्धारित किया जाता है। निर्धारित की गई श्रेणियों में शिक्षक का रिफ्रेशर/ओरिएन्टेशन/मेथिडोलॉजी में भाग, शोध पत्र प्रकाशन, बुक प्रकाशन, प्रोजेक्ट, गाइड के रूप में शोध उपाधियों की संख्या, ट्रेनिंग कोर्स, आमंत्रित व्याख्यान व सलाहकार के रूप में कार्य आदि निर्धारित है।


उपरोक्त सभी श्रेणियों को उपश्रेणी में विभक्त किया गया है तथा यूजीसी के द्वारा उपश्रेणी में शिक्षक के शैक्षणिक कार्य को रख कर उन्हें निर्धारित अंक प्रदान किये जाते हैं। इन अंकों का सकल योग शिक्षक का एपीआई निर्धारित करता है, जो कि शिक्षक की योग्यता का मापक होता है, परंतु चयन प्रक्रिया में यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर अपनों को उपकृत किया गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रक्रिया में चयनित कोई भी प्राध्यापक उक्त सभी अर्हताओं को पूरा नहीं करता है।


News Source : http://www.bhaskar.com/article/MP-OTH-mp---psc-professor-scandal-in-the-selection-process-2480377.html
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आसींद में नियुक्तियां रद्द, कोटड़ी में हंगामा

आसींद में नियुक्तियां रद्द, कोटड़ी में हंगामा

सर्व शिक्षा अभियान के तहत संघनित पाठ्यक्रम में संदर्भ शिक्षकों के चयन में धांधली के बाद कलेक्टर ओंकारसिंह ने आसींद ब्लॉक की सभी 55 नियुक्तियां निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। आसींद तहसीलदार ने चयन संबंधी रिकॉर्ड सीज कर ट्रेनिंग रोक दी है। उधर, कोटड़ी ब्लॉक में सोमवार को आक्रोशित अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। सुवाणा ब्लॉक में भी गंभीर अनियमितता पर कलेक्टर ने रिपोर्ट मांग रखी है, लेकिन वहां ट्रेनिंग जारी है। गौरतलब है कि एसएसए अधिकारियों ने नियम विरुद्ध अपने चहेतों का चयन कर लिया। रिटायर्ड शिक्षकों को प्राथमिकता दिए बिना सिफारिशों पर चयन सूचियां बना ली। बनेड़ा बीईईओ ने तो कोर्स को ही आधारहीन बताते हुए चयन सूची नहीं भेजी। सोमवार को आसींद ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष छोगालाल गुर्जर, उपप्रधान नौरतमल जैन, केवीएसएस अध्यक्ष प्रदीप व्यास, सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष फतेहसिंह चारण, पंस सदस्य तेजमल गुर्जर ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि सेंटर का भौतिक सत्यापन नहीं हुआ। स्कूल प्रबंध समिति द्वारा चयन करना था, लेकिन एसएसए अधिकारियों ने मनमर्जी से चयन कर लिया। आसींद संवाददाता के अनुसार एसडीएम हरिसिंह लंबोरा के निर्देश पर तहसीलदार रामबाबू वर्मा ने एसएसए कार्यालय पहुंचकर रिकॉर्ड सीज किया। आसींद में 430 आवेदन आए थे, इनमें से 55 संदर्भ शिक्षकों का चयन किया।
॥जिन बच्चों को उम्र के आधार पर एडमिशन दिया उनमें से अधिकांश फैक्ट्रियों में नौकरी करते हैं। मैंने सूची इसलिए नहीं भेजी, क्योंकि जब बच्चे ही नहीं हैं तो शिक्षक किसे पढ़ाएंगे। इसके अलावा जब स्कूल समय में ही पढ़ाना है तो हमारे शिक्षक ही पढ़ा लेंगे।
श्यामलाल विजयवर्गीय, बीईईओ, बनेड़ा
॥ये विद्यार्थी मित्र जैसी नौकरी नहीं है। फिलहाल तीन माह के लिए ही है। इसमें भी आधा मानदेय देंगे। 20 बच्चों पर एक आईवी लगाया है। निरीक्षण में पूरे बच्चे नहीं मिलेंगे तो मानदेय कटेगा। इसके अलावा कोर्स समाप्त होने पर टेस्ट होगा, इसमें सफल रहने पर ही बाकी मानदेय देंगे। रिटायर्ड शिक्षकों के आवेदन नहीं आए, इसलिए इनका चयन किया गया। धांधली जैसी कोई बात नहीं, हम चयन सूचियों की जांच भी करा रहे हैं।
कैलाश तिवाड़ी, एडीपीसी, एसएसए
आधा पैसा, तीन माह की नौकरी
इन चयनित शिक्षकों को साढ़े चार हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय निर्धारित है। लेकिन शुरूआत में आधे पैसे देंगे। कोर्स समाप्त होने पर इन बच्चों का बाहर की टीम टेस्ट लेगी, इसमें शत प्रतिशत सफल होने पर बाकी मानदेय मिलेगा। इसके अलावा निरीक्षण में बच्चे अनुपस्थित मिलेंगे तो मानदेय कटेगा।
ये हुई अनियमितताएं
ञ्चस्कूल प्रबंधन समिति को चयन करना था, लेकिन उन्हें पता नहीं है।
ञ्चरिटायर्ड शिक्षकों को प्राथमिकता देनी थी, लेकिन उनके आवेदन ही नहीं लिए।
ञ्चअधिक आवेदन होने पर महिला को प्राथमिकता थी, लेकिन चहेतों को ले लिया।
ञ्चब्लॉकों ने सूचियां ही जारी नहीं की, सबको फोन पर ट्रेनिंग में बुला लिया।
News Source : http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-1591771-2507691.html
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शिक्षकों के चयन में धांधली

शिक्षकों के चयन में धांधली ( Bungling / Corruption in Teachers Selection / Recruitment)


जौनपुर। प्राथमिक शिक्षा में एक और गोरखधंधा सामने आया है। अब कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की वार्डेन, शिक्षिका तथा विषय विशेषज्ञों के चयन में धांधली उजागर हुई है। दो आजमगढ़ और दो मऊ के आवेदकों ने फर्जी अंकपत्र लगाकर चयन करा लिया। जांच में धांधली उजागर होने के बाद बीएसए धीरेंद्र नाथ सिंह ने लाइन बाजार पुलिस को तहरीर दी है। डीएम गौरव दयाल ने भी लाइन बाजार थानेदार को एफआईआर दर्ज कर अवगत कराने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि इनमें से दो अभ्यर्थी एक शिक्षाधिकारी के रिश्तेदार हैं और रिश्ते में देवरानी जेठानी भी हैं। जांच सिर्फ चार की ही हुई है। अभी और भी मामले फाइलों में दबे हुए हैं। सत्यापन ठीक से कराया गया तो यह संख्या एक दर्जन से कम नहीं होगी।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में वार्डेन कम शिक्षिका के पदों की भर्ती शुरू से सवालों के घेरे में रही। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद डीएम ने नगर मजिस्ट्रेट की निगरानी में इंटरव्यू कराए तथा मेरिट सूची तैयार कराई। कई दिनों तक नगर मजिस्ट्रेट दफ्तर में साक्षात्कार होता रहा। चयन सूची जारी की गई लेकिन आवेदकों को चयन के बारे में सूचना नहीं दी गई। कई आवेदकों से फोन कर चयन के नाम पर सौदेबाजी शुरू हो गई। नतीजतन नगर मजिस्ट्रेट बाल मयंक मिश्र ने सफाई दी कि चयन सूची जारी हो चुकी है और कोई भी उनके कार्यालय से चयन के बारे में जानकारी ले सकता है। चयन हो गया और नियुक्ति पत्र भी जारी हो गए। इस बीच डीएम को शिकायत मिली कि चार चयनित अभ्यर्थियों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के फर्जी अंकपत्र लगाकर चयन करा लिया। डीएम ने फिर सिटी मजिस्ट्रेट को जांच के आदेश दिए। सिटी मजिस्ट्रेट ने स्पेशल मैसेंजर भेजकर बोर्ड दफ्तर से जब चयनित चार अभ्यर्थियों के अंकपत्रों की जांच कराई तो कलई खुल गई। बीएसए ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि कुमारी वंदना सिंह पुत्री भानु प्रताप सिंह पत्नी चंद्रशेखर सिंह निवासी रदोपुर नई कालोनी न्यायमार्ग आजमगढ़, कु. अमृता सिंह पुत्री अजीत कुमार सिंह निवासी रदोपुर नई कालोनी आजमगढ़, साधना सिंह पुत्री बब्बन सिंह निवासी शिव मंदिर भीठी चौक मऊ, रंजय कुमार सिंह पुत्र पारसमुनी सिंह निवासी भीठी मऊनाथ भंजन मऊ ने कूट रचित अंकपत्रों के जरिए चयन कराने में सफल हो गए। अभिलेखों में छेड़छाड़, धोखाधड़ी तथा षड़यंत्र की श्रेणी में आता है। डीएम ने भी बीएसए की तहरीर पर लाइन बाजार थानेदार को एफआईआर दर्ज कर अवगत कराने का आदेश दिया है।
News Source : http://www.amarujala.com/city/jaunpur/Jaunpur-31788-60.html
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भ्रष्टाचार पर वार: डेढ़ सौ डीजीएम की नियुक्ति रद्द

भ्रष्टाचार पर वार: डेढ़ सौ डीजीएम की नियुक्ति रद्द
(Selection cancelled for 150 Deputy General Managers in NHAI)

भ्रष्टाचार के दाग मिटाने के लिए केंद्र सरकार ने अपने भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके तहत केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्री सी.पी. जोशी ने एनएचएआई के 150 उप महाप्रबंधकों (डीजीएम) की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है।

नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली के चलते यह फैसला किया गया। पिछले साल विभाग में हुई मुख्य महाप्रबंधकों (सीजीएम), महाप्रबंधकों (जीएम) व प्रबंधकों की नियुक्तियों में भी गड़बड़ी के आरोप लगे थे, ऐसे में इनकी जांच भी करवाई जा सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, सी.पी. जोशी ने गत बुधवार को इस बाबत आदेश जारी किए हैं, जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि मार्च 2010 में एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) में हुई 150 उप महाप्रबंधकों की नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती हैं। हैरत की बात है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को नौकरी दे दी गई, जो इंटरव्यू में शामिल ही नहीं हुए थे। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव व मुख्य सतर्कता अधिकारी एस.के. दास ने माना कि उप महाप्रबंधकों की नियुक्त रद्द हो गई है।
News Source : http://www.livehindustan.com/news/desh/today-news/article1-story-39-329-174590.html
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एनआरएचएम के तहत हुई भर्ती में धांधली का आरोप

एनआरएचएम के तहत हुई भर्ती में धांधली का आरोप (Allegations of bungling/ corruption in NHRM Selection/Recruitment)

नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) में की गई एएनएम की भर्ती के दौरान धांधली का मामला सामने आया है, जबकि अधिकारियों का कहना है कि भर्ती पूरी तरह से नियमों को ध्यान में रखकर की गई है। गुरदासपुर निवासी शुभदीप कौर पत्नी अमरजीत सिंह ने बताया कि उसने एएनएम पदों की भर्ती के लिए आनलाइन जनरल कैटेगरी में आवेदन किया था।
उसकी लिखित परीक्षा 16 जनवरी को अमृतसर में हुई थी। इसमें उसका रजिस्टे्रशन नंबर 910131 तथा रोल नंबर-88104595 है। उसके परीक्षा में 61 अंक आए और उसका रैंक सातवां था। 19 मार्च 2011 को सिविल सर्जन कार्यालय में कमेटी के सदस्यों द्वारा उसकी इंटरव्यू ली गई। इसमें केवल असली प्रमाण पत्र चेक किए गए और उसका चुनाव कर उसे सुजानपुर सेंटर अलाट किया गया। उसे छह अप्रैल को नियुक्ति पत्र लेने के लिए बुलाया गया, परंतु जब वह छह अप्रैल को नियुक्ति पत्र लेने के लिए गईं तो उसे पता चला कि उसका नाम वेटिंग सूची में डाल दिया गया है। पता चला है कि उसके बाद जो लड़की आई थी, उसे रख लिया गया है। उसने आरोप लगाया कि उसके साथ बेइंसाफी हुई है।
सिविल सर्जन डाक्टर दलीप कुमार ने कहा कि जो भर्ती की गई है, वो नियमों के ध्यान में रखकर ही की गई है तथा किसी के भी साथ बेइंसाफी नहीं की गई।

News Source : http://www7.bhaskar.com/article/PUN-OTH-1330738-2031000.html
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नियुक्तियों में भयंकर धांधलियां और मनमानी

नियुक्तियों में भयंकर धांधलियां और मनमानी  (High Bungling in Recruitment and Arbitrary Selection)

देश में सरकारी और अर्द्ध सरकारी उपक्रमों सहित बेंकों वगेरा में नियुक्तियों में भयंकर धांधलियां और मनमानी हे इस मामले में केन्द्रीय सतर्कता समिति ने अपनी रिपोर्ट में गम्भीर टिप्पणियाँ की हे समिति ने कहा हे के इन संस्थाओं में नियुक्तियों के नाम पर भी कायदे कानून ताक में रख कर मनमानी की जाती हे और भयंकर भ्रस्ताचार होता हे भ्रस्ताचार के गंभीर हालातों पर भी समिति ने टिप्पणी की हे समिति ने कहा हे के यह उपक्रम अपनी प्रकाशित वार्षिक रिपोर्टों में भी झूंठे और मन गढंत आंकड़े प्रकाशित कर लोगों को और सरकार को भ्रमित करते हें , केन्द्रीय सतर्कता समिति की कहने को तो यह सामान्य रिपोर्ट हे लेकिन देश के ५ फीसदी केन्द्रीय सरकार के उपक्रम और अर्धसरकारी उपक्रमों के इस हाल पर केवल आंसू बहाने से कम नहीं चलेगा ना ही चिंता जताकर खामोश बेठने से काम चलेगा देश के पैसों और गरीबों के हक को किस तरह से तबाह और बर्बाद किया जा रहा हे इसका पता लगा कर दोषी लोगों को दंडित करना और जिन लगों ने गलत चेनल का रास्ता अपना कर लाभ उठाया हे उसे सुधारना अब सरकार की ज़िम्मेदारी बन गया हे लेकिन भाइयों सरकार के लियें तो यह उजागर भ्रस्ताचार तुच्छ प्रक्रति का भ्रस्ताचार हे इसलियें आप को हमें और हमारे बहियों को मिल जुल कर एक आग पैदा करना होगी एक अलख जगाना होगी एक माहोल तयार करना होगा ताके सरकार खुद इस मामले सहित भ्रस्ताचार के सभी मामले में कार्यवाही करने को मजबूर हो जाये ।
News Source : http://www.thenetpress.com/2010/12/blog-post_5824.html
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मास्टर डिग्री हाथ में आए चपरासी बनने

मास्टर डिग्री हाथ में आए चपरासी बनने ( Highly Qualified Candidates are giving Interview for Peon / Office Boy)

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चंडीगढ़। एमएससी की डिग्री हाथ में लेकर जब एक युवक चपरासी के लिए इंटरव्यू देने पहुंचा तो इंटरव्यू कमेटी भी उस युवक की ओर देखती रह गए। यह कोई एक केस नहीं। पीयू में चपरासी, क्लर्क, लाइब्रेरी असिस्टेंट, क्लनीर और सिक्योरिटी गार्ड के लिए वॉक इन इंटरव्यू में पढ़े लिखे बेरोजगारों की फौज देखने को मिल रही है।
सोमवार को पीयू के लॉ ऑडिटोरियम में चपरासी के आठ पदों के लिए इंटरव्यू का दौर शुरू हुआ। सुबह छह बजे से पहले ही ट्राइसिटी और साथ लगते राज्यों के 1200 से अधिक युवा पीयू कैंपस पहुंच गए। चपरासी के लिए पीयू ने आठवीं पास अनिवार्य योग्यता रखी है, लेकिन यह देखकर कमेटी भी हैरान थी कि इंटरव्यू के लिए पहुंचे साठ फीसदी युवक ग्रेजुएट थे। कमेटी मेंबर ने बताया कि कई ने इंजीनियरिंग डिप्लोमा और डिग्री तक कर रखी थी। मोगा से इंटरव्यू देने पहुंचे सिमरनजीत सिंह ने कहा वह बीए के साथ कंप्यूटर, टाइपिंग कोर्स कर चुका है, लेकिन अच्छा सैलरी पैकेज होने के कारण वह भी इंटरव्यू देने पहुंच गया। 11 बजे तक लॉ ऑडिटोरियम अभ्यर्थियों से खचाखच भर चुका था। क्लीनर के आठ पदों और सिक्योरिटी गार्ड के 12 के लिए भी काफी संख्या में युवक इंटरव्यू देने पहुंचे।
एक मिनट में इंटरव्यू
पीयू से एफिलिएटेड चार कालेजों के लिए चल रही कर्मचारियों की भरती प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग रहे हैं। इंटरव्यू देने पहुंच रहे कई अभ्यर्थियों ने बताया कि इंटरव्यू तो सिर्फ दिखावा है। कैंडीडेट का एक मिनट से भी कम समय में इंटरव्यू हो रहा है। उम्मीदवार से कमेटी मेंबर सिर्फ नाम, पढ़ाई पूछकर चले जाने को कह देते हैं। सभी कमेटी मेंबर पेंसिल से ही नंबर दे रहे हैं। इससे धांधली के पूरे चांस रहते हैं
News Source : http://www.amarujala.com/state/Punjab/24535-6.html
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ड्राइवर भर्ती में धांधली!

ड्राइवर भर्ती में धांधली! (Bungling / Corruptions in Driver Recruitment)


चंडीगढ़. शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद अब चंडीगढ़ प्रशासन पर ड्राइवरों की भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली के आरोप लगे हैं। पंजाब के कुछ आवेदकों ने ड्राइवरों की हाल ही में की गई भर्ती को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में चुनौती दी है। इस पर कैट ने चंडीगढ़ के होम सेक्रेटरी और ट्रांसपोर्ट विभाग के डायरेक्टर को 25 जून के लिए नोटिस जारी किया है। इससे पहले इन आवेदकों ने भर्ती में हेराफेरी होने की शिकायत करते हुए पंजाब के गवर्नर व नगर प्रशासक को ज्ञापन भी दिया था।

प्रशासन ने 104 ड्राइवरों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। इन पदों के लिए पंजाब और हरियाणा के लगभग 4,000 युवाओं ने एप्लाई किया। भर्ती के लिए सीटीयू ने पहले ड्राइविंग टेस्ट लिया। पंजाब के इन आवेदकों का आरोप है कि सीटीयू ने साजिश के तहत ड्राइविंग टेस्ट के लिए उन्हें खस्ता हाल बसें दीं। अमृतपाल सिंह और जरनैल सिंह के मुताबिक टेस्ट में कई समस्याएं आने के बावजूद उन्होंने इसे पास कर लिया। ड्राइविंग टेस्ट पास करने वाले आवेदकों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। उनका आरोप है कि इंटरव्यू में ऐसे प्रश्न पूछे गए जिनका ड्राइवर के कामकाज या जनरल नॉलेज से कोई लेना देना नहीं था।
आरोप है कि ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने के बावजूद हरियाणा के राजेश (रोल नंबर 1118) का नाम जनरल कैटेगरी की वेटिंग लिस्ट में है। एक भूतपूर्व सैनिक ने जनरल कैटेगरी से ड्राइविंग टेस्ट दिया था, लेकिन उसे वेटिंग लिस्ट में पिछड़ा वर्ग में डाल दिया गया है। इंटरव्यू का फाइनल रिजल्ट 26 मई को घोषित किया जाना था, लेकिन 31 मई को रात साढ़े 10 बजे के बाद रिजल्ट घोषित किया गया। अगले ही दिन इसे बोर्ड और वेबसाइट से हटा लिया गया। कैट के दी शिकायत में कहा गया है कि भर्ती किए गए ड्राइवरों में 80 से 85 फीसदी हरियाणा से हैं, पंजाब के आवेदकों के हिस्से महज 15 से 20 फीसदी पद आए हैं।

भर्ती प्रक्रिया में नियमों के तहत योग्य उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इसमें पंजाब या हरियाणा के लिए सीटें निर्धारित नहीं थी। भर्ती के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की अपनी प्रक्रिया थी, जिसमें पूरी पारदर्शिता रखी गई। यदि भर्ती प्रक्रिया में किसी भी तरह की कोताही पाई गई तो मैं सजा भुगतने को तैयार हूं।

News Source : http://bollywood.bhaskar.com/article/CHD-driver-in-the-rigged-hiring-1060001.html
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यूपी में सफाईकर्मियों की नियुक्ति में धांधली

यूपी में सफाईकर्मियों की नियुक्ति में धांधली (Bungling in the recruitment of cleaners in UP)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सफाई कर्मचारी की भर्ती का मामला एक बार फिर तुल पकड़ रहा है। भर्ती उम्मीदवार माया सरकार की रवैये से बेहद नाराज है। उम्मीदवारों का कहना है कि माया सरकार खुद को दलितों की रहनुमा बताती हैं। लेकिन दलित के साथ रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी हुआ है।
दरअसल मायावती ने दलितों और गरीबों को एक लाख नौकरी देने का ऐलान किया था। उम्मीदवारों से इंटरव्यू के नाम पर नाली साफ कराई गई। नाली साफ कराने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली।
गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ का आरोप है कि सरकार में पैसा दिए बिना कोई काम नहीं होता है। भर्ती में बसपा के नेताओं के अलावा सरकार के मंत्रियों और चहेते अफसरों की चली। सबने अपने-अपने उम्मीदवारों की फेरहरिस्त जारी की। इसका पर्दाफाश सुल्तानपुर के सीडीओ विमल चंद्र श्रीवास्तव ने एक सार्वजनिक समारोह में किया। उन्होंने कबूल किया कि नेताओं के दवाब में भर्तियां की गई हैं। नतीजा अगले ही दिन सीडीओ हटा दिए गए।

मालूम हो कि भर्तियों में धांधली प्रदेश के कई जिलों में हुई। गोरखपुर में तो भर्ती के लिए सिफारिशों और लेनदेन का ऐसा खुला खेल हुआ कि वहां कमिश्नर पीके मोहंती ने भर्ती लिस्ट पर ही रोक लगा दी। जिलाधिकारी रणधीर पंकज पर धांधली के खुलेआम आरोप लगे। ऐसा ही बहराइच में भी हुआ। यहां बीएसपी के ही एक विधायक केके ओझा ने अपनी सरकार पर हमला बोल दिया। उन्होंने भी समूची भर्ती प्रक्रिया में जम कर लेनदेन और धांधली का आरोप लगाया।
बदनामी के आरोपों से घिरी सरकार ने गोरखपुर, बहराइच और सुलतानपुर में भर्तियां निरस्त कर दी हैं। पर ना तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है और न ही जांच के आदेश दिए गए। सवाल ये उठता है कि अगर सरकार ने ये पाया कि भर्ती में गड़बड़ियां हुई हैं तो फिर दोषी अधिकारियों को बचाया क्यूं जा रहा है। उम्मीदवारों से इंटरव्यू के नाम पर नाली साफ कराई गई।
News Source: http://khabar.ibnlive.in.com/news/6598/3
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इंटरव्यू में धांधली को लेकर हंगामा

इंटरव्यू में धांधली को लेकर हंगामा ( Interview corruption - Big Problem in India for Government Jobs)

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सीकर . औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में इलेक्ट्रिकल के विभिन्न पदों को लेकर हुए इंटरव्यू में धांधली का आरोप लगाकर मंगलवार को छात्र-छात्राओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। छात्र-छात्राओं का आरोप है कि मैरिट में जमकर धांधली की गई है।

संस्थान के अधिकारियों ने अपने जानकारों को भर्ती करने के लिए मैरिट में अच्छी रैंक हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को बाहर कर दिया। छात्र-छात्राओं ने घंटेभर तक संस्थान के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों का आरोप है कि बिजली के विभिन्न पदों को लेकर इंटरव्यू को 20 मिनट में ही यह कहते हुए समाप्त कर दिया गया कि पद भर गए हैं।

यालसर कूदन के मुकेश जांगिड़ ने बताया कि ओबीसी में उनकी छठीं रैंक थी, लेकिन उनका इंटरव्यू नहीं लिया गया। मुकेश का कहना था कि पहले तो उसे इंटरव्यू के लिए खड़ा करके रखा, मगर बाद में उसे इनकार कर दिया गया। इसी तरह अन्य छात्र-छात्राओं ने इंटरव्यू में मनमर्जी का आरोप लगाया। बाद में कुछ छात्र जिला कलेक्ट्रेट के पास भी शिकायत लेकर पहुंचे। कलेक्टर ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
News source : http://www.3dsyndication.com/dainik_bhaskar_hindi_news_features/Education%20&%20Careers/DBSHE28
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प्रसार भारती में व्यापक धांधली,भर्तियां रद्द

प्रसार भारती में व्यापक इंटरव्यू धांधली,  भर्तियां रद्द 
(Selection cancelled - Prasar Bharti interview rigged/corruption)


केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने प्रसार भारतती में25 न्यूज एंकरों व रिपोर्टरों की नियुक्ति सोमवार को रद्द कर दी ।कैट ने कहा कि दूरदर्शन न्यूज कुछ उम्मीदवारों को जगह दिलाने क लिए अनियमितताएं की गईं।
वीके बाली की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने पाया कि इंटरव्यू से ठीक पहले नियुक्ति के नियम मनमाने ढंग से बदल दिए गए ताकि लिखित परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले कुछ उम्मीदवारों को संख्या 30 से बढाकर 35 कर दी गई ताकि यशवी तीरथ केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ की बेटी को जगह मिल सके। लिखित परीक्ष में उसे 33वीं रैंक मिली थी। प्रसार भारती ने इंटरव्यू के लिए तय वैटेज को भी 25 प्रतिशत से बढाकर 33 प्रतिशत कर दिया गया ।यह इंटरव्यू से ठीक पहेल किया गया ।न्यायाधिकरण ने कहा ,उदाहरण के लिए यशवी तीरथ का मैरिट में नंबर 33वां था ।उसे इंटरव्यू में 90 अंक मिले थे।निश्चित तौर पर यह उसका पक्ष लेने के लिए की गई मनमानी का उदाहरण है ।
एक औऱ उम्मीदवार अनिता कालरा काल्हा की भी मनमाने ढंग से सिफारिश की गई ।जबकि उसने इसके लिए आवेदन ही नहीं किया था । उसने ऑडिशन टेस्ट भी नहीं दिया था।
News Source : http://jantantra.com/2010/09/14/corruption-in-doordarshan-recruitment/
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आईटीबीपी की भर्ती होगी बिना इंटरव्यू के

आईटीबीपी की भर्ती होगी बिना इंटरव्यू के ( ITBP Selection will be through without Interview to make transparency )


पिथौरागढ़ ,जागरण संवाददाता : भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल में भर्ती अब बिना इंटरव्यू दिए ही होगी। यानि भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ही इंटरव्यू व्यवस्था को खत्म किया गया है।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में अभी तक पुराने तौर तरीकों से ही भर्ती होती रही है। भर्ती के बाद कई बार विवाद भी होते रहे है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भर्ती के बाद उठने वाली शिकायतों को देखते हुए प्रकिया पूरी तरह बदल दी है। अभी तक आईटीबीपी की भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट व लिखित परीक्षा के अंकों को मिलाकर मैरिट बनाई जाती थी।
पर गृह मंत्रालय के नये निर्देशों के मुताबिक अब मैरिट लिखित परीक्षा के आधार पर ही बनाई जायेगी। फिजिकल के अंक इसमें नहीं जुड़ेगे। फिजिकल टेस्ट केवल क्वालीफाइंग के लिए होगा। भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी अब अपनी उत्तर पुस्तिका की कार्बन कापी घर ले जा सकेंगे। आईटीबीपी की 7वीं वाहिनी के कमांडेट एपीएस निम्बाडिया ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया के लिए बनाए गए नए नियम प्राप्त हो गए है। दिसंबर माह में पूरे देश से 2450 जवान भर्ती किए जाएंगे।
News Source :  http://in.jagran.yahoo.com
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बदलेंगे लेक्चरर और रीडर के पदनाम!

बदलेंगे लेक्चरर और रीडर के पदनाम!
(Lecturer and Reader Name are going to be change)

उप्र राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन पर विचार
-एचआरडी मंत्रालय ने कहा, शर्तें पूरी करो तभी मिलेगा शिक्षकों के लिए छठे वेतनमान का पैसा

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लखनऊ : राज्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कार्यरत लेक्चरर और रीडर के पदनाम को बदलने पर विचार हो रहा है। लेक्चरर का पदनाम बदलकर असिस्टेंट प्रोफेसर और रीडर का एसोसिएट प्रोफेसर करने के लिए शासन स्तर पर विचार मंथन जारी है। सूत्रों के अनुसार इन पदनामों को बदलने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय, अधिनियम की चार धाराओं में संशोधन करना पड़ेगा।
पदनामों को बदलने की जरूरत इसलिए महसूस की जा रही है क्योंकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि उसने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों को छठा वेतनमान देने के बारे में मंत्रालय की स्कीम को पैकेज के रूप में लागू किया है या नहीं। प्रदेश सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों को पहली जनवरी 2006 से छठा वेतनमान देने के लिए 28 फरवरी 2009 को शासनादेश जारी किया था।
इससे पहले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों को छठा वेतनमान देने के सिलसिले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी के सचिव और राज्यों के मुख्य सचिवों को 31 दिसंबर 2008 को पत्र भेजा था। पत्र में कहा गया था कि राज्यों द्वारा अपने यहां के शिक्षकों को पहली जनवरी 2006 से लेकर 31 मार्च 2010 तक पुनरीक्षित वेतन देने के कारण होने वाले खर्च का 80 प्रतिशत भार केंद्र वहन करेगा। पत्र में कहा गया था कि केंद्र की ओर से राज्यों को यह धनराशि तभी मिलेगी जब वे कुछ शर्तों का पालन करेंगे। इन शर्तों में एक यह थी कि शिक्षकों के लिए सिर्फ तीन पदनाम होंगे-असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर। दूसरी शर्त यह थी कि शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया जाए। पत्र में शिक्षकों के लिए पद सृजन, पुनरीक्षित वेतनमान, सेवा नियमों और प्रोन्नतियों से संबंधित कुछ अन्य शर्तों का उल्लेख भी किया गया था।
राज्य सरकार ने 16 जून 2010 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र भेजकर शिक्षकों को पहली जनवरी 2006 से लेकर 31 मार्च 2010 तक छठा वेतनमान देने के कारण होने वाले व्यय के 80 फीसदी हिस्से के तौर पर 855.98 करोड़ रुपये की मांग की थी। इस पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च शिक्षा विभाग से पूछा है कि उसने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष करने और मंत्रालय की स्कीम को पैकेज के रूप में स्वीकार किया है या नहीं। मंत्रालय के इस पत्र के संदर्भ में शासन लेक्चरर और रीडर के पदनाम बदलने के लिए उप्र राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन पर विचार कर रहा है
News Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6811747.html
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बिना इंटरव्यू के भर्ती होंगे 500 रेगुलर टीचर

बिना इंटरव्यू के भर्ती होंगे 500 रेगुलर टीचर ( 500 Regular Teachers Select/Appoint without Interview - Chandigarh)

Due to problems facing corruption in Interview, teachers are going to be recruited through without Interview Process.

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चंडीगढ़. गवर्नमेंट स्कूलों में अब टीचर्स की कमी नहीं होगी। यूटी एजूकेशन डिपार्टमेंट साल के आखिर तक 500 रेगुलर टीचर्स बिना इंटरव्यू के भर्ती करेगा। ऐसा पहली बार होगा कि कैंडिडेट्स को इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा। भर्ती के लिए कैंडिडेट्स के एग्जाम और एडिशनल क्वालिफिकेशन के मार्क्‍स के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार होगी। डीपीआई (स्कूल्स) सुनील भाटिया ने इसकी पुष्टि की है।

इसलिए लिया यह फैसला -
इंटरव्यू न लेने का फैसला लेने के पीछे पिछले साल का विवाद बताया जा रहा है। तब रेगुलर टीचर्स भर्ती प्रक्रिया पर विवाद हुआ था। एक महिला कैंडिडेट ने शिकायत दी थी कि दो लोगों ने नौकरी देने के एवज में उससे धन की मांग की। इन लोगों ने उसे यह तक बता दिया कि इंटरव्यू मंे कौन से सवाल पूछे जाएंगे। जांच के बाद विजिलेंस ने दोनों को गिरफ्तार किया था।

इस विवाद में पूर्व डीपीआई सम्वर्तक सिंह की भूमिका पर भी अंगुली उठी। आखिरकार उन्हें डीपीआई पद से हाथ धोना पड़ा। अब इस प्रकरण की जांच सीबीआई के जिम्मे है। खत्म होगा कॉन्ट्रैक्ट: गवर्नमेंट स्कूलों में करीब 500 टीचर्स कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत हैं। भर्ती किए जाने वाले रेगुलर टीचर्स इनका स्थान लेंगे। इसका सीधा अर्थ यह है कि सभी टीचर्स का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होगा। नियम भी यही है कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को रेगुलर भर्ती से आए कैंडिडेट्स ही रिप्लेस कर सकते हैं

News Source : http://bollywood.bhaskar.com/article/CHD-500-interviews-will-be-admitted-without-a-regular-teacher-1169830.html
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कंप्यूटर टीचर्स हुए रेगुलर

कंप्यूटर टीचर्स हुए रेगुलर ( Contractual Computer Teachers are Regularized / Regular in Service)

लुधियाना
सरकार ने अस्थाई तौर पर कार्य कर रहे कंप्यूटर टीचर्स को एक जुलाई से पक्का कर दिया है। इससे उनके वेतन में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। इसके तहत लुधियाना में कुल 459 कंप्यूटर टीचर्स की भर्ती की गई है। पीएयू सरकारी स्कूल में 6 कंप्यूटर टीचर, जवाहर नगर सरकारी स्कूल में 2 तथा भारत नगर स्थित सरकारी स्कूल में 5 कंप्यूटर टीचर रेगुलर किए गए। इसके अलावा महानगर के बाकी सरकारी स्कूलों में भी कंप्यूटर टीचर रेगुलर किए गए हैं।

News Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_7947722.html
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5 lakh more teachers required in coming years - expectation

आगामी कुछ वर्षों दोरान पांच लाख टीचरों की भर्ती होने की सम्भावना है

पिछले पांच वर्ष बेंकिंग   कैरिइएर की सर्वाधिक भर्ती के  थे, उससे पिछले दस वर्षों के दोरान आइ  टी / कम्प्यूटर का बोल बाला  था और आगामी पांच वर्षों के दोरान शिक्षा  क्षेत्र  / टीचरों की नोकरियों का बोलबाला रहेगा , अभी इसी साल बिहार में एक लाख , उत्तर प्रदेश में अस्सी हज़ार , मध्य  प्रदेश में एक लाख, गुजरात में पैंतीस हज़ार , दिल्ली  में बीस हज़ार इत्यादि टीचरों की भर्ती होने होने जा रही  है


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आज जहां देश की आबादी 150 करोड़ के लगभग है, वहीं देश के भविष्य, बच्चों को शिक्षित करने के लिए स्कूल कॉलेजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में शिक्षकों की मांग में इजाफा होना लाजिमी है। मौजूदा समय में न सिर्फ उनकी मांग बढ़ रही है, बल्कि ऐसे में स्पेशलाइज्ड टीचर्स और उनके वेतनों में भी खूब बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। छठे वेतन आयोग से पहले एक टीजीटी का मासिक वेतन 20 हजार रुपये था, वहीं आयोग की सिफारिशों के बाद यह वेतन 29 हजार रुपये मासिक तक हो गया है। स्पेशलाइज्ड टीचर्स की मांग और वेतन में हुई वृद्धि, दोनों का ही नतीजा है कि युवा एक बार फिर इस ओर आकर्षित हुए हैं।


शिक्षण में विकल्प

नर्सरी स्कूल, प्राइमरी स्कूल: नर्सरी या प्राइमरी स्कूल के टीचर्स की जिम्मेदारी काफी अधिक होती है, क्योंकि यही वह समय है, जब छात्र सीखने का अपना दौर शुरू करते हैं। नर्सरी स्कूल टीचर 3 से 5 वर्ष के बच्चों व प्राइमरी स्कूल टीचर 6 से 12 वर्ष तक के बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं।

सेकंडरी स्कूल: सेकंडरी स्कूल टीचर्स 8वीं से 12वीं तक के छात्रों को एक खास विषय के लिए पढ़ाते हैं, जिसमें उन्होंने स्पेशलाइजेशन की हो। एक बात ध्यान देने योग्य है कि अब केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाने के लिए सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा कई राज्य भी स्टेल लेवल पर टीचिंग एजुकेशन टेस्ट को अनिवार्य बना चुके हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में बीएड के बाद इस टेस्ट को पास करना हर अध्यापक के लिए अनिवार्य हो जाएगा।

कॉलेज, विश्वविद्यालय: कॉलेज या विश्वविद्यालयों में शिक्षण का कार्य लेक्चरर या प्रोफेसर करते हैं। सेकंडरी स्कूल की ही तरह वे भी अपने स्पेशलाइज्ड विषय में छात्रों को पढ़ाते हैं। जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने वाले आगे भविष्य में कॉलेज के प्रिंसिपल या प्रबंधन स्तर पर उप-कुलपति तक भी तरक्की कर सकते हैं। 

निजी संस्थान: स्कूल या कॉलेजों के ही शिक्षकों की तरह निजी संस्थान भी शिक्षकों की नियुक्ति बड़े स्तर पर करते हैं। आज सरकारी स्कूल और कॉलेजों के मुकाबले निजी संस्थान तेजी से शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। नियुक्ति के लिए इनके मानक लगभग सरकारी नियुक्तियों की योग्यताओं के समान ही हैं।

कोचिंग: शिक्षण के लिहाज से कोचिंग भी एक बेहतर विकल्प है। आप किसी संस्थान के साथ भी जुड़ सकते हैं और अगर आप ऐसा नहीं चाहते तो आप अपना स्वयं का कोचिंग इंस्टीटय़ूट खोल सकते हैं।

स्पेशल स्कूल्स: शिक्षण के क्षेत्र में सबसे अधिक जिम्मेदारी वाला काम होता है स्पेशल स्कूल के टीचर का, जो मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों को उनके जीवन में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। ये शिक्षक बच्चों के अभिभावकों के साथ-साथ डॉक्टर्स, स्पीच थैरेपिस्ट, फिजियोथैरेपिस्ट आदि से संबंध बनाए हुए शिक्षण कार्य करते हैं।

शैक्षिक अनुसंधान संस्थान: शिक्षक चाहें तो पारंपरिक शिक्षा प्रणाली से बाहर निकल कर अनुसंधान कार्य में भी अपना भविष्य बना सकते हैं। कई ऐसे सरकारी व गैर-सरकारी संस्थान हैं, जो भविष्य की शिक्षा प्रणाली को लेकर कई अनुसंधान आयोजित करते हैं। शिक्षक इन अनुसंधानों में अपना योगदान दे सकते हैं।

कितने अध्यापकों की है जरूरत

एजुकेशन एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अगले दस साल में विश्व एजुकेशन इंडस्ट्री को तकरीबन 2.2 से 2.4 मिलियन अध्यापकों की आवश्यकता पड़ेगी। अगर देश में अध्यापकों की कमी का आकलन किया जाए तो मानव संसाधन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार लगभग पांच लाख टीचरों की और आवश्यकता पड़ेगी। अगले दो-तीन साल में लगभग चार लाख वर्तमान टीचर रिटायर हो रहे हैं, उनके स्थान पर भी भर्ती होगी। लगभग पांच लाख ऐसे टीचर ऐसे भी हैं, जो सरकारी स्कूलों में कॉन्ट्रक्ट के आधार पर काम कर रहे हैं। इन्हें या तो रेगुलर करना होगा या फिर इनकी जगह अन्य टीचरों की भर्ती करनी होगी। केंद्रीय विद्यालयों, राज्य के स्कूलों, आईआईटीज, कॉलेजों और एनआईटी आदि में लगभग 25 से 35 प्रतिशत अध्यापकों की कमी है, जिनकी भरपाई जरूरी है। मोटे तौर पर आने वाले कुछ वर्षो में देश में लगभग 15 लाख टीचिंग प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी।

विश्व परिदृश्य पर देखा जाए तो भारतीय अध्यापकों की अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और गल्फ देशों में भारी मांग है। अमेरिका में लगभग सात लाख अध्यापकों की कमी है, जहां इंग्लिश में पारंगत भारतीय टीचर्स को प्रमुखता मिल सकती है। इसी तरह ब्रिटेन में आज सात हजार अध्यापकों की कमी है, जो आने वाले सालों में चालीस हजार का आंकड़ा पार कर जाएगा। चीन में अन्य विषयों के साथ हिन्दी अध्यापकों की मांग लगातार बढ़ रही है। कहना न होगा कि भारतीय अध्यापकों को देश में ही नहीं, विदेश में भी जॉब के भारी अवसर आने वाले कुछ सालों में उपलब्ध होंगे।

फैक्ट फाइल
प्रमुख संस्थान


कॉलेज ऑफ एजुकेशन, डीयू
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली
इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली
सेंट्रल इंस्टीटय़ूट ऑफ एजुकेशन, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर
पटना विश्वविद्यालय, पटना
रांची विश्वविद्यालय, रांची
डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, इंदौर
जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
देव समाज कॉलेज ऑफ एजुकेशन फॉर वुमन, चंडीगढ़
स्टेट इंस्टीटय़ूट ऑफ एजुकेशन, चंडीगढ़
अध्यापक विद्यालय जूनियर कॉलेज ऑफ एजुकेशन, मुंबई
कॉलेज ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च, मुंबई
डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (डीआईईटी), पुणे

कोर्स 
मास्टर्स इन एजुकेशन
बेचलर्स इन एजुकेशन
डिप्लोमा इन एजुकेशन
नर्सरी टीचर ट्रेनिंग
प्राइमरी टीचर ट्रेनिंग 
जूनियर बेसिक ट्रेनिंग

योग्यता
नर्सरी व प्राइमरी टीचर्स ट्रेनिंग के लिए कम से कम बारहवीं पास, बीएड के लिए स्नातक, एमएड के लिए स्नातक व बीएड, डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन के लिए कम से कम बारहवीं पास व लेक्चरर के लिए स्नातकोत्तर 55 प्रतिशत अंकों के साथ व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (एनईटी) पास करना अनिवार्य है।

वेतन: मासिक

एनटीटी व पीटीटी: 10 से 22 हजार रुपये से शुरुआत
टीजीटी: 20 हजार रुपये से 29 हजार रुपये से शुरुआत
पीजीटी: 25 से 32 हजार रुपये से शुरुआत
लेक्चरर: 35 से 38 हजार रुपये से शुरुआत

प्राइवेट इस्टीटय़ूट में लेक्चरर के पद के समतुल्य टीचर का वेतन 40 हजार रुपये से शुरू होता है। वहीं कुछ वर्षो के शिक्षण व व्यावहारिक अनुभव के साथ वेतन 1 लाख रुपये मासिक से अधिक तक हो सकता है।

एक्सपर्ट व्यू्
टीचिंग है फुल डे जॉब
डॉ. संदीप कुमार
असिस्टेंट प्रोफेसर, सेंट्रल इंस्टीटय़ूट ऑफ एजुकेशन, दिल्ली विश्वविद्यालय


आज टीचर कान पकड़ कर याद कराने वाला नहीं, बल्कि मदद करने या गाइड करने वाला व्यक्ति है। यह भी एक बड़ी वजह है कि युवा टीचिंग की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

टीचिंग आज एक फुल टाइम या कहें फुल डे जॉब है। टीचर्स खुद को अपग्रेड करने के लिए आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं, यहां तक कि वे स्कूल टीचर से अपग्रेड होते-होते लेक्चरर भी बन रहे हैं।

टीचर या शिक्षक बनने के अलावा भी आज टीचर एजुकेशन में काफी स्कोप है। जो भी टीचर बीएड करने के बाद एमएड करने के इच्छुक हैं, उनके लिए यहां काफी संभावनाएं हैं। वे कॉलेज में भी पढ़ा सकते हैं।

वैसे हमारे यहां कई एक्शन रिसर्च प्रोजेक्ट्स होते हैं, जिन्हें दूसरे संस्थान फंड मुहैया कराते हैं। हमारे यहां अभी कुछ ही शिक्षक हैं, जिन्हें इस बारे में पता है। अगर वे थोड़ा-बहुत भी इस तरफ ध्यान दें तो निश्चित तौर पर वे और तरक्की कर सकते हैं। टीचर्स के लिए सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत संभावनाएं हैं। इंटरचेंज प्रोग्राम के तहत देश के शिक्षक दूसरे देशों में और दूसरे देशों के शिक्षक हमारे देश में पढ़ाने आते हैं। इससे हमारे शिक्षक दूसरे देशों के एजुकेशन सिस्टम के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

आज टीचर कान पकड़ कर याद कराने वाले नहीं रहे, बल्कि वे मदद करने वाले या गाइड करने वाले हैं। यह भी एक बड़ी वजह है कि युवा टीचिंग की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। आज शिक्षा खुद में एक बहुत बड़ा उद्योग है, जिसके चलते शिक्षकों का वेतन काफी बढ़ गया है। पहले जहां एक सरकारी स्कूल के टीजीटी को 20 हजार रुपये तक मासिक मिलता था, वहीं अब सरकारी स्कूल के उसी टीचर का वेतन 29 हजार रुपये इन-हैंड हो गया है। आर्थिक रूप से भी यह प्रोफेशन अब दूसरों से कम नहीं है।


News Source : http://livehindustan.com/home/detailpage.php?menuvalue=45&pagevalue=&storyvalue=189047&categoryvalue=50&SubCat=
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12 हजार से ज्यादा टीचर होंगे भर्ती दिल्ली

( Recruitment of more than 12000 teachers in Delhi very soon)

A good news for computer teachers, From a long time appointment of regular teacher in Computer are not happened. And it can be seen everywhere in India, computer teachers are recruited on contractual basis, for eg - KVS,  Government schools and in Many Government organizations.

दिल्ली सरकार के स्कूलों में टीचर्स की कमी एक बड़ी समस्या बन चुकी है, लेकिन अब बड़े स्तर पर टीचर्स की भर्ती का अभियान शुरू होगा। सरकारी स्कूलों में टीचर्स के 12313 नए पदों को हरी झंडी दे दी गई है। उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद शिक्षा निदेशालय ने टीचर्स के नए पदों से संबंधित महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है और हर पद का ब्यौरा दिया गया है।

खास बात यह है कि सरकारी स्कूलों में कहने को तो स्टूडेंट्स कंप्यूटर की पढ़ाई करते हैं, लेकिन अभी तक किसी स्कूल में कंप्यूटर साइंस का रेगुलर टीचर नहीं था। कॉन्ट्रैक्ट पर टीचर रखे जाते थे और इनकी भारी कमी थी। लेकिन अब इनके स्थायी पदों को भी बनाया गया है। टीजीटी (कंप्यूटर साइंस) के 2026 और पीजीटी (कंप्यूटर साइंस) के 788 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। स्कूलों में 11वीं व 12वीं में कंप्यूटर सब्जेक्ट की पढ़ाई के लिए पीजीटी व दसवीं तक के लिए टीजीटी के स्थायी पद होंगे। इसी तरह से शिक्षा विभाग में पहली बार लॉ ऑफिसर व लीगल असिस्टेंट के पद भी लाए गए हैं।

गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स असोसिएशन (जीएसटीए) कई साल से टीचर्स के नए पदों की मांग को लेकर संघर्ष कर रही थी। असोसिएशन के प्रेजिडेंट ओम सिंह और सेक्रेटरी डी. के. तिवारी का कहना है कि छह-सात सालों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों स्टूडेंट्स की संख्या 8 लाख से बढ़कर 15 लाख हो गई है। राइट टु एजुकेशन एक्ट लागू होने के कारण स्कूलों में टीचर्स की कमी को देखते हुए नए पद बनाया जाना जरूरी था। असोसिएशन ने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू होनी चाहिए ताकि मौजूदा सेशन में ही स्टूडेंट्स को फायदा मिल सके। राइट टु एजुकेशन एक्ट के मुताबिक एक क्लास में 35 से ज्यादा स्टूडेंट्स नहीं होने चाहिए, जबकि अभी कई सरकारी स्कूलों में तो एक क्लास में 100-100 स्टूडेंट्स हैं।

दिल्ली कैबिनेट ने इसी साल 14 मार्च को नए पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब 7 अक्टूबर को निदेशालय ने हर पद का ब्यौरा देते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके मुताबिक पीजीटी के 3777, टीजीटी के 3760, प्रिंसिपल के 193, लैब असिस्टेंट के 469, असिस्टेंट टीचर (नर्सरी) के 131, लाइब्रेरियन के 277 और वर्क एक्सपीरियंस्ड टीचर के 892 नए पद सृजित किए गए हैं। सरकार ने शिक्षकों के नए पदों के साथ-साथ शिक्षा विभाग में अधिकारियों के मौजूद पदों के अतिरिक्त कुछ नए पदों का सृजन किया है। अधिकारियों के कुल 696 पद सृजित हुए हैं, इनमें लॉ ऑफिसर के पद भी शामिल हैं। शिक्षा विभाग में अदालती मामलों को देखने के लिए पहली बार लॉ ऑफिसर व लीगल असिस्टेंट के 24 नए पद दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले में अब एक के बदले दो डिप्टी डायरेक्टर होंगे। इनमें एक को प्रशासनिक तथा दूसरे को अकैडमिक काम सौंपे जाएंगे। इसके लिए 17 नए पद बने हैं।

टीचर्स की कमी को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स और गेस्ट टीचर की भी नियुक्ति करता है लेकिन रेगुलर टीचर्स न होने से यह समस्या दूर नहीं हो रही थी लेकिन अब रेगुलर टीचर्स की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। सीबीएसई ने भी एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि एक क्लास में 40 से अधिक स्टूडेंट्स नहीं होने चाहिए। जबकि संगम विहार , दयालपुर , सीमापुरी समेत कई जगहों पर स्कूलों में एक क्लास में 100 स्टडेंट्स तो आराम से देखने को मिल जाएंगे।
News source : http://navbharattimes.indiatimes.com/delhiarticleshow/10316255.cms
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टीईटी से पहले ही छात्रों के छूटे पसीेने

टीईटी से पहले ही छात्रों के छूटे पसीेने (Candidates having fear before giving TET Exam.)

-बीएडधारक नही देना चाहते है टीईटी की परीक्षा

-बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव को खत भेजा
कार्यालय संवाददाता, हाथरस : बेसिक शिक्षा के परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने के लिये शासन ने शिक्षक पात्रता परीक्षा को अनिवार्य रुप से लागू कर दिया है जिसकी परीक्षा अगले माह होनी। छात्र इस परीक्षा से खुद को मुक्त रखने की रणनीति तैयार करने में जुटे है। मंगलवार को तमाम बीएडधारकों ने इस मसले पर बैठक की उन्होंने बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव को पत्र भेजा।
इस परीक्षा को मंडल स्तर पर कराया जाना है जिसके लिये शहर के पंजाब नेशनल बैक में आवेदन फार्म मिल रहे है। लेकिन तमाम बीएड धारक यह परीक्षा नही देना चाहते। बीएडधारकों का कहना है कि प्रदेश स्तर पर बीएड की परीक्षा देने के बाद कोई औचित्य नही होता कि फिर कोई परीक्षा दी जाये। मंगलवार को बीएड डिग्रीधारी शिक्षक बेरोजगार संघ के जिला अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह राना ने वर्ष 2006-07 के बीएडधारकों के साथ बैठक की। बीएडधारकों ने बेसिक शिक्षा की विशेष सचिव अनीता मिश्रा को भेजे पत्र में कहा है कि उन्हें परीक्षा से मुक्त रखा जाये अगर ऐसा नही किया गया तो धरना प्रदर्शन किया जायेगा और कोर्ट की शरण ली जायेगी।कैठक में योगेश कुमार, मोहनलाल, नेत्रपाल, नीलिमा, अनीता, रमेश चंद्र, कैलाश बाबू आदि थे।

News Source : Denik Jagran E Paper - http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8371103.html
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असम शिक्षकों की नियुक्ति में 2015 तक राहत

असम शिक्षकों की नियुक्ति में 2015 तक राहत ( Relaxation for Teachers Recruitment in Assam)


News Source : http://www.newzstreet.tv/ns/node/34669

भारत सरकार ने असम के लिए अलग अधिसूचना के जरिए राज्य शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यनतम योग्यता में 2015 तक राहत दे दी है. राहत दिशानिर्देशों के अनुसार बी.एड और डिप्लोमा इन एजुकेशन के बगैर उम्मेदवार टीईटी के लिए योग्य होंगे.
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ट्रेनिंग से ही नहीं बनेगी बात, टीईटी तो जरूरी है

ट्रेनिंग से ही नहीं बनेगी बात, टीईटी तो जरूरी है (Only Training is not sufficient for ShikshaMitra, TET is also necessary)

महराजगंज। महज ट्रेनिंग पूरी कर लेने से शिक्षामित्र पूर्णकालिक गुरुजी नहीं बन पाएंगे। उन्हें भी टीईटी पास करना होगा। लिहाजा यह चिंता उनको सताए जा रही है, अगर उसमें फेल हो गए तो क्या होगा।
प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी करके टीईटी लागू कर दिया है। इसके चलते प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक की सभी सरकारी नियुक्तियों में टीईटी अनिवार्य कर दिया गया है। यह परीक्षा महज स्क्रीनिंग है। इसे पास करने के बाद ही अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए अर्ह होगा। इस साल टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी आगे भी शिक्षक बनने के लिए पात्र होंगे। जिले में प्रशिक्षण के लिए 1667 शिक्षामित्रों ने आवेदन किया था। जिसमें से 31 शिक्षामित्र काउंसलिंग में नहीं पहुंचे। लेकिन उनको एक बार फिर से मौका दिया गया। प्रशिक्षण के लिए जारी मेरिट लिस्ट में उनको प्रोविजनल कालम में डाल दिया गया। अगर वे सभी औपचारिकता पूरी करके अपनी दावेदारी जताते हैं तो उनके अभ्यर्थन पर विचार हो सकता था।
इसके बावजूद करीब 1500 शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित करने की योजना है। पहले चरण में चरण में प्रति ब्लाक 70 शिक्षामित्र के हिसाब से कुल 840 शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देना है। प्रशिक्षण के बाद भी उन्हें नौकरी पाने से पहले टीईटी पास करना होगा।

News Source : Amar Ujala E Paper - http://www.amarujala.com/city/Maharajganj/Maharajganj-27164-69.html
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Sunday, October 16, 2011

CBSE CTET Environmental Studies Questions

CBSE CTET Environmental Studies Questions
PART III
ENVIRONMENTAL STUDIES

Directions: Answer the following questions by selecting the most appropriate option.

61. As an EVS teacher, you plan to take the students to the zoo. Which of the following activities would you not allow the students to undertake?
(1) Take along lots of eatables for the animals at the zoo
(2) Try to find out the food taken up by different animals at the zoo
(3) Collect photographs of the animals they expect to see at the zoo
(4) Take their drawing books along with them to draw what they see at the zoo
Ans: (1)

62. The concept of 'seed germination' can be taught best by
(1) asking the students to perform an activity to sow seeds, observe different stages and draw them
(2) showing photographs of seed germination
(3) showing germinated seeds to the class and explaining the process of germination
(4) presenting the germination stages through drawings on the board
Ans: (1)

63. Mira and Divya are young girls. Mira likes to eat samosas, cutlets and bread. Divya, on the other hand, takes an iron deficient diet. Which of the following disorders are Mira and Divya likely to suffer from, respectively?
(1)Obesity and scurvy
(2)Scurvy and anaemia
(3)Anaemia and night blindness
(4)Obesity and anaemia
Ans: (4)

64. To make children aware of different kinds of fuel, a teacher can
(1) show some samples of fuels in the class
(2) discuss with children about possible kinds of fuel that can be used for cooking, along with a short film
(3) show pictures of fuels on a chart
(4) ask children to list different fuels
Ans: (2)

65. The skills required to read a map include
(1) excellent communication skills to draw out the expressive ability
(2) ability to understand relative position of places, distances and directions
(3) excellent drawing and painting skills
(4) ability to use calculations and sketch positions on a globe
Ans: (2)

66. Giving importance to individual experiences of children in an EVS class will benefit the teacher
(1) to connect the subject to the learners' experiential world and promote reflection and learning
(2) to save her energy as children enjoy talking
(3) to know the unique experiences of children
(4) to help and improve the language and communication skills of the children
Ans: (1)

67. It has been observed that the process of digestion is faster inside the stomach than outside because 
(1) the digestive juices when kept outside the stomach become inactive
(2) the food is churned in the stomach thereby increasing the surface area for quicker enzyme action
(3) the digestive juices inside the stomach are acidic, while 'outside they are alkaline
(4) the amount of digestive juices produced in the stomach in the presence of food is much more
Ans: (2)

68. Which of the following statements is not an objective of teaching EVS at the primary level?
(1) To load learners with terms and definitions for assessment
(2) To internalise the values of concern for life and environment
(3) Arouse curiosity about the natural and social environment
(4) Engage in exploratory and hands-on activities that lead to the development of cognitive and psychomotor skills
Ans: (1)

69. An egret bird is often seen on a buffalo's back. This is because the egret
(1) feeds on parasites on the buffalo's back(2) feeds on insects present in the grass
(3) loves to sing while sitting on the buffalo's back '
(4) rests after flying for a while
Ans: (1)

70. The idea of showing a sample of a railway ticket in the EVS textbook is to
(1) enhance the skills of students to arrive at conclusions
(2) give them an opportunity to interact with real information and develop the skill of observation(3) give the students an idea 'of the rail fare
(4) provide them the knowledge of various abbreviations used in the ticket
Ans: (2)

71. Which of the following represents one of the objectives of teaching EVS at Primary School?
(1) To inform the learners about the books they should read to expand their knowledge
(2) To connect the experiences of the learners in school with the outside world(3) To make learners aware of technical terms and definitions
(4) To assess technical terms related to EVS
Ans: (2)

72. Which of the following statements about assignments is correct?
(1) Assignments provide learners an opportunity to search for information, construct their own ideas and articulate them
(2) Assignments can be done by parents, brothers or sisters depending on the talent that they possess
(3) Assignments need to be given as classwork followed by homework every day to provide variety and practice
(4) Assignments should be the only method of assessment
Ans: (1)

73. Simple experiments and demonstrations can be performed in the EVS class
(1) to discuss ideas, record and analyse observations on the basis of questions raised by students
(2) to control the students to ensure discipline in the class'
(3) to enable children to learn on their own and sharpen their observation skills
(4) to follow what is being done in the senior classes
Ans: (1)

74. Durga lives in a village and cooks food on a chulha (earthen stove) using wood or cow dung cakes as fuel. She has been suffering from severe cough for the last three months. This may be due to the
(1) smoke produced by burning fuels which may have caused her allergy
(2) old age and pollution inside and outside her hut
(3) carbon monoxide produced by burning fuel which may have been deposited in her respiratory tract
(4) soot produced by burning the fuels which may have been deposited in her respiratory tract
Ans: (4)

75. After the lunch break, while teaching EVS, you find that students are not. taking interest in the lesson. What would you do?
(1) Take the children out to play in the ground
(2) Ask them to put their heads down on the desk and relax
(3) Use audio-visual aids based on multiple intelligences to make the lesson interesting
(4) Change the topic immediately
Ans: (3)
http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/ , http://sarkari-damad.blogspot.com/
76. A school planned an educational trip for Class-V students to Rajasthan. What would be your expectation from the children during the visit?(1) They should note down their questions, if any, and ask the parents after reaching home
(2) They should observe everything without asking questions about it
(3) They should enjoy themselves
(4) They should observe keenly, make notes and share their observations with other students and the teacher
Ans: (4)

77. Rina separated the garbage from the house into two piles as shown below:
Rina has separated the garbage waste into two piles depending on the criteria
(1) are household / industrial waste
(2) have odour / are odourless
(3) can  be decomposed / cannot be decomposed(4) can be recycled / cannot be recycled
Ans: (3)

78. Chipko Movement was strengthened under the leadership of
(1) A.K. Banerjee
(2) Sunder Lal Bahuguna
(3) Amrita Devi Bishnoi
(4) Medha Patkar
Ans: (2)

79. Vitamins are substances
(1) required in small quantities to prevent deficiency diseases(2) that increase our metabolic rate leading to loss of weight
(3) required as medicines to make us healthy
(4) that build muscles to keep us strong
Ans: (1)

80. In rural areas, cow dung is used to coat the floor and walls of huts to
(1) give a natural colour to the floor
(2) keep the insects away
(3) make them smooth and clean
(4) make them rough to increase friction
Ans: (3)

81. A farmer wanted to separate the grains from the chaff. This can be achieved by the process called
(1) Harvesting
(2) Handpicking
(3) Threshing
(4) Winnowing
Ans:

82. Which one of the following is not an objective of including riddles and puzzles in the EVS textbook?
(1) To confuse the mind of the students and let them enjoy the confusion(2) To develop curiosity and ability to think creatively
(3) To develop critical thinking ability in students
(4) To develop reasoning ability in students
Ans: (1)

83. A man with blood group '0' marries a woman with blood group 'A'. The chance of their first child having blood group '0' is
(1) 25%
(2) 75%
(3) 50%(4) 100%
Ans: (3)

84. A Shooting Star is a
(1) meteoroid which catches fire as it enters the Earth's atmosphere
(2) star which moves with a constant speed
(3) shining object which moves with a constant speed in the atmosphere
(4) star with a tail at the end
Ans: (1)

85. The difference between boiling and evaporation is that(1) boiling causes reduction in volume of liquid while evaporation does not
(2) changing of boiling liquid into vapour can be seen but evaporation cannot be seen
(3) boiling causes a change of state of water while evaporation does not
(4) evaporation can take place at any temperature while boiling cannot
Ans: (4)

86. At the primary stage, assessments should consist of
(1) half-yearly and annual examinations at the end of the year
(2) home assignments and class assignments every week to rate young learners under the categories of pass or fail
(3) continuous and unstructured teacher observations to be shared with learners and parents
(4) formal tests and games done every week and recorded in the Report Card
Ans: (3)

87. A lemon sinks in normal water but floats in salty water because the density of
(1) lemon increases in salt water
(2) lemon decreases in salt water
(3) salt water is more than normal water(4) normal water is more than salt water
Ans: (3)

88. Cooked rice can be preserved for a longer time in a refrigerator because
(1) moisture content in the food is reduced at low temperature
(2) refrigerators contain certain chemicals which kill the microbes
(3) microbes become inactive at low temperature(4) microbes are destroyed and killed at low temperature
Ans: (3)

89. Malaria can be detected by testing the blood for the presence of
(1) eggs of mosquito in red blood cells
(2) Plasmodium in red blood cells(3) ruptured liver cells in blood
(4) larvae of mosquito in blood
Ans: (2)

90. The use of poems and story telling to explain concepts in an EVS class helps to
(1) take care of the language and cultural diversity among learners
(2) channelize the energies of the students in the right direction
(3) make the lesson enjoyable and interesting
(4) promote the ability to imagine and explore the nature of the world at the local and global level
Ans: (4)
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