टीईटी में संस्कृत की उपेक्षा पर जताया आक्रोश
( Anger over neglecting Sanskrit subject in TET Exam )
सुखपुरा (बलिया) : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में संस्कृत को शामिल नहीं किये जाने व बेसिक शिक्षा विभाग के संस्कृत को शामिल करने के प्रस्ताव पर अभी तक शासन की सहमति नहीं मिलने से संस्कृत स्नातकों में शासन के प्रति तीव्र आक्रोश है। श्री राधा कृष्ण आदर्श संस्कृत महाविद्यालय सुखपुरा परिसर में प्राचार्य बरमेश्वर नाथ पांडेय की अध्यक्षता में संस्कृत स्नातकों की बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा संस्कृत की उपेक्षा पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गयी। वक्ताओं ने कहा कि जब हिन्दी के अलावा अंग्रेजी व उर्दू को शामिल किया गया है तो संस्कृत के साथ सौतेला व्यवहार क्यों। वक्ताओं ने कहा कि बिहार ने भी टीईटी परीक्षा में संस्कृत को शामिल किया था। क्या बिहार सरकार से यह सरकार सबक नहीं ले सकती। कहा कि संस्कृत स्नातकों के तीव्र विरोध के कारण बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश सरकार को टीईटी परीक्षा में संस्कृत को शामिल करने का एक प्रस्ताव एक हफ्ता भर पूर्व भेजा भी था बावजूद इसके प्रदेश सरकार ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। शासन की इस उदासीनता के कारण हजारों संस्कृत स्नातक परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे और उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। बैठक को पिंटू पांडेय, आचार्य लालबुची यादव, राजेश शास्त्री ने भी संबोधित किया। संचालन केपी चमन ने किया।
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