अब हाई स्कूल तक मुफ्त शिक्षा की तैयारी
शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा बढ़ाने के लिए खाका तैयार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने निशुल्क शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा अब दसवीं तक बढ़ाने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद की सब कमेटी ने दसवीं तक बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें सरकार की ओर से कापी-किताब, ड्रेस तथा लड़कियों को साइकिल भी दिए जाने की सिफारिश की है। हाईस्कूल तक आरटीई कानून को लागू करने के लिए अगले पांच सालों में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। सब कमेटी की रिपोर्ट पर पहली नवंबर को केब कमेटी की बैठक में राज्यों के साथ चर्चा के बाद सरकार अगला कदम उठाएगी।
आरटीई एक्ट 2009 के तहत वर्तमान में आठवीं कक्षा तक सरकार ने निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान कर रही है। हाई स्कूल तक आरटीई को लागू करने का फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए वर्ष 2011 में हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
कमेटी ने कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। कमेटी ने 17 साल से कम उम्र के बच्चों को लाभ दिए जाने का प्रस्ताव किया है। एससी एसटी तथा गरीब बच्चों के साथ ही दूरस्थ शिक्षा के मामलों में उम्र के मामले में रियायत देने का भी सुझाव दिया है। योजना के तहत सभी स्कूलों में केवीएस के समान सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है। कमेटी ने कमजोर वर्ग के बच्चों तथा लड़कियों को छात्रवृत्ति दिए जाने का भी सुझाव दिया है।
कमेटी ने कहा है कि राज्यों से हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा खत्म करने के साथ अभिभावकों से नो डिटेंशन पालिसी पर, निजी स्कूलों से गरीब बच्चों को निशुल्क प्रवेश देने तथा स्कूल मैनेजमेंट कमेटी जैसे मुद्दों पर विभिन्न पक्षों से विस्तार से चर्चा होनी चाहिए
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केंद्र सरकार अपनी महत्वाकांक्षी आरटीई योजना का दायरा बढ़ाएगी। सरकार ने इस कानून का दायरा 10वीं तक बढ़ाने का फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। हाईस्कूल तक नि:शुल्क शिक्षा के लिए पांच सालों में 20 हजार करोड़ की जरूरत होगी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अब दसवीं तक निशुल्क शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा बढ़ाने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। हाईस्कूल तक आरटीई कानून को लागू करने के लिए अगले पांच सालों में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। पहली नवंबर को केब कमेटी की बैठक में राज्यों के साथ चर्चा के बाद सरकार अगला कदम उठाएगी।
छात्रओं को साइकिल की सिफारिश
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद की सब कमेटी ने दसवीं तक बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें सरकार की ओर से कॉपी-किताब, ड्रेस तथा लड़कियों को साइकिल भी दिए जाने की सिफारिश की है। कमेटी ने आरटीई को हाई स्कूल तक लागू करने की सिफारिश के साथ ही कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। कमेटी ने इसके तहत 17 साल से कम उम्र के बच्चों को लाभ दिए जाने का प्रस्ताव किया है। एससी, एसटी तथा गरीब बच्चों के साथ ही दूरस्थ शिक्षा के मामलों में उम्र के मामले में रियायत देने का भी सुझा दिया है। योजना के तहत सभी स्कूलों में केवीएस के समान सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है। इस योजना के तहत पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील, निशुल्क साइकिल, कॉपी-किताब एवं स्टेशनरी भी दिए जाने का प्रस्ताव है। कमेटी ने कमजोर वर्ग के बच्चों तथा लड़कियों को छात्रवृत्ति दिए जाने का भी सुझाव दिया है।
अभी 8वीं तक मुफ्त शिक्षा
आरटीई एक्ट 2009 के तहत वर्तमान में आठवीं कक्षा तक सरकार निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान कर रही है। अब इसी कानून के तहत दसवीं तक बच्चों को सरकारी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा प्रदान करने की योजना है। हाई स्कूल तक आरटीई को लागू करने का फ्रे मवर्क तैयार करने के लिए 2011 में गठित हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल के नेतृत्व में एक कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने सुझाव दिया कि राज्यों से हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा खत्म करने, अभिभावकों से नो डिटेंशन पालिसी पर, निजी स्कूलों से गरीब बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश देने तथा स्कूल मैनेजमेंट कमेटी जैसे मुद्दों पर विभिन्न पक्षों से विस्तार से चर्चा होनी चाहिए।