UPTET - प्रदेश के बेसिक स्कूलों में ढाई लाख शिक्षकों की कमी
लखनऊ। यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 2.56 लाख शिक्षकों की कमी है। यह स्थिति तबहै जब प्रदेश में शिक्षकों की कमीदूर करने के लिए समय-समय पर बीएड डिग्रीधारकों को विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देकर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक रखा जाता रहा है। प्रदेश के 1632 स्कूलों में शौचालय नहीं है और 55हजार स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वेछह माह के अंदर अध्यापकों के खालीपदों पर भर्ती करें और स्कूलों में जरूरी सुविधाएं मुहैया कराएं। इस बाबत प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार से जब पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर जवाब देने से इनकार कर दिया कि वे तो छुट्टी पर हैं और कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं हैं।
केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करते हुए 6 से 14 साल के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य कर दी है। इसके साथ ही शिक्षक और छात्र अनुपात में भी बदलाव करते हुए प्राइमरी में 30 बच्चों पर एक और उच्च प्राइमरी में 35 बच्चों पर एक शिक्षक का मानक तय किया गया है। नए मानक के अनुसार सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। यूपी में ही 2.56 लाख शिक्षकों की कमी है
Source - Amar Ujala
4-10-2012
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As recently in a News Supreme Court gave directions to fill vacant post within 6 months.
And such a huge shortage of teacher can be a good hope for teaching job aspirants.