उत्तर प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती : सरकार से न निगलते बन रही न उगलते!
इस लेख के प्रारंभ में ही स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि यह लेख केवल उनके लिए है जो टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर 72825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए 29 /30 नवम्बर और बाद में 2 दिसंबर 2011 को प्रकाशित संशोधित विज्ञप्ति के आधार पर भर्ती के पक्षधर है, तार्किकता और लोकतंत्र में विश्वास करते हैं, न्यायपालिका में पूर्ण आस्था रखते हुए मानते हैं कि अगर लड़ाई लड़ी गई तो न्याय जरूर मिलेगा और इस लड़ाई को सार्थक मानते हैं. भिन्न मत वाले, जो सार्थक और तार्किक बहस में विश्वास रखते हैं, वे भी अगर मेरी जानकारी या राय में कोई वृद्धि या संशोधन करें तो मैं उनका भी स्वागत करता हूँ पर मात्र अपने स्वार्थ या दुराग्रह के कारन अपना राग अलापने पर आमादा महानुभाव इसे पढने में अपना समय न व्यर्थ करें तो उनके लिए उपयुक्त होगा.
वास्तव में कहूं तो मेरी यह यह पोस्ट स्थिति से पूर्णतया अवगत जानकार साथियों के लिए नहीं , उन आम अभ्यर्थियों के लिए हैं जिनकी काल्स, संदेशों और चैटिंग का अपनी व्यस्तता के कारण मैं उत्तर देने में अक्षम रहता हूँ.
• पिछले 8 महीने से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चल रहे 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती से सम्बंधित तमाम मुकदमों में अबतक के नतीजे अभ्यर्थियों के लिए सकारात्मक नहीं, निराशाजनक ही रहे हैं. वहां किये गए प्रयासों के गुण-दोष की समीक्षा बेमानी है क्यूंकि कोई खुद को कितना बड़ा भी कानूनी पंडित , विश्लेषक, सटीक पूर्वानुमानकर्ता या भविष्यदृष्टा क्यूँ न बताये , इलाहाबाद में आज जो स्थिति है , उसकी कल्पना तक किसी ने नहीं की थी, फिर इसका ठीकरा कोर्ट केसेज देख रहे चंद सक्रिय साथियों पर फोड़ना उनके साथ ज्यादती होगी. वैसे भी कुछ न करने वालों , (इनमे अगर आप मुझे भी शामिल करें तो मैं आपत्ति नहीं उठाऊंगा) से गलती हो ही नहीं सकती और वे दूसरों पर ऊँगली उठाने को पूर्णतया स्वतंत्र होते हैं. परन्तु वास्तव में काम करने वाले को ही उस दबाव का अंदाज़ा होता है जो हजारो-लाखों लोगो की अपेक्षाओं से बनता है, सही इरादे से भी उठाए गए किसी कदम के भी गलत परिणाम गलते की आशंका से बनता है, स्वयंभू फेसबुकिया विद्वानों की तरह पल पल स्टैंड बदलने और जरुरत पड़ने पर उसे भूलकर अगले ही पल नया स्टैंड ले लेने की स्वतंत्रता भी इन्हें नहीं होती.
• निराश हो चले साथियों से केवल इतना कहूँगा कि अगर सरकार के खिलाफ भी हमारी लड़ाई पिछले 9 महीने से जिन्दा है तो यह हमारे पक्ष की मजबूती का ही नतीजा है. दूसरा जब आपको विश्वास है कि आपके साथ अन्याय हुआ है तो उसके विरुद्ध लड़ना ही पौरुष है.
• लखनऊ उच्च न्यायालय में अरविन्द सिंह जी और उनके साथियों द्वारा दायर मुक़दमे में कोर्ट में सरकार द्वारा एक हफ्ते में जवाबी हलफनामा न दाखिल करने की स्थिति में अंतरिम राहत की याचिका को निस्तारित कर देने की चेतावनी निस्संदेह जहाँ इलाहाबाद के घटनाक्रम से निराश अभ्यर्थियों के लिए संजीवनी सिद्ध हुई है, वहीं मदांध सरकार के लिए एक कडवे सच से साक्षात्कार ! शायद सरकार को अब आभास हो कि राज सरकार का नहीं, असल में कानून का होता है, जो न्याय और सत्य के लिए है न कि व्यक्तिगत और राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए.
• इस याचिका में सरकार द्वारा हाल में किये गए पन्द्रहवें संशोधन के मार्फ़त टी.ई.टी. मेरिट के स्थान पर एकादेमिक प्रदर्शन के आधार पर बनाये गए गुणांक मेरिट के फार्मूले को राज्य में संचालित अलग-अलग बोर्डों, विश्व-विद्यालयों की परस्पर भिन्नता वाली मूल्याङ्कन-पद्धति का हवाला देते हुए सिरे से अतार्किक और अव्यवहारिक बताते हुए इस संशोधन को ही निरस्त करने की मांग भी की है. इस याचिका का जवाब देने में शायद सरकार को इतनी परेशानी हो रही है कि पिछले आठ महीने में पहली बार इस मामले में स्केलिंग की सम्भावना तलाशने की खबर अख़बारों में स्पष्ट तौर पे जताई गई. पर यहाँ सरकार एक और नए मकडजाल में उलझने जा रही है. असल में मुद्दा यहाँ बेहतर प्रक्रिया के निर्धारण का नहीं, टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर चयन के लिए प्रारंभ की गई एक विधि-सम्मत , वैध और तर्कसंगत प्रक्रिया में निहित राजनैतिक स्वार्थों के लिए परिवर्तन करने की सरकार की नीयत, शक्ति, वैधता और सामर्थ्य का है. पर अगर देखा भी जाये तो अब तक अगर कही हुआ है तो स्केलिंग पद्धति का प्रयोग अभी तक अर्हता निर्धारण यानि कट-ऑफ निर्धारण के लिए होता आया है, चयन के आधार के रूप में नहीं. आप किसी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए उ.प्र. बोर्ड के 60% और सी.बी.एस.ई. बोर्ड के 80% को को अर्ह मानते हैं तो सम्बंधित बोर्डों के इस से अधिक अंक पाने वाले सभी अभ्यर्थी अर्ह माने जाते हैं. पर अगर आप किसी चयन के लिए स्केलिंग को अपनाते हैं तो इस मानक के आधार पर जब यू.पी. बोर्ड का 1 प्रतिशत अंक सी.बी.ई.सी.बोर्ड के 1.33 प्रतिशत अंक के बराबर है, ऐसे में तो यू.पी. बोर्ड में 90 प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थी को पछाड़ने के लिए बेचारे सी.बी.एस.ई. वाले अभ्यर्थी को तो 120 प्रतिशत की जरूरत होगी जो असंभव है. साथ ही बी.एड. में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के आधार पर 12, 6 और 3 गुणांक देने के लिए क्या सरकार यह फिर से तय करने की हैसियत में होगी कि फलानी युनिवेर्सिटी में 60 प्रतिशत एवं ऊपर वालों को प्रथम श्रेणी, 45 प्रतिशत एवं ऊपर वालों को द्वितीय श्रेणी और 33 प्रतिशत एवं ऊपर वालों को तृतीय श्रेणी में रखा जायेगा और फलानी यूनिवर्सिटी के ये प्रतिशत क्रमशः 80, 55 एवं 40 होंगे? फिर तो विभिन्न विश्व-विद्यालयों की उपाधियों में भेद-भाव का एक नया मामला बनेगा और जिन युनिवर्सिटियों के छात्र इस वजह से पिछड़ेंगे, वो क्या कोर्ट केसेज की झड़ी नहीं लगा देंगे? वैसे यह अभी एक सम्भावना मात्र है पर आशा है कि हमारी चुनी हुई सरकार भी इस नज़रिए से मामले को देखेगी.
• हाल ही में जिस प्रकार से नियुक्ति के स्थान पर फिलहाल VBTC प्रशिक्षण के लिए विज्ञापन आने कि सम्भावना के मद्देनज़र टी.ई.टी. फेल बी.एड. धारकों ने इस में आवेदन करने का जो दावा पेश किया है, वर्तमान नियमों के हिसाब से उसमे काफी वज़न है क्यूंकि वाकई में नियमावली के अनुसार प्रशिक्षण के लिए सरकार न टी.ई.टी. अर्हता मांग सकती है न ही टी.ई.टी. फेल बी.एड. वालों को इसमें बैठने से रोक सकती है.
• पर यह तो मात्र एक शुरुआत है, लड़ाई अभी बाकी है. पिछले 8 महीने में स्थितियों में नाटकीय परिवर्तन हुए है, हमें भविष्य में आ सकने वाली हर संभावित किसी अनिश्चितता, किसी भी संभावना का अंदाजा लगाना होगा, उसके संभावित दुष्परिणामों का आंकलन करना होगा और समय रहते संभावित समाधान और विकल्प तलाश कर, अवसर उत्पन्न होते ही तत्काल उसके प्रतिकार के लिए समर्थ और सन्नद्ध रहना होगा. इस स्थिति में केवल अपने विचारों पर अड़े रहने की हठधर्मिता, दूसरों के विचारों को बिना विचार किये नकार देने की वैचारिक कूपमंडूकता और व्यक्तिगत अहम् के टकराव के कारण किसी व्यक्ति को साथ न लेने वाली छुआ-छूत संगठन और एकता के लिए बहुत खतरनाक सिद्ध हो सकती है.
• आज मुकदमों की स्थिति को लेकर कानूनी राय बंटी हुई है. व्यक्तिगत पसंद को परे रखकर, शुद्ध कानूनी रूप से स्थिति के आंकलन, संभावित विकल्पों की तलाश, संगठन को बचाए रखने और प्रदेश भर के अभ्यर्थियों का विश्वास और मनोबल बनाये रखने और भिन्न-भिन्न राय रखने के बावजूद इस लड़ाई से जुड़े हर साथी को साथ रखने, और इस लड़ाई के हर गंभीर मोर्चे पर लड़ रहे साथियों को हर संभव सहयोग करने के उद्देश्य से दिल्ली में पिछले महीने 16 व 17 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट के वकील श्री आनंद मिश्रा जी की मौजूदगी में हुई दो-दिवसीय खुली और पारदर्शी बैठक काफी हद तक सफल हुई, ध्यान दें कि ये मीटिंग किसी कमिटी की नहीं, इस लड़ाई से नौकरी पाने के लिए आशावान और लड़ने के लिए तैयार हर आम अभ्यर्थी की मीटिंग थी, जिसमे प्रदेश भर से 50 से अधिक साथी आये, वकील साहब की मौजूदगी में अपने विचार रखे, अपनी शंकाएं रखी और इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही की अपनी जिद पर अड़े रहने के बजाय हर आगंतुक ने स्थितियों के अनुसार अपने रुख में लचीलापन रखने और तदनुसार निर्णय लेने और बदलने पर सहमति दी. इस मीटिंग में भाई विवेक सिंह (प्रतापगढ़), रत्नेश पाल (कानपूर), देवेन्द्र सिंह (दिल्ली), एस.बी.सिंह (दिल्ली), आनंद तिवारी (दिल्ली), प्रमोद पाण्डेय (दिल्ली), कुमार नीरज (दिल्ली), शिव कुमार (गाज़ियाबाद), विजय सिंह तोमर (कानपूर), अलकेश प्रजापति (दिल्ली), विपिन तिवारी (प्रतापगढ़), अमित मिश्रा (औरैय्या), नीलेश पुरोहित (ललितपुर) के साथ साथ हरीश गंगवार (बरेली), के साथ साथ विकास कुमार. सुरेन्द्र सिंह सहित मेरठ, हापुड़ और तमाम जिलो के प्रतिनिधि थे. इस मीटिंग ने एक ऐसा समूह खड़ा करने में मदद की जो इस बड़ी लड़ाई के हर मोर्चे को मजबूती देने के प्रयास में तो रहेगा ही, आवश्यकता पड़ने पर स्वयं भी एक्शन लेने में परहेज नहीं करेगा. जरुरी हुआ तो इलाहबाद और लखनऊ या कही भी, किसी भी याची के साथ जुड़ने को तैयार है अगर जीत के लिए ऐसा करने को तैयार है, पर आवश्यकता पड़ने पर स्वयं भी एक्शन लेने में परहेज नहीं करेगा. इसकी पारदर्शिता, खुलापन और लचीलापन ही इसकी शक्ति है और इसके प्रति अल्पकाल में लोगो में इसके प्रति विश्वास और उनके समर्थन का कारण, क्यूंकि यह किसी से अलग नहीं, सबके साथ है. मीटिंग में आये साथियों के साथ साथ, तमाम साथी जो चाहकर नहीं आ पाए, उन्होंने भी इस लड़ाई में वैचारिक और आर्थिक सहयोग तक किया, (दिल्ली में मिले जिन साथियों के नाम यहाँ नहीं हैं, उनका महत्त्व किसी भी प्रकार से कम नहीं होता, पर अगर आप यह पोस्ट पढ़ रहे हैं तो कृपया एक कमेन्ट द्वारा अन्य को अवगत कराएँ) ).
• इस मीटिंग से यह स्पष्ट हुआ कि यदि एक आम अभ्यर्थी को विश्वास हो जाये की उसकी लड़ाई इमानदारी से लड़ी जा रही है तो वह हर संभव सहयोग करने को तत्पर है और आर्थिक तंगी इस लड़ाई में बाधा नहीं बनेगी. इस मीटिंग के परिणाम स्वरुप न सिर्फ तत्कालीन स्थिति के अनुसार आनन्-फानन में सुप्रीम कोर्ट में सीधे विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने के बजाय पहले हाईकोर्ट में डिविजन बेंच में स्पेशल अपील का परिणाम देखने की सहमति बनी.
• 19 व 20 सितम्बर को इलाहाबाद के कई वकीलों से गहन विचार-विमर्श के अलावा शीर्ष कानूनी दिग्गज आर. के. जैन साहब से इस मुद्दे पर रत्नेश पाल, पुनीत सिंह (प्रतापगढ़) शलभ तिवारी (हरदोई), विनोद सिंह व अवधेश तिवारी (इलाहाबाद), धर्मेन्द्र श्रीवास्तव (उन्नाव) व मेरी उपस्थिति में एक पारदर्शी विचार-विमर्श हुआ, जिसमे उन्होंने हाई कोर्ट में स्पेशल अपील अभी न करने और विज्ञापन आने के बाद ही कोई कदम उठाने की सलाह दी. इसी बीच देवरिया के भाई प्रियरंजन वर्मा जी ने अपने मामा जी, पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता, भारत सरकार, श्री अमरेन्द्र शरण जी से इस मामले की चर्चा के बाद हम सबको बताया कि अभी विज्ञापन आने के पहले कुछ करना सही नहीं होगा. उनके मामाजी के विचार से हमें अपनी लीगल रिमेडीज यानि कानूनी उपचार के अवसर कम नहीं करने चाहिए अर्थात, सिंगल बेंच, डबल बेंच और फिर आवश्यकता पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. पर दिल्ली के वकील द्वारा विज्ञापन निकलने के पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट आने की सलाह दी गई. ऐसी स्थिति में कोई सलाह अंतिम नहीं मानी जा सकती थी, अपने पास उपलब्ध सीमित समय, सीमित संसाधन और सीमित विकल्पों का शत-प्रतिशत प्रयोग अपरिहार्य था, साथ ही इस काम के लिए आ रहा पैसा कोई हराम का पैसा नहीं था जिसे मनमाने और हलके तरीके से बर्बाद कर दिया जाये. यहाँ पर अलग-अलग तरीकों से लड़ रहे साथियों ने भी अपने लक्ष्य को प्रमुखता देते हुए एक-दुसरे का सहयोग किया जो एक बड़ी उपलब्धि थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में जहाँ भाई सुजीत सिंह ने भाई रत्नेश पाल की कई मुश्किलों के समाधान में सहयोग किया तो वही भाई सुजीत सिंह के द्वारा डिविजन बेंच में स्पेशल अपील के लिए धन की कमी बताये जाने पर दिल्ली में हुई उपरोक्त मीटिंग में आये सदस्यों की सहमति से अविलम्ब आनंद तिवारी जी के खाते में इकठ्ठा सहयोग राशि से उनकी जरुरत पूरी की गई. इस मीटिंग में आये साथियों ने हरदोई के साथियों द्वारा लखनऊ में दायर याचिका की जानकारी मिलने पर उनसे स्वयं संपर्क कर उनको विश्वास दिलाया और यह सुनिश्चित किया कि उनको हर संभव आवश्यक सहयोग समय पर मिले. वैसे इन साथियों का प्रयास साधुवाद का पात्र है. आनंद तिवारी के खाते में आये एक-एक पैसे का हिसाब हम सबके पास है जो कभी भी सार्वजानिक किया जा सकता है. साथ ही बताना चाहूँगा कि इस काम के लिए 3 दिन इलाहाबाद में रुके रत्नेश पाल और उनके साथियों द्वारा इलाहाबाद आने जाने, ठहरने और खाने के नाम पर एक भी रुपया इस कोष से नहीं लिया गया. आगे भी जरुरत पड़ने पर और आवश्यक होने पर हम अपने किसी मोर्चे को मजबूत करने के लिए सहयोग को प्रतिबद्ध हैं. पारदर्शिता हमारी पहली और आखिरी शर्त है. इस समूह की उपरोक्त गतिविधियों की पुष्टि सम्बंधित साथियों से कोई भी कर सकता है. यह साथी नाम के लिए नहीं, मात्र काम के लिए सक्रिय हैं . ये सुप्रीम कोर्ट में सीधे कूद पड़ने को आतुर लोगो की नहीं, स्थिति के अनुसार किसी भी हद तक अपने रूख में लचीलापन रखने को तैयार लोगो का एक गंभीर प्रयास था और एक अदृश्य कारक की तरह इस आन्दोलन को जिन्दा रखने का छोटा सा ही सही, पर ईमानदार प्रयास है.
• वैसे तमाम ईमानदार प्रयासों की आड़ में या इनके साथ, रिटों का मार्केट इलाहाबाद से लेकर लखनऊ तक गरमा गया है. सबकी रिटों के अपनी-अपनी यूएसपी है, अनमैच्ड फीचर हैं, किसी में कॉम्बो ऑफर है तो किसी में अर्ली-बर्ड ऑफर. किसी ऑफर में “जो-आएगा-वोही-पायेगा” की “शर्तें लागू” हैं तो किसी में ग्रुप में आने पर “ग्रुप-डिस्काउंट” तक मिल रहा है. कुछ इतनी गोपनीय हैं कि उनके फीचर्स देखने के पहले रजिस्ट्रेशन जरुरी है. कुछ का काम तो ख़ुफ़िया ब्यूरो की याद दिलाता है . पर ठहरिये, आप सब तो सिर्फ 2 दिसंबर 2011 को सरकार द्वारा प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर चयन प्रक्रिया पूरी करने भर के लिए लड़ रहे हैं न? फिर ये क्या है? असल में न्यायालय द्वारा केवल याचियों को लाभ दिए जाने की आशंका के मद्देनज़र जहाँ कुछ डरे हुए अभ्यर्थियों द्वारा रिटें डाली जा रही हैं वहीं कुछ लोगो द्वारा इसी भय का दोहन करके आम अभ्यर्थी को डराकर स्पोंसरशिप हासिल की जा रही है. कुछ लोग नाम के लिए रिट्स लांच कर रहे हैं तो कुछ काम के लिए, पर ये सब कुछ मनमाने तौर पर हो रहा है, सही और गलत में भेद करने का कोई पैमाना नहीं है पर निर्बाध गति से बन रहे ये छोटे-छोटे समूह क्या एकदम से हुए किसी जन-जागरण का परिणाम है या मुख्य संगठन से ख़त्म हो रहे विश्वास का?? कुछ याचिकाएं लांच हो चुकी है, कुछ होने वाली है तो कुछ प्रतीक्षासूची में हैं. यहाँ मेरा उद्देश्य किसी के प्रयासों या विचारों को कमतर दिखाना नहीं, एकदम से परिदृश्य में आई या आनेवाली याचिकाओं में से गंभीर और मजबूत याचिकाओं की पहचान में आनेवाली समस्या की और ध्यान दिलाना है. किस आधार पर अभ्यर्थी और संगठन किसी याचिका के बारे में निर्णय करें कि उसका सहयोग, समर्थन या बचाव किया जाये, अबतक जितने मोर्चे खुले, जितनी याचिकाएं पडी, उनका हश्र बताने की कोई जरूरत नहीं. प्रश्न गंभीर है, क्यूंकि अगर सारे साथी एक साथ मिलकर सागर का रूप लेते तो बड़े से बड़े पर्वत लील जाते. पर आज ये अभी कई नदियों के रूप में बंटे हुए प्रवाहमान हैं, फिर भी इनके वेग के सामने शत्रु का टिकना मुश्किल हो सकता है, अगर ये सब छोटे छोटे नालों और नालियों में बंट गए या बाँट दिए गए तो गिनती में बहुत होंगे पर परिणाम में शून्य. यह एक सामान्य टिप्पणी है जो किसी गंभीर, जानकार और जुझारू साथी द्वारा किये जाने वाले छोटे से सही, पर सही दिशा में सही तरीके से किये गए ईमानदार प्रयास पर लागू नहीं होती, और वो भी कोई चमत्कारिक परिणाम दे सकते हैं पर पिछले 8 महीने के घटनाक्रम को देखते हुए इसके भरोसे पर बैठे रहना बहुत बड़ा जुआ साबित हो सकता है.
• ऐसी स्थिति में कोई अपनी राय को अंतिम सत्य बताये तो यह प्रथमदृष्टया असत्य होगा. आज हम इलाहाबाद और लखनऊ में सिंगल बेंच में जूझ रहे हैं. इलाहाबाद वाले टंडन साहब ने हमारी बात सुनकर भी सरकार को 15 दिन के अन्दर विज्ञापन निकलने की अनुमति दी है वही लखनऊ में गुप्ता साहब ने सरकार द्वारा हफ्ते भर में जवाब न दिए जाने की स्थिति में याचियों को अंतरिम राहत दे डालने की चेतावनी दे दी है. डिविजन बेंच ने हमारी स्पेशल अपील डिसमिस करते हुए मामला सिंगल बेंच के पास ही लौटा दिया है और उसके निर्देश के बावजूद भी सिंगल बेंच से हमें सकारात्मक निर्णय नहीं मिला.
• आगे क्या होने वाला है, कहा नहीं जा सकता है. पर चूंकि सत्य हमारे साथ है, निराशा हमसे दूर ही रहे तो बेहतर है. विधि-विशेषज्ञों की राय में हम गलत नहीं, पीड़ित हैं, हमारा पक्ष मजबूत है. ऐसे में अब दो रास्ते हैं, पहला, विज्ञापन आने के पहले सुप्रीम कोर्ट जाना ताकि वो आ ही न पाए या सिंगल बेंच को हमारे पक्ष में कोई निर्देश दिया जाये, और दूसरा, विज्ञापन आने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाना. वैसे विज्ञापन आने के बाद कुछ न कुछ करना विकल्प नहीं, मज़बूरी है, इस से कोई इंकार नहीं कर सकता, पर शायद उस स्थिति में भी सुप्रीम कोर्ट नहीं, सिंगल बेंच में ही जाना पड़ेगा. कुल मिलाकर विज्ञापन के पहले सीधे सुप्रीम कोर्ट जाना, और बाद में नए सिरे से सिंगल बेंच, डबल बेंच होते हुए सुप्रीम कोर्ट जाना, ये दो विकल्प नहीं, दो मौके हैं. दूसरा अपरिहार्य है पर पहला अगर हाथ से निकल गया तो दोबारा नहीं मिलेगा. लखनऊ के हालिया आदेश से राहत पाकर अब यह प्रयास हो रहे है कि अभ्यर्थियों में बढ़ रही बेचैन और हो सकने वाले नुकसान के मद्देनज़र शीघ्रातिशीघ्र अब वकीलों के बजाय मामले को सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस सहायता समिति के सामने रखकर इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट जाने न जाने के मुद्दे पर, उनकी राय का अनुपालन किया जाये जहाँ के पैनल में वरिष्ठ अधिवक्ता ही होते हैं. और व्यक्तिगत सनक, दुराग्रह, विचार, राय या जिद्द के बजाय अगर सामूहिक हित के लिए कानूनी सिद्धांतों , प्रक्रियाओं और विशेषज्ञों को वरीयता दी जाये तो वर्तमान संक्रमणकाल में शायद ही किसी को आपत्ति हो.
• इस लड़ाई के सभी मोर्चों में समन्वय, आपसी तालमेल, सोच-समझकर लिए जाने वाले निर्णय, कानूनी सलाह को वरीयता , संगठन की मजबूती और आम अभ्यर्थी के विश्वास व मनोबल को बनाये रखने के लिए सबको साथ लेकर चलना अपरिहार्य है, समय की आवश्यकता है. ताकि साथी न बंटे, शक्ति न बंटे और संसाधन न बंटे. और समय रहते स्थिति के वास्तविक मूल्याङ्कन करने, आवश्यक रणनीति बनाने और उसके लिए समय से तैयार हो जाने के लिए अब परस्पर विचार-विमर्श की महती आवश्यकता है. बेहतर होगा कि सबलोग मिलकर जल्द से जल्द एक तिथि, समय और स्थान आपस में तय करे एवं तदनुसार एक बैठक का आयोजन करें ताकि संभावित बिखराव को रोका जा सके और विजय के पथ पर ठोस कदम बढ़ाये जा सके. एक आम अभ्यर्थी को अपने अग्रणी साथियों से अभी बहुत आशा है.
इतनी बड़ी पोस्ट के लिए क्षमाप्रार्थना के साथ
आपका साथी
श्याम देव मिश्रा
Source : http://shyamdevmishra.jagranjunction.com/2012/10/05/october-5-2012-an-overview-of-state-of-affairs-on-recruitment-of-72825-trainee-teachers-in-uttar-pradesh/
Shyam Dev ji ' s artilce contains very good points.
ReplyDeleteHowever about scaling system -
Recently IIT accepted scaling procedure. And we have seen a one scaling system in INSPIRE Fellowship (DST , Govt. of India)
But , In UP a selection process was already started and any change can happens OR not is a big question.
Selection authority have many powers to choose its selection process, And can decide appropriate weight age for various qualifications.But what court will said - As many candidates put up their matter in court
The U.P.P.S.C. has applied the scaling formula and prepared the merit list of various candidates for the three examinations, namely, the Provincial Civil Services (Executive Branch), Main Examination, 2001; Provincial Civil Services (Executive Branch) Preliminary Examination, 2002; and the U.P. Civil Judge (Jr. Division) Examination.
ReplyDeletehttp://indiankanoon.org/doc/837614/
The system of scaling was intended to remove the disparity in evaluation. In the case of Judicial Service examination, more than four thousand candidates appeared. The answer papers were evaluated by 14 examiners. Some examiners were liberal in awarding marks whereas some others were strict in awarding marks. The details given along with the Special Leave Petition show the extent of difference in marks awarded by the examiners. Table 1 on page 47 in SLP(C) No. 3758 of 2002 shows as follows: Table-1
ReplyDeletehttp://indiankanoon.org/doc/837614/
ku bhadaka raha h yr tet patatrata parisha hai bharti pariksha nhi chup chap bharti hone do jaise bhi ho varna suprime court se aise muh ki khaoge ki noukri ka door door tak pata nishan dikhai nhi dega sapne me bhi noukri nhi milegi samjheeeeee babu mosayyyyyyyyyyy
ReplyDeleteShyamdev what do you mean now i just want a job not selection procedure
ReplyDeleteor suprime court bhi 1 bar kah chuka hai k tet patarta pariksha hai chain ka adhar nhi to kya dubara sunnne k liy sup.court jana hai kya
ReplyDeletemujhe lagta hai hmare syam dev mishra bhi acd me third class hain tabi to tet tet gaa rahe hain are koi sujhao dena hai to bharti process ko poora karne ka do na ah sujhao to bharti rukbane ka de dala re
ReplyDeleteYe sdm to pagal hai.
ReplyDeleteSabse jyada inhi bhai ko tet se niyukti chahiye. SDM ji kitne marks hai apke ctet aur uptet me bataige jarur
ReplyDeleteEK HAKIKAT!!!
ReplyDeleteGUNANK SYSTEM SE CBSE BOARD WALON KO KOI FARK NAHIN PADTA BECAUSE YADI UNKE HAS 80% INT 70% BHI HOTE HAIN TAB BHI WE UP BOARD SE 2+2 YANI 4 POINT JYADA PATE HAIN AUR 4 POINT BAHUT JYADA IMPORTANCE RAKHTE HAIN GUNANK ME IS LIYE SARKAR KA GUNAK METHOD KEWAL UP BOARD WALON KO BEWKOOF BANANE KI CHAAL HAI
DOSTO
GUNANK AND FLATE DONO HI METHOD UP BOARD K LIYE TOTALY ANYAYPOORN HAIN.
IS LIYE YADI SARKAR KO ACD BASE BHARTI KARNI HI HAI TO GRADUATION+B.ED+TET IS BEST OPTION HAI.
PLZ RAY ZARUR DEN
Hu aap ke rai sahmat hai kyonki isase , jo abhyarti 90 paye honge tha unka acdmy jayde hai or jo 120 ,130 paye honge lekin unka acdmy kam hai , me SAMANTA aa jayega aur bharti prakriya aasani se ho jayegi
Deletelekin agar govt aisa nahi karti hai to MAI SHYAMDEV JI PURI TARAHA SE SAMARTHAN KARUNGA kyonki isse yogyata ka sahi mulyankan hoga
bahoot khoob
ReplyDeleteTotaly mad sdm .ye is tarah ke kuch log hai jinko pata hai ki unka kewal tet se hi ho sakta hai.real losser .ye kabi nahi pade lekin inhey jb pata chala ki tet par bharti honi hai to ek do month me tayari kar ke jayda no le aye.
ReplyDeletesyamdev ji ab rahne bhi dijiy ye wirt ka chkkar. kitne dande khaye laknow me aur dhoop ka samna karna kya bo kam tha. jisme hamari bahne bhi rani laxmi bai ki tarh se apna yogdan kra. aur paresani jheli kya ye kam tha. are bhi sarkar bhi koi chij hoti he ya nahi.
ReplyDeleteab jyada raja ram mohan ray banne ki kosis mat karo.
misra ji ek baat aur bata don ki jis din add aa jayega aapke sath dene wale jo 200 he.wo kewl 2 rah jayenge ye ladai tabhi tak he jab tak add nahi aata samjhe ki nahi.
J.K.GUTAM AURAIYA SE
JAY BHEEM JAY BHARAT.
Abe nakalchiyao tumhare kabhi bs ka he nahi hai tet mai high score lana. Isiliyen to itni request krte rhte ho,
ReplyDeletebhaiya bharti hone do,... Bharti hone do. Nakalchi.
Nalayak
salo tum 1 2 mahino mai b jyada nai padh sakte
JAB FORM BHARTE TIME SAF-2 LIKHA THA KI YE 1 PATTRA PARIKSHA HAI TO US TIME KUCH NAHI KAR PAYE AUR NCTE NE BHEE ISKO PATTRA HE MANA HAI TO KYU BHADKA RAHE HO MEETHI GOLI DEKAR AUR GOV. JO KAR RAHI HAI SAHI KAR RAHI HAI KYUKI AGAR TET KE AADHAR PAR CHAYAN HONE LAGA TO NEXT TET ME LOG PHIR PAISE DEGE AUR PHIR SE DHANDHALI HONE SHURU HOGI TO AAP KHUD SAMAJDHAR HAI KI BHARTI JAISE GOV. KARNA CHAH RAHE HAI KARNE ME SAHYOG KARE, ISKE KAI KARAN HAI (1) YE KI AAP LOGO KA SELECTION NAHI HO PAYEGA TO KYA 72825 LOGO KA GHAR UJADOGE. (2) KYA 1 JANUARY 2012 KE BAAD AUR KITNE STATE KO NCTE NE PERMISION DIYA HAI AUR KITNE AUR STATE KEE GOV. YE EFFORT KAR RAHI HAI JO UP GOV. NE KIYA HAI UTRAKHAND KO CHOD KAR (3) KYA ACADEMIT MERIT SE SIRF SAPA GOV. KE DALLO KA HE SELECTION HOGA AAP ME KISE KA NAHI HOGA (4)COURT BHE RTE ACT KA HAWALA DEKAR BHARTI HONE KE PAKSH ME HAI (5) SUPREME COURT NE BHEE KAHA HAI KI COURT SARKAR NA CHALAYE UTNA HE ORDER DE JITNA KI GOV. FALLOW KAR SAKE AUR UP GOV. JO FALLOW KAR SAKTI HAI WO KAR RAHI HAI AUR USME COURT KO KUCH KARNA HEE HANI CHAHIYE KYUKI YE NEETIGAT MAMLA HAI (6) UP GOV. SCHOOL ME TEACHER KE BAHUT SE PAD KHAALI HAI TO UNKE LIYE AAP LOG WRIT PE WRIT KYU NAHI BAND KAR RAHE HAI ARE 72825 ME BAHUT SE AAP KE JANNE WALOW KA SELECTION HOGA (7) JO PADNE ME AAGE THA USKA SELECTION HONA TAI HAI CHAHE ACT HO YA TET SE (8) ASLI TIME TO AB AAYEGA SAHI TEACHER CHUNNE KA KYUKI JO DHANDHALI YE JUGAD KARKE NUMBER TET ME INCREASE KIYE HAI IS TIME UNKEE NEED UD GAYI HAI (9) IS TIME JISKA SELECTION HOGA WO PRIMARY KE LIYE KABIL HE HOGA KYKI 83-90 MARKS TO PAYA HAI IS HISAB SE TO PRIMIRAY KE LIYE TO KABIL HE HAI
ReplyDeleteGREDUATION+BED+TET 20% THIS IS A BEST MATHOD OF RECURMENT.
ReplyDeleteJAY BHEEM JAY BHART
Mishra ji ne bahut muskil se 2,4 lakh jama kar ke bemani se tet pass ho gaye hai. Aur ab unko lag raha hai ki unka paisa dub gaya hai aur naukari bhi nahi milegi. Tabi wah chahta hai ki bharti na ho.
ReplyDeleteblog Editior Ji BHARTI HONE ME SAHYOG KYU NAHI KARTI HAI 10 MONTH SE HAM KARJA LE-LE KAR RASHAN PANI CHALA RAHE HAI AUR ABHI TAK TO BED ME JO FEES DIYA THA USKA UDHAR BHEE NAHI CHUKA PAYA HOO. TO MAIDAM JI I HUMBLLY REQUEST PLEASE AAP AISE KOI BHEE SLOGAN KO JYADA BHAAW NA KE JO IS BHARTI ME RUKAWAT PAIDA KARE.
ReplyDeletetHANK JI
RISHI BHAI MAI BHEE TO YAHI KAR RAHA HOO YE WAHI NETA BAN GAYE HAI JINKI ACD EKDAM POOR HAI AUR 200 SE BHEE KAM SAYAD JO KI KAHTE HAI MAI NA PAA SAKU TO KISE KO NAHI PANE DOOGA... HAAAAAAAAAAA KYA DAILOG BOLTE HAI
ReplyDeleteKUCH NETA TO APNE JEEB GARAM KAR RAHE HAI BINA WAJAH CASE KARKE JABKI US GROUND PE 1 WRIT KARKE 2 DAAL DETE HAI MAJA LENE WASTE AUR PEECHE SE ADV. KE DALALI BHEE KAR LETE HAI .............KYA BAAT HAI YARO UP HAI KAMA SAKO TO KAMA LO
ReplyDeleteSHYAM JI BILA WAJAH MEETHEE-2 GOLI DETE RAHTE HAI JABKI AISA KUCH NAHI HONE WALA HAI UNKE LEKH SE KUCH KOI SIRF JHOOTI TASALLI MILTE HIA IS CHAKKAR ME BAHUT SE LOG KISE AUR KAAM KO NAHI KAR PA RAHE HAI
ReplyDeletesupreme court ne kaha diya h k bharti ka base rajy sarkar diciede karegi or rahi bat 15th sansodhan ki to wo to maya sarkar ne change kia tha sp ne to usi old process ko follow kia h. Jo pahle thi.
ReplyDeleteHi
ReplyDeleteBharti ka hr process achchha hai kewal bharti ho jai
ReplyDeleteGunank is the best option.cbse ka matlab ye nahi ki kodi ke bhav mmarks mil rahe hai.aise to du me geadution me itna kam marks milte hai .yaha to b.ed me bhi jo 62% pata hai wo topper kahlata hai.msc me du wale le lete hai.aise lag raha bharti gaye ab tel lene.
ReplyDeletesdm phir aa gaye ye bharti nahi hone denge or dusre sunil tiwari
ReplyDeleteARYAN BHI SAHB BADE INTELEGENT BAN RAHE HO KITNE NO. KE KITNE PAISSE DIYE HE. HAMNE TO PORI TAKAT LAGA DI TAB 88 PAYE HE. WO BHI SELECTIO N UNCEFE H. AUR ACD 223 SOMTHING H. KYA AAPNE 10-12 TICK SAHI-2 LAGA DIY TO UTNE ME HI APNE KO CHANKYA SAMAJH RAHE HO. NO .KAM YA JYADA LANA STUDENT KI PARIWARIK PARISTHTI PAR BHI NERBHAR KARTA H. ESKA MATLAB AAP INTALLIGENT HO GAYE. NAHI BHI SAHAB ESA KUCH NAHI H.
ReplyDeleteDIMAG SAB KE PASS H.JO TET ME SABHI KE HI AVOVE 120-125 AATE TO CHAYN KISKA HOTA
ITNE HI HOSIYAR HO TO 1/2 MINUT ME 50 BAR "KACHA PAPAD PAKKA PAPD KAH KE DIKHO"
JK AUYIYA
JAY BHEEM JAY BHART.
mayank ji is sdm aur tiwari ko samjao bharti hone do
ReplyDeleteAre inka kaam hai raag alapna aur phoot daalna.aur kuch logo ka gussa badhana jo kuch galat kadam apna le inke khilaf.bas ek bar vaxancy nikal jaye 8 ko .to ye kya kal lenge.writ kam na karne wala new advt pe.
ReplyDeleteAre Bhai,
ReplyDeleteBlog ka kaam ino share karnaa hai.
Vo chahe Acad. supporter ke leeye aatee ho ya fir TET supporter ke leeye.
Jab Kapil Bhai Nyay ke leeye court ka darwaja khat khata rahe the, to ab dusre logo bhee apna pryas kar rahe hain.
Sarkaar to aap logo ka kaam kar hee rahee hai na,
Bas dua karo sabkaa achha ho, aur Supreme Court kee (6 mahine mein bhrtee) baat logo ke leeye shubh saabit ho
lagta hai ki aap khud bharti nahi hone dena chahati hai. Tabhi to bharti rokne wale elements ko jyada encourage karti hain.
Deletejo sdm sir ko ye keh rahe hain ki wo paisa dekar tet main achhe no paye hain,,,,,unke liye mujhe yahi kehna hai ki sdm jee jis prakar ki bhasha shaili ka istemal karte hain...ye unke acche padhe likhe hone ka sanket hai....acd main high marks hona jyada padha likha hona nahin darsata. meri wife ke acd main 285 hain. graduation main 69 percent hain. lekin jab aap unse baat karenge to 10 minute main neend aa jayegi aapko. Unki yogyata unke kewal kaagajon main.....SAMPOORNANAND UNIVERSITY.....samaj ke liye aur SP sarkar ke liye Master ke liye kagaj main bilkul fit hain...lekin meri atma janti hai ki un hajaron bachhon ka bhawisya kya hoga jo har saal inke padhane ke baad tay hoga.....he ram.....Gandhijee..ye desh fir gulam ho raha hai...is bar apno ke dwara hi..sdm je. regards to u.
ReplyDeletebharti to gunank se hi hogi
ReplyDeletebharti to gunank se hi hogi
ReplyDeleteshyam dev ji aap tet merit walo ko kewal pagal banate rahenge,kewal kuch rupee ki khatir.
ReplyDeletejaha total 100 me se hai waha koi anter nahi kar sakta.
1-btc2010 me accd per hone wali bharti me kuch log board ko leker court gaye the kuch nahi hua.ager kuch ho sakta tha to waha bhi hota , nahi hua ab bhi nahi hoga.
2-ager aap cbse/upboard me anter bata rahe hai ,to CENTRAL UNI. and STATE UNI. me bhi 25% ka anter hota hai.central Hons 50% per deti hai ,state 75% per.
3-ager aap process rukwane ki baat ker rahe hai to pehle LT(G.I.C.) ka rukwa ke dekhwa do.
4-IIT me kabhi merit per kabhi nahi hota hai,phir merit kaha se aagyi,scaling to kewal last student ka manak hai,jo ki sarkari naukari me kabhi manye nahi hoga.
5-process sarkar ke haat me hai kabhi nahi ruk sakta.aap tet merit per kaewane wale the , jab abi court ne nahi roka phir kab rokega.
6- kuch logo ko rupee kamane ka accha plateform mil gaya hai.
Maa ki chuth blog editor ki....sallli randi hai randi...sali k pata nahi kitne yarr hai or sali third div se pass hogi...
ReplyDeleteGandve hai jo ab bhi ish blog per hai....hum acd..supporter theee or rahenge ....aaj karib 1mahine badd coment kar raha hu....ab bhi ak hi baat kahunga mere pyare bhaiyo jo acd supporter hai blog per dhyan na de...ye muskan khudh ak randi hai jisnechuth mara kar no...badaye honge
ReplyDeletesale shayam tu bhag ja varna teri ma chod duga mather chod failure
ReplyDeletetusale bharti ke bhane paise khana cahta hai tujhse bharti se koi matlab nahi hai tujhe to paise cahiye tujhe pta hai tera selection na to tet se nato acd se hoga gumrahkrke paise kha lo kuch din hi bche hai tuto mumbai me naukarikarta hai wahi naukari kar jab raj thakre ke jute pade to enhi paiso se ac3 tier me akr ghar a kr laboury krna jo tu pahle bhi krta tha aj bhi krta hai mumbai me
ReplyDeleteDEAR, SHYAM DEV MISHRA
ReplyDeleteTU SIRF SWARTHI AUR BAHUT JYADA MATLABI AADMI LAG RAHA HAI, SHARM NAHI AATI TUJHKO TU TET PASS KO GUMRAH KAR RAHA HAI .AB JAB TERA GUNANK METHOD SE BHI NAHI HO RAHA HAI TO KYATU HIGH. INTER. BA, SABME THIRD HAI KYA TO PAHLE PADDHNE MEIN DHYAN KYON NAHI DIYA TET TO HUM LOG BHI PASS HAIN LEKIN ACADEMIC BHI BINA NAKAL KE SABSE ACCHE COLLEGE O INTER COLLEGE SE KIYA HAI TU YEH KAISE KAH SAKTA HAI KI SAB KANAL SE HOTE HAIN TU TO THIRD HAI AUR BANNA HAI TEACHER TO KYONNAHI MEHNAT SE PADDDAI KI?????? KOI BHI BOARD HO MEHNAT SE PADDHNE PAR NUMBER FIRST OR SECOND TAK KE TO AA JATE. AUR AGAR ITNE HOSIYAR THE TO GUNANK MEIN BHI FIGHT NAHI KAR PA RAHE. READ KARNE WALON DIMAAG KI BATTI JALAO YEH AADMI SIRF APNE SWARTH KI BAAT KAR RAHA HAI
shyam dev ji i want to say thanks and u r doing good job u r with truth and we know that truth always win
ReplyDeleteshyam dev ji i want to say thanks and u r doing good job u r with truth and we know that truth always win
ReplyDeletemishra teri ma k muh m tet likha land de du bhosdi k bharti nahi hone dega
ReplyDeleteEske paas itna time kaise
ReplyDeleteEske paas itna time kaise
ReplyDeleteUp tet fhal yunti sgh:- fal tet sathee yo ab hme ek ho jana chahiya hme ek cash dal de ki tet me dadale hua hai ye sb janta hai rd kro
ReplyDeleteblog fal sathee yo
hmara mara ?
Tet rd kro
8 oct ke bad hm log cash dal dege
hme ek ho age ana hai
Beta sdm aisa hai baba Ramdev ka salahkar ban ja.
ReplyDeleteUp tet fhal yunti sgh:- fal tet sathee yo ab hme ek ho jana chahiya hme ek cash dal de ki tet me dadale hua hai ye sb janta hai rd kro
ReplyDeleteblog fal sathee yo
hmara mara ?
Tet rd kro
8 oct ke bad hm log cash dal dege
hme ek ho age ana hai
jai lund bali, band kar do shyam dev ke muh ki gali.
ReplyDeleteshyam dev teri maa ki beep beep beep
ReplyDeleteitni beep ki nikal jaye teri maa ki cheekh
syam dev ji lagta hai aap bed bhee nhe kyae hai kewal logo ko bhadka rhe hai.
ReplyDeleteHI,
ReplyDeleteSHYAM DEV MISHRA ,
YOU ARE RAINY FROG (BARSHATI MEDHAK) HAI. AAP KABHI GAYAB HO JATE HAI KABHI AA JATE HAI. AAP KI ARTICLES PADANE SE TO LAGTA HAI JI KANUN KI NIRMATA AAP HI HAI,
I WANTS TO SUGGEST ALL MY TET FRIENDS THAT DON'T COME IN ANY PERSON FALSE STATEMENT LIKE SHYAM DEV MISHRA . HE IS MAKING US FOOLISH. HE IS TET FAILURE PERSON BUT HE KNOW TO WRITE ARTICLES.HE MISS GUIDING US SO PLEASE DON'T COME IN THEIR FALSE COMMITMENT DEMAND FOR RECRUITMENT SHOULD BE
SHYAM DEV MISHRA LIVES IN MUMBAI THEN HOW HE KNOW ABOUT UP RULES.HE IS MAKING US FOOLISH.
SO DEAR ALL FRIENDS DEMAND FOR RECRUITMENT SHOULD BE ON ANY BASE . BASE HAS TO DECIDE GOVT/COURT NOT TO US OR SHYAM DEV MISHRA
WE SHOULD RESPECT THE GOVT DECISION
GUNANK IS THE BEST WAY
SABKA BHALA HI HAI SAPA KI KALA.
SABKA BHALAI!SAPA KI KALAI!
bhai aapas me na lade
ReplyDeleteshyam dev mishra ji , yuo r with truth &truth always win ,
ReplyDeletewe r with u
ReplyDeleteभाइयो बहुत हो गया अब भर्ती हो बेस जो भी हो जब सरकार भर्ती करने के मूड में आ रही है तो पता नहीं क्यों लोग अटकाने पे तुले है अरे भाई १० महीने में पेट नहीं भरा क्या? टेट पास से भर्ती हो बेस सरकार बनाये और जल्द बनाये भर्ती जल्दी शुरू करने का कोई ग्रुप नहीं बना है सब लटकने वाले ही मिलते है कम से कम ७२८२५ लोगो के घर में तो चूल्हा जलेगा! इस पे कोई ध्यान नहीं देता बस भड़काते ही रहते है और रिट पे रिट तो सरकार कैसे जल्दी भर्ती करने को राजी होगी उसको पागल कुत्ता कटा है की आप उसको चोट पहुच्ये और वो आप को सहलाये| इसलिए जागो दोस्तों भर्ती होने दो नहीं तो Bed Degree Dharan karne वाले बर्बाद होने की कगार पे है! सब ख़तम|
ReplyDeleteश्याम देव मिश्रा के लेख को सब पसंद करते थे मगर जब एक सही दिशा में था तो मगर अब मुझे लगता है की अब ये सभी नेता अपने स्वार्थ सिद्दी के लिए कदम उठा रहे है, जहा तक मुझे पता है की नेता को अपने साथ-साथ दुसरे की भलाई में जो कदम हो उसको करना चाहिए और नेता को नरम विचारो को भी अपनाना आना चाहिए क्युकी इससे भर्ती होगे तभी बेरोजगारों में खुशाली आयेगी| बाकि आप की मर्जी ऐसे नेता बहुत से अपने ही भाइयो को रोड पे लाकर छोड़ेगे|
ReplyDeletesdm ka acd 210 hai......breaking news
ReplyDeletesdm ka acd 210 hai......breaking news
ReplyDeletesdm ka acd 210 hai......breaking news
ReplyDeleteMuskan JI, blog par article publish karne ke liye maine kaha to nahi tha par thanks, kam se kam kuchh logo tak to meri bat aur pahuch gai jo TET merit se bharti kee aas lagaye hain.
ReplyDeleteWaise yah blog kam se kam itne kaam ka to ab bhi hai ki log yahan wastav me dikha pate hain ki unke pas kisi ko dene ko kya hai? Logo dwara apne sanskar, parivarik mahaul, bhasha-shaili, jeevan-star, naitik moolyon aur apne mata-pita dwara dee gai seekh, sabhyata, in sab ka full-fledged demonstration wakai me hriday ko chhoo jata hai. Waise inke teacher banne par inke schhol ke bachchey kya seekhenge aur inke school kee bachchiyon ke sath kya hoga, ishwar ise dhyan me rakh kar hi school me teacher banne walon ki suchi taiyar kare to hi bachchon ka bhalaa hai..
Duragrahi logo ki bebas pratikriya swayam darshati hai ki meri bat me kitni satyata hai. Agar isme dum na hota to yahan baithe mahanubhavon ke udgaron me itni swachhandata na hoti.
Dhanyavaad..
aaj jo tet se barti mang rahe hai ye wahi log hai jinka accd, se selection ho pana asmbv hai yani espast hai ki enke 50 % se bhi kam jiska matlb ye hamesa se 3rd division wale gress se pass hone wale log hai jinka tet me dokese 2-4-6 no jyda a gaye to gamnd chada hai.
ReplyDeleteUP GOVT. NE TET PASS KO PYOR BEWKOOF BANA DIYA ,
ReplyDeleteAB SABHI BED DEGREEE DHARI (WITHOUT TET), YANI LAGBHAG 800000 LOGON SE VISHIST BTC ME TRAINING KE LIYE AWEDAN ISEE MAHINE LIYE JAYENGE, JISKA G.O. ISI HAFTE JARI HOGA.
SHASHAN KE IS NITIGAT NIRDAY SE 270000 TET PASS MEIN SE 90% CHAYAN PRAKRIYA SE BAHAR HO JAYENGE AUR VISHISH BTC TRAINING K LIYE "TET FAIL" JINKI ACADEMIC MERIT BAHUT HI-FI HAI, WAHI SELECT HONGE.
ISLIYE SABHI 270000 TETIANS KO MILKAR PURANA VIGYAPANA BACHANE K LIYE KANOONI LADAI SUPREME COURT TAK BAHUT JALD AUR PRABHAVI PAIRVI KARAKE LADNI HOGI.
HAAN HAMARE JO CASE HIGH COURT MEIN CHAL RAHE HAIN UNKI KUCH KAMIYON KO DUR JARUR KARNA HOGA UNMEIN PRAMUKH HAI VAKEELON KA HAMARE CASE KI ADHOORI SAMAJH HONA. YAHI KAMI HAMEN AB TAK SAFALTA SE DUR KIYE JA RAHI HAI.
THIS POST IS FROM SANJAY- 9839889419, SUNIL-9838663874, BABLOO- 8423351929, JAI SINGH-7398279189
mai na sirf tet ka support karti hoon na only acd ka aur ye bhi zaroori nahi ki jinke tet mai kam score h unke acd mai zyada hogi ya jinki acd zyada achchi h unki tet performance worst h .ham logo mai aise h jo 110 ya aproxy tet holder h aur acd mai 245 n gunank 64 h to ham log to yahi chahte h ki bhrti ho base kuch bhi ho lekin itna zaroor kahoongi ki jinke tet mai achche marks h aur jinhe siksha ki tahjeeb h jinke pas precious words aur grsping power h wo diserb karte h teacher banna na ki abhdra bhasha mai blog karne walo wo log jo itne simple paper mai 90 bhi get nahi kar paye aur acd ko lekar tet radd karne ki baat karte h?har jagah apni marks sheet liye firenge kya .mai to kahti govt ko tet 70% ke sath acdmic merit banani chahiye .favour only bharti .
ReplyDeleteaur ye baat bilkul sahi h ki up board walo ke comparison mai cbse ke marks kafi zyada hote h.kuch student to up se belong bhi nahi karte mp ki sari education liye aur domocile ki dam per up walo ka haq marne tayar h kyon ki unki acd to 290 tak h.bahiyo kuch bhi ho bas ab ye writ na dale to bharti prkriya aage bade bhagwan un virodhiyon aur sarkar ko sadbudhi de taki bhrti zald se zald ho warna sab depression ke shikar ho jayege?
sdm ji, aap logon ne tet chayan-2 kyo laga rakha hai,kya uptet mein rupey dekar pass huye ho.are bhai bharti prikriya shuru hone do ismein sabki bhalayi hai kyonki up sarkar fir se tet ki pariksha karva rahi hai,aisa na ho ki naye tet pass student chance maar jaye aur apka sab gud gobar ho jaye
ReplyDeleteShailesh Verma, Etawah
sdm ji, aap logon ne tet chayan-2 kyo laga rakha hai,kya uptet mein rupey dekar pass huye ho.are bhai bharti prikriya shuru hone do ismein sabki bhalayi hai kyonki up sarkar fir se tet ki pariksha karva rahi hai,aisa na ho ki naye tet pass student chance maar jaye aur apka sab gud gobar ho jaye
ReplyDeleteShailesh Verma, Etawah