HTET : HC vacates stay on results for 14,000 new PGT posts
टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
CHANDIGARH: While vacating the stay on the announcement of results for around 14,000 new posts of Post Graduate Teachers (PGTs), the Punjab and Haryana high court on Friday held that only those who clear the Haryana Teachers Eligibility Test (HTET) would be eligible for teaching posts in Haryana.
With these orders, candidates having qualified the eligibility test of state, other than Haryana or Central Teachers Eligibility Test (CTET), will not be eligible for these teaching posts in the state.
A division bench headed by chief justice A K Sikri also upheld the condition of Haryana School Teachers Selection Board (HSTSB) that all candidates with four years of teaching experience are eligible for appointments if they qualify HTET before 2015.
The bench passed these orders while dismissing a petition filed by some HTET qualified candidates, who had sought directions to quash the selection criteria which allowed candidates, who have not qualified HTET but are working in any recognized school for the last four years, to become eligible for these posts.
In June this year, Haryana had advertised around 14,000 posts of PGTs in which the government had given relaxation to those candidates from qualifying HTET having teaching experience of four years.
The petitioners had contended that the government was exempting the candidates from HTET just to accommodate the guest teachers working in various schools of the state for last so many years.
Acting on their petition, the HC had restrained HSTSB from declaring the final result of selection in August this year.
News Source : http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2012-12-22/india/35969119_1_hc-vacates-hstsb-htet / Times of India (22.12.2012)
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टीचर भर्ती का रास्ता साफ
चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश में चल रही अध्यापकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया। कोर्ट ने सौ के करीब उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा चार साल का अनुभव वाले उम्मीदवारों को अध्यापक पात्रता परीक्षा में छूट देने को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट के इस आदेश से हजारों उम्मीदवार इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं जिन्होंने टीचर भर्ती बोर्ड द्वारा कटऑफ के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती थी तथा कोर्ट के आदेश पर प्रोविजनल तौर पर इस भर्ती में भाग लेने की इजाजत पाई थी। कोर्ट के इस आदेश से उन सभी के आवेदन फार्म रद हो गए हैं और भर्ती प्रक्रिया पर छाए बादल हट गए हैं। शुक्रवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके सिकरी पर आधारित खंडपीठ ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुए सरकार द्वारा चार साल के अनुभव पर अध्यापक पात्रता परीक्षा में छूट के फैसले पर रोक के आदेश जारी न करने का फैसला देते हुए स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार ने अनुभव के लिए जो समय तय किया है वह सही नहीं है। इस मामले में समय सीमा न तय करते हुए कोर्ट ने केवल चार साल के अनुभव के आधार पर छूट जारी करने का आदेश दिया
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भास्कर न्यूज -!- फतेहाबाद
पपीहा पार्क फतेहाबाद में बुधवार को पात्र अध्यापक संघ की बैठक आयोजित की गई। इस मौके पर बोलते हुए जिला प्रधान बिजेंद्र लहरिया ने बताया कि 4 वर्ष अनुभव के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उक्त उम्मीदवारों ने 2 से 3 बार अध्यापक पात्रता परीक्षा में बैठकर परीक्षा पास की है। उन्होंने कहा कि सरकार टीचर भर्ती में इस तरह के मापदंड बनाकर पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवारों के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार के इस कदम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पात्र अध्यापक संघ 3 फरवरी 2013 को रोहतक में न्याय रैली करके अपनी आवाज को बुलंद करेगा
News Date- 27.12.12.
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सरकार तत्परता दिखाए
Jagran Sampadkiye -
उच्च न्यायालय के आदेश से प्रदेश में अध्यापक भर्ती पर छाए बादल छ्रंटने के बाद सरकार को भर्ती प्रक्रिया की अन्य व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करते हुए तमाम औपचारिकताओं को जल्द पूरा करने के लिए तत्परता दिखानी चाहिए। कोर्ट के आदेश से ही भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की तदर्थ अनुमति पाने वाले अन्य राज्यों से अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवारों को निराशा अवश्य होगी क्योंकि याचिकाएं खारिज होने से उनके आवेदन रद जो हो गए। अब हरियाणा से पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को ही भर्ती का अवसर मिलेगा। बड़ी राहत उन उम्मीदवारों को मिली है जो पात्रता परीक्षा तो पास नहीं कर पाए पर चार वर्ष या उससे अधिक का अध्यापन का अनुभव रखते हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए सरकार ने समय-समय पर प्रावधान तो किए परंतु अब भी बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। अध्यापक पात्रता परीक्षा नियमित रूप से नहीं हो पा रही, इसका खमियाजा अंतत: शिक्षा क्षेत्र को ही भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा नीति में आवश्यक-अपेक्षित बदलाव के लिए तत्परता का अभाव भी स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है, हां बार-बार ऐसे प्रयोग अवश्य हो रहे हैं जो शिक्षा विकास की गति को अवरुद्ध ही कर रहे हैं। शिक्षा विभाग को इन तमाम कमी-कमजोरियों को दूर करने के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण को सामने रखते हुए नीति-रणनीति तैयार करनी चाहिए। अध्यापक भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद शिक्षा क्षेत्र की एक बहुत बड़ी विसंगति दूर करने में निश्चित तौर पर कामयाबी मिलेगी जो शिक्षक-छात्र अनुपात सही न होने के कारण झेलनी पड़ रही है। अध्यापक पात्रता परीक्षा हर वर्ष नियमित रूप से हो और जैसा बार-बार कहा जा रहा है कि तदर्थवाद से शिक्षा विभाग को हर हालत में बचना चाहिए। यह वह प्रकृति है जिसका विभाग ने सबसे अधिक सहारा लिया। प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक अनुबंधित, पार्ट टाइम टीचर के रूप में अस्थायी समाधान को ही प्राथमिकता दी गई। दीर्घकाल में इसका लाभ कम और नुकसान अधिक हो सकता है। समस्या के स्थायी समाधान के लिए गंभीरता से प्रयास जरूरी हैं। शिक्षा विभाग में भी यदि ठेका प्रथा का सहारा लिया जाएगा तो भविष्य की बुनियाद कैसी रखी जाएगी, आसानी से समझा जा सकता है। कोर्ट के फैसले के आलोक में सरकार को अपने संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करके दीर्घकालिक योजना तैयार करनी चाहिए। तभी व्यवस्था की कमजोरियां दूर होने के साथ समस्या का स्थायी समाधान संभव हो पाएगा।
[स्थानीय संपादकीय: हरियाणा]
Source : Jagran ( 23.12.12)
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बीएड अध्यापकों को कर दिया जेबीटी भर्ती से बाहर
कैथल, 25 दिसंबर (निस)। प्रदेश सरकार ने पहले तो बीएड डीग्री धारकों को जेबीटी की एचटैट परीक्षा की पात्रता हासिल करने का मौका दे दिया और जब हजारों बीएड धारकों ने यह पात्रता पास कर ली तो अब उन्हें जेबीटी भर्ती से वंचित कर दिया गया। बीएड डीग्री धारकों व अध्यापकों को गहरा धक्का उस समय लगा है जब पहले उन्हें जेबीटी भर्ती के लिए आवेदन करने का मौका दे दिया गया और जब उनसे परीक्षा फीस के नाम पर करोड़ों रूपए वसूल कर लिए तो उन्हें इस भर्ती से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इस फैंसले से लगभग 15 हजार बीएड अध्यापक जेबीटी भर्ती से वङ्क्षचत हुए है, जिनमें सरकार के प्रति गहरा रोष बना हुआ है। यह रोष आज हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ की जिला स्तरीय जवाहर पार्क में हुई बैठक में भी जताया गया, जिसकी अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष सुभाष राविश ने की।
उन्होंने उपस्थित अतिथि अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि जब सरकार ने बीएड योग्यता वाले युवाओं को जेबीटी एचटैट परीक्षा पात्रता हासिल करने का मौका दिया है तो अब उन्हें जेबीटी भर्ती में भी मौका दिया जाना चाहिए था, जबकि उनसे आवेदन करवाकर करोड़ों रुपए वसूल कर लिए गए। उन्होंने कहा कि गत 25 मार्च के प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा व हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बीच वार्ता हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि चार वर्ष के अनुभव वाले अध्यापकों को एचटैट पात्रता से छूट देकर नियमित किया जाएगा, लेकिन सरकार का यह आश्वासन महज दिखावा ही साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि न तो बीएड को जेबीटी के लिए भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया गया जबकि हजारों प्राध्यापकों का चार वर्ष का पूरा अनुभव न होने के कारण तथा कट आफ लिस्ट से बाहर होने के कारण वह भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो चुके हैं। इस तरह हरियाणा सरकार ने एचटैट पास करने के बावजूद भी15 हजार बीएड अध्यापकों को जेबीटी भर्ती से वंचित कर दिया है, जो अति निंदनीय है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही इस बारे में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो आगामी 6 जनवरी को रोहतक में होने वाली राज्य स्तरीय बैठक में आगामी आंदोलन का बिगुल बजा दिया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व जिला प्रधान सुनील बूरा, देवेंद्र सीवन, वेदपाल, कर्ण सिंह, नरेंद्र ढांडा, रोहताश नरड़, कृष्ण बात्ता, कृष्ण कुमार, सुशील हसंपुरा, विकास कोलेंखां, तेजपाल बात्ता, महेंद्र क्योड़क, विनोद कोटड़ा, अंजू चोशाला, मीनू सहित भारी संख्या में अतिथि अध्यापक मौजूद थे।
News Source : dainiktribuneonline.com/2012/12
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I am unable to understand one point, I felt that CTET exam is for Primary OR Upper Primary Level (OR upto some extent to TGT teachers).
What is the relation of CTET exam with PGT.
Punjab and Haryana highcourt judgement is good for those guest teacher who have experience of more than 4 year.