UPTET : आवेदन शुल्क कम न होने से लगा झटका
पात्र बोले, एक ही शुल्क से कई जिलों में आवेदन की मिले छूट
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न्यूज़ साभार - अमर उजाला ( उत्तर भारत का एक प्रमुख समाचार पत्र )
कानपुर देहात। प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षकों की भर्ती में लगने वाले शुल्क की कमी से इनकार कर देने पर आवेदकों में निराशा छा गई है। न्यायालय ने शुल्क कम किए जाने का सुझाव सरकार को दिया था। सरकार ने पूर्व में घोषित धनराशि के तहत छात्रों से शुल्क जमा करने की बात कही है।
टीईटी उत्तीर्ण छात्रों के शिक्षक बनने के सपने कहीं पैसे से अभाव में वंचित न रह जाए। इस बात का मलाल गरीब प्रतिभावान छात्रों को सताने लगा है। विज्ञापन जारी होने के दौरान 500 रुपए शुल्क के साथ आवेदन करने की बात कही गई थी। इसके विरोध आवेदक करने लगे थे। उत्तीर्ण छात्रों का उनका मानना था कि यदि वह 70 जिलों में आवेदन करना चाहे तो उन्हे 35 हजार रुपए सिर्फ शुल्क के नाम पर जमा करने होंगे। इसी बात पर न्यायालय ने सरकार से 50 रुपए किए जाने का सुझाव दिया था, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि आवेदन शुल्क मे किसी तरह की कोई कमी नहीं की जाएगी।
यह बात सुनकर मंगलवार को आवेदकों में चिंता की लकीर दौड़ने लगी है। आवेदन करने के शुल्क के मामले में आवेदकों का मानना है कि वह पूर्व की सरकार में निकाली गई टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों से शिक्षक भर्ती के नाम पर आवेदन शुल्क जमा कराया गया था। प्रक्रिया निरस्त होने के बाद उनके आवेदन शुल्क की धनराशि वापस नहीं की गई। वह ठगे से महसूस हो रहे है। नई सरकार में फिर नए सिरे से आवेदन के साथ 500 रुपए शुल्क व चयन प्रक्रिया पूर्ण रूप से बदल दी है। बेरोजगारों की जेबों में डाका डाला जा रहा है। अब आवेदकों के सामने कई जिले से आवेदन में 500 रुपए शुल्क दिए जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिख रहा है।
मंगलवार को आवेदन शुल्क पर टीईटी उत्तीर्ण छात्र अरविंद मोहन, ध्रुव यादव, आदर्श कुमार शुक्ला, ज्योति, मोनिका गुप्ता, कल्पना पांडेय, प्रगति गुप्ता आदि ने बताया कि सरकार को बेरोजगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक शुल्क के माध्यम से कई जिलों में आवेदन करने की छूट दी जानी चाहिए। जिससे पैसे के अभाव में प्रतिभा का हनन न हो।
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UPTET : अब प्रक्रियाओं के जंजाल में उलझे आवेदक
हरदोई। बेसिक शिक्षा परिषद में संचालित प्राथमिक स्कूलों में करीब 73 हजार खाली पदों पर प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति अब आवेदकों के लिए जी का जंजाल बन गई है। आवेदकों का साफ तौर पर कहना है कि पहले राजनैतिक मझधार में इन रिक्तियों को फंसाए रखा गया तो अब जब नियुक्तियों के लिए आवेदन मांगे गए हैं तो जटिल प्रक्रियाओं में आवेदक अपने आप को उलझा हुआ पा रहे हैं। उनका कहना है अब तो आवेदन कर पाना भी मुश्किल हो रहा है।
बताया गया कि बेसिक शिक्षा परिषद में संचालित प्राथमिक स्कूलों में करीब 73 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी। लेकिन अभी बहुत से उम्मीदवार असमंजस की स्थिति में हैं। एक आवेदन का शुल्क 500 रूपए निर्धारित किए जाने के कारण उम्मीदवार किस जिले में आवेदन करें इसको लेकर आपस में वार्ता कर माथा पच्ची कर रहे हैं। जबकि कोर्ट के निर्देश देने के बाद भी शासन ने जहां मना कर दिया है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का आवेदक इंतजार करने में लगे हैं। यही कारण कि आवेदन करने के संभावित जनपदों से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद शिक्षक बनने का सपना देखने वाले चुप्पी साधे हुए हैं तो बहुत से ऐसे भी हैं जो इन दिनों तहसील से लेकर बैंकों के बाहर लंबी चौड़ी लाइनों में धक्के खाते घूम रहे हैं। आवेदन को लेकर उसमें भरी जाने वाली रिपोर्टो को पूरा करने एवं उन प्रमाण पत्रों को हासिल करने के लिए ही आवदेन करने के इच्छुक छात्र छात्राओं को पसीने आ रहे हैं। निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता जहां एक ओर आवेदकों को सुबह से लेकर शाम तक तहसील में लेखपालों के इर्द गिर्द चक्कर काटने पर मजबूर कर रही है तो दूसरी ओर स्नातक व बीएड की डिग्री निकलवाने के लिए बैंकों में टोकेन लेने को लगी लंबी लंबी लाइने आवेदकों के अभी से हाथ पांव फुला रही है। आवेदक मोहित मिश्रा, अनुज आदि का कहना है कि अभी तक जिन प्रमाण पत्रों को काउसिलिंग में प्रयुक्त करवाया जाता था वहीं अब आवेदन करते समय ही मांग लिए गए हैं और जबकि समय कम है तब निवास प्रमाण पत्र के लिए तहसील में तो स्नातक डिग्री व बीएड का प्रोविजनल निकलवाने के लिए मात्र टोकेन लेने के लिए बैंक के बाहर लंबी लंबी लाइन लगी हुई हैं। इसके अलावा अभी तक आवेदन शुल्क कम हो सकता है इसकी संभावना को लेकर लोग आवेदन करने में देरी कर रहे हैं। इसको लेकर न तो कोर्ट ही साफ लफ्जों में कुछ कह पा रही है और न ही शासन। इससे आवेदकों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
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UPTET : जहां मिलती सिर्फ ग्रेडिंग, वहां नंबर कहां से लाएगें आवेदक
हरदोई। यह भी खूब रही कि शिक्षक बनने के लिए जिस प्रारूप पर ऑन लाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं वहां पर हाईस्कूल से लेकर बीएड तक के अंकों का प्रतिशत पूंछा गया है लेकिन अब आप ही बताइए जो विश्वविद्यालय नंबर न देकर सिर्फ ग्रेढड देता हो वहां के बीएड धारक नंबर कहां से लाएगें। सबसे बड़ी आफत यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बीएड करने वालों के सामने आन पड़ी है। उनका कहना है कि उनके यहां तो बीएड में सिर्फ ग्रेड मिलता है जबकि आवेदन में अंक पूंछे गए हैं। ग्रेड को लेकर कोई दिशा निर्देश दिए ही नहीं गए है ऐसे में क्या वह बिना आवेदन के ही रहेगें।
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UPTET : शिक्षकों की भर्ती का मामला ,
.....आखिर किस तरह से बनेगी मेरिट
हरदोई। शिक्षक बनने के लिए जो आन लाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं उनमें जो प्रारूप है उसमें जितने भी कालम हैं उनको भरने के बाद भी यह आंकलन नहीं लगाया जा सकता कि आखिर आवेदन कला वर्ग का है या विज्ञान वर्ग का। ऐसे में अलग अलग वर्ग वार बंटी मेरिट किस तरह से बनेगी। इसको लेकर आवेदकों में खासी चर्चा है। उनका कहना है कि मेरिट को लेकर हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व डिग्री को लेकर गुणांक बनाने के लिए 10,20,40 व 30 प्रतिशत का निर्धारण तो कर दिया गया लेकिन क्या सीटों को कल या विज्ञान वर्ग में अलग अलग नहीं बांटा जाएगा। इसको लेकर आवेदकों में जिज्ञासा बनी हुई है।
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बेरोजगारों का टोकन लेने में छूटा पसीना
कन्नौज। सरकार की ओर से सहायक अध्यापकों के लिए निकाली गई भर्ती में आवेदन जमा करने के दौरान प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी मांगा है। व्यवस्था के तहत आईसीआईसीआई से टोकन प्राप्त करना है। टोकन के लिए बैंक में हजारों छात्रों की लाइन लगी रही। तमाम लोग बिना टोकन के ही वापस हो गए।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने टीचर भर्ती के दौरान आवेदन के साथ प्रोविजनल सर्टिफिकेट अनिवार्य किया है। विश्वविद्यालय से सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए पहले आवेदक को आईसीआईसीआई बैंक में 305 रुपए का शुल्क जमा करके टोकन प्राप्त करना होगा। इसके बाद ही सर्टिफिकेट प्राप्त होगा। इसी के चलते करीब तीन दिनों से बैंक में बेरोजगारों की लाइन लगी हुई है। सरकार की इस व्यवस्था से लोग नाराज भी दिखे।
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डिग्री पाने के लिए भीगे विद्यार्थी
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि में प्रोविजनल डिग्री लेने के लिए इंतजार में खड़े विद्यार्थियों को मौसम की भी मार झेलनी पड़ी। छात्र समस्या निवारण केंद्र पर घंटों से लाइन में लगे विद्यार्थी बारिश में भीग गए। दोपहर से शुरू हुई बूंदाबांदी देर शाम तक रुक-रुककर होती रही। इस दौरान धक्कामुक्की और हंगामा भी हुआ।
प्रदेश सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में करीब 72 हजार शिक्षकों की भर्ती निकाली है।
फार्म ऑनलाइन भरे जाने हैं। प्रोविजनल डिग्री की मांग इसलिए बढ़ी, क्योंकि फार्म में डिग्री का सीरियल नंबर भी भरा जाना है। सोमवार को ढाई हजार डिग्री बांटी गईं। पिछले चार साल की डिग्री जारी की जा रही हैं। फार्म इलाहाबाद बैंक और विवि के काउंटर से भी मिल रहा है।
सिर पर बैग रखकर डटे रहे
मेरठ , दिल्ली, गाजियाबाद, बुलंदशहर, नोएडा, सहारनपुर आदि जिलों से विद्यार्थी आए थे। विद्यार्थी बूंदाबांदी में भी जगह से हटें नहीं, बल्कि सिर पर बैग रखकर डटे रहे। हंगामे की सूचना पर प्रति कुलपति और कार्यवाहक कुलपति प्रो. जेके पुंडीर और कुलसचिव ओम प्रकाश पहुंचे।
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शिक्षक भर्ती : पहले 80 हजार ने किया था आवेदन
अभ्यर्थियों पर पड़ी दोहरी मार
मुजफ्फरनगर।
शिक्षक बनने से पहले ही प्रदेश भर में अभ्यर्थी दोहरी मार झेल रहे है। पहली बार आवेदन में हजारों रुपये खर्च कर चुके अभ्यर्थियों को दोबारा उसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि पहले आवेदन शुल्क को ही इस बार जोड़ा जाना चाहिए।
परिषदीय विद्यालयों में रिक्त चल रहे करीब 72 हजार शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुुरू हो गई है। जिले में शिक्षकों के सौ पद रिक्त है। नए सिरे से फार्म भरने के लिए अभ्यर्थियों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। इससे पूर्व भी छात्र-छात्राओं ने शिक्षक बनने की चाह में पिछले वर्ष आवेदन प्रक्रिया पर हजारों रुपये खर्च किए थे, लेकिन आवेदन प्रक्रिया निरस्त होने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। आवेदन पत्रों से डायट को लाखों रुपये की धनराशि प्राप्त हुई हैं।
डायट प्राचार्य एसएम सिद्दकी ने बताया कि उच्च स्तर पर पुरानी धनराशि को वापस भेजने की चर्चा चल रही है। जनपद में रिक्त सौ पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुुरू हो चुकी है। अभ्यर्थी योगेंद्र सिंह, अमित शर्मा, बिजेंद्र सिंह का कहना है कि पहले जमा किए गए ड्राफ्ट को इस बार मान्य किया जाना चाहिए।
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UPTET : फीस के मामले में कोई राहत नहीं
सहारनपुर (ब्यूरो)।
अनारक्षित श्रेणी का कोई अभ्यर्थी यदि दस जिलों के लिए आवेदन करता है तो उसे 500 रुपये शुल्क के हिसाब से 5000 रुपये चुकाने होंगे। अगर यह शुल्क 50 रुपये ही रखा जाता तो 500 रुपये में दस जिलों के आवेदन का इंतजाम हो जाता। शुल्क में बदलाव न होने से सबसे अधिक परेशानी अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को हुई है। उन्हें 500 रुपये के हिसाब से फीस जमा करानी होगी। इनके आरक्षित श्रेणी वालों को भी 200 रुपये शुल्क देना होगा। फीस के मामले में राहत की उम्मीद लगा रहे टीईटी अभ्यर्थी कुशलपाल सिंह, सरिता सैनी, प्रीति सिंह, राजबीर का कहना है कि पिछले सत्र में अध्यापक पात्रता परीक्षा कराने के बाद डायट में जमा कराई जा चुकी फीस को वापस करने के बारे में भी अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है और न ही इस सत्र में शुल्क की कोई छूट मिली है।
उन्हाेंने कहा कि शिक्षक भर्ती की उम्मीद में अधिकतर आवेदक ऐसे ही हाेंगे जो एक या दो नहीं बल्कि पांच से लेकर दस जिलों तक में आवेदन कर किस्मत आजमाएंगे। इसलिए ज्यादातर अभ्यर्थियों पर तीन हजार से लेकर पांच हजार रुपये शुल्क का बोझ तय है।
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UPTET : विवि में उमड़ा छात्रों का सैलाब
प्रोविजनल डिग्री को सुबह लग गई लाइन
आगरा। सरकारी शिक्षक बनने के सपने में प्रोविजनल डिग्री का अड़ंगा ने छात्रों को मुसीबत में डाल दिया। आवेदन के लिए डिग्री की अनिवार्यता के चलते डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में छात्रों का सैलाब उमड़ पड़ा है। मंगलवार को विवि की व्यवस्थाएं चरमरा गई। लाइन में लगे छात्र आपस में भिड़ गए। वहीं छात्र नेताओं ने चार्ट रूम और कुलपति सचिवालय के बाहर हंगामा किया। देर शाम तक छात्रों की लाइन लगी रही।
शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऑनलाइन फार्म भरने की अंतिम तिथि 27 दिसंबर है। मार्कशीट के साथ छात्रों को डिग्री का विवरण देना होगा। इसके लिए छात्रों को 150 रुपये की फीस विवि के पालीवाल परिसर स्थित इलाहाबाद बैंक में जमा करानी पड़ रही है। फीस की स्लिप और मार्कशीट की फोटोस्टेट संबंधित विभाग में जमा करने के बाद प्रोविजनल डिग्री के लिए सात दिन समय दिया जा रहा है। मंगलवार को इलाहाबाद बैंक के बाहर लाइन में लगे छात्र आपस में भिड़ गये। किसी तरह साथी छात्रों ने समझा बुझाकर शांत किया। इसके बाद छात्र नेताओं ने दलालों के काम पहले करने के आरोप लगाते हुए चार्ट रूम में जमकर हंगामा किया। कुलपति सचिवालय पर नारेबाजी की। उधर, हालात बेकाबू होते देख विवि प्रशासन द्वारा फीस जमा करने के लिए अतिरिक्त काउंटर लगाए हैं।
करीब 2500 छात्रों ने प्रोवीजनल डिग्री के लिए फीस जमा की है। चार्ट रूम में वर्ष 2011 से पहले के चार्ट पहुंचा दिये गये हैं। सभी सेक्शन में अतिरिक्त काउंटर खोले गये हैं।
विवि द्वारा जारी प्रोविजनल डिग्री कितने समय तक मान्य है, इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुनील चौरसिया ने बताया कि विवि द्वारा जारी की जा रही प्रोवीजनल डिग्री की मान्यता की कोई समयावधि निर्धारित नहीं है। स्थायी डिग्री मिलने तक यह डिग्री मान्य है। मगर, सरकारी विभागों में चल रही भर्ती प्रक्रिया में इसकी समयावधि निश्चित कर दी गई है।
विवि पहुंच रहे छात्र की नब्ज को दलालों ने पकड़ लिया है। सूत्रों के मुताबिक, उसी दिन प्रोविजनल डिग्री के लिए सौदेबाजी शुरू हो चुकी है। वह एक से तीन हजार तक वसूल रहे हैं।
3500 विवि में पहुंचे छात्र
2500 छात्रों ने फीस जमा की
08 अतिरिक्त काउंटर
आगरा। डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की लापरवाही छात्रों के लिए मुसीबत बनकर खड़ी है। रिजल्ट आने के छह महीने के बाद विवि द्वारा स्थायी डिग्री छात्रों के पते पर भेजने का नियम है। मगर, विवि में छात्रों को डिग्री आवेदन करने पर ही जारी की जा रही है। यही नहीं डिग्री विभाग में हजारों आवेदन लंबित है। विवि प्रशासन ने कभी इस तरफ ध्यान नहीं दिया।
फीस के साथ मार्कशीट की फोटोस्टेट जमा करने पर छात्रों को प्रोविजनल डिग्री जारी करने के लिए सात दिन का समय दिया जा रहा है। डिग्री वितरण के लिए केएमआई में दो काउंटर बनाए गए हैं।
07 प्रोवीजनल डिग्री के लिए समय
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UPTET : मार्कशीट न मिलने से छात्र-छात्राएं परेशान
•अध्यापक पद के लिए नहीं कर पा रहे आवेदन
•मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा
•अंकतालिकाएं शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग
मैनपुरी। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की भर्ती होते देख वर्ष 2011-12 में बीएड परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राएं परेशान हैं। परेशानी का कारण डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा अंकतालिकाएं न भेजना है। छात्र-छात्राओं ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में शीघ्र अंकतालिकाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
मंगलवार को बीएड छात्र-छात्राओं ने डीएम को सौंपे ज्ञापन में कहा कि उन्होंने बीएड परीक्षा सत्र 2011-12 उत्तीर्ण की है। अध्यापक पात्रता परीक्षा भी नवंबर 2011 में उत्तीर्ण कर ली है लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक अंकतालिकाओं को नहीं भेजा गया है। इसके चलते छात्र-छात्राएं पात्र होने के बाद भी अध्यापक पद के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
छात्र-छात्राओं ने कहा कि शासन द्वारा प्रशिक्षु अध्यापकों की सीधी भर्ती के ऑनलाइन आवेदनों की अंतिम तिथि 27 दिसंबर निर्धारित की है। ऐसे में यदि विश्वविद्यालय द्वारा अंक तालिकाएं समय से उपलब्ध न कराई गईं तो उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। उनके भविष्य को देखते हुए शीघ्र अंक तालिकाएं उपलब्ध कराई जाएं। ज्ञापन देने वालों में राजीव यादव, अजय कुमार, संदीप सक्सेना, सत्यदेव, प्रीती यादव, पवन कुमार, भूपेंद्र, हिमांशु, कुलदीप, ओमहरि आदि शामिल थे।
News Source : Amar Ujala (12.12.12)
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News Analysis :
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At this time many candidates are facing various kind of problems, And may be you can find solution to related problems.
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What I found is - सरकार को बेरोजगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक शुल्क के माध्यम से कई जिलों में आवेदन करने की छूट दी जानी चाहिए। जिससे पैसे के अभाव में प्रतिभा का हनन न हो
निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता जहां एक ओर आवेदकों को सुबह से लेकर शाम तक तहसील में लेखपालों के इर्द गिर्द चक्कर काटने पर मजबूर कर रही है तो दूसरी ओर स्नातक व बीएड की डिग्री निकलवाने के लिए बैंकों में टोकेन लेने को लगी लंबी लंबी लाइने आवेदकों के अभी से हाथ पांव फुला रही है
UPTET : जहां मिलती सिर्फ ग्रेडिंग, वहां नंबर कहां से लाएगें आवेदक
बड़ी आफत यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बीएड करने वालों के सामने आन पड़ी है। उनका कहना है कि उनके यहां तो बीएड में सिर्फ ग्रेड मिलता है जबकि आवेदन में अंक पूंछे गए हैं
शिक्षक बनने के लिए जो आन लाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं उनमें जो प्रारूप है उसमें जितने भी कालम हैं उनको भरने के बाद भी यह आंकलन नहीं लगाया जा सकता कि आखिर आवेदन कला वर्ग का है या विज्ञान वर्ग का। ऐसे में अलग अलग वर्ग वार बंटी मेरिट किस तरह से बनेगी। इसको लेकर आवेदकों में खासी चर्चा है
आगरा - मार्कशीट की फोटोस्टेट संबंधित विभाग में जमा करने के बाद प्रोविजनल डिग्री के लिए (From Agra University )सात दिन समय दिया जा रहा है
IS SARKAR PAR TO EK KAHAWAT FIT BAITHTI HAI---- ANDHE K AAGE ROYE APNE DIDA(ANKHEN) KHOE.
ReplyDeleteआवेदकों का मानना है कि वह पूर्व की सरकार में निकाली गई टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों से शिक्षक भर्ती के नाम पर आवेदन शुल्क जमा कराया गया था। प्रक्रिया निरस्त होने के बाद उनके आवेदन शुल्क की धनराशि वापस नहीं की गई। वह ठगे से महसूस हो रहे है। नई सरकार में फिर नए सिरे से आवेदन के साथ 500 रुपए शुल्क व चयन प्रक्रिया पूर्ण रूप से बदल दी है। बेरोजगारों की जेबों में डाका डाला जा रहा है। अब आवेदकों के सामने कई जिले से आवेदन में 500 रुपए शुल्क दिए जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिख रहा है।
ReplyDeletejab khir kah lege to aheg ki khir miti hai.......
ReplyDeletegribo ki madd ka dilasa dene wali ye sarkar aj gribo se hi muj mod li hai.
issse inke dawo ki pol khul gai hai....
आखिर इतने पढ़े लिखे लोग इतनी घटिया विज्ञप्ति कैसे दे रहे हैँ या तो ये इसके योग्य ही नहीँ है या तो ये सरकार के दबाव मेँ ऐसा कार्य कर रहे हैँ।
ReplyDeleteGood morning.
ReplyDeleteMr. Torab sir and Mr.Prabhakar baranwal sir and all my dear frnds.
and have a nice day.
Bhai mera obc science gunank 59.68 male hai.kya mera chance hai ? Plz tell me anyone & guide me ki main kitane jilo se abedan karu ?
ReplyDeleteYe sarkar apne is I tanashahi rawaiye me karan 2014 ka chunav bahau hi buri tarah haregi .....
ReplyDeletehi.
ReplyDeletemeri marit 63.46 hai genral main art group as a women mera slection ke kya chance hai or main kitne zilo se farm dalu guide me.
ReplyDeleteHi
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