सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
Sunday, November 10, 2013
63 comments:
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आप लोग जाने क्यों अभी भी टेट मेरिट की जीत पर शंका कर रहे हैं,,,,, कुछ लोग कोर्ट में हुई वेटेज की बात का आधा अधूरा अर्थ निकालकर बिनावाजह अपने आपको टेंशन दे रहे हैं,,,,,,एक से लेकर सौ प्रतिशत तक वेटेज की बात कहते हुए सौ प्रतिशत देना सही कहा था जज साहब ने,,,, सिर्फ इन्हीं पदों के सापेक्ष नहीं बल्कि सभी भर्तियों के सन्दर्भ में वेटेज दिया जाना भी अनिवार्य बताया था,,इन वाक्यों में अपनी भर्ती में वेटेज की बात कहाँ से निकाल लेते हो तुम लोग? अपनी सोच इतनी भी नकारात्मक मत बना लो की सकारात्मकता का दिमाग से विलोप ही हो जाए.... वेटेज तो समझौता ही होता ना?कोर्ट में या तो न्याय होता है या अन्याय,,,समझौता तभी हो सकता है जब दोनों ही पक्ष समझौते के लिए राजी हों,,,
ReplyDeleteइस मामले में तो अगर सारे याचिकाकर्ता भी चाहते तो भी समझौता नहीं हो सकता था क्योंकि इससे पूर्व हुए दोनों ही महत्वपूर्ण आर्डर जनरल थे,, SCERT विवरण वाला और Over Under age वाला,,,, SCERT विवरण वाले आदेश के विरुद्ध सरकार ने उस समय काम कर रही इन्हीं भूषण साहब की सर्विस बेंच से बचने के लिए अपील नहीं की थी,,,,, और आयु सीमा वाला आर्डर तो ऐसा था की उसकी कोई काट ही नहीं थी,,अगर डबल बेंच खुलेआम बेईमानी पर अमादा हो जाती तब भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती थी.... उसमे आशीष मिश्रा ने मांग की थी फीस और आयु सीमा में छूट की और सिंगिल बेंच ने डायरेक्शन थमा दिया कि इसका और इसके जैसे सभी लोगों का उन्हीं जिलों में फ़ार्म डलवाना जिनमें पूर्व विज्ञापन में डाला था,,इस डायरेक्शन की वजह ऎसी बताई जिसके विरुद्ध कोई गधा भी कुतर्क नहीं कर सकता है......उसमें लिखा है की इन्होने लम्बे समय से चल रहे मुक़दमे के कारण बहुत कष्ट उठाये हैं इसलिए 7-12-12 के विज्ञापन में इनके चयन के दावे को स्वीकार किया जाना चाहिए,,सिर्फ पूर्व विज्ञापन के जिलों में फ़ार्म डलवाने का मतलब है कि उससे जनित सभी अधिकारों को मान्यता.
ReplyDeleteइसी आदेश की भावना के सम्मान के चलते राहुल अग्रवाल,आर.एन.अख्तर और आलोक यादव को सरकार का समर्थन करने के कारण आठ तारीख को भूषण साहब ने बोलने से रोक दिया था।
ReplyDeleteअब कुछ दिन आप लोग आराम करो और दूसरों को भी टेट से मुक्त रहने दो,,,,,, अनावश्यक इधर-उधर से फर्जी ख़बरें खोजकर टेंशन लेने की आदत से अब मुक्ति पा लो,,ये बुरी आदत है...... बीस को जीत जाओगे और सरकार अपील भी नहीं करेगी,,,,,,,
ReplyDeleteअगर सरकार आन्दोलन के दौरान हमारी मांग मानती तो क्या करती? 30-11-11 के विज्ञापन के पदों के सापेक्ष एक नया विज्ञापन लाती जिसकी चयन प्रक्रिया टेट मेरिट ही होती और वो बी.एस.ए द्वारा जारी किया जाता..... वही तो हुआ था 7-12-12 को,डाईट को सबसे पहला ज़ी.ओ (SCERT) तो पूर्व विज्ञापन के फार्मों को ही सुरक्षित रखने का जारी किया गया था ना?....... बाक़ी तो जो हो रहा था सब एकेडमिक वालों को उल्लू बनाने की ड्रामेबाजी थी...... हमारे कुछ वकीलों द्वारा वेटेज से भर्ती कराने की धुन ने हमारी जीत की घोषणा में इतनी देर कर दी वरना......
ReplyDeleteबीस का फैसला ठीक से पढ़ना,,,,,इसी ग्रुप में फैसले की बाल की खाल निकालूँगा,,,, उसका प्रिंट आउट निकालकर किसी एकेडमिक वाले के घर बैरंग पोस्ट कर देना या चुपचाप उनके दरवाजे के नीचे खिसका देना,,,,,उसके बाद वो लम्बे समय तक तुमसे नजर नहीं मिला पायेगा ये मेरा वादा रहा,,,,नया विज्ञापन आने के बाद उसके और उसके खानदान द्वारा किये कटाक्षों का परिणाम तो उन्हें भुगतना ही चाहिए ना?उस आदेश का एक-एक शब्द जब सारी जिन्दगी उनके गोबर से भरे दिमाग में गूँजेगा तब जाकर मेरा कलेजा ठंडा होगा।
ReplyDeleteमेरा मानना है कि २० तारीख को जो भी निर्णय कार्ट द्वारा दिया जाएगा वह सर्वमान्य तो होगा नही क्योंकि बात भर्ती की है जो कि या तो नए विज्ञापन के आधार पर हो सकती है अथवा पुराने विज्ञापन के आधार पर इसके अतिरिक्त कोई दूसरा रास्ता नही दिख रहा है और कुछ लोग जो कह रहे हैं कि टेट को भी वेटेज देकर भर्ती कराने का कोर्ट आर्डर दे सकता है तो हमे नही लगता कि कोर्ट द्वारा ऐसा कोई आर्डर दिया जाएगा क्योंकि यह तो नीतिगत मामला है कि भर्ती किस आधार पर करनी है इसका फैसला कोर्ट कैसे करेगी यह तो सरकार को तय करना होता है कोर्ट का काम तो सिर्फ यह देखना होता है सरकार के निर्णय से किसी के संवैधानिक अधिकारों को हनन तो नही हो रहा है यदि कोर्ट यह कहेगा कि टेट को वेटेज देना है तो फिर विवाद पैदा हो जाएगा कि भर्ती के बीच में भर्ती कराने का नियम नही बदला जा सकता है क्योंकि अभी पुलिस भर्ती में कोर्ट ने यही कहा था तथा सुप्रीम कोर्ट का भी यही फैसला है कि खेल के नियम बीच में नही बदलते । और यदि कोर्ट एकेडमिक व टेट दोनो को मिलाकर भर्ती करने को कहेगा जो कि सम्भव नही है और यदि कह भी दिया तो समझो कि भर्ती गई तेल लेने क्योंकि उसके लिए पुराने दोनो विज्ञापन निरस्त करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा फिर भर्ती नियमावली में संसोधन किया जाएगा जिसे सरकार पास करेगी तब फिर से नयी नियमावली पर विज्ञापन निकाला जाएगा और इन सबके लिए अब समय नही है। आचार संहिता, समय ३१ मार्च की समय सीमा आदि इसलिए २० तारीख को अंतिम निर्णय आने की सम्भावना बहुत कम दिख रही है अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट से ही होगा क्योंकि जो भी पक्ष घाटे में दिखेगा वह फिर से याचिका दाखिल करेगा मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा और वहीं का निर्णय अंतिम होगा और तब तक लगता नही कि किसी भी पक्ष के कलेजे को ठण्डक मिलेगी क्योंकि अगर पुराना विज्ञापन कोर्ट द्वारा बहाल जाता है तो उ0प्र0 सरकार हाथ खडे कर देगी और यदि नये विज्ञापन को कोर्ट द्वारा बहाल किया जाएगा तो टेट वाले शान्त बैठने वाले नही क्योंकि अगर टेट वालों को शान्त बैठना होता तो अब तक कब की भर्ती हो गई होती बहुत ज्यादा खुश होने की जरूरत नही है
ReplyDelete@ dinesh yadav ji,
ReplyDeleteaap ki baat bilkul sahi hai lekin is bharti ko sarkar ne suroo se hi apni pratishtha ka sawal bana rakha hai aur isi liye 2 saal se ham iski jaja bhugat rahe hain. galati ham logon ki hai jo ekjut nahin hue aur sarkar par dabaw nahin banaya.
दिसम्बर 2012 भर्ती का नया विज्ञापन ,,,कुछ
ReplyDeleteखास,,,,
१. ये मात्र अपने आप में एक ऐसा विज्ञापन है
जिसमे आवेदन करने वाले आवेदक ने
भर्ती रिक्तियों के सापेक्ष अपने दावे के रूप में
**हस्ताक्षर** नहीं किये है,, अब किये
नहीं या कराये नही गए,, पर बिना हस्ताक्षर
वाला विज्ञापन, होता ही नहीं है,,,,
२. सी बी यादव के अनुसार ...
भर्ती प्रक्रिया निर्धारित करना, सरकार का विशेष
अधिकार,,, लेकिन क्या 2011 के विज्ञापन में
प्रक्रिया को निर्धारित करने का सरकार को विशेष
अधिकार प्राप्त नहीं था, क्या ये अधिकार कुछ
ही सरकारों को प्राप्त होता है,
३. बी एड के गुणांक में 30% वाले मामले
को न्यायलय में सबूत और उदहारण के रूप में पेश
किय गया था, और न्यायलय ने इसे स्वीकार भी कर
लिया था, फिर इस विवाद का क्या होगा,
४. विज्ञापन 2011 के सभी अभ्यर्थियों को कोई
नुकसान न हो, और प्रत्येक अभ्यर्थियों को शामिल
किया जाये, इसमें मुख्या रूप से उम्र विवाद था,, ये
आदेश भी उसी माननीय उच्च न्यायलय का था,
जिसका आदेश 20 नवम्बर को आने वाला है,
धन्यवाद,,,,
मेरे सभी मित्रों को शुभ प्रभात !
ReplyDeleteमुझे जानकर बड़ी हैरानी हो रही है कि सब कुछ अपने पक्ष में होने के बावजूद,,,,,,,, अभी भी अधिकांश साथी इतने भर्मित हैं कि उनको विश्वास ही नही हो रहा है कि क्या वास्तव में हमारी जीत सुनिश्चित हो गयी है । फोन पर जानकारी लेने का सबसे बड़ा यही नुकसान होता है । लेकिन वह प्रत्येक व्यक्ति जो कोर्ट के अन्दर जाता रहा है वह आज अपनी सुनिश्चित जीत से बहुत खुश है,,,मुझे तो तनिक भी शंका नहीं है, जीत हमारी ही होगी ,,,,,,,,,,,चाहे अखिलेश खुद आकर कहें कि फैसला उनकी सरकार के हित में जा रहा है ,,,,,,,,,मुझे तो आज उस दिन की याद आ रही है जब इसी सरकारी दलाल अमर उजाला ने बड़े - बड़े अक्षरों में छापा था------टी0ई0टी0 होगी निरस्त -------तब भी मैनें यही कहा था कि किसी के बाप में दम नहीं कि टेट को निरस्त कर सके । उस समय अधिकांश साथी इसी प्रकार भ्रमित थे कि क्या वास्तव में टेट परीक्षा बच पाएगी ..............????????? आज मैं फिर वही बिखराव और अशांति देख रहा हूँ । मेरे मोबाइल पर परसों से सैकड़ों फोन आये और 90% का केवल एक ही सवाल था कि क्या फैसला हो सकता है ,,,,,,??????????? कहीं वेटॆज तो नही मिल रहा ??????? कहीं एकेडमिक तो नही हो रहा ????????? मजे कि बात तो यह कि आखिर में इन सब ने स्वीकार किया कि टेट के सिवाय कुछ भी सम्भव नही लेकिन ...............??????? पता नहीं कहाँ से यह भ्रम उपजता है ??? मुझे तो आज तक कोई ऐसा स्रोत नहीं दिखा जो मुझे टेट के सिवाय कुछ और सोचने के लिये प्रेरित करे,,,,,,,,,,खैर कोई बात नहीं..........
एक बात से जरूर सतर्क करना चाहूँगा,,,,,,,,,,,,,कि आजकल तमाम जज जमीन पर अवतरित हो चुके हैं जिनके फैसले पढ़ने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों के भी पसीने छूट् जाये.................अतः आप सभी से आग्रह है कि इन् नवनियुक्त न्यायाधीशों से बचे और शांति,धैर्य और खुशी से 20 तारीख की प्रतीक्षा करें । जो जीतते हैं वो कूदते नहीं क्योंकि वो जानते हैं कि आगे क्या होने वाला है ,,,,,,,,,,,उनकी जीत की कल्पना ही उनके मन को शांत रखती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,,,,,,,,,,,,,,,,,तिममिलाहट,,,घबराहट,,,,बौखलाहट ,,,,,हारने वाले की निशानियाँ हैं,,,,,,उसकी कुंठा की निशानियाँ हैं इसलिये ,,,,,,,,,,,,,,,ऐसे कथनों से बचे और अपनी आने वाली जीत का आनन्द लें ,,,,,,,,,,,,,,,,बाकी ट्ण्डन की कोर्ट से लेकर भूषण साहब की बेंच तक कभी भी आपके विरूद्ध कुछ नहीं हुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,समझदार के लिय इशारा काफी है,,,,,,,,,,,,,,,,,इसलिये शांत रहे ,,,,,,,,मस्त रहें,,,,,खुश रहें और तैयार रहें क्योंकि आने वाला समय आपके समस्त दुखों अंत करने वाला है ।
ReplyDeleteएक बात से जरूर सतर्क करना चाहूँगा,,,,,,,,,,,,,कि आजकल तमाम जज जमीन पर अवतरित हो चुके हैं जिनके फैसले पढ़ने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों के भी पसीने छूट् जाये.................अतः आप सभी से आग्रह है कि इन् नवनियुक्त न्यायाधीशों से बचे और शांति,धैर्य और खुशी से 20 तारीख की प्रतीक्षा करें । जो जीतते हैं वो कूदते नहीं क्योंकि वो जानते हैं कि आगे क्या होने वाला है ,,,,,,,,,,,उनकी जीत की कल्पना ही उनके मन को शांत रखती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,,,,,,,,,,,,,,,,,तिममिलाहट,,,घबराहट,,,,बौखलाहट ,,,,,हारने वाले की निशानियाँ हैं,,,,,,उसकी कुंठा की निशानियाँ हैं इसलिये ,,,,,,,,,,,,,,,ऐसे कथनों से बचे और अपनी आने वाली जीत का आनन्द लें ,,,,,,,,,,,,,,,,बाकी ट्ण्डन की कोर्ट से लेकर भूषण साहब की बेंच तक कभी भी आपके विरूद्ध कुछ नहीं हुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,समझदार के लिय इशारा काफी है,,,,,,,,,,,,,,,,,इसलिये शांत रहे ,,,,,,,,मस्त रहें,,,,,खुश रहें और तैयार रहें क्योंकि आने वाला समय आपके समस्त दुखों अंत करने वाला है ।
ReplyDeleteजे
ReplyDeleteल
वा
ली
. . . . .Subah hote hi jab duniya abaad hoti hai
Aankh khulte hi aapki yaad hoti hai
Khushiyon ke phool ho aapke aanchal mei
Ye mere honthon pe pehli fariyaad hoti hai…
Kapildev Yadav
ReplyDeleteJo jeet se pahle khud ko jeeta hua maan le wo us bewkuf k smaan hota hai jo ye sochta hai main aankhe band kar lunga to raat ho jayegi
na main khud ko jeeta hua ghosit kar rha hu aur na main jeet ka dawa kar rha hu jo hoga accha hoga is bat ka wada kar rha hu jai bharti sirf bharti
........... भर्ती फंसाने के लिये कुछ टेट समर्थक चन्दा-चोरो का गिरोह सक्रिय हो चुका है. इन्होने कल से लेकर आज तक हजारो मैसेज टेट समर्थको के पास भेजकर चन्दे की मांग की है. मेरे कुछ टेट समर्थक मित्र मेरे मना करने पर भी पैसा भेज चुके है. इलाहाबाद मे भर्ती फंसाने के लिये रोज इनकी मीटिंग जारी है. ऐसी खबरे मिल रही है कि अब तक ये लगभग 01 लाख का कलेक्शन कर चुके है. हालाकि कुछ टेट समर्थक मित्र इसका विरोध कर रहे है पर शायद वे भी इन्हे रोक नही पायेंगे. कुछ बाते मै खुलकर नही कह रहा हू. मेरे टेट समर्थक मित्रो आप किसी भी तरह का चन्दा या पैसा ना दे क्योकि आपका पैसा भर्ती को फंसाने के लिये और इन चन्दा-चोरो की जेब भरने के लिये प्रयोग होने वाला है और अगर इस बार यह भर्ती फंसी तो MARCH 2014 बीत जायेगा और किसी को कुछ नही मिलेगा. भर्ती का आधार चाहे जो भी हो पर जुनियर भर्ती के बाद मेरिट काफी नीचे चली जायेगी और कई कम मेरिट वालो की भी उम्मीद रहेगी. बस इतना कह रहा हू कि आपलोग धैर्य से हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करे और उसका सम्मान करे.
ReplyDeleteUPDATE FOR NEW ADD
ReplyDeletejesa ajkal dekhne or sun ne ko mil raha he ki te te mitra Kuch jyada uchal rahe he to unko bata dena ki
1. Tet wtg 1%se100% agar te te mitra court me mag rahe he to kis merit ke sath akhir base of slction to shekchik merit he he jiske saath tet wtg ki mang kar rahe he
2. Maya ne niyamavali se base of slctiön ko he uda diya or keval wet ko he adhar banaya
jisko larger bench ne clear likha he ki kebal tet pas kar lena he niyukti ka adhar nahi ho sakta
or rahi bat wtg ke to rajya sarkar apointing authority he wo tet wtg de ya na de ye uska viseshaadhikar he
3. Ane wala order new add ke samarthan me hoga or gov ko kebal nirdesh kiya jayega ke future me tet wtg ke vishay me dhyan rakhe
thankxxx
1) पहली बात तो हमारे लोग तुझको चंदा क्योँ देंगे??
ReplyDeleteऔर अब चंदे का क्या काम है?
क्या तेरी माँ की शादी होने वाली है?
2)जैसे पिछली बार आप लोग अपने लोगोँ से चंदा माँग रहे थे तो आप को कुल कितना चंदा मिल पाया था ?
3)और तूने मेरे सवाल का जवाब अपने लोगोँ तक नहीँ पहुँचाया ?
अब तू पूछेगा कि सवाल क्या था?
अबे गधे जज ने कोर्ट मेँ WHO ARE YOU ? किसको कहा था?
4) और तू कह रहा है कि मैँ (यानि तू ) खुलकर नहीँ बताएगा , अबे बताएगा क्या तुझे पता ही क्या है?
5)और तुझे अगर इन सवालोँ का जवाब नहीँ पता है तो तू बड़े गधे ( असली कपिलदेव ) से पूछ क्योँ नहीँ लेता ?
अगर तेरे पास नं॰ नहीँ है तो मुझसे पूछ ले , लेकिन छोटे-छोटे गधोँ को गुमराह मत कर ,उनकी बददुआ क्योँ ले रहा है, क्योँ कि उनके भी बीवी बच्चे हैँ वो तेरा तरह __________नहीँ हैं।
1) पहली बात तो हमारे लोग तुझको चंदा क्योँ देंगे??
ReplyDeleteऔर अब चंदे का क्या काम है?
क्या तेरी माँ की शादी होने वाली है?
2)जैसे पिछली बार आप लोग अपने लोगोँ से चंदा माँग रहे थे तो आप को कुल कितना चंदा मिल पाया था ?
3)और तूने मेरे सवाल का जवाब अपने लोगोँ तक नहीँ पहुँचाया ?
अब तू पूछेगा कि सवाल क्या था?
अबे गधे जज ने कोर्ट मेँ WHO ARE YOU ? किसको कहा था?
4) और तू कह रहा है कि मैँ (यानि तू ) खुलकर नहीँ बताएगा , अबे बताएगा क्या तुझे पता ही क्या है?
5)और तुझे अगर इन सवालोँ का जवाब नहीँ पता है तो तू बड़े गधे ( असली कपिलदेव ) से पूछ क्योँ नहीँ लेता ?
अगर तेरे पास नं॰ नहीँ है तो मुझसे पूछ ले , लेकिन छोटे-छोटे गधोँ को गुमराह मत कर ,उनकी बददुआ क्योँ ले रहा है, क्योँ कि उनके भी बीवी बच्चे हैँ वो तेरा तरह __________नहीँ हैं।
1) पहली बात तो हमारे लोग तुझको चंदा क्योँ देंगे??
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क्या तेरी माँ की शादी होने वाली है?
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3)और तूने मेरे सवाल का जवाब अपने लोगोँ तक नहीँ पहुँचाया ?
अब तू पूछेगा कि सवाल क्या था?
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5)और तुझे अगर इन सवालोँ का जवाब नहीँ पता है तो तू बड़े गधे ( असली कपिलदेव ) से पूछ क्योँ नहीँ लेता ?
अगर तेरे पास नं॰ नहीँ है तो मुझसे पूछ ले , लेकिन छोटे-छोटे गधोँ को गुमराह मत कर ,उनकी बददुआ क्योँ ले रहा है, क्योँ कि उनके भी बीवी बच्चे हैँ वो तेरा तरह __________नहीँ हैं।
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अब तू पूछेगा कि सवाल क्या था?
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अगर तेरे पास नं॰ नहीँ है तो मुझसे पूछ ले , लेकिन छोटे-छोटे गधोँ को गुमराह मत कर ,उनकी बददुआ क्योँ ले रहा है, क्योँ कि उनके भी बीवी बच्चे हैँ वो तेरा तरह __________नहीँ हैं।
हम भारतीय भी त्योहारों को लेकर एकदम क्रेजी ही हो जाते हैं!
ReplyDelete.
.
इस दिवाली को ही ले लें...
.
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मंगल और हाई कोर्ट तक अपना रॉकेट छोड़ दिया हमने!
hjffjkg
ReplyDeletetet ji jaj ne keon alok yadav ko bolne se roka tha usne tet walon se ghoos liya tha kya ?
ReplyDeleteBadi Haseen Thi Zindgi
ReplyDeleteJab Na Kisi Se Muhabbt
Na Kisi Se Nafrat Thi
Zindgi Me Ek Mod Aisa Aaya
Muhabbat Ek Se (TET) Huyi aur
Nafrat Sari Dunia (ACD waalon) se Ho Gayi....
अनवर जी की नई कहानी सुनो. . . . . . . . . . . . . . . . मान. जज ने टीईटी वालोँ से घूस लिया था, क्या आप वहाँ खाली हाथ______??
ReplyDeleteअगर ऐसा होता तो होता तो हम कबके जीत गये होते ।
पिछले ६५ सालों से एक नारा चल रहा हे ,,,,,,
ReplyDeleteऔर इंसान बार बार मूर्ख बन रहा हे ,,,,,,,,,,,
गरीबी हटाओ ,,,,, गरीबी हटाओ ,,,,,,,,,,,
एक ही नारे से काम चला रहे हें ,,, और सत्ता सुख भोग रहे हें ......
६५ सालों में गरीबी नहीं गयी ,,,, लेकिन गरीब इस दुनिया से ही चले गए ,,,,,,
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क्या फिर से मूर्ख बनने का इरादा है ?????????????????????????????????
लात मार कर अलग करो इन कीड़ों को ,,,,,,,,,,,,
देश का सारा अनाज ,, सारा पैसा इन्होने ही खा लिया
ReplyDeleteअब तक आप सभी को कोर्ट में हुई सुनवाई की जानकारी तो हो ही गयी होगी, फैसला भी सुरक्षित हो चुका है जो २० तारीख को आप सभी के सामने आ ही जायेगा ! इसलिए अब इस बात को लेकर समय और शक्ति व्यर्थ में नष्ट ना करे कि फैसला किस रूप में आएगा अब इसकी चिंता करने का काम कोर्ट और सरकार का है उसे ही करने दे , तो जादा अच्छा रहेगा !
bewkuf kapil tum chunde ka arop laga rahe ho.
ReplyDelete.
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hakikat ye h ki chande ke khel me tum logo ne mahan tet pas jo bina tet walo se bat nahi karata usko tum logo ne accd se hi bahar kar dia.
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jaisa ki tum dekhe hoge ki wo facebook par baithkar 3din se sarab pi raha h.
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are dust kapil usne accd -accd chillakar tum logo ki bahut help kiya h.
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uski halat dekho usko bacha lo agara le jane ke liye jitane paise jarurat padegi usko mai duga.
आप सभी तो बस ये याद रखे कि एक गलत सरकार और उसकी गन्दी नीतियो के कारण आपने कितना कुछ गँवा दिया ! अब जल्द ही लोकसभा चुनाव होने है इसलिए अब हमे ये ध्यान रखना है कि जो गलती विधान सभा चुनाव में हुई वो लोकसभा चुनाव में ना हो जाये !
ReplyDeleteआप सभी से निवेदन है कि २० तारीख तक का समय देश और समाज को देँ और फिर अपने भविष्य के साथ देश के भविष्य को उज्जवल बनाये !
ReplyDeleteApni bebasi par aaj rona sa aaya,
ReplyDeleteDoosron ko nahi maine apno ko aazmaaya,
Har dost ki tanhaayi door ki,
Lekin khud ko har mod par tanha hi paya..
Humein Bhi Pyar Karne Ka Khayal Aaya
ReplyDeleteJab Bhi Yeh Khayal Aya Khud Ko Akela Paya
Dhoonte Rahe Is Duniya Mein Humsafar
Kisi Ko Dhoke Baaz To Kisi Ko Bewafa Paya
न्यायमूर्ति ए. भूषण जी के फैसले को लेकर बेरोजगारों में उत्साह की लहर।
ReplyDeleteबसपा सरकार में बेसिक शिक्षक नियमावली १९८१ में १२वां संशोधन करके नियुक्ति के लिये चयन का आधार टीईटी के अंकों को किया गया ।
एनसीटीई ने आरटीई लागू होने पर बीएड के माध्यम से सीधी न्युक्ति का प्रावधान बनाया ।
अनिल संत ने एनसीटीई नियमों के अधीन प्रशिक्षु शिक्षक का विज्ञापन निकाला एवं चयन का आधार नियमावली के १२वें संशोधन टीईटी मेरिट को रखा क्योंकि अनिल संत का मानना था कि ये सीधी न्युक्ति हो रही है इनको अब पुनः नियुक्त नहीं करना है इसलिये इनपर चयन का आधार नियमावली वाला ही होगा।
डबल बेंच में न्यायमूर्ति हरकौली और मिश्रा ने अनिल संत के फैसले को सही ठहराया और टिप्पणी की है कि अगर उनको प्रशिक्षु शिक्षक या फिर स्कालरशिप पर भी प्रशिक्षण मिलना है तब भी उनको प्रशिक्षण के लिये चयनित करने का चयन का आधार नियमावली वाला ही होगा और उनको पुनः चयन के मापदंड से नहीं गुजरना होगा।
ReplyDeleteजब हरकौली जी को यह बताया गया कि नॉन टेट पर मामला वृहदपीठ में लंबित है। अगर नॉन टेट वाले जीतते हैं तो चयन का आधार टीईटी नहीं बन पायेगा ( या D.B. का आदेश प्रभावित हो जाएगा)। श्री हरकौली ने मामले को डीवी में भेज दिया।
ReplyDeleteजबकि वृहद्पीठ ने अपने फैसले में टीईटी के अंकों के तरजीह (न नकारने) की बात की जिससे १२वां संशोधन स्वतः ही जायज हो गया।
ReplyDeleteसरकार को नियमावली में संशोधन का अधिकार है लेकिन ७२८२५ पर उसे नहीं थोपा जा सकता है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और अभिनव उपाध्याय जी डीवी में एसबीटीसी का नॉन टेट का मामला देख रहे थे उसी समय सिंगल बेंच में न्यायमूर्ति अरुण टंडन पुराना विज्ञापन प्रशिक्षु शिक्षक का होने के कारण उसके रद्दीकरण पर मुहर लगा रहे थे।
ReplyDeleteअशोक खरे और शाशिनंदन जी श्री भूषण जी से कहा कि एकल पीठ में सिर्फ प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती नाम होने के कारण ७२८२५ का अनिल संत द्वारा जारी विज्ञापन अवैध ठहरा दिया गया है जबकि उसमे चयन का आधार नियमावली से था क्योंकि सीधी भर्ती थी।
भूषण जी ने कोर्ट में मौखिक रूप से कहा था कि नाम में त्रुटि के कारण सम्पूर्ण प्रक्रिया रद्द नहीं की जा सकती है।
भूषण जी ने कोर्ट में मौखिक रूप से कहा था कि नाम में त्रुटि के कारण सम्पूर्ण प्रक्रिया रद्द नहीं की जा सकती है।
ReplyDeleteसरकार द्वारा एसबीटीसी को न्युक्ति के लिये टीईटी अनिवार्य कहने पर भूषण जी ने ओन गोइंग प्रोसेस में बीएड वालों को भी बिना टीईटी के शामिल करने का आदेश कर दिया।
ReplyDeleteवृहद्पीठ से बिना किसी फैसले के लौटी यह भर्ती अपने विवादों के लिये सदैव याद की जायेगी।
इसे महज संयोग ही कहा जा सकता है कि श्री अशोक भूषण जी को यह पूर्व अल्प संज्ञानित मामला निपटाने का अवसर मिला और उन्होंने न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा के साथ मिलकर मात्र दो दिन में मामला निपटा दिया।
ReplyDeleteसुरक्षित फैसला २० नवम्बर को प्राप्त हो सकता है।
इस मसले पर फैसला क्या आयेगा
ReplyDeleteयह कोर्ट का विषय है लेकिन जिस प्रकार से कोर्ट ने किसी तीसरे पक्ष को पार्टी नहीं बनाया या याचना स्वीकार नहीं की इसपर यह बिलकुल स्पष्ट है कि मामला वादी और प्रतिवादी के बीच है।
नियमावली का १२वां संशोधन वैध साबित हो सकता है जिसपर मात्र ७२८२५ लोग की किस्मत का फैसला हो सकता है।
ReplyDeleteन्यायाधिकार क्षेत्र से परे फैसला आने की उम्मीद बहुत कम है क्योंकि ऐसे आदेश मामले को सर्वोच्च अदालत पहुँचाने के लिये उत्तरदायी होते हैं।
Har line ko dhyaan se padhein
ReplyDelete✅Gareeb Dur tak chalta hai. . .Khana khane ke liye. . . .
✅Ameer meelo chalta hai Khana pachane ke liye. . . .
✅Kisi ke paas khane ke liye ek waqt ki roti nahi hai. . . .
✅Kisi ke paas roti khane ke liye Waqt hi nahi hai. . . .
✅Koi lachaar hai isi liye beemar hai. . .
✅Koi beemar hai isi liye lachaar hai. . .
✅Koi apno ke liye roti chod deta hai. . .
✅Koi roti ke liye apno ko chod deta hai
✅Ye duniya bhi kitni nirali hai.
✅Kabhi waqt mile to sochna. . . .
✅Kabhi choti si chot lagne pe rote the,
aaj dil tut jaane pe bhi sambhal jate hai!
✅Pehle hum dosto k sath rehte the,
aaj dosto ki yaadon me rehte hai!
✅Pehle ladna manana roz ka kam tha,
aaj ek bar ladte he to rishte kho jate hai.
✅Sach me zindagi ne bahut kuch sikha dia,
jane kab hamko itna bada bana diya ... ... ...
Dard Tha Dil Me Par Kabhi Dikhaya Nahi..
ReplyDeleteAanshu The Aankhon Me Par Kabhi Roye Nahi,
Yehi Farq Hai Dosti Or Pyaar Me..
Ishq Ne Kabhi Hasaya Nahi Or Doston Ne Kabhi Rulaya Nahi...!
Mere hc k ek bahut bade advocate jo ashok bhusan k mitra b hai, unse baat huyi h to unhone bataya
ReplyDeleteकि ये भरती Tet 50% + acd 50% से होगी. मेरिट इस Prakar बनेगी
High sc 5%
Inter 10%
Grad 20%
B.Ed. 15%
Tet 50%.
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चिँता मत करो, क्योँकि इस प्रकार की खबरेँ 20 नवम्बर के बाद आ ही नहीँ सकती तब तक सतर्क रहो।
शिक्षक भर्ती 2011 के संबंध मे सात व आठ नवंबर को 5 घंटे से भी अधिक समय तक चली बहस के दौरान माननीय अशोक भूषण एवं विपिन सिन्हा की खंडपीठ ने वर्तमान सरकार द्वारा किए गए 15 वें संशोधन (गुणाँक मैरिट प्रावधान ) व 16 संशोधन (प्रशिक्षु अध्यापक प्रावधान ) को 12वें संशोधन (टेट मैरिट प्रावधान ) के बाद अनावश्यक एवं अवैधानिक बताया । कोर्ट ने कहा according to ncte guidelines government should give weightage to tet scores. No matter whether it is 1% or 100% as ncte is silent about it . कोर्ट ने सरकारी वकील के टेट को मात्र पात्रता परीक्षा कहे जाने पर भी आपत्ति जताई । कोर्ट ने माना कि ब्रहद पीठ के 31 मई के आदेश के अनुसार tet is not merely an eligibility test but it is an overall performance test.
ReplyDeleteसरकारी वकील के धाँधली को कम करने के उद्देश्य से संशोधन किए जाने के तर्क को सिरे से खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि आप ने पिछले कोर्ट के उस आदेश को लिखित मे चुनौती नही दी है जिसमे इसे मात्र afterthought माना था साथ ही यह भी कहा कि यदि धाँधली हुई थी तो आपको टेट परीक्षा निरस्त करना चाहिए था या उन्हे चिन्हित करते हुए चयन से बाहर करने हेतु कार्यवाही करनी चाहिए थी।
ReplyDeleteकोर्ट द्वारा 12 वें संशोधन को ncte की गाइडलाइन के अनुसार बताया जाना पुराने विज्ञापन की बहाली का संकेत है । दूसरी तरफ 15 वें और 16वें संशोधन को अवैध बताया जाना गुणाँक मैरिट की सारी संभावनाओं को खत्म करता है ।
ReplyDelete20 नवंबर के आदेश के बाद जूनियर की भर्ती अगर बेसिक की रिट पर खारिज होने से बच भी गई तो टेट का बिना वेटेज दिए संभव नही हो पाएगी । गुणाँक की जय बोलने वालों की बोलती आदेश आने के बाद हमेशा हमेशा के लिए बंद हो जाएगी ।
ReplyDeleteजैसे:- करन अर्जुन फिल्म मेँ अम्बरीश पुरी कहता है , "अबकी बार मैँ पुनर्जन्म का सिस्टम ही खत्म कर दूँगा"
कुछ समझदार गुणाँक सपोर्टर और भर्ती सपोर्टर जिन्हे कोर्ट मामले की थोड़ी बहुत जानकारी रहती है गुणाँक की जय बोलना बंद कर चुके है शीघ्र ही विशेष वर्ग मे शामिल लोग भी टेट की जय बोलते नजर आएँगे ।
ReplyDeleteमेरा सभी टेट साथियों से आग्रह है कि वह भ्रमित न हों अपने उन साथियों पर विश्वास करे जो बहस के दौरान कोर्ट मे मौजूद थे । हमेशा की तरह इस बार भी आदेश आने से पहले कोर्ट मे हुई बहस के आधार पर दी गई जानकारी आदेश आने के बाद सत्य प्रमाणित हो जाएगी ।
ReplyDeleteजय
टेट
संघर्ष
मोर्चा ।
शुभ NIGHT
sab kuch theek hoga
ReplyDelete1998 se ho rahi bhartiyon me topper (CBSE/UP BOARD) Candidates ka selection ho raha but ascharya hota h ki primary ke bachchon koi gunatmak sudhar nahi ho raha hai .Yadi 1998 me hi BJP C.M. KALYANAWA primary teachers bharti me ek SELECTION EXAM Shuru kiya hota to shayad primary schools ki etani durgati nahi hoti Aur gadahe teacher aaj bahar hote.
ReplyDeleteTET MERIT TO BHARTI NHI JI aap se ek baat puchhni hai ki maine 2012 wale up trainee teacher wale form me TET ROLL NO. ki jagah TET SERIAL no. form me bhar diya hai jbki obtained marks sahi fill kiya hai. kripya ye btaye ki is se koi problem to nhi aayegi na reply soon,,,,
ReplyDeletekaoi baat nhi tet obtain number sahi hai na chal jayega
ReplyDeleteMera sabhi bhaiyon se niwedan hai ki is bharti ko apni tet ya acd pratishtha ka prashan banakar bandaroni ki tarah na lade kyon ki iska fayda sarkar billi bankar utha sakti hai.bhaiyon is bharti me ab koi khalal na dale nahi to aise garib balkon ki baddua use lagegi jinhone aawedan bhi udhar ki paise se kiya hai.iske alawa aise bhai jo ab bhi apne dimag ke ghode bharti apni sharton par chahte hai aur khud ko court se uper mante hain woh I.A.S ke liyen try karen par garib ki roti na chhene.yadi bharti 31 march 14 tak na hui to tet aur acd donon hi group sirf napunsakon ki tarah do alag alag group me siwa tali peetne ke aur kuchh nahi kar paynge........isliye bhaiyon mere kathor shabdon ka bura na maankar bharti karwane me dimag chalao rukwane me nahin,ye aakhiri mauka hai aur main bhi aap me se ek.yadi koi mujhse sahmat na ho to mere no.9152766880 par mujhse baat kare...Neelkamal bhardwaj Bulandshahr
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