News Sabhaar : jagran.com (8.11.13)
टीईटी मामले में बहस पूरी, फैसला 20 को आएगा
लखनऊ (उप ब्यूरो)। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 72825 रिक्त पदों की भर्ती के संबंध दाखिल विशेष अपीलों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। अदालत 20 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगी। इसके बाद ही इन पदों की चयन प्रक्रिया के मान निर्धारित किए जा सकेंगे।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की खंडपीठ ने लगातार दूसरे दिन शिवकुमार व दर्जनों अन्य की विशेष अपीलों पर सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से लगातार अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने नियमों में परिवर्तन के संबंध में पक्ष रखा। अपीलार्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, शशिनंदन, शैलेंद्र, संजय मोहन, नवीन कुमार शर्मा, अभिषेक श्रीवास्तव आदि ने तर्क रखे। कोर्ट के समक्ष विचारणीय बिंदु यह है कि अध्यापकों की नियुक्ति का आधार टीईटी के अंकों या शैक्षिक गुणांक के आधार पर मेरिट को माना जाए। इसके साथ ही यह भी प्रश्न है कि विशिष्ट बीटीसी चयनित अभ्यर्थियों में नियुक्ति पाने से वंचित ऐसे अभ्यर्थियों को वरीयता दी जानी चाहिए या नहीं, जो टीईटी भी उत्तीर्ण कर चुके हैं। ऐसे हजारों अभ्यर्थी हैं जो प्रदेश टीईटी लागू होने से पहले ही विशिष्ट बीटीसी के लिए चयनित हो चुके हैं लेकिन उन्हें नियुक्ति नहीं मिल सकी है जबकि उनके ही अन्य साथी नियुक्ति पा चुके हैं। अदालत इस बिंदु पर भी अपने विचार देगी कि चयन का आधार क्या टीईटी की मेरिट और शैक्षिक गुणांक दोनों को ही बनाया जा सकता है। भर्ती से जुड़ा अहम मामला होने के कारण शुक्रवार को अदालत के बाहर अभ्यर्थियों की भीड़ लगी रही। हालांकि अब उन्हें बीस नवंबर तक इंतजार करना पड़ेगा
News Sabhaar : jagran.com (8.11.13)
******************
टीईटी एग्जाम पर रोक के मामले में फैसला 20 कोNews Sabhaar : नवभारत टाइम्स (Nov 8, 2013)
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टीईटी परीक्षा पर रोक हटाने के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाने के लिए 20 नवंबर की तारीख तय की है। प्रदेश में 72 हजार 825 टीचरों की भर्ती पर रोक लगाई गई है। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस विपिन सिन्हा की अदालत में प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने अपना पक्ष रखा, जिसके बाद हाईकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखने का फैसला किया
News Sabhaar : नवभारत टाइम्स (Nov 8, 2013)
*****************
टीचर भर्ती में TET रोक हटाने पर पांच घंटे चली बहस, सुनवाई जारी
News Sabhaar : नवभारत टाइम्स ( Nov 7, 2013)
इलाहाबाद हाई कोर्ट के कोर्ट नंबर 37 में बृहस्पतिवार को टीईटी पर रोक हटाने के लिए पांच घंटे तक बहस चली। बहस पूरी न होने के कारण इस मसले पर शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी। हाई कोर्ट में चल रही इस सुनवाई पर लाखों युवाओं की निगाहें लगी थीं। कोर्ट परिसर के बाहर भी सैकड़ों छात्रों की भीड़ लगी थी। हाई कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस विपिन सिन्हा ने टीईटी पर लगी रोक को हटाने के लिए दाखिल सभी अपील को अर्जेंसी के आधार पर सुनवाई 10 बजे से शुरू की। प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने बहस किया तो टीईटी छात्रों की ओर से अशोक खरे ने मजबूती से पक्ष रखा।
कोर्ट खचाखच भरी हुई थी। टीईटी छात्रों की ओर से बहस करते हुए अशोक खरे ने कहा कि प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण दो साल से ज्यादा समय से तीन लाख से ज्यादा युवा दर-दर भटक रहे हैं। एक तरफ ट्रेनी टीचर की परीक्षा पास करने के बाद भी सरकार नौकरी देने में फेल साबित हो रही है दूसरी तरफ उसकी अस्प्ष्ट नीतियों के कारण कोर्ट को रोक लगाना पड़ा। ढाई साल से हाई कोर्ट में रोक के चलते टीईटी भर्ती की लंबित प्रक्रिया को सरकार की शिथिलता से ठप पड़ी है। कोर्ट में लंच के बाद फिर बहस प्रारंभ हुई। हाई कोर्ट ने इस मसले पर शुक्रवार को दोपहर बाद फिर सुनवाई का निर्देश दिया।
हाई कोर्ट में सुनवाई की संवेदनशीलता को देखते हुए टीईटी अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि शुक्रवार को इस मसले पर कोई बड़ा फैसला आ जाएगा। गौरतलब है सूबे में 72 हजार 825 ट्रेनी टीचरों की भर्ती पर लगी रोक के मसले पर हाई कोर्ट ने खुद अभ्यर्थियों की अपील को अर्जेंसी के तहत सुनवाई के लिए 7 नवंबर की तिथि तय की थी। हाई कोर्ट में टीईटी को लेकर दाखिल सभी अपीलों की एक साथ सुनवाई हो रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में इसके पहले ट्रेनी टीचर की नियुक्ति का आधार क्या हो ? यह मामला पहुंचा था। इस पर लंबी बहस के बाद हाई कोर्ट ने व्यवस्था दी कि ट्रेनी टीचर के लिए टीईटी अनिवार्य है। अब टीईटी पर लगी रोक हटाने के साथ भर्ती खोलने की अपील पर सुनवाई हो रही है
News Sabhaar : नवभारत टाइम्स ( Nov 7, 2013)
*************************
admin ji,
ReplyDeleteplz chat box open kar dijiye
jay tet. jay tet merit.
aaj barso baad chain ki neend aayegi.....
ReplyDeleteg
ReplyDeleteg
ReplyDeleteYe sab such hai ya sapna samajh me nahi aata
ReplyDeleteab govt kya karti hai ye dekna hai
ReplyDeleteHhhbbb
ReplyDeleteMujhe old add/new add se itni khushi nhi hai,
ReplyDeletejitni khushi sunwai poori hone se hai,
har date pe gharwale poochhte the ki kya hua-
niras man se batata-papa next date lag gyi hai,aur mai sar neeche karke chla jata tha....
Aaj jab poorn bahas complete huyi tab main primary school me tha, khushi ke ansoo bahne lage, students ne poocha kya hua sir
hamne kaha kuch nhi beta- jald hi tum logo ko chhod ke jaane wale hain isliye,papa ko turant phone karke btaya,shayad unki bhi ankhe bhar aayi thi..
Dosto aaj tak ke post se jis bhai/bahan ko meri or se koi hurt hua uske liye sorry...
Aaiye ham tet/acd bhool kar bhartee ka jashn manaye
Jo hoga accha hoga, aur sabke saath hoga.
मैंने अपने जीवन में सिर्फ एक बार वोट किया है,
ReplyDeleteमुलायम सिंह यादव को। लेकिन ये क्या चीज है,
मुझे तब पता चला जब पढने लिखने के बाद अब
जॉब मिलने से रहा। मैं एक साधारण परिवार का हूँ
मेरे पास पांच दस लाख रूपये नहीं कि मैं जॉब
पा सकूँ। ये मुलायम यादवों का नहीं, दबंगों, गुंडों,
दहशतगर्दों का नेता है।
अब कि बार मेरा वोट सिर्फ देश के लिए... सिर्फ
मोदी के लिए। सिर्फ मैं ही नहीं मेरे गाँव के
अधिकतर पढ़े लिखे लोग सिर्फ मोदी को वोट देंगें।
एक विकल्प- सिर्फ मोदी
***एक उबाऊ ड्रामे का समापन***
ReplyDeleteसबसे पहले तो प्राथमिक शिक्षक भर्ती के
सभी आवेदकों को मानसिक पीड़ा के निराकरण और
अंधकारमय भविष्य की आशंकाओं के बीच उम्मीद
की एक किरण मिलने के लिये बधाई......
पिछले दो वर्षों से राज व्यवस्था द्वारा शिक्षित
युवा बेरोजगारों के साथ
की जा रही घिनौनी राजनीति पर आज कुछ हद तक
विराम लग गया,,,,
अब निश्चित रूप से उन
ReplyDeleteलोगों को बहुत बुरा लगा होगा जो सुनवाई के पहले इस
बात का डंका पीट रहे थे कि अब चाहे कुछ
भी हो जाये लेकिन कोर्ट मे प्राथमिक शिक्षक
भर्ती की फाइल खुलेगी ही नहीं, वो लोग दावा कर रहे
थे कि कोर्ट को जो कुछ करना था वो कर चुका है अब
कुछ भी करना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के बाहर
की बात है, ऐसे लोग सुनवाई न होने के ऐसे ऐसे कारण
बता रहे थे जो खुद भारत के मुख्य न्यायाधीश तक
को पता नहीं थे, सबसे हास्यास्पद बात तो ये
थी कि उन कारणों और समस्याओं का उपचार वे
फेसबुकिया मियांमिट्ठू लोग सिर्फ अपने स्वयं के पास
होने का ढिंढोरा पीट रहे थे,,,,,,अपने
खयाली पुलावों का बखान ऐसे लोग कुछ इस अंदाज़ मे
करते थे मानो संविधान सभा के सदस्य रहे हों जब
कि सच्चाई ये थी कि वो अति महत्वाकांक्षी लोग
आम टेटीयंस को वो काल्पनिक भय दिखा रहे थे
जो छोटे बच्चो के रोने पर उनको ये कहकर
दिखाया जाता है कि बेटा सो जा या चुप
हो जा नहीं तो भूत आ जायेगा|
आज सभी को ज्ञात हो गया होगा कि वास्तव मे उन
ReplyDeleteकारणों का कभी कोई औचित्य
था ही नहीं जिनको प्रचारित कर कर के
लोगों को अतिरिक्त मानसिक
पीड़ा पहुंचायी जा रही थी,,,,अब सबको पता चल
गया कि सुनवाई न होने का कारण सिर्फ और सिर्फ
मुख्य रूप से न्यायाधीशों की उदासीनता और कुछ हद
तक सरकार
की निष्क्रियता तथा गंदी मानसिकता थी,,,,एक शब्द
मे कहें तो "भ्रष्टाचार" ही एक मात्र कारण
था,,,,,,इस बात से भर्ती का हर आवेदक परिचित
था लेकिन फिर भी सब मूर्खों के बहकावे मे आकर
बुरी तरह शंकाग्रस्त थे,,,,ये हमारे देश का दुर्भाग्य
है कि अधिकांशता काबिल व्यक्ति संशय की गिरफ्त
मे रहता है और मूर्ख आत्म विश्वास से ओतप्रोत
इसीलिए शेरों पर सियार शासन करते हैं|
खैर आगे से ऐसे रंगे सियारों से सावधान
रहिएगा जो भावात्मक शब्दों के सहारे
आपकी भावनाओं का व्यापार करते हैं और
अपनी मानसिक कुटिलता को पीछे छुपाकर अपने
आपको क्रांतिकारी प्रदर्शित करते हैं,,
जब से
ReplyDeleteफैसला सुरक्षित होने की खबर निकली है तब से कुछ
निश्चित शब्दों की बाढ़ अधिकतर पोस्ट और कमेन्ट
मे देखने को मिल रही है कि मैंने ये पहले ही कहा था,
मैंने ये कल ही बता दिया था, मुझे पहले से
ही पता था मुझे सन 1947 मे ही पता चल
गया था कि ऐसा होगा या होने वाला है वगैरह
वगैरह...ये वो लोग है जो दुल्हन की विदाई के वक्त
उछाले गये सिक्कों को लपकने के लिये सबसे पहले
उछलते हैं| सच तो ये है कि कोई कुछ नहीं जानता था,
संभावना थी और संभावना का ये गुण है
कि वो सही या गलत कुछ भी हो सकती है|
फैसले के सुरक्षित हो जाने पर उन सभी योद्धाओं
को तहे दिल से धन्यवाद दीजिये जिन्होने जी तोड़
मेहनत करके कोर्ट मे पैरवी की और धन्यवाद उस
सेना का जिसने इस लड़ाई को अन्त तक लड़ने मे तन
मन धन से मदद की।
एक बात और याद
ReplyDeleteरखना सुनवाई पूर्ण करके वकील, जज या कोर्ट ने
आप पर कोई एहसान नहीं किया है बल्कि वो कर्तव्य
पूरा किया है जिसके लिये समूची न्याय
व्यवस्था बाध्य है,,,, कूड़े के ढेर मे फेंके गये आपके
या हमारे 2 वर्ष कोई वापस नहीं कर सकता जिसके
बदले मिला क्या ??? असहनीय मानसिक पीड़ा,
आर्थिक और शारीरिक क्षति,,,,,,धन्यवाद उस ईश्वर
को भी दीजिये जिसने
आपको इतना भाग्यशाली बनाया कि राजनीति के
अपराधीकरण और अपराध के राजनीतिकरण के इस दौर
मे भारत के सबसे भ्रष्ट राज्य की भ्रष्ट
व्यवस्था मे आप सुनवाई पूर्ण होने के साक्षी मात्र और मात्र
2 वर्ष मे ही बन गये|
अब इस बात मे दिमाग मत
ReplyDeleteखपाइएगा कि फैसला क्या आयेगा,,,,,क्यों
कि विधि का विधान आज तक
कभी बदला नहीं जा सका है,,,और न
ही कभी बदला जा सकेगा,,,,,फैसला मिलने तक
निर्मल बाबा जैसे आशारामों से दूर रहिएगा,,,,,,,मेहनत से
हासिल की गयी अपनी शैक्षणिक योग्यता का उपयोग
अपनी तर्क शक्ति बढ़ाने के अभ्यास मे कीजिये
तो फैसले का अनुमान अपने आप लग जायेगा,बशर्ते
जोश मे होश न खोएँ,,,,,,
कहते हैं अन्त भला तो सब भला,,,,, 20 नवंबर को ये
जुमला भी फिर से सच हो जायेगा
तब तक रंगे सियारों से सतर्क रहिये, स्वस्थ रहिये,
खुश रहिये, तनाव मुक्त रहिये
सत्यमेव जयते.......
उत्तर प्रदेश में नौकरियों के लिए साक्षात्कार के
ReplyDeleteनाम पर भ्रस्टाचार के खेल का जिक्र करते हुए नरेन्द्र
मोदी ने आज बहराइच रैली में कहा-
“मैं हैरान हूं. ये इंटरव्यू क्यों होते हैं भाई? इंटरव्यू
का कॉल आता है तो वो सोचता है कि किस
मंत्री का कुर्ता पकड़े, किससे सिफारिश करवाएं.
इंटरव्यू के बहाने गरीब युवाओं के शोषण होते हैं.
इसलिए मैंने एक छोटा प्रयोग किया. टीचर भर्ती के
लिए लिए गये टेस्ट के मार्क्स कंप्यूटर में
डलवा दिया और बोल दिया कि 1 से 100 रैंक वाले
जितने भी कैंडिडेट्स हैं सबको नौकरी दे दो और कोई
इंटरव्यू नहीं, कोई सिफारिश नहीं. क्या ये प्रयोग
यहाँ नहीं हो सकता क्या?"
ए मुल्क तेरी बर्बादी के आसार नज़र आते है ,
ReplyDeleteचोरों के संग पहरेदार नज़र आते है
ये अंधेरा कैसे मिटे , तू ही बता ऐ आसमाँ ,
रोशनी के दुश्मन चौकीदार नज़र आते है
हर गली में, हर सड़क पे ,मौन पड़ी है ज़िंदगी
हर जगह मरघट से हालात नज़र आते है
सुनता है आज कौन द्रौपदी की चीख़ को हर
जगह दुस्साशन सिपहसालार नज़र आते है
सत्ता से समझौता करके बिक गयी है लेखनी
ख़बरों को सिर्फ अब बाज़ार नज़र आते है
सच का साथ देना भी बन गया है जुर्म अब
सच्चे ही आज गुनाहगार नज़र आते है
मुल्क की हिफाज़त सौंपी है जिनके हाथों मे
वे ही हुकुमशाह आज गद्दार नज़र आते है
खंड खंड मे खंडित भारत रो रहा है ज़ोरों से
हर जाति , हर धर्म के, ठेकेदार नज़र आते है।
Hamara old add/old rule nischit rup se bahal hoga ,kyuki pure bahas ke dauran ham gov. Wakil par bhari sabit huye..kal hamare sbhi wakilo ne jordar pax rakha aur court ne mana 72825 bharti par bad me kiya gya sansodhan many nai ho sakta hai,,
ReplyDelete2) aaj ki bahas me gov. Wakil ne tet dhandhli ki bat hi bar bar jhalla jhallakar dohra rahe the ,puri court unki jhallahat par has rahi thi..judge sahab ne kaha ham yaha old add sahi hai ya new ye decide karne ke liye baithe hai agar tet me dhandhli thi to kyu na use cancil kar diya..
3) iske pahle v hamare wakilo ne court ko kal hi bataya tha ki jis tet me dhandhli dhandhli ye chilla rahe the usi tet ke adhar par ye 10800 ek bar 9700 ek bar b.t.c walo ko join kara chuke hai ,fir kya us wakt dhandhli nai dikhi thi..
4) kapil dev lal bahadur ke wakil rahul agrwal ne sirf 5 minut hi bola hoga jisme wo new add ko sahi batane ki kosish kar rahe the ,jis par court ne unhe rok diya..kyuki court sara mamla smjh chuka tha..rahul agrawal dwara rakhe pax se court santust na tha..
5) court ne acd ko 3rd party nai bnaya balki unhe bolne ka sirf mauka diya..jisme 5 minut me wo apna pax rakhe hi hoge ki judge ne unhe bich me rok diya..acd ka kam tamam ho chuka hai..agar gov. Is faishle ke khilaf suprime court na gyi to acd ka chapter close ho chuka hai..aur gov. Agar s.c gyi to ham waha v uski fajihat karane ke liye taiyar hai..waise gov. S.c nai jayegi kyuki s.c aisi fatkar lagayega ki zindagi bhar purw sarkaro ke vigyapan ke aadhar badalane ki kosish na karege..tet Morcha zindabad
Good Morning Dosto;..
ReplyDeleteH.C. me ghtnakram kuch es prakar se rha- Aaj sbse pehle Mr. C.B. Yadav g ne lagbhag 1 hrs tk apni baat rkhi. Court ne enki puri baat ekagrta se suni. Lekin, Court enke 'Terkon' se puri tarah se satisfied nhi lag rhi thi. Enhone anek avasaron pe baat ko 'ghumane' ka prayas kiya; jise Judges ne pakad liya aur enhe enki 'galti' ka ahsash b kraya....for Example-- C.B. Yadav g ne Court se kha k NCTE ki 'notification' me ye likha h k Govt. 'may' give Weitage to the TET scores. Ye Nirnay puri tarah se State Govt. pe nirbhar h k wo koi Weitage de ya fir N de. Es pe Court ne turant 'Objection' kiya aur kha Mr. Yadav aap NCTE k Rules fir se padhiye. Pehli baat k TET marks ko weitage dene ki baat NCTE k notification me nhi blki NCTE ki 'Guidelines' me likhi h aur wha pe 'May' ka nhi blki 'should' ka pryog kiya gya h. Saaf-2 likha h k Govt. 'should' give weitage to the TET marks....Ye weitage 1% se lekar 100% tk b ho sakta h. Esliye aap TET k marks ko puri tarah se 'ignore' nhi kr skte h. Agar previous Govt. 100% TET marks pe 'bharti ' krna chah rhi thi to esme koi galat baat nhi h. .....Eske alawa C.B. Yadav g ka pura dhyan Court ko TET me huee 'malpractices' k baare me avgat krane pe rha. Es pe Court ne kha k aap 'bad part' ko 'good part' se seperate krne ka prayas kr skte the.......Enke baad Mr. Rahul Agarwal g ne apni baat rkhi. Lekin Court ne enko bahut kuch bolne ka avasar nhi diya aur kha k aap ek 'Interviener' ho aur aapko kisi b order ko 'challeng' krne ka 'Right' nhi banta h.....Enke baad Adv. Alok yadav g Court k saamne pragat hue aur Court se kuch baate khne ki 'Permission' maangi. Judges ne Alok yadav g se pehla sawal yhi kiya k-- Who are U ? aur es stage pe aap Case me ku ghusna chahte h ? Es pe enhone Court se request ki to court ne enhe apni baat bahut hi km samay me rkhne ki permission de di........Enke baad NCTE k lawyer mr. R.A. Akhtar sahab pragat hue , jo ek tarah se Govt. ki hi 'tarafdari' kr rhe the. Es pe Court ne enko rok diya.......Eskebaad ek baar fir se hmare sbi Lawyers ne apni baate Court me rkhi. ....Dono pachon ko sunane k baad hmara 'Order' Reserve kr liya gya h. jo 20th Nov. ko release hoga.........ab, hm sbi TETians 'rahat' ki saans le skte h. Court ka 'rukh' puri tarah se hmare 'favour' me rha h, esliye chinta ki koi baat nhi h. Lekin hme aage b sangharsh k liye (Ydi jarurat padi to) 'mansik' roop se taiyar rhna hoga.....
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में
ReplyDeleteरखा अपना पक्ष
• अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। प्रदेश में 72825 सहायक
अध्यापकों के चयन व
नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट में चल
रही बहस शुक्रवार को पूरी हो गई है। अदालत ने
अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है। इसे 20
नवंबर को सुनाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने बहस
के दौरान अपना पक्ष रखते हुए साफ किया है
कि टीईटी के प्राप्तांक मात्र के आधार पर चयन
की मेरिट नहीं बन सकती है। एनसीटीई की गाइड
लाइन भी ऐसा कोई आदेश नहीं देती है।
याचिका पर प्रदेश सरकार की ओर से अपर
महाधिवक्ता सीबी यादव ने पक्ष रखा। उन्होंने
कहा कि बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में
व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए ही 15
वां संशोधन किया गया है। इसके बाद से अब चयन
और नियुक्ति की प्रक्रिया साफ हो गई है। नवंबर
2011 के विज्ञापन में मात्र टीईटी प्राप्तांक
को ही मेरिट का आधार बनाया गया था।
नियमावली में संशोधन से अब यह स्थिति साफ
हो गई है। चयन किस आधार पर किया जाएगा यह
तय करना सरकार का विशेषाधिकार है।
याचीगण की ओर से अधिवक्ता शैलेंद्र, नवीन
कुमार शर्मा आदि ने सरकार की इस दलील
का विरोध करते हुए कहा कि फुलबेंच ने भी अपने
निर्णय में टीईटी प्राप्तांक को मेरिट में शामिल
करने की बात कही है। प्रदेश सरकार ने
बीटीसी और विशिष्ट
बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती कर
ली जबकि बीएड डिग्री धारकोें के साथ भेदभाव
किया गया।
सरकार की ओर से यह भी दलील दी गई
कि टीईटी 2011 में व्यापक धांधली होने के कारण
ही चयन प्रक्रिया प्रभावित हुई। इस पर मामले
की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अशोक भूषण
की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने
टिप्पणी की कि यदि धांधली हुई थी तो सरकार के
पास परीक्षा रद करने काविकल्प था। कोर्ट ने
पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय
सुरक्षित कर लिया है। फैसला 20 नवंबर
को सुनाया जाएगा।
प्रिय मित्रोँ नमस्कार
ReplyDelete7 nov और 8 nov टेट सम्बंधित सुनवाई कुछ इस प्रकार है ,,,,,7 nov की सुनवाई >>>. सबसे पहले हम लोगो की तरफ से अपील संख्या 150 पर बहस करते हुए........
1)शाशिनंदन श्रीवास्तव जी के निर्देशन में अभिषेक श्रीवास्तव जी ने कोर्ट को बताया की ,,,,1. 30 nov 2011 की विज्ञप्ति ncteके नियमो के अधीन , उत्तर प्रदेशसरकार के द्वारा एक सरकारी आदेश( go) के द्वारा दी गई है जिसमे prasikchu sikchak का चयन किया जाना है तथा ncte के नियमो के अधीन नियुक्ति के बाद 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद बेसिक सर्विस नियमवाली 1981 के बारहवे संसोधन के अधीन सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति दी जाएगी
2). अभिषेक जी ने ये कहा की संसोधनसदैव prospective ही किया जाता है अतः पंद्रहवे संसोधन के कारण 30 nov 2011 की विज्ञप्ति को निष्प्रभावी नहीं किया जा सकता .
ReplyDelete3). prasikchu sikchak कोई पद नहीं है बल्कि एक ट्रेनिंग को प्रदर्शित करता है अतः इसके लिएबेसिक सर्विस नियमवाली 1981 में मेंसन होना आवश्यक नहीं है .
4). अभिषेक जी ने ये कहा की चूँकि 30 nov 2011 की विज्ञप्ति ncte के नियमो के अधीन है और ncte के guideline में चयन प्रक्रिया मेंटेट के वेटेज का उल्लेख है अतः उत्तर प्रदेश सरकार ने शत प्रतिशत वेटेज देते हुए चयन का आधार बना लिया है
5).शैलेन्द्र श्रीवास्तव जी ने कोर्ट को बताया की ....सिंगल बेंच ने हमारी 3 बिन्दुओ को निस्तारित किया
पहला.... संसोधन सदैव prospective ही किया जायेगा .....
दूसरा ..... अनियमितता के आधार पर 30 nov 2011 की विज्ञप्ति को निष्प्रभावी नहीं किया जा सकता क्योंकि good part से bad part को अलग करके नियुक्ति की जाये ...
तीसरा .... prasikchu sikchak का पद चूँकि बेसिक सर्विस नियमवाली 1981 में नहीं है अतः यह विज्ञप्ति सही नहीं है अतः इसे रद्द कर नई विज्ञप्ति पर ही नियुक्ति की जा सकती है .....चूँकि पहले दोनों बिंदु हमारे पक्ष में निस्तारित किये गए है और तीसरे बिंदु के कारण हमारी विज्ञप्ति को निरस्त किया गया है अतः हमने अपने अपील संख्या 150 में तीसरे बिंदु को चैलेन्जकिया है .
तीसरे बिंदु को अपने पक्ष में निस्तारित करने के लिए निम्न तर्क प्रस्तुत किये ....
ReplyDelete1). चूँकि 30 nov 2011 की विज्ञप्ति ncte के नियमो के अधीन up सरकार द्वारा एक सरकारीआदेश (go) से निर्गत की गई है और ncte के नियमो के ही अधीन नियुक्ति के बाद 6 महीने का प्रशिक्षण सफलता पूर्वक पूर्ण करने के बाद सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति बेसिक सर्विस नियमवाली 1981 के 12 वेँ संसोधन के अनुरूप किया जायेगा अतः prasikchu sikchak बेसिक सर्विस नियमवाली 1981 के अधीन नियुक्त ही नहीं हो रहे है अतः prasikchu sikchak का बेसिक सर्विस नियमवाली 1981 में होना आवस्यक नहीं है ..( शाशिनंदन श्रीवास्तव जी ने भी शैलेन्द्र श्रीवास्तव की इसी बात को अभिषेक श्रीवास्तव की बहस के दौरान उठ कर कोर्ट से कहा }
2). 15वाँ संसोधन prospective कियागया है अतः इसके कारण पूर्व विज्ञप्ति को निष्प्रभावी नहींकिया जा सकता है अतः सरकार द्वारा 15वेँ संसोधन के द्वारा पूर्व विज्ञप्ति को निरस्त किये जाने का सरकारी आदेश (go) पूर्णतया गलत है
3). rte एक्ट २००९ ने क्लास 1 से 5 तक के sikchako के नियुक्ति के लिए न्यूनतम अर्हता के निर्धारण के लिए ncte को कहा और ncte ने यह अर्हता बीएड और टेट तय किया लेकिन चयन प्रक्रिया काआधार तय करने का सर्वा अधिकार राज्य को है और राज्य ने अपने इसी अधिकार का प्रयोग करते हुए prasikchu sikchak के चयन का आधार एक सरकारी आदेश (go) के द्वारा up टेट २०११ के प्राप्तांक को नियत किया ... तथा........... 6 महीने की ट्रेनिग सफलता पूर्वक पूर्ण करने के बाद सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति के लिए बेसिक सर्विस नियमवाली 1981 में १२वाँ संसोधन कर up टेट के प्राप्तांको को ही स्थापित किया ..
4). राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी के निर्णय के अनुसार टेट २०११ को निरस्त न करने का निर्णय ले लिया है और सिंगल बेंच ने अनियमितता के आधार पर चयन प्रक्रिया को बदलना गलत बताया है और सरकार ने इस मुद्दे को न तो divison बेंच में चैलेन्ज किया है और न ही टेट को निरस्त कर पाई इसलिए अब चयन का आधार नहीँ बदला जा सकता है .
1. अशोक खरे ने शैलेन्द्र श्रीवास्तव जी की सारी बातो को स्वीकार करते हुए और दुहराते हुए कोर्ट को अवगत कराया की इस प्रकार पूर्व की विज्ञप्ति को निरस्त नहीं किया जा सकता। साथ ही साथ कोर्ट को यह बताया की जिस प्रकार की up कांस्टेबल के विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने यह स्थापित किया है की छोटे पैमानेपर हुई किसी भी धांधली के आधार पर पूरी प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया जा सकता जबकि टेट २०११ से सम्बन्धित किसी भी धांधली को सरकार ने अभी तक सिद्ध नहीं किया है अतः अनियमितता के आरोप के आधार पर चयन प्रक्रिया को बदला नहीं जा सकता , इसी तथ्य को सिंगल बेंच ने भी स्वीकार किया है ।
ReplyDelete2). सीमान्त सिंह जी ने शैलेन्द्रश्रीवास्तव जी की सारी बातो को स्वीकार करते हुए और दुहराते हुए कोर्ट को अवगत कराया की इस प्रकार पूर्व की विज्ञप्ति को निरस्त नहीं किया जा सकता. चूँकि चुनाव के पूर्व समाजवादी पार्टी का प्रचार करते हुए माननीय अखिलेश यादव जीने कहा की सरकार बनाने के बाद टेट को रद्द कर दिया जायेगा इसी लिये सत्ता में आने के पश्चात टेट को रद्द नहीं कर पाये लेकिन पूर्व सरकार के द्वारा लिए गए इस निर्णय को की टेट के आधार पर चयन किया जायेगा ,,, को बदल दिया और गुणांक के आधार पर नियुक्ति का निर्णय ले लिया....और सीमान्त सिंह जी ने इस सन्दर्भ में सुप्रीम कोर्ट के 2आर्डर भी दिखाए जिसमे यह तय किया गया था की पूर्व की सरकार के लिए गए किसी भी निर्णय को नई सरकार विद्वेस पूर्ण भावना के कारन रद्द नहीं कर सकती .इसके बाद माननीय अशोक भूषण सर ने कोर्ट की कारवाही को स्थगित कर दिया और अगले दिन , 8 nov को फ्रेस केश के बाद सुनवाई का समय नियत किया गया.................
ReplyDelete8 nov २०१३ की सुनवाई .............अपर महाधिवक्ता सीबी यादव जी नेकोर्ट में सरकार की पैरवी करते हुए बताया की........ 30 nov २०११ की विज्ञप्ति १९८१ की नियमावली के अंतर्गत हीआई है जो की सहायक अध्यापक के लिए है क्यूंकि niuykti के पूर्व dacument का वेरिफिकेशन किया जायेगा और कोई और adevertisment का notification issu नहीं होगा.
ReplyDeleteकोर्ट ने यादव जी से निम्न क्वेरी की ...... .... आज आपका यहाँ पर main issue यह है की ,, prasikchu sikchak कोई पद है की नहीं है ... और आपकी अनियमितता के आधार पर चयन प्रक्रिया का बदला जाना सिंगल बेंच ने पूर्णतया गलत माना है .....,और आपने अनियमितता केआधार पर चयन प्रक्रिया का बदला जाने को चेलेन्ज नहीं किया है इसलिए ......... अतः अनियमितता सम्बन्धी issue को कैसे decide किया जायेगा ...... इसपर यादव जी कुछ जवाब नहीं दे पाए
ReplyDeleteयादव जी के यह कहने पर की बेसिक सर्विस नियमवाली 1981 का १२वाँ संशोधन गलत है और १५वाँ और १६वाँ सं शोधन सही है इसपर कोर्ट ने कहा की ...........’” ncte guidline says .. should be given the waitege in recruitment process but 15th amendment is not given the waitege in recruitment process so your 15th amendment is inlegal … but 12th amendment are legal because ncte guidline says should be given the waitege and on that besis 12th amendment provided 100 % waitege “‘ ….and state gov have power to determine the criteria of selection on that basis state gov have decided criteria ofselection is tet marks in 12th amendment… so …12th amendment is legal
ReplyDeletesir dost k tet m 98 h . kya chance h.......
ReplyDeleteयादव जी ने इसके अतरिक्त , और भी कई बाते कोर्ट को बताया जिससे कोर्ट सहमत नहीं दिखी ... यादव जी अनियमितता सम्बन्धी कुछ बातो को भी कोर्ट से कहा ..........इंटरविनर अप्लीकेसन के द्वारा राहुल अग्रवाल जी ने कोर्ट को कुछ बातो को बताने का प्रयास किया लेकिन ये बाते जो भी थी वह सरकार की फेवर में थी , जिसपर कोर्ट ने यह कहते हुए आपति दर्ज की , कि आप इंटरविनर अप्लीकेसन के द्वारा बहस करने के लिये आये है और आप अपने हित की बात न करते हुए सरकार के हित की बात कर रहे है जो की इंटरविनरअप्लीकेसन के आधार पर नहीं की जाती है लेकिन जल्दी जल्दी अग्रवाल जी ने अपनी बातो को पूर्ण किया ...... जबकि कोर्ट ने अग्रवाल जी के इंटरविनर अप्लीकेसन को स्वीकार नहीं किया था और कहा था की आप अपनी बात को केवल रख सकते है .........आलोक यादव जी भी कुछ कहना चाहते थे परन्तु जज साहब ने कहा ...” who are you ? ’” इस पर आलोक जी अपनी बातो को बिना कहे ही वापस चले गए
ReplyDeleteपर महाधिवक्ता सीबी यादव जी केद्वारा लगाये गए अन्य आरोपों काजवाब बारी बारी से अभिषेक श्रीवास्तव जी , शैलेंद्रे जी , अशोक खरे जी और सीमान्त जी ने दिया जो की कुछ अलग से नहीं था बल्कि अपने अपने बहस में हमारे वकील अभिषेक श्रीवास्तव जी , शैलेंद्रे जी , अशोक खरे जी और सीमान्त जी ने पहले ही कहा था , को फिर से कहा ...और अपर महाधिवक्ता सीबी यादव जीके द्वारा लगाये गए अनियमितता सम्बन्धी आरोपों का भी जवाब लिखित पेपर सहित हमारे वकीलों ने दिया ....इसके बाद माननीय जज साहब ने निर्णय को रिज़र्व कर लिया और निर्णय देने का दिनांक 20 nov नियत किया
ReplyDeleteहमारे सभी वकीलों ने टेट मेरिट पर अपने पक्ष को जोरदार ढंग से प्रमाणों सहित , माननीय जज साहब के समक्ष प्रस्तुत किया........ तथा बहस के बाद वकीलों से बात करने पर सब ने टेट मेरिट के ही फेवर में निर्णय आने की बात कही” ...
ReplyDeletejai tet
jai hind ..
TET MERIT NAHIN TO BHARTI BHI NAHIN, LAGTA HAI KI TUJHE APNI GALTI KA EHSAAS HO GAY HAI. ISILIYE KEH RAHA HAI KI TET/ACD BHOOL KAR SIRF BHARTI KI BAAT KARAIN. ABE TU UN LOGON MAIN SE HAI JO SAMAY KE ANUSAAR APNA PAALA BADAL LETE HAIN. COURT KI BEHAS POORI HONE PAR TU YE SAMAJH CHUCK HAI KI TET MERIT SE BHARTI KABHI NAHIN HOGI, ISILIYE APNI BAAT SE PALAT GAYA. VAISE MUJHE IS BAAT KI KHUSHI HAI KI AB TU SIRF BHARTI CHAHATA HAI, CHAHE VO TET MERIT SE HO YA ACD SE. VAISE BHI TUNE TO MUJHE SWARGWASI BANA HI DIYA HAI. KOI BAAT NAHIN BHARTI CHAHE JIS BASE PAR BHI HO MAIN BHOOT BANKAR HI TEACHING KARA LOONGA. 20 NOVEMBER KO ACD KI JEET PAKKI HAI. MERI TARAF SE ACD WAALON KO ABHI SE BAHUT SARI BADHAI.
ReplyDeleteravinder prasad iss janam mein to academic merit ki baat bhool jao to achcha hai mamle ko supreme court bhi le jaana pada to ham vahan bhi nahin chukenge.jai tet merit.
ReplyDeletepriya bhaiyao meri final news ye hai i bharti acd +tet per hi hogi..
ReplyDeletepresident
rajessh pandey
tet sangarsh morcha
call me any inquiry free call
8563032780
priya bhaiyao meri final news ye hai i bharti acd +tet per hi hogi..
ReplyDeletepresident
rajessh pandey
tet sangarsh morcha
call me any inquiry free call
8563032780
priya bhaiyao meri final news ye hai i bharti acd +tet per hi hogi..
ReplyDeletepresident
rajessh pandey ?
tet sangarsh morcha
call me any inquiry TOLL free call
8563032780