मुझे आश्चर्य इस बात का है कि प्रिंट मीडिया पिछले 2 सालों से एक ही बात कहता आ रहा कि - टी ई टी परीक्षा एक पात्रता परीक्षा है और किसी पात्रता परीक्षा को चयन का आधार कैसे बनाया जा सकता है , कुछ एक्सपर्ट भी ऐसी ही बात बता रहे थे ।
हालाँकि सरकार कि धांधली आदि के आधार पर जो भी मजबूरी रही हो कि टी ई टी परीक्षा को चयन का आधार न बनाते हुए पात्रता परीक्षा में बदल दिया जाये
लेकिन मीडिया कि क्या मजबूरी थी'कि एन सी टी ई गाइड लाइन को गलत रूप से प्रचारित करे ।
मीडिया ने कभी जानने कि कोशिश करी कि अगर टी ई टी परीक्षा पात्रता परीक्षा है तो'आखिर क्यूँ एन सी टी ई गाइड लाइन ने -
१. टी ई टी अंको को चयन में महत्व (वेटेज ) देने को लिखा
२. अभ्यर्थीयों के अंक सुधार हेतु टी ई टी परीक्षा में पुन : शामिल होने कि बात लिखी
देश के अन्य राज्यों में भी टी ई टी के अंको को इसी एन सी टी ई गाइड लाइन के अनुरूप वेटेज दिया जा रहा है
देश के मीडिया को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सही जानकारियां सामने लाना चाहिए
इतनी बड़ी भर्ती को इलेकट्रोनिक मीडिया ने भी बहुत कम कवरेज दिया है ।
सरकार के अपने दायित्व हैं और मीडिया के अपने , सरकार ने अपने अनुसार धांधली कि अनियमितताओं (अगर कुछ हैं तो ) के आधार पर टी ई टी परीक्षा को पात्रता परीक्षा में बदल दिया , लेकिन मीडिया में एन सी टी ई नियमावली कि परिभाषा ही गलत आने लगी, यह नहीं होना चाहिए ।
See Also :
http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2012/04/uptet-small-article.html
http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2012/03/uptet-blog-editorial-2.html
http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2012/01/uptet-blog-editorial-selection-of.html
टी ई टी पात्रता वर्सस अहर्ता कि कुछ विशेष बातें -
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/2012/04/uptet-small-article.html#ixzz2lSLLH9TM
मुझे आश्चर्य इस बात का है कि प्रिंट मीडिया पिछले 2 सालों से एक ही बात कहता आ रहा कि - टी ई टी परीक्षा एक पात्रता परीक्षा है और किसी पात्रता परीक्षा को चयन का आधार कैसे बनाया जा सकता है , कुछ एक्सपर्ट भी ऐसी ही बात बता रहे थे ।
ReplyDeleteहालाँकि सरकार कि धांधली आदि के आधार पर जो भी मजबूरी रही हो कि टी ई टी परीक्षा को चयन का आधार न बनाते हुए पात्रता परीक्षा में बदल दिया जाये
लेकिन मीडिया कि क्या मजबूरी थी'कि एन सी टी ई गाइड लाइन को गलत रूप से प्रचारित करे ।
मीडिया ने कभी जानने कि कोशिश करी कि अगर टी ई टी परीक्षा पात्रता परीक्षा है तो'आखिर क्यूँ एन सी टी ई गाइड लाइन ने -
१. टी ई टी अंको को चयन में महत्व (वेटेज ) देने को लिखा
२. अभ्यर्थीयों के अंक सुधार हेतु टी ई टी परीक्षा में पुन : शामिल होने कि बात लिखी
देश के अन्य राज्यों में भी टी ई टी के अंको को इसी एन सी टी ई गाइड लाइन के अनुरूप वेटेज दिया जा रहा है
देश के मीडिया को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सही जानकारियां सामने लाना चाहिए
इतनी बड़ी भर्ती को इलेकट्रोनिक मीडिया ने भी बहुत कम कवरेज दिया है ।
सरकार के अपने दायित्व हैं और मीडिया के अपने , सरकार ने अपने अनुसार धांधली कि अनियमितताओं (अगर कुछ हैं तो ) के आधार पर टी ई टी परीक्षा को पात्रता परीक्षा में बदल दिया , लेकिन मीडिया में एन सी टी ई नियमावली कि परिभाषा ही गलत आने लगी, यह नहीं होना चाहिए ।
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टी ई टी पात्रता वर्सस अहर्ता कि कुछ विशेष बातें -
ReplyDeleteएन सी टी ई ने साफ़ शब्दों में कहा है कि टी ई टी अंकों को चयन में वेटेज दीया जाये -
तो साफ है कि ये सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं है , चयन का एक आधार भी देती है
9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process;
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for
appointment
( Source : http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines[1]%20(latest).pdf )
टी ई टी अंकों के सुधार / वृद्धी हेतु , अभ्यर्थी पुन : परीक्षा में बैठ सकते -
See :
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score.
(Source : http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines[1]%20(latest).pdf )
अगर ये ये पात्रता परीक्षा है, तो अंकों के सुधार का क्या मतलब
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UPTET : टीईटी मेरिट से होगा 72825 शिक्षकों की भर्ती का चयन
ReplyDeleteUPTET : टीईटी मेरिट से होगा 72825 शिक्षकों की भर्ती का चयन
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates /
Teacher Recruitment News
हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। न्यायपालिका में हमारी आस्था दृढ़ हुई है। मुख्यमंत्री से सकारात्मक कदम उठाने की अपेक्षा है। -शिव कुमार पाठक, मुख्य याची
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यूपी: मेरिट से होगा टीईटी में चयन
इलाहाबाद । बसपा सरकार में शुरू की गई बहत्तर हजार आठ सौ पच्चीस सहायक प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती को हाईकोर्ट की हरी झंडी मिल गई है। कोर्ट ने इस भर्ती के लिए जारी विज्ञापन को सही करार देते हुए सपा शासन में किए गए संशोधनों को रद कर दिया है। इसी के साथ चयन के मानकों को लेकर चल रही उहापोह भी खत्म हो गई है। इस भर्ती में चयन का आधार टीईटी की मेरिट ही होगी। अदालत ने निर्देश दिया है कि 31 मार्च, 2014 तक यह पद भर दिए जाएं। अदालत ने टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने के सरकार के फैसले को भी अवैधानिक करार दिया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की खंडपीठ ने सपा सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल शिवकुमार पाठक, नवीन श्रीवास्तव व अन्य सैकड़ों विशेष अपीलों पर बुधवार को यह बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। कोर्ट के समक्ष प्रश्न था कि अध्यापकों की नियुक्ति शैक्षिक गुणांक के आधार पर हो या टीईटी मेरिट के आधार पर। बसपा शासन में बेसिक शिक्षा नियमावली में बदलाव करके टीईटी की मेरिट को चयन का आधार बनाया गया था। बाद में सपा के सत्ता में आने के बाद नियमावली में फिर परिवर्तन करते हुए टीईटी मेरिट के स्थान पर शैक्षिक गुणांक को आधार बना दिया गया था। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विज्ञापन में निर्धारित नियुक्ति मानक में परिवर्तन कर शैक्षिक अंकों को मानक बनाने का फैसला कानून के विपरीत है। सरकार क्राइटेरिया नहीं बदल सकती। इसके साथ ही कोर्ट ने सपा सरकार में इस नियुक्ति के संदर्भ में किए गए संशोधनों और शासनादेशों को रद कर दिया। कहा है कि 30 नवंबर 2011 में जारी विज्ञापन के आधार पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाय। कोर्ट ने कहा है कि अध्यापकों की नियुक्ति पर लगी रोक की याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में कोई अवरोध नहीं है।
कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में एक लाख 25 हजार परिषदीय प्राथमिक विद्यालय है। जिनमें दो लाख 70 हजार सहायक अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं। ऐसे में सरकार यह नहीं कह सकती कि उसने अनिवार्य शिक्षा के केंद्रीय कानून का पालन किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 10 सितंबर की अधिसूचना से धारा 23 (2) के अंतर्गत अनिवार्य शिक्षा कानून लागू करने की समय सीमा 31 मार्च 14 तक बढ़ा दी है। इससे पहले ही सरकार को भर्ती करनी होगी।
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/#ixzz2lSSTewF1
कब क्या हुआ
ReplyDelete9 नवंबर, 2011: बसपा सरकार ने बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में संशोधन किया, टीईटी मेरिट को चयन का आधार बनाया।
13 नवंबर, 2011: राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा आयोजित हुई।
25 नवंबर, 2011: परिणाम घोषित, तीन लाख से अधिक सफल घोषित।
30 नवंबर, 2011: 72825 प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी।
31 अगस्त, 2012: सपा सरकार ने बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन किया, शैक्षिक गुणांक को चयन का आधार बनाया।
छह सितंबर, 2012: सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
पांच दिसंबर, 2012: राज्य सरकार ने टीईटी पास बीएड अभ्यर्थियों को प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की।
16 जनवरी 2013: सरकार के संशोधन के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज।
29 जनवरी, 2013: विशेष अपील दाखिल, एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती।
चार फरवरी, 2013: अंतरिम आदेश, खंडपीठ ने काउंसिलिंग पर रोक लगाई।
20 मई, 2013: हाईकोर्ट का फैसला, टीईटी की मेरिट ही चयन का आधार, सपा सरकार के संशोधन असंवैधानिक करार।
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हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। न्यायपालिका में हमारी आस्था दृढ़ हुई है। मुख्यमंत्री से सकारात्मक कदम उठाने की अपेक्षा है। -शिव कुमार पाठक, मुख्य याची
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टीईटी-2011 की परीक्षा में 10 लाख दो हजार 909 छात्रों ने आवेदन किया था। पांच लाख 86 हजार 955 आवेदन अर्ह पाए गए। 3 लाख 22 हजार 223 ने परीक्षा दी। दो लाख से अधिक सफल हुए थे
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UPTET /72825 Teacher Recruitment : टीईटी आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट
ReplyDeleteUPTET /72825 Teacher Recruitment : टीईटी आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट
इलाहाबाद (ब्यूराे)। हाईकोर्ट द्वारा परिषदीय विद्यालयों में 72825 पदों पर टीईटी मेरिट से भर्ती के निर्णय के बाद टीईटी पास आवेदकों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया है। यानी प्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती के मामले में अगर सुप्रीम कोर्ट जाती है तो इससे पहले उसे याचिका कर्ताओं को इसकी सूचना देनी होगी। कैविएट शिवकुमार पाठक और संजीव मिश्रा की ओर से दाखिल की गई है।
बताया कि लाखों आवेदकों का इंतजार दो साल बाद खत्म हुआ है। अब नहीं चाहते हैं कि नौकरी मिलने में किसी भी तरह की दिक्कत आए। बुधवार को हाईकोर्ट द्वारा टीईटी मेरिट के आधार पर भर्ती देने के फैसले के बाद ही आवेदकों ने निर्णय ले लिया था कि सुप्रीम कोर्ट के कैविएट दाखिल किया जाएगा। परिषदीय विद्यालयों में 72825 पदों की भर्ती के लिए ढाई लाख से अधिक आवेदक हैं, जिन्हें नौकरी का इंतजार है।
News Sabhaar : Amar Ujala (23.11.13)
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According to Facbookiyans :
Caveat filed in Supreme Court of India in the matter of DB Judgment dated 20.11.2013 on 72825 Trainee Teachers Recuitment by Anil Kumar, Vijay Singh Tomar and Devendra Singh..
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Vijay Singh Tomar
15th amendment ko court ne 3 tarike se galat bataya hai...
1. Acdm. merit , Samanta ke Maulik adhikar ka hanan hai (article 14)
2. TET guidelines ko ye amendment follow nahi karta tha
3. Iska effect retrospective nahi ho sakta isliye 72825 ki bharti par laago nahi hota
Ab Sarkar agar SC jati bhi hai article 14 ko lekar to bhi 15th amendment mein TET ka weightage na hone ke karan to ye waise hi khariz hoga...
Ab rahi hamari baat to court ne 12 amendment ko poori tarah sahi mana hai isliye agar gov. TET ka weighage dene ka baad SC se article 14 ko lekar gidgidaye to bhi hamari bharti 12 amendment se hi hogi.. Isliye no tension
Ab agar gov. SC jaye bhi to TET morche ko sirf itna karna hi ki ek bahut achha lawyer karke SC ko sirf ye baat samjhani hai ki Ham 15 amendment se pehle hi paida ho gaye the isliye RTE ki samay seema ko dekhte hue hamari Counselling ko na roke baki agar usko 15 amendment par behas karni ho to kyoki wo hamari bharti se alag matter hai uski sunwayi alag kare...
Ab hame kya karna hai to sirf itna ki apni Counsel
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/#ixzz2lSSfACVL
ing shuru karwani hai iske liye mere bhaiyo sabhi log Khoob kha-pee kar sehat bana lo kyoki agar ye sarkar seedhe na mani to abki baar jo hamlog LKO gaye to wapas niyukti parta lekar hi aayenge...
ReplyDeleteAur ha.. jinko ye chinta hai ki kuch logo ne purane form ke paise wapas le liye hai to unke liye, jab wo apna pratyawedan denge to unse mool draft naya banwa kar fir se jama karwa liye jayega (Ye baat ek BSA adhikari ki varta par adharit hai)
Aur Sath jo bhartiya sarkar ne 26/07/2012 ke baad 15 amendment par kari hai wo waise hi galat hai kyoki jab koi mamla court mein challenge tha to Gov ko kisi bhi tarah ki bharti karni hi nahi chahiye thi...isliye ye sarkar ka tension hai hamara nahi
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Shyam Dev Mishra> Struggle for Right to Education Implementation" एक पहल"
Supreme Court kisi niyamavali ya Shasanadesh ko ya uske kisi ansh ko tabhi tak sahi tharata hai jabtak wah Bharteeya Samvidhan ya kisi Adhiniyam ke viruddh na ho. Samanta ke Adhikar ki Ghoshna karnewale Samvidhan ke Anuchchhed 14 ke aadhar par Shuddh Academik ko Avaidh karar dete hue Khandpeeth ne is bat ki pakki vyavastha kar di hai ki 72825 Trainee Teacher ke pado par niyukti Shuddh TET merit se ho! Purane vigyapan ki kisi takneeki khami ko sudharna, yadi koi ho, ek samanya bat hai kyunki RTE Act, 2009 ke uddeshyon ki purti ke liye Sarkar dwara uthaye gaye kisi kadam, Jaise Sachiv dwara Vigyapan nikalna, ko Jayaj thahrane ke liye RTE Act me ''Action in Good Faith'' ko Sanrakshan dene ka spasht pravdhan hai. Waise bhi 72825 pado par chayan-prakriyaprarambh hone ke samay Niyamavali 1981 me Prathmik Star par matra Snatak B.Ed. TET utteern abhyarthiyo ko niyukti pradan karne ki koi vyavastha nahi thi, aur RTE Act ke pariprekshya me NCTE ki adhisuchna ke alok me aisa kiya jana vidhi-sammat tha. Jahir hai, Shikshako ki kami puri karke Bal Shiksha ka adhikar pradan karne ke liye Niyamavali 1981 ke tatkaleen pravdhano se pare koi aisi vyavastha apariharya thi jo NCTE adhisuchna ke anusaran me Shikshako ki niyukti ka rasta saf kar sake, aur Tatkaleen Sarkar ne Shasanadesh ke jariye aisa kiya jo ki Good Faith me uthaya gaya kadam tha. 1981 ka jo bhi pravdhan us samay NCTE adhisuchna ke viruddh tha, pratikul tha, swabhavik roop se arth-heen tha aur uske anupalan ke liye nyayalay se yachna karna vyarth hi tha, aur aaj bhi vyarth hai.
Supreme Court me Jane se yadi kisi ko wastav me darna chahiye to wo do paksh hain.
1. Sarkar - Filhaal Sarkar ke par Khandpeeth ke adeshanusar 72825 pado par TET merit se nyukti karne aur Niyamavali 1981 ke radd ho chuke 15th Amendment ke sthan par ek aur Sanshodhan karke TET-wieght sahit ek naya chayan-adhar banaane ka rasta khula hai jiske aadhar par Junior Bharti puri ki Ja sake. Supreme Court jane ki sthiti me vaha Shuddh Gunank merit to banne se rahi, NCTE Guidelines ko khandpeeth dwara bhadhyakari thahra diye jane ke bad TET-weightage to milna to tay hai, sath hi is bat ke bhi prabal aasar hai ki alag-alag Boards/U
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iversities ke asaman Mulyankan-Paddhati ke aadhar par Maujuda Quality Point Pranali aur Sabhi Board/Universitie ke anko ko saman mahatv diye jane ko punah galat batate hue tulanatmak aadhar par alag-alag board/univerities ke bhinn-bhinn praptank pratishato ko saman mana jaye aur uske sath TET-weightage ki vyavastha di jaye. Yah nishchit roop se ek do-dhari tallwar par chalne ke saman hoga.
ReplyDelete2. Third Party (Jo 3rd Party ban hi nahi pai): Jis yachi ne apne kisi hit ke prabhavit hue bina ekal peeth me matra BSA ke sthan par Sachiv dwara vigyapan nikale jane ke aadhar par 72825 pado par chayan ki rok ki mang ki, jabki usne swayam us prakriya me avedan kiya tha, aur Khandpeeth me usne BSA wali bat ko sire se gayab karke TET-Merit ki bajay shuddh Acadamik Aadhar par chayan ki mang ki, jo Khandpeeth ke nirnay me me ''intervener's submission'' ke roop me darj ho chuka hai, yah dikhane ko paryapt hai ki is vyakti ne kisi kanuni aadhar par ya janhit ke liye ya apne kisi vaidh adhikar ki raksha ke liye nyayalay ki sharan nahi li, balki apne vyaktigat swarth ki purti ke liye kisi na kisi tarah, har uplabdh avasar par is prakriya ko baadhit karne ki kucheshta ki. In par yadi RTE ke uddeshyon ko badhit karne ke dushprayas, court ko gumrah karne aur bar-bar apna stand badalne ke aadhar par Supreme Court dwara tagda Jurmana lagaya jaye to isme kuchh bhi ashcharyajanak na hoga.
Isliye purv-vigyapanyaTET-merit se chayan ke sabhi pakshdhar katai pareshan na ho, Supreme Court me Caveat file kake is bat ki vyavastha kar li gai hai ki mamla yaha aane par pratipakshiyon ki bachi-khuchi ijjat ka faluda kayde se banaya jaye!
Satyamev Jayate.
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News पीजीआई में 2003 में नर्सों की भर्ती में धांधली का मामला
ReplyDeleteNews पीजीआई में 2003 में नर्सों की भर्ती में धांधली का मामला
घोटालेबाज अफसर को सजा क्यों नहीं
लखनऊ। हाईकोर्ट ने राजधानी के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में वर्ष 2003 में हुई नर्सों की भर्ती में कथित धांधली के मामले में रिव्यू कमेटी को जल्द निर्णय लेने व तीन माह में कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि इसके बाद अनियमितताओं में शामिल व लापरवाह पाए जाने वाले किसी भी अफसर के खिलाफ कानून के मुताबिक वांछित जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ संस्था की पीआईएल का निपटारा करके दिया। इसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने तथा वर्ष 2013 में हुई भर्ती प्रक्रिया की जांच कराए जाने के निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया था। याची की तरफ से आरोप लगाकर कहा गया कि 2003 में नर्सों की भर्ती में कई अनियमितताएं मिली थीं। पीजीआई के अतिरिक्त निदेशक ने जांच के बाद 22 सितंबर 2008 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसमें उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में पहली नजर में दोषी पाए गए अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसजीपीजीआई के वकील ने अदालत को बताया कि अतिरिक्त निदेशक की रिपोर्ट पर गौर करने के लिए एक रिव्यू समिति बनाई गई है जो अपनी सिफारिशें देगी।
अदालत ने फैसले में कहा कि 2003 के मुद्दे को लंबित रखा जाना तर्कसंगत नहीं है और यह जरूरी व उचित है कि 22 सितंबर 2008 की रिपोर्ट को किसी तर्कपूर्ण नतीजे पर लाया जाए। कोर्ट ने रिव्यू समिति को निर्देश दिया कि मामले में जल्द निर्णय ले व कार्रवाई तीन माह में पूरी करे।
कोर्ट ने 2013 की भर्ती प्रक्रिया के संबंध में कहा कि इसकी बाबत बताया गया है कि 435 पदों के लिए गत 17 व 19 नवंबर को लिखित परीक्षा हो चुकी है। करीब 7000 आवेदन मिले थे और देशभर से 4229 अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए। परीक्षा के पहले भाग का परिणाम घोषित हो चुका है और 1588 अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास कर ली है। इसके बाद दूसरे भाग की परीक्षा हुई। यह भी बताया गया कि इसके लिए अफसरों की कोर कमेटी भी बनाई गई है।
अदालत ने कहा, चूंकि पर्याप्त सामग्री कोर्ट के समक्ष नहीं पेश की गई है, ऐसे में वर्ष 2013 की भर्ती प्रक्रिया के संबंध में हम कोई निर्देश जारी नहीं करते हैं। अदालत ने इस टिप्पणी के साथ 2013 की भर्ती प्रक्रिया में दखल देने से इन्कार कर दिया
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kya 15ve sansodhan ko nirast kar dene se juniour ke bharti nirast hai yadi ha to fir urdu aur anudeshako ke bharti bhe to prabhavit hone chahiye plz koi is ko clear kare.
ReplyDeleteblog editor g please bataye juniour ka kya hoga.......????????? please
ReplyDeletetmntbn bhai thank you so much to support justice i am highly grateful to you
ReplyDeleteKaha ho saare
ReplyDeleteDear TMNTBBN
ReplyDeleteYou are great person who fought for us. I salute u.Ajeet Maurya Bhai aap bhi badhai k patra hai jo is ghadi me hmara monobal ucha karte rhe.
एक सवाल बीस तारीख से चर्चा में है कि सरकार कहीं सर्वोच्च न्यायालय तो नहीं चली जायेगी,,,,, जबकि इसके विपरीत कुछ लोग तो बीस तारीख से ही अगरबत्ती जलाए प्रार्थना कर रहे हैं कि हे भगवान् सरकार को सर्वोच्च न्यायालय भेज दो जिससे प्रति पेशी एक लाख की कमाई की जा सके.......
ReplyDeleteएक नेक सलाह दे रहा हूँ....हिन्दी अखबार मंगवाना बंद करके अंग्रेजी शरू करों,अंग्रेजी भी सुधरेगी और दिमाग भी फालतू बातों से बचा रहेगा... अंग्रेजी अखबार टेट एकेडमिक का व्यापार नहीं करते....
चूंकि ये फैसला मुझे पसंद नहीं है इसलिए मैं इसे बदलवा दूंगा,,फैसला इसलिए नहीं पसंद है की दस प्रतिशत सीटें शिक्षा मित्रों को देने को राजी नहीं हूँ मैं और ना ही पुरुष-महिला ,विज्ञान-कला का रिजर्वेशन से उन साथियों को हानि पहुँच रही है जिनके टेट में कम नंबर हैं,,,,, 50 प्रतिशत की भागीदार लड़कियों ने इस जंग में मूकदर्शक की भूमिका निभाई है इसलिए उन्हें इसका परिणाम तो भुगतना ही चाहिए....,,
ReplyDelete(TETIAN ME DAM..ACD YUG KAREGE KHATAM)
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO...
1) JAISA KI GADHO KI FAUJ ME HADKAMP MACHA HUWA KI AKHIR PURN BAHUMAT GOV. Kaise har gayi..ye gadhe sayad loktantra ki paribhasha nahi jante tabhi hamesha kahte the ki government jo chahegi court wahi faishla karega..sayad inhe ye pta nahi ki h.c aur s.c kisi v sarkar ke under me nahi aati..high court ke holiday samet sbhi work suprime court tay karti hai na ki rajy sarkare..hame apne desh ki nyayik vyawasta par garv hai..kyuki high court s.p gov. Ki manmani ko na sirf aarakshan par,teacher bharti par har jagah pathakani di hai aur antim samay me ye roleback karne ko majbur v huye hai..
2) ku6 acdian gadho ki fauj s.c me jane ke liye acdian ko murkh bnakar paise aithana chahte hai to ham un gadho ko fir challenge karte huye kahte hai ki gadho tum akhir kis base par suprime court jaoge tum to d.b me 3rd party hi nahi ban paye..ha s.c me apeal to koi v kar sakta hai magar slp acept hogi ya kharij ye to bad me pta chalega,.aur ham v l.l.b hone ke nate ye dave se kahte hai jis din aap ki slp accept ho jay us din btana,pahle din hi s.c lat mar ke na bhaga de to kahna..court ek process ke tahat chalti hai acd gadho ki man ke mutabik nahi..jitna ye gadhe s.c ke liye dimag laga rahe agar utna sarkar par dabav bnane k liye lagate to sayad new add me v tet watage dekar 72825+ old add 72825(tet merit) dono is chunavi sal me pura karne par sarkar majbur hoti..ye sayad ye nahi jante ki 15 aur 16 va sansodhan court kharij kar diya hai to pure acd ab kisi v aage ki vacency me nahi bnegi..kyuki n.c.te guideline aur larger bench ke order me tet ko watage dene ke spast nirdesh hai jise d.b ne order me mana hai.
ReplyDelete3) suprime court me hamari allahabad team ki taraf se 2 cawiet(1.s.kpathak aur 2.sujeet singh)ki taraf se aur delhi n.c.r team ki taraf se dal di gyi hai jisme d.b ke order ko koi v challenge karne jayega to pahle hamara pax sunane ke liye hame bulaya jayega..
ReplyDelete4)dosto acording to lucknow team adhyax ganesh dixit..agar sarkar jald tet par bharti ka dczen nahi leti to hamara next aandolan lucknow me hoga..jiske liye aap log taiyar rahe jald date ka ghoshna kar di jayegi..is bar c.m avas ka gherav ki radniti bnayi jayegi.
ReplyDelete5) dosto acd rupi barsati medhak ko tarr tarr karne de..ham ek the aur hamesha ek rahege..hamara pax itna majbut hai ki suprime court v use ignor nahi kar sakti kyuki suprime court ke khud kai faishle is sambadh me hai jisme manjushri bnam aandra rajy, himani malhotra bnam delhi rajy aur delhi jal board ka v ek example hai jo ki har tarah se hamare favour me hai..kisi v afwah par dhyan na de..
ReplyDeletemere tet saporter sathiyo aap logo ne jyadatar suna hog ki other case mein jaise koi faisla govt ke khilaf ata hai to dekha hoga ki govt ya advocate turant ye kahti ki ham SC mein apeel kareinge per jab se tet merit ke pakch mein faisla aya hai sp govt ki taraf se koi bhi pratkriya nahi ayi yadi use SC jana hota to jis din old add bahal hua tha usi din sp govt ye kah deti ki ham SC mein apeel kareinge per aisa kuch nahi sunne ko mila iska matlab ye hai ki MP election paas hain dusri baat ab govt ye manthan kar rahi hai ki kis prakar se 72825 kaise niptaya jaye aur new add ke paise wapas ki chinta ho sakta hai 25 aur 26 coart date ko dekhte huye date baad bharti ki ghoshna kare kul milakar tet merit se bharti hogi ye atal saya hai bas 30 tak sp govt bharti ki ghosna kar sakti hai use SC jana hota to jis din faisla tet merit per aya tha to usi din kar deti nyaye vibhag ab kya manthan karega is sp govt ko pahle hi bata chuka tha ki tet merit se hi bharti hogi aur kisi se nahi per ye sp govt vote chakkar mein nahi mani vote bhi gaye aur accd bhi gaye jai ho tumhari Akl less ki
ReplyDeleteRoop Narayan sp govt ko ye achhi taraah malum hai ki vote ke chaakker mein tet aur acd dono student 2 year se naraj hain vote to milega nahi aur vaise bhi court se hamein job mil rahi hai na ki sp govt de rahi hai
ReplyDeleteजाए तो सही नक़ल माफियाओ का सूपड़ा साफ तो हो जाएगा इस तरह कम से कम
ReplyDelete25 nov 2011 ke result me 270806 candidate pass.primary me
ReplyDelete22 dec 2011 ko jari result me 19828 candidate pass.primary me
25 nov+22 dec ka grand total=270806+19828=290634 primary me
jisme se 21-06-2013 ko 10800 me se khali rahe pad
gen=3245,obc=1486,981=sc,195=st
grand total=3245+1486+981+195=5907 khali pad
yani 10800-5907=4893 yani 21-06-2013 ko kul bhare pad
ab shesh bache candidate-total pass primary-10800 ke bhare pad
=290634-4893=285741 candidate
ab urdu wali ko dekhte hai 4200 total jisme se aaj tak bhi 50% seats nhi bhri hai fir bhi man lete hai
4200/2=2100 bhare pad
ab total hue=285741-2100=283641 candidate
or new 10800 wali ka abhi kuch pta nhi hai fir bhi hum pahli wale ke base par 50% bhare hue man lete hai
=10800/2=5400 bhare pad
ab total candidate hue
=283641-5400=278241 total candidate.
ab anudeshak bharti ko lete hai jisme kam se kam 5000 candidate select hue honge.
wo sab wapis aa jayenge.
yani =278241+5000=283241
in balance 283241 candidate me se lagbhag 5000 hi kisi or job me lag gye honge.
=283241-5000=278241
कसौटी पर खरा उतरा अनिल संत
ReplyDeleteका विज्ञापन।
सचिव द्वारा निकाली गयी भर्ती शासनादेश पर
आधारित एनसीटीई के नियमों एवं शिक्षा के
अधिकार अधिनियम के अवलोक में थी।
एकल बेंच ने स्थगन इसलिये दिया था कि उसमें
अनिल संत ने बाद में बीटीसी/
एसबीटीसी प्रशिक्षुओं को भी शामिल कर
दिया था।
इनकी नियुक्ति बेसिक नियमावली के तहत
होती है जिसमें नियुक्त करने का अधिकार
बीएसए को है।
एकल बेंच ने बीटीसी/एसबीटीसी प्रशिक्षुओं
को उस प्रक्रिया से अलग कराकर
उनकी नियुक्ति भी करा दी।
अतः बीएसए/सचिव का विवाद ख़तम
हो गया परन्तु एकल बेंच ने प्रशिक्षु शब्द के
भ्रम में पुरानी प्रक्रिया को बहाल
नहीं किया और सरकारी पक्ष के निर्णयों पर
मुहर लगा दी।
डिवीज़न बेंच ने मामले की निर्णायक सुनवाई
करते समय
बाहर नोटिस
चस्पा कराया कि जिनको आपत्ति हो वे आकर
अपनी बात रखें।
न्यायमूर्ति का मकसद था कि एकल बेंच में
पुरानी प्रक्रिया पर स्थगन कराने
वाला अपना पक्ष आकर रखे जिससे
की उसकी समस्या स्पष्ट हो सके।
कपिल यादव के अधिवक्ता को
एकल बेंच में कही अपनी बात
को पुनः कहना चाहिये था क्योंकि प्रथम पक्ष
पुराने विज्ञापन की बहाली की लड़ाई लड़
रहा था और कपिल यादव के
अधिवक्ता को पुराने विज्ञापन पर आक्रमण
करना चाहिये था जिसका जवाब प्रथम पक्ष
देता की सचिव/बीएसए के जिस विवाद पर तुमने
स्थगन पाया था वो विवाद एकल बेंच में समाप्त
हो चुका है।
कपिल देव के अधिवक्ता ने जब नये विज्ञापन
के पक्ष में बोलना शुरू किया तो जज को समझते
देर ना लगी कि यह सिर्फ एकल बेंच में पुराने
विज्ञापन में बाधक बन रहा था और
उसकी याचिका ख़ारिज मान ली और
न्यायमूर्ति ने स्पष्ट रूप में आदेश में
इसका जिक्र किया।
इस प्रकार पुराना विज्ञापन बहाल हुआ एवं
नये विज्ञापन का वजूद समाप्त हो गया।
अगर कोई पक्ष सर्वोच्च अदालत
जायेगा तो इन विषयों पर न्यायालय गंभीरता से
अध्ययन करेगा तदुपरांत फैसला आयेगा।
डिवीज़न बेंच ने प्रशिक्षु शब्द मात्र से
विज्ञापन रद्द करने पर आपत्ति जतायी ।
धांधली के आरोप को भी ख़ारिज करते हुये
शानदार फैसला सुनाया जिससे
कि पुराना विज्ञापन शानदार तरीके से बहाल
हो गया।
रमाबाई नगर पुलिस भी अब मानसिक रूप से
जब्त दस्तावेज लौटाने की तैयारी कर रही है।
दस्तावेज प्राप्त होने के बाद यूपी माध्यमिक
शिक्षा परिषद टैबुलेशन रजिस्टर तैयार करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में जाने वाले पक्ष को लग
सकता है जोर का झटका।
डिवीज़न बेंच के फैसले में आरटीई एक्ट
का हवाला याची पक्ष के लिये निराशाजनक
हो सकता है।
क्योंकि डिवीज़न बेंच ने सम्पूर्ण विवाद
को शानदार तरीके से हल कर दिया है।
पुराने विज्ञापन में पैसा वापसी का था जिक्र।
अनिल संत ने २० दिसम्बर २०११
को जारी संशोधित विज्ञप्ति में
पैसा वापसी का जिक्र किया है जिसके तहत
लोगों का पैसा वापस हुआ और एकल बेंच
द्वारा एसबीटीसी /बीटीसी को उस प्रक्रिया से
बाहर करने के बाद उनका पैसा लौटाया गया।
जिन लोगों ने अपने मूल जनपद
का भी पैसा वापस ले लिया इसके लिये वे स्वयं
उत्तरदायी हैं ।
सरकार द्वारा स्पष्ट ना होने के कारण
प्रत्यावेदन से पुनः मूल जनपद
की राशि जमा की जा सकेगी।
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mujhe lagta h ki merit tat k according hi banni chaiye kyoki first time ,m sabko pta tha ki merit tat s bnegi or ab bharti jaldi honi chaiye tat k according hi ,bacho n tat m mehnat ki h ,unko uska result milna chaiye
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