गौरीगंज। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रति सरकार के रवैये से नाराज बेरोजगारों ने रविवार को रेलवे स्टेशन परिसर में धरना दिया। आक्रोशित बेरोजगारों ने वाराणसी से लखनऊ जा रही बीपीएल पैसेंजर को करीब दस मिनट रोके रखा। स्टेशन अधीक्षक के अनुरोध पर ट्रेन के सामने से हटे बेरोजगारों ने शहर में घूमकर शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। समझाने पर शांत हुए टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंप सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति दिलाने की मांग की।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार सुबह से ही स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर में टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों की भीड़ जुटने लगी। मौजूद बेरोजगारों ने धरना देकर सरकार से अपने रवैये में बदलाव लाने की मांग की। धरना सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष अखिलेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि सरकार टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों के साथ दोहरा रवैया अपना रही है। टीईटी उत्तीर्ण को सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किया जाए। उपाध्यक्ष सत्येंद्र मिश्र ने अकेडमिक शिक्षा की मेरिट के आधार पर होने वाली नियुक्ति को गलत बताया। कहा जब चपरासी से लेकर आईएएस तक की भर्ती प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से हो रही है तो अध्यापक की क्यों नहीं। आक्रोशित बेरोजगारों ने वाराणसी से लखनऊ जा रही वीपीएल पैसेंजर ट्रेन को दस मिनट तक रोक कर शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। स्टेशन अधीक्षक के अनुरोध पर ट्रेन के सामने से हटे बेरोजगारों ने शहर में घूम कर नारेबाजी की। अंत में मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र जिला प्रशासन को सौंपा गया। इस मौके पर जागेश्वर तिवारी, रामेंद्र गुप्त, संतोष तिवारी, वीर विक्रम सिंह, आशुतोष शुक्ल, पवन सरोज, अशोक दुबे, माया वर्मा, वंशीलाल, राजेश तिवारी, रामबहादुर, रामतीरथ, जयप्रकाश शुक्ल समेत कई मौजूद रहे।
न्यूज़ साभार - Amar Ujala (14.5.12)
doston law point keval tab support karta jab ki chayan ho chuka hota. doston btc 2004 mein bhi to application exam ki liye mangi gayi thi lekin chayan merit par hua tha. abhi tet ke base par application mangi gayi hai keval sarkar isiliye adhar badalne ke liye vidhik rai le rahi nahi to khud socho ki vidhik rai ki kya jaroot thi aur yeh to government pahle se hi kah rahi hai ki woh tet par bharti nahi karegi nakal mafia ne kai karore rupey gov tak pahuncha diye hai kyounki jyada no. dene ki nam par hi unki college rupi dukane chalti hai hamein apne aandolan ko tet merit ke liye aur tej karna chaiye nahi to doston bahut der ho jayegi
ReplyDeleteTET FRIEND 15 MAY KO FESLA TET MARIT KE HAQ ME HI AYEGA
ReplyDeleteTET FRIEND 15 MAY KO FESLA TET MARIT KE HAQ ME HI AYEGA
ReplyDeletesambhavta kal final nirnay hai writ dekhe-
ReplyDeleteCase Status -
Allahabad
Pending
Writ - A : 76039 of
2011 [Varanasi]
Petitioner: YADAV KAPILDEV
LAL BAHADUR
Respondent: STATE OF U.P. &
OTHERS
Counsel (Pet.): ALOK KUMAR
YADAV
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Service-Writ Petitions
Relating To Primary
Education (teaching
Staff) (single Bench)-
Appointment
Date of Filing: 21/12/2011
To Be Listed on: 15/05/2012 in
Court No. 7
This is not an
authentic/certified copy
of the information
regarding status of a
case. Authentic/
certified information
may be obtained under
Chapter VIII Rule 30 of
Allahabad High Court
Rules. Mistake, if any,
may be brought to the
notice of OSD
(Computer).
टीईटी पर फैसला जल्द?
ReplyDeleteसहारनपुर : अब टीइटी की बंद मुट्ठी खुलेगी और हो जाएगा बेड़ा पार। यह बात अटपटी जरूर लगेगी, लेकिन यह सच है कि प्रदेश सरकार मामले में जल्द ही निर्णायक फैसला करने की तैयारी में है। मामले में कई विकल्पों पर मंथन पूरा हो चुका है और इसमें पुराने फामरूले को ही अधिक समर्थन मिला। अब इसी के लागू की संभावना है। चार बिन्दु इस फामरूले का आधार बनेंगे।बेरोजगारी भत्ते को प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदन दिए जाने के बाद अब टीइटी के अनुमोदन की बारी है। टीइटी में अधिकारियों द्वारा किया गया 'होमवर्क' अब सिरे चढ़ने के आसार बन गए हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया को हरी झंडी देने के लिए कई विकल्पों पर कई दौर तक मंथन चला, जिसमें तीन फामरूले रखे गए। माना जा रहा है कि अगले तीन दिन के भीतर सरकार द्वारा मामले में निर्णायक फैसला लिया जा सकता है।फामरूला-1 इसमें विशिष्ट बीटीसी की तर्ज पर हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व बीएड के प्राप्तांकों को जोड़कर मेरिट बनाई जानी थी। फामरूला-2 इसमें 25-25 प्रतिशत स्नातक व बीएड के तथा 50 प्रतिशत में टीइटी के प्राप्तांकों का जोड़ा जाना था।फामरूला-3 इसमें टीइटी की मेरिट के आधार पर सीधे नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है। बता दें कि यह प्रक्रिया तत्कालीन सरकार द्वारा पहले ही घोषित की गई थी।इसे मिला समर्थनविभागीय सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों द्वारा तीनों फामरूलों पर गहन मंथन किया गया। फार्मूला-1 व 2 को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि ऐसा किए जाने की स्थिति में कानूनी पेचीदगियां आएंगी। बताते हैं कि अंतिम रूप से तय हुआ कि सारी उलझनों का हल केवल फामरूला-3 को लागू करने में ही है। इसे अपनाने की स्थिति में चार बिंदुओं को आधार बनाने की बात कही गई है।क्या है चार प्राण बिन्दु1- ओएमआर शीट की कार्बन प्रति2- टीइटी का अंक प्रमाणपत्र 3- इंटरनेट की आंसरशीट4- परीक्षा की प्रश्न पुस्तिकामूल ओएमआर शीट से मिलानयदि प्रदेश सरकार टीइटी की मेरिट के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया करती है तो आवेदक के पास ओएमआर शीट की कार्बन प्रति का एजेंसी के पास मौजूद मूल ओएमआर शीट से मिलान किया जाएगा। मिलान में इंटरनेट की आंसरशीट भी आधार बनेगी। बताते हैं जिस एजेंसी को ओएमआर की जांच का जिम्मा सौंपा गया था उसे केवल 25 फीसदी का भुगतान ही हो सका है। जांच की इस प्रक्रिया में कड़ी निगरानी रहेगी। यदि किसी आवेदक की ओएमआर शीट के मिलान में गड़बड़ी मिलती है तो उसे प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।
suraj ji agar ye sach hai tou isse achhi news last 6 month me maine shayad hi suni hogi plz ye btao k aaj akhilesh ji ne jo humare bhaiyon ko bulaya tha kya aaj vahan koi nai gya??????
ReplyDeletesuraj kushwaha apki news ka base kya hai please batayen aur apna mo. no bhi batayen
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टीईटी पर फैसला जल्द?
सहारनपुर : अब टीइटी की बंद
मुट्ठी खुलेगी और हो जाएगा बेड़ा पार।
यह बात अटपटी जरूर लगेगी, लेकिन यह
सच है कि प्रदेश सरकार मामले में जल्द
ही निर्णायक फैसला करने की तैयारी में
है। मामले में कई विकल्पों पर मंथन
पूरा हो चुका है और इसमें पुराने फामरूले
को ही अधिक समर्थन मिला। अब इसी के
लागू की संभावना है। चार बिन्दु इस
फामरूले का आधार बनेंगे।बेरोजगारी भत्ते
को प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदन दिए
जाने के बाद अब टीइटी के अनुमोदन
की बारी है। टीइटी में
अधिकारियों द्वारा किया गया 'होमव
र्क' अब सिरे चढ़ने के आसार बन गए हैं।
सूत्रों का कहना है
कि प्रक्रिया को हरी झंडी देने के लिए
कई विकल्पों पर कई दौर तक मंथन चला,
जिसमें तीन फामरूले रखे गए।
माना जा रहा है कि अगले तीन दिन के
भीतर सरकार द्वारा मामले में
निर्णायक फैसला लिया जा सकता है।
फामरूला-1 इसमें विशिष्ट
बीटीसी की तर्ज पर हाईस्कूल, इंटर,
स्नातक व बीएड के
प्राप्तांकों को जोड़कर मेरिट बनाई
जानी थी। फामरूला-2 इसमें 25-25
प्रतिशत स्नातक व बीएड के तथा 50
प्रतिशत में टीइटी के
प्राप्तांकों का जोड़ा जाना था।
फामरूला-3 इसमें टीइटी की मेरिट के
आधार पर सीधे नियुक्ति दिए जाने
का प्रावधान है। बता दें कि यह
प्रक्रिया तत्कालीन सरकार
द्वारा पहले ही घोषित की गई थी।इसे
मिला समर्थनविभागीय सूत्रों के
मुताबिक,
अधिकारियों द्वारा तीनों फामरूलों पर
गहन मंथन किया गया। फार्मूला-1 व 2
को यह कहते हुए खारिज कर
दिया गया कि ऐसा किए जाने
की स्थिति में
कानूनी पेचीदगियां आएंगी। बताते हैं
कि अंतिम रूप से तय हुआ
कि सारी उलझनों का हल केवल
फामरूला-3 को लागू करने में ही है। इसे
अपनाने की स्थिति में चार बिंदुओं
को आधार बनाने की बात कही गई है।
क्या है चार प्राण बिन्दु1- ओएमआर
शीट की कार्बन प्रति2-
टीइटी का अंक प्रमाणपत्र 3- इंटरनेट
की आंसरशीट4- परीक्षा की प्रश्न
पुस्तिकामूल ओएमआर शीट से
मिलानयदि प्रदेश सरकार
टीइटी की मेरिट के आधार पर
नियुक्ति प्रक्रिया करती है तो आवेदक
के पास ओएमआर शीट की कार्बन
प्रति का एजेंसी के पास मौजूद मूल
ओएमआर शीट से मिलान किया जाएगा।
मिलान में इंटरनेट की आंसरशीट
भी आधार बनेगी। बताते हैं जिस
एजेंसी को ओएमआर की जांच
का जिम्मा सौंपा गया था उसे केवल 25
फीसदी का भुगतान ही हो सका है। जांच
की इस प्रक्रिया में
कड़ी निगरानी रहेगी।
यदि किसी आवेदक की ओएमआर शीट के
मिलान में गड़बड़ी मिलती है तो उसे
प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।