UPTET : सड़क पर होंगे लाखों अप्रशिक्षित शिक्षक!
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कानपुर, शिक्षा संवाददाता: शिक्षकों व विद्यालयों के लिए पहली अप्रैल -13 को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम के मानक पूरे करने की अवधि पूरी हो रही है। प्रदेश में मान्यता प्राप्त निजी प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में लगभग 5.50 लाख अप्रशिक्षित शिक्षिक शिक्षिकाएं प्रशिक्षण की प्रतीक्षा में हैं। शासन ने अभी तक इनके प्रशिक्षण की कार्ययोजना तक तय नहीं की है। क्या प्रशिक्षण न मिलने से ये लाखों शिक्षक सड़क पर आ जाएंगे?
शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा 23 की उपधारा (1) में स्पष्ट है कि शैक्षणिक प्राधिकारी द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता जो कि केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित हो, के आधार से अध्यापक के तौर पर नियुक्ति की अर्हता मानी जाएगी। अधिनियम में अर्हता न रखने वाले शिक्षकों को तीन वर्ष में अर्हता पूरी कर लेने को कहा गया है। इसी के चलते प्रदेश सरकार ने विभिन्न विद्यालयों में नियुक्त 1.74 लाख शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण दे रही है ताकि उन्हें पहली अप्रैल, 13 के बाद हटाने की स्थिति न बने। ऐसा होने से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी का भारी संकट पैदा होना तय है। परंतु हजारों मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में बिना प्रशिक्षण अर्हता के कार्यरत लाखों शिक्षक शिक्षिकाओं पर शासन का ध्यान नहीं है। शिक्षाविद् मानते हैं कि उन्हें प्रशिक्षण न देने की स्थिति में संबंधित स्कूल शिक्षा अधिकार अधिनियम के मानकों का उल्लंघन करने के आरोपी हो जाएंगे और शिक्षक अनर्हता की परिधि में आ जाएंगे?
क्या है अर्हता
प्रदेश में शिक्षकों के लागू अर्हता के मुताबिक स्नातक, बीटीसी प्रशिक्षित, टीईटी क्वालीफाई अभ्यर्थी प्राथमिक तथा स्नातक, बीएड प्रशिक्षित व टीईटी क्वालीफाई जूनियर शिक्षक हो सकते हैं। कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों को तीन साल में प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। अधिनियम के मुताबिक प्रशिक्षण के लिए यथेष्ट संस्थाएं न होने की दशा में केंद्र की यह सीमा दो साल बढ़ा कर अधिकतम पांच साल हो सकती है परंतु शिक्षकों की संख्या इतनी अधिक है कि समय बढ़ने पर भी प्रशिक्षण पूरा कराना बड़ी चुनौती होगा।
प्रदेश की तस्वीर
मान्यता प्राप्त निजी स्कूल : 60,000
कार्यरत शिक्षकों की संख्या: 6 लाख
इनमें अप्रशिक्षित शिक्षक : 5.5 लाख प्रशिक्षण ले रहे शिक्षामित्र : 1.72 लाख
प्रशिक्षक संस्था : सभी डायट
उम्मीद की किरन
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने अपने एक बयान में कहा था कोई स्कूल बंद नहीं होने दिया जाएगा और न ही किसी शिक्षकों को बाहर होने देंगे। पर कैसे? इसकी कार्ययोजना का खुलासा नहीं किया
News Source : Jagran (18.11.12) / http://www.jagran.com/uttar-pradesh/kanpur-city-9859278.html