•13.5 लाख शिक्षकों के पद खाली, कैसे भरेंगे?
•कॉमन प्रवेश परीक्षा में नहीं होगा कोई बदलाव
नई दिल्ली। देश में प्राइमरी स्तर पर 13.5 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं। आधे से अधिक स्कूलों में बाउंड्रीवाल, शौचालय तथा पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। कुछ राज्यों में पर्याप्त स्कूल भी नहीं बन पाये हैं फिर भी पांच महीने बाद यानी पहली अप्रैल से देश में शिक्षा के अधिकार कानून को लागू मान लिया जाएगा। इसके लिए जरूरी तैयारियों की समय सीमा बढ़ाने के कुछ राज्यों के प्रस्ताव को मानव संसाधन मंत्री ने अस्वीकार कर दिया है।
नए मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हम बाकी समय में राज्यों से जरूरी सुविधाओं को जुटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कह रहे हैं लेकिन राज्यों में पांच महीने में लाखों शिक्षकों की भर्ती कैसे संभव है इस बारे में वे कोई जवाब नहीं दे सके। जिन राज्यों में अभी हजारों की संख्या में स्कूल खोले जाने हैं वहां आरटीई कानून कैसे लागू हो सकेगा? इस सवाल पर मानव संसाधन मंत्री मौन हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा तथा राजस्थान जैसे कई प्रदेशों में आरटीई के तय मानकों के अनुरूप प्राथमिक शिक्षा के लिए ढांचा तैयार करने में अभी काफी समय व एवं धन की जरूरत पड़ेगी। क्या इन राज्यों के बिना देश में सबकों शिक्षा के अधिकार कानून का मकसद पूरा हो सकेगा। पल्लम राजू ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि मार्च तक सब ठीक हो जाएगा? वे देश में आरटीई के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा के बहुत मजबूत होने की भी उम्मीद रखते हैं।
पल्लम राजू ने कहा कि कुकिंग गैस की कीमतों में वृद्धि का असर मिड-डे मील योजनाओं पर नहीं पड़ने शिया जाएगा। क्या वे योजना के लिए ईंधन मद में अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराएंगे या योजना के लिए सस्ते सिलेंडर सरकार से हासिल करेंगे।
पल्लम राजू ने कहा कि अभी यह तय नहीं है लेकिन मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि मिड-डे मील गुणवत्ता में गिरावट नहीं होने दी जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि वे आईआईटी सहित विभिन्न इंजीनियरिंग कक्षाओं में प्रवेश के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया को जारी रखेंगे। इसमें फिलहाल किसी तरह के बदलाव किए जाने की उनकी मंशा नहीं है।
News Source : Amar Ujala ( 22.11.12)
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Next 5 months, How 13.5 lakh teacer's post will be filled to implement RTE, Its a big question.
Many states conducted TET exam to implement RTE, but vacancies still not filled to compensate such requirements of teachers in schools.
India has the lowest litetacy rate compared to any country on the earth and it spends highest amount compared to any country on the earth.
ReplyDeleteAkhilesh yadav ne janbujh kr central gov se march 14 tak ka time manga tha, qki wo chunavi labh lena chahta tha, ab dec 12 me add ane ka to koi chance nahi lag rha hai ( bas cort kra sakti hai), b.sp-s.p, maya-mulayam hai to ek hi dal k pankshi.
ReplyDeleteHi frnds how r u all?
ReplyDeleteBekar Sarkar
ReplyDeleteHi contract 9810647216
ReplyDeleteyadi sarkar jald bharti nahi karti tho agli TET parisha karna shambav nahi hoga, kyonki agli TET parisha me pass TET student form bharegy aur paper key sath copy laker bhag jayge. Meri salah hai ki phale jaldi bharti kare uske bad hi TET parisha karane ke bare me sochey kyoki TET pass student bhi hosiyar hoty hayn sarkar TET pass student ko bebkoof samjhna chore dey
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