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As per source , Supreme Court gave order to complete 72825 teachers recruitment in 12 week time, and extended NCTE/RTE time limit till that time.
Non-TET and other matter continued in court.
It was also heard that due to non compliance of NCTE guidelines i.e. not giving weightage of TET marks in selection of 29334 Junior Teacher recruitment. Its vacancy/recruitment and other teacher recruitment process is UNCLEAR.
However wait for written order of Supreme court.
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ब्लॉग पर कमेंट के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले सभी लोगों को तहे दिल से धन्यवाद
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले खिले चेहरे
मऊ : सुप्रीम कोर्ट का मंगलवार को फैसला आते ही टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी झूम उठे। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 72 हजार 825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति टीइटी मेरिट के आधार पर करने के हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगने के बाद जमकर अबीर-गुलाल उड़ाए। एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया और बाजे-गाजे की धुनों पर नृत्य कर उल्लास मनाया। होली पर्व के दिन त्योहार न मनाने वाले अभ्यर्थियों ने फैसला आने के बाद बुढ़वा मंगल को जमकर होली का मजा उठाया।
टीइटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह ने कहा कि एक बार फिर असत्य पर सत्य की विजय हुई है। इस फैसले से न्यायपालिका और न्यायिक प्रक्रिया में हमारा विश्वास और अधिक दृढ़ हुआ है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सपा सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है। सत्ता के नशे में चूर सरकार यह भूल गई थी कि लोकतंत्र में न्यायपालिका भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश दूरगामी प्रभाव डालेगा। इससे परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षकों की भर्ती होगी। इससे प्राथमिक शिक्षा के स्तर में सुधार होगा।
मोर्चा के उपाध्यक्ष विजयेंद्र यादव ने कहा कि युवाओं के बल पर चुनी गई सपा सरकार ने उनके सपनों को कुचलने का प्रयास किया परंतु सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के मंसूबे पर पानी फेर दिया। मोहम्मद अहमद ने कहा कि प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती में अड़ंगा डालना अखिलेश सरकार की नासमझी का शर्मनाक नमूना है। न्यायपालिका ने अपना कार्य कर दिखाया, अब प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए भर्ती अविलंब शुरू करे। सर्वदानंद ने कहा कि हम दो वर्षो से इसी आशा में जी रहे थे कि न्यायालय से न्याय जरूर मिलेगा और टीइटी मेरिट से ही भर्ती होगी।
राजेश मिश्रा, अमीष कुशवाहा, सुरेश यादव, सदानंद सिंह, अजय मौर्या, संजय बर्नवाल, सुमंत तिवारी, बृजभान यादव, स्वामीनाथ शर्मा, संतोष श्रीवास्तव, सुनील उपाध्याय, दिनेश प्रजापति आदि मौजूद रहे।
मेरिट के आधार चयन का रास्ता साफ
घोसी (मऊ) : उच्चतम न्यायालय ने टीइटी उत्तीर्ण युवकों को अंतत: मंगलवार को होली मनाने का मौका दे दिया। दस दिन पूर्व आए होली के त्योहार न मनाने का निर्णय लिए टीइटी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने निर्णय आते ही जमकर अबीर और गुलाल से एक-दूजे को सराबोर किया। स्थानीय नगर में जुलूस निकाल मोर्चा के सदस्यों ने मझवारा मोड़ पर स्थित राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नारेबाजी किया।
उच्चतम न्यायालय ने प्रदेश सरकार द्वारा मेरिट के आधार पर चयन किए जाने के उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध दायर याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया। अरसे से मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग कर रहे इन युवाओं को अब जाकर मुकाम मिला है। बता दें कि वर्ष 2011 में टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अब तक नियुक्ति न मिल सकी जबकि प्रदेश में 72 हजार से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ प्रत्येक सरकार कोई न कोई अड़ंगा लगाती रही है। मोर्चा अध्यक्ष रामविजय, वरूण दूबे एवं रामविलास चौहान ने कहा कि देर ही सही पर न्याय मिला है। जुलूस में विजयेंद्र यादव, मंजेश राजभर, सुशील, सतीश गुप्ता, अखिलेश कुमार, दुर्गेश पांडेय, अशोक कुमार और सुनील गावस्कर आदि रहे।
News Source / Sabhaar : Jagran (Tue, 25 Mar 2014 07:27 PM (IST))
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बड़ा फैसला: 3 महीने में होगी 72,825 शिक्षकों की भर्ती
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से होगी हजारों भर्तियां
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से होगी हजारों भर्तियां
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 72825 सहायक अध्यापकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक नियुक्ति देने का आदेश जारी किया है।
सर्वोच्च अदालत ने हालांकि नियुक्ति प्रक्रिया को 31 मार्च तक पूरा करने के हाईकोर्ट के आदेश में बदलाव कर राज्य सरकार को इसके लिए 12 हफ्ते का समय प्रदान कर दिया।
साथ ही स्पष्ट किया कि नियुक्तियों का भविष्य इस मुद्दे पर सर्वोच्च अदालत की ओर से जारी किया गया अंतिम आदेश तय करेगा
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (मंगलवार, 25 मार्च 2014)
apke pass to do bade dist me aply karne wale ke marks detials honge unko post kariye mam please jald
ReplyDeleteयूपी के हज़ारों TET अध्यापकों को आज बड़ी विजय मिली , देश की सबसे बड़ी अदालत से। बर्ना सपा सरकार ने तो उन्हें मुश्किलों के भंवर में फंसा ही दिया था। मेरे लिए आज विशेष प्रसन्नता का दिन है , समाजवादी सरकार की नाराज़गी की परवाह किये बिना इस बड़ी लड़ाई में मैं लगातार शामिल रहा।
ReplyDeleteज़िक्र भी करदूं ‘मोदी’
ReplyDeleteका तो खाता हूँ गालियां
अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं ??
कोयले की खान लिखूं
या मनमोहन बेईमान लिखूं ?
पप्पू पर जोक लिखूं
या मुल्ला मुलायम लिखूं ?
सी.बी.आई. बदनाम लिखूं
या जस्टिस गांगुली महान लिखूं ?
शीला की विदाई लिखूं
या लालू की रिहाई लिखूं
‘आप’ की रामलीला लिखूं
या कांग्रेस का प्यार लिखूं
भ्रष्टतम् सरकार लिखूँ
या प्रशासन बेकार लिखू ?
महँगाई की मार लिखूं
या गरीबो का बुरा हाल लिखू ?
भूखा इन्सान लिखूं
या बिकता ईमान लिखूं ?
आत्महत्या करता किसान लिखूँ
या शीश कटे जवान लिखूं ?
विधवा का विलाप लिखूँ ,
या अबला का चीत्कार लिखू ?
दिग्गी का’टंच माल’लिखूं
या करप्शन विकराल लिखूँ ?
अजन्मी बिटिया मारी जाती लिखू,
या सयानी बिटिया ताड़ी जाती लिखू?
दहेज हत्या, शोषण, बलात्कार लिखू
या टूटे हुए मंदिरों का हाल लिखूँ ?
गद्दारों के हाथों में तलवार लिखूं
या हो रहा भारत निर्माण लिखूँ ?
जाति और सूबों में बंटा देश लिखूं
या बीस दलो की लंगड़ी सरकार
लिखूँ ?
नेताओं का महंगा आहार लिखूं
या 5 रुपये का थाल लिखूं ?
लोकतंत्र का बंटाधार लिखूं
या पी.एम्. की कुर्सी पे
मोदी का नाम लिखूं ?
अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं”
Modi ka name likhe coz ths is truth n future of india
Deleteएक आदमी ने होटल के कमरे से मैनेजर को फोन किया.
ReplyDeleteआदमी - “प्लीज, जल्दी मेरे कमरे में आईये … बहुत जरूरी है !”
मैनेजर - “क्या हुआ सर ?”
आदमी - “मेरी पत्नी कह रही है कि वो तुम्हारे होटल
की खिडकी से कूद कर जान दे देगी !”
मैनेजर - “माफ कीजिये सर, पर इसमें हम कुछ नहीं कर सकते !
ये आपकी पर्सनल प्रॉब्लम है !”
आदमी - “हरामखोर !
ये खिडकी नहीं खुल रही है … ये ‘मेंटेनेंस प्रॉब्लम’ है !!!”
Dosto jeet ki badhi
ReplyDeletesathiyo aaj 8 .15 pm par hmare sangharsh me sahyogi electronic channel samachar plus par ganesh dixit k sath ek debate hoga.jisme ganesh ji ke madhyam se tet sangharsh morcha sarkar se jaldi se jaldi prakriya shuru karne ka maang karenge.
Jai maa vindyavasini jai baba vishwanath, jai baba semradhnath,jai maa chaukia dham , jai kashi, jai prayag , jai brahmand ke sabhi bhagwan, jai tet veer, jai supremcourt,high court jai satya
ReplyDeleteगली गलिआरों में मोदी
ReplyDeleteदुकान बाज़ारों में मोदी
मोदी खेत खलिहानों में
हर जगह मोदी ही मोदी
सभा पंचायत में मोदी
स्कूल कचहरी में मोदी
मोदी बच्चे बड़े बूढ़ों में
हर जुबाँ मोदी ही मोदी
हिन्दू मुस्लिम का मोदी
सिक्ख ईसाई का मोदी
मोदी अमीर गरीबों का
हर दिल मोदी ही मोदी , हर जुबाँ मोदी ही मोदी ...
heart breaking news
ReplyDelete_________________________
पायलट कपिलदेव यादव और
मूर्खमन्त्री अकललेस सचिव मलेशियाई विमान से हेग मेँ SLP डालने के
लिये रवाना ।
बधाई हो!,बधाई हो!
ReplyDeleteसाथियोँ जीत मुबारक हो,आज एक बार फिर साबित हो गया कि सत्य परेशान हो सकता है पर कभी पराजित नहीँ होता।यह हमारे संगठन की जीत है,सत्य की जीत है,हमारे वरिष्ठ साथियोँ की निरन्तरता,विश्वास और धैर्य की जीत है और आशा करता हूँ कि भविष्य मेँ भी एकजुट होकर सत्य का साथ देँगे और मैँ स्वयं संकल्पबद्ध हूँ हमेशा सत्य का साथ देने और सँघर्ष करने के लिये।एक बार फिर से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाऐँ।
सत्यमेव जयते!
Tet sathiyo
ReplyDeleteNamaskaar
(1)- aakhir hum Supreme Court se aaj (25/03/2014) jeet gaye.
(2)- Government dwra humare viruddh daali gayi SLP Supreme Court se khaarij.
(3)- 20/11/2013 ko HC dwara paarit adesh,arthat old advertisement aur Tet merit k adhaar pr karani hogi bharati.
(4)-12 hafte (only 84 days)ka diya sarkaar ko samay ki bharati puri kr SC ko suchit kare.
(5)- 3 mahine ka dead line (31/03/2014 wali) badhane ka NCTE ko diya adesh.
(6)- UPTET SANGHARSH MORCHA dwara khade advocates sarv sri
(a)-Paramjeet Singh Patwaliya
(b)- Amrendar Saran
(c)- Sharada Devi
(d)- Minaxi Arora
aadi ka baja danka .sarkaar k advocates sri Mukul Rohatagi k sare tark dharasayi.
(7)-Bandhayio aur jasn ka daur jagah -2 jaari.
(8)- UPTET SANGHARSH MORCHA aaj k is etihasik din pr apne sabhi sadasyo /sakriy sathiyo/sahyogiyo ko kotisah dhanyavaad aur aabhaar vyakt karta hai jinake sahyog/margdarsan/sahanubhooti k abhav me hum ye ladayi kattayi nahi jeet pate ,is jeet k vastvik nayak aap sabhi hai.
(9)-Morcha un sabhi niskaam karm yogiyo k satat prayatn ko pranam karane me khud ko gaurvanvit mahasoos kr raha jo facebook aur any kisi prachar se parahej karate huye ,saath hi katu alochanayo/aropo se beparwah siway laxy ko sadhane me din raat lage rahe aur ant-tah vijeta k roop me Supreme Court se laute.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले खिले चेहरे Tue, 25 Mar 2014 07:27 PM (IST)
ReplyDeleteमऊ :
सुप्रीम कोर्ट का मंगलवार को फैसला आते हीटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी झूम उठे। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 72 हजार 825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति टीइटी मेरिट के आधार पर करने के हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगने के बाद जमकर अबीर-गुलाल उड़ाए। एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया और बाजे-गाजे की धुनों पर नृत्य कर उल्लास मनाया। होली पर्व के दिन त्योहार न मनाने वाले अभ्यर्थियों ने फैसला आने के बाद बुढ़वा मंगल को जमकर होली का मजा उठाया।टीइटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह ने कहा कि एक बार फिर असत्य पर सत्य की विजय हुई है। इस फैसले से न्यायपालिका और न्यायिक प्रक्रिया में हमारा विश्वास और अधिक दृढ़ हुआ है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सपा सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है। सत्ता के नशे में चूर सरकार यह भूल गई थी कि लोकतंत्र में न्यायपालिका भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश दूरगामी प्रभाव डालेगा। इससे परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षकों की भर्ती होगी। इससे प्राथमिक शिक्षा के स्तर में सुधार होगा।मोर्चा के उपाध्यक्ष विजयेंद्र यादव ने कहा कि युवाओं के बल पर चुनी गई सपा सरकार ने उनके सपनों को कुचलने का प्रयास किया परंतु सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के मंसूबे पर पानीफेर दिया। मोहम्मद अहमद ने कहा कि प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती में अड़ंगा डालना अखिलेश सरकार की नासमझी का शर्मनाक नमूना है। न्यायपालिका ने अपना कार्य कर दिखाया, अब प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए भर्ती अविलंब शुरू करे। सर्वदानंद ने कहा कि हम दो वर्षो से इसी आशा में जी रहे थे कि न्यायालय से न्याय जरूर मिलेगा औरटीइटी मेरिट से ही भर्तीहोगी।राजेशमिश्रा, अमीष कुशवाहा, सुरेश यादव, सदानंद सिंह, अजय मौर्या, संजय बर्नवाल, सुमंत तिवारी, बृजभान यादव, स्वामीनाथ शर्मा, संतोष श्रीवास्तव, सुनील उपाध्याय, दिनेश प्रजापति आदि मौजूद रहे।
kuch logo ko thoda sa gobar lag jaye to use dhone ka prayas karte hain lekin hamare akkal-less sahab ko to kuchh jyada h gobar lagwane ka shauk hai.kya kare bechare thak gaye lagta hai revital dena hi padega.
ReplyDeleteintejar ka fal shahad hota hai
ReplyDeletesatye kee jeet hoi
ReplyDeleteWe won
ReplyDeleteप्रिया 98 को मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई !
ReplyDelete.
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और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आपके जीवन मे ये मुस्कान भरे दिन बार बार आएँ और तेरी मुस्कान सदैव ऐसी ही बनी रहे !
mai Arvind Kejriwal jaise sadak chhap jamure ko neta manta hi nahi ye congress ka sirf ek dalal hai jisko media jabardasti highlight karti hai. aaj mai Varanasi me iski rally road show ko dekhne gaya tha road show me waha ki public bilkul nahi thi wo road hamesha busy rahane wali road hai to log apne kaam se aate jaate hai. isliye media wus bheed ko road show ka hissa bata rahi thi.
ReplyDeletejis benia ke maidan me iski sabha thi usme aas paas ke dukan wale bhi nahi aaye jo maximum Muslim hai fir bhi nahi aaye. 50 thousand capacity wale ground ko sanju saand ne book kiya tha jabki pahuche sirf 2000 log thhe. Ye sabhi Delhi se aaye huye log thhe. Delhi se 22 bus aur 4 train book huyi thi. lekin tab bhi log nahi aaye.
आपके असीम प्यार सहयोग और समर्पण का फल भगवान ने आपको इस अभूतपूर्व और अप्रत्याशित जीत के रूप में दिया है । किसी प्रकार की चिन्ता ना करे और भगवान का सुक्रिया अदा करे ।
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Dekha Palat Kr Usne Chaht Use Bhi Thi,.
Dunia Se Meri Tarah Shikayt Use B Thi..
Wo Ro Diye Mujhko Preshan Dekh Kar,.
Us Din Pta Chla Meri Zrurt Use B Thi....…
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Jadu hai teri har ek baat mein
yaad aati hai teri din aur raat mein
kal bhi dekha tha maine sapna
tab bhi tha tera haath mere haath mein.
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ढूंढ़ रहा हूँ लेकिन ,, नाकाम हूँ अब तक
वो लम्हा , जिस में तू याद ना आई हो .
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ढूंढ़ रहा हूँ लेकिन ,, नाकाम हूँ अब तक
वो लम्हा , जिस में तू याद ना आई हो .
BEAUTY doesn’t make love but love makes BEAUTY ;
ReplyDeleteBREAK everything but never BREAK the HEART;
HEART is the music, PLAY it but never play WITH it.
Sc denied any change in high court order except last date to complete the process. For further information i suggest to read the said order carefully. New date is nothing except a lollipop to govt and academicians and a safeguard for tet merit
ReplyDeleteसरकार को करारा झटका
ReplyDeleteWed, 26 Mar 2014 01:27 AM (IST)
सरकार को करारा झटका
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72825 रिक्त पदों पर तीन महीने के अंदर हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक शिक्षकों की भर्ती के सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश ने अखिलेश सरकार को तगड़ा करारा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने शिक्षकों की भर्ती शिक्षक पात्रता परीक्षा की मेरिट के आधार पर करने के मायावती सरकार को सही ठहराया था। हालांकि इस लंबी जिद्दोजहद का सुखद पहलू यह है कि शीर्ष अदालत के आदेश पर लगभग ढाई साल से लटकी इस भर्ती का रास्ता खुल गया है।
चुनावी मौसम में सरकार को एक ओर जहां मुंह की खानी पड़ी है, वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर भी बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के माथे पर बल पड़ गए हैं। सबसे बड़ी चुनौती तो टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती के लिए आये आवेदन पत्रों की भारी संख्या को लेकर है।
ReplyDeleteटीईटी की मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती के लिए तकरीबन 68 लाख आवेदन पत्र आये थे। यह आवेदन मैनुअल प्रक्रिया से मांगे गए थे। इतनी बड़ी संख्या में आये आवेदन पत्रों की छंटनी कराने में ही विभागीय अधिकारियों को पसीने छूटना तय है।
एक और व्यावहारिक दिक्कत यह है कि प्राथमिक स्कूलों में बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 31 मार्च 2014 तक की समयसीमा तय की है। जाहिर है कि इस समयसीमा के अंदर शिक्षकों की भर्तियां होना नामुमकिन है। ऐसे में राज्य सरकार को केंद्र से समयसीमा बढ़ाने की मंजूरी लेनी होगी।
ReplyDeleteसरकार के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अखिलेश सरकार की ओर से नियमावली में किये गए जिस संशोधन को हाई कोर्ट ने असंवैधानिक ठहराया था, उसके आधार पर सरकार लगभग दस हजार शिक्षकों की नियुक्तियां कर चुकी है। इसके अलावा उर्दू शिक्षकों के 4280 और जूनियर हाई स्कूलों में गणित और विज्ञान के शिक्षकों के 29334 पदों पर भर्तियों के लिए सरकार ने नियमावली के जिस नियम को आधार बनाया था, उसे हाई कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है।
ReplyDelete2012 में नये सिरे से शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया के तहत आये 69 लाख आवेदन पत्रों के आवेदकों से आवेदन शुल्क के तौर पर वसूले गए 350 करोड़ रुपये उन्हें वापस करना भी विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा।
ReplyDeleteएक और समस्या यह है कि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की बाबत पूछने पर सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें आदेश की प्रति नहीं मिली है। आदेश को पढ़ने के बाद ही विभाग अपना अगला कदम तय करेगा।
ReplyDeleteपूरी हुई मुराद
ReplyDeleteशिक्षकों की भर्ती टीईटी की मेरिट के आधार पर करने के लिए चली इस लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले शिव कुमार पाठक सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि देर भले लगी हो लेकिन आखिरकार देश की सर्वोच्च अदालत ने उनकी और उन जैसे लाखों अभ्यर्थियों के हितों की रक्षा की है। इस अंतरिम आदेश से न्यायपालिका में लाखों अभ्यर्थियों की आस्था और बलवती हुई है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि राज्य सरकार शिक्षकों की भर्ती जल्द शुरू कर उन्हें बेरोजगारी की समस्या से निजात दिलायेगी।
कब क्या हुआ
ReplyDelete9 दिसंबर 2011 : बसपा सरकार ने बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन किया, टीईटी की मेरिट को चयन का आधार बनाया
13 दिसंबर 2011 : राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित हुई
25 नवंबर 2011 : परिणाम घोषित, दो लाख से अधिक सफल
30 नवंबर 2011 : प्राथमिक शिक्षकों के 72825 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी
31 अगस्त 2012 : सपा सरकार ने नियमावली में संशोधन किया, शैक्षिक गुणांक को चयन का आधार बनाया
छह सितंबर 2012 : सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
पांच दिसंबर 2012 : राज्य सरकार ने टीईटी उत्तीर्ण बीएड पास अभ्यर्थियों को प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की
16 जनवरी 2013 : सरकार के संशोधन के खिलाफ याचिका खारिज
29 जनवरी 2013 : विशेष अपील दाखिल, एकल पीठ के आदेश को चुनौती
4 फरवरी 2013 : अंतरिम आदेश में खंडपीठ ने काउंसिलिंग पर रोक लगाई
20 नवंबर 2013 : हाई कोर्ट का फैसला, टीईटी की मेरिट ही चयन का आधार, सपा सरकार के संशोधन असंवैधानिक करार
18 दिसंबर 2013 : राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील की
25 मार्च 2014 : सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश, राज्य सरकार को हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक तीन महीने में शिक्षक भर्ती करने का आदेश दिया।
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I get jealous, I get mad, I get worried, I get curious( जिज्ञासु ). But that’s only because I love youso much and I don’t wanna lose you.
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Promise me that you
will be mine for ever.
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If you hold my hand,
I will let you into my dreams.
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A REAL RELATIONSHIP: has
fights,
trust,
faith,
tears,
pain,
arguments,
patience,
secrets,
jealousy and
MORE &LOVE.
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Happiness is what I feel when I am with you and complete is what I feel when you are with me.
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Wo Poochti Hai Tum Mohabbat ki Baaten kyon Nahi karte.?
Maine kaha jo Lafzon Me Bayaan HO Jaaye,
Sirf Itni si Mohabbat Hum Nahi karte.
अगर हम रातों को जाग जाग कर मोदी के लिये लिखते रहते हैं।
ReplyDeleteतो हमें पागल मत समझो
हम आने वाले पाँच सालों मे आपके और खुद को चैन से सोने का इंतजाम
कर रहे हैं ॥
जय हिँद
umashankar ji plz correct the date pahle dec aata hai ya nov.
ReplyDelete
ReplyDeletemrk/gen/sc
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123 203 16
122 225 18
121 269 20
120 309 20
119 374 40
118 400 36
117 434 43
116 525 48
115 520 59
114 595 70
113 604 82
112 657 86
111 732 93
110 819 132
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108 850 145
107 886 152
106 974 182
105 1067 181
104 1062 206
103 1145 209
102 1178 248
101 1240 244
100 1344 279
99 1338 241
98 1388 300
97 1474 330
96 1418 333
95 1520 329
94 1552 386
total 26687 4710
ye data mainpuri diet ka hai.....
goood morning
ReplyDeleteumashankar ji plz correct the date pahle dec aata hai ya nov.
ReplyDeleteTruth is not diminished (कम होना ) by the number of people who believe it.
ReplyDeleteविज्ञान और गणित शिक्षकों की भर्ती में भी पेंच
ReplyDeleteउच्च प्राइमरी स्कूलों में विज्ञान व गणित के 29,334 शिक्षकों की भर्ती में भी पेंच फंस सकता है। सरकार ने इन शिक्षकों की भर्ती भी शैक्षिक मेरिट के आधार पर करने का निर्णय किया था। इसके आधार पर विज्ञापन निकालते हुए आवेदन भी लिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के 15वें संशोधन को रद्द कर दिया है। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग को इन शिक्षकों की भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन की जरूरत पड़ सकती है।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया ः जहां से
ReplyDeleteचले फिर वहीं पहुंचे
लखनऊ (ब्यूरो)। प्राइमरी स्कूलों में
72,825
शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में
राज्य सरकार जहां से चली थी, फिर
वहीं पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यह
साफ कर दिया है कि राज्य सरकार
को शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट
के आधार पर ही करनी होगी। इसके
लिए 12 हफ्ते का समय भी मुकर्रर
कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के
इस फैसले के बाद दो साल से
शिक्षक बनने की राह देखने
वालों को अब उम्मीद की किरण
दिखाई देने लगी है। उन्हें लग रहा है
कि शिक्षक बनने
का उनका सपना अब शायद
पूरा हो जाए। हालांकि, सचिव बेसिक
शिक्षा नीतीश्वर कुमार सिर्फ
इतना ही कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट
का आदेश मिलने के बाद ही इस संबंध
में कुछ स्पष्ट कह सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में शिक्षा का अधिकार
अधिनियम लागू हो चुका है। इसके
तहत 14 वर्ष तक के
बच्चों की शिक्षा अनिवार्य कर
दी गई है। गुणवत्तापरक शिक्षा देने
के लिए शिक्षक और छात्र अनुपात
में भी बदलाव कर दिया गया है।
प्राइमरी स्कूलों में 30 छात्रों पर
एक शिक्षक और उच्च प्राइमरी में
35 पर एक शिक्षक रखने
की अनिवार्यता है। प्रदेश में
2,91,906 शिक्षकों की कमी है। इनमें
प्राइमरी स्कूलों में 2,36,398
तथा उच्च प्राइमरी में 55,508
शिक्षकों की कमी है।
शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए
सितंबर 2011 में 72,825
शिक्षकों की भर्ती का निर्णय
किया गया। राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद (एनसीटीई)
की शर्तों के मुताबिक टीईटी पास
बीएड वालों को 1 जनवरी 2012 तक
प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने
का मौका दिया गया।
तत्कालीन माया सरकार ने नवंबर
2011 में टीईटी मेरिट के आधार पर
शिक्षकों की भर्ती का निर्णय करते
हुए 30 नवंबर को विज्ञापन
निकाला। करीब 63 लाख टीईटी पास
बीएड वालों ने आवेदन किए। यह
प्रक्रिया पूरी हो पाती, इस बीच 24
दिसंबर 2012 को विधानसभा चुनाव
की आचार संहिता लागू हो गई। इसके
चलते
भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई
और इसी बीच टीईटी में गड़बड़ी के
आरोप में तत्कालीन माध्यमिक
शिक्षा निदेशक संजय मोहन
गिरफ्तार भी कर लिए गए।
विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में
सत्ता बदल गई और अखिलेश
सरकार ने टीईटी मेरिट के स्थान पर
शैक्षिक मेरिट से
शिक्षकों की भर्ती करने का निर्णय
करते हुए एनसीटीई से 31 मार्च
2014 तक प्रकिया पूरी करने
का समय भी ले लिया, पर
मामला हाईकोर्ट में जाकर फंस गया।
हाईकोर्ट ने 4 फरवरी 2013
को शिक्षक चयन के लिए शुरू हुई
काउंसलिंग पर रोक लगा दी और
नौ माह बाद
फैसला दिया कि शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट
पर ही की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने
भी अब इस फैसले पर अपनी मुहर
लगा दी है। इससे साफ हो गया है
कि शिक्षकों की भर्ती ढाई साल
पहले जिस प्रक्रिया के साथ शुरू हुई
थी, उसी के आधार पर
पूरी की जाएगी।
ढाई साल से शिक्षक बनने की राह
देख रहे टीईटी पास बीएड डिग्रीधारी
सरकार को अब 12 हफ्ते में सुप्रीम
कोर्ट के आदेश का करना है पालन
विज्ञान और गणित
शिक्षकों की भर्ती में भी पेंच
उच्च प्राइमरी स्कूलों में विज्ञान व
गणित के 29,334
शिक्षकों की भर्ती में भी पेंच फंस
सकता है। सरकार ने इन
शिक्षकों की भर्ती भी शैक्षिक
मेरिट के आधार पर करने का निर्णय
किया था। इसके आधार पर
विज्ञापन निकालते हुए आवेदन
भी लिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर
प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक
सेवा नियमावली के 15वें संशोधन
को रद्द कर दिया है। इसलिए बेसिक
शिक्षा विभाग को इन
शिक्षकों की भर्ती के लिए
नियमावली में संशोधन की जरूरत पड़
सकती है।
अब इस बेवकूफ
ReplyDelete(सचिन मिश्रा ) को कौन समझाये कि जो लोग हमेशा एक दूसरे की गल्तियोँ को देखते हैं वो कभी जीवन मे कुछ नही कर पाते / सकते हैं ॥ NOV. OR DEC.
अरे वो तो एक तथ्य मात्र है उसके पीछे की व्यथा क्या है उसको देखना चाहिए न कि किसी का हस्तलेख..........
जैसे एक मक्खी मिठाई को छोड़कर ज़ख्म पर ही बैठती है ॥
अब इस बेवकूफ को कौन समझाये कि जो लोग हमेशा एक दूसरे की गल्तियोँ को देखते हैं वो कभी जीवन मे कुछ नही कर पाते / सकते हैं ॥ NOV. OR DEC.
ReplyDeleteअरे वो तो एक तथ्य मात्र है उसके पीछे की व्यथा क्या है उसको देखना चाहिए न कि किसी का हस्तलेख...,.......
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सुबह की बधाई का मतलब सिर्फ किसी को गुड मॉर्निंग कहना नहीं होता...
बल्कि इसके पीछे एक सन्देश होता है कि जब मैंने आँखे खोलूँ तो मुझे तू ही तू नजर आए...!
कल हुए फैसले के सन्दर्भ में कुछ भ्रम दूर कर लें,,,,
ReplyDeleteकल सरकार एवं कपिलदेव की slp खारिज नहीं हुई है,,,यदि खारिज हो जाती तो हम सड़क पर आ जाते,,,
कल 30-11-11 के विज्ञापन की शर्तों पर 12 हफ़्तों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश हुआ है जिससे हुई नियुक्ति slp के अंतिम निर्णय पर आश्रित होगी,,,सतही तौर पर देखने से तो यह हमारी अंतरिम नियुक्ति का आदेश प्रतीत हो रहा है लेकिन इस अंतरिम नियुक्ति के लिए सरकार को जिस विधिक प्रक्रिया का अनुसरण करना होगा उसे आप सरकार की कुटिल मंशा का अंतिम संस्कार कह सकते हैं ,,,
ReplyDeleteहमारी नियुक्ति करने के लिए कैबिनेट को बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन करके उसमे टेट मेरिट से चयन का नियम शामिल करना होगा ,,,,
ReplyDeleteसचिव द्वारा जारी विज्ञापन,फीस वापसी,ट्रेनी टीचर जैसे फालतू के सवालों का जवाब खोजने का काम निठल्ले बैठे वकील करते हैं जबकि सर्वोच्च न्यायालय के जज इस प्रकार के सवालों पूछने वाले के सर पर ही दे मारते हैं,,,,
ReplyDeleteटेट मेरिट से 72825 पदों पर नियुक्ति के रास्ते में जितनी भी बाधाएं हैं वो सब की सब सरकार द्वारा ही खड़ी की गई हैं ,,, अब सरकार के पास सिर्फ दो विकल्प हैं ,,या तो संजय सिन्हा अपने आफिस में बैठकर हमारी नियुक्ति की योजना बनाएं या फिर तिहाड़ जेल में,,,
ReplyDeletesc से फ़ाइल रिलीज नहीं हुई है इसलिए ये भर्ती सुप्रीम कोर्ट के supervision में होगी,,,
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कह दो अपने पापा से अब तो शादी कर दे
Jai bajrangbali
ReplyDeleteBhaio gen art ki kitani merit ja sakti hai
ReplyDeletegen art main merit kya hogi...
ReplyDeleteab sarkar kya kya adange laga sakti hai pls bataye umasankerji
ReplyDeleteaur ha paisa wapas lene walo k bare me koi notice hai ki nhi
ReplyDeleteतारीख २५/०३/२०१४ हमारे जिंदगी में एक ऐसा दिन आया है
ReplyDeleteजिसकी कल्पना मैंने नहीं की थी |
कल सुबह जैसे ही में सर्वोच्च न्यायलय के लिए तैयार
हो रहा था तो अपना पास तैयार करते हुए मैंने सोचा कि अपना केस २
नंबर पे है पर में केस नंबर १ लिख कर जल्दी परिसर में घुस
जाउंगा और करवाई को इत्मीनान से सुनूंगा|
ईश्वर ने हमारा इतना साथ दिया कि कोर्ट जाते जाते खबर
आयी कि वाकई केस १ नंबर पे है |
दोस्तों पूरा विवरण लिखने से पहले आपको एक चीज़ क्लियर कर दूँ
कि आप को जो भी खबर मिली है वो मेरे
ही द्वारा दी गयी थी और मैं उन सभी कि बातों का खंडन करता हूँ
जो अब भी १५ वे को लेकर संशय में है क्यूंकि सरकार
कि एस.एल.पी ही ख़ारिज हुई है और जजमेंट डी.बी. उच्च न्यायालय
का ही मान्य होगा|
चलिए कोर्ट रूम मैं क्या हुआ वो बताता हूँ विस्तार से !!!!
मैं, अनिल बाघपत, राज कुमार हापुर , देव चौधरी देल्ली एक साथ
ReplyDeleteपरिसर मैं १०:१० मिनट पे एंटर हुए और १०:२५ मिनट पे कोर्ट के
अंदर जाने कि अनुमति हमें मिली |
मामला बहुत ही संगीन था मेरे दोनों हाथों के नाखून मेरे मुंह मैं थे और
मैं ईश्वर से ये ही प्रार्थना कर रहा था कि तारीख जो भी मिले
निकटतम मिले | फिर जज साहब के अंदर एंट्री होते ही हमने खड़े
होकर उनका अभिवादन किया २,३ मिनट के आपसी डिस्कशन के बाद
हमारे केस चालू हुआ १०:३४ मिनट पर |
सबसे पहले अजय ठाकुर कि पी.आयी.एल. पे २ मिनट कि बेहेस हुई
जिसपे दत्तू साहब ने उसे एक्सेप्ट करते हुए कहा कि हाँ ये
मामला बहुत महत्व्पूर्ण है और वाकई शिक्षा का ढर्रा उत्तर प्रदेश
मैं बहुत ही बुरा है |
उसके पश्चात जज साहब ने सबको आदेश दिया की पहले सबसे पुराने
मुद्दे सुने जाएंगे जिसे सुनके मेरी सांसें थम गयी और अखिलेश सरकार
के अधिकारीयों कीख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था क्यूंकि वे मामले
को खींचना चाहते थे |
उस पर हमारे वकील पी.एस. पटवालिया ने इजाजत मागते हुए
अपना पक्ष रखा जिसमे उन्होंने डेड लाइन के विषेय मैं याद
दिलाया और अपने मुद्दे को अलग से सुनने को कहा जिसपे जज साहब
कन्विन्स हुए क्यूंकि वाकई दत्तू जी केस को बहुत गहन अध्ययन
करके आये थे |
उन्होंने तत पश्चात मुकुल रोहितगी को इस प्रकार कोर्ट मैं रखा जैसे
हम किसी बच्चे से क्विज कम्पटीशन के दौरान सवाल पूछते हैं ये
मानिये रोहितगी जैसे नामी ग्रामी वकील कि धज्जियाँ सी उड़ा दी हों |
सबसे पहले जज ने पुछा कि व्हाट इस बी.टी.सी.? रोहितगी जी चुप
साथ वालों ने बताया ........
फिर मेरिट का हवाला देते हुए उन्होंने कई दलीलों को पेश
किया दोस्तों १९८३ से १९९२ तक कि नियुक्तियां अपेंडिक्स पे
ही बेस्ड होती थी जिसमे १९८१ कि नियामवली लागू होती थी और
तो और १९९२ से २००९ तक भी नियुक्तियां शैक्षिक आधार पे हुई हैं,
इस्पे जज दत्तू साहब ने कहा तो ठीक है अब क्या दिक्कत है
आपको ?
रोहितगी जी ने कहा कि एन.सी.टी.ई ने बवाल मचाया हुआ टी.ई.टी.
को लाके जिसमे जज साहब इतनी धांधली हुई थी तो इस्पे जज ने
पुछा कि डी.बी ने कैसे दिया फिर आर्डर ? फिर वे चुप हो गए और
कहने लगे कि नहीं हमने इसे पात्रता परीक्षा करार दिया है थें जज
साहब ने कहा कि क्यूँ जब आपको पता है इसमें गड़बड़ थी तो निरस्त
कर देते या उसे प्रूफ करते |
उसके बाद रोहितगी ने अपनी दलील देते हुए कहा कि आर्टिकल २३
हमें इजाजत देता है १५ वे अमेंडमेंट से नियुक्ति कि तो इस्पे जज
साहब बोले कि थें व्हाट अबाउट टी.ई.टी ?
इस पर रोहितगी ने कहा कि एन.सी.टी.ई ने weightage देने
का अधिकार सरकार के पास रखा है पर दोस्तों वाकई जज साहब
कन्विन्स नहीं हुए और उन्होंने कहा कि अपने
टी.ई.टी करायी थी तो क्या उसमे शैक्षिक माप दंड कोई नहीं रखा ,
क्या आप उसमे बी.एड. बी.टी.सी ग्रेजुएशन का कोई माप दंड
नहीं रख रहे हैं |
रोहितगी जी बोले नहीं हमने रखा था तो जज बोले कि फिर टेट का माप
दंड कहाँ गया जबकि ९(बी) मैं दिया हुआ है should गिव
weightage है तो आप बताएं क्या टेट मैं १००% लाने वाले और
३५% लेन वाले कैसे बराबर कर सकते हैं जबकि आप खुद
ही नियुक्तियां शैक्सवहिक बसे पे कर रहे हैं |
इसके बाद तो जज साहब ने ऐसी कि तैसी कर दी ये कहके कि जब
ReplyDeleteआप सब कुछ ही शैक्षिक आधार पे रख रहे हैं तो फिर एम्.बी.बी.एस
की भी क्या जरुरत है |
रोहितगी जी अकादमिक वालों कि तरह चिल्लाते रहे कि should है
तो ये सर्कार पे निर्भर करता जज साहब कन्विन्स नहीं हुए और
आँखें तरेडते हुए पुछा कि इस केस मैं और कुछ बताइये ?
फिर भी रोहितगी जी मानो वो ही राग अलापते रहे जैसे कि आज
भी हमारे गुणाक धारी अलाप रहे हैं |
जज साहब ने रोहितगी जी को क्लियर किया कि जब आपने टेट
रखा है तो उसका माप दंड देना चाहिए क्यूंकि बचा म्हणत करके जब
६०% ला रहा है तो क्या उसके ९५% लाने पर कोई वैघटगे नहीं देंगे
फलस्वरूप क्यूंकि उसने अच्छा किया है , टेट मैं ६०% लेन वाले
को और ९२% लेन वाले को कुछ तो अलग
किया जाएगा या नहीं रोहितगी जी जब आप शैक्षिक आधार पर
नियुक्तियां करते हैं तो आपने खुद ही बताया कि ७५ वाला ऊपर और
उसके बाद वाले निचे तो आप यहाँ क्यूँ टेट मैं ऐसा नहीं कर सकते |
कुल मिलकर जज साहब ने निर्णय निकाला की टेट आप शैक्षिक
ReplyDeleteआधार पर करा रहे हैं तो नियुक्ति आप टेट के आधार पे कर सकते हैं
क्यूंकि ९(बी) कहता है weightage देना होगा और आपने
विज्ञापन निरस्त क्यूँ किया ? वहाँ भी कई जज अगर देखते कि कुछ
धांधली हुई है या इसमें कोई खोट है तो वो क्यूँ नहीं आपकी बात ऊपर
रखते ?
इस पर रोहितगी जी ने कहा कि ऐसा नहीं है सिंगल बेंच ने
हमारा पक्ष रखकर हमें स्टे दिया था |
फिर जज साहब बोले कि ऐसा कुछ नहीं है ट्रैन्ड टीचर्स कैन बी आ
टीचर्स |
और आप अपनी बात को खुद ही काउंटर कर रहे हैं की दूसरा केस
आपने टेट के मुद्दे पे जीता है जिसको आप डिफेंड कर रहे हैं |
इस पर रोहितगी ने कहा कि सर हम टेट को अनिवार्यता दे रहे हैं और
९(बी) का हवाला दिया |
जज साहब ने कहा कि मिस्टर रोहितगी जी उसपे बात बाद मैं करेंगे पर
weighatge कितना भी दे सकते हैं वो ३०/११/२०११ के विज्ञापन
मैं ठीक है |
(ऊपर की ४ पंक्तियाँ पड़िये ध्यान से और सोचिये कि कितने अच्छे
से पड़कर आये थे केस दोनों जज क्यूंकि दत्तू साहब काना फूंसी करते
हुए अपने साथी जज को प्रत्यक्ष कर रहे थे कि इस याचिका मैं दम
नहीं है )
इसी बीच पटवालिया जी ने कुछ बोलना चाहा तो जज ने
कहा कि पटवालिया जी प्लीज ! प्लीज ! प्लीज आई एम् टाकिंग हिम|
( मतलब आप चुप रहिये मैं खुद देख लूंगा )
तब मुझे साफ़ दिखायी देने लगा कि अब आज ही फाइनल होगा !!!!!
उसके पश्चात ११:२० मिनट पे लगभग जज साहब ने केह
ReplyDeleteदिया कि डिस्पोजल होगी ये याचिका और आज ही करूँगा |
एक वाकया और बताता हूँ : रूम मैं संजय सिन्हा भी मौजूद थे अपने
अधिकारीयों के साथ, उन्होंने पाठक को व्यंग्य
कसा की रोहितगी जी बहुत ही अच्छा argue कर रहे हैं इस पर
पाठक ने उनपे व्यंग्य कास दिया कि हाँ सर पर कन्विन्स नहीं कर
पा रहे हैं |
जैसे ही डिस्पोजल कि बात जज साहब ने बोली सिन्हा साहब खड़े थे
कुर्सी पर बैठ गए और माथा पकड़ लिया क्यूंकि उनके जेहेन मैं
था कि केस लम्बा खिंच जाए |
उसके पश्चात मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था मैं और अनिल बाघपत
जी शारदा मैडम के इशारा पे बहार निकले और जैसे ही उन्होंने
कहा कि सरकार कि याचिका खारिज हो गयी है तो हम दोनों ने उनके
पैर छुए और तुरंत सबसे पहले संतोष प्रजापति को मैडम के क्लर्क से
फ़ोन किया और खबर दी|
जज साहब ने ऐसा आर्डर दिया था कि सरकार के मुंह से खून आ
ReplyDeleteगया हो की ३१ मार्च तक भर्ती कीजिये पर रोहितगी जी के निवेदन
पर समय सीमा बढ़ा के १२ हफ्ते कर दी गयी |
साथियों फिर क्या था जश्न का दौर चालू होली खेली , मिठाई
बांटी जिसकी फ़ोटो मैं वीर कुशवाहा जी के माध्यम से आपको भेज
चूका हूँ |
हम कल वहाँ खूब रोये कि इनकी हार सुनिश्चित थी तो क्यूँ
किया इसने ऐसा ?
पर एक चीज़ है जरूर कहूंगा बी.एस चौहान जी के लिए :
kuchh to majburiya rahi hongi yuhi koi bewafa nahi hota,
tatol kar dekho apne dil ko faisla bewaja nahi
hota…
दत्तू साहब ने एक ही दिन मैं एस.एल.पी ख़ारिज करके अकादमिक
ReplyDeleteऔर सरकार वालों के मुंह पे करारा तमाचा दिया है |
साथ ही टेट मोर्चे को भी बता दिया है कि कोई वकील केस
नहीं जिताता है ये तो जज अगर सही मंशा से न्याय करे
तो ही कानूनी फैसला होता है न्याय से |
ab sarkar k paas kya kya raste hai is niyukti ko latkane ke umashankerji bataiye pls
ReplyDeleteएक पंक्ति याद अति है मुझे एक मूवी की "कानून अँधा होता है , जज
ReplyDeleteअँधा नहीं होता है"
खैर दोस्तों अब हम विजयी हैं और ये टेट का केस इतना अमर
हो गया है कि स्वर्ण अक्षरों मैं
हमेशा इसकी खट्टी मीठी यादों को याद किया जाएगा
अब केवल एक ही नारा " जय हिन्द , जय भर्ती "
धन्यवाद दत्तू साहब आपको शत शत नमन !!!
(अंत मैं एक बात और मोर्चे वालों से , कृपा करके
जो भी पैसा बचा हुआ है आप उन के नाम कर दीजिये जिनके अपने
उन्हें छोड़ कर चले गए थे इस केस को लेके , जिन्होंने
अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी हमारे लिए , हम अखिलेश यादव नहीं हैं
न ही हमारा जमीर मरा है ये मेरा सुझाव है इसे सभी टेट लीडर्स तक
पहुंचा दें आज उन्हें हमारी जरुरत है , हम मुंह नहीं मोड़ सकते हैं , हमें
तो नोकरी मिल गयी है पर उनके साथ न्याय कि ये ही घडी है , आप
लोगों ने भी ऐसा करने कि सोची थी, आप उनकी जगह नाम मात्र
को अपने को रखकर अवश्य देखें)
आपको यहाँ एजुकेशन से रिलेटेड न्यूज़ मिलती रहेंगी
धन्यवाद !!!!!!
umashankerji jawab to de do bhai
ReplyDeletesingh saab, ab to bade ban jaiye ....bachcho ki tarah rat lagane ka bachpana ..... abhi gaya nahi aapka.
Deleteab sarkar kya karegi....
ReplyDeleteSir umashankar Ji aaj aap kaha chale gaye aage ki Kya radniti hai kripya publish karne ki kripa kare jai maa vindyavasini jai baba vishwanath ki jai
ReplyDelete-रेलवे का सबसे लंबा रुट विवेक एक्सप्रेस का है
ReplyDeleteजो कन्याकुमारी से डिब्रुगढ के बीच
चलती है इन दोनो स्टेशनों के बीच
की दूरी तकरीबन 4273
किलोमीटर है जबकि इस दूरी को तय करने
में ट्रेन को 74 घंटे 55 मिनट लगते हैं।
- सबसे कम दूरी की ट्रेन नागपुर से
अजनी के बीच चलती है
दोनो स्टेशनों की दूरी महज
3किलोमीटर है
- भारत में लखनऊ सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन हैं क्योंकि यहां कई
दूसरे ट्रेनों के रुट भी निकलते हैं। - हावडा-अमृतसर
एक्सप्रेस सबसे ज्यादा स्टेशनों पर रुकने वाली ट्रेन हैं
यह कुल 115 स्टेशनों पर रुकती है।
- सबसे लंबी दूरी की नॉन स्टॉप
ट्रेन त्रिवेंद्रम राजधानी है जो वड़ोदरा से कोटा के
बीच 528किलोमीटर का सफर केवल 6.5
घंटे मेंपूरा करती है।
- हावडा नागपुर के बीच पड़ने वाला स्टेशन
आईबी सबसे छोटे नामका स्टेशन है जबकि सबसे
लंबा नाम नरसिम्हा राजू वारियापेटा का है ये स्टेशन दक्षिण भारत में
पड़ता है।
- केरला एक्सप्रेस ऐसी ट्रेन है जिसका रोज चलने
वाली ट्रेनों में सबसे लंबा रुट है यह ट्रेन42.5 घंटे
में3054 का सफर तय करती है।
- रेलवे का पहला पुल थाणे मुंबई के बीच
दापुरी में बना था।
- सबसे लंबा रेल टनल कोंकण रेलवे
का कारबुडे हैजिसकी लंबाई 6.5 किमी है।
-भारतीय रेल से प्रतिदिन तकरीबन1.5 करोड़
लोग सफर करते हैं
- देशभर में तकरीबन 11 हजार ट्रेने रोज पटरियों पर
दौड़ती हैं जिसमें से 7हजार पैसेंजर ट्रेन हैं।सौ पैसे
कमाने के लिए रेलवे खर्चकरता है 90.46 पैसै!
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ReplyDelete।
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ऐ समंदर तैरना मुझको सिखा दे,
डूबना तो पहले से मैं जानता हूँ ।
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प्यार करने में और जिम्मेदारी निभाने में उतना ही फर्क है
जितना किसी के यहाँ जॉब करने और अपना बिज़नेस करने में है !
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Agar Mai Hadd Se Guzar Jau Toh Mujhe Maaf Karna ..
Tere Dil Me Utar Jau Toh Mujhe Maaf Karna ..
Raat Me Tujhe Dekh Ke Tere Deedar Ki Khatir ,
Pal Bhar Jo Theher Jau Toh Mujhe Maaf Karna ..
Apne Jazbaat Se Likhi Hui Koi Gazal ,
Tere Naam Jo Kar Jau Toh Mujhe Maaf Karna..
Teri Pal Bhar Ki Judai Mujhe Jeene Nahi Deti ,
Tere Bin Jo Mar Jau Toh Mujhe Maaf Karna...!!!!
(¯*•๑۩۞۩:देव:۩۞۩๑•*¯ )
this is a data sheet of candidates who scored marks in up tet however this sheet is based on guess.
ReplyDeleteMarks range Number of candidates
135-140 marks = 34 candidates
130-134 marks = 168 candidates
127-130 marks = 342 candidates
125-127 marks = 1074 candidates
120-124 marks = 3750 candidates
115-119 marks = 5000 candidates
110-114 marks = 6240 candidates
105-109 marks = 7900 candidates
100-104 marks = 8800 candidates
95-99 marks = 22000 candidates
90-94 marks = 47500 candidates
83-89 marks = 168850 candidates
total marks obtains = 271658 candidates
How ever its not a certain list because the numbers of candidates may increase after the increase of numbers but it gives us some strong feelings that we are still in the race specially for those candidtes who scored 90+ number in tet exam.
Source :hindustan newspaper
Note:Again i m saying that i m not sure of this data as the number of candidates increases after the marks are increased.
मनमोहन सिँह की कडी निन्दा,,
ReplyDeleteऔर ,,
सिगरेट पैकेट पर लिखी वैधानिक चेतावनी...
इन दोनो का प्रभाव एक जैसा होता है..!
आप किस दुनिया मे जी रहे हो ..ज़रा ये भी देखो..और बताओ की ये किसका शाशण है....
ReplyDeleteभारत मे NSG सुरक्षा सिर्फ़ 5 लोगों को मिली है
१- मनमोहन सींग--संवैधानिकपद मे है ...इनका अधिकार है
२- सोनिया गाँधी-- इनका अधिकार नही है
३- प्रियंका गाँधी--- इनका अधिकार नही है
४- राहुल गाँधी--- इनका अधिकार नही है
५ रॉबर्ट वाड्रा -- ये एक आम आदमी है इनका तो बिल्कुल भी अधिकार नही बनता...
अब दूसरी दुनिया बताता हूँ...
नर...ेंद्र मोदी मुख्य मंत्री गुजरात --- इनका अधिकार है Z+ सेक्यूरिटी का ...जो जून तक मिली ...उसके बाद आतंकी धमकी के बाद और पटना ब्लास्ट के बाद सरकार ने भारत की जनता के भारी माँग पर मन मार कर SPG सुरक्षा देना पड़ा...जिससे आज भी सेक्युलर खफा है....
अब कल फिर आम आदमी पार्टी के दो आतंकी और इंडियन मुजाहिद्दीन के दो आतंकी 300 किलो विस्फोटक के साथ पकड़े गये ( राजस्थान की भाजपा सरकार ने पकड़ा...कॉंग्रेस नही पकड़ती) तब भाजपा फिर प्रधानमंत्री के पास गये ..की उन्हे NSG सुरक्षा की सकत ज़रूरत है...पर नही दिया जा रहा है.....
बस्स इसी को कहते है गुलामी....अब सोचो आपको कैसे जीना है...
इसी वजह से मोदी जी मुख्यमंत्री पद ना छोड़ते हुए...गुजरात पुलिस की ओफ़िसीयाल मदद लेते है...तो क्या ग़लत करते है...आख़िर पूरी दुनिया की आतंकी लिस्ट मे पहले नंबर पर है....
क्या वो अपनी कीमती जान ऐसे ही गवाँ दे?
1. अब तक सिर्फ 12 मनुष्य चाँद पर गए है.
ReplyDelete2. चांद धरती के आकार का सिर्फ 27 प्रतीशत हिस्सा ही है.
3. चाँद का वजन लगभग 81,00,00,00,000(81 अरब) टन
है.
4. पूरा चाँद आधे चाँद से 9 गुना ज्यादा चमकदार होता है.
5. नील आर्मस्ट्रोग ने चाँद पर जब अपना पहला कदम
रखा तो उससे जो निशान
चाँद
की जमीन पर बनावह अब तक है और अगले कुछ
लाखों सालो तक ऐसा ही रहेगा.
क्योंकि चांद पर हवा तो है ही नही जो इसे मिटा दे.
6. जब अंतरिक्ष यात्री एलन सैपर्ड चाँद पर थे तब उन्होंने एक
golf ball को hit
मारा जोकि तकरीबन 800 मीटर दूर तक गई.
7. अगर आप का वजन धरती पर 60 किलो है तो चाँद की low
gravity की वजह से
चाँद पर आपका वजन 10 किलो ही होगा.
8. चाँद पर पड़े काले धब्बों को चीन में चाँद पर मेढ़क
कहा जाता है.
9. जब सारे अपोलो अंतरिक्ष यान चाँद से वापिस आए तब वह
कुल मिलाकर 296
चट्टानों के टुकड़े लेकर आए जिनका द्रव्यमान (वजन) 382
किलो था.
10. चाँद का सिर्फ 59 प्रतीशत
हिस्सा ही धरती से दिखता है.
11. चाँद धरती के ईर्ध-गिर्द घूमते समय अपना सिर्फ एक
हिस्सा ही धरती की तरह
रखता है इसलिए चाँद का दूसरा पासा आज तक धरती से
किसी मनुष्य ने नही देखा.
12. चाँद का व्यास धरती के व्यास का सिर्फ चौथा हिस्सा है
और लगभग 49 चाँद
धरती में समा सकते हैं.
13 सौर मंडल के 63 उपग्रहो में चाँद का आकार 5 वे नंम्बर पर
है...
1. तंत्र-मंत्र सग्रहीत वेद है – अर्थवेद
ReplyDelete2. भारतीय संगीत का जनक है – सामवेद
3. 'गायत्री मंत्र' लिया गया है –ऋग्वेद
4. 'गायत्री मंत्र ' के रचनाकार –विशवामित्र
5. गायत्री मंत्र समर्पित है - सूर्य देवता को
6. आर्यों के जानकारी का श्रोत है – ऋग्वेद
7. 'गोत्र' शब्द मिलता है – अर्थवेद
8. आर्यों का भारत आगमन - 1500 ई०पू०
9. आर्य लोग भारत आये थे - मध्य एशिया से
10. आर्य पहले बसे - पंजाब एंव आफ्गानिस्तान
In Human Body
ReplyDelete=============
Number of bones – 206
Number of ribs – 24
Number of bones in skull – 22
Number of bones in face – 14
Number of bones in neck – 7
Number of bones in Vertebral column
– 33
Number of bones in hand – 30
Respiratory rate – 16-20 times /
minute
Number of heart beat – 70-72 times/
minute
Number of pulse- 70-72 times / minute
Blood pressure – 120/80 mm of Hg
Number of Cranial nerves – 12 pairs
Number of spinal nerves – 31 pairs
Life span of R.B.C – 120 days
Life span of W.BC – 10-15 Days
Life span of platelets – 5-9 days
Amount of blood – 5-6 LITER
जागो INDIA जागो वोट देते समय याद रहे मेरा तो यही कहना है ---- वोट देते समय याद रहे
ReplyDeleteक्या केजरीवाल का लक्ष्य खुद जीतना नहीं बल्कि बीजेपी के वोट काटकर कांग्रेस प्रत्याशी को जिताना है?
2. मोदी के खिलाफ खड़े होने से "पाप" पार्टी को पाकिस्तान और अरब देशो से इतना चंदा मिलेगा जितना इसने सोचा भी नहीं होगा, ये प्रमाण के साथ सिद्ध हो चूका है, तो क्या केजरीवाल देश बांटना चाहते है ?
3. मोदी के खिलाफ खड़े होने से "पाप" पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पब्लिसिटी कर के विविध क्षेत्रों से देशद्रोही शक्तियों का समर्थन पाना इनका लक्ष्य है ?
4. भविष्य में होने वाले चुनावो में केजरीवाल की नजर अल्पसंख्य वोट बैंक पर है , मोदी के खिलाफ लड़कर वो अल्पसंख्यको को आसानी से सुतीया बना सकता है (वैसे ये काम कांग्रेस, सपा और अन्य पार्टिया भी पिछले 67 सालो से कर रही है) तो क्या केजरीवाल भ्रष्टाचार विरोधी राजनीति छोड़कर धर्म के नाम पर राजनीति करने पे तुले हुए है...!?
5. यदि उनके पास मोदीजी के खिलाफ प्रमाण है तो वह कोर्ट में क्यूं नहीं जाते..!? क्या उन्हें देश के कानून पर विश्वास नहीं है...!?
6. यदि भाजपा और कोंग्रेस दोनों को भ्रष्टाचारी कहकर मुद्दा बनाकर चुनाल लड़ना है तो फिर अकेले मोदी के खिलाफ क्यूं... सोनिया गांधी के खिलाफ क्यूं नहीं लड़ रहे ?? दो सिट से तो लड़ ही सकते है...!!
7. "पाप" पार्टी ने कहा था की यदि लोकपाल बिल देश में लागू हो गया तो हम पार्टी बंद कर देंगे | तो अब लोकपाल भी पास हो गया है..! अब काहे विसर्जन नहीं कर रहे हो...!?
8. चुनाव प्रचार में "केजरीवाल" कहते थे की ना समर्थन देंगे.. ना लेंगे... जिस दिन सत्ता में आयेंगे शीला दीक्षित और भ्रष्टाचारी जेल में होंगे..! आप एक भी ऐसा नाम दिखा दें जो केजरीवाल ने जेल में बंद करवाया हो...! जागो INDIA जागो वोट देते समय याद रहे मेरा तो यही कहना है ---- वोट देते समय याद रहे
एक बार पप्पू पनौती आउल और उसकी गर्लफ्रेंड पार्क में बैठकर बात कर रहे थे..
ReplyDeleteतभी वहाँ एक नर्सरी का बच्चा आकर खेलने लगा...उसे वह खेलते देखकर आउल को वहा बेठना थोडा अजीब लगा..
आउल उस बच्चे से बोला - बेटा देखो यहाँ भैया और दीदी बैठकर प्रकृति का मजा ले रहे हैं..तुम कही और जाकर खेलो..
बच्चा थोड़ी देर तक उन दोनों को देखता रहा और प्यारी सी स्माइल देकर बोला -
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"कुत्ते अपनी गर्लफ्रेंड को दीदी बोलता है..मैं यहाँ ऐवें ही नहीं घूम रहा हूँ....मेरी भी गर्लफ्रेंड आने वाली है, मैं उसका इंतजार कर रहा हूँ...अपना काम कर समझा ना...मुझे मत सीखा क्या करना है? मैं भी experienced हूँ."
Deal with your problems before they deal with your happiness.
ReplyDeleteमनमोहन सिँह की कडी निन्दा,,
ReplyDeleteऔर ,,
सिगरेट पैकेट पर लिखी वैधानिक चेतावनी...
इन दोनो का प्रभाव एक जैसा होता है..!
बहुत समय पहले की बात है , एक
ReplyDeleteराजा को उपहार में किसी ने बाज के
दो बच्चे भेंट किये । वे
बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे , और
राजा ने कभी इससे पहले इतने
शानदार बाज नहीं देखे थे। राजा ने
उनकी देखभाल के लिए एक
अनुभवी आदमी को नियुक्त कर
दिया। जब कुछ महीने बीत गए तो राजा ने
बाजों को देखने का मन बनाया , और
उस जगह पहुँच गए जहाँ उन्हें
पाला जा रहा था। राजा ने
देखा कि दोनों बाज काफी बड़े
हो चुके थे और अब पहले से भी शानदार लग रहे
हैं । राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे
आदमी से कहा, ” मैं इनकी उड़ान
देखना चाहता हूँ , तुम इन्हे उड़ने
का इशारा करो । “ आदमी ने ऐसा ही किया।
इशारा मिलते ही दोनों बाज उड़ान
भरने लगे , पर जहाँ एक बाज आसमान
की ऊंचाइयों को छू रहा था ,
वहीँ दूसरा , कुछ ऊपर जाकर वापस
उसी डाल पर आकर बैठ गया जिससे
वो उड़ा था। ये देख , राजा को कुछ अजीब लगा.
“क्या बात है जहाँ एक बाज
इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये
दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह
रहा ?”, राजा ने सवाल किया। ” जी हुजूर , इस
बाज के साथ शुरू से
यही समस्या है , वो इस डाल
को छोड़ता ही नहीं।” राजा को दोनों ही बाज
प्रिय थे ,
और वो दुसरे बाज को भी उसी तरह
उड़ना देखना चाहते थे। अगले दिन पूरे राज्य में
ऐलान
करा दिया गया कि जो व्यक्ति इस
बाज को ऊँचा उड़ाने में कामयाब
होगा उसे ढेरों इनाम दिया जाएगा। फिर
क्या था , एक से एक विद्वान्
आये और बाज को उड़ाने का प्रयास
करने लगे , पर हफ़्तों बीत जाने के बाद
भी बाज का वही हाल था,
वो थोडा सा उड़ता और वापस डाल
पर आकर बैठ जाता। फिर एक दिन कुछ
अनोखा हुआ ,
राजा ने देखा कि उसके दोनों बाज
आसमान में उड़ रहे हैं। उन्हें
अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ और
उन्होंने तुरंत उस
व्यक्ति का पता लगाने को कहा जिसने ये
कारनामा कर
दिखाया था। वह व्यक्ति एक किसान था।
अगले दिन वह दरबार में हाजिर हुआ।
उसे इनाम में स्वर्ण मुद्राएं भेंट करने के
बाद राजा ने कहा , ” मैं तुमसे बहुत
प्रसन्न हूँ , बस तुम इतना बताओ
कि जो काम बड़े-बड़े विद्वान्
नहीं कर पाये वो तुमने कैसे कर दिखाया। “
“मालिक ! मैं तो एक साधारण
सा किसान हूँ , मैं ज्ञान
की ज्यादा बातें नहीं जानता , मैंने
तो बस वो डाल काट दी जिसपर बैठने
का आदि हो चुका था, और जब
वो डाल
ही नहीं रही तो वो भी अपने
साथी के साथ ऊपर उड़ने लगा। “ दोस्तों, हम
सभी ऊँचा उड़ने के लिए
ही बने हैं। लेकिन कई बार हम जो कर
रहे होते है उसके इतने आदि हो जाते हैं
कि अपनी ऊँची उड़ान भरने की , कुछ
बड़ा करने की काबिलियत को भूल
जाते हैं। यदि आप भी सालों से किसी ऐसे
ही काम में लगे हैं जो आपके
सही पोटेंशियल के मुताबिक नहीं है
तो एक बार ज़रूर सोचिये
कि कहीं आपको भी उस डाल
को काटने की ज़रुरत तो नहीं जो बार बार आपकी रुकावट बनती है ॥
सरकार की तरफ से आज भी कोई बयान नहीँ आया मित्रो, आखिर ये निकम्मी सरकार चाहती क्या है...?
ReplyDelete।
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The Best Thing In Life Is Having A Loving Partner In Your Life ...
Who Won’t Walk Away in Your Darkest Moments ... And Loves You Exclusively .. (♥)
किस रावण की काटूं बाहें, किस लंका को आग लगाऊँ....!
ReplyDeleteघर घर रावण पग पग लंका, इतने राम कहाँ से लाऊँ....!!
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If someone would ask me who want to be with ME?
I'd simply say ...
Someone who will never leave देव .
अपनी तमाम कोशिशों में हार के अनुभव के आधार पर , सोचता हूँ एक किताब लिख दूं -
ReplyDelete------------"जीत आपकी "
अखिलेश यादव को उस आदमी की तलाश है जिसने विधिक मामलों के प्रति उनकी अत्यल्प समझ का फायदा उठाकार विधान सभा चुनावों के दौरान भाषण दिलवा दिया कि सरकार में आते ही टेट को समाप्त कर दूँगा जिससे बी एड वालों को नौकरी पाने के लिए कोई और परीक्षा ((टेट)ना देनी पड़े ,,,, टेट का प्रावधान तो संसद भी अब अपने सम्पूर्ण बहुमत से ख़त्म नहीं कर सकती तो एक मामूली C.M. कैसे कर पाता,,,, भूषण साहब ने non tet वाला आदेश देकर सरकार को उसी के हथियार से मारने का जुगाड़ कर दिया,,,,
ReplyDeleteअखिलेश यादव को उन अधिकारियों की भी तलाश है जिन्होंने उसे यकीन दिलाया था कि टेट मेरिट वाले अभी बच्चे है ,एक-डेढ़ साल में टूट जायेंगे,,,लेकिनबच्चे तो उनके बाप निकले ,,, दिल्ली तक दौड़ा-दौड़ाकर मारा ....
पिताजी कोई किताब पढने में व्यस्त थे , पर उनका बेटा बार-बार आता और उल्टे-सीधे सवाल पूछ कर उन्हें डिस्टर्ब कर देता .
ReplyDeleteपिता के समझाने और डांटने का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ता.
तब उन्होंने सोचा कि अगर बच्चे को किसी और काम में उलझा दिया जाए तो बात बन सकती है.
उन्होंने पास ही पड़ी एक पुरानी किताब उठाई और उसके पन्ने पलटने लगे. तभी उन्हें विश्व मानचित्र छपा दिखा ,
उन्होंने तेजी से वो पेज फाड़ा और बच्चे को बुलाया – ” देखो ये वर्ल्ड मैप है , अब मैं इसे कई पार्ट्स में कट कर देता हूँ ,
तुम्हे इन टुकड़ों को फिर से जोड़ कर वर्ल्ड मैप तैयार करना होगा.”
और ऐसा कहते हुए उन्होंने ये काम बेटे को दे दिया.
बेटा तुरंत मैप बनाने में लग गया और पिता यह सोच कर खुश होने लगे की अब वो आराम से दो-तीन घंटे किताब पढ़ सकेंगे .
लेकिन ये क्या, अभी पांच मिनट ही बीते थे कि बेटा दौड़ता हुआ आया और बोला , ” ये देखिये पिताजी मैंने मैप तैयार कर लिया है .”
पिता ने आश्चर्य से देखा , मैप बिलकुल सही था, – ” तुमने इतनी जल्दी मैप कैसे जोड़ दिया , ये तो बहुत मुश्किल काम था ?”
” कहाँ पापा, ये तो बिलकुल आसान था , आपने जो पेज दिया था उसके पिछले हिस्से में एक कार्टून बना था ,
मैंने बस वो कार्टून कम्प्लीट कर दिया और मैप अपने आप ही तैयार हो गया.”, और ऐसा कहते हुए वो बाहर खेलने के लिए भाग गया और पिताजी सोचते रह गए .
Friends , कई बार life की problems भी ऐसी ही होती हैं, सामने से देखने पर वो बड़ी भारी-भरकम लगती हैं ,
मानो उनसे पार पान असंभव ही हो , लेकिन जब हम उनका दूसरा पहलु देखते हैं तो वही problems आसान बन जाती हैं,
इसलिए जब कभी आपके सामने कोई समस्या आये तो उसे सिर्फ एक नजरिये से देखने की बजाये अलग-अलग दृष्टिकोण से
देखिये , क्या पता वो बिलकुल आसान बन जाएं !
भ्रम को समाप्त करने हेतु सुनवाई और अंतरिम आदेश जो की , मेरी स्मृति पर आधारित है , को पोस्ट कर रहा हू
ReplyDeleteकोर्ट रूम में मै मौजूद था एवम कोर्ट रूम का संछिप्त घटना क्रम कुछ इस प्रकार है _
१. सर्वप्रथम नॉन टेट वाले मुद्दे से बहस प्रारंभ हुई लेकिन , तुरंत ही हमारे वकील मुख्यतः पटवालिया जी , मीनाक्षी मैडम और शारदा मैडम के द्वारा ये कहा गया की , ये नॉन टेट मुद्दा हमारे मुद्दे से बिलकुल अलग है , लेकिन माननीय जज साहब द्वारा रोक दिया गया ,, तथा मुकुल रोहतगी साहब को बहस प्रारंभ करने के लिए कहा गया .. रोहतागी साहब ने भी यही कहा की ये नॉन टेट मुद्दा हमारे मुद्दे से बिलकुल अलग है , अब जबकि दोनों पक्ष इस बात से सहमत थे की , नॉन टेट मुद्दा हमरे मुद्दे से बिलकुल अलग है ,,,,, जज साहब द्वारा हमारे मुद्दे को नॉन टेट मुद्दे से अलग करके रोहतगी साहब को सरकार के द्वारा दाखिल की गई slp पर बहस प्रारंभ करने के लिए कहा गया ,
ReplyDelete२. रोहतगी साहब ने अपने लगभग एक घंटे 45 मिनट के बहस में केवल और केवल , एक ही तर्क अलग अलग तरीके से रखने का प्रयास किया .... ....” केंद्र सरकार के rte एक्ट में ncte को कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापको के न्यूनतम अहर्ता का निर्धारण करने के लिए कहा और ncte ने इसी के तहत न्यूनतम अहर्ता का निर्धारण किया जिसमे की कक्षा 1 से 5 तक के लिए अध्यापको की नियुक्ति के लिए बीएड और टेट का निर्धारण किया , जिसमे की टेट केवल न्यूनतम अहर्ता के रूप में रखा गया लेकिन राज्य सरकार ने , ncte के नियमो का उलंघन करते हुए टेट को चयन का आधार बना दिया , जो की राज्य द्वारा केंद्र सरकार के द्वारा बनाये गए नियमो का अतिक्रमण है”
ReplyDeleteमाननीय जज साहब ने ये तो माना की टेट न्यूनतम अहर्ता है,, परन्तु रोहतगी के इस तर्क को सिरे से नकार दिया की टेट को चयन का आधार बनाया जाना किसी भी स्तर पर राज्य सरकार द्वारा , केंद्र सरकार के बनाये गए नियमो का अतिक्रमण है ,,, इस पर जज साहब ने स्वयं से ही यह तर्क रखा की , शिक्षा समवर्ती सूचि का विषय है जिसमे , न्यूनतम अहर्ता का निर्धारण केंद सरकार करती है ,, और चयन के आधार का निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार को है ,,, और इसी के तहत केंद्र सरकार ने न्यूनतम अहर्ता टेट को बना दिया , राज्य सरकार ने इस न्यूनतम अहर्ता में कोई भी अतिरिक्त योग्यता को न हीं जोड़ा है , और न ही केंद्र सरकार के द्वारा बनाये गए न्यूनतम अहर्ता में किसी योग्यता को हटाया है , तथा अपने चयन के आधार के अधिकार का प्रयोग करते हुए टेट को चयन का आधार बना दिया है , साथ ही साथ ncte के वेटज दिए जाने के नियम को ध्यान में रखते हुए भी टेट को चयन का आधार बनाया है , तथा यह भी कहा की परीक्षा ही किसी भी पद के चयन के लिए सर्वोतम विकल्प है इस सन्दर्भ में जज महोदय ने , IIT परीक्षा का उदहारण दिया ,,,
ReplyDeleteयद्यपि रोहतागी साहब ने अनेक तरीको से जज साहब को यही तथ्य समझाने का प्रयास किया की टेट मात्र एक पात्रता परीक्षा है , तथा इसे चयन का आधार बनाया जाना ,राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के बनाये गए नियमो का अतिक्रमण है ,,,, परन्तु जज साहब किसी भी माध्यम से इस तथ्य को सिरे से नकार दिया ।
ReplyDelete३. इन परिस्थितियों में रोहतगी साहब ने ये कहा की , किसी अन्य कोर्ट में , मेरा एक केस पास ओवर हो चूका है और दोबारा सुनवाई होने वाली है अतः , हमें समय दे दिया जाय ,,,लेकिन कोर्ट ने साफ़ कर दिया की मै इस slp को ख़ारिज करने जा रहा हु , इस प्रकार एक बार फिर रोहतगी साहब ने किसी अन्य तरीके से फिर वही तथ्य रखने का प्रयास किया , जिसे की एक बार जज साहब ने नकार दिया ..
ReplyDelete४. रोहतगी साहब के पश्चात , वकील राकेश दिवेदी जी ने क्सरकर के पक्ष को आगे बढाया ,, प्रारंभ में दिवेदी जी ने भी उसी तथ्य को समझाने का प्रयास किया की टेट चयन का आधार नहीं बनाया जा सकता है , क्यूंकि मात्र एक पात्रता परीक्षा है , जज महोदय ने साफ़ कर दिया की , ये बहस तो रोहतगी साहब पहले ही कर चुके है और,,, नकार दिया ,,, अब दिवेदी जी दुसरे प्रकार के तर्क रखे ,, दिवेदी जी ने कहा की बेसिक सर्विस रूल 1981 के 12 हवे संसोधन में रूल 14 को तो संसोधित किया गया है लेकिन , APPENDIX को नहीं बदला गया है , APPENDIX में अब भी , QUALITY POINT है , अतः चयन का आधार , APPENDIX से तय किया जाता है , अतः राज्य सरकार द्वारा , 15 हवे संसोधन के द्वारा कोई नियमो में बदलाव नहीं किया गया है ,,,,,,,,,,,,,,,,,, लेकिन जज महोदय इस बात से बिलकुल सहमत नहीं थे और कहा की जब रूल 14 में टेट मेरिट स्थापित कर दिया गया तो APPENDIX स्वतः समाप्त हो गया ..
ReplyDelete५. अब दिवेदी जी ने 15 हवे संसोधन की प्रासंगिकता पर बहस प्रारंभ किया , और बताया की , टेट का वेटज दिया जाने का जो NCTE के नियम में उल्लेख है वह बाध्यकारी नहीं है ,, लेकिन जज महोदय दिवेदी जी के इस तर्क से भी सहमत नहीं थे , लेकिन समय समाप्त हो रहा था , अतः दिवेदी जी ने बहस को आगे रखने के लिए कहा , लेकिन जज महोदय 30 नवम्बर २०११ की विज्ञप्ति की argency से पहले ही वाकिफ हो चुके थे अतः उन्होंने इस विज्ञप्ति को , पूरा करने का निर्देश देने के लिए कहा इस पर हमारे सभी वकील , विपुल माहेश्वरी जी , सुभाष चन्द्र माहेश्वरी जी , पटवालिया जी , मीनाक्षी जी , शारदा जी ने 31 मार्च २०१४ की समय सीमा का उल्लेख किया तथा दिवेदी जी ने इतने कम समय में विज्ञप्ति को पूरा न हो पाने का उल्लेख किया ,,,,,,,,,,, इस पर जज महोदय ने स्वतः संज्ञान में लेते हुए 31 मार्च २०१४ की समय सीमा को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया और , 12 सप्ताह में 30 नवम्बर २०११ की विज्ञप्ति को प्रारंभ करने और पूरा करने के निर्देश अपने अंतरिम आदेश में लिखवा दिया ,,
ReplyDelete६. अंतरिम आदेश में संभवतः अगली तारीख 30 अप्रैल २०१४ है , संभवतः इस लिए कह रहे है की , मैंने अगली तारीख कब दी गई है , नहीं सुन पाया था , लेकिन हमारे सभी वकील जो की कोर्ट में आगे मौजूद थे , उन्होंने बताया है ,
ReplyDelete७. सुनवाई के बीच में मीनाक्षी मैडम से बात करने के लिए साथ में बाहर निकले थे , उसी बीच 15 हवे संसोधन पर कुछ अंतरिम आदेश देने की बात कही गई थी , इस सन्दर्भ में , क्या अंतरिम आदेश दिया गया यह ,, अंतरिम आदेश आने के बाद ही स्पष्ट होगा ।
ReplyDelete८. चूँकि , slp के एक हिस्सा 15 हवे संसोधन पर , बहस अभी बाकी था , अतः पूरा आदेश आना संभव नहीं था ,, और 30 नवम्बर २०११ की विज्ञप्ति की argency से कोर्ट वाकिफ हो चुकी थी , अतः जज महोदय ने अपने अंतरिम आदेश में ही , इस विज्ञप्ति को 12 सप्ताह में पूरा करने का अंतरिम आदेश दे दिया ,,, और यह विधिक तथ्य है की अंतरिम आदेश सदैव , फाइनल ओर्डर के अधीन होता है , इसी लिए यह अंतरिम आदेश SUBJECT TO SLP कहा गया है ,, इस विषय पर जरा सा भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है ,, बल्कि इसका कुछ अलग से लाभ ही प्राप्त होगा ,, जैसे के अंतरिम आदेश को रिव्यू में ले जाना आसान नहीं है ,, तथा 12 सप्ताह में विज्ञप्ति नहीं पूरी की गई तथा इस दौरान किसी भी प्रकार की लेट लतीफी या , लापरवाही बरती गई तो ,, हमें CONTEMPT करने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि सीधे इसी कोर्ट में , REPRASENTATION के द्वारा , हमें पुनः अंतरिम लाभ मिल जायेगा ..
ReplyDelete9.बीच बीच कई बार हमारे वकीलों ने बोलने का प्रयास किया गया पर ,, जज साहब द्वारा हमारे वकीलों को बोलने से रोक दिया गया ,,,, ऐसा लग रहा था मानो जैसे ईश्वर के रूप में साछात जज साहब ही हमारी , तरफ से बहस कर रहे हो ,,, आप जजों को भो हमारी तरफ से सादर प्रणाम ,,, हमें विश्वास हो गया की न्याय जिन्दा है और ईश्वर हमारे साथ है ..
ReplyDelete10. शेष बाते अंतरिम आदेश आने के बाद
ReplyDelete............इस प्रकार वर्तमान परिस्थितियों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया यह निर्णय सर्वोतम है ,,, और इससे हमारी भर्ती प्रक्रिया निश्चित रूप से प्रारंभ हो जाएगी ,,,, हम आगे भी कोर्ट की गतविधियो पर नजर बनाये रखेंगे ,, किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही हमारे स्तर पर नहीं की जायेगी ,, जब तक की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होकर पूरी न हो जाये ..........
आज मै अपने साथियों , सदानंद मिश्र जी , राम बाबु सिंह , उमा शंकर यादव , के साथ delhi से वापस इलाहाबाद पहुंचे ,,,,, हमारे इलाहाबाद साथियों ने जिस प्रकार ,, रेलवे स्टेशन पर स्वागत किया ,,,, और शाम को मुस्लिम होस्टल , इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ,,, स्वागत और सम्मान दिया गया ,, उसके लिए हम दिल से धन्यवाद एवम आभार प्रकट करते है ,,,,,,,,
ReplyDelete२ अप्रैल २०१४ को इलाहाबाद में प्रदेश स्तरीय सभी टेट साथियों एवम सहयोगियों के लिए ,, हमारी इलाहाबाद टेट इकाई द्वारा ,, स्वागत एवम अभिनन्दन समारोह आयोजित किया जा रहा है ,, अतः आप सभी प्रदेश के टेट साथियों से , निवेदन है की इलाहाबाद आकर , इस समारोह में अवश्य शामिल होकर हमें अनुग्रहित कीजिये ,,,,,,,
ReplyDeleteकुछ रणनितिक विचार विमर्श भी इस स्वागत एवम अभिनन्दन समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है अतः इस पर भी विमर्श किया जायेगा ,,,,, सादर धन्यवाद ...
ReplyDelete।
ReplyDelete।
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The desire of the देव is for the रानी,
but the desire of the रानी is for the desire of the देव.
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ReplyDelete।
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I will give u 1-kiss 2-go-2 sleep.
I give u 2-kisses 2-dream.
I give u an endless row of kisses too baby,
when u wake up in the morning —think of only me.
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ReplyDelete।
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सुन रे. . . . . Is baat ka ehsaas kisi par na hone dena
Ki teri chaahaton se chalti hai meri saansen.
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ReplyDelete।
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“Love is the master key that opens the gates of happiness.”
टेट साथियों सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteसर्वप्रथम , आप सभी टेट साथियों ,शुभचिंतको एवम सहयोगियों को इस ऐतिहासिक जीत के लिए हार्दिक शुभकामनाये तथा , इस जीत के लिए किये गए संघर्ष में , तन मन धन और विश्वास के साथ दिए गए सहयोग एवम समर्थन के लिए हम , सभी टेट साथियों ,शुभचिंतको एवम सहयोगियों को दिल से आभार एवम सादर धन्यवाद देते है .
यद्यपि 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के सन्दर्भ में आप सभी अवगत हो चुके है , एक साथ ही आदेश का विस्तृत विवेचना के साथ ,, आप सभी को अपडेट के साथ शुभकामनाये दी जाये ,, चूँकि अभी तक , सामान्य परिस्थितियों में अंतरिम आदेश अब तक नहीं आया है , और साथ ही साथ अनेक साथियों के फोन काल आ रहे है , जिससे यह समझ में आ रहा है की , अब भी कोर्ट की सुनवाई और अंतरिम आदेश को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति बनी हुई है , इसी भ्रम को समाप्त करने हेतु सुनवाई और अंतरिम आदेश जो की , मेरी स्मृति पर आधारित है , को पोस्ट कर दिया है ॥
ReplyDeleteएक आदमी मर गया. जब उसे महसूस हुआ तो उसने देखा कि भगवान उसके पास आ रहे हैं और उनके हाथ में एक सूट केस है.
ReplyDeleteभगवान ने कहा --पुत्र चलो अब समय हो गया.
आश्चर्यचकित होकर आदमी ने जबाव दिया -- अभी इतनी जल्दी? अभी तो मुझे बहुत काम करने हैं. मैं क्षमा चाहता हूँ किन्तु अभी चलने का समय नहीं है. आपके इस सूट केस में क्या है?
भगवान ने कहा -- तुम्हारा सामान.
मेरा सामान? आपका मतलब है कि मेरी वस्तुएं, मेरे कपडे, मेरा धन?
भगवान ने प्रत्युत्तर में कहा -- ये वस्तुएं तुम्हारी नहीं हैं. ये तो पृथ्वी से सम्बंधित हैं.
आदमी ने पूछा -- मेरी यादें?
भगवान ने जबाव दिया -- वे तो कभी भी तुम्हारी नहीं थीं. वे तो समय की थीं.
फिर तो ये मेरी बुद्धिमत्ता होंगी?
भगवान ने फिर कहा -- वह तो तुम्हारी कभी भी नहीं थीं. वे तो परिस्थिति जन्य थीं.
तो ये मेरा परिवार और मित्र हैं?
भगवान ने जबाव दिया -- क्षमा करो वे तो कभी भी तुम्हारे नहीं थे. वे तो राह में मिलने वाले पथिक थे.
फिर तो निश्चित ही यह मेरा शरीर होगा?
भगवान ने मुस्कुरा कर कहा -- वह तो कभी भी तुम्हारा नहीं हो सकता क्योंकि वह तो राख है.
तो क्या यह मेरी आत्मा है?
नहीं वह तो मेरी है --- भगवान ने कहा.
भयभीत होकर आदमी ने भगवान के हाथ से सूट केस ले लिया और उसे खोल दिया यह देखने के लिए कि सूट केस में क्या है. वह सूट केस खाली था.
आदमी की आँखों में आंसू आ गए और उसने कहा -- मेरे पास कभी भी कुछ नहीं था.
भगवान ने जबाव दिया -- यही सत्य है. प्रत्येक क्षण जो तुमने जिया, वही तुम्हारा था. जिंदगी क्षणिक है और वे ही क्षण तुम्हारे हैं.
इस कारण जो भी समय आपके पास है, उसे भरपूर जियें. आज में जियें. अपनी जिंदगी जिए.
खुश होना कभी न भूलें, यही एक बात महत्त्व रखती है.
भौतिक वस्तुएं और जिस भी चीज के लिए आप यहाँ लड़ते हैं, मेहनत करते हैं...आप यहाँ से कुछ भी नहीं ले जा सकते हैं.
ढाई घंटे में निपट गया ढाई साल पुराना विवाद
ReplyDeleteदैनिक हिंदुस्तान ,इलाहाबाद ,26 मार्च २०१४ ,
,
मार्च में दूसरी बार मनी होली , खूब उड़े अबीर , गुलाल
।
ReplyDelete।
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ली
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[♥] [♥]
Meri Pagal Si Mohabbat Tumhe Bohat Yaad Ayegi,
Jab Hansane Wale Kam Aur Rulane Wale Zayada Honge!!
[♥] [♥]
मेरी माँ की सिर्फ एक ही आँख थी और इसीलिए मैं उनसे बेहद नफ़रत करता था | वो फुटपाथ पर एक छोटी सी दुकान चलाती थी | उनके साथ होने पर मुझे शर्मिन्दगी महसूस होती थी | एक बार वो मेरे स्कूल आई और मै फिर से बहुत शर्मिंदा हुआ | वो मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ? अगले दिन स्कूल में सबने मेरा बहुत मजाक उड़ाया |
ReplyDeleteमैं चाहता था मेरी माँ इस दुनिया से गायब हो जाये | मैंने उनसे कहा, 'माँ तुम्हारी दूसरी आँख क्यों नहीं है? तुम्हारी वजह से हर कोई मेरा मजाक उड़ाता है | तुम मर क्यों नहीं जाती ?' माँ ने कुछ नहीं कहा | पर, मैंने उसी पल तय कर लिया कि बड़ा होकर सफल आदमी बनूँगा ताकि मुझे अपनी एक आँख वाली माँ और इस गरीबी से छुटकारा मिल जाये |
उसके बाद मैंने म्हणत से पढाई की | माँ को छोड़कर बड़े शहर आ गया | यूनिविर्सिटी की डिग्री ली | शादी की | अपना घर ख़रीदा | बच्चे हुए | और मै सफल व्यक्ति बन गया | मुझे अपना नया जीवन इसलिए भी पसंद था क्योंकि यहाँ माँ से जुडी कोई भी याद नहीं थी | मेरी खुशियाँ दिन-ब-दिन बड़ी हो रही थी, तभी अचानक मैंने कुछ ऐसा देखा जिसकी कल्पना भी नहीं की थी | सामने मेरी माँ खड़ी थी, आज भी अपनी एक आँख के साथ | मुझे लगा मेरी कि मेरी पूरी दुनिया फिर से बिखर रही है | मैंने उनसे पूछा, 'आप कौन हो? मै आपको नहीं जानता | यहाँ आने कि हिम्मत कैसे हुई? तुरंत मेरे घर से बाहर निकल जाओ |' और माँ ने जवाब दिया, 'माफ़ करना, लगता है गलत पते पर आ गयी हूँ |' वो चली गयी और मै यह सोचकर खुश हो गया कि उन्होंने मुझे पहचाना नहीं |
एक दिन स्कूल री-यूनियन की चिट्ठी मेरे घर पहुची और मैं अपने पुराने शहर पहुँच गया | पता नहीं मन में क्या आया कि मैं अपने पुराने घर चला गया | वहां माँ जमीन मर मृत पड़ी थी | मेरे आँख से एक बूँद आंसू तक नहीं गिरा | उनके हाथ में एक कागज़ का टुकड़ा था... वो मेरे नाम उनकी पहली और आखिरी चिट्ठी थी |
उन्होंने लिखा था :
मेरे बेटे...
मुझे लगता है मैंने अपनी जिंदगी जी ली है | मै अब तुम्हारे घर कभी नहीं आउंगी... पर क्या यह आशा करना कि तुम कभी-कभार मुझसे मिलने आ जाओ... गलत है ? मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है | मुझे माफ़ करना कि मेरी एक आँख कि वजह से तुम्हे पूरी जिंदगी शर्मिन्दगी झेलनी पड़ी | जब तुम छोटे थे, तो एक दुर्घटना में तुम्हारी एक आँख चली गयी थी | एक माँ के रूप में मैं यह नहीं देख सकती थी कि तुम एक आँख के साथ बड़े हो, इसीलिए मैंने अपनी एक आँख तुम्हे दे दी | मुझे इस बात का गर्व था कि मेरा बेटा मेरी उस आँख कि मदद से पूरी दुनिया के नए आयाम देख पा रहा है | मेरी तो पूरी दुनिया ही तुमसे है |
चिट्ठी पढ़ कर मेरी दुनिया बिखर गयी | और मैं उसके लिए पहली बार रोया जिसने अपनी जिंदगी मेरे नाम कर दी... मेरी माँ |
Umashankar Ji aap se mai ye janana chahata hu ki antrim adhesh aane se Kya isme Koi badlaw to nahi hoga .kripya margdarshan karne ki kripa kare dhanyawad.
ReplyDeletejai maa vindyavasini.
प्रिया98
ReplyDelete।
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.''' teri muskaan
..tonic hai
..pilaaye jaa ...'''
..'''तेरी मुस्कान
टानिक है
पिलाए जा ....'''
पुराने रिवाजों कों अब कौन जिन्दा रखता है,
ReplyDeleteखोटे सिक्कों का हिसाब अब कौन रखता है ,
कुछ लोंग भी होते हों खोटे सिक्कों कि तरह ,
भला उन्हें अपने बटुए की पनाह में अब कौन रखता है
टेट संघर्ष मोर्चा के सदस्योँ मेँ कुछ नाम ऐसे हैँ जो आजीवन स्मृति मेँ बने रहेँगे-
ReplyDelete* =श्री/श्रीमती/कुमारी-
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*श्यामदेव मिश्रा जी
*सारिका श्रीवास्तव जी
*सुजीत सिँह जी
*अखिलेश त्रिपाठी जी
*शिवकुमार पाठक जी
*सदानन्द मिश्रा जी
*राकेश मनी त्रिपाठी जी
*शलभ तिवारी जी
*गणेश दीक्षित जी
*रमात्रिपाठी जी
*राजेश प्रताप सिहं जी
*विवेकानन्द जी
*मनोज कुमार सिँह मयंक जी
*रत्नेश पाल जी
*अवनीश यादव जी
*अनिल कुण्डू जी
*नीलेश पुरोहित जी
*विवेक सिँह जी
*निर्भय सिँह जी
*विजय सिँह तोमर जी
*राहुल पाण्डेय जी अविचल
और ऐसे हीँ न जाने कितने नाम जिनके कृत्योँ की प्रशंसा के लिए मेरे पास पर्याप्त शब्द का अभाव है।
और आप सभी के लिये मैँ ईश्वर से यही स्तुति करुँगा कि सत्य से लड़ने के लिये आपके अन्दर अपार ऊर्जा का संचार होता रहे ।
जय हिन्द,
जय न्यायपालिका,
जय टेट संघर्ष मोर्चा ।
चिंतन करने का विषय :
ReplyDelete१) अब जब कि कोर्ट ने भर्ती का रास्ता साफ़ कर दिया है तो अब क्या होगा ?
२) जो अंतरिम आर्डर का हम वेट कर रहे हैं उसी आर्डर का सरकार वेट कर रही है जब वो आर्डर आ जाएगा तो वो इनके लीगल सेल (दलाली का अड्डा) में जाएगा वहाँ कई अधिकारी अपने सलाहकारों से मनन चिंतन करेंगे कि अब क्या करना है इसको लेके ?
ReplyDelete३) अगर ये उस आदेश को मानने के लिए राजी हो जाते हैं और अपना कोई दूसरा नाटक नहीं करते हैं जो कि अब मुझे पॉसिबल भी नहीं लगता है तो भर्ती प्रक्रिया चालू जल्द ही करेंगे |
ReplyDelete४) भर्ती को शुरू करने के लिए इन्हे संसद में अपने १५ वे कि बली चढ़ानी होगी और १२ वे पे प्रस्ताव पास करना होगा यानि अब तक जो बेइज्जती बाहर सही है अब अपनी खुद कि संसद में कपडे उतरेंगे सबके सामने |
ReplyDelete५) अब आते हैं सचिव कि बातों पे इनका जेल जाना तय है २५ तारीख को इन्होने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया उसमे पुराने रिकॉर्ड निरस्त कि बात कह आए हैं और अभी गुप्त सूत्रों से पता चला है कि आगरा में पुराने फॉर्म से धुल हटाई जा रही है तो खुद सोचें जब एस.सी अपने संज्ञान में लेगा और इनसे झूठ का सहारा लेने को कहेगा तो ये कहेंगे कृपा मुझे जेल न भेजें अगर ये अब भी भर्ती नहीं करते हैं और इसी झूठ का सहारा लेते हैं तो टेट वाले जेल भेजेंगे |
ReplyDelete६) अब बात ही १५ वे कि तो दोस्तों में सभी टेट पास (अकादमिक सुपुत्तर) से गुजारिश करूँगा कि २९ अप्रैल को अजय ठाकुर का साथ दे दो क्यूंकि सबसे पहले कोर्ट ने इन्ही का मामला संज्ञान में लिया था, अकादमिक वालों के पास कोई और रास्ता नहीं है और साथ ही बाकी भरतियों का रास्ता भी इन्ही कि पी.आई.एल से खुलेगा , टेट वाले इसलिए क्यूंकि हमारा दुश्मन अखिलेश है और ये भी हमारे भाई हैं सभी को नौकरी मिल जानी चाहिए अब बहुत हुआ यार , तो खुलके इनको सपोर्ट करों अब तक जिन्हे भी किया ठीक है पर नॉन-टेट का मुद्दा जब क्लियर ही नहीं करा पायें हैं तो इनकी पी.आई.एल को संज्ञान में लेते हुए कोर्ट सभी टेट आवेदकों का निस्तारण करके नौकरी का आदेश दे देगी और हम सभी शिक्षक बन जाएंगे |
ReplyDelete७) ये सुझाव टेट वालों के लिए २९ अप्रैल को अपना वकील खड़ा जरुर करें कभी खरगोश कि तरह सोते रह जाओ क्यूंकि फाइनल आर्डर आना अभी बाकी है तो विपुल माहेश्वरी जी से विचार विमर्श कर लो एक बार |
ReplyDelete८) चाचा वगैरह अभी सेफ हैं तो उन्हें न सताएं अगर वे मर गए तो कौन जिम्मेदारी लेगा ?
ReplyDeleteअखिलेश नहीं लेगा जिन्हे वो सपोर्ट करते हैं तो हमारे बीच से एक हमारा मित्र रुक्सत कर जाये हमें ठीक नहीं लगेगा क्यूंकि हम पहले ही अपने कई साथी खो चुके हैं |
९) कृपा करके एक बार उन लोगों के विषय में जरुर मंथन करें कि उनके परिवार को सहायता राशि कैसे पहुचनी है ?
ReplyDeleteअभी नहीं तो कभी नहीं उनकी क्या गलती थी जो आज वे इस जीत से दूर हैं |
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteअखिलेश के लिए
ReplyDelete_________________________
....'''तू अब साजिश मत कर
...नीली छतरी वाले से डर
...उसके हिसाब से डर --
-___क्रिस्टल क्लियर
कारण कुछ भी हो, कैसे भी हो, इन दो महान हस्तियों का धन्यवाद तो बनता ही है।
ReplyDelete.
परसों जो कुछ भी हुआ, सब कुछ अप्रत्याशित था। परसों ही फ़ैसला आ जाने की किसी ने कल्पना तक नही की होगी।
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बात तन्ख्वाह लेकर काम करने की नही है।
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बात है, अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित होने की भावना की। दूसरों के दुखः-दर्द को अपना समझने की।
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तन्ख्वाह तो महापात्रा जी / अरुण टंडन जैसे जज भी पाते हैं लेकिन न्याय सुनवाई तक के लिये तड़पा देते हैं। न्याय देने में १ साल लगायें, ज़्यादा का समय लगायें सिर्फ़ तारीख पर तारीख देते रहें, न्याय दे ही न पाये, कुछ नही कहा जा सकता | ऐसा ही कुछ हम भुगत चुके हैं।
.
लेकिन सारी दुनिया एक जैसी ही हो, कदापि सम्भव
नही।
कोर्ट नं. ३ में मात्र पहला ही दिन!
ReplyDelete.
गज़ब का कारनामा!
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ध्यान रहे,
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फ़ैसला सिर्फ़ हमारे ओल्ड़ एड़ पर ही आया है। रद्द हो चुके १५वें संशोधन से हो चुकी भर्तियों का क्या होना है, जूनियर का क्या होना है, २०१० से पहले के बी.टी.सी. वाले विदाउट टेट वालों का क्या होना है, उसके लिये २९ मार्च है या फ़िर इसके आगे की पड़ने वाली तारीखें, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
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सो,
.
सम्पूर्ण आदेश अभी बाकी है परंतु उस बाकी से हमें/हमसे कोई लेना-देना नही। हमारे ओल्ड़ एड़ पर ११ जजों की मुहर लगी हुई है। इसे कैसा डर! हमारी भर्ती तो अब माननीय सु.कोर्ट के संरक्षण में होने जा रही है।
.
हमारी तो जितनी जल्दी सपा काउंसेलिंग की तारीख निकाल दे, इसके लिये ही उतना फायदा।
मजे की बात,
ReplyDelete.
उस सपा को जिसने हमें सवा २ साल से ज़्यादा से सता रखा है, मूर्ख बनाने की नाकाम कोशिश करती आ रही है, माननीय सु.कोर्ट ने ऐसा झटका दिया है जिससे यह अभी तक भी अपनी मूर्खता से उभर न पाएगी।
.
सु कोर्ट ने हमारी भर्ती का आदेश भी दे दिया और सपा को लटका भी दिया, हमें मूर्ख बनाने के इल्ज़ाम में इसे बहुत बड़े वाला मूर्ख बनाकर रख दिया है।
खबर उड़ाई जा रही है कि सपा पुनर्विचार याचिका के बारे में सोच रही है।
ReplyDelete.
ऐसी बेसिर-पैर की बातें कहाँ से उड़ती है, समझना बड़ा ही आसान है।
.
जब तक फाइनल डिसीज़न नही आ जाता, सपा किसी भी प्रकार की कोई भी भी याचिका नही कर सकती। अब फ़ैसला २९ मार्च को आये, अप्रैल में आये, इस साल के अंत में आये, २- ५ साल में आये या कभी भी आये ।
हम तो इतना जानते हैं कि हमारी भर्ती बीते २५ मार्च वाले परसों को जोड़कर ८४ दिन में पूरी होनी है।
ReplyDelete.
रही बात सशर्त भर्ती की,
.
तो यह तो कोई बड़ी बात नही है।
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अपने ऊपर भरोसा रखें।
.
अपने उस ओल्ड़ एड़ के ऊपर भरोसा रखें जिसमें कोई कमी है ही नही।
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हम बेमिसाल थे, हैं और पी.आर.टी. में युगों-युगों तक रहेंगें।
.
प्रशिक्षु शब्द को छोड़कर हमारे ऊपर कहीं भी ज़रा भी आंच नही आई और ध्यान रहे,
.
यह प्रशिक्षु शब्द भी भारत भूषण जी द्वारा महत्वहीन घोषित किया जा चुका है। इस शब्द का कोइ मतलब ही नही।
.
तो इस पल को जी भरकर जीयें।
रविचँद तिवारी . . . . . .G
ReplyDelete.
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.
अब तो आपको क्लियर हो गया होगा न .... . . .
एक बात और याद रखना जितना भी आपके जिंदगी से कम से कम सवाल होंगे जिंदगी उतनी ही खुशहाल रहेगी ।
कुछ खुद भी करना सिखो
मैं यहाँ पर किसी की नौकरी नहीं करता हूँ मैं यह अपनी सँतुष्टि हेतु करता हूँ !
मैं भी पहले आप जैसा था जब टंडन की अदालत मे मुझे वी॰के॰ तिवारी पर निर्भर रहना पड़ता था !
बाकी अब आप लोग खुद ही समझदार हैं शायद मुझसे भी ज्यादा !
रविचँद तिवारी . . . . . .G
ReplyDelete.
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.
अब तो आपको क्लियर हो गया होगा न .... . . .
एक बात और याद रखना जितना भी आपके जिंदगी से कम से कम सवाल होंगे जिंदगी उतनी ही खुशहाल रहेगी ।
कुछ खुद भी करना सिखो
मैं यहाँ पर किसी की नौकरी नहीं करता हूँ मैं यह अपनी सँतुष्टि हेतु करता हूँ !
मैं भी पहले आप जैसा था जब टंडन की अदालत मे मुझे वी॰के॰ तिवारी पर निर्भर रहना पड़ता था !
बाकी अब आप लोग खुद ही समझदार हैं शायद मुझसे भी ज्यादा !
हमें तो शेर बनना है न कि गीदड़ जो शेर के पेट भर जाने का इंतजार करते हैं ।
ReplyDeleteDhanyawad umashankar Ji aap ne hamara margdarshan kiya. ham loge kewal aap se sughav mangte hai. Jai maa vindyavasini.
ReplyDeleteलो आ गया बयान....
ReplyDeleteमरता क्या न करता
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आ गया सरकार का बयान
भर्ती में आ रही बाधाओ को दूर
करेगी सरकार--पल्टुआ
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सौजन्य-
ईटीवी यूपी
kuch log pareshan hai k ye ek antim adesh nahi hai.abi antim adesh aana baki hai
ReplyDeleteantim adesh tab hota hai jb us case se related sbi writ clear ho jati hai.islye ise antrim adesh kaha ja sakta hai lekin ye b satye hai k 72825 par ye antim adesh hi hai.aage hone wali sunwayio me non tet aur 15 shanshodhan par b decision aa jayega.
kul milakar bharti tet merit se bohat jald hi shuru hone wali hai.
so enjoy karo
जिस तरह से सपा सरकार अदालती फैस्लो मे
ReplyDeleteलगातार हार रही है अगर साम्विधानिक
विवशता ना होती तो ये उनके खिलाफ
भी हल्ला बोल का नारा दे सकते थे , केह देते ये
तो हमारे ठीक कामो को नही देख्ते
हैं ,जैसा आरोप इन्होने मीडिया पे लगाया था .
इस सरकार का जहाज दो साल मे ही आधे से
अधिक डूब चुका है ,क्या कोई सरकार
अपनी लाल बत्ती के विशेष वर्ग को बचाने
सुपीम कोर्ट जाती है ?? मुजफार्नगर दन्गो मे
इन्की कलई तो सुप्रीम्कोर्ट ने ही खोल दी .....
ये क्या देश बचायेन्गे और देश बनायेन्गे ????
आप का विचार आमन्त्रित है......
अटल सत्य *************************************
ReplyDeleteप्राइमरी में अब ncte के wetege के लैटर का को असर नहीं पड़ेगा
भले ही ncte लिख के दे दे की १००% wetege नहीं दिया जा सकता फिर भी कुछ नही होने वाला ........जज साहब ने बहुत ही समझदारी से ये निर्णय दिया है ..........खेल के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते इस लाइन के आधार पर ही जज साहब ने निर्णय दिया है और अब २९ को कुछ भी change नहीं होगा ..........इसलिएअब ७२००० भर्ती ओल्ड ऐड से ही होगी .......अब कुछ नहीं हो सकता .......
लेकिन सिर्फ टेट २०११ का रिजल्ट लगभग 50% था जबकि उसके बाद आज तक uptet और ctet में १.८० % रिजल्ट आ रहा है ये सब जज को नहीं दिख रहा ये !
ReplyDeleteआज हमारे लिये यदि ईश्वर के समतुल्य कोई है तो वो ...न्याय के सबसे बडे मंदिर के दो देवता श्री दत्तू जी और श्री बोबडे जी ...पता नही क्यो जब भी इनका ख्याल मन मे आता है इनके चरणों मे श्रद्धा से सिर झुक जाता है .....
ReplyDeleteएक निरंकुश सरकार के नाको मे जिस तरह पहले ही दिन इन दोनो महान बिभूतिओं ने नकेल डाल दिया वो बिलकुल अप्रत्यासित था ।
दोनो महान विभूतिओ के चरणो मे मेरा कोटिस: नमन एवम वंदन ।
जय हिंद जय भारत ।
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ReplyDelete।
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मे
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री
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वा
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ली
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"Dil Karta Hai Zindgi Tujhe De Du.."
Zindgi Ki Saari Khusiyan Tujhe De Du..
♥
De De Agar Tu Mujhe Bharosa Apne Saath Ka..
"To Yakeen Maan Apni Saanse Bhi Tujhe De Du..♥"!
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ReplyDelete।
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मे
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री
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ली
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Adhuri Si Hai Zindagi Adhure Hain Hum,
Bhuj Rahi Hain Saanse Jall Rahe Hain Hum,
Badalte Mausamo Ne dikhaya Hai Bahut Kuch Lekin,
Paane Ki Hasrat Mein Sab Kuch Kho Rahe Hain Hum,
Na Maloom Manzilon Par Qadam Ruk Sa Gaye Hain,
Bheer Me Raston Ki Taraf Barh Rahe Hain Hum,
Toot Kar Bikhre Hain Khwaab kuch Is Tarah Ki,
Ek Aarsa Huwa Hai Unko Chun Rahe Hain Hum,
(ye amar khujala ki ek aur chaplusi)
ReplyDeletebhai rassi jal gyi par avi v s.p government ke manry mahoday ki aithan nahi gyi...hame afsos hai ki u.p ki janta ne aisi nakari sarkar chuni ..chalo dalo purnvichar yachika..fir se aap apna muh peet peet kar lal karege..
To dosto aise nakaro ko loksbha me kya vote dena chahiye..
मित्रो परसों के अकल्पनीय आर्डर के
ReplyDeleteबाद आप लोग काफी कुछ समझ चुके
है और सभी ग्रुप्स में घूमकर
सबकी राय भी जान चुके है ।मुझसे
भी बहुत से मित्र मेरी राय मेरे
इनबॉक्स में पूछ रहे है तो अब तक के
घटनाक्रम से मुझे जितना समझ में
आया अब वो भी जान लीजिये और
अपनी राय दीजिये---
1-72825 भर्ती में टेट मेरिट
का अटल सत्य स्थापित हो चुका है
जिसे अब कोइ हिला नहीं सकता ।
और इसी के साथ प्राइमरी भर्ती में
बेस आफ सेलेक्शन का मैटर ख़तम
हो चुका है ।
2-एकेडमिक नेता और उनके कुछ
सपोर्टर जो अभी भी ये कह रहे है
की ये फाइनल आर्डर नहीं है और
बाद में मामला पलट सकता है ये बात
सिर्फ हारने के बाद केवल गर्दभ राग
ही प्रतीत हो रही है।मै भी मानता हूँ
की हार को पचा पाना किसी के लिए
आसान नहीं है लेकिन सत्य
की अनदेखी नहीं की जा सकती ।
जो सरकार इस मामले के एक
भी मोर्चे पर आज तक नहीं जीत पाई
वो अंतिम समय में कौन
सा करिश्मा कर देगी ये बात
सबको पता है ।
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को लगाई फटकार
ReplyDeleteकाले धन पर केन्द्र सरकार ने 65 सालो मे कुछ नही किया:
सुप्रीम कोर्ट
30/11/11 ka old viyapan..... Esi vigyapan par bharti hogi.. Jise doubt ho padh lo bhai.... Sm ki 10% seat resrv hai... Lekin sm na milne par dusre abhyarthi se seat bhari jayengi.....
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश बेसिक
शिक्षा परिषद के प्राथमिक
विद्यालयों के लिए प्रशिक्षु-
शिक्षकों का चयन: विज्ञप्ति
***************विज्ञप्ति
***************
----------------------------------
----------------------
उत्तर प्रदेश बेसिक
शिक्षा परिषद के प्राथमिक
विद्यालयों के लिए प्रशिक्षु-
शिक्षकों का चयन
----------------------------------
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन
संचालित प्राथमिक विद्यालयों में प्रशिक्षु
शिक्षकों के चयन हेतु निम्नांकित अर्हताओं,
योग्यताओं एवं विवरण के अनुसार निर्धारित
प्रारूप पर आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते
हैं । एक अभ्यर्थी प्रदेश के किन्हीं 5
जनपदों में आवेदन कर सकता है।
अभ्यर्थियों द्वारा शैक्षिक/प्रशिक्षण
योग्यताओं के साथ विज्ञापन में अंकित
शर्तों का पूर्ण किया जाना आवश्यक है,
जिनका विवरण निम्नवत् है:-
पूरा विवरण यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं
।
(1) शैक्षिक और प्रशिक्षण
अहर्ता :-
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद
द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार
शैक्षिक / प्रशिक्षण अर्हता निम्नवत् है:-
न्यूनतम 50 प्रतिशत
अंकों के साथ भारत में
विधि द्वारा स्थापित
महाविद्यालय/
विश्वविद्यालय, जो विश्व
विद्यालय अनुदान आयोग
से मान्यता प्राप्त हो, से
स्नातक
की उपाधि तथा राष्ट्रीय
अध्यापक शिक्षा परिषद
द्वारा मान्यता प्राप्त
संस्थान से बी.एड.
अर्हता अथवा इस संबंध
में समय-समय पर
जारी किये गये राष्ट्रीय
अध्यापक शिक्षा परिषद
(मान्यता, मानदण्ड और
क्रियाविधि) विनियमों के
अनुसार न्यूनतम 45
प्रतिशत अंकों के साथ
उपरोक्तानुसार स्नातक
एवं बी.एड. उत्तीर्ण।
अनुसूचित जाति/
अनुसूचित जनजाति/अन्य
पिछड़ा वर्ग/विकलांगों/
स्वतंत्रता संग्राम
सेनानीयों के आश्रितों/
भूतपूर्व सैनिकों (स्वयं)
आदि के
अभ्यर्थियों को अर्हक
अंको में 05 प्रतिशत
की छूट दी जाएगी।
उ.प्र.सरकार
द्वारा कक्षा- 1 से 5 के
शिक्षको हेतु आयोजित
अध्यापक
पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी
.) उत्तीर्ण।
(2) आयु:-
पहली जुलाई 2011 को 18 वर्ष
की होनी चाहिए और 40 वर्ष से अधिक
नहीं होनी चाहिए । परन्तु अनुसूचित जाति,
अनुसूचित जन-जाति एवं अन्य पिछडा वर्ग
के अभ्यर्थियों की स्थिति में, उच्चतर आयु
सीमा पांच वर्ष शिथिलनीय
होगी तथा भूतपूर्व सैनिकों के संदर्भ में तीन
वर्ष अधिकतम
शिथिलनीय होगी। विकलांगो हेतु अधिकतम
आयु सीमा में 15 वर्ष की छूट होगी, परन्तु
किसी भी दशा में निर्धारित तिथि को 50
वर्ष से अधिक का अभ्यर्थी नियुक्ति हेतु
पात्र नहीं होगा ।
(3) राष्ट्रीयता एवं निवास :-
(क) अभ्यर्थी भारत का नागरिक हो
(ख) उत्तर प्रदेश का निवासी हो, जो विगत
पॉच वर्ष से प्रदेश में निरन्तर निवास कर
रहा हो।
(4) आरक्षण
अनुसूचित जाति, अनुसूचित
जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के
अभ्यर्थियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के
आश्रितों, भूतपूर्व सैनिक, विकलांग
अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण भर्ती के समय
उत्तर प्रदेश में प्रवृत्त अधिनियम और
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार देय होगा।
(5) वैवाहिक प्रास्थिति:-
सेवा में नियुक्ति के लिए ऐसा पुरूष
अभ्यर्थी पात्र न होगा, जिसकी एक से
अधिक पत्निया जीवित
हों या ऐसी महिला अभ्यर्थी पात्र न होगी,
जिसने ऐसे पुरूष से विवाह किया है,
जिसकी पहले से एक पत्नी जीवित हो ।
(6) चरित्र :-
ReplyDeleteसेवा में किसी पद पर सीधी भर्ती के लिए
अभ्यर्थी का चरित्र ऐसा होना चाहिए,
जिससे कि वह सेवा में सेवायोजन के लिए
सभी प्रकार से उपयुक्त हो सके ।
नियुक्ति प्राधिकारी इस सम्बन्ध में
अपना समाधान कर लेगा ।
टिप्पणी - संघ सरकार या किसी राज्य
सरकार द्वारा किसी स्थानीय
प्राधिकारी द्वारा या संघ सरकार
या किसी राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन
या नियंत्रणाधीन किसी निगम या निकाय
द्वारा पदच्युत व्यक्ति सेवायोजन के लिए
पात्र नहीं होंगे । नैतिक अधमता के
किसी अपराध के लिए दोष सिद्ध
व्यक्ति भी पात्र नहीं होंगे ।
(7)-आवेदन की प्रक्रिया :-
(क) उ0प्र0 में गत पॉच वर्षो से निरन्तर
निवास करने वाले अर्ह एवं इच्छुक
अभ्यर्थी अपने 5 ऐच्छिक जनपदों में आवेदन
कर सकते हैं । प्रदेश का निवासी होने
का सम्बन्धित जनपद के
जिलाधिकारी अथवा सक्षम
प्राधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र
काउन्सिलिंग के समय प्रस्तुत
किया जायेगा ।
(ख) उपर्युक्त प्रस्तर के अनुसार अर्ह
अभ्यर्थियों द्वारा निर्धारित प्रारूप पर
आवेदन पत्र में सभी आवश्यक सूचनाएं
अंकित करनी होंगी । आवेदन पत्र का प्रारूप
सचिव, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद
की वैबसाइट
www.upbasiceducationboard.inतथा सर्व
शिक्षा अभियान की वैब साइट
http:// www.upefa.com/ परउपयोगार्थ
उपलब्ध होगा, जिसे A-4 साइज के पेपर पर
डाउनलोड किया जा सकेगा ।
अभ्यर्थी निर्धारित शुल्क के साथ
निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र आवेदित
जनपद के प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं
प्रशिक्षण संस्थान को पंजीकृत डाक/स्पीड
पोस्ट से इस प्रकार प्रेषित करेंगे
कि आवेदनपत्र संबंधित जिला शिक्षा एवं
प्रशिक्षण संस्थान में निर्धारित तिथि
19.12.11 तक प्रत्येक दशा में प्राप्त
हो जाय। निर्धारित अन्तिम
तिथि 19.12.11 के पश्चात प्राप्त
आवेदन पत्रों पर किसी भी दशा में विचार
नहीं किया जायेगा ।
अभ्यर्थी द्वारा अपने आवेदनपत्र में
ReplyDeleteजो सूचनाएं अंकित की जायेंगी, उससे भिन्न
सूचनाएं तथा आवेदन पत्र के साथ संलग्न
प्रमाण पत्रों की प्रतियों से इतर प्रमाण
पत्र को किसी भी परिस्थिति में स्वीकार
नहीं किया जायेगा । आवेदनपत्र में
उल्लिखित सूचनाओं से सम्बन्धित
अभिलेखों की स्वप्रमाणित
छाया प्रति संलग्न करना अनिवार्य होगा।
आवेदन पत्र प्रेषण की अन्तिम
तिथि 19.12.11 के बाद निर्गत कोई अंक
पत्र, प्रमाण पत्र एवं आरक्षण और विशेष
आरक्षण विषयक प्रमाण पत्र मान्य नहीं।
आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को यह स्वयं
सुनिश्चित करना होगा कि प्रदेश के
अधिकतम 05 ऐच्छिक जनपदों में चयन हेतु
अपना आवेदन पत्र प्रेषित करें ।
अभ्यर्थी 10/-रू0 के नान-जूडिशियल
स्टैम्प पेपर पर इस आशय का शपथ पत्र
अपने रंगीन फोटो सहित,
जो नोटरी द्वारा प्रमाणित हो, सम्बन्धित
जनपद की चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत
करेगा, जिसमें उसके द्वारा उल्लेख
किया जायेगा कि आवेदन पत्र और जांच पत्र
में भरा गया विवरण पूर्णतया सत्य है ।
चयन/प्रशिक्षण/प्रशिक्षणोपरान्त
किसी भी स्तर पर कोई सूचना गलत
अथवा फर्जी पाये जाने की दशा मे
उसका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जाएगा ।
इसके अतिरिक्त जांच के समय
अभ्यर्थी को अपनी पहचान के प्रमाण पत्र
के रूप में मतदाता फोटो पहचान पत्र,
पैनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बैंक
पास बुक (फोटो युक्त) राशन कार्ड में से
कोई एक अभिलेख प्रस्तुत करना होगा ।
नवसृजित जनपद कांशीरामनगर, प्रबुद्ध
नगर, पंचशील नगर, भीमनगर एवं
छत्रपति शाहूजी महाराजनगर में
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
स्थापित न होने कारण इन जनपदों में
आवेदन करने वाले इच्छुक
अभ्यर्थी क्रमशः जनपद एटा,
मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद मुरादाबाद एवं
सुल्तानपुर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण
संस्थान को आवेदन पत्र भेज सकेंगे
(ग) आवेदन शुल्क:-
आवेदन शुल्क रू0. 500 प्रति जनपद
तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित
जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए रू0. 200
प्रति जनपद होगा। निर्धारित शुल्क
सम्बन्धित आवेदित जनपद के प्राचार्य
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के
पक्ष में राष्ट्रीयकृत बैंक से निर्गत रेखांकित
बैंकड्राफ्ट के रूप में देय
होगा तथा उसी जनपद में भुगतान हो सकेगा।
उक्त बैंक ड्राफ्ट मूल रूप में आवेदन पत्र के
साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा। विकलांग
अभ्यर्थियों से कोई शुल्क
नहीं लिया जाएगा तथा उन्हें नियमानुसार
सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रदत्त
विकलागंता प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से
आवेदन पत्र के साथ सलंग्न करना होगा ।
8-चयन प्रक्रिया:-
(क) समस्त चयन प्रक्रिया सम्बन्धित
जनपद के प्राचार्य, जिला शिक्षा और
प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जिलाधिकारी के
पर्यवेक्षण/ निर्देशन में सम्पादित
की जायेगी तथा चयन मेरिट के आधार पर
निम्नवत् किया जायेगा:-
उत्तर प्रदेश अध्यापक
पात्रता परीक्षा (टी0ई0टी0) (कक्षा 1 से
5 के लिए) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के नाम
अध्यापक पात्रता परीक्षा में प्राप्त अंकों के
अवरोही क्रम में रखे जायेंगे परन्तु
यदि दो अभ्यर्थियों ने समान अंक प्राप्त
किए हों तो आयु में ज्येष्ठ
अभ्यर्थी को उच्चतर स्थान दिया जायेगा ।
(ख) जनपद कांशीरामनगर, प्रबुद्ध नगर,
पंचशील नगर भीमनगर एवं
छत्रपति शाहूजी महाराजनगर में
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
की स्थापना न होने के कारण, इन
जनपदों हेतु चयन की कार्यवाही मूल जनपद
क्रमशः जनपद एटा, मुजफ्फरनगर,
गाजियाबाद, मुरादाबाद एवं सुल्तानपुर में
स्थित जिला
शिक्षा एवं प्रशिक्षण
संस्थानों द्वारा की जायेगी ।
(ग) जनपद में उपलब्ध कुल रिक्तियों के
सापेक्ष 50 प्रतिशत महिला एवं 50
प्रतिशत पुरूषों का चयन मेरिट के आधार पर
किया जायेगा । उसमें भी 50 प्रतिशत
कला वर्ग के तथा 50 प्रतिशत विज्ञान
वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन निर्धारित
प्रावधानों के अधीन किया जायेगा ।
यदि किसी जनपद में रिक्ति की
संख्या ऐसी है कि उसका महिला/ पुरूष,
विज्ञान/कला में विभाजन सम्भव न हो,
तो महिला/ पुरूष तथा विज्ञान/कला का भेद
न करते हुए, आरक्षण का ध्यान रखते हुये
सर्वोच्च अंकों/मेरिट के अनुसार चयनित
किया जायेगा ।
(घ) उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में
कार्यरत ऐसे शिक्षा मित्र जो चयन हेतु
शैक्षिक एवं अन्य समस्त निर्धारित
अर्हताएं पूर्ण करते हो, उनके लिए 10
प्रतिशत रिक्ति सुरक्षित रखी जाएगी।
इसमें वे शिक्षा मित्र ही आवेदन करने के
पात्र होंगे जिन्होंने शिक्षा मित्र के रूप में
कम से कम तीन शैक्षिक सत्र में निरन्तर
कार्य किया हो तथा अद्यतन कार्यरत हो।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निर्गत
ReplyDeleteएदत्सम्बन्धी अनुभव प्रमाण पत्र उन्हें मूल
रूप में आवेदन पत्र के साथ संलग्न कर
प्रेषित करना अनिवार्य होगा। उनके लिए
जनपद स्तर पर श्रेष्ठता सूची अलग से
बनायी जायेगी। शिक्षा मित्रों के उपलब्ध न
होने पर अन्य अभ्यर्थियों से पद भरे जायेंगें ।
इन 10 प्रतिशत सुरक्षित पदों में 50
प्रतिशत पुरूष एवं 50 प्रतिशत महिलाओं
का चयन किया जायेगा, लेकिन कला एवं
विज्ञान का प्रतिबन्ध नहीं रहेगा । वांछित
संख्या में अभ्यर्थी न मिलने की दशा में
अन्य अभ्यर्थियों का चयन प्रस्तर 8(ग) में
वर्णित
प्रक्रिया के अनुसार किया जायेगा ।
(ड.) अभ्यर्थियों से प्राप्त आवेदन पत्र में,
जो सूचनाएं अंकित होंगी, उन्हीं के आधार पर
श्रेष्ठता सूची तैयार की जायेगी । आवेदन
पत्र के साथ उत्तर प्रदेश शासन
द्वारा आयोजित अध्यापक
पात्रता परीक्षा (कक्षा 1 से 5 के लिए)
उत्तीर्ण का अंकपत्र, हाईस्कूल,
इण्टरमीडिएट, स्नातक परीक्षा एवं
बी0एड0 परीक्षा के अंक पत्र तथा सक्षम
प्राधिकारी द्वारा निर्गत जाति प्रमाण पत्र,
विशेष आरक्षण प्रमाण पत्र की स्व-
प्रमाणित छाया प्रतियां संलग्न की जायेंगी ।
(च) विज्ञापन में आवेदन करने की अन्तिम
ReplyDeleteतिथि तक संबंधित अभ्यर्थी द्वारा समस्त
निर्धारित अर्हताएं पूरी होनी चाहिए ।
(छ) चयनित अभ्यर्थियों के मूल
अभिलेखों का सत्यापन प्राचार्य,
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
सम्बन्धित जनपद
द्वारा अभिलेखों का निर्गमन करने
वाली संस्थाओं से कराया जायेगा। सत्यापन
में भिन्नता पाये जाने की दशा में चयन/जॉच/
नियुक्ति/प्रशिक्षण किसी भी स्तर पर
अभ्यर्थी का अभ्यर्थन निरस्त कर
दिया जायेगा तथा सम्बन्धित अभ्यर्थी के
विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुये विधिक
कार्यवाही की जायेगी । चयनित
अभ्यर्थियों को निर्धारित वेतन रू. 7300/-
प्रति माह देय होगा तथा इन्हें
तैनाती नियमावली 2008 यथा संशोघित
2010 के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में
तैनात किया जायेगा।
9- छः माह का विशेष
प्रशिक्षण:-
जनपदवार विद्यालयों में तैनाती के उपरान्त
निर्धारित संख्या में चरणबद्ध रूप से
श्रेष्ठता के आधार पर (आरक्षण
को दृष्टिगत रखते हुए) बैचवार
अभ्यर्थियों को छः माह के प्रशिक्षण पर
सम्बन्धित जनपद के जिला शिक्षा एवं
प्रशिक्षण संस्थान में भेजा जायेगा, जिसमें
से तीन माह का क्रियात्मक प्रशिक्षण
अभ्यर्थी द्वारा अपने तैनाती वाले विद्यालय
में ही प्राप्त करना होगा ।
10- मौलिक नियुक्ति :-
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद
द्वारा अनुमोदित प्रशिक्षण सफलतापूर्वक
पूर्ण करने के उपरान्त
अभ्यर्थियों की मौलिक
नियुक्ति की कार्यवाही उ0प्र0 अध्यापक
सेवा नियमावली, 1981 एवं बारहवें संशोधन
2011 के प्राविधानों के अन्तर्गत
की जायेगी । राज्य सरकार द्वारा निर्धारित
मानकों/शर्तो को पूर्ण करने वाले
अभ्यर्थियों के चयन पर ही विचार
किया जायेगा । असत्य, त्रुटिपूर्ण
अथवा भ्रामक सूचना/अभिलेख प्रस्तुत
करने वाले अभ्यर्थियों के विरूद्ध विधिक
कार्यवाही की जायेगी ।
नोटः- उपरोक्त विज्ञापन के क्रम में जिन
अभ्यर्थिर्ययों की जिस जनपद हेतु
चयनोपरांत
नियुक्ति की जाएगी उनका अन्तर्जर्ननपदीय
स्थानान्तरण जनदीय संवर्ग होने के कारण
अनुमन्य नहीं होगा।
समस्त जिला बेसिक
शिक्षा अधिकारी
उत्तर प्रदेश
आवेदन पत्र का प्रारूप और जनपदवार
ReplyDeleteरिक्तियों का विवरण निम्नवत है :-
1. मेरठ 12
2. महराजगंज 2500
3. बागपत 100
4. बस्ती 400
5. बुलन्दशहर 195
6. संत कबीर नगर 800
7. गौतमबुद्धनगर 12
8. सिद्धार्थ नगर 2000
9. गाजियाबाद 12
10. झॉसी 50
11. पंचशीलनगर 12
12. ललितपुर 800
13. आगरा 100
14. जालौन 400
15. फिरोजाबाद 48
16. चित्रकूट धाम 250
17. मैनपुरी 100
18. बॉदा 800
19. अलीगढ़ 100
20. महोबा 800
21. एटा 700
22. हमीरपुर 300
23. काशीरामनगर 700
24. फैजाबाद 300
25. हाथरस 300
26. बाराबंकी 400
27. मथुरा 12
28. सुल्तानपुर 1400
29. बरेली 1400
30. छत्रपति साहू जी महराज 12
31. बदायूं 1600
32. अम्बेडकरनगर 500
33. पीलीभीत 1200
34. गोण्डा 4000
35. शाहजहॉपुर 2800
36. बलरामपुर 1700
37. इलाहाबाद 1500
38. बहराइच 3600
39. फतेहपुर 12
40. श्रावस्ती 900
41. प्रतापगढ़ 500
42. मुरादाबाद 900
43. कौशाम्बी 1000
44. भीमनगर 800
45. वाराणसी 100
46. रामपुर 800
47. चन्दौली 1200
48. बिजनौर 200
49. गाजीपुर 2400
50. ज्योतिबाफुलेनगर200
51. जौनपुर 1500
52. कानपुरनगर 12
53. मीरजापुर 1650
54. कानपुरदेहात 50
55. सोनभद्र 1250
56. इटावा 500
57. संतरविदासनगर 800
58. औरैया 12
59. लखनऊ 12
60. फर्रुखाबाद 400
61. हरदोई 3000
62. कन्नौज 400
63. सीतापुर 6000
64. आजमगढ़ 2500
65. रायबरेली 800
66. बलिया 12
67. उन्नाव 700
68. मऊ 200
69. लखीमपुर 6000
70. सहारनपुर 800
71. गोरखपुर 500
72. मुजफरनगर 200
73. देवरिया 800
74. प्रबुद्धनगर 200
75. कुशीनगर 3600
“तन जला चला कर जैसे तैसे रोटियां पकाती है माँ ।।।
ReplyDeleteऔर नादान बच्चे जरा से अचार पर रूठ जाते हैं |”
तरक्की की फसल, हम भी तसल्ली से काट लेते !
ReplyDeleteअगर थोड़े से तलवे, उनके हम भी चाट लेते !!
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हज़ार लोग, हज़ार बातें ...,
सवाल बहुत, जवाब तुम....
Q.1 विश्व का सबसे बड़ा परमाणु उर्जा केंद्र
ReplyDeleteकहाँ है?
Ans. जापान
Q.2 भारतीय रिजर्व बैंक में अब तक कितने गवर्नर
रह चुके हैं?
Ans. 23
Q.3 किशनगंगा हाइड्रो पवार प्रोजेक्ट का सम्बन्ध
भारत के किस राज्य से है?
Ans. जम्मू कश्मीर
Q.4 किस देश ने 2032 तक 40 नए परमाणु
बिजली घर बनाने का लक्ष्य रखा है?
Ans. दक्षिण कोरिया
Q.5 निम्न में से किस राष्ट्र के साथ भारत ने
परमाणु बिजली हेतु करार किया है?
Ans. नामीबि
Q.6 बेईदोउ उपग्रह प्रणाली किस देश से सम्बंधित
है?
Ans. चीन
Q.7 अब तक खोजे गए सबसे अँधेरे ग्रह का नाम
क्या है?
Ans. टीआरईएस-2
Q.8 एन्सिलेड्स किस ग्रह का उपग्रह है?
Ans. शनि
Q.9 निम्नलिखित में से कौन सा देश बाल्टिक
देशों में नहीं है?
Ans. क्रोएशिया
Q.10 ग्रान डोलिना गुफा कहाँ है?
Ans. स्पेन में
Q.11 विश्व पेशेवर स्नूकर सर्किट में प्रथम
भारतीय खिलाडी कौन हैं?
Ans. आदित्य मेहता
Q.12 अन्तरिक्ष में कोई बैक्टीरिया सबसे
ज्यादा कितने दिनों तक जीवत रह सकता है?
Ans. 553
Q.13 स्कीइंग की दुनिया में स्पीडी नाम से किसे
जाना जाता था?
Ans. जेरट पीटरसन
Q.14 पोलोलोड इटोलिया पत्रिका किसने शुरू
की थी?
Ans. बेनिटो मुसोलिनी
Q.15 शास्त्रीय संगीत के बड़हिया घराने के
अग्रदूत के रूप में किन्हें जाना जाता है?
Ans. पंडित श्याम दास मिश्र
Yamraj 14000 loga ne leke ja ro tho
ReplyDeleteRasta me naradji mil ga
Naradji: itna saara log ek saath??
Yamraj: MARCH ending hai bhaaya, target puro karno hai..
खेलने का मन करता है तो - कलमाडी याद आ जाते हैं...
ReplyDeleteपढ़ने का मन करता है तो - आरक्षण याद आ जाता है....
रोने का दिल करता है तो -सोनिया का बटला हाउस वाला आँसू याद
आ जाता है....
सोचता हूँ की पागल हो जाऊं तो-दिग्विजय सिंह याद आ जाते है....
सोचता हूँ की मूह बंद कर के रहूं तो -मनमोहन सिंह याद आ जाते
हैं....
सोचता हूँ की लोगों का सेवा करूँ तो - झूठे भगोड़े कजरी याद आ जाते
हैं...
सोचता हूँ कि कांग्रेस को भूल जाऊं -तो माँ भारती के जख़्म याद आ
जाते है..
और
सोचता हूँ आशा की आखरी किरण तो..
"नरेंद्र मोदी'जी"
याद आते है...!
Every girl deserves someone to remind her that she's beautiful more & more.
ReplyDeleteA relationship with God is the most important relationship you can have. Trust him and everything will always turn out great!
ReplyDeleteपहली बात तो मैं मेरिट को लेकर कोई भी बात नहीं करता हूँ !
ReplyDeleteमेरिट के अलावा मैं सब कुछ बताऊंगा !
मेरिट संबंधी बातें न पूछा करें ।
मैं जो आज 99% सही दावा करूँगा कल मेरा वही दावा 99% गलत हो जाए मैं ऐसा तो एकदम नहीं चाहूँगा ।
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Aye meri zindagi ke humsafar,
Meri dhadkano mein rawani tum se hai....
Teri har khushi se khushi hai meri,
Aur ankhon mein pani tum se hai....
Main pal pal tadapta hoon tere liye,
Meri yeh zindagani tum se hai....
Main har baat sochta hoon tere liye hi,
Mere jazbaat-e -ruhani tum se hai....
Mera naseeb hai ke tum mil gaye mujhe,
Yeh Kudrat ki meharbani tum se hai....
Main tere hi pyar mein pagal hoon,
Meri har ada diwani tum se hai....
Meri har subah tere naam se hoti hai,
Meri har sham diwani tum se hai....
Tum ek umar ki baat karte ho,
Mere to har janam ki kahani tum se hai....!!!
Mïşš ů pari
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was sitting with me.
DEV: You are the 2nd most beautiful , I’ve ever seen
meri wali: Who’s the first ?
DEV: It’s YOU!
When u smile..!
HAR KOI TET MERIT KITNI JAYEGI.?
ReplyDeleteYe janna chahta hai par hakikat to ye hai ki kisi ke pas v aunthentic data nahi hai..hindustan meerut ne result aane ke bad jaha 100 ke upar kul 33308 btaya tha..(jabki uske bad kul 7 bar sansodhan huwa jisme kai logo ke 1 mark se 7 mark tak bdhe hai..(result aane ke turant bad yani sansodhan ke pahle hindustan dwara nikali gayi data ki pramadikta ke vishay me jab tet morcha ke ku6 sadsyo ne hindustan ke beuro chief se phone par bat ki to unhone btaya ki 18 mandal ke result ko hamne 18 logo dwara 18 computer par baithakar check karwaya hai aur 1 mandal me 15 se 40 hajar tak bachche hi pas the(kisi kisi mandal jaise mirzapur aur basti me to 5000 ke karib hi pass the) ab agar inki janch 18 computer dwara alag alag karwai gyi to usme jyada time nai laga..
2) dosto new add ki jo v data acdian dikhakar dara rahe hai unme kai truti hai..1) kisi kisi ka 1 form 2 ya 3 bar show karne se alag alag rank jari hui hai. 2) kafi form fake yani(koi mulayyam name se to koi laden name se hai)
3) in sbke alawa lagbhag 36000 condidate 2012 b.ed wale hai jo ki old add me bahar hai(halaki 2012 b.ed wale bahut kam log 100 ke upar hai jyadatar log 100 ke niche hai)
4) new add me c.tet ko v shamil kiya gya hai jinki anumanit sankhya 20000 ke karib hogi.(c.tet wale v 100 ke upar kam log hoge jyadatar 100 ke niche hai)
3) dosto agar meri ray agar koi mage to mai itna aakada rakh kar aur vicharne ke bad ye sochta hu ki gen ki merit sambhavtah gen 105 tak rahegi.obc 102 ,aur s.c 97 tak rahegi.( jisme female & science ki aur bhi niche maani zaaye )
(ye mera niji vichar hai ,agar kisi ko bura lagta ho to plz sorry) par hakikat ki kadawi ghut ek na ek din to peeni padegi..
jaise aaz akalless sarkar ko peeni pad rahi hai.
thanx
देखिये सीधी सी बात ये हैं कि ......
ReplyDelete● मुझे वाकई फर्क नहीं पड़ता कि मोदी अम्बानी के एजेंट हैं या अडानी के क्यूंकि मुझे विश्वास हैं वो पाकिस्तान के एजेंट नहीं हैं |
● मुझे नहीं मालूम कि मैं मोदी को वोट क्यूँ दूंगा लेकिन मुझे अच्छी तरह मालुम हैं कि मुझे कांग्रेस व AAP को वोट क्यूँ नहीं देना हैं |
● मुझे नहीं मालूम कि मोदी गुजरात के तरह ही देश को चला पायेंगे या नहीं लेकिन ये यकीन हैं कि वो वादे करके 49 दिन में भागेंगे नहीं |
● मुझे ये भी नहीं मालूम कि मोदी हिंदुत्व को आगे ला पायेंगे या नहीं लेकिन इसका यकीन हैं वो इमाम बुखारी व तौकीर रजा जैसों से हाथ नहीं मिलायेंगे |
● मुझे वाकई नहीं मालूम कि कांग्रेस ने क्या-क्या वादे किए हैं लेकिन ये अच्छी तरह मालूम हैं कि मोदी ने कितने वादे निभाए हैं |
● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मोदी के पास 56 इंच का सीना हैं या नहीं लेकिन ये पता हैं कि उनके सीने में 'दम' हैं 'दमा' नहीं |
● मुझे वाकई नहीं मालूम की पीएम बनने के बाद मोदी भारत से छिनी गयी भूमि वापस ले पायेंगे या नहीं पर इतना यकीन हैं कश्मीर उन्हें नहीं दिया जाएगा |
● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मोदी के आने से सीनियर लीडर नाराज़ हो जाए क्यूंकि मुझे यकीन हैं उनके आने से युवा पीढ़ी खुश हो जायेगी |
और अंत में
● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मोदी के पास इतिहास की जानकारी हैं या नहीं क्यूंकि मुझे पक्का यकीन हैं उनके पास भविष्य की तैयारी हैं |
;;;;;;;;;;;;
● ● " कोंग्रेस मुक्त भारत का सपना बुनो … चुनो शान से MODI चुनो " ● ●
राज्य सरकार ने २९ अप्रैल कि डेट पे कोर्ट से
ReplyDeleteउन भर्तियों पर सोच विचारने कि अपील कि है
जिनमे बी.टी.सी/वी.बी.टी.सी. , उर्दू
बी.टी.सी. आदि हैं |
72,८२५ के सन्दर्भ में ये ही साफ़ है कि टेट
मेरिट बनेगी और याचिका ख़ारिज होने से १५
वा रद्द है और जूनियर , उर्दू ये सब फिलहाल
ठन्डे बस्ते में हैं |
देखते हैं कि सरकार क्या करती है
इनपे ????????
ब्बत रही भर्ती कि तो इन्हे ८४ दिन का टाइम
मिला है जिनमे से अगर छुट्टियों के दिन निकाल
दीजिये जाएं तो प्रतिदिन १००० से
ज्यादा भर्तियां करनी पड़ेंगी और अगर ये इसमें
विलंबता दिखाते हैं तो मुश्किल इन्हे ही होगी हमें
नहीं |
दूसरा ये कि २९ अप्रैल कि डेट पर जज साहब
पूछेंगे नहीं कि अब तक प्राइमरी भर्ती के
सन्दर्भ में कहाँ तक पहुंचे हो ?
इसका जवाब देना भारी पड़ जाएगा इन्हे और
इसलिए मेरा ऐसा मानना है कि ज्यादा से
ज्यादा १५ अप्रैल तक जी.अो.
जारी हो जाएगा और जल्दी ही काउंसलिंग स्टार्ट
हो जाएगी |
दिनांक 25-03-14 आइटम NO.3 कोर्ट नं .3 धारा ग्यारह एस यू पी आर ई एम ई सी ओ यू आर टी ओ एफ एन डी माननीय डॉ. न्यायमूर्ति एच. एल दत्तू माननीय न्यायमूर्ति एस.ए. बोबड़े ने सुनवाई किया जिसका आदेश निम्नलिखित ओ आर डी ई आर 2014 के एसएलपी (सी) संख्या 2014 के 1874-1902 और 4887 छोड़ दिया. शीघ्र सुनवाई. इस अंतरिम आदेश के द्वारा, हम उत्तर स्टेट प्रत्यक्ष सहायक के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रदेश में शिक्षक विज्ञापन के अनुसार स्कूलों को जारी 30.11.2011 रूप खंडपीठ के द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार इलाहाबाद शिव कुमार पाठक और के मामले में उच्च न्यायालय अन्य रैंकों. (विशेष अपील 2013 के (दोषपूर्ण) सं 237) और संबंधित मामलों के रूप में 12 के भीतर किसी भी कीमत पर शीघ्र ही संभव सप्ताह का समय से आज. इसके अलावा, नियुक्ति के पत्र में राज्य कि होगा सफल उम्मीदवारों को जारी किया जाएगा उल्लेख है कि उनके नियुक्ति नागरिक के परिणाम के अधीन है अपील की है कि इस न्यायालय के समक्ष लंबित हैं. नियुक्त व्यक्ति (ओं) पर किसी भी इक्विटी दावा नहीं करेगा समय सिविल अपील की अंतिम निपटान की. सभी कार्यों / कार्यवाही राज्य सरकार के अधीन किया जाएगा के अंतिम परिणाम इन सिविल अपील की. SLP (C) नग ... सीसी 4107/14 एवं सीसी 4934/2014 SLPs दायर करने की अनुमति दी जाती है. इस मुद्दे को नोटिस. 2013 की एसएलपी (सी) Nos.29390 साथ टैग. मामलों के बाकी सिविल अपील के साथ सभी मामलों सूची से उत्पन्न विशेष अनुमति याचिका नग 2014 के 1874-1902 के के बाद सेवा पूरा हो गया है ।
ReplyDelete।
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MaNa K HuM AaP sE BaHuT lAdTe HaiN,
MaGaR pYaaR bHi Toh
BaHuT kARtE HaI,
MeRe gUssE kI wAjaH sE nArAz nA hO,
JanA HuM gUssA UpaR sE
aUr pYaaR UnDaR sE kArTe HaIn..
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ReplyDelete।
ReplyDelete।
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"ख्वाब देख तो सही पहले...
उसका पूरा होना, ना होना...
तो बाद की बात है...!"
ये डाक्यूमेंट्स तैयार रख लो भाइयो
ReplyDeleteहाई स्कूल अंकपत्र और सनद
इंटर सनद और अंकपत्र
ग्रेजुएशन तीनो साल की मार्कशीट और डिग्री
टेट मार्कशीट
बीएड मार्कशीट और डिग्री
जाति प्रमाण पत्र(सामान्य जाति को नही देना)
मूल निवास
ncte प्रमाण पत्र
पासपोर्ट साइज़ फोटो
डाक्यूमेंट्स रखने वाली file
चरित्र प्रमाण पत्र
शपथ पत्र
सभी प्रमाण पत्र 3 कॉपी
फोटो 20
अगर कोई प्रमाण पत्र छूट रहा हो तो वो भी तैयार कर लो ॥
हमारे मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया
ReplyDeleteअन्तरिम आदेश टेट मरिट चाहने वाले अभ्यर्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि
१:- यह आदेश नतो उच्च बेन्चो में चैलेन्ज किया जा सकता है
और नाहीं इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जा सकती है।
क्यों की
१:-अन्तरिम का अर्थ होता है जो अन्तिम
न हो अर्थात् अभी सभी मुद्दों पर व्यापक,विस्तृत व अन्तिम फैसला आना शेष है।
अगर यह अन्तरिम आदेश न होता तो
अकल लेश सरकार २माह का समय बीतने के पश्चात् अन्तिम माह में फिर टाइम पास करने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर कर देते ।और अन्त में उच्च बेन्च ।
मगर इस समय इसके पास सिवाय भरती कराने के अलावा कोई चारा नहीं।
मेरी जीत को देख हैरान है लोग।
ReplyDeleteमगर किसी ने मेरे पैरों के छाले नहीं देखे।
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A perfect relationship isn’t actually perfect at all, it consists of two people who NEVER give up on each other despite any hurt or pain.
साथियों हमारी जीत तो चार फरवरी को ही हो चुकी थी 20 नवंबर को उसका अंकपत्र आया था और अब हमारी जीत का अंकपत्र सह प्रमाण पत्र भी आ गया । अब सपने मे भी कोई इस बात से इनकार नही कर सकता कि हम सत्य थे। अब प्रमाणित हो गया है कि जो कुछ सरकार कर रही थी सब कुछ झूठ अन्याय और वोट की राजनीति के सिवाय और कुछ नही था । अब हमारे मुख्यमंत्री जी भी चाहकर भी अपने द्वारा लिए गए फैसले को सही नही ठहरा सकते । अब सरकार के पास अपने 14वें और 15वें संशोधन को कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर निरस्त कर 12 वें संशोधन को बहाल कर उसके आधार पर भर्ती करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नही बचा है । हाँ कुछ देरी करके अपने अधिकारियों को तिहाड़ जेल की यात्रा अवश्य करवा सकते है । जय टेट जय टेट संघर्ष मोर्चा ।
ReplyDeleteत्वरित टिप्पणी -
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट ने आदेश को देखने के बाद आज मैं यह
बात दावे के साथ कह सकता हूं कि जज साहब ने
सरकार को बहुत बुरी तरह फसा दिया है। कोर्ट
का यह कहना कि भर्ती का भविष्य कोर्ट के अंतिम
आदेश पर निर्भर करेगा, मतलब कि सरकार
को जो कहना सुनना है यहीं कोर्ट नंबर 3 मे ही कहें,
कहीं किसी और जगह जाने की जरूरत नहीं है।
एक सरकार 72825 पदो की भर्ती करेगी, जो उसी के
राज्य के लोग रहेंगे, भर्ती करने के बाद एक
निर्वाचित सरकार अपने ही लोगों के खिलाफ
कोर्ट में लड़ेगी? पहले तो यह हवा हवाई
था कि इनका उनका ऐसे या वैसे भर्ती होगी, लेकिन
अब सुनिश्चित रहेगा कि यह सरकार XYZ के खिलाफ
लड़ रही है जिनका नाम पता सब सुनिश्चित है और
इनकी संख्या एक दो नहीं बल्कि 72825 होगी।
सवाल उठता है क्या कोई सरकार इस हद तक जाकर
राजनीतिक आत्महत्या कर सकती है?
सरकार हमारी भर्ती भी करेगी और जहाँ तक
मेरा अनुभव है वो इस लड़ाई को अब यही समाप्त
भी करेगी।
सरकार की सबसे बड़ी मजबूरी है कि कोर्ट ने
भर्ती टालने के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं।
अंतरिम आदेश के शब्द से परेशान न होइये। अंतरिम आदेश
को आगे बढ़ाकर ही अंतिम आदेश दिया जाता है न
कि उसको पलटकर। अब तो ये बात पल्टुआ को भी समझ आ जानी चाहिए ॥
pay attention to.............SC ne sarkar ko fasa
ReplyDeletediya h. 1.Entrim Order ka review pittion nahi hota.
2. Final order se pehle bharti complete hogi.
3.joining ke baad sarkar kuch nahi kar sakti.
4.Tetians ko review pittion or court contempt se
bacha liya kyoki court bhi jante h sarkar 2 saal se
khel kar rahe h. 5.review pittion 1 month k ander
hi ho sakti h uske baad nahi ye un logo ke liye Jo
bol rahe h ki 3 months ka time hota h.
6. Abhi
case chale h 500 crore rupee bhi to vapas lene h.
7. Kapil per 10 lakh ka jurmana abhi baki h. Game
chalu h dosto. Jai tet
Gen male sci. 105+
ReplyDeleteObc male sci 100+
sc male sci. 90+
st male sci all candidt.
Gen male art 103+
obc male art 98+
Sc male art 90+
st all candidt
gen female sci 103+
obc female sci 98+
sc female sci all candidate
st female sc all candidt
gen female art 100+
obc female art 95+
sc female art 86+
st female art all candidt.
ph orthopdk 96+
ph Hearing impaird 92+
ph visual impaired 90+
upar likhe tet cutof me 2 numbr kam or 3 num jyada b ho sakte hai har cat k.
ReplyDeleteagr male, female, sci, art cota alag alag rha or 10% sikshamitra b shamil hue to.
kyoki old add me aisa he tha.
jyada jankari k lia old add ka G.O. Pade.
gen male sci or gen male art me jyada galakat jung hoge. Kyoki obc sc st k hgh mert wale gen me aa jayge.
is karan gen male candidt 110 se kam hai to jyada sure na ho.
gen feml art sci ki mrit male se kam hoge
बस एक बार निकाल दो इस इश्क से ऐ खुदा ,
ReplyDeleteफिर जब तक जियेंगे कोई खता न करेंगे ...
जीवन में किसी का भला करोगे, तो लाभ होगा क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है ।
ReplyDeleteऔर
जीवन में किसी पर दया करोगे, तो वो जीवन भर आपको याद करेगा क्योंकि दया का उल्टा याद होता है ।