Central Government Decided to Increase Salary of KGBV Teachers
Kasturba Gandhi Balika Vidhyalaya News
लखनऊ : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों का मानदेय बढ़ा दिया गया है। जहां वार्डेन को 11,000 से 25,000 रुपये फुल टाइम शिक्षक को 92,00 से 20,000 रुपये दिया जाएगा, वहीं पार्ट टाइम शिक्षकों का मानदेय 72,00 से घटाकर 5,000 रुपये किया गया है।
कस्तूरबा बालिका िवद्यालयों में बढ़ा मानदेय
वार्डेन को
25,000 व फुल टाइम टीचरों को िमलेगा 20,000 महीना
लखनऊ। केंद्र सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय किया है। अब वार्डेन को 25,000 रुपये और फुल टाइम शिक्षक को 20,000 रुपये दिया जाएगा, वहीं पार्ट टाइम शिक्षकों का मानदेय 72,00 से घटाकर 5,000 रुपये करने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा केजीबीवी में कार्यरत अन्य सभी कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनु सचिव मनजीत कुमार ने इस संबंध में राज्यों को आदेश भेज दिए हैं। बढ़ा मानदेय एक अप्रैल से प्रभावी माना जाएगा।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल जाने से वंचित छात्राओं को कक्षा 6 से 8 तक मुफ्त शिक्षा देने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोले गए हैं। उत्तर प्रदेश में 746 स्कूल खुले हुए हैं। इन स्कूलों में छात्राओं को मुफ्त शिक्षा देने के साथ रहने व खाने की व्यवस्था भी की जाती है। स्कूल संचालन के लिए संविदा के आधार पर शिक्षकों व कर्मचारियों को रखा जाता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इनके शिक्षकों व कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय किया है।
नई व्यवस्था के तहत वार्डेन 11,000 से 25,000 रुपये, फुल टाइम टीचर 92,00 से 20,000, पार्ट टाइम टीचर 72,00 से 5,000, लेखाकार 6,000 से 10,000, मुख्य रसोइया 46,00 से 6,000, सहायक रसोइया 32,00 से 45,00, चपरासी 32,00 से 55,00 तथा चौकीदार को 32,00 से 55,00 रुपये दिए जाने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा हर माह प्रति छात्रा की दर से रख-रखाव मद में दी जाने वाली राशि 900 से 1500, प्रति छात्रा स्टाइपेंड 50 से 100 रुपये करने का निर्णय किया गया है
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (31.03.2013)
सभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
ReplyDeleteटेटवीरों,
बहादुर कौम फ़तेह का जश्न फ़ख्र और बुलंदी के साथ मनाती है जबकि कायरों की जमात हमेशा दोयम दर्जे पर ही मुकाम पाती है, जिस इन्कलाब और रुतबे के साथ टेटवीर इस मैदान-ए-जंग में उतरे थे उसी जज्बे के साथ उन्होंने दुश्मनों से लोहा भी लिया और लाख रुसवाइयों के बावजूद नामुराद दुश्मन को नेस्तनाबूद करते हुए फ़तेह का परचम भी लहराया। आज जब हम जंग-ए-इन्साफ में अपना रूतबा बुलंद कर चुके हैं और एक तानाशाह सल्तनत के बरखिलाफ अपना इकबाल भी बुलंद कर चुके हैं तब हमारे कुछ टेट सिपाही हौसला खो बैठे हैं और बिलावजह अपनी फ़तेह को शक के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। मैं अपने उन भाइयों से बस इतना ही कहना चाहूँगा की टेट मेरिट की सरपरस्ती में हमने मिलकर सपा सल्तनत के दांत खट्टे किये, उनके हर एक वार का मुंहतोड़ जवाब दिया यहाँ तक की हमारे हौसले और बुलंद रुतबे के मुस्तकबिल उनकी रूहें फना हो गयीं तब आज इस तरह की कायरता दिखाने का भला क्या मकसद हो सकता है ?? मेरे जाँबाज़ सिपहसालारों, टेट मेरिट की आबरू के पासवां बनकर हमने जो ख़्वाब सजाये थे अब उन्हें पूरा करने का वक्त आ गया है। उपरवाला गवाह है की एक मकबूल सल्तनत के बरखिलाफ चंद जिंदादिल नौजवानों का ये बगावती तेवर और जूझ पड़ने का हौसला सदियों तक मिसाल कायम रखेगा। दहशत के दौर में भी जिस बेमिसाल बहादुरी और जज्बे के साथ हमारे जंगजू सिपाही भिड़े और जिस सरफ़रोश जूनून के साथ हमने दुश्मन को नेस्तानाबूद किया वो आने वाले दौर में मिलना शायद नामुमकिन होगा। मुझे इस बात का भी फ़ख्र रहेगा की लाख नाकाबिल-ए-बर्दाश्त जुल्मो के बावजूद मेरे टेट सिपाही अपने मोर्चे पर डटे रहे और अपनी आखिरी साँस और लहू की अंतिम बूँद तक दुश्मनों को छठी का दूध याद दिलाया। आज निरहुआ का सर फख्र से ऊँचा हो उठा है की उसे ऐसे जाँबाज और जंगजू सिपाहियों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर लड़ने का मौका मिला, आप लोगों के साथ मिलकर इस जंग में शिरकत करना मेरी जिन्दगी के कुछ नायाब पलों में से एक है। अंत में बस इतना और कहूँगा की जाबर चाहे जितना जोर लगा ले, मकबूलियत में डूबी सल्तनत चाहे पुरजोर कोशिश कर ले, टेट मेरिट के दुश्मन चाहे कितनी ही साजिशें रच लें,,,,,जब तक हमारा एक भी टेट सिपाही अपनी कमान थामे मुकाबले पर मौजूद रहेगा तब तक दुश्मन टेट मेरिट का बाल भी बाँका नहीं कर पायेगा।
मेरे जंगी साथियों, याद करो की तुम ही राणा के वंशज हो,तुम ही हमीद की औलाद हो, तुम्हारे लहू में भी वही रवानी है जो कभी अशफाक और भगत सिंह में हुआ करती थी,,, इसलिए अकेडमिक योद्धाओं और इस सिरफिरी सल्तनत की किसी भी धमकी से डरने या पीछे हटने की बजाय अपना सीना ठोंक के वहीं ललकार पड़ो क्योंकि मैं ताल ठोंक कर कहता हूँ की " टेट मेरिट कल भी विजेता थी, आज भी अपराजेय है और कल भी अपनी फ़तेह मुहरबंद करेगी" ।
" वक्त है अभी भी सम्हल जाओ ए अकेडमिक और सपा वालों
वरना कल को तुम्हारी दास्ताँ तक ना होगी दुनिया की दास्तानों में"..
Tet yoddha badhai ke patra hain
Deleteउमाशंकरजी अगर आप मुझसे नाराज हैं तो मेरे प्रश्न का जवाब नहीं देना और यदि नाराज नहीं हैं तो कृपया करके जवाब अवश्य देना। उमाशंकरजी मैं जानना चाहता हूँ कि मायावती के समय में जो फॉर्म भरे गए थे, उसमें से कई फॉर्म वापस आ गए थे। मेरे 35 में से 09 फॉर्म वापस आये थे, उनका क्या होगा। मेरा दोस्त जो कि फिरोजाबाद का रहने वाला है, उसने 45 जगह से भरा था, उसके 25 फॉर्म वापस आ गए थे। ऐसा और भी कई जिलों में हुआ था, ना जाने कितने लोगों के फॉर्म डाकघर वालों की लापरवाही से सम्बंधित डायट तक समय से नहीं पहुँचे और डायट ने उन्हें लौटा दिया था। उमाशंकरजी इस बारे में भी कुछ बतायें, अब आगे क्या होगा। प्लीज जवाब अवश्य दीजिएगा।
ReplyDeleteएक तो पता नही तुम लोग कहाँ रहते हो
ReplyDelete1-अरे जिनके बी एड की मार्कशीट पर नवंबर 2011 की तारीख के बाद की तारीख पड़ी है !
चाहे भले उसने सत्र 2010-11 मे किया हो !
2- जिन लोगों ने मायावती के समय मे आवेदन नही किया था ।
3- या फिर जिनके अंक बाद मे 82 हुए हैं !
ऐसे लोग बाहर हैं !
जिन लोगों ने पैसा वापस ले लिया है या फिर आवेदन वापस आ गया है उनके लिए कोई न कोई सूचना सरकार की ओर से आना बाकी है !
मैं
ReplyDeleteब्लाग
पर
.
.
सचिव से मिले टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी
वाली खबर पर हूँ ॥
अब
ReplyDeleteआप
लोग
_________________________
एक पद को छह सौ आवेदन
_________________________
वाली
खबर
पर
आ
जाएँ
लेकिन
केवल
पढ़ने
के
लिए
अगर
आपको
लिखने
का
जादा
मन
हो
रहा
है
तो
यहीं
पर
बने
रहो
क्योँकि
मेरी
हमेशा
से
यही कोशिश रहती है कि मैं आपके सभी सवालों का अंत कर सकूँ लेकिन आप लोग हो कि आप लोग कुछ समझना ही नही चाहते हो ! सब वही घिसे पिटे सवाल ! मेरा होगा कि नही
मेरिट कहाँ तक जाएगी
मेरे डाक वापस
मेरा पैसा वापस
मैने तो बी एड अब किया तब किया था मेरा होगा कि नहीं