Village Development Officer (VDO) Recruitment : वीडीओ भर्ती ः यहां भी तो है वेटेज की विसंगति
लखनऊ। राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए परास्नातक अंकों का वेटेज खत्म कर दिया गया। पर, ऐसी ही विसंगति ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) भर्ती में है। वीडीओ में स्नातक के अंकों का वेटेज दिए जाने का प्रावधान है। ऐसे में इसको लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
राज्य कैबिनेट ने बुधवार को राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) नियमावली 1983 में संशोधन को मंजूरी दे दी। इसमें अन्य संशोधनों के साथ परास्नातक में प्राप्त अंकों के आधार पर वेटेज देने की व्यवस्था भी खत्म कर दी गई। पीजी में प्रथम श्रेणी पर 15, द्वितीय पर 10 और तृतीय पर 5 अंक का अतिरिक्त वेटेज देने की व्यवस्था थी। तर्क ये दिया गया कि अच्छे अंक के बावजूद स्नातक अपनी ही योग्यता वाली नौकरी से बाहर हो जाते हैं।
कुछ ऐसे ही हालात ग्राम्य विकास विभाग में होने वाली वीडीओ भर्ती को लेकर भी है। वीडीओ के लिए शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट (कृषि/ विज्ञान) या समकक्ष मानी गई है। डोएक का सीसीसी सर्टिफिकेट भी अनिवार्य है। मगर जब मेरिट बनाने की बात आई तो नियमावली में जोड़ दिया गया कि इंटरमीडिएट के साथ स्नातक के प्राप्तांकों, छंटनीशुदा लोगों व खेलकूद प्रमाणपत्रों के आधार पर मेरिट बनाई जाएगी।
एक सवाल का जवाब नहीं, दूसरा खड़ा सामने
सूबे में अगस्त से वीडीओ के 3000 से अधिक पदों पर भर्ती की कार्यवाही चल रही है। आवेदन भी लिए जा चुके हैं। मगर बीच कार्मिक विभाग के समूह ‘ग’ की नियमावली में संशोधन कर देने से ग्राम्य विकास विभाग ने आगे की कार्यवाही स्थगित कर दी। शासन ने समूह ‘ग’ की भर्तियों में लिखित परीक्षा की व्यवस्था कर दी है। अब ग्राम्य विकास विभाग ने कार्मिक विभाग से पूछा है कि वह अपने यहां शुरू की गई भर्तियों की कार्यवाही किस तरह आगे बढ़ाए? वह विज्ञापन के आधार पर ही भर्ती करे या लिखित परीक्षा के आधार पर भर्ती करानी होगी। कार्मिक विभाग से अभी इस सवाल का जवाब ग्राम्य विकास विभाग को नहीं मिला इसी बीच शिक्षक भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन कर वेटेज खत्म करने के बाद दूसरा सवाल खड़ा हो गया है
News Source / Sabhaar : अमर उजाला (02.02.2014)
लखनऊ। राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए परास्नातक अंकों का वेटेज खत्म कर दिया गया। पर, ऐसी ही विसंगति ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) भर्ती में है। वीडीओ में स्नातक के अंकों का वेटेज दिए जाने का प्रावधान है। ऐसे में इसको लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
राज्य कैबिनेट ने बुधवार को राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) नियमावली 1983 में संशोधन को मंजूरी दे दी। इसमें अन्य संशोधनों के साथ परास्नातक में प्राप्त अंकों के आधार पर वेटेज देने की व्यवस्था भी खत्म कर दी गई। पीजी में प्रथम श्रेणी पर 15, द्वितीय पर 10 और तृतीय पर 5 अंक का अतिरिक्त वेटेज देने की व्यवस्था थी। तर्क ये दिया गया कि अच्छे अंक के बावजूद स्नातक अपनी ही योग्यता वाली नौकरी से बाहर हो जाते हैं।
कुछ ऐसे ही हालात ग्राम्य विकास विभाग में होने वाली वीडीओ भर्ती को लेकर भी है। वीडीओ के लिए शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट (कृषि/ विज्ञान) या समकक्ष मानी गई है। डोएक का सीसीसी सर्टिफिकेट भी अनिवार्य है। मगर जब मेरिट बनाने की बात आई तो नियमावली में जोड़ दिया गया कि इंटरमीडिएट के साथ स्नातक के प्राप्तांकों, छंटनीशुदा लोगों व खेलकूद प्रमाणपत्रों के आधार पर मेरिट बनाई जाएगी।
एक सवाल का जवाब नहीं, दूसरा खड़ा सामने
सूबे में अगस्त से वीडीओ के 3000 से अधिक पदों पर भर्ती की कार्यवाही चल रही है। आवेदन भी लिए जा चुके हैं। मगर बीच कार्मिक विभाग के समूह ‘ग’ की नियमावली में संशोधन कर देने से ग्राम्य विकास विभाग ने आगे की कार्यवाही स्थगित कर दी। शासन ने समूह ‘ग’ की भर्तियों में लिखित परीक्षा की व्यवस्था कर दी है। अब ग्राम्य विकास विभाग ने कार्मिक विभाग से पूछा है कि वह अपने यहां शुरू की गई भर्तियों की कार्यवाही किस तरह आगे बढ़ाए? वह विज्ञापन के आधार पर ही भर्ती करे या लिखित परीक्षा के आधार पर भर्ती करानी होगी। कार्मिक विभाग से अभी इस सवाल का जवाब ग्राम्य विकास विभाग को नहीं मिला इसी बीच शिक्षक भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन कर वेटेज खत्म करने के बाद दूसरा सवाल खड़ा हो गया है
News Source / Sabhaar : अमर उजाला (02.02.2014)