The study focussed on three aspects of school education: (a) The implications of the Right to Education Act (RTE) vis-à-vis Sarva Shiksha Abhiyan (SSA) /Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan (RMSA); (b) The administrative set up and governance structure of school education; and (c) The delivery mechanism and in-class transactions in schools.
Information Source : http://www.teindia.nic.in/Files/Reports/CCR/IIM_report_sedWB.pdf
टीईटी मेरिट पर नहीं होगी शिक्षकों की भर्ती
ReplyDeleteलखनऊ। यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए मायावती सरकार द्वारा किए गए एक और महत्वपूर्ण निर्णय को पलटने की तैयारी है। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) मेरिट के आधार पर न करके शैक्षणिक मेरिट के आधार पर पूर्व की तरह ही किया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली को संशोधित किया जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा सुशील कुमार ने मंगलवार को विभागीय अधिकारियों के साथ पहली बैठक में इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य किया है। एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया है कि यह पात्रता परीक्षा होगी। इसे पास करने वाला ही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकता है।
Ze itna asan nahi hoga.gov acd par itna jor de rahi hai kyon?nakalchion ki sarkar.ye bharti court se hi hogi.ye anaye hai.niyamavali main change process ke bitch main kara to court jayenge.
ReplyDeletebas b.ed. tet pass walo ki bharti ho chahe jaise bhi ho are bhai agar hamara na hua to kya hua kisika to hoga plz aap log tang na ladaye balki ye mang kare ki jitne bhi tet pass student hai sabko job di jai karan tet ki degree 5 years ke lia hai to jo bhi bharti ho tet pass ki ho aur satra wise tet pass walo ki hi bharti ho
ReplyDeleteye bharti agar tet merit k adhar par nahi hui to mai court jaunga.
ReplyDeleteशिक्षक भर्ती प्रक्रिया हो सकती है निरस्त
ReplyDeleteलखनऊ, 28 मार्च (जागरण ब्यूरो) : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के सिलसिले में लंबित चयन प्रक्रिया निरस्त की जा सकती है। शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर होने से इसकी शुचिता तार-तार हो चुकी है। ऐसे में शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के बीच शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के बारे में सहमति बनी है। सूत्रों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया को रद करने के बारे में बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा गया है। भर्ती प्रक्रिया को रद करने के बाद नए सिरे से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी की मेरिट को ही चयन का आधार बनाने के बसपा सरकार के निर्णय को भी बदला जाना तय है। शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच विचार विमर्श में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने पर सहमति बनी है। एनसीटीई की अधिसूचना के मुताबिक इन 72,825 पदों पर बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों की नियुक्ति एक जनवरी 2012 तक हो जानी चाहिए थी जो कि न हो सकी। शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार उजागर होने से बेसिक शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी हो चुकी है। इस मुद्दे पर कई महीनों से गतिरोध व अनिर्णय की स्थिति बने रहने से अभ्यर्थी भी संशय और दुविधा का सामना कर रहे हैं। यह भी माना जा रहा है कि बसपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार के जो दाग लगे हैं, नई सरकार उससे दामन दागदार नहीं करना चाहेगी। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्यवाही करने का मन बनाया है। -8445538281, 9759478809 Mathura
चयन प्रक्रिया संशोधित करने की गुहार
ReplyDeleteलखनऊ, 28 मार्च (संसू): बीते काफी समय से प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की भर्ती एकेडमिक मेरिट सूची के आधार पर हो रही थी, इसी प्रक्रिया को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदेश विशिष्ट बीटीसी संघर्ष मोर्चा ने बुधवार को विधान भवन के सामने धरना दिया। उन्होंने प्रदेश सरकार से प्राथमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को संशोधित करने की मांग की। प्रदेशभर से जुटे विशिष्ट बीटीसी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने नारेबाजी की और प्रदेश सरकार से गुहार की कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाई जाए क्योंकि विज्ञापन के अनुसार यह परीक्षा पास करना प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए जरूरी था, इस आधार पर चयन नहीं होना था। परीक्षा के चार दिन पहले प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके टीईटी को पात्रता परीक्षा नहीं, चयन प्रक्रिया का आधार बना दिया। आखिर यह संशोधन आनन फानन क्यों किया गया? इस प्रकार से टीईटी मेरिट के आधार पर अध्यापकों का चयन किया जाना गलत है और आवेदकों के साथ धोखा। राज्य सरकार दे सकती है भारांक : धरना दे रहे युवकों ने एनसीटीई के सचिव विक्रम सहाय की तरफ से 11 फरवरी 2011 को जारी निर्देश का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार चाहे तो शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंकों का भारांक दे सकती है, किंतु शिक्षक पात्रता परीक्षा को शिक्षक चयन प्रक्रिया का आधार नहीं बनाएगी। युवकों ने प्रदेश सरकार से मांग की कि वे पूर्व की तरह ही एकेडमिक मेरिट के आधार पर ही प्राथमिक स्तर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया बहाल करे। टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा ही बनाए रखा जाए न कि चयन परीक्षा।