..तो जल्द होंगे एचटेट
(HTET 2012 - Haryana Taecher Eligibility Test : New HTET Exam will be soon)
भिवानी, मुख्य संवाददाता : हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा में फेल या वंचित रहने वाले प्रदेश के लाखों उम्मीदवारों को जल्द ही दोबारा मौका मिलेगा। प्रदेश सरकार इस बार जल्द ही एचटेट करवाने की तैयारी कर रही है। साल में एक बार होने वाला यह टेस्ट इस बार पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से पहले करवाने की तैयारी चल रही है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इस प्रक्रिया में अधिक से अधिक उम्मीदवार शामिल हों, इसके लिए एक बार फिर से सरकार एचटेट जल्द से जल्द करवाने की तैयारी में जुटी हुई है। इसके लिए शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों को हिदायत जारी कर दी गई हैं। इस संबंध में दो दिन बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और नई समय सारिणी बनाई जाएगी। इससे पूर्व शिक्षा बोर्ड प्रशासन एचटेट जून व जुलाई माह में करवाने की तैयारी कर रहा था। लेकिन अब यह टेस्ट मई के अंतिम सप्ताह या जून माह के प्रथम सप्ताह में करवाया जा सकता है। यहां बता दें कि बगैर एचटेट सर्टिफिकेट के कोई भी उम्मीदवार शिक्षक भर्ती में नहीं आवेदन कर सकता है। नवंबर 2011 में संपन्न हुए एचटेट में प्रदेश के लगभग पांच लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था और करीब साढ़े चार लाख उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठे थे। लेकिन इनमें से करीब साढ़े तीन लाख उम्मीदवार फेल हो गए थे। लेकिन शिक्षा बोर्ड प्रशासन अब फेल होने वाले व नए उम्मीदवारों को एक बार फिर से एचटेट में बैठने का मौका देने जा रहा है।
News : Jagran (29.3.12)
muskan hi, apse ek jaankari chahiye,
ReplyDeleteuppcl me tg2 post (2970 post) ka interview ho chuka tha dec.2011 me ,kya aap pata kar sakti h ki final result kab tak aane ki sambhawana h pls do something and reply me on my email ac
i m waiting
ReplyDeleteटीईटी संघर्ष मोर्चा के
ReplyDeleteकार्यकर्ता अनशन पर उतारू
द्वारा: जेएनआई डेस्क - March 29
2012
फर्रुखाबादः टीईटी मोर्चा की प्रांतीय
कार्यकारिणी द्वारा कल सुबह से
अनिश्चितकालीन अनशन लखनऊ में दारूल
सफा विधानसभा में शुरू हो
रहा है।
टीईटी कार्यकर्ताओं ने सरकार
को अपनी मांगों को मनवाने के लिए यह
कदम उठाया है। टीईटी संघर्ष
मोर्चा के अध्यक्ष के अनुसार जब तक
मांगें नहीं मानी जाती अनशन
जारी रहेगा।
पिछले कई महीनों से बसपा सरकार के
ReplyDeleteभ्रष्टाचार की भेंट
चढ़ी टीईटी उत्तीर्ण
शिक्षकों की भर्ती अब
समाजवादी पार्टी के लिए भी बबाले
जान बनती दिख रही है। अब
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी लखनऊ में कल
सुबह से अनशन शुरू कर रहे हैं।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष
राकेश बाजपेयी ने बताया कि जिले के
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी कल सांय
पांच बजे की ट्रेन से फतेहगढ़ स्टेशन से
लखनऊ के लिए रवाना होंगे। उन्होंने
बताया कि जब तक टीईटी उत्तीर्ण
अभ्यर्थियों की मांगें
नहीं मानी जायेंगी तब तक वे लोग
सरकार के खिलाफ अनशन जारी रखेंगे।
जनपद से लखनऊ अनशन में शामिल होने के
लिए जाने वाले टीईटी उत्तीर्ण
अभ्यर्थियों में सुरेन्द्र राजपूत,
कैलाशचन्द्र, निखिल शाक्य, अतुल
द्विवेदी, नीरज दीक्षित, रवीन्द्र
दिवाकर, नीरज कुशवाह, संदीप सिंह,
अनिल कश्यप, सतीश पाण्डेय
आदि शामिल हैं।
@blog editor
ReplyDeleteabhishek kant ne jo patna high court ke adesh ke bare me kaha hai ki niyukti pahle purane vigyapan ke adhar par honi chahiye...kya aap ye bata sakti hai ki purana vigyapan kyo nirast kiya gaya tha,kyoki agar u.p.govt. vigyapan nirast karne ke solid evidence court me rakhti hai to court bhi govt.ke favour me hi decision degi
purana vigyapan radd nahi kiya gaya tha..nitish ki sarkar banane pe unhone naya vigyapan nikal kar bharti shuru kar diya tha jabki purana vigyapan pe koi karyavahi nahi ki gai thi.to purane vigyapan k tahat avedan karne wale log court chale gaye ki pahle purane vigyapan ki niyukti ho fir naye vigyapan ki.high court me bachche case har gaye lekin supreme courte se bachche jeet gaye..
DeleteOK
ReplyDeleteC.m. Sahib ke liye sochne vali baat acd. Ke dharne me kuchh log tet merit ke dharne me lkn jaam.TET MERIT SE VOTE JYADA MILENGE.
ReplyDeleteJis karan se vigyapan radd kiya ja raha hai to us karan ko kaise chhor diya jayega, matlab tet bhi radd hogi. sp aur bsp dono dwesh ke karan ek dusre ke decision palatte hai.abki bar court me inse har ek candidate k liye 5 lakh harzana manga jaye.
ReplyDeleteBREAKING NEWS
ReplyDeleteT.E.T. KI MERIT BANEGI
WE WILL WON
. Mar
ReplyDeletevalid reason kya hai.
टीईटी उत्तीर्ण आज से अनशन पर
ReplyDeleteलखनऊ, 29 मार्च (जागरण संवाददाता) : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थी अब आमरण अनशन करने को बाध्य हो गए हैं। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघर्ष मोर्चा की गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक इस पक्ष में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हो जाता। गौरतलब है कि अभ्यर्थी टीईटी निरस्त होने की आशंका के चलते आंदोलनरत हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि टीईटी में हुए घोटाले की गाज निर्दोष अभ्यर्थियों पर गिराना ठीक नहीं हैं। हालांकि मामला अभी कोर्ट में लंबित है। शिक्षक बनने के लिए इस वर्ष से अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता कर दी गई है। हालांकि परीक्षा का आयोजन शुरुआत से ही विवादों में रहा। परीक्षा परिणाम में संशोधन के नाम पर की गई धांधली में कई अधिकारियों को कार्रवाई की गई। बड़े स्तर पर हुई धांधली के कारण इस परीक्षा के निरस्त होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि इस आशंका से टीईटी पास अभ्यर्थियों की उम्मीदों को तोड़ दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि धांधली में उनका क्यो दोष? उन्होंने परीक्षा पास की है, परिणाम निकला है तो नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की जाए। इसी मांग की को लेकर प्रदेश भर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी राजधानी में पुलिस की लाठी भी खा चुके हैं। अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मिले लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला। गुरुवार को टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। इसमें विधानभवन के सामने धरनास्थल पर आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया है। अनशन शुक्रवार से शुरू होगा। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के एसके पाठक और नितिन मेहता ने बताया कि अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश सरकार यह घोषणा नहीं करती कि टीईटी को रद नहीं किया जाएगा। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया 30 नवंबर 2011 की विज्ञप्ति के अनुसार होगी। चयन का आधार टीईटी प्राप्तांक की मेरिट ही रखा जाए। बैठक में विवेकानंद, विवेक मिश्र, विजय सिंह तोमर व अन्य उपस्थित रहे।
baruta ji majak kar rhe hai kya
ReplyDeleteHello! Dear Friends
ReplyDeleteU.P. me hamesha se hi koi sahi niti nahi rahi hai. Yahan ki politics parties ne keval apna ullu sidha kiya hai.
Iss teachers recruitment process me anek age group ke log samil hain aur jisme hamare weh dost bhi hain jo about 40 years hain aur bahut samay se keval merit par chayan ke karan unka selection nahi ho paya hai.
Doston! Isme unka kya dosh hai ki unke samay (1990's) par board exams me % bahut low rehti thi. Pehli baar unhe bhi selection hone ki poori aashaye thi.
Doston! Ye hamare un sabhi bhaiyon ke liye aakhiri mauka tha aur unke pariwaar ke liye bhi. Hamare under 25 years candidates ke liye aage aur bhi mauke aayenge.
Mere toh personaly yahi manna hai ki kisi bhi recruitment ka aadhaar ek common exam hi hona chahiye jo sabhi ko saman avsar deta hai.
Iss recruitment basic shiksha vibagh ko poori karni hai aur yeh un par hi nirbhar karta hai ki weh kaise iss bharti ko karte hain.
Basic Shiksha Vibagh ko iss baat par sochna chahiye.
Doston! Ya toh Basic shiksha Vibagh ko hamare sabhi under age of 40 bhaiyon ke liye bhi sochna chahiye ya phir applicants ki age 25 years kar deni chahiye. Lekin yeh hamare under 40 years age group ke doston ke sath thik nahi hoga.
Doston! Kisi bhi recruitment process me sabhi ko saman avsar milna chahiye.
What is your opinion about it.
Plz...Make a Comment, Thanks!
VERY GOOD i am at lko.
ReplyDeleteyaad karo wo 20 march .aaj waisa hi mahol phir banega.hame lathi-goli ki fikr nahi hai.hum to apna kam kar rahe hai.acd. supporter bas ghar pe baithkar naukari pana chahte hai.dekh lo you tube par UPTET LUCKNOW AANDOLAN type kar k ki kitne bhai hamlogo k sath hai.yakin mano dekh k phat jayegi.
ReplyDelete@Bhram prakash ji ishwar kare ki aaj govt. Ka rukh badal jaye.aur process jaldi suru ho.
ReplyDeletewish u ll the best .....
ReplyDeleteplz koi article ya comment jo sarkar ki ankh khole use mere id pe post kare mai news paper mai chapwana chahta hu plz mail me uptet@india.com http://uptet.jagranjunction.com
ReplyDeleteएक नजर अगर हम अगर उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूल मे डालते है तो पता चलता है की कुल २ लाख से भी जयादा अध्यापकों की ज़रूरत है अप्रैल २०१३ तक. अगर ७२८२५ अद्यापक की नियोक्ति करते भी है चाहे वो मेरिट के आधार पर हो या अकादमिक तो ट्रेनिंग करने मे छह महिना और ज्वाइन करते करते अप्रैल २०१३ तक प्राइमरी स्कूल मे क्लास मे अध्यापक नहीं होंगे. इसका सिर्फ एक रास्ता है की ७२८२५ सीट को बढ़ा कर दोंगना कर दी जाए. अगर सीट बढ़ा कर १,५०००० (ढेड लाख ) होती है तो दोनों को फायदा होगा और उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला जन हित मे होगा क्योंकि अगर प्राईमरी शिक्षा कमजोर होती है तो उस बच्चे का मन पढाई मे दुबारा लगाना नामुमकिन होता है. दोस्तों मेरी यह अपील है की आप सभी लोग सीट बढ़ाने की मांग करो. जल्द ही हम लोग कोर्ट मे यह बात उठाने जा रहे है .... आप का साथी आनंद यादव (इलाहाबाद)
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