विषय: FREE LEGAL AID FOR FILING CASE IN SUPREME COURT FOR UP PRIMARY TEACHERS RECRUITMENT ISSUE
ध्यान दें कि आप लोगों में से तमाम भाई या बहन चाहें तो बिना खर्च के ---
१. आप सुप्रीम कोर्ट में अपने साथ हो रहे अन्याय को खुद उठा सकते हैं.
२. एक समूह के रूप में सुप्रीम कोर्ट में जाकर अपने साथ हो रहे अन्याय की शिकायत कर सकते है.
३. आप सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश में सरकार के कदमों से शिक्षा के अधिकार अधिनियम, २०१० के उद्देश्यों की पूर्ति में पड़ने वाली बाधा और प्रदेश के लाखों बच्चों को मिले शिक्षा के संवैधानिक अधिकारों के होने वाले हनन का मुद्दा उठा सकते हैं.
४. आप सुप्रीम कोर्ट के जरिये उत्तर प्रदेश सरकार से यह पूछ सकते हैं कि "निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, २००९' की धारा ३८ के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग करते हुए उक्त अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन से जब उत्तर प्रदेश शासन (शिक्षा अनुभाग-५) द्वारा अधिसूचना स. २५१०/७९-५-२०११-२९/२००९ दिनांक २७ जुलाई २०११ द्वारा "उत्तर प्रदेश निशुल और बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली. २०११" को अधिसूचित कर दिया गया तो फिर इसके लिए पर्याप्त और सुनियोजित कार्यवाही क्यूँ नहीं की जा रही? यदि की जा रही है तो उसका विवरण दिया जाये.
५. आप सुप्रीम कोर्ट के जरिये केंद्र सरकार से पूछ सकते हैं कि "निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, २००९' की धारा ३८ के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग करते हुए उक्त अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन से जब उत्तर प्रदेश शासन (शिक्षा अनुभाग-५) द्वारा अधिसूचना स. २५१०/७९-५-२०११-२९/२००९ दिनांक २७ जुलाई २०११ द्वारा "उत्तर प्रदेश निशुल और बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली. २०११" को अधिसूचित करने के उपरांत भी फिर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिनियम के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कदम न उठाये जाने पर भी केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश सरकार को अधिनियम में दिए गए अधिकारों के अंतर्गत दिशा निर्देश क्यूँ नहीं दे रही है?
६. अपने किसी करीबी वकील से सलाह-मशवरा करके उचित आधार पर, उचित रूप में याचिका दायर कर सकते हैं.
७. अनुसूची जाति/जनजाति, महिला, एवं विकलांग व १२५०००/- से कम वार्षिक आय वाले लोग, इनमे से एक, एक से अधिक या सभी शर्तें पूरी करने वाले भाई-बहन कोर्ट जा सकते हैं. बेहतर होगा कि तमाम अलग अलग कैटेगरी के लोग, तमाम अलग अलग आधारों पर आवेदन करें, ताकि किसी न किसी का आवेदन, किसी न किसी आधार पर स्वीकार कर लिया जाये.
८. सुनने में अजीब लग सकता है पर १४ साल से कम उम्र से कम के किसी जागरूक बच्चे के द्वारा प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की भारी कमी से उनके अनिवार्य शिक्षा पाने के संवैधानिक अधिकार के होने वाले हनन का सवाल उठाते हुए भी शिक्षा के अधिकार के अधिनियम के उद्देश्यों कि पूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की लेट-लतीफी और लापरवाही को रेखांकित करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के जरिये उत्तर प्रदेश सरकार से अपनी नीति स्पष्ट करने और उठाये गए या उठाये जाने वाले कदमों की जानकारी मांग सकता है.
इनमे से आप जानकार लोगो से राय लेकर सही विकल्प चुन सकते हैं. पर कुछ न कुछ करने से ही कुछ होगा.
खैर, मैं अपना काम करता हूँ यानि जानकारी देना और आप तय करें अपना, क्योंकि फैसला आपका, कर्म आपके, किस्मत आपकी, भविष्य आपका !!!
धन्यवाद सहित,
आपका,
श्याम देव मिश्रा
मुंबई.
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उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के मामले में सुप्रीमकोर्ट से राहत पाने का सर्वसुलभ तरीका
सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी (सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति)
(भाइयों, धरना-प्रदर्शन भी लोकतंत्र में न्याय पाने या अपनी मांग मनवाने का एक आजमाया हुआ हथियार है पर उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के इच्छुक मित्र इस जानकारी से लाभ ले सकते हैं. अगर वे सच में कुछ करना चाहते हैं मगर खर्च और जानकारी के अभाव के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहें हैं तो यह रास्ता उनके लिए सर्वोत्तम है पर अगर केवल बातें करना और दूसरों के भरोसे बैठे रहना है तो उनकी मदद कोई नहीं कर सकता)
जनसामान्य में एक सर्वमान्य मान्यता है कि किसी मामले में राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना एक आम आदमी या किसी जमीन से जुड़े आदमी के बस की बात नहीं है जो कि सर्वथा भ्रम है. सुप्रीम कोर्ट तक जनसामान्य की पहुँच को आसान और कम खर्चीला (लगभग नगण्य) बनाने के उद्देश्य से "लीगल सर्विस अथोरिटीज एक्ट, 1987" के द्वारा सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी का गठन किया गया है.
मुफ्त कानूनी सहायता (मुफ्त वकील और न्यायालय शुल्क से से छूट) पाने के लिए समिति तक आप इन मामलों में जा सकते हैं:
१. सुप्रीम कोर्ट में कोई केस फाइल करने या खुद पर दायर किसी केस में बचाव करने के लिए जिनमे शामिल हैं,
अ. हाईकोर्ट के निर्णय के विरुद्ध अपील / विशेष अनुमति याचिका (सिविल/क्रिमिनल)
ब. मौलिक अधिकारों के हनन के विरुद्ध याचिका, जिसमे सरकार द्वारा "उठाये गए किसी कदम" या "कोई कदम न उठाने की" वैधता को चुनौती दी गई हो या सरकार द्वारा जारी किसी आदेश या या कानून की वैधता को चुनौती दी गई हो, जिनसे आपके किन्ही मौलिक अधिकारों का हनन होता हो.
स. किसी केस को भारत में एक राज्य से अन्य राज्य में लाने के लिए याचिका
द. अपनी किसी समस्या पर कानूनी सलाह पाने के लिए.
ध्यान दें कि मुफ्त कानूनी सलाह पाने के लिए कोई इलिजिबिलिटी क्राइटेरिया नहीं है.
जबकि मुफ्त कानूनी सहायता पाने के लिए पहले तो आपको इन वर्गों में से किसी एक से सम्बंधित होना चाहिए:
अनुसूचित जाति या जनजाति, महिला, बच्चा, विकलांग, कोई ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 125000/- से कम हो.
दूसरा, समिति को इस बात से संतुष्ट होना चाहिए कि आपके केस में तर्कसंगत होने के कारण जीत के अच्छे आसार है. इस कारण, कोई भी व्यक्ति आराम से कम से कम आवेदन तो करे, यदि समिति के विशेषज्ञ आपके पक्ष से सहमत होंगे तो आधी लड़ाई तो आप ऐसे ही जीत जायेंगे.
व्यापक जनहित के मुद्दे और विशेष मामले, जिनके लिए लिखित में कारण दिए जाने चाहिए, मुफ्त कानूनी सहायता के लिए उपयुक्त माने जा सकते हैं.
इसके लिए आपको साधारण रूप से आवेदनपत्र और संलग्नक (जो समिति की वेबसाईट http://www.sclsc.nic.in/) पर तथा मेरे पास और मुस्कान जी के पास उपलब्ध हैं) के साथ-साथ सारे सम्बन्धी दस्तावेज (उदहारण के लिए अगर आप हाईकोर्ट के किसी आदेश के खिलाफ अपील करना चाहते हैं तो उस आदेश और उसके सभी संलग्नकों की प्रतियाँ) समिति को भेजने होंगे. जबकि मुफ्त कानूनी सलाह के लिए आप किसी भी कार्यदिवस में सुबह १०:३० से सायं ५:०० बजे तक फोन कर सकते हैं या पत्र द्वारा सलाह ले सकते हैं जिसका जवाब आपको १५ दिन के अन्दर समिति से मिल जायेगा. ई-मेल से प्रेषित प्रश्नों का उत्तर जल्दी मिल जाता है. कानूनी सलाह पूर्णतया निशुल्क है.
समिति सुपीम कोर्ट के एक जज की अध्यक्षता में भारत के चीफ जस्टिस के द्वारा मनोनीत विशेषज्ञों की समिति है. समिति के पास अनुभवी वकीलों का एक पैनल होता है जो दस्तावेजों की स्क्रीनिंग करते है, तथा कोर्ट में केस लडते हैं. इसके अलावा समिति में एक कानूनी सलाहकार-सह-एक्जीक्यूटिव होता है जो फोन/पत्र/मेल द्वारा मांगी गई जानकारियां और सलाह देता है तथा दस्तावेजों की जांच करता है. भले ही कानूनी सहायता के इच्छुक व्यक्ति को उसका मनचाहा वकील न मिले पर समिति इस बात को तय करती है कि केवल काबिल वकील या वक्कीलों का समूह उस केस को हैंडल करे.
आपके आवेदन के १५ दिनों के अन्दर समिति आपके भेजे दस्तावेजों के आधार पर तथा आपके आवेदन में दिए गए विवरण के आधार पर तय करती है कि आप जरूरी शर्तें पूरी करते हैं या नहीं और आपको मुफ्त कानूनी सहायता दी जाएगी या नहीं और आपको लिखित रूप से समिति के निर्णय से अवगत करा दिया जाता है. इस से सहमत न होने पर आप समिति के अध्यक्ष से अपील कर सकते हैं.
आपकी मुफ्त कानूनी सहायता का आवेदन स्वीकार होने की स्थिति में आपको समिति द्वारा भेजा गया वकालतनामा और हलफनामा हस्ताक्षर करके तथा हलफनामा नोटरी करा के भेजना होता है. इसी बीच आपका केस लड़ने के लिए समिति द्वारा निश्चित किया गया अधिवक्ता याचिका का ड्राफ्ट तैयार करता है और आपका हलफनामा और वकालतनामा तैयार होकर वापस आते ही आपकी और से केस सुप्रीम कोर्ट में फाइल कर देता है और केस में आपकी और से बहस करता है. आपको भी आपके केस से सम्बंधित अधिवक्ता का नाम बताया जाता है और आपकी और से कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों की प्रतियाँ भेजी जाती हैं. अत्यंत विशेष परिस्थितियों में आपके अनुरोध पर समिति किसी वरिष्ठ अधिवक्ता को भी आपका केस हैंडल करने को कह सकती है. आपका अधिवक्ता आपसे संपर्क में रहता है और समय समय पर आपकी केस के बारे में जानकारी देता रहता है और जरूरी कागजातों के लिए मांग कर सकता है. इस प्रकार आप घर बैठे मुफ्त में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी राहत पा सकते हैं.
समिति का पता है,
The Secretary
Supreme Court Legal Services Committee
109, Lawyers’ Chambers
Supreme Court Compound,
New Delhi - 110 001.
आशा ही नहीं विश्वास है कि यह जानकारी कुछ मित्रों में जोश भरेगी और कुछ मित्र इस दिशा में प्रयास करेंगे. कम से कम इस मुद्दे पर कानूनी सलाह के लिए तो हर कोई फ़ोन कर सकता है, मेल कर सकता है, पत्र लिख सकता है, समिति भी जब इतने आवेदन एक साथ देखेगी तो उसे भी इस मामले पर विशेष ध्यान देना होगा. अगर जरुरी समझे तो दिल्ली में मौजूद साथी समिति के दफ्तर जाकर भी जानकारी कर सकते है, दोस्तों, हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ोगे तभी किसी मोर्चे पे फतह हासिल हो पायेगी.
आशा है, जानकारी आपके काम आएगी, अपनी राय जरूर दें.
आपका
श्याम देव मिश्रा
मुंबई
Dear friends, hum hamesha-hamesha ke liye academic ki paripati khatm karne ke liye PIL karne court jaa rahe hain-
ReplyDeletesanjay Ghazipur- 9839889419, 7398443878,
sunil Ghazipur- 9838663874
sandeep Varanasi- 7398046875
Dear friends, hum hamesha-hamesha ke liye academic ki paripati khatm karne ke liye PIL karne court jaa rahe hain-
ReplyDeletesanjay Ghazipur- 9839889419, 7398443878,
sunil Ghazipur- 9838663874
sandeep Varanasi- 7398046875
@many many thanks shyam dev mishra ji aap k vichar hamesa bahumulya rahe hai. Mai sabhi se nivedan karta hu jo log sc mil is tarike se pil dalne ki sharte puri karte ho, wo log is tarah jarur pil dale.
ReplyDeleteCHALO SUPREME COURT Dear friends, hum hamesha-hamesha ke liye academic ki paripati khatm karne ke liye PIL karne court jaa rahe hain-
ReplyDeletesanjay Ghazipur- 9839889419, 7398443878,
sunil Ghazipur- 9838663874
sandeep Varanasi- 7398046875
mere tet bhai log pata nahi "kab tak" kuch hoga per itna jaroor hai k akhri me jeet hamari he hogi. aaj main bahut hataash ho gaya hu pata nahi jab tak koi decesion aaye main honga bhi...................! dekh lena bhai log ek din aisa bhi aayega jab akhesh ji ke paas sirf pachtaane alaava kuch nahi hoga. jab ek sacche imandaar mehanti gareeb log jo ke sahi mayne me iss naukri k yoya hai unki aur unke parivaar ki haaye lagegi to bada se bada raaj yog aundhe muh gir jayega. mujhe dukh hai k main kuch anuchit bahasha ka pryog kar raha hu. maine apne maa baap k against ja kar m.b.a na kar k b.ed kiya aur tet bhi nikaala per sab akhlesh ji ki rajneeti ke bhet chadh gaya. pata nahi mera decision galat tha ya meri kismat kharaab......! ab meri aatma bhi andar se dukhi ho chuki hai. tabiyat bhi bahut kharaab rehti hai kamaana to door main bed rest per aa gaya hu. pata nahi ab mera kya hoga....................!
ReplyDeleteDear rohandonot live in sorow. Main tumeh likh kar deta hoon result positive hamare favour main hoga .tumne b.ed kare koi galti nahin ki balki ek achi suruat ki.let the dogs bark. Jeet hamesa saty kii hoti hai. Tetians will win the battle.be a hero rahul hosle dusmano ke past karo .
DeleteDear rohandonot live in sorow. Main tumeh likh kar deta hoon result positive hamare favour main hoga .tumne b.ed kare koi galti nahin ki balki ek achi suruat ki.let the dogs bark. Jeet hamesa saty kii hoti hai. Tetians will win the battle.be a hero rahul hosle dusmano ke past karo .
Deletedost ,himat rakho......jeevan me sangarsh jarur karna padta h... You r teachar ..
ReplyDeleteThanx shayamdev ji. Dosto PIL daliye sabhi log aur kanuni salah lene k liye shayam ji k dwara diye gaye no. Par phaone zaroor kare aapko aapke roji ki kasam
ReplyDeletePlease sabhi log phone kare..common hurry up
ReplyDelete@ Rohan bhai, is prakar hataash na hon, agar aap aisa sochtey hain to apne ma-baap ke bare me jara ek baar sochen jinki ummeeden aapse hain, aapko is prakar hataash hone ka wastav me koi haq nahi, mana ki aap ke sath bahut galat hua par sansaar me bahut logon ke sath galat hota hai, agar aap is prakaar hataash honge to aapke pariwar kee hatasha kee seema na rahegi. Uparwala sabke bhagy likhta hai, akhilesh/mulayam nahi,ye naukri nahi to koi aur dusra bhavishy aapki prateeksha kar raha hoga. Apne aap ko sambhalen aur agar aap chahen to mail dwara mujhse sampark karen, mujhse aapki hatasha sahan nahi ho rahi hai, itnee kharaab sthiti me swasthy ka dhyan den, sabal rahen, sanghrsh karen aur vijay prapt karen. Kuchh galat kah gaya hun to kshama karen.
ReplyDeleteMai sc catagari se ho mai sc me pil dalna chahta ho ky mojhe incom cirtficet bhi lagana padega aur iske sath -sath aur kya kya dacoment mojhe bhejane hoge. Plz mujhe bate.
ReplyDeleteMere broswer hindi suport nahi karta isliye shyam dev ka article samajh nahi.Phir bhi pil dalne ke liye short me mujhe bataye pil dalne me mai bhi aage aunga
ReplyDeleteShyam dev ji apko dhanywad.Please pil dalne ka process english font me batade to ati kripa hogi.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletepritam ji aap opera mini download kar lejiye.
ReplyDeletepritam ji aap opera mini download kar lejiye.
ReplyDeleterohan dost ghabarao mat subah hone wali hai tumhe jeena hoga mar kar koi ladai nahi jeeti jati hai hosla rakho mere bhai
ReplyDeletethanks Mr. Shyam Dev Ji. Mai asha krta hoo ki log jagruk hoo aur hme adhik se adhik sahyog mile.
ReplyDeleteRAMCHANDRA KAH GAYE SIYA SE,
ReplyDeleteAISA KALYUG AAYEGA,
HANS CUGGEGA DANA-TINKA,
KAUA MOTI KHAYEGA.
YE LINE AB SUCH HOTI DIKH RAHI HAI,HUN B.ED+TET PAS HOKAR BI BEKAR AUR S.MITRA INTAR PAS HOKAR BI PRT TEACHER
WAH RE U.P.,WAH RE INDIA
RAMCHANDRA KAH GAYE SIYA SE,
ReplyDeleteAISA KALYUG AAYEGA,
HANS CUGGEGA DANA-TINKA,
KAUA MOTI KHAYEGA.
YE LINE AB SUCH HOTI DIKH RAHI HAI,HUN B.ED+TET PAS HOKAR BI BEKAR AUR S.MITRA INTAR PAS HOKAR BI PRT TEACHER
WAH RE U.P.,WAH RE INDIA
Thanks S.D mishra ji itni bahumulaya jankari dene k liye,vastav me apke lekh ek nav urja ka sanchar krta hai,aapke likhe ek ek sabt murdo me v jaan dalne k liy kafi hai. aaj k is jankari se kai soye logo k bhi ankh khul jaane chahiye wrna pachtane k aalwa kuch haath ni lagega khuki s.c k alawa koi chara nahi hai tet pass logo k pass (nit aaye din aa rahe khabro k hisab se) log jitni jaldi s.c me pil dalenge utni jaldi asha ki kiran dikhai degi, is roj roj ke ghutan se nijat milegi. mai s.d mishra ji se ek nivedan krna chahunga k aap kanun ke itne achhe jankar hai kaya aapke netritav me, tet pass logo k paksh me ek samuhik pil ni dal sakte. plz aap hi kuchh kriye kiuki jo tet pass hai unki sochne samjne k shakti aaye din hatas karne wale khabro ke karan chhind ho gai hai,log avsad k daor se gujar rhe hai. ab to muskan ji or aapko aage aana hi padega tet pass logo k pida harne k liye. with thanks and regards.
ReplyDeletehume sc me tet ke liye nahi balki acd ke khilap pil dalni chahiye isse hmara paksh majboot hoga aur nirnaya bhi jaldi aa jayega isme tark diya ja skta hai ki poorv me kisi karan bas number kam reh jane ki saja kya jindgi bhar milegi kya hum kabhi teacher nahi ban payege isliye exam per chayan hona chahiye ise hum jarur jeetenge aur tet ka prab apne aap solve ho jayega
ReplyDeletehume sc me tet ke liye nahi balki acd ke khilap pil dalni chahiye isse hmara paksh majboot hoga aur nirnaya bhi jaldi aa jayega isme tark diya ja skta hai ki poorv me kisi karan bas number kam reh jane ki saja kya jindgi bhar milegi kya hum kabhi teacher nahi ban payege isliye exam per chayan hona chahiye ise hum jarur jeetenge aur tet ka mamla apne aap solve ho jayega
ReplyDeletejisane jindagi bhar mehanat karke acd me marks paye kya unaki life ka faisala 90min. k exm. karana uchit hai.
Deletepil me vbtc ke sath sath btc ka mamla bhi joda ja sakta hai btc me chayan acd ke aadhar per hota hai btc bhi exam se hona chahiye kyoki btc walo ko seedhi niyukti di jati hai
ReplyDeletegadhe kitani bar bataye ki court ka ek adhikar kshetra hota hai aur nitigat mamale court k adhikar paridhi se bahar hote hai.
DeleteShyam ji,pls apne article ko english me convert karen...
ReplyDeleteShyam ji,aapke sahyog sarahniya hain....
ReplyDeleteab to bas jivo ya maro
ReplyDeleteShyam Dev Mishra ji ye btaiye jab tak case chal rha hai tb tak kya hm per month kisi compensate ki court se mang nhi kar skte qki hm logo ne sari eligibility es vacancy k liye puri ki hai or vacancy ane k purva paper me ye diya ja chuka tha ki kis prakar se kis date me vacancy nikali jayegi or kis prakar 31 December 2011 tak use bhare jayega. hmne to sari prakriyayo ko usi tarah follow kiya hai par sarkar galti ki sja hm q bhukte or jab tak mamla court me lambit hai hme har month compensate diya jaye qki hm berojgar hai.
ReplyDeleteShyam ji . thanks 4 this information ..pil dalne k liye ek group ka hona jyada achcha h ya hm akele pil dalenge to uski b utna hi importance hoga
ReplyDeleteacd.k against pil ka koi matalab hi nahi hai kyoki selection base ka nirdharan karna ek nitigat mamala hai.
ReplyDeleteRohan bhai plz nirash na ho or apne maa-baap k bare me b socho ki vo apko kis tarah dekhkar khus honge ..bed par lete hue sok manate hue ya apne haq ki ladai ladte hue
ReplyDeleteRohan bhai plz nirash na ho or apne maa-baap k bare me b socho ki vo apko kis tarah dekhkar khus honge ..bed par lete hue sok manate hue ya apne haq ki ladai ladte hue
ReplyDeleteMr. unknown ji acd. k against hm pil dal skte hai qki bhale hi ye ek nitigat faisla ho pr nitigat faisley bhi usi base pe liye jate hai jha tak hamara samanta k adhikar ka hanan na ho jabki alag-2 board, university, passing year k mark ko ek hi taraju pe tolna khi se bhi samanta nhi show karta hai.
ReplyDeleteShyam Dev Mishra Ji,,
ReplyDeleteBahut-2 dhanyawaad, Aapka sahyog bahut mahatvpoorn hain.
sarker abi bi hume andhere me rakhi hai na to rule change karti na to acd karti na to bharti radd karti
ReplyDeletekoi vo janti hai ki radd karne ke baad agar jaldi nayi bharti ni niklti to bahut bada aadonal hoga
aab humare netao ko 14 ko cm se saaf puchna chayi ki aap kya chate hai agar bharti karni hai to bich ka rasta nikle ni to hum dharna suru karte hai
c s m bhai
ReplyDeleteto kya kar rahe ho
kab 3rd parti/pil acd ki daloge jab siskamitra selsct ho jayenge
sab b.ed valo royege maya ne to sabko barbad kar diya
meri ek baat batao ki kis state me 100% tet hai
unknown u r ok
ReplyDeletecsm bhai
btc ka tet case dekho
iska matlab aap siskamitra ki tranning ka bi pil daal sakte ho to kya kar rahe ho
court ke juje ki pay bi sarker hi deti hai
to ham log ek pil reservation k against daalate hai. kyoki reservation se gen. k samanata k adhikar kaa hanan hota hai.
ReplyDeleteCMS JI
ReplyDeleteTo ham log ek pil reservation k against daale ge kyoki reservation se gen. k samanata k adhikar kaa hanan hota hai.
Cm ne ek hafte me tet par nirnay ki baat kahi hai kal ek hafta pura ho jayega.pichli bar ki tarah 3 hafte me nirnay lene ko kaha tha lekin abhi tak kuchh nahi kaha.aise hi is baar bhi kuchh nahi kahega.hume hi kuchh karna hoga sathiyo ugra aandolan ke liye taiyyar rahiye.
ReplyDeleteCm ne ek hafte me tet par nirnay ki baat kahi hai kal ek hafta pura ho jayega.pichli bar ki tarah 3 hafte me nirnay lene ko kaha tha lekin abhi tak kuchh nahi kaha.aise hi is baar bhi kuchh nahi kahega.hume hi kuchh karna hoga sathiyo ugra aandolan ke liye taiyyar rahiye.
ReplyDeleteMATTER ON FREE LEGAL AID IN SPUREEM COURT IN ENGLISH AS DESIRED BY SOME FRIENDS
ReplyDeleteLegal Aid in the Supreme Court
There is a general perception that approaching the Supreme Court of India for legal remedies is unaffordable to the lay person. This is not true. It is with a view to providing easy and inexpensive access to the Supreme Court and giving legal advice that the Supreme Court Legal Services Committee (SCLSC) has been constituted under the Legal Services Authorities Act, 1987 (‘Act’).
When can you approach the SCLSC?
You can approach the SCLSC in two situations:
1. You need to file or defend a case in the Supreme Court. This would include:
(a) Appeals/Special Leave Petitions, Civil or Criminal, against an order of the High Court.
(b) Petition for violation or enforcement of your fundamental right. This includes:
(c) Habeas Corpus petitions- where a close friend or relative is missing or illegally taken away and whose whereabouts you do not know
(d) Petitions challenging the legality of government action or inaction
(e) Petitions challenging the legality of a legislation or order of government that violates your fundamental right.
(f) Petition for transferring a case, civil or criminal, pending in one State to another State within India.
2. You need legal advice regarding your problem.
Are there cases for which no legal aid or advice will be given?
Yes, legal aid will not be given for the following cases:
1. Proceedings wholly or partly in respect of –defamation; or malicious prosecution; or a person charged with contempt of court; and perjury
2. Proceedings relating to any election
3. Proceedings incidental to any of the above proceedings
4. Proceedings in respect of offences where the fine imposed is not more than Rs. 50
5. Proceedings in respect of economic offences and offences against social laws, such as the Protection of Civil Rights Act, 1955 and the Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956 unless in such cases the aid is sought by the victim. [However, even in the above cases, the Chairman of the SCLSC can, in an appropriate case, direct that legal aid be granted]
6. Proceedings where a person seeking legal aid or advice
(2) is concerned with the proceedings only in a representative or official capacity; or
(3) if a formal party to the proceedings, not materially concerned in the outcome of the proceedings and his interests are not likely to be prejudiced on account of the absence of proper representation.
CONT. PAGE-2
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ReplyDeleteIs there any eligibility criteria?
Yes, there is. These are spelt out under Ss. 12 and 13 of the Act. To be eligible for free legal aid for filing or defending a case in the Supreme Court, you have to satisfy two criteria.
First, you should belong to any of the following categories of persons:
1. a member of a Scheduled Caste or Scheduled Tribe
2. a victim of trafficking in human beings or begar as referred to in Article 23 of the Constitution
3. a woman or a child
4. a mentally ill or otherwise disabled person
5. a person under circumstances of undeserved want such as being victim of a mass disaster, ethnic violence, caste atrocity, flood, drought, earthquake or industrial disaster
6. an industrial workman
7. in custody, including custody in a protective home [Nari Niketan] or a juvenile home or a mental asylum
8. in receipt of annual income less than Rs. 50,000. For this you are required to give an affidavit [This last requirement is called the means test].
However, irrespective of the means test, legal aid may be granted
in cases of great public importance; or
in a special case, reasons for which are to be recorded in writing, considered otherwise deserving of legal aid or advice.
Second, the SCLSC must be satisfied that you have a reasonably good chance of succeeding in your case [prima facie case]
For seeking legal advice, the Act does not prescribe any eligibility criteria.
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ReplyDeleteWhat should you do to obtain legal aid or advice?
For legal aid, if you satisfy the first eligibility criteria, you need to take the following steps:
1. Make an application for legal aid to the SCLSC. The forms for these can be obtained in person or through post or e-mail from the SCLSC at the address indicated below or from any of the nearest Taluk/District/State/High Court Legal Services Committees.
2. You have to submit the completed application form to the SCLSC along with full documentation. For instance, if you seek to file an appeal against the order of a High Court, you are required to submit a copy [preferably certified] of the order of the High Court, copies of orders, if any, of the courts below the High Court, copies of all the papers filed in your case before the lower court and High Court, comments of the lawyer on the judgment. If these are in a language other than English, please try and send translated copies.
Please note that there is no fee or charge for obtaining the application form.
For obtaining legal advice, you can call at the office of the SCLSC on any working day between 10.30 a.m. and 5 p.m.. Or you could send in a query by post, for which you should receive a reply within fifteen days. If the query is sent by e-mail, you could expect a reply sooner. Again, there are no charges for legal advice.
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ReplyDeleteWhat does the SCLSC do Next?
The SCLSC is headed by a Judge of the Supreme Court of India and has distinguished members nominated by the Chief Justice of India.
The SCLSC has a panel of competent Advocates-on-Record with certain minimum number of years of experience who handle the work of screening papers and handling the cases in the Supreme Court. In addition, the SCLSC has a full-time Legal Consultant-cum-Executive Lawyer who handles queries - both in person as well as through post. The Legal Consultant also screens papers. Although the applicant cannot get a lawyer of his or her choice, the SCLSC ensures that only competent lawyers are entrusted with these cases.
Your papers will be screened in order to determine that the eligibility criteria are satisfied. Normally, within fifteen days of the receipt of your papers, you will be informed of the decision of the SCLSC, in writing, either granting or refusing legal aid.
If you are aggrieved by an order of refusal, you could appeal to the Chairman of the SCLSC.
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ReplyDeleteAfter you have been granted legal aid
you will be sent an affidavit and vakalatnama by the SCLSC which will have to be signed by you and sent back to the SCLSC by post. The affidavit has to be attested by a notary or commissioner of oaths. You may need to pay not more than five rupees for this.
However, if you are in jail, the affidavit and the vakalatnama have to be countersigned by the jail superintendent. In addition he has to give a certificate of detention in the prescribed format, which will also be sent to you by the SCLSC. This has to be returned at the earliest to the SCLSC with the affidavit and vakalatnama.
Meanwhile, your case will be assigned to an advocate-on-record [AOR] on the panel of the SCLSC. The AOR will draft the petition and file it in the Supreme Court after the signed vakalatnama and the signed and attested affidavit [and the certificate if you are in jail] are received by the SCLSC.
The AOR who is assigned the case will argue it on your behalf in the Supreme Court. In exceptional cases, if you make a request in this behalf and if the SCLSC feels it is justified, a senior advocate can be requested to appear on your behalf. No fees are required to be paid by you for this purpose.
You will be informed by the SCLSC of the name of the AOR and you will receive intimation through post on the progress of your case from time to time.
You will also be sent copies of all the documents filed on your behalf and by the opposite parties and you will be intimated from time to time if there is any other information you are required to provide.
You will be informed of the outcome of your case and given copies of the relevant orders passed by the court.
Do you have to incur expenses at any stage?
Barring the cost of getting the affidavit attested [and even this is not applicable if you are in jail] and postage for sending papers to the SCLSC, you are not required to pay anything for any of the above services. They are absolutely free. The lawyers on the panel of the SCLSC are paid an honorarium of Rs. 2000 per case by the SCLSC itself.
If you have any queries, you may contact :
The Secretary
Supreme Court Legal Services Committee
109, Lawyers’ Chambers
Supreme Court Compound,
New Delhi - 110 001.
Ph. Nos.23388313, 23073970, 23381257 e-mail : sclsc@nic.in
to csm ji
ReplyDeletekya aap reservation ki pil daal rahe ho kya pata aap is desh ka kyalayan kar do
are kisi ko to job mile ya bed aur tet le kar nacho
shyam ji plz
ReplyDeleteaap itna bada bhasan na likhe mob. pe dikkat hoti hi
aur koi bi bhai c & p ni kare
प्रिय मित्रों, मेरी दी गई जानकारी से आपको लाभ हो सकता है, इस से मेरे प्रयास की सार्थकता का पता चल गया. धन्यवाद. पर कृपया यह भी ध्यान दे कि आप में से कुछ मित्रों ने कुछ सवाल पूछे हैं कि क्या यह ठीक रहेगा या, व ठीक रहेगा? कृपया इस बात पर भी ध्यान दें कि आपके इस छोटे भाई को भी सबकुछ नहीं मलूँ और जरुरी नहीं कि एरी राय ही अंतिम सत्य हो. इस लिए आपसे निवेदन है कि अगर आप कुछ करना चाहते हैं और आपको कुछ शंकाएं है तो कृपया मेरे दिए विवरण के साथ दिए गए फोन नंबरों से अथवा अपने किसी जानने वाले वकील मित्रों से भी राय ले सकते हैं. मैंने आपको एक रास्ता बताया है, पर उसपर चलने के तरीके आपको वही बता सकते हैं जो रोज उस रास्ते पर चलते हैं. फिर भी अगर आप समझते हैं कि आपको मुझसे कुछ जानकारी मिल सकती है तो आप मुझे shyamdevmishra@gmail.com" पर मेल कर सकते हैं. आशा हैं आप मेरी स्थिति और अनुरोध को समझेंगे. धन्यवाद.
ReplyDeletekoi baat ni sarker sab kar degi
ReplyDeleteaap ka koi bhai agar ho to bas 1 laks me b.ed kara de 2012 me
jaur 2018 tak job pa jayega
ab ek kam karna jab b.ed ki addmitio ho tab har central pe ja kar logo ko ek parcha ke madhyam se gajurak karo
ReplyDeleteki aap b.ed private collage se na kare ni to humara haal hoga
jaisa bhagat singh ne kiya
ab ek kam karna jab b.ed ki addmitio ho tab har central pe ja kar logo ko ek parcha ke madhyam se gajurak karo
ReplyDeleteki aap b.ed private collage se na kare ni to humara haal hoga
jaisa bhagat singh ne kiya
@ Sanjay jee, maine aapke hee kuchh sathiyon ke anurodh par english me matter dala tha par aapko hui asuvidha ke liye khed hai. Aage se dhyan rakhunga.
ReplyDelete.
ReplyDeletedear shyam dev bhai many many thanks,
ReplyDeleteapke vichar aur aap hamare liye bahumulya hai .
balveer singh
ni shyam ji mene vo request padha
ReplyDeletethk hai u r ok
par auro ko kahna hai ki thoda chota
to ye neta log phon kyo ni uthate hai jayde vip ho gaye kya ya sarker ni kuch de diya hai
ReplyDeletethanks shyam g
ReplyDeletefor this advice.
aur age ki planning kya hai
ReplyDeletekoi bataye aage kya karna hai
ReplyDeleteage kya karna hai koi batayega
ReplyDeletemuskan ji and shyam dev mishra ji and naved ji ap logon ne jo bhi hum tet walon ke liye uske liye ap logon ka bahot-bahot shukriya
ReplyDeleteage bhi ap log hum tetian ka sahyog karen thanks
ReplyDeleteFreinds mai kewal yahi kahna chahta hu k hamare leaders ka koi statement blog par nhi aata hai jis se hm logo me asmanjas ki sthiti bani hui hai. So leaders is bat ko dhyan me rkhe aur jankari dete rhe. Taki sbhi ekmat ho sake,
ReplyDeletes.d.m. ji
ReplyDeleteapako hahut dhanyavad aapne is lekh madyam se hame ek sahi rah di hai jiske madyam se ham age badh sake..........
ratnesh@rbj_sonebhdra
Tilhar, dist. Shahjahanpur u.p.
ReplyDeleteAaj j.d. Singh inter college tilhar (shahjahanpur) me up tet pass sangharsh morcha ki meating hui. Jisme president Vishwas sharma ne ek vishal shakti pradarshan karne ka sujhav diya. Jis ke bare me hamare leaders koi sujhav de aur pure pradesh ko jankari de. Jis se sabhi ekjut hokar vishal pradarshan kr sake. Mai samajhta hu k yahi aakhiri mauka hai. Agar is samay hm govt ko imress kar paye to hm ko fayda ho skta hai. 14 aur 15 ke bad kuch nhi hoga kyonki tb tak teer kaman se nikal chuka hoga.
Plz publish it
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ReplyDeletesabi uptet hamari yha dal galne wali nah i plese sabhi ekjut hoker superem court ka dour khatkhatana chaeye..........................
ReplyDelete...............................
anurag kumar
Pahale demag use karo aur ekjut ho kyoki hamare different group me bate hone ka labh gov. le rahi hai aur b.ed walo ko najarandaaj kar rahi hai.aap log jo ek hath se tali bajana chahate ho wo sambhaw nahi hai kyo tali bajane k liye dono hath jaruri hota hai.is tarah ek na ek case court me pada hi rahega.aap log samajhate hai ki is case k baad koi case court me nahi jaega to ye aap logo ki bhool hai kyoki vakil kahate hai ki jab tak muwakil k jeb me se paisa khatam nahi hoga tabtak market se plane paper katam nahi hoga.kahane se taatpary hai ki pahale personal swarth chhod kar aapas me samasya ka sarwamany hal khojo phir lkw me dharana pradarsan karo phir dekhana lkw me tetians ki sankhya .hamare vichar se hame kewal tet merit pe selection ki jid chhodkar tet+acd ka demand karana chahiye jo ki nyayprad bhi hai aur sambhawath sarwamany bhi.aur yadi nahi manoge to aise aapas me ladate raho.gov.ne inter board par b.ed road par ka nirday le hi liya hai.
ReplyDeleteHI,
ReplyDeleteUP PRIMERY TEACHER RECRUITMENT SHOULD BE ON ACADEMIC BASIS ON ONLY THOSE CANDIDATES WHO HAS QUALIFIED IN UP TET.AND SHIKSHA MITTRA SHOULD NOT INCLUDE IN THIS RECRUITMENT.BECAUSE WHEN THERE IS TOO MUCH UP TET QUALIFIED CANDIDATE THEN WHY INCLUDE SHIKSHA MITTRA & BTC CANDIDATE.
THANKS
R.S.YADAV
ACADEMIC BASIS SHOULD BE CANCEL IN ALL EXAMS.THIS IS THE WORST CRITERIA FOR SEARCH A RIGHT CANDIDATE
ReplyDeleteSelection criteria should be merit based on written exams.
ReplyDeleteYeh political parties particualar SP/BSP yeh ek dusre ke kiye huye kam ko ultane mein hamesha hi rahi hai sp ne kiya to BSP ne ROKA BSP ne kiya TO SP ne roka. kyo na inka election cancel kara diya jaye to inhe pata lage ki student ki pida kya hoti hai.
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