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इलाहाबाद : सरकार एक तरफ बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता बांट रही है, वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारों का करोड़ों रुपये सरकारी खजाने में कैद है। यह वही पैसा है, जिसे तत्कालीन बसपा सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क के रूप में लिया था।
बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 30 नवंबर, 2011 को सहायक अध्यापकों के 72, 825 पदों पर आवेदन मांगे थे। पहले हर आवेदक को पांच जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी। सामान्य व पिछड़ी जाति केलिए एक जिले में आवेदन का शुल्क 500 रुपये। अनुसूचित जाति/जनजाति अभ्यर्थी का शुल्क 250 रुपये व विकलांग अभ्यर्थियों का निश्शुल्क रखा गया था। प्राथमिक स्तर की टीईटी परीक्षा में 2 लाख 70 हजार से अधिक आवेदन हुए थे। 12 दिसंबर, 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पांच जनपदों में आवेदन करने संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया था। अभ्यर्थियों को मनचाहे जिलों से आवेदन करने की छूट दी गई। इस आदेश के पहले अधिकांश अभ्यर्थियों ने पांच-पांच जिलों में आवेदन कर दिया। इस पर सरकार ने बाकी चार जिलों के आवेदन शुल्क को अभ्यर्थियों को वापस करने को कहा गया था। यह बात शासन द्वारा सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी विज्ञप्ति में कही गई थी।
सरकार के रुपये लौटाने के वादे को भी एक साल बीतने को है पर रुपये कब वापस होंगे यह अभी भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा, वासुदेव यादव के अनुसार बेरोजगारों के साथ अन्याय नहीं होगा। इस संबंध में जल्द ही अधिकारियों के साथ बैठक कर चार जिलों का आवेदन शुल्क वापस किया जाएगा।
News Source : / Jagran - Lucknow (10.8.12)
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From above news , One thing is clear UPTET 2011 exam is safe as Govt. is going to return extra draft amount of 4 DD i.e ( Rs. 500 * 4 = Rs. 2000).
If Govt. retains one draft amount (i.e 1st DD out of 5), then it will be a good NEWS for UPTET candidates.
And most possibly High court judgement for recruitment of PRT along with lawful procedure arrive on 27th August 2012.
4 jilon ka paisa hi kyun? Agar sarkar pichala vigyapan radh karti h to unhe humara sara paisa Jo sare form bhejne me kharch hua wo b dena chahiye
ReplyDeleteKoi sarkar aur court ko ye bataye ki agar vigyapan radh hota h to kya humare application form DIET me na jakar aur kahin jayenge. Jitne bhi uptet pass candidate hain sabhi ne kam se kam ek jagah se to form dala hi hoga to state level par counseling karakar bharti prakriya start kyun nahi ki jati. Na form dobara dalwane padenge na time waste hoga.
ReplyDeleteLekin sarkar kewal prakriya ko lamba khinchna chahti h aur court m har bar kisi na kisi Kami k sath pahunchte hain.
Is bar fir se pakka date badhegi
mere to 3000 rupaye ke draft lage hain kyonki maine pahle draft ki photo copy nahi karayi thi is liye ek aur banbana pada tha.
ReplyDeleteGood article,,, by shalabh tiwari
ReplyDeleteहमारे कुछ साथियों के मन न्यायमूर्ति अरुण टंडन
जी की रणनीति के बारे में संशय है ,,टंडन साहब ने समझ
लिया है कि कि हमारा मामला कानूनी ना होकर
राजनीतिक अधिक है ,,,और राजनीति ही इस
समस्या का समाधान कर सकती है ,,,5 जुलायी के निर्णय
ने सरकार को इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करने के लिए बाध्य कर दिया ,,,और 6 अगस्त को न्यायालय ने सरकार
की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया ,,,साथ ही सरकार
को चुनौती दी है कि वह कैबिनेट की इच्छा के अनुरूप
बेसिक शिक्षा नियमावली में परिवर्तन करे ,,,अगर
सरकार ऐसा करती है तो न्यायालय के पास विकल्प है
कि वह हमारी विज्ञप्ति से स्थगन आदेश को सशर्त हटा दे और स्पष्ट कर दे कि इन 72,825 पदों के लिए
भर्ती प्रक्रिया में कोई भी संशोधन मान्य
नहीं होगा ,,,न्यायालय यह आदेश 6 अगस्त
को ही जारी कर सकता था ,,लेकिन ऐसा ना करते हुए उसने
सरकार को यह मौका दिया है कि वह पक्षपात रहित
होकर निर्णय ले और भर्ती प्रक्रिया को टेट प्राप्तांकों के आधार पर प्रारम्भ करे,,,सरकार
की मंशा academic से भर्ती करना ना होकर भर्ती को लंबे
समय तक लटकाने की ही अधिक
थी ,,,क्योंकि इतना तो उसके
अधिकारियों को भी ज्ञान है कि ये भर्ती भले ही 100
साल तक ना हो लेकिन टेट प्राप्तांकों के अतिरिक्त और किसी भी तरीके से नहीं हो सकती ,,,सरकार
चाहती थी कि न्यायालय विज्ञप्ति को release कर दे
और सरकार नीतिगत मामला बताए हुए उसे रद्द करके
नयी विज्ञप्ति academic के आधार पर निकाल
दे,,,इसका नतीजा होता ,,हम 5 साल तक उच्च न्यायालय
और सर्वोच्च न्यायालय के चक्कर लगते रहते ,,,अब टंडन साहब ने सरकार के पास यह विकल्प भी नहीं छोड़ा है ......
लेकिन सवाल यह है कि टंडन साहब यह सब कुछ किस
अधिकार से कर रहे हैं जबकि उनकी अदालत में
मामला सिर्फ इतना है कि सचिव यह
विज्ञप्ति जारी कर सकता है या नहीं ,,,,????
शिक्षा का अधिकार अब मूल अधिकार है ,,,लेकिन शिक्षा देने का हमारा अधिकार
नहीं बल्कि बच्चों का प्राप्त करने का अधिकार मूल
अधिकार है ,,,और इसी अधिकार में गुणवत्तापरक
शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार सम्मिलित
है ,,,न्यायालय का यह कर्तव्य है कि वह मूल
अधिकारों की रक्षा के लिए सजग रहे और आवश्यकता पड़ने पर मामले को स्वतः संज्ञान में ले ,,,5
जुलायी केआदेश में प्राथमिक विद्यालयों में
हजारों पदों के खाली होने उल्लेख है और 6 अगस्त के
आदेश में suitable और qualified teachers
की कमी का जिक्र किया गया है ,,,हमारी नौकरी के बारे
में एक शब्द भी नहीं कहा गया है ,,,,,अब सरकार के पास यह विकल्प भी नहीं बचता कि वह सर्वोच्च न्यायालय में
special leave petition डाले और उच्च न्यायालय के अपने
अधिकार क्षेत्र के अतिक्रमण को चुनौती दे ,,,अगर
कहीं गलती या बेवकूफी से वह ऐसा करती है तो ना केवल
हमारी भर्तियों पर बल्कि सारे देश में academic के
आधार पर होने वाली सभी भर्तियों पर संकट आ जाएगा ,,,NCTE इस बात का जवाब नहीं दे
सकेगी कि आखिर उसने अपने निर्देश में यह स्पष्ट
क्यों नहीं किया कि शिक्षकों का चयन अंतिम रूप से
टेट के प्राप्तांकों के आधार पर ही किया जाएगा ,,,मुझे
नहीं लगता कि देश में कोई और
परीक्षा ऎसी होगी जिसे मात्र qualifying मानकर अंतिम रूप से चयन academic या academic + exam
marks के आधार पर होता हो ,,,,
अब आप स्वयं ही निर्णय लें कि इन
परिस्थितियों में सरकार के पास कौन कौन से
विकल्प हैं,,,,आप सभी अखिलेश यादव से अधिक
Intelligent हैं ,,,अपने आपको मुख्यमंत्री की जगह पर रखकर सोचें और उसके निर्णय का पूर्वानुमान लगाएं ,,,,,
Hi
ReplyDeleteAnand Tiwari ji why u r demanding merit should be based on TET?
ReplyDeleteAs I think let government take the decision and let them complete the recruitment process.
@ UPTET JI,
ReplyDeleteMAYA GOVERNMENT NE BHI KOI DECISION LIYA THA KYA WAH PURA HUA?????? DECISION KO REVIEW HONE DIJIYE USKE BAAD JO HOGA USSE RECRUITMENT PROCESS COMPLETE HOGA.
very gooooooood anand tiwari ji
ReplyDeletey.ar bharti hone do.
ReplyDeleteladte ladte mar jaoge salo
ReplyDeletenõeeraj tiwari ji ap veri good kyon bol rhe ho. Ap kis basd par bharti chahte hain.
ReplyDeleteCourt ka decision aya vo kuch bhi ho bez date ko sunate -2 dimak pak gya hai
ReplyDeleteSDM SIR KE BLOG PAR DHYAN DEN AUR AARTHIK SAHYOG PRADAN KAREN YE HAM SABKE FUTURE KA PRASHN HAI.
ReplyDeletevikram ap kis based par bharti . Chahte ho
ReplyDeletesb matlabi hain. Apna apna soch rhe hain. Process kuch bhi bharti start hone do.
ReplyDeleteright yar.
ReplyDeleteSDM SIR KE BLOG PAR DHYAN DEN AUR 12 AUGUST KO DELHI PAHUNCHO JO BHI BAN SAKE WO AARTHIK SAHYOG PRADAN KAREN YE HAM SABKE FUTURE KA PRASHN HAI.
ReplyDeleteMai bhai Acd +tet ka supporter hu bharti start ho chaye jaise ho tet or acd or tet+acd
ReplyDeleteमाया सरकार ने TET farm dalte समय टी0ई0टी0 को चयन प्रकिया नहीँ माना था ये बाद मेँ कर दिया गया था जो कि गलत था
ReplyDeleteकानून बनाना STATE का काम हैँ न कि high court का हैँ
हाँ अगर TET FARM डालते समय चयन परिक्षा माना जाता तो कुछ भी बदलाव करना असमभव था
टी0ई0टी0 वो बिमारी हैँ जिसका कोई इलाज नहीँ हैँ
ReplyDeleteकपिल सिब्बल नाम का विषाणु हैँ जो केNद्र से आया हैँ
tet fail log sabse imandar hai inhone dhandli nahi ki sarkar unhe hi naukari degi aap log please bich mein naa aaye kyoki bharti hone de chahe sarkar kaise bhi kare hoga wahi jo sarkar chahati hai kyonki sarkar bahumat me hai kuch bhi kar sakti hai aap log please court me na jaye aur tet fail ko lag jaane de kyonki unhone bhi b.ed. kiya hai aur aap se bada vote bank bhi unke pass hai.
ReplyDeleteyadi mere comment se apko kast hua ho to me maafi chahata hu lekin hum sabhi ko apne vichaar rakhne ka adhikaar hai
we are ready for economical support.
ReplyDeletejyada paise hain kya tumhare pas.
ReplyDeleteAre bhaeesahab jub hum naukri ke liye form bharne me 5000 se 10000 tak kharch kar sakte hain to kya usi naukri ko bachane ke liye 1000-2000 bhi kharch nahi kar sakte kya
ReplyDeleteKrshna gupta Tu tata birla ki olad h kya
ReplyDeleteuttrakhand ki tarah acd90+tet10% ho sakta hai up govt bhi issi base per bharti kare
ReplyDeletetumne shi kha. Ye aise ß hi m@neinge raju ji
ReplyDeleteRajeev sharma ji agar dekha jay to 50% logo ka tet aur acd dono achchha hai aur unpr koi aarop nahi laga sakta hai ki we farji digree holder hai bharti chahe jaise ho unka selection sure hai. bahas to we kar rahe jinka tet achchha aur acd kharab or acd achchha hai aur tet kharab. Aur tet ko latkane wale kam we kar rahe jo tet pass nahi hai. I think prasses chahe jo bus shuru hona chahiye.tet+acd beech ka rasta ho sakta hai.
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