HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
?Court No. - 38
Case :- WRIT - A No. - 65556 of 2012
Petitioner :- C/M Bansidhar Mahavidalaya, Thru. Manager Umesh Chandra& Ors
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Rajiv Kumar Tripathi,P.N.Saksena
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.S.G.I.(2012/5850),R.A.Akhtar
Hon'ble Arun Tandon,J.
Standing Counsel may file counter as to why Four Years Course of Bachelor of Elementary Education (B. El. Ed.), despite being declared to be the minimum qualification under the National Council for Teachers Education Notification dated 29th July, 2011, has not been included in the minimum qualifications mentioned under Clause 8 as per the 16th amendment effected in the U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981.
List on 29.01.2013.
Order Date :- 16.1.2013
Pkb/
Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2310465
BTC DISION In view of the aforesaid discussions, we are of the view that
ReplyDeletethe persons who are qualified under clause 3 of notification dated
23.8.2010 should also be eligible for consideration for appointment
as assistant teacher in basic schools in the State of U.P. Whether
the appointment is made as a trainee teacher or assistant teacher is
of not much significance. The appointment on the post of teacher in
whatever name or nomenclature it is referred to has to be made
after considering all eligible persons as per notification dated
23.8.2010. We are of the view that State having not permitted
applications from such candidates who are qualified under clause 3
without they having passed TET to participate in selection, it is
required to issue corrigendum. Such candidate who possess
qualifications prescribed in clause 3 under the notification dated
23.8.2010 be also permitted to participate in the selection.
In the result all the Special appeals are disposed of with the
following directions:
(i) The appellants/other eligible candidates who have passed
BA/BSc with 50% and are B.Ed being fully eligible for appointment
as Assistant Teacher to teach Classes I to V as per Clause 3 of the
notification dated 23rd August, 2010, as amended from time to time,
are entitled for consideration for their appointment on vacant posts
of Assistant Teachers in Classes I to V. The State authorities
including the concerned District Basic Education Officers are
directed to consider the claim of such persons while considering the
appointment on the post of Assistant Teacher in institutions to teach
Classes I to V.
(ii) The State is directed to issue a corrigendum so that
eligible candidates as per clause 3 of the notification dated
23.8.2010 as amended i.e. candidates having 50% marks in
B.A./B.Sc. with B.Ed. should also be permitted to participate in the
ongoing process of appointment of trainee teachers. At least 15
days time be allowed to submit applications by abovementioned
candidates.
(iii) The prayer of the appellants possessing BTC/Special BTC
qualifications obtained after 23.8.2010 to issue direction to appoint
them giving benefit of paragraph 5 of the notification dated 23rd
August, 2010 cannot be accepted.
Parties shall bear their own costs.
Date: 16.1.2013.
LA/Rakesh
Hi Frndz !.....
ReplyDeleteAb to kuchh samajhiye aap loggg****
1- 40+ age walon ko raahat ...unke aavedan maanya
2- High Court ke aadesh par SCERT me puraane aavedan ki detail bhejne waalon ko bhi raahat ....unke aavedan bhi maanya
3- AAJ 16.01.2013 KO HIGH COURT ME TET BHARTI SE RELATED BAAKI SABHI WRIT "KHAAAAARIJ" !!!!!!
4- Jin sabhi ki writ khaarij hui hai ...unhe court ne Double Bench me appeal (yadi wo karna chaahen) to 30 din ka samay ........
5- TET wtg se related koi case ab nahi bacha****************shad8762@gmail.com(FACEBOOK).......cntct- 9307476428
Gorakhpur univercity ke 2011 batch b.ed walo ka exam kafi late hua tha to kya wo is counsling me bhag nahi le payenge.
ReplyDeleteGorakhpur univercity ke 2011 batch b.ed walo ka exam kafi late hua tha to kya wo is counsling me bhag nahi le payenge.
ReplyDeleteटीईटी मेरिट के आधार पर चयन की मांग खारिज
ReplyDeleteइलाहाबाद (ब्यूरो)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि सहायक अध्यापक नियमावली 1981 के नियम छह में सरकार को न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। वह सिर्फ अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण कर सकती है। राज्य सरकार ने सेवा नियमावली में 16 वां संशोधन करते हुए चार दिसंबर 2012 को न्यूनतम आयुसीमा 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी थी। इससे तमाम अभ्यर्थी अंडरएज हो गए।
कोर्ट ने नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि आयु सीमा की गणना विज्ञापन जारी करने की तिथि के बाद आने वाले साल में की जाएगी। ऐसे में अभ्यर्थियों की आयु की गणना एक जुलाई 2012 के स्थान पर एक जुलाई 2013 को की जानी चाहिए। कुछ याचियों ने टीईटी मेरिट को ही चयन का आधार मानने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह निर्णय पूर्व की सरकार द्वारा लिया गया था। इसे बहाल रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी। शिक्षा मित्रोें द्वारा मौजूद विज्ञापित पदों में आरक्षण देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी।
चार वर्षीय बीएलएड कोर्स को अर्हता में शामिल न किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मुद्दे पर 29 जनवरी को सुनवाई होगी।
कई याचियों के अधिवक्ताओं ने मौखिक तौर पर आवेदन शुल्क कम करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि किसी भी याचिका में फीस कम करने की मांग नहीं की गई है इसलिए इस पर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है। एक याचिका में आरक्षित वर्ग (एससी-एसटी) को दोहरा लाभ दिए जाने की शिकायत की गई है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई केलिए 17 जनवरी की तिथि नियत की है। बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा घोषित पदों पर नियुक्ति देने की मांग भी खारिज कर दी गई है। याचिकाओं पर एनसीटीई के वकील रिजवाल अली अख्तर ने कोर्ट को नियमावली की जानकारी दी
873 अध्यापकों पर दर्ज होगा मुकदमा
ReplyDeleteइलाहाबाद(ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने फर्जी अंक पत्रों और प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले सहायक अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में चिह्नित किए गए ऐसे 873 सहायक अध्यापकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। यह भी कहा है कि फर्जी तौर पर नियुक्त हुए लोगों से अब तक प्राप्त वेतन की वसूली की जाए। कोर्ट ने पूरी कार्यवाही तीन सप्ताह में पूरी कर लेने का निर्देश दिया है। मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अमर सरन और न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खंडपीठ ने बागपत के सचिन राना और अन्य की याचिका पर दिया। बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा दाखिल शपथ पत्र में कहा गया कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्य कर रहे 89183 सहायक अध्यापकों का सत्यापन कराया जा रहा है। इसमें से 76825 का सत्यापन पूरा हो चुका है। अबतक 873 सहायक अध्यापक फर्जी पाए गए हैं। इन्होंने जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। इनमें से 801 को बर्खास्त कर दिया गया है। कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई की धोखाधड़ी के जरिए नौकरी पाने वाले अध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई गई।
ओवरएज अभ्यर्थियों को भी शामिल करें: हाईकोर्ट
ReplyDelete•अमर उजाला ब्यूरो
•टीईटी मेरिट के आधार पर चयन करने की मांग खारिज
इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने प्रदेश में 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में ऐसे सभी अभ्यर्थियों को शामिल करने का निर्देश दिया है जिन्होंने 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन के लिए आवेदन किया था, परंतु इस बार आयु सीमा अधिक या कम हो जाने के कारण उनकी अर्हता समाप्त हो गई थी। कोर्ट ने कहा कि ऐसे सभी अभ्यर्थी जो पिछले विज्ञापन के लिए आवेदन कर चुके हैं और इस बार आयु कम या अधिक हो जाने के कारण आवेदन नहीं कर सके हैं, 21 जनवरी तक अपना प्रार्थनापत्र शासन को भेजें।
अखिलेश त्रिपाठी और सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने यह आदेश दिए।
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि सहायक अध्यापक नियमावली 1981 के नियम छह में सरकार को न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। वह सिर्फ अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण कर सकती है। राज्य सरकार ने सेवा नियमावली में 16 वां संशोधन करते हुए चार दिसंबर 2012 को न्यूनतम आयुसीमा 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी थी। इससे तमाम अभ्यर्थी अंडरएज हो गए। कोर्ट ने नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि आयु सीमा की गणना विज्ञापन जारी करने की तिथि के बाद आने वाले साल में की जाएगी। इस प्रकार से अभ्यर्थियों की आयु की गणना एक जुलाई 2012 के स्थान पर एक जुलाई 2013 को की जानी चाहिए। कुछ याचियों ने टीईटी मेरिट को ही चयन का आधार मानने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह निर्णय पूर्व की सरकार द्वारा लिया गया था। इसे बहाल रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी। शिक्षा मित्रोें द्वारा मौजूदा विज्ञापित पदों में आरक्षण देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी। चार वर्षीय बीएलएड कोर्स को अर्हता में शामिल न किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मुद्दे पर 29 जनवरी को सुनवाई होगी।
कई याचियों के अधिवक्ताओं ने मौखिक तौर पर आवेदन शुल्क कम करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि किसी भी याचिका में फीस कम करने की मांग नहीं की गई है इसलिए इस पर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है। एक याचिका में आरक्षित वर्ग (एससी-एसटी) को दोहरा लाभ दिए जाने की शिकायत की गई है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई केलिए 17 जनवरी की तिथि नियत की है। बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा घोषित पदों पर नियुक्ति देने की मांग भी खारिज कर दी गई है। याचिकाओं पर एनसीटीई के वकील रिजवाल अली अख्तर ने कोर्ट को नियमावली की जानकारी दी।
Hi TET Frndz !
ReplyDelete"EK BAR PHIR COURT NE BADLA PAALA"
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TWO OPPOSITE DECISION EK SAATH------ SAB KUCHH ANISHCHIT----- SAB KUCHH DOUBTFUL*********
Ab aap dekhiye ke High Court ne ye kya kiya***
1- TET Anivaarya hoga (Dainik Jagaran Kanpur - Front Page)
2- B.T.C. kare ya Vishisht B.T.C. , Bina TET pass kare koi bhi teacher nahi ban sakta (Dainik Jagaran Kanpur - Front Page)
3- High Court ne TET par lagaayi Muhar (Dainik Jagaran Kanpur - Page No-11)
4-Sabh B.Ed. degree dharak 72825 post par aavedan kar sakte hain (Dainik Jagaran Kanpur - Page No-11)
5- Govmnt. 15 dino ke andar sabhi B.Ed. dhaarako se aavedan maange (Dainik Jagaran Kanpur - Page No-11)
6- Ye B.Ed. dhaarako ko PRIMARY TEACHER banne ka aakhri mauka (Dainik Jagaran Kanpur - Page No-11)
7- Naye B.Ed. dhaarak PRIMARY TEACHER nahi ban sakenge (Dainik Jagaran Kanpur - Page No-11)
TO AB SAB KUCHH ANISHCHIT----- SAB KUCHH DOUBTFUL..........AAGE AAGE DEKHIYE HOTA HAI KYA.......shad8762@gmail.com(FACEBOOK).......cntct- 9307476428