RTE : शिक्षा के लिए घातक तदर्थ नियुक्तियां
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ये शिक्षा सहायक हैं या शिक्षा शत्रु
•कोर्ट ने ऐसी नियुक्तियों पर जताई नाराजगी
प्राइमरी टीचरों की अस्थायी नियुक्ति पर SC नाराज, कहा, ये 'शिक्षा शत्रु
Enemies of the state: SC blasts appointment of ad hoc primary teachers
Vidya sahayaks are really vidya shatrus, SC says
Ad hoc teachers: SC raps state govts for flouting rules
Supreme Court blasts appointment of ad-hoc primary teachers by states
SC pulls up Modi government over part-time teachers in primary schools
नई दिल्ली। राज्यों में समुचित योग्यता के बगैर ही प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की तदर्थ नियुक्तियों पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस तरह की नीतियां समूची शिक्षा व्यवस्था और देश के भविष्य को ही चौपट कर रही हैं।
जस्टिस बीएस चौहान और जस्टिस दीपक मिश्र की पीठ ने इस व्यवस्था से असहमति व्यक्त करते हुए जानना चाहा कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद इस नीति को कैसे आगे बढ़ाया जा सकेगा। पीठ ने गुजरात के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा सहायक की नियुक्ति से संबंधित मामले में राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि हम ऐसे शिक्षकों की योग्यता के बारे में जानना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे शिक्षकों की योग्यता और नियुक्तियों से संबंधित विवरण तैयार करने का राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21ए के अस्तित्व में आने के बाद आप इस तरह की नीति कैसे बना सकते हैं। इस तरह की नीति से अदालत भी आश्चर्यचकित है।
उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की नियुक्तियां की गई हैं। ये शिक्षा सहायक हैं या शिक्षा शत्रु हैं। अदालत ने कहा कि कई राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों की तदर्थ नियुक्तियां की जा रही हैं और इसके लिए उन्हें नियमित शिक्षकों की तुलना में एक चौथाई कम वेतन मिलता है।पीठ ने कहा कि जब हमने अनुच्छेद 21ए पर अमल कर लिया है तो फिर क्या हम इस व्यवस्था को अनुमति दे सकते हैं? हमारी चिंता शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर है। बच्चों को दी जा रही शिक्षा के प्रति अदालत काफी गंभीर हैं। हम समुचित योग्यता नहीं रखने वालों को तदर्थ शिक्षक नियुक्त करके पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट कर रहे हैं।
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Blog Editor Views -
Big thing is When Sufficient Qualified Teachers with prescribed Qualification of NCTE are ready to Impart
Quality Education then why are they not appointed and deadline of RTE implementation / appointment of Qualified Teachers are increasing again and again.
What is the purpose of RTE Act and NCTE Guideline?
In UP, 3 lakhs TET qualifide candidates are waiting for their job from a long time.
Similarly, So lakhs of CTET qualifide candidates awaiting for their job.
This Teacher Eligibility Test (TET) Should be happen after every 5 years to check Knowledge/Skills/Up-gradation of teachers.
And this TEST should be happen to all teachers including earlier appointed teachers to maintain Quality in Education.
Teachers attendance can be checked by the 3rd Party, CCTV cameras should be installed in schools.
Result of Schools should made available on Websites.
Blog editor g aap ne to kuch jada he apekcha kar le is nakara system se.
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