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Saturday, May 11, 2013
BETET News : नप में 17 मई को काउंसलिंग
5 comments:
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सरकार ने अपनी संभावित हार लगभग स्वीकार कर ली है------
ReplyDeleteअगर आपको भरोसा नहीं हो रहा है तो 2-3 दिन पहले की कैबिनेट मीटिंग को याद करिये...आपको खुद बखुद समझ में आ जायेगा की पुलिस भर्ती में पुराने आवेदकों को बिना किसी फीस के नए प्रक्रिया में शामिल कर सरकार ने टेट में की गयी गलती को ना दुहराने का फैसला किया गया है यानी पुलिस भर्ती में केवल माया के विज्ञापन की जगह नया विज्ञापन निकाल के सभी पुराने आवेदकों को बिना किसी फीस के सम्मिलित किया जायेगा और क्योंकि चयन प्रक्रिया में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है तो पुराने आवेदकों की तरफ से किसी विरोध की संभावना भी नहीं बचेगी,यानि केवल बोतल का स्टीकर ही बदला जायेगा बाकी सब कुछ पुराना ही रहेगा ।
शिक्षक भर्ती मे सरकार ने जो गलत निर्णय लिया है, वही गलतियाँ वह पुलिस भर्ती में नहीं करना चाहती है नहीं तो उसे एक और हार और बेईज्ज़ती का सामना करना पड़ सकता है ।सरकार ने शिक्षक भर्ती में अपनी संभावित पराजय को देखते हुए ही पुलिस भर्ती में फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाने का फैसला लिया है ।
मेरे एकेडेमिक मित्रों को सरकार का आत्मसमर्पण अच्छी प्रकार से समझ में आ रहा होगा ।
tet
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Judgement likha ja chuka hai ..ye confirm hai..par 3no judgo ke kisi niji karno se li gayi awkash ke karan nahi sunaya ja saka hai..jaisa judgement ka sambhavit date 17 yani friday pta chal raha hai..(ise ek sambhavna samjhe) .fir d.b ka date 25 may lag sakti hai.(jo ki ek sambhavna hai.) tab court band hone me matr 6 din bachege..hamare wakil harkoli sir se request karege ki lagatar date par sunwai ho ..aur hame puri ummid harkoli sir man v jayege aur 31 may ke pahle base of selection ka bhi nirnay ho jayega..fir ham gov. Par jald bharti ka dabav bnana chalu karege .gov. D.b me har ke bad suprime court nahi jayegi ye tay hai aur d.b me tet aur gov. Pax hai so acd wale s.c nahi ja sakte unhe pahle single bench jana padega..d.b se final hone ke bad acd hamesha ke liye dafan samjho..jai tet
ReplyDeleteकर्नाटक की जनता हैरान है -------
ReplyDeleteकि हमने तो कांग्रेस को वोट ही नही दिया फिर भी कांग्रेस जीत कैसे गयी ?
कल चुनाव का नतीजा आने के बाद से अभी तक जनता EVM मशीन में भारी धाँधली का मुद्दा उठा रही है,यदि ये मुद्दा ज्यादा गरमाया तो कर्नाटक में चुनाव एक बार फिर से होनेकी भी सम्भावना जताई जा रही है, और जिसमें कांग्रेस का मूह जबरदस्त तरीके से काला होना तय है |
वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ उजागर…:-2014 में भी सात में से पाँच वोट हमेशा कांग्रेस को
कोई भी बटन दबाओ, वोट कांग्रेस के खाते में ही… :- वोटिंग मशीन धोखाधड़ी फ़िर उजागर
जिस इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन पर सभी उम्मीदवारों को प्रक्रिया समझाई जानी थी, उसके प्रदर्शन के दौरान सात वोट डाले गये जिसमें से पाँच कांग्रेस के खाते में गये। ऐसा दो-दो बार और हुआ, इसके पश्चात वहाँ उपस्थित सभी राजनैतिक दल हैरान रह गये (कांग्रेस के अलावा)। निर्वाचन अधिकारी डॉ निशिकान्त देशपाण्डे ने "शायद मशीन खराब है…" कहकर मामला रफ़ा-दफ़ा कर दिया...
अब वक्त आ गया है कि कांग्रेस द्वारा आगामी 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों तथा 2014 के लोकसभा चुनावों में मतदाता को वोट डालते ही तत्काल एक पर्ची प्रिण्ट-आउट का प्रावधान किया जाए, ताकि मतदाता आश्वस्त हो सके कि उसने जिसे वोट दिया है, वह वोट उसी उम्मीदवार के खाते में गया है।
डॉ स्वामी इस सम्बन्ध में पहले ही माँग कर चुके हैं, आश्चर्यजनक रवैया तो भाजपा का है…।
महाराष्ट्र के अर्धापुर नगर पंचायत चुनाव हेतु निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी राजनैतिक दलों को चुनाव प्रक्रिया एवं मतदान पद्धति तथा मशीनों को चेक करने हेतु एक प्रदर्शन (Demonstration) रखा गया था। इसमें जिस इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन पर सभी उम्मीदवारों को प्रक्रिया समझाई जानी थी, उसके प्रदर्शन के दौरान सात वोट डाले गये जिसमें से पाँच कांग्रेस के खाते में गये। ऐसा दो-दो बार और हुआ, इसके पश्चात वहाँ उपस्थित सभी राजनैतिक दल हैरान रह गये (कांग्रेस के अलावा)। निर्वाचन अधिकारी डॉ निशिकान्त देशपाण्डे ने "शायद मशीन खराब है…" कहकर मामला रफ़ा-दफ़ा कर दिया और अगली तारीख पर दोबारा प्रदर्शन करने हेतु बुला लिया।
मशीनों के निरीक्षण के दौरान सात अलग-अलग बटनों को दबाया गया था, लेकिन गणना में पाँच मत कांग्रेस के खाते में दर्शाए गये। शिवसेना के निशान धनुषबाण का बटन दबाने पर वह वोट भी कांग्रेस के खाते में ही जा रहा था…। पिछले विधानसभा चुनाव में डॉ निशिकान्त देशपांडे ही पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के निर्वाचन क्षेत्र में अधिकारी थे, उस समय भी शिवसेना-भाजपा ने चुनाव में गड़बड़ियों की शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की थी, जिसका निराकरण पाँच साल होने के बाद भी नहीं हुआ है। शिवसेना ने इस समूचे प्रकरण की उच्चस्तरीय जाँच करवाने हेतु राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, एवं आगामी विधानसभा चुनावों में उपयोग की जाने वाली सभी EVM की जाँच की माँग की है…।
वोटिंग मशीनों में हैकिंग और सेटिंग किस प्रकार की जा सकती है, इस सम्बन्ध में हैदराबाद के एक सॉफ़्टवेयर इंजीनयर श्री हरिप्रसाद ने बाकायदा प्रयोग करके दिखाया था, लेकिन सरकार ने उसे भारी परेशान किया था…
ReplyDeleteउल्लेखनीय है कि डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी एवं एस कल्याणरमन ने इस विषय पर एक पुस्तक भी लिखी है, जिसमें वोटिंग मशीनों की हैकिंग के तरीके, भारतीय वोटिंग मशीनों की गड़बड़ियों तथा विदेशों में इन मशीनों के हैक होने के विभिन्न प्रकरणों तथा कई प्रमुख देशों द्वारा इन मशीनों को ठुकराये जाने अथवा प्रत्येक मतदाता को उसकी वोटिंग के पश्चात "सही रसीद" देने का प्रावधान किया गया है…(Book :- Electronic Voting Machines - Unconstitutional and Tamperable... ISBN 978-81-7094-798-1)
पिछले आम चुनाव में शिवगंगा लोकसभा सीट से पी चिदम्बरम का निर्वाचन भी अभी तक संदेह के घेरे में है, उस चुनाव में भी पी चिदम्बरम पहली मतगणना में 300 वोटों से हार गये थे, दूसरी बार मतगणना में भी यह अन्तर बरकरार रहा (विभिन्न न्यूज़ चैनलों ने इसकी खबर भी प्रसारित कर दी थी), परन्तु चिदम्बरम द्वारा तीसरी बार मतगणना की अपील किये जाने पर "आश्चर्यजनक रूप से" चिदम्बरम 3354 वोटों से विजयी घोषित हुए थे। विपक्षी उम्मीदवार ने जो शिकायत की थी, उसका निराकरण भी पिछले 3 साल में नहीं हो सका…।
अब वक्त आ गया है कि कांग्रेस द्वारा आगामी 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों तथा 2014 के लोकसभा चुनावों में मतदाता को वोट डालते ही तत्काल एक पर्ची प्रिण्ट-आउट का प्रावधान किया जाए, ताकि मतदाता आश्वस्त हो सके कि उसने जिसे वोट दिया है, वह वोट उसी उम्मीदवार के खाते में गया है। हाल-फ़िलहाल ऐसा कोई प्रावधान नहीं होने से इन मशीनों को हैक करके इसमें कुल वोटिंग प्रतिशत का 70-30 या 80-20 अनुपात में परिणाम कांग्रेस के पक्ष में किया जा सकता है (बल्कि आशंका यह भी है कि चुनिंदा लोकसभा क्षेत्रों में पिछले लोकसभा चुनाव में शायद ऐसा ही किया गया हो, परन्तु यह कार्य इतनी सफ़ाई और गणित लगाकर किया गया होगा ताकि किसी को शक न हो…)। परन्तु इस धोखाधड़ी का इलाज मतदाता को वोट की रसीद का प्रिण्ट आउट देकर किया जा सकता है…।
डॉ स्वामी इस सम्बन्ध में पहले ही माँग कर चुके..