PM Speech from Red Fort on 15th August 2013 and Retirement Age
अभी हाल ही में जिस प्रकार न्यूज़ पेपर रिटायरमेंट एज बढने की झूठी ख़बरें फेला रहे हैं
और न्यूज़ पेपर कह रहे थे की 15 अगस्त पर ऐसी घोषणा करेगी -
इस से पहले भी न्यूज़ पेपर जून महीने में कह रहे थे की सरकार रिटायरमेंट एज बढाने जा रही है , लेकिन सरकार ने
इसके तुरंत बाद इसका खंडन किया की ऐसा कोई प्रपोसल (रिटायरमेंट एज बढाने ) का नहीं है-
No change in retirement age of government employees: Centre - http://articles.economictimes.indiatimes.com/2013-06-17/news/40027823_1_retirement-age-government-employees-finance-ministry
Thanks to Central Government to consider problems of Unemployed youths
वैसे कुछ चुनिन्दा न्यूज़ इस पेपर ने ही इस बात को छापा है और
मीडिया के बड़े समूह ने इस बात (रिटायरमेंट एज बढाने ) को नहीं कहा ।
जो मीडिया वाले इस तरह की रिटायरमेंट एज बढने खबर छाप देते हैं उन्हें ख़बरें जिम्मेदारी से छापनी चाहिए ,
देश का आम नोजवान बेरोजगारी व् महंगाई से पीड़ित है , नोकरीयों के अवसर घट रहे हैं , युवा बेरोजगार - संविदा / कॉन्ट्रैक्ट
पर काम करने को मजबूर है जबकि रिटायरमेंट एज पर पहुंचे बाबुओं को तनख्वाह लाखों रूपए में मिलती है और सरकारी सुविधाओं का भरपूर उपयोग होता है ।
युवा बेरोजगार के लिए नोकरियों में अवसर बढाये जाने की जरूरत है न की रिटायरमेंट एज बढ़ा कर उनके अवसर कुंद करने की ।
प्रधानमंत्री जी ने आर टी ई (सर्व शिक्षा अभियान ) की बात तो कही लेकिन इसके इम्प्लीमेंटेशन कब तक होगा , यह बात नहीं कही ।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत लगभग 20 लाख जॉब क्रिएट हुए हैं लेकिन आज भी कई राज्यों में भर्ती के मामले लटके हुए हैं , जिनमे उत्तरप्रदेश जैसे बड़े राज्य शामिल हैं ।
आतंकवाद व देश पर सीमा पार से आक्रमण के बारे में प्रधान मंत्री जी ने कहा की हम ऐसे आक्रमणों को आगे नहीं होने देंगे ।
लेकिन सरकार को इस से निपटने के लिए कठोर नीति बनाये जाने की आवश्यकता है ।
प्रधान मंत्री जी ने कहा , देश में लोगों के पास फोन की सुविधा में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है , ये अच्छी बात है कि आज मोबाईल फोन घर घर पहुँच गया है , लेकिन मोबाईल फोन से भूख नहीं मिटती और इंसान की मूल जरूरत - रोटी , कपडा व मकान पहले है और इसके लिए बेरोजगारी पर काबू लाना जरूरी है
Sorry for Below Message to Central Government -
देश का आम नौजवान युवक बेरोजगारी व महंगाई से त्रस्त है
बेचारा ठेका मजदूरी / कांट्रेक्ट लेबर कर रहा हैं
सरकारें चुनाव से पहले अपने चुनिन्दा बाबुओं को ऊँचे पदों पर बेठा देती हैं
और अब रिटायरमेंट एज बड़ा कर उनके माध्यम से परोक्ष रूप से शासन करना चाह रही है
आखिर कब तक ये सरकार आम जनता का खून चूसेगी
रिटायरमेंट एज पर बड़े बाबुओं की तनख्वाह लाखों रूपए में होती है और सरकारी सुविधाओं का भरपूर रूप से प्रयोग किया जाता है , ये आम आदमी का खून चूसने के समान है