Urdu Teacher Recruitment : मोअल्लिम-ए-उर्दू शिक्षकों ने घेरा मुख्यमंत्री आवास
लखनऊ (ब्यूरो)। मोअल्लिम-ए-उर्दू वेलफेयर एसोसिएशन ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर टीईटी-2013 की उत्तर पुस्तिकाओं के दोबारा जांच की मांग उठाई। संगठन का आरोप है कि भारी संख्या में अभ्यर्थियों के 60 अंकों के उर्दू निबंध के अंक परीक्षा परिणाम में नहीं जोड़े गए हैं। संगठन की ओर से मुख्य सचिव आलोक कुमार को पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया।
मोअल्लिम-ए-उर्दू वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले बड़ी संख्या में अभ्यर्थी सुबह मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे।
मुख्यमंत्री के न मिल पाने के कारण उनका प्रदर्शन देर शाम तक जारी रहा। संगठन का नेतृत्व कर रहे प्रदेश संरक्षक आफताब पठान ने बताया कि मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों को टीईटी-2013 में कई गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा है। कई अभ्यर्थियों के नतीजे रोक दिए गए हैं।
उन्होंने भाषा शिक्षक उर्दू के पदों की संख्या को वर्तमान 4280 से बढ़ाकर 6000 करने, उच्च प्राथमिक परिषदीय स्कूलों में भी दो हजार पद सृजित करने, टीईटी में गलती से सामान्य वर्ग में आवेदन करने वाले मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों को दोबारा मौका देने और 21 फरवरी 2011 को धरना प्रदर्शन के दौरान तीन महिलाओं समेत 15 लोगों पर पिछली बसपा सरकार द्वारा लगाई गई संगीन धाराओं को जल्द हटाने की मांग उठाई।
इस अवसर पर संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को मोअल्लिम-ए-उर्दू शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पदों पर नियुक्ति का अवसर देने के लिए धन्यवाद भी दिया गया
News Sabhaar : Amar Ujala (20.8.13)
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UPTET 2013 : भड़के टीईटी अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन
शिक्षक पात्रता परीक्षा -2013 के परीक्षा परिणाम में कई अभ्यर्थियों का मूल्यांकन इसलिए रोका गया, क्योंकि उन्होंने भाषा कोड गलत भरा था। प्रतापगढ़ के संजीव सिंह ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। परीक्षकों में भी भ्रम की स्थिति थी। ज्योति यादव और वरुण सिंह का कहना है कि उनका अनुक्रमांक एक होने से रिजल्ट रोका गया। योगेंद्र सिंह और संगीता यादव ने कहा कि पूरे सवालों का जवाब देने के बाद भी अंक नहीं दिए गए। वहीं, उर्दू भाषा के अभ्यर्थी बदायूं के अबरार अहमद खां और पीलीभीत के मोहम्मद मुफ्ती सलीम अहमद का आरोप है कि परीक्षा में 1996 बैच के अभ्यर्थियों के साथ दुर्भावना से काम किया गया। सरकार ने 1997 से पूर्व के उर्दू शिक्षकों की सीधी भर्ती का वादा किया था। बाद में टीईटी परीक्षा अनिवार्य कर दी। सबसे ज्यादा उन्हीं अभ्यर्थियों को असफल घोषित किया गया, जो 1997 के पहले के हैं। इसे लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश है। इस संबंध में परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने कहा कि शिकायतों पर जांच के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा
News Sabhaar : Jagran (20.8.13)