जनरल की उम्र पर जंग तेज, सरकार भी कोर्ट में
(Army Chief of India - General V K Singh age controversy, Government is in Court)
Question is -
1. Army Chief move to court is in Discipline OR Indiscipline
2. Army Chief is citizen of India, And if he felt injustice is with him then door for court is open to all and for him also.
3. What mesage goes in Indian Army?
4. It happens first time in Indian history, and whoever loose or win (Government OR General), this decision impacts heavily on Indian Public.
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सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के उम्र विवाद मामले में सर्वोच्च न्यायालय में उनकी तरफ से अपील दायर करने के एक दिन बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस मसले पर चर्चा के लिए रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की वहीं रक्षा मंत्रालय ने रक्षा सचिव शशिकांत शरमन को मलेशिया से वापस बुला लिया है। उधर कानूनी लड़ाई के लिए अपने को तैयार करते हुए रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट (आपत्ति सूचना) दाखिल की है। सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से जनरल की याचिका पर कोई फैसला देने से पहले उसका पक्ष भी सुनने का अनुरोध किया।
जनरल सिंह द्वारा सुप्रीम कोर्ट की शरण लेने के एक दिन बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। माना जाता है कि दोनों नेताओं ने उम्र विवाद के मुद्दे पर बातचीत की।
जानकार सूत्रों ने बताया कि महान्यायवादी जीई वाहनवती से मिलने के बाद एंटनी ने दोपहर बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की। उम्र विवाद मसले पर रक्षा मंत्रालय की योजना क्या है, इस बारे में सरकार ने हालांकि कोई ब्योरा देने से इंकार किया है।
वहीं, जनरल सिंह ने अपने जन्म सम्बंधी दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा है कि उनका जन्म 1951 में हुआ था और इस तरह उन्हें मार्च 2013 में सेवानिवृत्त होना है।
इस बीच, उम्र विवाद में सेना प्रमुख के साथ कानूनी लड़ाई बढ़ती देख रक्षा मंत्रालय ने रक्षा सचिव शशिकांत शरमन को मलेशिया से वापस बुलाया है। शशिकांत आधिकारिक दौरे पर मलेशिया गए हैं।
रक्षा मंत्रालय में मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि जनरल सिंह वर्ष 1950 में पैदा हुए और इस हिसाब से मार्च 2010 में सेना प्रमुख बनने वाले सिंह को इस वर्ष के मई महीने में सेवानिवृत्त होना है।
सेना प्रमुख द्वारा इस मुद्दे पर सरकार को अदालत में घसीटने पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा, यदि किसी को लगता है कि उसे न्याय नहीं मिला है, तो उसे न्याय पाने का अधिकार है और यह सभी भारतीयों का अधिकार है।
उन्होंने केवल इतना कहा, यदि वह अदालत गए हैं तो मैं इस पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकती। उन्होंने यह भी कहा, इसे मुद्दा या विवाद बनाना बड़ा मुश्किल है और मुझे इसे लेकर डर है, सैन्य बलों के साथ हम हमेशा सम्मानजनक व्यवहार करते हैं।
उम्र विवाद में इससे पहले जनरल सिंह ने रक्षा मंत्रालय में वैधानिक शिकायत दर्ज कर आधिकारिक रिकॉर्ड में अपने जन्म का वर्ष ठीक करते हुए इसे 1950 के बजाय 1951 करने का अनुरोध किया था। लेकिन मंत्रालय ने दिसम्बर में इसे खारिज कर दिया था, जिसके बाद सोमवार को उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
स्वतंत्रता के बाद देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब कोई सेना प्रमुख सेवा में रहते हुए सरकार के खिलाफ अदालत गया हो। (एजेंसी)
सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय इस मुद्दे पर विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है। सेना प्रमुख के कदम पर विशेषज्ञों और पूर्व सेना अधिकारियों के अलग-अलग विचार सामने आए हैं। पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर का कहना है कि सेना प्रमुख का निजी विषय पर अदालत जाने का निर्णय सेना और राष्ट्र के लिए अच्छा नहीं है। हालांकि उन्होंने उम्र विवाद पर विशेष तौर पर कुछ भी कहने से इंकार किया।
पूर्व वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल पी.वी. नाइक ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि यह निजी मामला है और वह जो अच्छा समझते हैं, उन्हें वह करना चाहिए। भारत के नागरिक के तौर पर उन्हें अदालत जाने का हक है।’ एक अन्य पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एस.के. कौल ने कहा कि इस विषय को सरकार और सेना प्रमुख को आपस में सुलझा लेना चाहिए था। भाजपा प्रवक्ता बलबीर पुंज का कहना है कि यूपीए सरकार ने इस मसले से ठीक तरीके से निपटने की कोशिश नहीं की।
News : ZeeNews (17.1.12)