नौकरी फार्म 500 का, विधायकी का आवेदन फ्री में
मेरठ: शिक्षक बनने के लिए राज्य स्तरीय टीईटी परीक्षा व पुलिस भर्ती में पढ़े लिखे बेरोजगारों ने प्रति फार्म 500 रूपये खर्च किए। लिपिक से लेकर चपरासी की भर्ती पर भी उन्होंने इतना ही पैसा खर्च किया, पर उप्र विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों को फार्म फ्री में मिल रहा है। अभी तक मेरठ की सात विस क्षेत्रों के लिए 100 से अधिक दावेदार यह फार्म प्राप्त कर चुके हैं।
हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए शैक्षणिक योग्यता, उम्र, अनुभव अनिवार्य होता है पर विस चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी की आयु के अलावा कोई अनिवार्यता नही है। न्यूनतम आयु 25 साल है पर अधिकतम का कोई पैमाना नहीं है। शैक्षणिक योग्यता या अनुभव चुनाव लड़ने के लिए जरूरी नही है।
पांच बार आईएएस व पीसीएस की प्रवेश परीक्षा दे चुके शास्त्री नगर निवासी योगेन्द्र ने तो इस बाबत राष्ट्रपति को एक पत्र प्रेषित किया है। उनका तर्क है कि प्रत्याशियों के लिए अनुभव व शैक्षणिक योग्यता जरूरी होनी चाहिए। पढ़े लिखे लोग सदन में आयेंगे तो सदन में हल्लागुल्ला नहीं होगा बस विकास की बाते होगी।
बहराल, बात चाहे जो भी हो पर अभी तक मेरठ में ही 100 से अधिक दावेदार निर्वाचन कार्यालय से यह फार्म फ्री में प्राप्त कर चुके हैं। निर्वाचन आयोग ने नामांकन पत्र फार्म व उसके साथ प्रस्तुत किए जाने वाले शपथ पत्र में इस बार संशोधन जरूर किया है। स्वयं के साथ पत्नी व अन्य आश्रितों के पैन नंबर देना भी इस बार अनिवार्य है।
News : Jagran ( 31.1.12)
it's happen only in india
ReplyDeletesab janta hi karti hai, janta hi jhelti hai, iske liye koi deviyay shakti jimmedar nhi hai, sab hum hi karte hai,jai hoooo,,
ReplyDelete@MUSKAN ji,
ReplyDelete@SANJEEV ji,
@NAVED ji,
~Firstly thanks to you for giving answers of CTET......
~Please post also HINDI 2nd answers of paper Ist soon as possible.......
thanks again.....@MUSKAN ji,
@SANJEEV ji,
@NAVED ji,
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kuchh nahi hona hai jab choro ko hi pahredaar bana diya gaya h to fir ab en baanto ka koe matlab nahi hai.
ReplyDeletekoe vyakti apne hi khilaaf niyam kaise bana sakta hai. vahi sarvochch hain aur vo jo karte hain vahi sahi hai. 550 log milkar ye tay karte hain ki 125 carore hindustaniyo k liye kya sahi hai aur kya galat. jiske liye unhen kisi yogyata ki jarurat nahi hai bas paise ki jarurat hai jiske paas ye hai vahi powerful hai.
प्रिय मित्रों,
ReplyDeleteये राजतंत्र है और पढ़े लिखे लोगों की जरुरत नहीं है इसको चलाने के लिए | राजनीति एक पेशा है और नेता अपना व्यापार कर रहे हैं, हम उनके ग्राहक भर हैं और कुछ नहीं | चुनावों का दौर है अभी सब आपको आश्वाशन देंगे की हमारी सरकार बनाओ हम तुम्हे नौकरी देंगे और बाद में जब आप नौकरी मांगेंगे तो पुलिस इन्ही के इशारे पर आप के ऊपर लाठी बरसायेगी | ये नेता जी जो रोज तुम्हारे हाँथ - पैर जोड़ रहे हैं इनके पास आपकी बात सुनने के लिए समय नहीं होगा | मीडिया, सरकार, नेता,अफसर सब आज कल जनता को ये सिखा रहे हैं की मतदान करना आपका कर्तव्य है लेकिन नेताओं के क्या कर्तव्य हैं? इसका जवाब किसी के पास नहीं है | दुर्भाग्य है ये हमारे देश का जहाँ ऐसे लोग आपकी योग्यता और आपके भविष्य का निर्धारण करते हैं जिनकी खुद की योग्यता के निर्धारण का कोइ पैमाना नहीं है और ना ही उन्हें किसी योग्यता की जरुरत है | जब भी इस मसले पर आवाज उठाओ तो जवाब मिलता है की ये व्यवहारिक नहीं है इस से समानता और स्वतंत्रता के अधिकार का उलंघन होता है | नेताओं का घोटाले करना,अपराधियों को जनता का प्रतिनिधि बनना और अपना हित साधने के लिए उलटे सीधे फैसले करना, सदन में लात जूता करना, क्या ये सब व्यवहारिक है ? कोइ जाति के नाम पर तो कोइ धर्म के नाम पर भारतीय जनता को बांटकर भारत कि एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा कर रहा है, राजनीतिक पार्टियाँ वंशवाद से पीड़ित हैं, बेटा,बेटी,पत्नी,भाई,बहन और अन्य रिश्तेदारों को चुनाव जिताने के लिए तमाम नेता एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं , ये देश की सेवा नहीं करना चाहते बल्कि राजनीति को अपना पुश्तैनी धंधा बनाना चाहते हैं | घोषणा पत्रों के नाम पर गरीब और अशिक्षित ही नहीं वरन पूरे देश कि जनता को बरगलाया जा रहा है | हमें उपदेश दिया जा रहा है की सभी चुने सही चुने , अरे साथ में ये भी तो बताओ की जहाँ सब के सब चोर ही खड़े हों वहां पर किसे चुने ? इनकी लाइन होनी चाहिए थी की "सभी चोरो को चुने,सही चोरो को चुने" क्योंकि आपको चुनना इन चोरों में से ही है | जब तक राइट टू रिकाल और राइट टू रिजेक्ट जैसे कानून नहीं होंगे तब तक इनकी मनमानी चलती रहेगी चूँकि ये कानून बनाने की शक्ति इन राजनितिज्ञो के पास ही है सो ये ऐसा नहीं करेंगे अता आपकी छाती पर मूंग दलते रहेंगे | नेताओं का मत है कि गरीब जनता को जिन्दा रहने के लिए रोज केवल ३२ रुपये कि जरुरत है और माननीय विधायक जी को १६६६ रुपये की, इसिलए विधायक जी को सब मिलाकर करीब पचास हज़ार वेतन दिया जा रहा है, सांसदों का तो और भी ज्यादा है और अगर बचेगा तो गरीबों को भी बत्तीस रुपये देने पर विचार किया जायेगा | सभी नेता हर बार की तरह वही पुराना रटा रटाया भाषण दे रहे हैं और एक दूसरे की पोल खोल रहे हैं |
अभी उग्रवाद भारत के कुछ एक राज्यों तक सीमित है बहुत जल्द ये पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लेगा| "उग्रवाद" एक चेतावनी है सरकार और नेताओं के लिए,अफसरशाही और सरकारी मशीनरी के लिए कि भारतीय जनता की उपेक्षा हो रही है. अन्ना के आन्दोलन में भी इसकी झलक देखने को मिली थी | अगर ये नेता समय रहते नहीं संभले तो वो दिन दूर नहीं जब भारत में भी मिस्र और लीबिया कि तरह गृहयुद्ध होगा,पाकिस्तान और म्यांमार कि तरह तानाशाह शासन करेंगे |
आप सभी पढ़े लिखे हैं और सभी को भारतीय राजनेताओं कि फितरत पता है अता आप अपने विवेक के अनुसार ही फैसला करें कि करना क्या है ?
आज के भारत को विकास कि ओर ले जाने की, भारत में सुशिक्षित और सभ्य समाज को विकसित करने की, जनता की उन्नति और भलाई इत्यादि जिम्मेदारियों का बोझ भारत की शिक्षित युवा पीढ़ी पर है | विश्व में सबसे ज्यादा युवा मतदाताओं का भारत में होना ये प्रदर्शित करता है कि भारत के भविष्य को संवारने में युवाओं का योगदान भारत के विकसित होने कि दिशा तय करेगा |
अता भारत को विकसित करने के लिए आप सभी का सहयोग अपेक्षित है.............
धन्यवाद
mujhe lagta hai agar tet ki tarah netao ki bhi net(neta eligibility test) pass karne ke baad ticket diye janye to janta ki pareshani kuch kam ho jaye kyunki uska result0.0001%rahega aur jab paas hi koi nahi hoga to janta ko dhuvidha bhi nahi hogi kyunki jitni sheet utne hi eligible so sabhi nirvirodh ho jayenge par aisa ho sakta hai ki sheeto se kam davedar rah janye
ReplyDeleteThese are the leaders that come from our society, they are truly representative of our society, they shows how much the face of society become distorted, why we allow such people to enter in the system, they are electorate people of Indians
ReplyDeletebhaiya meri age over ho rahi hai kash net lagu ho jata aur application farm muft mai milta to mai ek bar zaroor try karta bolo bhaio b.ed. dada ki jai
ReplyDeletesath mai tet mai ki jai
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