रांची : बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित राष्ट्रीय बालिका प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम (एनपीईजीईएल) में पिछले वित्तीय वर्ष (2011-12) में मात्र 32.39 फीसद राशि खर्च हुई। 67.61 प्रतिशत राशि राज्य सरकार खर्च नहीं कर पाई। 2011-12 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए 17 करोड़ 80 लाख 98 हजार रुपये के बजट की स्वीकृति दी थी। इनमें से 64.45 लाख रुपये पिछले वित्तीय वर्ष (2010-11) के स्पिल ओवर के रूप में मिले, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 17 करोड़ 16 लाख 53 हजार रुपये मिले थे। कुल 17 करोड़ 80 लाख 98 हजार रुपये में से 12 करोड़ 04 लाख रुपये राज्य सरकार खर्च नहीं कर सकी। इस राशि में से 2012-13 में मात्र 57 लाख 01 हजार रुपये स्पिल ओवर के रूप में मिले। शेष राशि केंद्र सरकार के पास धरी रह गई। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम के तहत 2012-13 में 16 करोड़ 32 लाख 10 हजार रुपये का अलग से बजट स्वीकृत हुआ है।
चौथाई राशि खर्च करने में भी छूटा पसीना
रांची : राष्ट्रीय बालिका प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम (एनपीईजीईएल) में आठ जिलों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। इनमें देवघर, सिमडेगा, रामगढ़, लोहरदगा, गोड्डा, पलामू, गढ़वा व कोडरमा शामिल हैं। इन जिलों ने 2011-12 वित्तीय वर्ष में तो बीस फीसद भी राशि खर्च नहीं की है। तीन जिलों में तो दस फीसद भी राशि खर्च नहीं हुई। सबसे खराब प्रदर्शन कोडरमा का रहा। मात्र दो जिले दुमका व गुमला में ही 50 फीसद से अधिक राशि खर्च हुई। आठ जिलों में बीस से 40 फीसद राशि खर्च हुई थी। वित्तीय सत्र के बाद दिनों में भी कोई खास खर्च नहीं हो पाया।
किस कारण यह स्थिति
-अधिकांश जिलों में प्रखंड स्तर के पदाधिकारी तथा जिला स्तर के पदाधिकारियों के बीच समन्वय नहीं।
-मूल्यांकन व रिपोर्टिग की सही प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती है।
क्या है एनपीईजीईएल
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत इस कार्यक्रम के तहत स्कूल से बाहर की बालिकाओं की पहचान कर विभिन्न माध्यमों से न केवल उन्हें शिक्षित किया जाता है, बल्कि छोटे-छोटे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से भी जोड़ा जाता है। बालिकाओं को मशरुम उत्पादन, प्राकृतिक खाद निर्माण, पेंटिंग, सिलाई, कढ़ाई आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। बालिकाओं को शैक्षणिक भ्रमण भी कराया जाता है।
News : Jagran (20.5.12)
25 may ko stay vacate hone k 80% chance hai.
ReplyDeletehai frinds
ReplyDeletedosto sikshako ka sahai chayan ka liya jarori hai ke bharti tet merit ka he aadhar per he ho but ya nakalchi aur bharast avadako ko kadai sa chata jaiaab saval utahta hai kasa to kai vikalp hai
1:-uchit aur ghan janch ke jai aur dsio ko kadi saja de jai
2 :-phala nakuri unaha hi di jaia jo ctet aur uptet clear ho qke vo hi vastavik kreem hai
3:-yadai acc merit bhi bana to kaval theory marka in b.ed.+,gradu.theory+tet marks ke sayaukt marit bana taki bordo ka chakar khatam ho aur sorce based marks pric. marks ke matha samapt ho
4 :-badi digres ko bhi adhiman diya jaya
apna vuies dav pls i m wating 4 ur vuies
फिर जगी टीईटी पास युवाओं की आशा
ReplyDelete•अमर उजाला ब्यूरो
नोएडा। टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास कर चुके युवाओं की बेसिक स्कूलों में नियुक्ति पर सरकार के सकारात्मक रवैये ने एक बार फिर आशा की किरण जगा दी है। जिले के टीईटी उत्तीर्ण युवाओं की आंखों में एक बार फिर सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने का सपना जाग उठा है।
टीईटी परीक्षा गत वर्ष आयोजित की गई थी। जिसमें देश भर के लाखों युवाओं ने हिस्सा लिया था। जनपद से भी करीब 18 हजार लोग परीक्षा का हिस्सा बने थे, जिनमें 90 फीसदी लोगों ने सफलता हासिल की थी। टैट परीक्षा में बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूल में कार्यरत शिक्षक शामिल हुए थे।
परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही यह परीक्षा विवादों के घेरे में आ गई, जिसका खामियाजा पास हो चुके अभ्यर्थियों को झेलना पड़ा। लेकिन अब नई सरकार ने एक बार फिर टीईटी परीक्षार्थियों को सरकारी स्कूलों में नियुक्ति देने पर विचार किया है।
प्राइवेट स्कूल में कार्यरत टैट पास कर चुकी एक शिक्षिका का कहना है सरकार शीघ्र पॉजिटिव रिजल्ट दे तो चिंता खत्म हो, नहीं तो सरकारी प्रक्रि या से लोगों का भरोसा उठ जाएगा।sss