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Tuesday, June 12, 2012

यूपी टेट और संघटन की मजबूती


यूपी टेट और संघटन की मजबूती 

एक चींटी थी जिसे एक मिठाई का टुकरा मिला . अब ये मत कहियेगा की आप को मिठाई नहीं पसंद है. अब बेचारी अकेली चींटी उस टुकरे को खाना तो अकेले ही चाहती थी लेकिन उसे ये भी मालूम था की वो उसे अकेले नहीं पा सकती है. अब उसने और चींटीयों को अपने साथ मिलाने को ठानी. उसने सभी को उस चीज के बारे बताना शुरू किया . कुछ लोगों को उस चीज की अहमियत  समझ में आई और कुछ ने सोचा की क्या फायदा इनके साथ इतनी मेहनत  करने का ? जबकि अंत में अगर इन्हें वो मिठाई का टुकरा मिल जाता है तो हिस्सा तो मुझे भी मिलेगा ही. फिर इतनी मेहनत और पसीना बहाने की क्या जरुरत ? अब चूँकि बहुत सी चींटीयों ने घर बैठना ही पसंद किया और उन की वजह से वे लोग उस टुकरे को नहीं छोड़ सकते थे. अतः  उन कायरों को छोड़कर उन वीरों ने उस टुकरे को पाने की ठानी.



यधपि कहीं न कहीं उनको हमेशा अपने साथियों का इन्तेजार ही रहता था की देर से सही अगर हमरे साथी हमारा साथ देने आ जाते हैं तो उनका स्वागत किया जायेगा. यधपि इस कहानी का अंत मुझे भी नहीं मालूम , नहीं तो मै जरूर बताता. लेकिन एक बात मेरी समझ में आती है की कहीं न कहीं उक्त कहानी हम टेट वालों से जरूर मिलती है. जब जीवन में हम किसी लक्ष्य को पाने का पर्यत्न करते है और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किसी संघटन का निर्मार करते है तो हमें सर्वप्रथम जिस चीज की आवश्यकता होती है वो है मुंडी की. अब मुंडी कई तरह की होती है जैसे-
१. वो मुंडी जो सड़कों पर उतरती है और संख्या बल दिखाती है.
२. वो मुंडी जो घरों की खिडकियों मे से झांकती है.
३. वो मुंडी जो गर्व के साथ सर उठती है और  हर अत्याचार का सामना करती है .
४. वो मुंडी जो सर झुकाने को तो तैयार है पर सर नहीं उठा पाती  है.

अब हमें सोचना है की हम कौनसी  cetegiry में आते हैं. निसंदेह हम सब उसी  cetegiry में रहना चाहते हैं जहाँ भले सर कट जाये लेकिन सर नहीं झुकना चाहिए.  


तन, मन और धन ...... ये तीन ऐसे शब्द हैं जिनपर एक मजबूत संघटन  की नीव  होती है. ये सिर्फ शब्द नहीं हैं. ये हमें सफलता की ओर ले जाते हैं. इसपर चलकर इन्सान सफल होता है.
१.  'तन'  यानि एक वादा की हम अपने शरीर के खून की आखरी बूंद तक संघर्ष करते रहेंगे. 
२. 'मन' यानी एक वादा की हम संघटन के प्रति कभी निष्क्रिय नहीं होंगे.
३. 'धन' यानी एक वादा की हम संघटन को धन की कमी से कभी भी नहीं हारने देंगे.
           
तन, मन और धन ...... ये किसी पर थोपा नहीं जा सकता है क्यूंकि कोई तन से, कोई मन से और धन से संगठन को मजबूत  कर  सकता है ओर करता भी होगा. कहतें हैं की जब मंजिल करीब दिखने लगती है तो वहां पहुचने की उत्सुकता और अधिक बढ़ जाती है और ऐसा होना किसी भी आधार  पर गलत नहीं है. क्यूंकि मेरा मानना है की सक्रियता के लिए उत्सुकता बहुत जरुरी होती है.  अब प्रशन ये उठता है की क्या हमें भी उस चींटी की तरह बिना ये सोचे की लोग हमारा साथ देंगे या नहीं, अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए या फिर उन लोगों से प्रभावित होकर अपने लक्ष्य को पाने की लालसा छोड़कर उनकी तरह घर बैठ जाना चाहिए. संघटन दोगले वादों पर नहीं जीता. संघटन को मजबूत करने के लिए सभी को अपने स्तर से प्रयास करना पड़ता है. तभी जा कर किसी संगठन की नीव मजबूत होती है. अब हमें ये सोचना है की क्या हमारे द्वारा किये गए वादों की विश्वशनीयता इतनी सही है की हम उसे दोगला आचरण ना कह सके. इसका सवाल का जवाब सिर्फ हमारी अंतर आत्मा ही दे सकती है जिसको खोजने की जरुरत आज हम सभी को है.
                  एक बात का और ध्यान रखना है की क्या सिर्फ फ़ोन पर जानकारी प्राप्त कर लेने से हमारी जिम्मेदारी पूरी हो जाती है. हमें ये समझना होगा की हमारे लिए कौन  कितना कर सकता है. और उससे उस काम को करवाने के लिए हमें किस चीज की आवश्यकता है. क्या कहा आपने..... मेरी बातें समझ में नहीं आई. कोई बात नहीं.
१.  कौन  कितना कर सकता है ?  = सूबे की सरकार
२. उससे उस काम को करवाने के लिए हमें किस चीज की आवश्यकता है ? = संख्या बल 
 एक और सवाल अक्सर हमारे फ़ोन पर पूछा जाता है की कितने लोग हैं उस धरने में ?  मेरे भाइयों !!! आपको समझना पड़ेगा की चाहे जितने लोग भी हों पर एक की कमी वहां हमेशा होती है और वो आप खुद हो. बस हमें इस कमी को पूरा करना है. मुझे आज भी याद है .. हमारी नोक-झोंक चल रही थी CHARBAGH पर पुलिस से  और उसी वक़्त किसी का फ़ोन आता है और वो पूछता है की भाई क्या हो रहा है वहां पर ? अब आप बताइए मै क्या जवाब देता...और मैंने क्या जवाब दिया होगा .. उसको यहाँ बताने की आवश्यकता नहीं है.
                एक बात और कहते हैं की यदि सुबह का भुला शाम को घर वापस आ जाता है तो उसे भुला नहीं कहते... अभी वक़्त है  नहीं तो कल यदि आपका जमीर आपको गलियां दें और आप सोचें की शायद मै भी शामिल हो जाता तो आज मेरा भी ज़मीर मुझे सराहता. ये पूछना की कितने लोग हैं ? बिलकुल छोड़ दीजिये. गाँधी जी जब डंडी यात्रा पर चले थे तो उनके साथ कितने लोग थे लेकिन जैसे-जैसे वो आगे बढ़ते गए कारवां बनता गया और कब एक दस में और दस  सौ  में, सौ हज़ार में , हज़ार लाख में बदलता चला गया. संघटन को मजबूत करने के लिए व्यक्तिगत तौर हमें कुछ बातों को अपनाना होगा...
१. आँखे खुली रखे लक्ष्य से ध्यान कभी भी भटकने न दें.
२. अपने आस-पास के बहरूपियों को पहचाने और उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएँ.
३. तन, मन और धन की परिभाषा को कभी न भूलें.
४. नेता कम , कार्यकर्ता बने रहें.
५. चुने हुए प्रतिनिधियों की बातों पर चलना सीखें.
६. साप्ताहिक मीटिंग में अधिक से अधिक और हमेशा शामिल हों.
७. कम से कम २ टेट अभ्यर्थी को अपने  स्तर से जरूर जोड़ें. 
          दोस्तों अगर उक्त बातों को आप अपने दिल से निभाना सीख ले तो निश्चित तौर पर कोई भी चीज असंभव नहीं है और जो कुछ आप चाहते हैं वही होगा.

आपका अपना साथी 
सुभानाल्लाह (सुभान)
गोरखपुर 
9935907083

42 comments:

  1. dear subhanallah g mai apse mil ke gorakhpur mai tet pass walo ka sammelan karana chahta hun isme gorakhpur mandal ke log sadar amantrit honge sammelan mai sicha mantri ko mehman ke rup mai amantrit kar unka swagat karna chahta hun aur apni bat unke samne rakhna chahta hu ye koi dharna padarsan nahi hai means lathi charge ki koi gunjaish nahi sare karkram prasasan ki chatrachaya mai hoga agar aap ya koi hamse sahmat ho to call kre 9452061561 per sammelan mai ane wale tet pas bhaiyo ka nam add. mob.no. register pe darz hoga taki koi karkram agai ho to sabko suchit karna asan ho dr.amit agrahari maharajganj 9452061561

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    1. bhaio phehle to ek dusre par ilzam lagana band kar . aur amit ji ab andolano se kuch nahin hone wala. kuki yeh mamla kanooni hai aur akilesh bhi hume vase hi paresan karna chahta hai jaise mayawati ne ise bhati police walo ko kiya tha.yeh ashish ne sai kaha hai sabhi log teacher kam neta jyada banna chaha rrahe hai neta banna hai to nikay chunav lade yaha unki zaroort nahi hai.dosto ab phehle to sabhi zilo ke tet adyksh ek jaghe mile phir ek joint account khulwaye then sabhi apne apne zilo ke tet students ko ikhata karne main piri takt laha de . aur ab zroort hai. kanooni salahkaro ki highcourt ki double bench and sc main pill.kyonki jaise mayawati ne police bharti radd karano ko pure zor lagye the vaise hi akhilesh hamare saat karega .par paresaan na ho. kanoon se hi nyay mil sakta hai mai tet adykcho ke sampark karne ke kosis kar raha hoon .agr aap pill nahin dal sakte to main dalne ko tyar hoon mera no hai975856547 GIRISH TOMAR

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  2. dear blog editor
    is nikamme dr. amit agrahari ko ban kar de. ye hamesha spamming karta hai. ek hi comment har jagah post karata rahata hai.

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  3. Dear friends....
    Delhi se mai ho kar aaya aur har baar ki tarah iss baar b lautate samay yahi scha ki ab iske kisi andolan me nahi jaunga...lekin mujhe pata hai mai jarur jaunga
    Har bar ek ummid se andolan me jata hun ki iss bar kuch nirnayak hoga...
    Bahut afsos ke sath kahena pad rha hai ki hamare kuch TET ke neta sach me netagiri karna shuru kar diye hai..2 4 hazar ki bheed dekh k ye mike ke samne khud ko khada kar k apne apko bada neta banane lagte hai..ye bhul jaate hai ki ham inke koi paid karyakarta nahi hai jo inki bhasadbaji sunne aye hai..har kisi me hod lagi rahati hai ki wo bhasad dega..aisa lg rha tha yahi MP MLA ka ticket milne wala hai...
    Naukari mile ya na mile ye neta jarur ban gaye...
    Dosto mai aisa nahi kah rha hun ki sabhi log aise hai lekin mai name nahi lunga par kuch log hai aise jinke mann ki mahtvakanchha jaag wuthi hai...aur wo khud ko chamakane me lag gaye hai...
    Mujhe yaad hai maie issi blog pe ek news padha tha ki wus date ko kapil sibbal India me nahi rahenge...inn logo ne itni badi bheed ikattha kar li aur inhe ye b nahi pata tha ki jisko gyapan saup rahe hai wo india me hai hi nahi..
    Ye hamare mitra paidal chal kar delhi tak gaye...kya hasil hua unhe kya hasil hua hame pata nahi...ha unka thoda maan samman jarur hua...wo b ek netaban gaye..jitni energy unnhone paidal chalne me lagayi agar utni energy ham varansi walo se sirf milne me lagaye hote toh sirf banaras me itna bada majbut sangathan ban gaya hota ki ham Supream Court me jane ke bare me soch sakte thhe...
    Ye pura mamla kanuni daav pech me fasa hai isko kanoon ke jariye hi bahar nikala ja sakta hai..hamare neta log iska koi rasta nahi dhud rahe hai...mujhe pata hai ap me se sabhi log kahenge ki mai hi kyu nahi chala jata SC...kaise chala jaeun?jab hamara ek sangathan hai uske padadhikari hai wo kyu nahi faisla lete ki SC me ek PIl dayar kare...PIL ki sunwayi turant hoti hai..lekin aisa nahi karenge kyuki aisa karne se bheed ikattha nahi hogi aur bhasad dene ka mauka nahi milega...
    Yaha bahut se logo ne ghar baithne walo ko napunsak aur pata nahi kya kya kaha...arey jo ghar baithe hai wo hamesha baithe hi rahenge wo koi bachche nahi hai jo hamare kahane se ajayenge ye unki mansikta hai...har andolan me sirf 10% log hi hissa lete hai...baat unki karni chahiye jo har bar jate hai laathi khate hai dande khate hai...
    Bade afsos se mai aj fir kah rha hun hamare TET netawo ke paas koi radniti hai nahi bas aise hi bolete rahate hai...mai maafi chahta hun maine galat shabdo ka use kiya..lekin hamri ummide aashaye sirf aap logo se hi hai..apke ek ishare pe ham kuch b karne ko tayar ho jate hai lekin ap ke ek bhi nirnay me durdarshita nahi hoti...
    Sirf ek baar HC ki double bench me jane ka faisla kiya gaya tha wo b 2 bhaiyo ne kiya tha isle siwaye aj tak hamari taraf se ek b aisi prakriya nahi ki gayi jo kanuni ho...
    Ham sabhi ko khule dimag se sochna chahiye vastav me rasta kaha se niklega...aise bheed ikattha karne se wun log ka b hausala khatm ho jayega jo bar bar aate hai..fir jab jarurat padegi nirnayak jang ki toh ek b sipahi nahi milega..
    Dosto kuch kahene mujhse galti ho gayi ho toh chhama prarthi hun...
    Apka
    Ashish

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  4. AMIT SIR very good effort .please go on .i am going to give your cell n to my tet friends .thanks .

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  5. V K YADAV g please update todays news of umar ujala .

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  6. Are tet netao please s.c. Chalo salo hum sabhi paisa dene ko taiyyar hai.

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    1. rahul call me on 9758565472 ya apna no do. main sabhi tet adykcho ke no chahta ho . hum ladai kanooni roop se hogi. main apne law department aur mathura ke bar adyksh se milne ja raha hoon . wohkya rannete batate hai phir age ka kadam hoga

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  7. TeT balo ka kuchh nahi ho sakta hai ye ghar me hi baithe rahege.

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  8. MUSKAN G please update todays news of UMAR UJALA.Is there any extra news .thanks .

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  9. shyam dev mishra ji aap bhi legal advisors se sapark sadhe and most important all distric tet adykcho ke no uplabdh kare.apki ati kripa hogi.(G TOMAR) 9758565472.

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  10. respected muskan mem aap bhi inko samjhei mai delhi phehli baar phucha tha paar really jo ashish ne bataya usse bhi zyda parinaam acha nahi tha.or ye sach nhi hai hume knooni jung ke liye apne apne zilo ke tet student saat lenne padege. to plz tet adyksho ke ph. no uplabh karaye. phono par ranneeti nahi banti. hum milkak pil ya double bench jayge.(GIRISH TOMAR)9758565472

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  11. jo tet students sc main pill ya high court main double bench ke liye tyar hai.call me 9758565472 (GIRISH TOMAR) aur sabhi tet adyakh plz give their no. or call me it'a humble request.

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  12. muskan madam and shyamdev mishra ji plz hum apne vichar btaye highcourt double bench orsc pill ke bare me .(GIRISH TOMAR)9758565472 dosto muka last hai nahin to rajsthan ka haal dekh lo. ab jo hoga acha hoga .bas subhe hamare kareeb hai.

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  13. DOSTO MERE VICHAR SE HUMAI 5JULY KA DIN LAKHNOW MAI DHARNE KE LIYE NIRDHARIT KER DENA CHAHIE OUR YE DHARNA JAB TAK HONA CHAHIE JAB TAK BHARTI PRAKIRYA SURU NA HO JAYE IS DHARNE KA PRACHAR ABHI SE SURU KAR DENA CHAHIYE

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  14. EK DIN KE DHARNE SE SARKAR PER KOI FARK NAHI PARTA DHARNA LAGATAR HONA CHAHIYE ESE EK DIN KA DHARNA KITNE BAR KARLO SARKAR SOCHTI HAI EK DIN KI HI TO BAT HAI

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  15. ab hmai sp gov. ko batana hai ham apke sath hai bas aap ham tet walo ko turant job de mai sabhi distt. ke president se bat karna chahta hu plz call me

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  16. Mera bichaar -
    bhaiyon dharna 2 july ko luknw me hona chahiye
    dharne ki maange
    1-bharti pirkirya purane bigghapan se hee ki jaye
    2-sabhi tet pass ko ati shighr prt me job di jaye.
    3- bharti pirkirya isi mahine shuru ki jaye
    4-hame dharna khatam karwane se pahle likhit me yeh waade kiye jayein...

    Or 2-4 point hamare netagad hain isme jod sakte hain
    agar jarurat pade toh warna yeh 4 point hee me samajhta hu kaafi hain..
    Or is dharne ke baare me saare jilon me paper me nikala jaye
    tet merit accd merit chillana band kiya jaye
    saare tet pass candidate apas me mil jayein
    or isi beech sc me pil or double bench me yachica dalne ki koshish ki jaye
    DHANNYEBAD

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  17. AJ KI NEWS HAI UP KE S.MANTRI NE KAHA HAI COURT KE NIRNAY KE BAD BHARTI PRAKIRYA SURU KER DI JAYEGI PER YE S.MANTRI CHOTIYA HAI ISKI BAT PER BHAROSA NAHI KIYA JA SAKTA ISPER KIYA AKHILESH PER BHI BHAROSA NAHI HAI JABTAK PRIKIRYA SURU NA HOJAYE

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  18. dharne ka phayada agar lena hai to puri planning karni padegi jisko cover karane ke liye proper media policy bhi chahiye. Bina media koi bhi dharna safal nahi hoga. agar ab dharna karna hai to judge ke ghar ke bahar 30 jun se dharna karna padega tabhi 3 jul ko parinam ayega nahi to phir date milegi.

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    1. Priy mitro !2 july se tundan g k ghar k bahar disijan na sunane tak dharna karne par 3 july ko hi sab final ho jayega

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  19. court me yachika vigyapan k liye hai na ki tet ya acc k liye court ka decision yadi hamare pakshh me aya to counselling start ho jayegi aur yadi kapil bahadur yadav k pakshh me aya to dobara form bharne padenge aur niyam badalne ka mauka sarkar ko mil jayega but yadi aisa hota to fir mamla court me jayega aur vacancy latak jayegi isi li support tet merit jisme ekroopta hai aur form bhi usi sart par bhara gaya hai

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  20. This comment has been removed by the author.

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  21. @ aasish shrivastava ji main apki bato se poori tarah sehmat hu,,,

    dusro par arop-pratyarop neta hi karte hain,,,koi tet neta ji se ye puchkar bataye unki pad-yatra se kisi tetian ko kya labh hua,unke niji FAME ko chhodkar...

    mera manna bhi yahi hai ye purn-bahumat sarkar hai apke in darpokiya-andolan se nhi darne wali,BSP vidhan sabha me unke muh par unko bura bhala kehte hue hungama karti hai tab wo un par dhyan nhi deti to aap kya chiz ho,,,

    aap dharna dene se unko koi nuksan nhi hoga wo jante hain ap logo ki aukat kya hai, do dando me apko samet dete hain or hafto tak aap unki sikai karte hain,,,wo apka legaly shoshad kar rahe hain or aap unse bhikh maang rahe hain,,,

    BURA MANO YA NA MANO MERA TO YAHI MANNA HAI...KUCH KARNA HI CHAHTE HO TO LEGAL KARO..KYUKI GOV NE BHI APKO LEGAL POINTS KE ADHAR PAR ROKA HUA HAI,,,

    Wednesday, June 13, 2012 6:35:00 PM

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  22. pehle date sahi likho 12june se lekar 3 july and apply the theory of munna bhai mbbs and say get well soon and decision will come in our favour

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  23. dost mai ap ki bat se smat hu or dua karta hu nirnya hamare pachh mai ho .jay tet

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    1. dost apas mai ladne se hamra kai bhala nhi ho ham logo ko ek sath milke es jang ko jitna hai or dua karo hare sbhi tet pass bhai bahino ko naikari mile ap jo bhi karo sabh milkar ek ho kar pure tan man dhan se s.p. Sarkar se nikyuti ke mag karni hai ham bhabhi honahar teacher hai to apas mai kyo ladai lad rhe hai ham sbhi ko chans milega bagwan hmare sath hai

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  24. 3 july ko sunwai ko jab judge by car highcourt ki taraf jaye to hazaron tetians ko road ke kinare hathon me banner aur phool lekar judge ko dikhana hai ye tai hua hai
    tet neta log is baat ko confirm kare

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  25. भाइयों,
    अब सरकार का बयान आ गया है कि हाई कोर्ट से रोक हटते ही सरकार भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी अब किसी भी तरह से भर्ती पर से रोक हटवाना है.

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  26. बह रहे पसीने में जो पानी है वह सूख जाएगा
    लेकिन उसमें कुछ नमक भी है
    जो बच रहेगा

    टपक रहे ख़ून में जो पानी है वह सूख जाएगा
    लेकिन उसमें कुछ लोहा भी है
    जो बच रहेगा

    एक दिन नमक और लोहे की कमी का शिकार
    तुम पाओगे ख़ुद को और ढेर सारा
    ख़रीद भी लाओगे
    लेकिन तब पाओगे कि अरे
    हमें तो अब पानी भी रास नहीं आता
    तब याद आएगा वह पानी
    जो तुम्हारे देखते-देखते नमक और लोहे का
    साथ छोड़ गया था

    दुनिया के नमक और लोहे में हमारा भी हिस्सा है
    तो फिर दुनिया भर में बहते हुए ख़ून और पसीने में
    हमारा भी हिस्सा होना चाहिए।

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  27. थोडी सी आक्सीजन और थोडी सी नमी
    वह छीन लेटी है हवा से
    और पेंट की परत के नीचे छिप कर
    एक खुफिया कार्यवाई की शुरुआत करती है

    एक दिन अचानक
    एक पपडी छिलके - सी उतरती है
    और चुटकी भर भुरभुरा लाल चूरा
    चुपके से धरती की तरफ
    लगाता है छलाँग
    (गुरुत्वाकर्षण इस में उसकी मदद करता है)

    यह शिल्प और तकनीक के जब्दों से
    छूटकर आज़ाद होने की
    जी तोड़ कोशिश
    यह घर लौटने की एक मासूम इच्छा

    आखिर थोडी सी आक्सीजन और
    थोडी सी नमी
    तो हमें भी ज़रूरी है जिंदा रहने के लिए
    बस थोडी सी आक्सीजन
    और थोडी सी नमी
    वह भी छीन लेती है हवा से।

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  28. तपने के बाद वे भट्टे की समाधि से निकलीं
    और एक वास्तुविद के स्वप्न में
    विलीन हो गयीं

    घर एक ईंटों भरी अवधारणा है
    जी बिलकुल ठीक सुना आपने
    मकान नहीं, घर
    जैसे घर में कोई छोटा बड़ा नहीं होता
    सभी लोग करते हैं सब तरह के काम
    एकदम ईटों की तरह
    जो होती हैं एक दूसरे की पयार्यवाची
    एक दूसरे की बिलकुल जुड़वां
    वैसे ईंटें मेरे पाठयक्रम में थीं
    लेकिन जब वे घर बनाने आयीं
    तो पाठयक्रम से बाहर था उनका हर दृष्य

    ईटों के चट्टे की छाया में
    तीन ईटें थीं एक मज़दूरनी का चूल्हा
    दो उसके बच्चे की खुडडी बनी थीं
    एक उसके थके हुए सिर के नीचे लगी थी
    बाद में जो लगने से बच गई
    उसको तो करने थे और बड़े काम
    बक्सों अलमारियों को सीलन से बचाना था
    टूटे हुए पायों को थामना था
    ऊंची जगहों तक पहुंचने के लिये
    बच्चों का कद ईंटों को ही बढ़ाना था

    हम चाहते हैं ईटें हों सुडौल
    सतह समतल हो
    धार कोर पैनी
    नाप और वज़न में खरी और पूरी तरह पकी हुई
    रंगत हो सुर्ख
    बोली में धातुओं की खनक
    ऐसी कि सात ईटें चुन लें तो जल तरंग बजने लगे
    फिर दाम भी हो मुनासिब
    इतना सब हो अगर, तब क्या ईटों का भी बनता है
    कुछ हक़
    कि वे हमसे कुछ चाहें

    याद आई वह दीवार
    जिसके साये तले रहते थे मीर
    वह जिसके पीछे से गोलियां चलाईं थी अश्फाक़ ने
    वही जिस पर बब्बू और रानी ने किया अपने प्रेम का इज़हार
    और वह जला हुआ खंडहर
    जो अब सिर्फ बारिश का करता है इंतज़ार
    ईटें भला क्या चाह सकती हैं?
    ईटें शायद चाहें कि वे बनायें जो घर
    उसे जाना जाए थोड़े से प्रेम, थोड़े से त्याग और
    थोड़े से साहस के लिये
    ईटें अगर सचमुच यह चाहें?
    उस दिन से ईटों से आंख मिला पाना
    मेरे लिये सहज नहीं रह गया

    दोस्तों ऐसा लगे
    कि कविता से बाहर नहीं ऐसा संभव
    तो एक बात पूछता हूं
    अगर लखनऊ की ईटें बनी हैं
    लखनऊ की मिट्टी से
    तो लखनऊ के लोग क्या किसी और मिट्टी के बने हैं।

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  29. क्या करे समुद्र
    क्या करे इतने सारे नमक का

    कितनी नदियाँ आईं और कहाँ खो गईं
    क्या पता
    कितनी भाप बनाकर उड़ा दीं
    इसका भी कोई हिसाब उसके पास नहीं
    फिर भी संसार की सारी नदियाँ
    धरती का सारा नमक लिए
    उसी की तरफ़ दौड़ी चली आ रही हैं
    तो क्या करे

    कैसे पुकारे
    मीठे पानी में रहने वाली मछलियों को
    प्यासों को क्या मुँह दिखाए
    कहाँ जाकर डूब मरे
    ख़ुद अपने आप पर बरस रहा है समुद्र
    समुद्र पर हो रही है बारिश

    नमक किसे नहीं चाहिए
    लेकिन सबकी ज़रूरत का नमक वह
    अकेला ही क्यों ढोए

    क्या गुरुत्त्वाकर्षण के विरुद्ध
    उसके उछाल की सज़ा है यह
    या धरती से तीन गुना होने की प्रतिक्रिया

    कोई नहीं जानता
    उसकी प्राचीन स्मृतियों में नमक है या नहीं

    नमक नहीं है उसके स्वप्न में
    मुझे पता है
    मैं बचपन से उसकी एक चम्मच चीनी
    की इच्छा के बारे में सोचता हूँ

    पछाड़ें खा रहा है
    मेरे तीन चौथाई शरीर में समुद्र

    अभी-अभी बादल
    अभी-अभी बर्फ़
    अभी-अभी बर्फ़
    अभी-अभी बादल।

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  30. रात भर चलती हैं रेलें
    ट्रक ढोते हैं माल रात भर
    कारख़ाने चलते हैं

    कामगार रहते हैं बेहोश
    होशमंद करवटें बदलते हैं रात भर
    अपराधी सोते हैं
    अपराधों का कोई संबंध अब
    अंधेरे से नहीं रहा

    सुबह सभी दफ़्तर खुलते हैं अपराध के।

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  31. spelling to sahi kar lo mithayi wale

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