टीईटी यूनियन कपूरथला इकाई की बैठक शालीमार बाग में अध्यक्ष कुलदीप राम की अध्यक्षता में हुई। जिसमें जिले के टीईटी प्रत्याशियों ने भाग लिया। बैठक में सरकार से मांग की गई कि सभी टीईटी पास प्रत्याशियों को बिना शर्त भर्ती किया जाए।
इसके अलावा शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने जो वायदा सभी टीईटी पास प्रत्याशियों की जल्द भर्ती का किया है। उसको बिना किसी देरी से अमली जामा पहनाया जाए ताकि 9 हजार टीईटी पास अध्यापक अपने परिवार का पालन पोषण कर सके।
बैठक में टीईटी यूनियन होशियारपुर अजय कुमार, करनैल सिंह, किरण बेदी, कुलविंद्र कौर, कंवलप्रीत कौर, शिवानी, रजीया भट्टी, संदीप कौर, कमलेश कुमारी, रेणु बाला, कमलजीत सिंह, प्रितपाल सिंह, हरनेक सिंह व कुशल कुमार आदि उपस्थित थे।
News Source : http://www.bhaskar.com/article/PUN-OTH-1114582-3412637.html
Friends ye month kaatna bahot muskil lg rha h..
ReplyDeleteH.c. Ko jo bhi decision dena ho vo 3 ko clear kr de. Isse jyada mently stress hm shayad bardast na kr payen??
yar mai b duki hu.bs jaldi fasla ho
ReplyDelete3 july ko decision aana sambhav nahi. Holiday k karan fresh case badh gaye honge. Aur final cases ki sunwai fresh case ki sunwai k bad hoti hai. Aise me is case par faisla aata nahi dikh raha.
ReplyDeleteअल्पसंख्यक बच्चों के लिए खुलेंगे 1200 आंगनबाड़ी केंद्र Updated on: Fri, 15 Jun 2012 12:52 AM (IST)
ReplyDelete- मुख्य सचिव ने की 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : सूबे में अल्पसंख्यक बच्चों के लिए वित्तीय वर्ष में ही 1200 आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे। साथ ही उन्हें शिक्षा के सभी साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
यह निर्देश मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने गुरुवार को अल्पसंख्यकोंके सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए संचालित 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा में दिए। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम में जो भी विकास योजनाएं शामिल हैं, उनका 15 प्रतिशत भौतिक व वित्तीय लक्ष्य का आवंटन अल्पसंख्यकसमुदाय के उत्थान के लिए किया जाये। योजनाएं जनपद के अल्पसंख्यक बाहुल्यब्लाक में ही क्रियान्वित की जायें।
मुख्य सचिव ने अल्पसंख्यक बच्चों को विद्यालयी शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान तथा कस्तूरबा गाधी बालिका विद्यालय योजना का लाभ भी प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। साथ ही तकनीकी शिक्षा (आईटीआई)के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के कौशल उन्नयन के लिए विशेष प्रयास का निर्देश दिया। इन्दिरा आवास योजना व शहरी क्षेत्र मलिन बस्ती सुधार योजना के तहत राजीव आवास योजना में भी अल्पसंख्यकों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए गए।
बढ़ेगा संस्कृत शिक्षकोंकी भर्ती की जांच का दायरा Updated on: Fri, 15 Jun 2012 12:53 AM (IST)
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-कई मंडलों से शिकायतें, सदन में उठाने की तैयारी
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश के विभिन्न मंडलों में हुई संस्कृति शिक्षकों की भर्ती पर भी जांच के बादल मंडराने लगे हैं। लखनऊ मंडल मेंधांधली का मामला प्रकाश में आने के बाद शासन में कई और मंडलों में भी भर्ती में नियमों की अनदेखी और परदे के पीछे 'बड़ा' खेल की शिकायतें आई हैं। इसे देखते प्रदेश सरकार पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच कराने की तैयारी कर रही है। शिक्षा विभाग के कई अफसरों की गर्दन इस फर्जीवाड़े मेंनप सकती है।
उल्लेखनीय है कि शासन में आई शिकायतों के आधार लखनऊ मंडल में जांचपूरी की जा चुका है जिसमें यह सामने आया कि अपने चहेतों की नियुक्ति करनेके लिए इंटरव्यू में अभ्यर्थियों को पेंसिल से नंबर दिए और पत्रावली भी उस दिन सील नहीं की गई। इसके बाद अब फैजाबाद और देवी पाटन मंडल का मामला सामने आया है। इन मंडलों में प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक और अध्यापक के 85 पद भरे जाने थे। इसमेंभी अधिकारियों ने विनियमावली को किनारे कर मनमाने ढंग से नियुक्तियां कर डालीं। नियमों के अनुसार सीधी भर्ती के तहत निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं, उत्तर प्रदेश एवं प्रबंध समिति की ओर से कर्मचारियों की संख्या अवधारण कर शिक्षा निदेशक को अनुमोदन के लिए भेजना था। शिक्षा निदेशक की अनापत्ति के बाद प्रबंध समिति मंडलीय उप निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं को भेजेगी जो उसे मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को भेजेगा। लेकिन नियुक्तियों में इस पूरे नियम की अवहेलना कर दी गई। इस बीच विसंगतियों को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट के आदेशों के क्रम में तत्कालीन शिक्षा निदेशक संजय मोहन ने रोक लगा दी कि उनकी अनुमति केबिना परिणाम घोषित न किया जाए। लेकिनइसके बावजूद कुछ विद्यालयों में नियुक्ति दे दी गई। शिक्षक विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार इस पूरे मामले में अधिकारियों ने कमरे के भीतर बड़े-बड़े खेल किए। उन्होंने पहले से ही यह तय कर रखा था कि किसे नियुक्त करना है और किसे नहीं इसलिए उन्होंने नियमों की अनदेखी की। उनके अनुसार यह गंभीर मामला है और इसे सदन में भी उठाया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार सिर्फ लखनऊ, फैजाबाद, देवीपाटन मंडलों में ही इस तरह की शिकायतें सामने नहीं आई हैं। पूर्वाचल के हर मंडल में अनियमितता की ऐसी ही शिकायतें हैं। इलाहाबाद में भी ऐसी ही गड़बड़ियां प्रकाश में आई थीं, हालांकि वहां नियुक्तियां रोक दी गई थीं। प्रदेश में एक हजार सेअधिक पदों पर यह नियुक्तियां की जानीथीं। इसे देखते हुए अब जांच का दायरा बढ़ाते हुए उन सभी मंडलों की जांच पर विचार किया जा रहा है, जहां-जहां से एक भी शिकायतें आई हैं।
Yes
ReplyDeletejald kare ab bardast nahi ho raha my mobile no. is 9415578503
ReplyDeleteदिल्ली पहुंचा टीईटी आंदोलन, केंद्र ने 19 जून तक मांगा जवाब
ReplyDeleteJune 12, 2012 admin No comments
नई दिल्ली : टीईटी बेरोजगारों का आंदोलन पैदल चलते- चलते यूपी से नई दिल्ली तक पहुंच गया है। बनारस से पिछले महीने चले आंदोलनकारियों ने मंगलवार को जंतर मंतर में सांकेतिक धरना दिया जबकि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय पहुंचकर हस्तक्षेप की गुहार लगाई। सिंगल इंट्रेंस एक्जाम के चक्रव्यूह में फंसे एमएचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल तो नहीं मिल सके लेकिन पूरे मामले में मंत्रालय कीकोर कमेटी ने छात्रों से मिलकर समस्या सुनी और राज्य सरकार से पूरेमामले में 19 जून तक जवाब मांगा है।
टीईटी भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने की मांग को लेकर यूपी से शुरू हुआ आंदोलन मंगलवार को दिल्ली में अनशन और धरना में बदल गया। यहां पर जंतर मंतर पर सुबह से ही बेरोजगारों ने प्रतीकात्मक विरोध जताया। यहां पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत छात्रों ने एमएचआरडी को ज्ञापन दिया। मंत्रालय स्तर से छात्रों की समस्या को देखते हुए पहले ही कोर कमेटी बना दी गई थी। छात्रों की ओर बरेली से राजेश प्रताप सिंह और मयंक समेत तीन प्रतिनिधियों ने समस्या को रखा। इसके बाद मंत्रालय की ओर छात्रोंको आश्वासन दिया गया कि 19 जून तक पूरे मसले पर जवाब तलब कर लिया जाएगा।अगर छात्रों को न्याय नहीं मिलता है तो केंद्र अपनी ग्रांट रोकने में भी कोताही नहीं करेगा।
गौरतलब है कि टीईटी आंदोलनकारियों ने प्रक्रिया पूरी कराने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर कोर्ट तक गुहार लगाई। युवाओं ने उत्तर प्रदेश विधान सभा का घेराव से लेकर भूख हड़ताल तक का हथियार अपनाया।अब केंद्र का दरवाजा खटखटाकर टीईटी छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की संभावना तलाशी है।
Ab aaya unt pahad ke neeche. Samajbardadi party court se munh to khayegi hi hrd ministry se bhi lat khayegi. 5 saal baad janta se bhi laat khayegi.
DeleteV k yadav ji, wah what a news, es news ka link den please.
Delete@Sudhir tiwari ji this is link yuvadastak.com
Deleterajesh rao & company aapka delhi ka paryas bahut hi sarahniye he.
ReplyDeletethanks.
yadi sarkar ne koi chayan ke adhar me change kiya to bhull jao naukri kam se kam 2 sal ke liye
ReplyDeleteDharam chandra ji ye btaiye ki apki 10 tarik ko jantar mantar ki baithak me kya hua
ReplyDeleteMathura--mant vidhan sabha upchunav main janta ne akhilesh ki cycle ki hawa nikal di tmc ke pratyashi shyamsunder sharma vijayi......
ReplyDeletewaqai up ka dharna bahut safal rah jabki wahan kul 2000 std mojud the kash ye quantity 50000 hoti to kitna sahi hota shayad hume usi din manjil mil jati
ReplyDeleteye dunia badi swarthi hai dusron ke dwara apna fayda lena insan ka fassion hai are gadho tum ye kyun nahi samajhte k humari quantity jitni zyada hogi humara kam usi din ho jayega 72825 ek din k liye sadko par aa kar to dekho ek hi din me sarkar sidhe raste par chalne lagegi par tumhe to haram ki khane ki aadat hai haramkhoro hisab laga lo tumhara bhi rs. 1,20000 ka nuksana tumhara bhi ho chuka hai 6 month ki salery kho chuke ho agar kuchh pana hai to kuchh karna hoga muftkhor banna band karo salo
ReplyDelete@Sudhir Tiwari ji,this is link yuvadastak.com
ReplyDeletethanks alka g bas aise hi comment deti rahe hmai achcha lagta hai plz daily comment dia kare aapse sikh milti hai by alka
ReplyDeleteटीईटी को लेकर डिप्रेशन में था देशराज
ReplyDelete• अमर उजाला ब्यूरो
जसराना। पिछली सरकार में हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक दोनों संवर्गों की परीक्षा पास कर चुका था, लेकिन सरकार बदलने पर भर्ती प्रक्रिया रुक गई। जिसको लेकर देशराज डिप्रेशन में रहता था। दोस्तों के साथ भी मिलना जुलना कम कर दिया था। नौकरी करने के साथ वह आगे की परीक्षाओं की तैयारी करना चाहता था। पढ़ने में होशियार देशराज के पड़ोसियों के साथ उसके दोस्त भी उसकी प्रतिभा के कायल थे। पड़ोसी संजीव कुलश्रेष्ठ ने कहा कि देशराज बचपन से उनके पड़ोस में रहता था। एकांकी स्वभाव का युवक था और 16 से 18 घंटे पढ़ाई में व्यस्त रहता था। देशराज के दोस्त श्याम यादव को जब उसकी मौत का समाचार मिला तो उसे विश्वास नहीं हुया। उसने बताया कि देशराज दूसरों की परेशानी हल करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। जीके के साथ रिजनिंग में लोग उसकी मदद लिया करते थे। वहीं योगेंद्र, अनिल, सुनील, मुकेश, दुर्गादत्त आदि दोस्त भी उसकी मौत से स्तब्ध थे।
jub dharna pradershan me aaogay tabhi to pata chalega ki kya ho raha hai
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