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Tuesday, March 19, 2013

UPTET : TET vs NON TET Case in Allahabad HC, TET is mandatory OR not to become teacher

UPTET : TET vs NON TET Case in Allahabad HC, TET is mandatory OR not to become teacher



HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 30

Case :- WRIT - A No. - 13155 of 2013

Petitioner :- Nathuni Singh
Respondent :- Dist.Basic Education Officer And Others
Petitioner Counsel :- Indra Raj Singh
Respondent Counsel :- C.S.C.,Shyam Krishna Gupta

Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J.
Heard learned counsel for the petitioner and the learned Standing Counsel.
The petitioner was not appointed in spite of being selected and, therefore, he approached this Court by filing writ petition No. 33712 of 1997. The said writ petition was allowed on 2nd January, 2012. A copy of the judgment has been brought on record as Annexure-4 to this writ petition. After a direction was issued keeping in view the educational qualification of the petitioner, the authority has now proceeded to pass the impugned order.
Sri Indra Raj Singh contends that the qualifications possessed by the petitioner are valid and in as much as as and when the certificate of Buniyadi Praman Patra was with the petitioner, the same has also been found to be valid by a Division Bench judgment in Special Appeal No. 1426 of 2010 decided on 7.9.2010. To that extent there cannot be any dispute that the petitioner's case would be covered by the Division Bench. 
However, the impugned order further records that as on date if the petitioner is to be appointed, he cannot be treated to be eligible as he has not passed the Teacher Eligibility Test.� 
Sri Indra Raj Singh contends that this Teacher Eligibility Test qualification cannot be applied retrospectively to the candidature of the petitioner whose rights had been ripened in 1997.
This argument cannot be accepted inasmuch as the appointment is yet to be made and as on date the petitioner has to possess the Teacher Eligibility Test certificate.
In the circumstances, the writ petition is rejected being devoid of merit.
Order Date :- 8.3.2013
Manish
Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2433383



8 comments:

  1. साथियो ब्रहद पीठ मे नान टेट वालों की रिट संख्या 12908/2013 का नोटिफिकेशन जारी होने और अपने केस को उसके साथ कनेक्ट किए जाने की सूचना प्राप्त हो चुकी है। मा॰ न्यायाधीश श्री ए पी शाही, बघेल जी एवं अम्बानी जी द्वारा इसकी सुनवाई 3 अप्रैल 2013 को की जाएगी । सरकार इस केस को कमजोर पक्ष रखकर हारना चाहती थी क्योंकि उसकी हार मे ही उसकी जीत है ।ऐसा करके वह अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेँकना चाहती है । लेकिन अब जब हमारे सभी वकील वहाँ उपस्थित होंगे तो हम सरकार को उसके मँसूबे मे कामयाब नही होने देंगे। उसे जीतना ही होगा । उसे हम नान टेट वाले केस मे जिताकर ही छोड़ेंगे । इस केस मे सरकार की जीत हमारी जीत है और सरकार की हार है । लगभग तीन सुनवाई मे नान टेट वाला केस फाइनल हो जाएगा उसके बाद अपना केस हरकौली साहब के यहाँ वापस आने की उम्मीद है । हरकौली साहब के कोर्ट मे वापस आते ही पुराना विज्ञापन अपनी सभी शर्तों के साथ बहाल हो जाएगा । इस सब मे कम से कम एक माह का समय तो लग ही जाएगा । होली निकट है । उसका आनंद लीजिए । होली की चिता मे अपनी सभी चिंताओ की आहुति देकर अपने आप को खुश रखिए । ईश्वर आपकी सभी मनोकामनाएँ अवश्य पूरी करे!! धन्यवाद

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  2. मायावती सरकार ने हमारा विज्ञापन जारी करते समय जानबूझकर या अनजाने में उसमें दो कमियां छोड़ दी थीं,,,,हमारा विज्ञापन तो NCTE की गाइडलाइन के अनुसार सहायक अध्यापक का था जिसे नियुक्ति के पश्चात पांच वर्ष की अवधि में प्राथमिक स्कूलों में अध्यापन के लिए छः माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाना था,,,प्रदेश सरकार इस मामले में स्वतन्त्र थी कि प्रशिक्षण पूरा करने तक अनट्रेंड भत्ता दे या पूरी तनख्वाह,,,,लेकिन तत्कालीन सरकार ने हमारे विज्ञापन का शीर्षक “प्रशिक्षु अध्यापक पद हेतु”लिख दिया,,साथ ही सचिव द्वारा समस्त बी.एस.ए.की ओर से विज्ञप्ति जारी तो करवा दी लेकिन सचिव को ऐसा करने के लिए कैबिनेट द्वारा अधिकृत नहीं किया गया,,,,,इन्हीं दोनों गलतियों का परिणाम हम आज तक भुगत रहे हैं,,,,
    टण्डन साहब ने प्रशिक्षु अध्यापक के कारण हमारा विज्ञापन रद्द किये जाने योग्य तो घोषित किया,,,,लेकिन उन्होंने अपने उसी आदेश में पूर्व विज्ञापन से उपजे हमारे समस्त अधिकारों को स्वीकार किया और टेट के बैड सेक्टर को अलग करके टेट मेरिट से भर्ती करने की सलाह दी,,,,ओवर-अंदर एज वाले आदेश में अभ्यर्थियों को उन्हीं जिलों मे आवेदन की छूट दी गई है जिनमें उन्होंने पूर्व विज्ञापन में फ़ार्म डाला था,,,,,आप चाहें तो टण्डन के उस आदेश को हमारे पक्ष में की गई टिप्पड़ियों के साथ डबल बेंच को रेफर किया जाना समझ सकते हैं,,,,,हरकौली साहब ने भी टेट में कथित धांधली के मुद्दे पर सरकार और उस्मानी कमेटी को बेपर्दा करके मामला वृहद पीठ को रेफर करके यही काम किया है,,,,,चार फरवरी के आदेश में हरकौली जी ने प्रशिक्षु अध्यापक पर आपत्ति ना करके उस आधार पर चयन प्रक्रिया बदले जाने के विरूद्ध आदेश दिया था,,,,,उधर भूषण साहब ने अपने आदेश में विज्ञापन के नामकरण को महत्वहीन बताते हुए प्रशिक्षु अध्यापक और सहायक अध्यापक को एक ही बात माना है,,,,ये दोंनों आदेश प्रशिक्षु अध्यापक के मामले में एक दूसरे के विपरीत हैं,,,,उसी आदेश में भूषण जी ने NCTE की गाइडलाइन जारी होने के बाद VBTC की भर्ती के लिए टेट की अनिवार्यता को समाप्त करके एक ऐसी समस्या खडी कर दी जिसका समाधान या तो सर्वोच्च न्यायालय कर सकता था या उच्च न्यायालय की संविधान पीठ,,,,टेट का प्रावधान मुख्यतः किया ही इसलिए गया था कि कुकुरमुत्ते की तरह उग आये निजी बी.एड.कालेजों से प्रशिक्षित ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने जीवन में नक़ल के सिवाय कुछ किया ही ना हो,अध्यापक के पद पर चयनित ना हो पायें,,,,,,इसलिए कुछ भी हो जाए भूषण साहब के आदेश का पालन नहीं किया जा सकता था,,,,,,,ये बात स्वयं भूषण साहब भी जानते थे,,,,हमसे-आपसे ज्यादा दिमाग तो उनके पास होगा ही ना????
    अब तीन जजों संविधान पीठ के पास सारा मामला पूर्व में विभिन्न जजों के निष्कर्षों के साथ पहुंचेगा और उसका कर्तव्य होगा कि वो एक साथ ही विशिष्ट बी.टी..सी.भर्ती से सम्बंधित समस्त विवादों का समाधान करे,,न्यायमूर्ति ए.पी.शाही की गिनती इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सर्वाधिक विद्वान जजों में की जाती है,,,अधिक से अधिक चार या पांच पेशियों में इस मामले के सारे पेंच निकाल दिए जायेंगे,,,, हमारे 72825 पदों पर टेट मेरिट से भर्ती होना तो एक शाश्वत सत्य है,,,सरकार को अगर अपनी राजनीति बचानी है तो उसे नए पदों का सृजन करके गुणांक से भर्ती करनी ही होगी,,,,वरना जिन एकैडमिक वालों के खातिर उसने हमें एक साल तक प्रताडित किया वही उसकी कब्र खोदने के काम आयेंगे,,,,नॉन टेट वाले आदेश के पलटते ही 2011-12 वाले नए विज्ञापन से बाहर हो जायेंगे क्योंकि उन्हें बाहर करने के लिए दायर याचिकाओं में सरकार ने उनको अंदर रखने के लिए उसी आदेश का हवाला दिया था,,,,,

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  3. Rahul Pandey
    आपको बताना चाहता हूँ कि जो आप लोग हरकौली हरकौली कह रहे हो वृहद में सुनवाई शुरु होते ही आप बघेल के सामने उनको भी भूल जायेंगे, पूरे मामले में शाही का आदेश एवं हरकौली जी का 4 फरवरी एवं 12 मार्च का आदेश एवं अभिनव सर एवं अशोक भूषण का 16 जनवरी का आदेश केन्द्र विन्दु होगा। मै चुनौती देता हूँ वृहदपीठ को की चाहे वहां पर शिवकीर्ति जी अखिलेश जी शिवपाल,मुलायम सिंह को जज के रुप में बैठा दें,4 फरवरी का आदेश अमर है

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  4. मित्रो कुछ लोग कह रहे है कि इस भर्ती में बीच का रास्ता निकाला जायेगा। मेरा उनसे यह तर्क है कि यह कोई मन्दिर या मस्जिद का झगडा नहीं है। जो बीच का रास्ता निकाला जायेगा। यहॉ बात सही और गलत की है। और सभी लोग जानते है कि सही क्या है ? और गलत क्या है ? अपनी ऑखे बन्द कर लेने से सत्य को झुठलाया नहीं जा सकता। एक बात और भर्ती सिर्फ ओल्ड एड से ही पूरी हो सकती है। क्योंकि ओल्ड एड बहाल होने से जितने भी विवाद है वह स्वतः समाप्त हो जायेगे और अगर भर्ती ओल्ड एड से नहीं होती है तो फिर आप लोग इस भर्ती से ध्यान हटा ले तो ज्याधा बेहतर होगा।

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  5. 20 मार्च का त्योहार



    जब टैटियन लड़े बिना हथियार,
    शपथ ग्रहण के पाँचवेँ दिन ही,
    हिल गयी सपा सरकार ।
    चार बजे से चारबाग पर युवाओँ का डेरा था,
    कहीँ बरेली कहीँ बनारस कहीँ इलाहाबाद का घेरा था,
    बलिया से मेरठ तक सबने भर ली थी हुँकार ।
    आया . . .
    न कभी किसी से मिला था कोई
    न कोई किसी का साथी था,
    न दूल्हा था उनमेँ कोई
    न कोई बाराती था,
    पुरुषोँ से आगे महिलायेँ थीँ
    तोड़ लाज शर्म की दीवार ।
    आया . . . .
    चारबाग से चले दीवाने
    हाथोँ मेँ झन्डी बैनर ताने,
    अपने युवा शासक को
    मर्यादा का पाठ पड़ाने,
    बदले की जिद छुडवाकर
    लेना था शिक्षा का अधिकार ।
    आया . . . .
    युवाओँ पर लाठी बरसाने
    आयी युवा सरकार थी,
    जब पानी संग राणा चौराहे पर
    हुई रक्त की बौँछार थी,
    पड़ीँ लाठियाँ सर भी फूटे
    जुड़ने लगे दिलोँ के तार ।
    आया . . . .
    झूलेलाल और दारुल शफा
    विधानसभा भी काँपी थी,
    अनशन से हरपल शेरोँ की
    चौड़ी होती छाती थी,
    बर्लिगंटन से कारागार तक
    सबकुछ अब भी है साकार ।
    आया . . . .
    न्याय की देवी के मन्दिर मेँ
    डाला हमनेँ डेरा है,
    गम के काले बादल छँट गये
    अब आना नया सबेरा है,
    थोड़ा सा और धैर्य रखो
    सपना होगा ये साकार ।।
    आया 20 मार्च का तयोहार
    टैटियन लड़े बिना हथियार

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  6. Ashish Rock Srivastava's wall news


    copy paste news



    mai advocate khare ko lekar sabhi ka NON TET wala confusion dur kar dena chahata hun.
    sabse pahale hame NON TET ko 2 part me divide karna hoga NON TET BTC VBTC aur NON TET B.ed

    bhushan ji ki court me NON TET VBTC wale apna case har chuke hai jiske advocate thhe Mr. khare.yaha se khare ji ka role iss case me iss case ke sath hi khatm ho jata hai.jaha tak large bench ki baat hai toh waha NON TET VBTC na koi party hai aur na hi koi mudda.
    large bench me NON TET B.ed wale party ho sakte hai.lekin iski bhi sambhavna bahut kam hai kyuki iss bench ka gathan sirf DB ke ek nirnay ke kuch ansh pe punarvichar karne ke liye kiya gaya hai.jis waqt DB ne apne nirnay me wus vivadit ansh ko joda tha wus waqt NON TET B.ed koi party nahi thi.lekin shaahi ji ke court me NON TET B.ed party thi(khare advocate nahi thhe) isliye inka DB me party hone ki bhi sambhavana hai.lekin khare sahab ka inse koi lena dena nahi hoga.
    large bench ki request na toh gov ki taraf se kiya gaya tha na hi case ki kisi party dwara.ye court ka sawatah liya gaya nirnay hai.large bench ka gathan sirf ek nirnay ke kuch ansh par punarvichar karne ke liye kiya gaya hai.
    iss case me sirf NCTE ka main role hoga.uske ek spashtikaran halafname ke baad DB ke order ke wus vivadit ansh ko hata kar sanshodhit order dediya jayega.

    toh dosto hame ab iss baat se pareshan hone ki koi jarurat nahi ki past me khare sahab kaun kaun sa case lade thhe

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  7. Uptet Tet-Base Raj's wall





    Writ no. 12908 ka notifiacation jari ho gya hai
    iske sath ki apna case isi k sath bunch ho gya
    hai. Ab iski sunwai 3 April ko nyaymoorti A.P.
    Shahiji, Baghelji aur Ambvaniji krenge.
    .
    Ab is sunwai me mukhya mudda jo pahle se
    hai wo non-tet walon ka hi to hai aur inke
    bare me N.C.T.E k order k anusar sab jante
    hain ki prt k liye ye eligible nhi hain. So wehan
    case me hadd se hadd 3 nhi to 2 sunwaiyon
    me hi mamla nipat jane ki ummid hai. Ho
    sakta hai ki bhle hi non-tet walon k sath
    humara case jud gya ho lekin wehan shayad
    iss par faisla n ho paye. Ho jaye to bahut
    achchha nhi to waapas nyaymoorti Harkouli ji
    wali D.B me transfer kar hi diya jayega to
    wehan bhi 2 sunwaiyon se zyada time to nhi
    lagta ki lag jayega. Harkouliji to humareold
    advt ko bhal kar hi chuke the lekin T.B me
    non-tet k case ko dekhte huye hi unhone ise
    transfer kiya tha taki old advt k upar aage koi
    zra si bhi apni tooti-footi ungli n utha de.
    .
    To April me hi bhagwan iss case ko nipta
    de aur old advt ko iski 1 sal se zyada
    ki neend se jga de, aisi bhagwan se prarthna
    jari hai.
    .
    .
    Shubh-Prabaat.. ..!!!!!

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  8. doston.....................


    yahan par sahi news dena kisi ke bas ki baat nahi hai,


    aap kaiae-2 logon ko bardaasht karte hain, jo 5th pass laayak bhi lagte hain,jinki spelling tak.............

    mera unse anurodh hai ki wo ADMIN na bane only reader bane rahen ,kisi ke liye mazaak banna achchha nahi hota


    agar news source pata hai to news post karo chahe bhale hi aapke shabdon me na ho


    subah-2 pura page ganda kar deto ho,kya ghar me bhi aisa hi..................



    jisko mujhse baat kari hai wo apne registered phone number se

    1-apna (khud ka ) naam

    2- uptet roll no.

    3-date of birth mujhe send kar de


    verify hone ke baad aapke pass call aa jayega

    DHANYAWAD baaki baad me


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