UPTET : अब वृहद पीठ सुनेगी बीएड अभ्यर्थियों का मामला
गैर टीईटी बीएड को सहायक अध्यापक बनाने पर नए सिरे से होगी सुनवाई
प्रभाकर सिंह केस में खंडपीठ के आदेश से एकल न्यायपीठ असहमत
TET is COMPULSORY OR NOT, 3 JUDGES BENCH WILL HEAR THIS CASE.
Recently contempt (Avmanna Case) is imposed on Senior Officers/ Secretary of UP of not implementing Double Bench Allahabad HC order in this regard.
Without
TET, teacher selection process again face problem as at many places NCTE specifies TET is MANDATORY to become teacher, And all over INDIA, TET qualification is MUST to become teacher and due to this many states conducted
TET (Teacher Eligibility Test) Exam e.g. Bihar, Rajasthan, West Bengal etc.
इलाहाबाद। बिना टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारकोें को भी सहायक अध्यापक चयन प्रक्रिया में शामिल करने का मामला एक बार फिर खटाई में पड़ गया है। इस मामले पर प्रभाकर सिंह केस में दिए हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले को वृहद पीठ को संदर्भित कर दिया गया है। अब तीन न्यायाधीश की पीठ नए सिरे से पूरे मामले पर विचार करने के बाद फैसला सुनाएगी।
प्रदेश सरकार द्वारा बिना टीईटी उत्तीर्ण कई बीएड डिग्री धारकोें का अभ्यर्थन रद किए जाने के बाद शिवकुमार शर्मा, यतींद्र कुमार त्रिपाठी आदि ने याचिका दाखिल की थी। इनका कहना था कि खंडपीठ के निर्णय के बावजूद प्रदेश सरकार ने उनका अभ्यर्थन नहीं माना। ऐसी स्थिति में सरकार को निर्देश दिया जाए। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एपी साही ने कहा मेरी समझ से टीईटी सभी के लिए अनिवार्य है। ऐसी स्थिति में उन्होंने खंडपीठ के फैसले से असहमति जताते हुए मामले को वृहद पीठ को संदर्भित किया। अब मुख्य न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की पीठ गठित करेेंगे।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 11 नवंबर 2011 को टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने को लेकर दाखिल सैकड़ों याचिकाओं को खारिज करते हुए सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी सभी के लिए अनिवार्य बताया था। इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की गई। अपील भी खारिज कर दी गई परंतु खंडपीठ ने कहा कि एनसीटीई की अधिसूचना के मुताबिक सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य अर्हता के अंतर्गत ही बीएड डिग्री धारकोें को इससे छूट दी गई है। इसलिए बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों को जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं हैं प्रवेश प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाए। खंडपीठ ने बीएड डिग्री धारकों को मौका देने का निर्देश दिया था। इस आदेश का पालन नहीं होने पर दाखिल अवमानना याचिका पर बेसिक शिक्षा सचिव को नोटिस भी जारी किया जा चुका है।
News Source : AMAR UJALA / अमर उजाला (9.3.2013)
Uptet Tet-Base Raj
ReplyDeleteNon-tet wale q apna samay barbaad kar rhe
hain?
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NCTE k anusar bhi jab tet k bina prt me job
nhi mil sakti to ye q apna bhi aur court ka bhi
amulya samay barbaad kar rhe hain?
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Govt inse training karwane k liye to aavedan
le sakti hai jis-se ki govt jholi itni bhar jaye ki
ise jholi nhi jhole banwane ki zroorat pad
jayegi lekin jab niyukti ka samay aayega to tet
ki diwar ko to laanghna hi padega.
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Khair, inke baare me jo bhi decision hoga wo
new advt par lagoo hoga jabki humare old
advt k sath aisi koi baadhyataa nhi hai.
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Jaisa ki pahle bhi kha ja chuka hai, govt k pas
old advt ko bhal karne k siwa koi vikalp nhi
hai. Yah to ise karna hi padega wo bhi court k
order se lekin Tandanji ne bhi to is-se new
advt nikaalkar fansaane me koi kasar nhi
chhodi. To ab new advt se arbon Rs. kmaakar
inka kya karegi?
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Aise me ise pahle old advt se bharti karke
new advt se bhi bharti karni hi padegi.
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So 11 March ko ek date ki aur aasha hai qki
nyaymoorti Harkouliji apne rejoinder ko gour
se dekhenge bhi to. Fir date to denge hi lekin
pahle kah chuka hu ki mai to holi se pahle
special holi mnane k liye ready ho chuka hu.
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Ab acd grp me bhi kaant-chhant jari ho chuki
hai. Koi dear acd me ho to zra bach k qki
farmaan jari ho chuka hai. Waise ek baat
achchhia hai ki ye hume apna bhai bhi to
mante hain.
.9058749811
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteabhi to 150 waale ka bhi chance nahi hai RAMESH BHAI..............
ReplyDeletegd afternoon
ReplyDeleteHI,
ReplyDeleteSOME OF THE OUR TETETIAN FRIEND'S MAKE THE RULES & REGULATION ON THEIR OWN CONVEYANCE . NOT FROM LAW & ORDER .SO IN WANTS TO SUGGEST THAT WE SHOULD RESPECT THE GOVT/ COURT DECISION.WE SHOULD DEMAND THAT THE RECRUITMENT SHOULD BE NOT FOR BASE. I ALSO SUGGEST THAT THE B-ED PRACTICAL NO SHOULD NOT CONSIDER DUE TO SOME RICH & WEALTHY PEOPLE HAS TAKEN MORE MARKS BY USING MONEY & POWER. SO PRACTICAL NO SHOULD NOT CONSIDER